Thursday 30 May 2013

आँखो देखी खबरे...नेताओ शरम करों, देश के गरीबों के गाढी कमाई के धन से, विदेशों की यात्रा मत करो... देश की समस्याओ को वोट बैक मे तब्दील मत करो...????, क्या काँग्रेस मे सुशील कुमार शिन्दे से महा दलित, कोई श्रेष्ठ नेता नही है, देश की आधी बिजली बूझाने के बाद , वोट बैंक की लौ जलाने के लिए, क्या..??, देश का गृहमंत्री बनाया गया है...???? छत्तीसगढ की घटना तो इन मंत्रीयो के लिए नगण्य है...???


आँखो देखी खबरे...नेताओ शरम करों, देश के गरीबों के गाढी कमाई के धन से, विदेशों की यात्रा मत करो... देश की समस्याओ को वोट बैक मे तब्दील मत करो...????, क्या काँग्रेस मे सुशील कुमार शिन्दे से महा दलित, कोई श्रेष्ठ नेता नही है, देश की आधी बिजली बूझाने के बाद , वोट बैंक की लौ जलाने के लिए, क्या..??, देश का गृहमंत्री बनाया गया है...???? छत्तीसगढ की घटना तो इन मंत्रीयो के लिए नगण्य है...???


अभी हाल ही, मे ब्रिटेन मे दो आतंकवादियो ने एक पुलिसवाले का सर काटने पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने अपनी सभी विदेशी यात्राये रद्द कर दी, और कैमरून ने कहा यह ब्रिटेन पर हाल की आतंकवादी हमले और इस्लाम का विश्वासघात' है


पिछले साल, ब्रिटेन दंगो के दौरान, उनकी पार्लियामेट बिना रूकावट के रात भर चली. वही, सितबर 2003 मे इसराईल के प्रधानमंत्री, जो भारत के दौरे के पहले प्रधानमंत्री थे, जब उन्हे प्रेस वार्ता के दौरान , फिलिस्तीनोयो के आक्रमण की खबर मिली, तो वे बीच मे ही, अपनी प्रेस वार्ता ही खत्म कर ईसराईल रवाना हो गये..???


यही, उल्टा हाल हमारे देश का है , महाराष्ट्र के गढचिरौली मे नक्सली हमले मे 60 से ज्यादा जवान मारे जाने पर महाराष्ट्र के गृहराज्य मंत्री ने वहाँ न जाकर दक्षिण अफ्रिका मे मैच देखने मे अपनी भलाई समझी...


 26/11 की आतंकवाद की घटना की बात ही मत पूछो..??? पूरी संसद मे सन्नाटा था, सिर्फ महाराष्ट्र के गृहमंत्री का एक बयान आया, बडे शहरों मे छोटी-छोटी घटनाये होते रहती है..??? 

विज्ञापनो मे हो रहा हैदेश निर्माणहाँ जरूर हो रहा हैविकास के नाम से भ्रष्टाचारअलगाववाद जातिवाद धर्मवाद व घुसपैट से वोट बैक का निर्माण....



मेरा संविधान महान , यहाँ हर माफिया पहलवान......
A.P.L, B.P.L….. से Z.P.L… घोटाला इनके जीवन मे है वरदान ....
आज का कानून. (कान + ऊन = क़ान मे ऊन= कानून बहरा हो गया है), अपराधी की पुस्तिका है, न्यायालय उनकी पाठशाला और जेल उसकी कार्यशाला है
इसमे अपराधी के लिये एक राहत का शब्द है जमानत...... ??????????
यह जमानत शब्द अपराधी के लिये अमानत बन गया है
इसमे एक अग्रिम जमानत भी है, जो अपराधी , अपराध करने से पहले ले लेता है और संविधान मुँह ताकता रहता है ?
अपराधी, जमानत के आड मे देश की अमानत (धरोहर ) बन जाता है
4 बार जमानत ------ अपराध में , प्रायमरी पास ......... ?
10 बार जमानत अपराध में, हाई स्कूल पास ................ ??
12 बार जमानत अपराध में, मिडल हाई स्कूल ..................???
15 बार जमानत.... अपराध में, स्नातक पास ............................ ????
15 से ज्यादा ........ अपराध में, डाँक्टरी पास ........................................................... ?????????????
इस विघ्यालय से एक प्रस्तित प्रमाण पत्र, जिसमे “ माफिया “ कि उपाघि मिलती है
आज “ माफिया “ शब्द कानून के लिये " माफ किया " है
यह शब्द संविधान को धत्ता बताकर कानून का “संरक्षित सदस्य“ बन जाता है
इनके शिक्षा व जनता को डराने व धमकाने की कला के अनुसार हर सत्ता व विपक्षी पक्ष अपने - अपने पक्षो मे शामिल कर अपनी गुणवत्ता बढाते है, और एक समय ऐसा आता है , जज ,पुलीस, नौकरशाही (आइ.ए. एस, आइ. पी एस. जिला अधिकारी...इत्यादी ) के रोजी रोटी व तबादले का अधिकार इन दागी नेताओ के हाथ आ जाता है
इनके एक टेलीफोने से प्रशासन में हडकप मच जाता है , अधिकांश प्रशासनीक अधिकारी
रोजी रोटी व तबादले बचाने के लिये भ्रष्ट नेता के चरणदास बनकर, उनके पद चिन्हो पर चलकर, लूट के भागीदार बनकर , जनता की गाडी कमाई मे डाका डाल रहे है जिससे, जनता गरीबी व भूखमरी के हालत मे जीने को मजबूर है,
इन के 5 साल के बच्चे राणा सागा के औलाद लगते है, और गरीबो के 5 साल के कुपोषीत बच्चे 50 साल जैसे लगते है आधे से ज्यादा तो 5-6 साल के पहिले ही मर जाते है ?
आज का कानून – मेरे विचार ....
इस देश न्याय पांने के लिये किसी भी व्यक्ती को, एक मकडी के जाल मे फसकर, मकडी (कानून) से लडना पडता है, इस जाल से उलझते- उलझते उसकी शारीरिक , मानसिक ताकत व घर बार बिक जा ता है, और क्या मिलता है? तारीख पर तारीख , न्याय पाने के चक्कर मे पीढिया गुजार दी जाती है...?? , घर मे कागजो के पुलीदों का ढेर , कहते है कानून मे कंकाल के अन्दर कंकाल होते है , इसमे उलझते जाते है.
आज न्याय की , “एक बन्दर और दो बिल्ली की कहानी गुजरे जमाने की बात हो गइ है, आज न्याय का बन्दर, अपने साथ दो बन्दर रखकर, न्याय के लिये तडफती बिल्लीयो को कहते है, न्याय के तराजू के पलडे की रोटी खत्म हो गई है, दोनो का पलडा एक समान है. जाओ, आगे न्याय चाहिए तो अपने घर बार बेच कर रोटी का जुगाड करो, “
आज न्याय तो नही मिलता है, हाँ, न्याय के नाम पर गरीबी जरूर मिलती है ?
इंडिया के कानून के शब्द कोश मे एक महत्वपूर्ण शब्द है प्राकृतिक न्याय ,इस शब्द के आड मे वकील बहस कर जज को झक झोर देता , जिसने, जितने ज्यादा व्याख्या (दलील) की क्षमता वह उतना बडा वकील कहलाता है
इस प्राकृतिक न्याय ने देश ने प्राकृतिक सौन्दर्य खो दिया है, भू मफिया जमीन , व दुसरे माफिया जनता व देश को लूट रहे है
आज एक मुकदमे का फैसला आने मे कम से कम 20-40 साल का समय लग जाता है , इस्का अर्थ हुआ के हम जज, पुलिस, वकीलो को बिना न्याय के वेतन दे रहे है
एक जज का कार्यकाल 2-4 साल का होता है, नया जज आने पर उसे मुकदमे का अध्धन करना पडता है, तारीख पर तारीख लगती है, जब तक वह मामले को समझने लगता है तो वह सेवांनृवितहो जाता है
प्रेमचन्द कि कहानी मे लिखा गया है, अदालते मतलब –कागजी घोडे दौडाना, इस कागजी घोडो पर बैठकर जजो वकीलो व पुलीसौ की फौजे आनन्द उठाते हुए अपनी आजीविका के साथ फरियादी को लूट रही है
किसी ने कहा है, “सभी कानून बेकार है अच्छे लोगो को उनकी जरूरत नही होती है और बुरे लोग उससे सुधरते नही है”,
आज के माहौल मे बुरे लोग सिर्फ सुधरते है औए वे अपनी सम्पती व सत्ता का अधिकार कर देश को चला रहे है,
एक ओटो रिक्शा के पीछे के लिखा था “सत्य परेशान होता है, लेकिन पराजित नही होता”
मैकोले का कहना था कि भारत को हमेशा के लिए गुलाम बनाना है तो इसके शिक्षा तंत्र और न्याय व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त करना होगा और आपने अभी (आज मुझे कहना....... है ..????) मे Indian Education Act पढ़ा होगा, वो भी मैकोले ने ही बनाया था और उसी मैकोले ने इस IPC की भी ड्राफ्टिंग की थी। ये बनी 1840 में और भारत में लागू हुई 1860 में। ड्राफ्टिंग करते समय मैकोले ने एक पत्र भेजा था ब्रिटिश संसद को जिसमे उसने लिखा था कि::
"मैंने भारत की न्याय व्यवस्था को आधार देने के लिए एक ऐसा कानून बना दिया है जिसके लागू होने पर भारत के किसी आदमी को न्याय नहीं मिल पायेगा। इस कानून की जटिलताएं इतनी है कि भारत का साधारण आदमी तो इसे समझ ही नहीं सकेगा और जिन भारतीयों के लिए ये कानून बनाया गया है उन्हें ही ये सबसे ज्यादा तकलीफ देगी और भारत की जो प्राचीन और परंपरागत न्याय व्यवस्था है उसे जड़मूल से समाप्त कर देगा।“ वो आगे लिखता है कि
"जब भारत के लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तभी हमारा राज मजबूती से भारत पर स्थापित होगा।"

