Sunday 22 November 2015

सैफई से काले धन को ७६ गुना सफ़ेद कर.., मुलायम के जन्म दिवस पर..,वोट बैंक को SAFE कर, SAVE करने की हाथ की सफाई का करोडो रूपये का खेल...


सैफई से काले धन को ७६ गुना सफ़ेद कर.., मुलायम के जन्म दिवस पर..,वोट बैंक को SAFE कर, SAVE करने की हाथ की सफाई का करोडो रूपये का खेल...
२.    इस बार पिछले जन्म दिवस की इंग्लैंड से मंगाई ७५ लाख की शाही बग्गी नहीं .., अब  शाही समाजवाद से लकड़बग्गे बनकर  अकड़ कर, राम मनोहर लोहिया के विचारों को जलाकर मुलायम अब अपने जन्म दिन पर कह रहें हैं.., उतारू प्रदेश की जनता बॉलीवुड के सितारों को देखने के लिए बम्बई नही जा सकती है, इसलिए बॉलीवुड को मैं  सैफई बुलाकर बम –बोले के अपने  बड़े बोल से भोली-भाली जनता को बेवकूफ कर.., अब तो , चुनावी समय में बिहार में  जंगलराज के लालू के मंगल राज में साहित्यकारों व अन्य जातिवाद व धार्मिक मुद्दों की बयार को लहर बनाकर विरोधी पक्ष को हक्का – बक्का करने के खेल से अब इस क्रिया से , मुलायम सिंह यादव का आत्मविश्वास अब आत्मबल से जन्म दिवस पर अपनी प्रसिध्ही से चुनावी सिद्दी का मंत्र फूंक रहें हैं.

३.   किसान आत्महत्या व प्रदेश में भ्रष्टाचार का मंगलराज से जनता बेहाल .., सत्ताखोर योजनाओं को भोजनाएं बनाकर ठोक रहें हैं ताल...., रोक सकें तो रोक लों..
 वेबस्थल व फेस बुक की  November 24, 2014 की post  

१,  विदेशी ७५ लाख की बग्गी में७५ हजार करोड़ रूपये से कही अधिक घोटालों के देशी लकड़बग्गे...उतारू प्रदेशयू .पी. का अब भ्रष्टाचार से U TURN लेने का अब बना नया खेल...रामपुर को भ्रष्टाचार से ROAM –PUR से..टहलने का खेलव इंग्लैंड के ट्रेफ्लर स्क्वायर से भ्रष्टाचार के ट्रैफिक के स्क्वायर (चार दिवारी) की ट्रोफी का खेल ...
२.  मुलायम सिंह यादव के लिएलंदन से लाई गई ७५ लाख की इस बग्धी में ऐसे घूम रहे हैं, जैसे रामपुर में नहीं लंदन के ट्रैफलगर स्कावयर में घूम रहे हैं. 

३.  मुलायम सिंह यादव ७५ वी साल गिरह पर देश को ७५ करोड़ से कहीं अधिकचुना लगाकर...चुनाव जीतने का खेल...७५ लाख के DIAMOND JUBILEE से माफियाओं को DARE मन से JUBILANT (आनंद /उल्लसित बनाकरपुलिस प्रसाशन को भ्रष्टाचार के सर्कस से देश का उपहास किया जा रहा है....
क्या..??, अब इसके पीछे आजम खान,कहीं मुलायम सिंग को पटखनी देकरअपने को बारात का नया दूल्हा बनाने के चक्कर में यह खेलखेल तो नहीं रहें है...

४. जानें उतारू प्रदेश का हाल...
अखिलेश की हर योजना सेफैला... पूरे उत्तर प्रदेश (अखिल) मे क्लेश...???? अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास मुस्लिम लड़कियो को 30000 रु का अनुदान व अन्य धर्मो की लड़कियो का नहीं हैकोई नामों निशान। 
देशवासियों को टॉप का अंग ढकने के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है। 

५. राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी देश की जल्लादे....?????, “ समाजवाद” शब्द को आज लूट की खाद” से भरण पोषण कर देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया वह व्यक्ति थे... जिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित था। मरते दम तककोई घर नहीं थाऔर लोहिया की दहाड़ से प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था.
६ . उत्तर प्रदेश अब बना उतारू प्रदेश ..आजमगढ़ को आतंकगढ़ से बना अपने भ्रष्टाचार छुपाकर ,केंद्र को समर्थन देकर सी.बी.आई .के ६०हजार करोड़ से अधिक के अन्न घोटाले को हजम प्रदेश व मुजफ्फरपुर के वोट बैंक से दंगे को आमन्त्रण देकरसत्ता को मौजपुर नगर बनाकर प्रदेश के सभी मुद्दे गायब है...

