कोयला घोटाले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फटकार सुन रही सीबीआई के लिए मुश्किलें और बढ़ गई है। क्यो कि इसमे सीबीआई के हाथ भी काले हो गये थे... इस घोटाले की जांच से जुड़े एसपी विवेक दत्त और एक इंस्पेक्टर राजेश को जमीन विवाद को सुलझाने के रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। अब सीबीआई के इन दोनों बंदो ने सोचा कि कही और रिश्वत का खाँचा मारा जाय..???. कहते है जब पकडा जाय तो चोर, नही तो हर भ्रष्टाचारी राष्ट्रीय पक्षी मोर के समान अपने को सुन्दर मान कर चलता है, रिश्वत मे पकडे जाने पर जब उसके उँची उडान भरने के पंख कटते है तो वह सिर्फ चोर कहलाता है, अदालत की छाँव मे, 20 साल बाद फैसला होने से , फिर से नौकरी मे बहाल हो जाता है, और फिर से रिश्वत के नये पंखों का निर्माण होता है, रिश्वत तो एक छिपकली की पूछ है जो, कटने के बाद नयी आ जाती है, और धीरे-धीरे आरोप के धूमिल होने से सिद्ध नही होने से वह पेंशन बिना टेंशन से लेता है... क्या दोस्तों..घोटालो से जनता टेंशन मे और राष्ट्रीय भ्रष्टाचारी पेंशन में – क्या दोस्तों...ये से मेरा देश लूटा या मेरा देश डूबा
Sunday 19 May 2013
कोयला घोटाले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फटकार सुन रही सीबीआई के लिए मुश्किलें और बढ़ गई है। क्यो कि इसमे सीबीआई के हाथ भी काले हो गये थे... इस घोटाले की जांच से जुड़े एसपी विवेक दत्त और एक इंस्पेक्टर राजेश को जमीन विवाद को सुलझाने के रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। अब सीबीआई के इन दोनों बंदो ने सोचा कि कही और रिश्वत का खाँचा मारा जाय..???. कहते है जब पकडा जाय तो चोर, नही तो हर भ्रष्टाचारी राष्ट्रीय पक्षी मोर के समान अपने को सुन्दर मान कर चलता है, रिश्वत मे पकडे जाने पर जब उसके उँची उडान भरने के पंख कटते है तो वह सिर्फ चोर कहलाता है, अदालत की छाँव मे, 20 साल बाद फैसला होने से , फिर से नौकरी मे बहाल हो जाता है, और फिर से रिश्वत के नये पंखों का निर्माण होता है, रिश्वत तो एक छिपकली की पूछ है जो, कटने के बाद नयी आ जाती है, और धीरे-धीरे आरोप के धूमिल होने से सिद्ध नही होने से वह पेंशन बिना टेंशन से लेता है... क्या दोस्तों..घोटालो से जनता टेंशन मे और राष्ट्रीय भ्रष्टाचारी पेंशन में – क्या दोस्तों...ये से मेरा देश लूटा या मेरा देश डूबा
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