आज के मौजुदा हलात मे सत्य इतना परेशान होता है कि पराजित नही होने से पहले आत्महत्या कर लेता है - उदाहरण किसान आत्महत्या,और मध्यम वर्ग की आम जनता, गरीबी व भूखमरी से आत्महत्या के लाखो खबरे अखबारो मे पढने अखबारों मे मिलती है.
दुनिया के जिस देश मे प्रतिशोध वाला कानून है, वहा सबसे कम अपराध होते है. हमारे संविधान से न्याय न मिलने से हजारो फरियादी अपराधी बन चुके है, और परम्परागत अपराधी करोडपती है
अभी हाल मे, इरान मे एक युवति के चेहरे पर एसिड फए फेकने पर उसकी दोनो आँखे चली गई, तो अदालत ने हुक्म दिया कि अप्रराधी की दोनो आँखे फोंड दी जाये उसी तरह से सऊदी अरब का भी कानून है, बचे हुए मध्य पूर्व देशो के कानून, हमारे संविधान से भी बहुत कठोर है
आज देश मे 4 करोड मामले विभिन्न अदालतो मे विचाराधीन है, हमे शुक्रगुजार होना चहिये, देश के पंचायती राज का, वहाँ के निवासी उंनके न्याय का सम्मान करते हुए, राज्य की अदालतो मे नही जाते है, उसी तरह से उन नक्सली शासीत प्रदेश का न्याय, जहाँ, जन अदालत से उन्हे न्याय मिलता है (जिंनका कानून देश के 30-40% हिस्से मे है)
यदि इनके मामले देश की अदालतो मे आते, तो अदालतों मे विचाराधीन मामले 12 करोड से भी ज्यादा होते थे, मतलब,24 करोड से भी ज्यादा से भी ज्यादा लोग, 30% देश की वयस्क आबादी न्याय के चक्कर मे अपने जीवन का समय बरबाद कर रही होती ?
ये हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के इसी IPC के आधार पर चल रही है और आजादी के 65 साल बाद हमारी न्याय व्यवस्था का हाल देखिये कि लगभग 4 करोड़ मुक़दमे अलग-अलग अदालतों में पेंडिंग हैं, उनके फैसले नहीं हो पा रहे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा लोग न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन न्याय मिलने की दूर-दूर तक सम्भावना नजर नहीं आ रही है, कारण क्या है? कारण यही IPC है। IPC का आधार ही ऐसा है। विस्तार से पढे

दिल्ली पुलिस द्वारा मुबंई मे पकडने पर क्रिकेट के महासंत ने पुलिस को मोबाइल थमाते हुए कहा लो कर लो बात , मुंबई व केरल के मुख्यमंत्री से, इसके बावजूद, तिहाड जेल मे महासंत को विशेष सुविधाए दी गई है, विशेष गद्दे, मच्छरदानी, पंखे, लज्जे दार भोजन , अब एक देश के लिए एक नई कहावत बन गई है, जो जितना महाचोर वह संविधान का सिरमौर ...




ये है, क्रिकेट के महासंत का तिहाड जेल जाने के पहले का इशारा...., मीडिया कहती है, क्रिकेट देश का राष्ट्रीय धर्मे है, सचिन उसके भगवान हर , उसका शी श्री...,श्रीसंत सट्टे मे अपनी उँगली से अपने कर्मो की विजय बताकर कानून को धत्ता  बता कर कह रहा , तुम मेरा क्या उखाडोगे...,

अब क्रिकेट देश का राष्ट्रीय शर्म बन गया है....

दिल्ली पुलिस द्वारा मुबंई मे पकडने पर क्रिकेट के महासंत ने पुलिस को मोबाइल थमाते हुए कहा लो कर लो बात , मुंबई व केरल के मुख्यमंत्री से, इसके बावजूद, तिहाड जेल मे महासंत को विशेष सुविधाए दी गई है, विशेष गद्दे, मच्छरदानी, पंखे, लज्जे दार भोजन
अब एक देश के लिए एक नई कहावत बन गई है, जो जितना महाचोर वह संविधान का सिरमौर ...

Wednesday 29 May 2013

ह व्यंग है, देश का गहरा रंग है, नेताओ के रहने का ढंग है, भेड की खाल अब तो जीवन की ढाल है...???? कर्नाटक यह शब्द , भ्रष्टाचार का कर-नाटक सिद्ध हुआ है.........???




ह व्यंग है, देश का गहरा रंग है, नेताओ के रहने का ढंग है, भेड की खाल अब तो जीवन की ढाल है...????

कर्नाटक यह शब्द , भ्रष्टाचार का कर-नाटक सिद्ध हुआ है.........???