७. याद रहें.. अभी हाल ही में सुप्रीप कोर्ट ने कहा था मुजफ्फरपुर दंगे में उत्तरप्रदेश की सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है....,
मीडिया वर्ग ने इस मुद्दे को गायब कर,सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी को निर्दोष मानने के बावजूद अभी भी अलगाववादियों के बयान को टूल देकर गुजरात के दंगे से ” मोदी को दोषी बता रहा है मुजफ्फरपुर दंगे में १० हजार सेना की तैनाती ,इस भयावता की पुष्टी करती है...इतनी संख्या में सेना में नए संकट होने पर सीमा पर जवानों की तैनाती होती है .

८. इन दंगो से पुलिस और सेना के जवान खा रहे हैगोलिंया .... और सत्ताधारीजनता की हत्याओं के खून से तल रही हैंवोट बैंक की पुरिया...??? 

९. देश के विभिन्न धमाको के संदर्भपश्चिम उत्तरप्रदेश मेजो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ हैहमारे खुफिया विभाग द्वारा आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग भी अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है। मस्जिदों मे एके 47 का जखीराएक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने आया है। मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया (RADIA=RA+N+DIA) बनकर.... इसे सम्प्रदायो का झगड़ा कह करलीपा पोती में लगी हुई है। यह गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है.
१०. देशवासियों...याद रहे मुंबई के आजाद मैदान मे घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर महिला पुलिसों तक को पीटकर व मीडिया की गाड़ी जलाकर एक खुले चुनौती देते हुए कहा ... रोक सके... तो रोको ...??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भीइसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर से चुप बैठें है..

यदिआज देश के हर धर्म का नागरिक राष्ट्रवादी होतातोदेशवासियों के साथ देश का सीना भी बुलेटप्रूफ होता।

११. याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे चुनावों के समय, “वोट बैंक” की राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट दोगे...तो मैं इस प्रदेश कोमुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। ” शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो नेपश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ साथइसे आईएसआई का अड्डा भी बना दिया... अब यह देश के लिए चिंताजनक गड्ढा बन गया है.

१२. 10 साल पहिलेपश्चिम उत्तरप्रदेश मेएक मदरसे का अनुदान के मामले मेइलाहाबाद के एक सदस्यीय हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी हैतो अल्पसंख्यक... शब्दलागू ही नहीं होता हैऔर इस अनुदान के आदेश को निरस्त कर दिया जा रहा है।“ इस आदेश के बाद मुस्लिमो की बौखलाहट सेराजनेताओ के शह सेउस जज को बर्खास्त कर दिया गया और एक नये सदस्यीयहाईकोर्ट के बेंच का गठन कर इस अनुदान को सही ठहराया।. जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...

१३. वाह रे आजमतेरी बग्गी सेहमारा भ्रष्टाचार का धन हजम केहम लकड़बग्गों के के खेल पर पर्दा पड़ गया है..ऐसा सम्मान मेरी जिंदगी में आज तक नहीं मिला है...
मेरी ब्यूटी क्वीन भी इसके साथ फ्री दे रहा हूं 

Tuesday 17 November 2015

Politicians can be controlled by the common man

एक आतंकवादी को “अति विशेष अतिथी” बनाकर १०० करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च..... इंग्लैण्ड के कोहिनूर हिरे की रखवाली से जादा सुरक्षा ....... उम्र जानने के लिए दांतों की जांच....... छीक आने पर नशेड़ी नेताओं को बुखार.......



जागो देशवासिओं.., फ़्रांस से हमें  सिखना होगा.., अब राजनीती नहीं.., राष्ट्रनीती का  वक्त आ गया है...
कसाब का हिसाब V/s  फ्रांस के पेरिस पुलिस का पौरूष
२६/११ के कसाब का हिसाब ..जय हो.., राष्ट्रवादी मच्छर, सच में तुम तो हो ज्ञान के सागर ...

१.  हमने मुम्बई आतंकी हमले  का ७२ घंटों को घाव  बनता दिखाकर दुनिया को जीवंत प्रसारण दिखाकर..,  सहानूभूति की गुहार लगाते रहे .., जबकि फ़्रांस ने त्वरित कारवाई कर इसे ५ घंटे में ख़त्म कर दिया.

२.  हमारी सुरक्षा एजेंसी दिल्ले से मुम्बई हवाई  जहाज से पहुँची लेकिन २४ घंटे तक ताज व ट्रिडेंट होटल में आतकवादियों से लड़ने की अनुमति नहीं मिली .

३.  वहीं नरीमन हाउस पर हमले पर इजराईल ने हमें बुजदिल कौम करारते हुए कहा यदि तुममें हौसला नहीं है तो हमारी सुरक्षा एजेंसी इसका त्वरित निदान करेगी 

४.  हमारे सत्ताखोरों ने इस प्रसारण से आतंकवादियों के आकाओं को सुलभ मार्ग दर्शन से लोगों को चुन चुन कर मारने का आदेश मिला जबकि फ़्रांस की सरकार ने इस कार्य को पूरा न होने तक इसकी सूचनाएं गुप्त राखी
५.  फ़्रांस के फूटबाल मैच के दौरान बाहर निकलकर राष्ट्रपति स्टेडियम के कंट्रोल रूम से जानकारी लेकर आगे की कारवाई का मार्गदर्शन करते रहें.., जबकि मुम्बई के कंट्रोल रूम से मुख्य मंत्री से राजनीती के संतरी ने आने की जरूरत नहीं समझी.., जबकि महाराष्ट्र के पुलिस कमिश्नर हसन गफूर .., जिन्हें कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी दी थी .., इस भयावता देखकर मार्ग दर्शन देने की बजाय  वहां से रफू चक्कर हो गए
६.  हमने मौत के आंकड़े जोर शोरों से प्रचार कर..,मीडिया भी TRP से मालामाल हो गई वहीं  फ्रांस इसे अपनी अस्मिता पर भयावह हमला मानकर दुनिया को मौत के सही आंकड़े न बताकर  इसे  अपनी खिल्ली मानकर, इसके प्रतिशोध की तैयारी कर रहा है
७.  दोस्तों बाटला हाउस के आतकवादियों के मुठभेड़ में देश के  लिए अपनी जिंदगी कुर्बान करने वाले अपनी नौकरी में सात बार वीरता पुरस्कार पाने वाले जांबाज शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा द्वारा २ आतंकवादियों को ढेर करने पर.., इसे फर्जी मुठभेड़ की संज्ञा देकर  कोर्ट द्वारा फटकार मिली , वही हरीश रावत द्वारा ५० लाख की नकद राशि विधवा शर्मा के घर जाकर देने पर विधवा ने फटकारते हुए यह नकद राशी लेने से इनकार करते हुए कहा मेरी पति  की शहादत पर राजनीती का शहद मत खाओं
८.  वहीं, इशरत जहां को भी फर्जी मुठभेड़ कहने  पर अमेरिका .
के जासूस हेडली द्वारा अल कायदा का एजेंट करार देने व सुप्रीम कोर्ट द्वारा लताड़ मिलने पर देश के राजनेताओं से बुध्हिजीवियो बुद्धीजीवियों की जबान बंद हुई

भाग -२


जाने.., आतंकी कसाब को “कोहिनूर हीरा” बना कर सत्ता चमकाने का खेल.....

१. एक आतंकवादी को अति विशेष अतिथीबनाकर १०० करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च..... 

२. इंग्लैण्ड के कोहिनूर हिरे की रखवाली से जादा सुरक्षा .......

३. उम्र जानने के लिए दांतों की जांच.......

४. छीक आने पर नशेड़ी नेताओं को बुखार.......

५. गाली देने पर विशेष चिकन बिरयानी....... 

६. तबियत व सुविधा की कमी जानने के लिए, महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आ. ,पाटिल व भा.ज.पा के विपक्षी नेता एकनाथ खडसे की सद्भावना मुलाक़ात....... 

७. मुम्बई के सरकारी... जे.जे अस्पताल में लाखों रूपये खर्च कर विशेष अतिथी के रूप में, ईलाज के लिए अलग कमरे का निर्माण , लेकिन कसाब का वहाँ नही हुआ पदार्पण.......
 
८. कसाब को कोहिनूर हीरा मानकर , अमेरिका को बाप मानकर लगाई बड़ी गुहार , पाकिस्तान द्वारा अपने देश का नागरिक न होने की कहकर... , हिन्दुस्तान को दी दुत्कार...

९. टी.आर.पी. से प्रिंट व मीडिया बना मालामाल....... 

१०. कसाब बना अन्तराष्ट्रीय चमक वाला हीरा....... 

११. आर्थर रोड जेल के कैदियों को मलाल , हमारे एक ओराप की नाही है , क़द्र ...???. और ३०० से ज्यादा हत्या करने वाला अपराधी कसाब है.... भद्र ....????????????? .......

१२. पुलिस द्वारा कसाब की शारीरिक क्षमता जांचने पर.... कसाब १० से भी ज्यादा पुलिस वालो.पर पडा भारी... पुलिस बल भी हक्का बक्का....????? ....... 