यह नाटक, 1947 से शुरु हुआ, जो सत्ता परिवर्तन के रूप मे हुई थी... और जनता को देश की झूठी आजादी के नाम पर ,, हर राज्य के मंत्री वोट अलगाववाद, जातिवाद, धर्मेवादव घुसपैठ से वोट बैक बनाकर, सिर्फे जनता को बताते रहे कि मै सत्तारूढ पार्टी मे, बेहद इमानदार हूँ, और इमानदारी की आड मे भेड का चोला पहनकर (सिर्फ प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री को छोड कर) भ्रष्टाचार के दाँतो से आदमखोर बन गये, भारतीय जनता पार्टी के शासन काल मे प्रधानमंत्री की आड मे प्रमोद महाजन ने दूर संचार घोटाले मे भेड का चोला पहनकर 1 हजार करोड से ज्यादा का घोटाला कर दिया ... जिसे काँग्रेस पार्टी मे उत्प्रेरक का काम किया, छोटे शिकारी के भ्रष्टाचार की विद्दा जान जाने से 2 लाख करोड का घोटाला कर दिया.. और इसके आविष्कारी स्वर्गीय प्रमोद महाजन के चित्र मे बासी माला डलते हुए कहा , ये हमारे गुरू है, पहले उनके भ्रष्टाचार के चाल चरित्र की छान बीन करो , बाद मे हमारी, हमने तो सावेधानिक पद्दति से ही निविदाये मंगवाई है..., याद रहे इस शिकार मे भ्रष्टाचार की पुरियाँ तलने मे मुख्य भूमिका नीरा राडिया को बुलाया गया था... वही हाल भारतीय जनता पार्टी के कर्नाटक मे येदिरूप्पा ने भ्रष्टाचार का हाहाकार मचाया था... भारतीय जनता पार्टी भी दाँवा कर रही थी, केन्द्र सरकार के पैने दाँत से की तुलना मे येदिरूप्पा के तो अभी दुध के दाँत निकले है.. बोल कर अपनी सत्ता खोने के डर से प्रोत्साहित करते रही, रिटायर्ड न्याय मूर्ति हेगडे की जाँच के बाद भी, भारतीय जनता पार्टी , येदिरूप्पा के दाँत पैने करने में लगी थी, जब पानी नाक के नीचे बहने लगा तो आनन फानन मे जगदीश शेट्टार को यह खाल सौंप दी गयी , तब तक पानी सर के ऊपर बहकर , भारतीय जनता पार्टी की सत्ता भी बह गई.
वही हाल 2G के बदनाम मंत्री ए.राजा, डी.एम.के. भेडिये की वजह सरकार को अपनी सत्ता बचाने के लिए, ममता बनर्जी को रेल मंत्री की खाल पहनानी पडी, असल मे ममता बनर्जी की नजर, पशिच्म बंगाल के मुख्यमंत्री पद की थी, बंगाल की मोटी खाल मिलने से , उसने वह खाल, दिनेश त्रिवेदी को पहना दी, अपनी दो खालो की वजह से वह चिट फंड घोटालो का शिकार करने के बाद , पशिच्म बंगाल के घाटे मे होने के दाँवे से केन्द्र सरकार से विशाल वित्त सहायता माँगने लगी, वित्त सहायता न मिलने से दिनेश त्रिवेदी को रेल किराय बढाने के बहाने खाल निकाल दी, और पवन बंसल ने वह खाल पहंकर एक विशाल घोटाले मे बदल दिया.. ममता बनर्जी ने साल मे 12 रसोईगैस के सिलेडरों की धमकी की वजह से समर्थन वापस ले लिया, मुलायम सिग़ ने भी सी.बी.आई , के काटने के डर से अपनी खाल देकर, यु.पी की मजबूत खाल से पुत्र व पिता आनंदित है...

Monday 27 May 2013

क्या से क्या हो गया ... मेरा देश ..तुम बेवफाओ के देश के प्यार के झाँसे से..????? आज हर गली का छुट भैये नेता भी समाज सेवा के नाम पर, अपने को भ्रष्टाचार की अमानत मानता, है, (M.P. –MONEY POWER- MUSCLE) आज मनी पावर- धन बल, और बाहुबल से बलात्कार,हत्या के आरोप मे फँसे है, राज्यसभा जो रिश्वत सभा से भर्तियो के मामले पकडे गये हैं, कहते है खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है.. तो छुट भैये नेता और नौकरसाही भी, क्यो पीछे रहे... अब तो सेना मे भी खरबूजे पैदा हो गये है... दोस्तों अब यह देश और कितना लूटेगा.. यह भ्रष्टाचार की बयार नही , एक सुनामी से भी खतरनाक बन गया है, इसने देश के 10 लाख से भी कई ज्यादा किसानों , व कितने लोगों को निगल लिया है, देश की आजादी के झूठे झाँसे से....?? क्या आप अब भी देखते रहेगे... डूबते देश को ... जागो और देश के लिए दौड लगाओ....????







क्या से क्या हो गया ... मेरा देश ..तुम बेवफाओ के देश के प्यार के झाँसे से..????? 

आज हर गली का छुट भैये नेता भी समाज सेवा के नाम पर, अपने को भ्रष्टाचार की अमानत मानता, है, (M.P. –MONEY POWER- MUSCLE) आज मनी पावर- धन बल, और बाहुबल से बलात्कार,हत्या के आरोप मे फँसे है, राज्यसभा जो रिश्वत सभा से भर्तियो के मामले पकडे गये हैं, कहते है खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है.. तो छुट भैये नेता और नौकरसाही भी, क्यो पीछे रहे... अब तो सेना मे भी खरबूजे पैदा हो गये है... दोस्तों अब यह देश और कितना लूटेगा.. यह भ्रष्टाचार की बयार नही , एक सुनामी से भी खतरनाक बन गया है, इसने देश के 10 लाख से भी कई ज्यादा किसानों , व कितने लोगों को निगल लिया है, देश की आजादी के झूठे झाँसे से....?? क्या आप अब भी देखते रहेगे... डूबते देश को ... जागो और देश के लिए दौड लगाओ....????