१३. सुनवाई में कसाब के लिए विशेष , मीडिया व्यवसायी की, व समाचार वाहनों की भीड़ से ट्रैफिक जाम , रोड पर चलने वाली जनता परेशान....... 

१४. आरोप पत्रों के कागजो का वजन , कसाब से दुगना ... और वकिल जजों , मीडिया की कमाई १०० गुना.......

१५. कसाब के खर्च का हिसाब... राज्य सरकार के दिवालिया होने के बाद में ... केंद्र सरकार द्वारा पैसे देने में आनाकानी....... 

१६. इतनी VVVVV.... IIIIII..... PPPPP.... अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा के सुरक्षा से... कसाब के सुरक्षा का कवच भारी....... 
१७. करोड़ों के अंडा सेल में उसने देश की कितनी मुर्गी मारी ...इसका कोई हिसाब नहीं है...??????????? .......

दोस्तों यह सब देखकर, “अति विशेष अतिथीफांसी की कतार में रहकर ....आजीवन मुर्गीया न खाता रहे ... तब...., एक राष्ट्रवादी मछर को बहुत गुस्सा आ रहा था , वह देश की मुर्गीयों (खजानों) को ही न खाली कर रहे है ... व इसके आड़ में, सत्ताधारी सत्ता के नशे की शराब से, देश के बड़े घोटालों व सीमा पर जवानों की सुरक्षा व अन्य समस्याओं को वे मीडिया चैनलों के कोट से ढक रहे है. 

१८ इसी की आड़ में बुलेट प्रूफ से हत्यारों की खरीद में घोटाला , ऐक-४७ के ४७ से.., ज्यादा बार खरीद के नाम से योजनायें बनाना...
 
१९, केद्र सकार द्वारा, हत्यार देने की बात पर राज्य सरकारों का इनकार करनाविदेशी प्रशिक्षको द्वारा कमांडों ट्रेनिग से पुलिस दल का, ट्रेनिग से भागना , शेष मिले हत्यारों, स्पीड बोटों व अन्य का जंग से खराब होना... 

२० महाराष्ट्र के गृहमंत्री का स्काटलैंड पुलिस से शहर की सुरक्षा के नाम से विदेशी दौरा कर , सी.सी.टी.वी.लगाने की कीमत बार बार बढाए जाने पर भी . कैमरे की योजना से जनता को बहक्लाना...
 
२१ कसाब के स्वागत की प्रेरणा से आतंकवादियों द्वारा, धमाके से अपना कर्म के चुपचाप निकल जाना...
 
२२. हेमत करकरे व अन्य की मौत पर , आतंकवादी से ज्यादा आरोप... पार्टीयो के अंदरूनी आरोपों से सत्ता हांक रहे थे...
 

तब एक राष्ट्रवादी मच्छर , गुस्से से लाल पीला होकर, देश के महाडॉन का रक्त चूसकर , डेंगू के बीज का महादान कर, अपने जज्बे से कसाब का हिसाब कर, उसे हमेशा-हमेशा के लिए सुला दिया ...

जय हो.... मच्छरों के महाबली , आपने तो अपने डंक से.... अंडा सेल को भेदकर (जिसे सता के नशेड़ी..अभेद, बुलेट प्रूफ , बम प्रूफ कहते थे)... सच में आपके बहादुरी के सामने , भारत को रत्न समझक्र लूटने वाले नेताओं का नशा उतारने की एक मशाल हो....युवाओं को प्रेरणा की एक मिशाल हो... मच्छरों में बेमिसाल हो.... देश आपका ऋण कभी नहीं चुका सकता है....तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम ....क्योकि इसकी भनक तो प्रधानमंत्री मौन मोहन सिंग को भी नहीं लगी....????

Sunday 15 November 2015

नथूराम गोडसे, एक राष्ट्रवादी योद्धा, जिसने अपने प्राणों की आहुती से ..., गांधी को , देश के साथ खिलवाड़ से.., देश के टुकड़े करने के बाद भी, देश की तुष्टी करण की नीती से, देश को असहाय बनाने के बाद, आगे के खेल से, देश को पंगु बनाने का, अंजाम न दे सके , इस ह्त्या का उद्देश्य बताया


नथूराम गोडसे की पुण्य तिथी पर..,

नथूराम गोडसे, एक राष्ट्रवादी योद्धा, जिसने अपने प्राणों की आहुती से ..., गांधी को , देश के साथ खिलवाड़ से.., देश के टुकड़े करने के बाद भी, देश की तुष्टी करण की नीती से, देश को असहाय बनाने के बाद, आगे के खेल से, देश को पंगु बनाने का, अंजाम न दे सके , इस ह्त्या का उद्देश्य बताया,


याद रहे, नथूराम गोड़से ने स्वंय अपना मुकदमा लड़ते हुए , गांधी की ह्त्या करने के १५० कारण
 गिनाये थे...,तब अदालत में बैठे दर्शकों की आँखे, आंसू लबालब भरकर, जमीन में गिरकर नाथूराम गोड़से को सलाम कर रही थी ...

१. गांधी ह्त्या के पहिले नथूराम गोडसे ने गांधी को प्रणाम किया, बाद में गोली मारी.

२. नथूराम ने अदालत में कहा , मैंने गांधी को गोली मारने में इतनी सावधानी से, इतने, पास से गोली मारी ताकि उनके बगल में दो युवतियां, जो हमेशा उनके साथ रहती थी.., उन्हें गोली के छर्रे लगने से, मैं बदनाम न हो जाऊं (याद रहे, गांधी उन युवतियों के साथ नग्न सोकर, ब्रह्मचर्य /सत्य के प्रयोग में इस्तेमाल करते थे)

३. नथूराम ने कहा, ह्त्या के समय गांधी के मुख से आहकी आवाज निकली, “हे रामशब्द नहीं ...
जिसे कांग्रेस ने हेराल्ड अखबार के प्रचार से हे रामशब्द से देशवासियों को भरमाया.. 

४. न्यायाधीश खोसला ने, अपने सेवा निर्वत्ती के बाद कहा था , यदि मुझे न्याय के लिए स्वतंत्र विचार दिया जाता तो मैं, नथूराम गोड़से को निर्दोषी मानता , मैं तो कानून का गुलाम था, इसलिए मुझे नाथूराम गोड़से व उसके अन्य साथियों को मृत्यु दंड सुनाना पड़ा 

५.  नथूराम गोड़से व उनके साथी, ‘भारतमाता की गोद मेंसोने के लिए इतने आतुर थे कि उन्होंने उच्च न्यायालय में अपनी सजा को चुनौती नहीं दी और न ही क्षमा याचना की अपील राष्ट्रपति से की ...

६. यह शांती का दूत..गांधी के नाम से गंदी राजनीती से ????, कपूत निकला.., याद रहे, इस अनशन की खाल में बापू ने .., दो विश्व युध्ह में २ लाख हिंदुस्थानी सैनिकों की अकारण बलि देकर, जो कुत्ते की मौत मारे गए थे .. व १९४७ में देश का अंग भंग कर ५ लाख हिन्दुस्थानियो की बलि लेकर..., इस अहिसा के परदे में खूनी खेल खेलकर, आज तक शांती दूत का चेहरा दिखाया है...

७. गाँधी वध के पश्चात जब सावरकर जी को न्यायलय ने सम्मान बरी किया तो जज का, वीर सावरकर के लिए यह
वक्तव्य था ..., “सावरकर ने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया, लेकिन ऐसे तुच्छ कार्य में उन्हें घसीटना बहुत ही निंदनीय है, इस बात की जांच की जानी चाहिए की ऐसे महान व्यक्ति का नाम इस कार्य में क्यों घसीटा गया
जबकि स्वयं नथूराम गोडसे ने गाँधी वध में सावरकरजी की संलिप्तता को सिरे से नकार दिया,

धर्मनिरपेक्षता के झूठे आडम्बर में फंसे तथाकथित सेकुलर उस दिन सूर्य के सामान जुगनू से प्रतीत हो रहे थे, जो की सूर्य को अपनी मद्दम रौशनी दिखा कर उसे निचा दिखाने की कोशिश कर रहे है,

८. वीर सावरकर के क्रातिकारी के जज्बे को सलाम करने के के लिए, 13 मार्च 1910 मे जहाज से कूदकर,पानी मे अंग्रज सैनिको की पीछे से गोली गोलियो की बौछर का सामना करते हुए , फ्रांस के मार्सेल तट पर पहुँचे, इस साहसिक घटना को जीवित कर , प्रेरित करने के लिए, घटना की 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मे एक भव्य स्मारक बनाने के लिए भारत सरकार को सूचित किया , और भारत सरकार ने वीर सावरकर को देश्द्रोही कहकर आपत्ति उठाने से वह प्रकल्प बंद करवा दिया.. 

९. दोस्तों अब गांधी जयंती के आयोजन में झूठे दिखावे के आचरण से, देश को, सरकारी अवकाश व विज्ञापनों व अन्य खर्चों से २० हजार करोड़ का चूना लगाने वाला है...

गांधी की गंदी राजनीती व जवाहर लाल नेहरू के जहर से देश 70  साल के सत्ता परिवर्तन के शासन में कंगाल हो गया है..., आज सभी पार्टीयाँ विदेशों में विदेशी हाथ माँगने जा रहें हैं...