आप मेरे वेब स्थल meradeshdooba.com की 16 अक्टूबर 2012 की पोस्ट के अंश पेश कर रहा हूँ... शिर्षक है...लिखने की प्रेरणा.......
26/11 के घटना के दौरान मै निजि काम से एक हफ्ते के लिये पुना मे था, चार दिन बाद बंम्बई पहुँचा तो फैक्ट्री के रास्ते दोपहर के समय एक रास्ते में लस्सी पीने, एक ठेले के पास पहुचा तो वहाँ, एक अधेड उम्र का व्यक्ती, पुराने कपडें व फटी चप्पल वाला पहनावा, के एक हाथ मे मराठी दैनिक नवा काल अखबार था ( यह अखबार 90 साल से प्रकशित हो रहा है औए उसके संपादकीय विचार बेबाक रहते है)
तब मैने उससे पूछा ? , 26/11 के घटना के बारे मे आपके क्या विचार है?, तो उसने कहा
”हम लोग सत्ता लेने मे घाई (मराठी शब्द = जल्दबाजी) किया है , हमको आजदी 20 साल पहले क्रांतीकारियो के हाथो से मिलती तो हमारा लूटा हुआ सोना व अन्य सामान भी हमें वापस मिलता, यदि हमे आजादी 20 साल बाद मिलती तो आज परिस्तथिति कुछ और होती” , आज अंग्रेजों के पास हमारा कोहिनूर हीरा है, हमे. उसे मांगने की भी, हमारी हिम्मत नही है?
यह तो अभी ट्रेलर (झलक) है देखो आगे आगे हम कैसे बरबाद हो रहे होंगे?
तब मैने उससे पूछा ? आप तो सत्ता कह रहे है , हमे तो आजादी मिली है
उसने कहा यही तो भ्रम है? यह आजादी नही सत्ता का हस्तांतरण है इसलिये तो आज भी हम, हमारे अंग्रेजो के कानून के आगे गुलाम है? उसने आगे कहा, चर्चील ने भी कहा था, इस मुल्क को और हजार साल गुलाम रखेंगे तो भी लोग , सर नही उठाएगे, ये मुल्क गुलामी के लिये बना है, और हम यह सत्ता इन चोर लूटेरो को सौंप रहे है, क्या? ये सत्ता 15 साल भी सम्भाँल पायेंगे? उसकी भविष्यवाणी सच हुई, तुरंत काशमीर का एक हिस्सा हमने खो दिया , 15 साल मे चीन ने हमसे से एक हिस्सा हडप लिया, हमारे लोक सभा सांसदो ने भी उस समय कसमे खाई थी, हम छीना हुआ हिस्सा एक एक इंच लडकर लेंगें, लेकिन आज हममे उसके प्रतिरोध की भी ताकत नही है,
ये लोग सत्ता के नशे मे है. अभी देश के उत्तर पूर्व के भाग भी टूटने के कगार पर है?
तब मैने कहा आप बोलते क्यो नही ?
उसने कहा, देखो मै दिहाडी मजदूर हूँ, अभी मै कंपनी के द्वार पर खडा था, अभी रोजगार मिलेगा -अभी रोजगार मिलेगा, इस आशा मे दोपहर तक खडा था?, तो रोजगार ना मिलने से से मै यहाँ हूँ? मुझे महीने मे मुश्किल से 15 देन का रोजगार मिलता है, घर मे भी पैसे की तंगी है, तुमको तो मालुम है आज हर गली मे हर पार्टी का गुन्डा मौजूद है, और पुलीस, प्रशासन भी उसे शह देता है, अब मै बोलकर, क्या अपना घर उजाडूँ ? , कोइ साथ देने की बात छोडो, मेरे घर वाले भी मुझे प्रताडित करेंगे और कहँगे, हमें भुखे पेट रखकर तुम्हें शासन से पंगा लेने की क्या उतावली थी?
मैने कहा, तुम्हारी यह बात बिल्कुल सही है,
अलीबाबा को धनी बनने के लिये 40 चोर मारने पडे थे ?
आज देश का अलीबाबा (धनी) बनने के लिये
आज एक नगरसेवक (मराठी शब्द – पार्षद- मेरी परिभाषा से नगर भक्षक) को कम से कम 40-400 ? व विधान सभा सेवक को (शहर भक्षक) 400-4000 ?
लोक सभा सेवक को (जिला भक्षक) 4000- 40000? की चोरों, गुडों की फौज चाहिये.
देश मे जीना ............?
मैने अखबार के दूकान पर एक युवक को देखा ,जिसका उदास सा चेहरा , चेहरे पर हल्की सी दाढी,उल्झे बाल , साधारण सा पहनावा पैरौ मे रबर कि चप्पल, वह युवक 5-6 अख्बार व 2-3 पत्रिकाये खरीद रह था , मैने उससे पूछा , आप इतने अखबार पत्रिकाये क़्यो खरीद रहे हो ? तो उसने कहा, लोगो को शराब का नशा होता है मुझे समाचार पढने का नशा है.
तो मैने उससे, देश के बारे मे उसके विचार पूछे, तो उसने कहा
मुझे ऐसा लगता है कि मै इस देश मे क्यो पैदा हुआ ? इस देश मे इतने धर्म है इतनी भाषाए, इतनी जातियाँ, लोगो का अपना अपना समूह है,लोगो मे इतना भेद भाव है,
आज की शिक्षा प्रणाली ऐसी है, आज लोगो से पूछो ? कौन से प्रदेश मे कौन सा जिला कहाँ है?, लोग अटपटा जवाब देते है, आज देश कि समस्याओ के बारे मे जो सोचेगा , अच्छा खासा आदमी भी चिंता से बीमार पड जायेगा.
इस देश मै वही आदमी जी सकता है, जो जांनवर की तरह मस्त रहेता हो अपना पेट भरता हो. और देश से उसका कुछ लेन देना नही हो ,
अखबार से संकलित
चाहे जो हो धर्म तुम्हारा चाहे जो वादी हो ।
नहीं जी रहे अगर देश के लिए तो अपराधी हो ।
जिसके अन्न और पानी का इस काया पर ऋण है
जिस समीर का अतिथि बना यह आवारा जीवन है
जिसकी माटी में खेले, तन दर्पण-सा झलका है
उसी देश के लिए तुम्हारा रक्त नहीं छलका है
तवारीख के न्यायालय में तो तुम प्रतिवादी हो ।
नहीं जी रहे अगर देश के लिए तो अपराधी हो ।



Saturday 25 May 2013



I.P. L का मकसद तो देश मे लूट का जेहाद....????

कोर्ट को, कितना भी कहो...??? वह सबूत नही मानेगी, वह जाँच का आदेश नही देगी..??? , पाकिस्तानी अंपायर, असर राऊद को तो जाँच की भनक लगते ही.....??? जब तक जाँच ऐजेंसीया के बहस मे ये पैसा पैसा जेहाद का है , मालू
म पडने से पहिले..??? बिना समय गवाँये और पैसे के और लालच का मोह छोडकर , .. , वह जहाज से उड कर पाकिस्तान फुर्र हो गया ... अंतराष्टीय क्रिकेट परिषद ( I.C.C.) ने उसॆ बर्खास्त कर दिया, अब अंपायरिग की जरूरत ही क्या...??? दस पीढी का पैसा जो जमा हो गया है

Thursday 23 May 2013





जब बिहार को राबडी देवी चला सकती है भ्रष्टाचार के बहार से..??, तो सोने की चिडिया क्यो नही चला सकती है भारत को भारताष्टार (भारत के आठ भ्रष्ट अचारों से) के बयार से..?? 
यह कोई ताज्जुब की बात नही है, बिहार मे जानवरों का चारा डकार जाने के बाद खुले आम लूट से लालू यादव जातिवाद, भाषावाद , अलगाववाद की आड् मे बिहार को लूटते रहा, जो जयप्रकाश के आन्दोलन मे आपात काल मे मीसा कानून के अंतर्गत जेल गया, 
मीसा को लालू ने बिहार का मसीहा समझ कर खुले आम लूट की , 10हजार करोड रूपये की, (आज के 2 लाख करोड रूपये से भी कही ज्यादा) ,लूट की, कागजों पर भारी मात्रा मे झूठे जानवर खरीदे गये थे , चलानों मे गाडियो के मनचाहा नम्बर डाल दिया है, चलानों के नम्बर खँगालने पर सी.बी.आई की जाँच से पता चला कि स्कूटर मे भैस आई है और जानवर लापता है, क्योकि, एक कहावत जो लालू सार्थक समझ बैठे थे... जब सैय्या भये कोतवाल तो डर काहे का...और लालू राजा के पास वोट बैंक का डंक भी था..???, कोर्ट का डंडा पडने पर , राबडी देवी , जिसे घर सँभालने के अलावा कोई अनुभव नही था, वह घर का जलता चूल्हा व जूठे बर्तने छोड कर राजनीति मे आ गई,


लालू ने सत्ता से बाहर रहकर राबडी देवी को रबड देवी समझ कर , भ्रष्टाचार के लूट के नाम से भ्रष्टाचार का रबड इतना ज्यादा खीचा कि, रबड के टूटने से, वह गुलेल की तरह , बिहार से लालू, आलू बनकर भ्रष्टाचार से पिचक गए और छ्टक-कर, बाहर गिर पडे.. और आज तक बिहार मे सत्ता मे आने का मौका नही मिला..??? इसकी हूबहू नकल ( सोनिया ने भी राजनीती मे प्रवेश करते हुए कहा मै, देश की बहू हूँ... हूँ-बहू- देश की- हूबहू) , वंशवाद से राबडी देवी व सोनिया गाँधी के सत्ता का मुखिया बनना, दोनों, एक पारदर्शी दर्पण की प्रतिमा का उदाहरण है,
काँग्रेस को भी वंशवाद की एक आधुनिक खोज के लिए राबडी देवी की तरह एक मोहरे की जरूरत थी जो लालू के राज को मास्टर माँडल मानकर राबडी देवी के रूप मे सोनिया गाँधी की खोज की गई की गई.. और इसके आड मे एक ईमानदार पुतले को बूलेट प्रूफ जैकेट के रूप प्रस्तुत किया गया, जिससे वंशवाद को आँच न पहुँचे, लेकिन इस वंशवाद ने पुतले को फुसलाकर कहा तू देश को विकास की छँवी से से लूटा... और देश इस छँवी से लूट रहा है, काला धन, विदेशी बैकों मे जाकर वही सफेद धन बनकर , विदेशी धन कर्जे के रूप मे आकर आम आदमी अब अपने निवाले से महरूम होने को मजबूर है..?? इतना सब होने के बावजूद , बूलेट प्रूफ पुतले का मुँह ही नही खुलता है..???

काँग्रेस भी जो लालू के राज को भ्रष्टाचार का मास्टर माँडल मानकर को भी वंशवाद की एक आधुनिक खोज के लिए राबडी देवी की तरह एक माँडल की जरूरत थी राबडी देवी के, बोलने मे असमर्थ रूप मे रहकर चुपचाप रहे, और काँग्रेस द्वारा कागज मे लिखा हुआ संदेश हिन्दी मे पढे , और वह भी क्या पढ रही है, उसे भी नही समझे, इसी के बेहतरीन खोज मे, सोनिया गाँधी की खोज, सर्वोत्तम साबित हुई.. और इसके आड मे एक ईमानदार पुतले को विकास का बूलेट प्रूफ जैकेट पहनाकर प्रधानमंत्री के रूप प्रस्तुत किया गया, और गले मे ध्वनि बाँक्स लगाकर सिर्फ विकास के नाम से मुँह खोले, ताकि वंशवाद को आँच न पहुँचे,
काँग्रेस के इस वंशवाद ने, पुतले को फुसलाकर कहा तू देश को विकास की छँवी से से लूट... और देश इस छँवी से लूट रहा है, काला धन, विदेशी बैकों मे जाकर वही सफेद धन बनकर , यही विदेशी धन कर्जे के रूप मे आकर, कर्ज के मर्ज से,महँगाई के दानव के रूप मे आम आदमी अब अपने निवाले से महरूम होने को मजबूर है..?? इतना सब होने के बावजूद , बूलेट प्रूफ पुतले का मुँह ही नही खुलता है..???

यहाँ तक की राजीव गाँधी को भी , देश, प्रदेश व राजनीति का भी ज्ञान नही था, वंशवाद की खाल व संवेदना के लहर से सत्ता पर बैठे (राजीव गाँधी को लोकसभा के 506 मे से 404 सीटे मिली) , , याद रहे, नेहरू जो अपने को अग्रेजो की औलद समझते थे, और देश का मसीहा के रूप मे अपने छँवि को प्रचारित किया उन्हे भी इतनी सीटे नही मिली थी...(लोकसभा के 489 मे से 363 सीटे मिली थी),
राजीव गाँधी मिस्टर क्लीन ( श्री सफेद) की छँवि से सज्ज थे, देश को 20 वी सदी मे ले जाने का दृढ निश्चय का भरोसा दिया... देश का हर वर्ग टक-टकी लगाए बैठा था, वे देश को एक नयी ऊँचाई पर पहुँचाएगे... लकिन राजीव गाँधी भी चंडाल चौकडी के झासे मे देश के कठपुतले प्रधानमंत्री साबित हुए, मेरा भारत महान के नारे के आड मे 100% नेता बैइमान होते गये...., मिस्टर क्लीन ( श्री सफेद) की छँवि को भूनाने के लिए , टी.वी., अखबारो मे देश विदेश घूमने, और जनता के नाम से नेताओ के लिय खाऊ योजनाए बनाई गयी, खजाना खाली होते गया, आज भी काँग्रेस गला फाड-फाड कर चिल्ला रही है , प्रसारित कर रही है कि राजीव गाँधी का सपना 20वी शताब्दी का संदेश ही काँग्रेस की देन है , राजीव गाँधी के बाद प्रधानमंत्री नरसिहाराव प्रधानमंत्री बने तो उन्होने जनता से कहा... देश मे राशन पानी (विदेशी मुद्रा) सिर्फ 40 दिनो के लिए है... यह मेरी मजबूरी है...


देश का खजाना खाली होने पर, आम आदमी को निचोडने के लिए विदेशी हाथों को गुप्त रूप से पंजे के रूप मे देश को लूटने के लिए बुलाया गया, और सिकन्दर ने सही कहा था , जिस देश मे भेडों का राजा शेर है... तो मै उस देश से डरता हूँ, लेकिन जिस शेरों का राजा भेड है तो मेरी जीत अवश्य है... लेकिन विदेशी लूटेरे को मालूम है कि जिस देश की रानी विदेशी है तो लूट मे हिस्सेदारी देकर आसानी से छूट पायी जा सकती है... देशवासियो जागो... क्या आपको सत्ताधारी भ्रष्टाचार से भेड नही बनना चाहते है ..?? अब आप बने दहाड्ते शेर..?? तो इन शेरों मे राष्ट्रवाद का खून डालो...यह हमारी जन्मभूमि है... हम ही इसके मालिक है....???? सोचों.. सोचों...सोचों.. ??? अब इस देश मे कोई भी भ्रष्टाचारी माफिया राज नही करेगा.....जय हिन्द... जय भारतमाता...???
मेरे वेबस्थल के जनवरी 2013 का पोस्ट अवश्य पढे... राष्ट्रवाद- आओ इस भ्रष्टाचार के उल्टे पिरामीड को ढहाये ... और इन शेरों में अपना खून डाले और वे देश के लिये दहाडे
1947 का सत्यमेव जयते .........1948.............. 2013 से अब तक ‘’सत्ता एक मेवा है और इसकी जय है’’ बन गया है