सत्ता तो मद से भरी.., मदारियों का समूह १९४७ से सत्ता परिवर्तन को आजादी के झांसे से बन्दर बांट से देश को लूट रहा है...
राजधर्म तो जातिवाद, भाषावाद,अलगाववाद, धर्मवाद व घुसपैठीयों से राजनीती में गहरी पैठ से जनता को गरीबी से तडफा-तड़फा कर..., हलाल कर ..., आज अपने को देश का लाल बनाकर., २ अक्टूबर से १४ नवम्बर से सालों - साल तक इनके पुतले..,बिना नहलाए पूजे जा रहें है...और तो और 70  सालों से देश में गरीबी की वजह से गांधी का चष्मा चुरा लिया जाता है..., २ अक्टूबर तक सत्ताखोर बदहवासी में रहता है... 

Saturday 14 November 2015

क्या..??, एक अय्याश व्यक्ती के नाम “बाल-दिवस” मनाना उचित है.., देश का बाल दिवस तो हिन्दू संस्कृति के अनुसार “गुड़ी पाडवा” के दिन , नूतन दिवस में, नई किरणों से “बाल निर्माण” के साथ “राष्ट्र निर्माण” की अलख से, हो, तो..


यह मोतीलाल नेहरू का योग या संयोग, कहा जाए, जो १४ फरवरी के ठीक ९ महीने बाद, १४ नवम्बर को जवाहरलाल नेहरू को जन्म दिया...!!!!, 
याद रहे..., मोतीलाल नेहरू राजा-महाराजाओं के विवादों के वकालत से अपने बेशुमार आय से, अधिक व्यय-भिचार से हिंदु संस्कृति को भ्रष्ट करने की वजह से काश्मीरी हिन्दुओं ने उन्हें अपने समाज से निकाल फेंका था...
और इसी क्रिया को उनके पुत्र जवाहरलाल नेहरू ने बरकरार रखते हुए..,सत्ताल
ोलुप बनकर, सत्ता परिवर्तन (१९४७) के बाद कहा था 

नेहरु का हिन्दू-विरोधी वक्तव्य था... जवाहर लाल नेहरु, बहुत बार कहा करते थे कि ..., “मैं जन्म के संयोग से हिन्दू हूँ, संस्कृति से मुसलमान और शिक्षा से अंग्रेज हूँ.उन्हें हिन्दुओ की भावना की रत्ती भर भी परवाह नहीं होती थी,जिनके वोटो के बल पर उन्होंने सत्ता प्राप्त की थी.

वही हाल, एक तरफ तो पंडित नेहरु के नाती, राजीव गाँधी का हिन्दू-विरोधी वक्तव्य दिया.., राजीव गांधी ने हिन्दुस्थान का प्रधानमंत्री होते हुए भी सन्डे टाइम लन्दन को एक साक्षात्कार में नि:संकोच कहा की मेरे नाना जवाहरलाल नेहरु एक नास्तिक (एग्नास्टिक) थे. मेरे पिता पारसी (गैर हिंदू) थे, मेरी पत्नी इसाई है, और मैं किसी धर्म में विश्वास नहीं करता.’ 

क्या..??, एक अय्याश व्यक्ती के नाम बाल-दिवसमनाना उचित है..,
देश का बाल दिवस तो हिन्दू संस्कृति के अनुसार गुड़ी पाडवाके दिन , नूतन दिवस में, नई किरणों से बाल निर्माणके साथ राष्ट्र निर्माणकी अलख से, हो, तो..., देश एक नए उजाले की ओर अग्रसर होगा.., और देश के २०० सालों की गुलामी से उपजी.., ६८ सालों की अंग्रेजीयत की बीमारी दूर होगी... 

देश के धनाड्य वर्गों के, अंग्रेजी संस्कृति का बखान करने वालों को, यह देश का १२५ वां WELL-IN-TIME और CHILDREN DAY- CHILD-MOTHER, RUN DAY के अनुयायिओं को समर्पित... 

बाल दिवस या भूखमरी से बालकों का, बलि दिवस... देश में सालाना ३ करोड़ बालकों की.., कुपोषण ईलाज के अभाव से सरकारी योजनाओं को भोजनायें बनाकर, मृत्यु ...

यूरोपीय देशों में अवैध रूप से रोपे गए बच्चे.., उनकी सरकार गोद ले लेती हैं..., व उनके लालन-पानन की व्यवस्था की जिम्मेदारी सुचारू रूप से चलाती है...


लेकिन मेरे देश में गरीबी रेखा व उसके नीचे वैध बच्चे,जो बुढ़ापे में सहारा होते हैं.. , माफियाओं द्वारा चुराकर, भीख मांगने व वेश्या वृति व्यवसाय में धकेल दिए जातें हैं...,
देश में पुलिस के नाक के तले , निठारी काण्ड से बच्चे, , मानव भक्षियों के शिकार होकर, पुलीस थाने के सामने नालों में फेंक दियें जाते है...