Tuesday 21 May 2013



यह आम आदमी का हाथ नही, कानून का पंजा है..?? आम जीवन पर शिकंजा है, जीते जी, जीवन का फंदा है..?? और......??????, और.....और....??????? यह...??????,.वकीलों व माफियाओं के उन्नत जीवन जीनें का धंधा है........? .........???????????? 
न्याय के साथ जब तक वकीलों की दलाली और मोहताजी जुड़ी रहेगी, कुछ नहीं होगा। हमारी सरकार को डेढ़ सौ साल बनाई गई अदालती प्रक्रियाओं को बदलने की गरज नहीं है। अदालतों में जन भाषा का कोई स्थान नहीं है। अंग्रेजों के स्पेलिंग मिस्टेक को ठीक करने तक की हिम्मत सरकार में नहीं है। जब आपको सत्ता परिवर्तित हिन्दुस्तान (जिसे सरकार आजाद इंडिया कह कर झूम रही है?) में प्रशासन चलाने की तहजीब ही नहीं आई तो फिर कानून पर कानून बनाते जाइए, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में यह सोचना होगा कि हर मर्ज की दवा कानून पास करना नहीं है। पहले कानून के रखवालों को उस लायक बनाना होगा।
देश के 20 करोड पक्षकार (वादी-प्रतिवादी) न्याय के इंतजार में है ?
हमारे देश मे आज;
31 सुप्रीम कोर्ट है
895 हाई कोर्ट है
22000 निचले कोर्ट
17 लाख वकीलो की लूटने वाली भारी भरकम फौज है, जो वादी-प्रतिवादी के साथ दुखों का व्यापार करते है, फिर भी देश मे 3 करोड 50 लाख से भी ज्यादा मामले विचाराधीन है ?
आज न्यायालय की हर सीढी, आम आदमी की बरबादी की सीढी है, इस एक-एक सीढी को चढने मे आदमी की एक-एक साल की कमाइ चले जाती है, पूरी सीढी चढने के लिये बच्चों की भी कमाइ लगानी पडती है, इस न्यायलय की सीढी मे आम आदमी अवसाध मे जाकर यदा कदा, यदि उसे न्याय भी मिल गया तो उसे उच्च न्यायालय के सीढी मे चढने के लिये अपनी जमीन बेचनी पढती है, और उच्चतम न्यायालय मे इंसाफ के लिये घर बार बेच कर वह बंजारे का जीवन जीता है.
आज देश भर मे 17 लाख वकीलो की भारी भरकम फौज है, जो गरीबों की रोटी छीन कर अपना जीवन सँवार रहे है,यदि हमारे कानूनो मे पारदर्शीता होती, तो ये वकीली पेशा, यदि शिक्षक के रूप में परिवर्तित होते तो आज हमारी शिक्षा दर 100% होती, आज तक इस संविधान से हमारे अनन्य जंगली पेडों को , कानून के कागज बनाने के लिये बलि (काटे गये) कर दिए हैं,
वही, सफेद पोश नकाब वाले राजनैतिक व माफियाओं के लिये उच्चतम न्यायालय, उनके अपने कारनामों की प्रेरणा स्थली है. आज के सत्ता के दिग्गजो व माफियाओ के लिये यह सुरक्षा कवच बन गया है.
आज एक जज का कार्यकाल 2-3 साल तक होता है,जब वह मुकदमे का पहलू समझने लगता है, तो उसका कार्यकाल पूरे होने से पहिले, निम्न अदालतों में वह कानून के तराजू मे धन का वजन देख कर , धन का गुलाम हो कर , अपना विवेक / चरित्र खो कर, अनचाहे निर्णय देकर अपने अवकाश जीवन का मजा लेता है, यही निर्णय उच्च न्यायालय मे उलट दिये जाते है और निम्न अदालतों के जज, जो अवकाश प्राप्त हो जाते है, उन्हे सजा नही मिलती है ?.
आज एक मुकदमें का सुप्रीम तक,मुकदमा लडने पर 25-30 साल लग जातें है, इसका अर्थ यही हुआ कि एक निर्णय के लिये संविधान (कानून) ने सभी जजों व उनके सिपहालकार (लेखाकारों से चपरासी की फौजों व अन्य लोगों) को 25-30 साल तक मुफ्त वेतन दे रहा है, और वे कानून का शहद पी कर सत्ता के गुलाम हो जाते हैं. और वादी-प्रतिवादी को हडकाते हुए, दोनो पक्षों से तारीख पर तारीख की फीस (ENTRY FEES) वसूलते हैं, और वादी-प्रतिवादी के घरों मे कानून के कागज का पुलिंदा जमा हो जाता है, 25-30 सालो मे कानून के कागज को, दीमक कानून के शब्दों को खा कर अपराधी निर्दोष साबित होता है..??? , यो कहे अपराधी दुध का धुला साबित होता है?. और 25-30 सालों की कानून की परिभाषा की मेहनत शून्य हो जाती है?
यह जो, अंग्रेजो के जमाने का कानून व संविधान है
अब यह, सत्ताखोरो का स्व: विधान बन गया है. सफेद पोश नकाब वालों का तिहाड जेल (सफेद जेल- सफेद पानी – मिनरल पानी -) का कारागृह एक आरामगृह बन गया है.

जब वीर सावरकर के अंडमान जेल मे अमानवीय अत्याचार के वजह से जेलर बैरी को काला पानी से ब्रिटिश के राजधानी मे तबादला कर दिया था . (याद रहे, जेलर बैरी ने अंग्रेज प्रशासकों को बताया था कि वीर सावरकर को प्रताडना व कडी सजा के बावजूद वे टस से मस होने वालो मे से नही है, वह फौलादी दिल वाला इंसान है और उनके {वीर सावरकर} जेल के कार्यकालमे 90% से ज्यादा कैदी साक्षर हो गये हैं, - इनमे से 60% से ज्यादा मुसलिम कैदी थे)
यह वही सविधान है..?????, जब कलमाडी को, तिहाड जेल (सफेद जेल- सफेद पानी) मे सजा होने पर तिहाड जेल के जेलर ने अपने कार्यालय मे कलमाडी को, हलवा पूरी, व सफेद पानी (मिनरल पानी) खिलाते-पिलाते पकडे जाने पर , जेलर (सफेद पानी) का तबादला, देश की राजधानी से, अंडमान जेल (काला पानी) मे कर दिया.
अंडमान जेल में कडी ठंड मे , वीर सावरकर को कंबल नही दिया जाता था ताकि ठंड से वे ठिठुर – ठिठुर कर मर जाये, इस दंड का भी तोड, वीर सावरकर ने निकाल लिया, वे रात भर शरीर गर्म रखने के लिये दंड-बैठक करते थे, और इसके बाद, उन्हें और उनके जेल के साथियों को,सवेरे से शाम तक कोल्हू के बैल की तरह से तेल निकालना पडता था. जबकि आज तिहाड जेल के सफेद पोश नकाब वाले राजनैतिकों व माफियाओं को, हीटर व वेटर की एशों-आराम की सुविधा है.
वही काँमन वेल्थ गेम के खेल घोटाले के शंहशाह, कलमाडी, जिसने भ्रष्टाचार की बालवाडी, के रूप मे नौकरशाहों, सत्ताशाहों की नई पीढी मे भ्रष्टाचार का बिगुल फुका था. काँमन वेल्थ गेम की सफलता का दावा करते हुए,कलमाडी ने ओलंपिक खेलो का भी आयोजन का दावा ठोक दिया और, अब हम 25 लाख करोड के घोटाले के लिये तैयार है.
अभी हाल ही मे प्रधानमंत्री कार्यालय का बयान आया था कि हमने देश की इज्जत बचाने (यों कहें, जनता की इज्जत लुटाकर) के लिये 1 लाख करोड रूपये खर्च किये है.
इसी संविधान को वापस याद करें, यदि देश मे सत्ता परिवर्तने के बाद एक रेल्वे के बुकिग कर्लक (बाबू) को 2 रूपये रिश्वत लेने पर 3 साल की सजा मिली , तो आप सोच सकते है की 1लाख करोड रूपये के गोलमाल मे देश के कलमाडी ( सत्ताधारिओ के,बलमा-डी) को कितनी सजा मिलनी चाहिये.
2011 के अंत मे दिग्विजय सिंग ने पुना मे अपने सम्रर्थकों के साथ कहा, अब कलमाडी को बहुत सजा मिल चुकी है, अब सुप्रीम कोर्ट को उन्हे रिहा कर देना चाहिये, और उनके पीछे समर्थको का झुंड “भारतमाता की जय” के नारे लगा रहे थे. बडे ताज्जुब कि बात है कि पिछले साल 26 जनवरी 2012 के कुछ दिन पहले ही , सुप्रीम कोर्ट ने देश को, क्या? संविधान के तोहफे के रूप मे कलमाडी को रिहा किया?. या दिग्विजय सिंग के उदघोष से?,
पुना में, कलमाडी को काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाडों के साथ “पुना का राजा” बनाकर स्वागत किया.
एक बात और जिस वीर सावरकर ने, अपने अदभुत विचारों से पुना को अपनी कर्म भूमी बनाकर युवा क्रांति का बिगुल फुकनें पर, उनकी ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर पहुची, वही 1लाख करोड रूपये के गोलमाल मे देश के कलमाडी ( सत्ताधारिओ के,बलमा-डी) ने पुना के साथ देश की बेज्जती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर दी और फिर भी काग्रेस के लाल (कार्यकर्ता) “भारतमाता की जय” के नारे लगा रहे है.
मैने एक कहावत सुनी है, जो मेरे दिमाग को झकझोर देती है…?????? मारने वाले से बचाने वाला बडा होता है.,
यदि मेरे देश के संविधान मे यह कानून जोड दिया जाय कि अपराध करने वाले से अपराध करवाने वाला मुख्य दोषी है तो देश
के 50-80% पुलिस थानों के पुलिसों व सत्ताधरिओं व आतंकवादिओं का सफाया हो जायेगा

Monday 20 May 2013


मैच फिक्सिग= मुंबई पुलिस को 1971 तक स्काँट लैंड पुलिस से भी बेहतर थी ... क्या मजाल कोई अपराधी छूट जाये.. ?? इमानदार, समर्पित पुलिस व अधिकारियो की फौज, राजनेता भी डरते थे... आज मुबई पुलिस स्काँच लैंड (उच्च दर्जे के विदेशी शराब) पुलिस बन गई है, पुलिस के नाक के नीचे, अपराध हो रहे है, राजनेताओ के साथ वे भी रिश्वत के साथ मुंबई को स्काँच लैंड बनाने मे लगे है... जब दिल्ली पुलिस का छापा पडा तो मुंबई पुलिस नशें से जागकर अपने को स्काँट लैंड पुलिस जताने के की हौड मे लगी है, बी.सी.सी.आइ. ने अपने हाथ खडे कर दिए हैं, यह हमारा मामला नही है, इससे हमारा कोई लेना देना नही है...हम कोई कार्वाई नही कर सकते है है, श्रीसंत द्वारा दिल्ली पुलिस द्वारा पकडे जाने पर, धौस देते , दिल्ली पुलिस को मोबाईल थमाते हुए कहा, लो बात करो... मुंबई और केरल के मुख्यमंत्री से..उँची पहुँच ... उँची रिश्वत..??? तो क्या मुंबई पुलिस अधिकारी अपनी नौकरी गवाँने के चक्कर से डरी हुई थी.... कानून मंत्री , कपिल छिब्बल कह रहें है , इस बारे मे हम नया कानून बनाएगे..?? क्या यह कानून विदेशी बैंको मे पडा काले धन जैसा ही लंबित व लचिला होगा..??? 
दूसरी खबर प्रधानमत्री 22 मई को यू.पी.ए.-2 का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगें, जब प्रधानाचार्य खूद फेल हो गया है तो देश मे भ्रष्टाचार की मस्ती की पाठशाला तो चलेगी ही... और नरेगा मे गरीब मरेगा , अभी बाकी बची अवधि मे नये भ्रष्टाचार के नए पाठयक्रम चालू होंगे .. क्या दोस्तो यह मेरा देश डूबा नही ...





मुसलमानों के गुस्से में जला बांग्लादेश, तस्लीमा बोलीं- बेकार, नाकारा धर्म है इस्लाम06 May 2013 12:00,
(6 May) ढाका. दुनिया में जहां 'सेक्सबग' के रूप में एक नई चुनौती सामने आ रही है, वहीं धर्म के नाम पर हिंसा में मौतें हो रही हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 'अल्लाहो अकबर' का नारे लगाते हुए हजारों लोगों ने रविवार को भी कठोर ईशनिंदा कानून की मांग करते हुए 100 दुकानों को आग लगा दी। पुलिस के साथ हुई झड़पों में दो दिनों में 15 लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं। नव-गठित हिफातज-ए-इस्लाम या 'इस्लाम के संरक्षक' धर्मनिरपेक्ष आवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार पर कठोर ईशनिंदा कानून लागू कराने के लिए दबाव बनाने की खातिर 'ढाका का घेराव' करने की अपनी योजना को अंजाम दे रहे हैं। वह इस्लाम या पैगंबर का अपमान करने वालों को सजा देने के लिए ईशनिंदा कानून लागू करने सहित अपनी 13 सूत्री मांग के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। अशांति फैलाने वाले हिफाजत-ए-इस्लाम के सदस्यों को बांग्लादेश की प्रसिद्ध लेखिका डा.तस्लीमा नसरीन ने आड़े हाथों लिया है। तस्लीमा ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि, 'हिफाजत-ए-इस्लाम के हजारों समर्थकों ने शहर में लोगों की दुकानें और वाहन फूंक डाले।
हिफाजत-ए-इस्लाम के लोग उन लोगों को फांसी पर लटका देना चाहते हैं जो इस्लाम को नहीं मानते। वहीं सरकार इस्लाम न मानने वालों को उनके नास्तिक होने के चलते गिरफ्तार कर रही है। इससे भी हिफाजत-ए-इस्लाम के लोग खुश नहीं हैं। वो उनकी हत्या करना चाहते हैं और यही उनका मुख्य उद्देश्य है। उनका दूसरा एजेंडा बांग्लादेश को फालतू के धर्म की फालतू धरती बनाना है।' तस्लीमा ने कहा कि 'अल्लाह अपने खुद की और अपने धर्म की रक्षा करने में अक्षम हो गए हैं। इसलिए सरकार और कुछ स्वयं सेवी संगठन मिलकर अल्लाह और इस्लाम की रक्षा करने के लिए काम कर रहे हैं। बांग्लादेश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी इस्लाम और कट्टर इस्लामियों को सपोर्ट करती है। देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का भी यही एजेंडा है। बांग्लादेश सरकार इस्लाम की आलोचना करने वालों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। ऐसा लगता है कि बांग्लादेश में ज्यादातर लोग इस्लाम की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं। इस्लाम विकलांग हो गया है और बगैर मदद के जिंदा नहीं रह सकता।' दरअसल तस्लीमा बांग्लादेश में हुए बवाल से खासी खफा हैं। रविवार को जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा जमात-शिबिर के कार्यकर्ताओं ने हिफाजत-ए-इस्लाम के लोगों के साथ मिलकर कम से कम 100 दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आग लगा दी, बैतूल मुकर्रम मजिस्जद परिसर में मौजूद दुकानों को लूट लिया और राजधानी में 30 से ज्यादा सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। रविवार को हुए बवाल के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि राजधानी के बीचोबीच स्थित पुराना पठान इलाका हिंसा का सबसे भयावह रूप नजर आया। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं के हाथों में रोड़े, पत्थर और देशी बम थे। उनकी दंगा-निरोधी पुलिस के साथ झड़प हुई । पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए सैकड़ों रबड़ की गोलियां चलानी पड़ी। स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार, हिफाजत-ए-इस्लाम और इस्लामी छात्र शिबिर के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प में 15 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए। उधर, भारत में भी क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर 'भगवान' का अपमान करने के आरोप में केस दर्ज हुआ है। आगे की स्लाइड में देखें किस तरह से बांग्लादेश में हुआ उपद्रव, मीडिया पर भी हुआ हमला। दंगाइयों ने दुकानों को लूटने के अलावा दर्जनों सरकारी बसों को भी आग के हवाले कर दिया। दंगे के दौरान एक पत्रकार भी दंगाइयों के हत्थे चढ़ गया। लोगों ने उसे भी नहीं छोड़ा। दंगाइयों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस और सेना को तैनात किया गया है। लोग इस्लाम को न मानने वालों के लिए मौत की सजा वाला कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। कई जगहों पर नियंत्रण के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी। लोगों ने सड़कें जाम कर दी थीं। दंगाइयों ने करीब सौ दुकानों को आग के हवाले कर दिया है। बंद से लाखों रुपए के कारोबार के नुकसान की आशंका है। दंगाई और सुरक्षाबल कई जगहों पर आमने-सामने हुए। दोनों गुटों के बीच में पत्थरबाजी भी हुई। बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि कुछ लोग धर्म के नाम पर कट्टर कानून बना कर देश को पीछे ले जाना चाहते हैं। बांग्लादेश की सरकार पर काफी समय से ईशनिंदा कानून को और कड़ा करने का दबाव है।