सत्ताखोर व पुलिस भी इसे माफियाओं का आम खेल मानकर.., रिश्वत की रूई से अपने, आँख- कान बंद कर लेते है..., गरीबी लोग रोते बिलखते इन अपने मासूम बच्चों की तड़फ से अपनी नारकीय जिन्दगी गुजार देतें है...,

अभी २ दिन पाहिले ही, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को लताड़ लगाते हुए, पूछा..., देश के करोड़ों.., लापता मासूम बच्चों के बारे में क्या कारवाई की है...

याद रहे.., अन्ना आन्दोलन के चरम सीमा में पहुँचने के पहिले, जब उन्होंने रामलीला मैदान में रैली के लिए अनुमति मानी, तो मनमोहन सरकार ने उन्हें इस रैली की जगह, जयप्रकाश नारायण पार्क में रैली की अनुमती दी.., वह भी शर्तों से.. कि रैली में ५००० से ज्यादा की भीड़ नहीं होगी, व ५० से ज्यादा कारों व स्कूटर की पार्किंग नहीं दी जायेगी.., जैसे यह अन्ना का शादी समारोह हो..

उसी समय यूरोपीय देशों में नारी का पुरूषों से, समाधिकार की आवाज में , महिलाओं ने तर्क के साथ कहा कि यदि पुरूष बिना ऊपरी वस्त्र के सडकों पर चल सकते हैं तो महिलाएं क्यों नहीं ...

इसी विरोध में, उन्होंने ऊपरी वस्त्र खोलकर सडकों में SLEDGE –SHOW का प्रदशन प्रदर्शन किया ..., तब हमारे देश की INDIAN व अंग्रेजी से पेट भरने वाली धनाढ्य महिलाओं ने इस आन्दोलन के समर्थन में गुहार लगाई तो, देश का महिला अधिकार आयोग भी इस की मुखालत करते आगे आया तो.., उनके मनानुसार उन्हें , जंतर मंतर से संसद भवन तक SLEDGE –SHOW की अनुमती मिली ...,

अभी तो, खुले रास्ते में चुम्बन दिनमना कर इंडियन वर्ग अपने को अभिमानीत कह, गर्व मना रहा है...

विदेशी धन , विदेशी संस्कृति के निवाले..., को देश की जनता पर थोपने का अधिकार...

क्या यह अंग्रेजी आवरण के छुपे खेल में भारतीय संस्कृति पर पर प्रहार नहीं है...!!!!

Tuesday 3 November 2015

www.meradeshdoooba.com: जातिवाद धर्मवाद अलगाववाद की खेती से जनता को “हल” ...

www.meradeshdoooba.com: जातिवाद धर्मवाद अलगाववाद की खेती से जनता को “हल” ...: बिहार.., वोट बैंक की बहार.., जातिवाद धर्मवाद अलगाववाद  की खेती से जनता को “हल” से जोत कर , वोट बैंक के  तंत्र से.., बिहार में भ्रष्टा...

जातिवाद धर्मवाद अलगाववाद की खेती से जनता को “हल” से जोत कर , वोट बैंक के तंत्र से.., बिहार में भ्रष्टाचार की बयार में गौ मांस को खाद बनाकर .., लहलहराती फसल के ख्वाब से सत्ता को श्वाब का जज्बाती खेल है ..


बिहार.., वोट बैंक की बहार..,
जातिवाद धर्मवाद अलगाववाद  की खेती से जनता को “हल” से जोत कर , वोट बैंक के  तंत्र से.., बिहार में भ्रष्टाचार की बयार में गौ मांस को खाद बनाकर .., लहलहराती फसल के  ख्वाब से सत्ता को श्वाब का जज्बाती खेल है ..

इस खेल में पुरूस्कारों को लौटाने में “होड़ की दौड़” से, अपने साहित्य से.  सत्ता पर हावी  में लगाम लगने के बुरे दिन के अहसास से, स्वहितकार से.., अपनी मनमानी से  साहित्यकारों का सत्ता पर अधिकार से अधिपत्य ख़त्म होने से खलबली.., अब कलम को “छल-बल” का हथियार से देश का पतवार बनने के 70 सालों का खेल समाप्त देख.. बैचेनी से सत्ता की चासनी के  वर्चस्व की लड़ाई में “द्रोह” से.., अब  मीडिया की TRP की बंदरबाट भी समाप्त होने से, एक घुटन से, अपनी बची सांसों से चिल्ला-चिल्ला कर एक नई चिलम के धुंए से..., देश की तस्वीर धुंधली कर.., देश ही नहीं विश्व में “हिन्दुस्तान” की छवि को खराब कह.., अब, अपने रूबाबी दिनों का अंत देख रहें हैं..  
बुद्धीजीवी तो, गौ मांस की पार्टी को, देश का जलवा कहकर.., खुले आम  देशवासियों को जलाने का खेल से अपने को मीडिया की TRP बढ़ाकर गर्वीत कह रही है ...

वेबस्थल व फेस बुक की सितम्बर १६ , २०१५ की पुरानी post
1. बिहार में ६९ सालों से जातिवाद की बहार है.., घोटालों की बयार है.., अफीमी नारों के आस से विकास का निकाश.., नीतीश की जातिवाद की कोशिश से अब भी बिहार कोशों मील दूर है..,
2. लालू जैसे लाल से लाखों नेता अपने को माई का लाल कहकर, भ्रष्टाचार के कटार से वोट बैंक के इंक (INK) से गरीबों के हाथ बदरंग है.., यही सत्ता का रंग है .., बिहार के साथ, देश में जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद, अलगाववाद से तिरंगा बदरंग है.
3. जहां.., बिहार में. शिक्षा से तक्षशिला की शीला से देश, विश्वगुरू कहलाता था.., आज जातिवाद की विष शीला से बिहार..,बीमार प्रदेश बन गया है.
4. अफीमी नारों व विदेश के कर्ज की हवा से तिरगा फड़फड़ाकर विकासके नाम से जनता को भरमाया जा रहा है..
5. अब मोदी के अच्छे दिनोंके द्वन्द का एक नए रंग से.., आपस में सीटों की लड़ाई है.., राजनीती दबंगता से जनता दबते जा रही है ...,
6. अब यह चुनावी तलवार से सत्ता के म्यानों की लड़ाई है..
7. महंगाई के भार से, जवानों के जवानी के कंधे थकते जा रहें हैं .., माफिया, इस गोरखधंधे से चंगे होते जा रहें है.., इनकी ५ साल के बच्चे राणा सांगा की औलादे लगती है .., और गरीब का पांच साल का बच्चा ५० साल का लगता है...
8. दिवंगत महान व्यंगकार लेखक श्री हरीशंकर परसाई के १० हजार से अधिक राजनितिक लेख आज भी जीवंत हैं. १९६० के दशक में.., उन्होंने बिहार के बारे में लिखा था, श्रीकृष्ण भगवान् मुझे मिले थे. उन्होंने, कहा मैं बिहार में चुनाव लडूंगा और लोगो को कहूँगा में श्रीकृष्ण भगवान् हूं , मैं आसानी से जीत जाऊंगा .., तब मैंने उनसे कहा आप जब तक यह नहीं कहोगे मैं श्रीकृष्ण यादवहूँ , तब तक आप चुनाव नहीं जीत सकोगे. भगवान् और मेरी शर्त लगी भगवान् श्री कृष्णा के विरोध में यादव नाम का उम्मीदवार खड़ा था और वह जीत गया और भगवान् श्री कृष्ण हार गए
9. जयप्रकाश नारायण ने तो कहा था, देश में सबसे अधिक खनिज होने के बावजूद बिहार गरीब क्यों.???, इस जीत का रहस्य तो..., खनिज से ज्यादा बिहार में नेताओं के लिए जातिवाद,धर्मवाद के उत्प्रेरक खनिज से.., बिहार भ्रष्टाचार के बहार से गाय भैसों व अन्य जानवरों के चारे से, मुस्लिम यादव के भाई- चारे नारे के आड़ में, २५ सालों तक चारे को डकारकर , प्रदेश के गरीबों को बहाकर.., एकछत्र राज्य करते रहे...,
10. दोस्तों.., देश का सबसे बड़ा जहर अशिक्षाहै.., जिसकी वजह से जनता गरीब होते जा रही है.., खोखले वादों के अफीमी नारों का शिकार हो जाती है.., और वोट बैंक की राजनीती करने वाले अपने को देश का मसीहा कहकर काले धन से अमीरतम बनकर अपने को अप्रतिम कहकर सत्ता को जातिवाद, भाषावाद,धर्मवाद व घुसपैठीयों के कोड़े से जनता को पीटकर,अधमरा कर, महंगाई बढ़ा कर कर्ज के गर्त से देश को डूबा रहें है.

11. इस लोकतंत्र में आप और हम वोट बैंक के मोहरे हैं.., ५साल के रोते हुए चेहरे हैं.. राममनोहर लोहिया ने सही कहा था ..., जिंदा कौमे ५ साल का इन्तजार नहीं करती है.