Sunday 19 May 2013



कोयला घोटाले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फटकार सुन रही सीबीआई के लिए मुश्किलें और बढ़ गई है। क्यो कि इसमे सीबीआई के हाथ भी काले हो गये थे... इस घोटाले की जांच से जुड़े एसपी विवेक दत्त और एक इंस्पेक्टर राजेश को जमीन विवाद को सुलझाने के रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। अब सीबीआई के इन दोनों बंदो ने सोचा कि कही और रिश्वत का खाँचा मारा जाय..???. कहते है जब पकडा जाय तो चोर, नही तो हर भ्रष्टाचारी राष्ट्रीय पक्षी मोर के समान अपने को सुन्दर मान कर चलता है, रिश्वत मे पकडे जाने पर जब उसके उँची उडान भरने के पंख कटते है तो वह सिर्फ चोर कहलाता है, अदालत की छाँव मे, 20 साल बाद फैसला होने से , फिर से नौकरी मे बहाल हो जाता है, और फिर से रिश्वत के नये पंखों का निर्माण होता है, रिश्वत तो एक छिपकली की पूछ है जो, कटने के बाद नयी आ जाती है, और धीरे-धीरे आरोप के धूमिल होने से सिद्ध नही होने से वह पेंशन बिना टेंशन से लेता है... क्या दोस्तों..घोटालो से जनता टेंशन मे और राष्ट्रीय भ्रष्टाचारी पेंशन में – क्या दोस्तों...ये से मेरा देश लूटा या मेरा देश डूबा 

Saturday 18 May 2013


देश के अति गरीबो व अनपढ लोगों को लेपटाँप व टेबलेट पीसी चाहिए...???
देश के गरीबों के तन ढकने के लिए कपडे नही है, और इलाज के लिए दवा खरीदने के लिए पैसे नही है, इन गरीबों के इलाज के नाम से किडनी चुरा ली जाती है,
इलाज के नाम से विदेशी कंपनीया , प्रयोग के नाम से इन्हे गिनी पिग बनाकर, इनके जिन्दगी के साथ खेल कर अपने दवा के प्रयोग से विदेशों मे अरबों - खरबों रुपये कमा रही हैं..??? 35 हजार करोड से ज्यादा का व्यापार इस आड मे देश मे चल रहा है... और इसमे..गरीबों को मौत के नाम पर कोई मुआवजा नही मिलता है. देश का सभ्य कहने वाला माफिया वर्ग, सत्ताधारियो की मिलीभगत से इसकी मलाई खा रहा है. सरकार भी आँखे मूँदे बैठी है..??? और आप सभी जानते है , गरीबों के भूख की योजनाओ व विकास योजनाओं को डकार कर ही तो देश चल रहा है........???????????????????
हाल ही मे अखिलेस यादव के लेप टाँप व टेबलेट पी सी से युवक वर्ग का वोट झट्का, व बाद मे व चुनाव मे जीत के बाद लाखो लोगो के आवेदने कचरे के डिब्बे मे मिले, चन्द लोगो को दिखावे के नाम पर लेप टाँप भी दे दिये
याद रहे अखिलेस यादव के चुनाव मे जीत के समय, उत्तर प्रदेश , जापानी बुखार का प्रकोप फैला हुआ था, हजारो बच्चो की इस बुखार से मौत हो रही थी, उत्तर प्रदेश सरकार तो जीत के जोश से होश मे नही थी, उस समय दुनिया के नम्बर 1, खरबपति बिल गेट्स बिहार मे थे , जिन्होने बिहार के कई जिले, विकास के लिए अपनी निगरानी मे गोद लिए है..
जब उन्होने उत्तर प्रदेश के जापानी बुखार के प्रकोप को सुना तो वे अपने गाडियो के काफिले के साथ, मीडिया की अनुपस्तिथी में चुपचाप उत्तर प्रदेश के गावों के तरफ निकल पडे, रास्ते मे एक जबह कचरा बीनने वाली बच्चीया दिखी... तो वे कार से उतर कर, उनसे पूछा? क्या..?? तुम स्कूल जाती हो..?? तब उन बच्चीया ने कहा, स्कूल..???? क्या चीज होती है...???, हमें पता नही है गये , उत्तर प्रदेश के गाँवों मे पहुँचकर, बच्चो की स्तिथी देख द्रवित हो उठे, और सीधे अखिलेस यादव से मिल कर उनके स्वास्थय योजना की जिम्मेदारी अपने धन व कार्यकर्ताओ से कराकर की , अगले दिन अखबारों मे आया बिल गेट्स अखिलेस यादव मे मिलने आए, लेकिन मूल कारण किसी भी अखबार मे प्रकाशित नही हुआ....?????
आज हर प्रदेश अखिलेस यादव के चुनाव झाँसे , लेप टाँप व टेबलेट पी सी , को चुनावी जीत का माँडल मानकर, घोषणा करने की ताक मे है.. कुछ प्रदेशों ने तो घोषणा भी कर दी है...???? क्या यह झाँसा या गरीब इसमे फँसा ... या मेरा देश डूबा ...???

Friday 17 May 2013



































 देश की 70% जनता 20 रूपये से भी कम कमाती है. .. ????, - INDIAN PROSTITUTION LEAUGE- अब बना काले धन का POSS- INSTITUTION का खेल 2लाख करोड रूपये से ज्यादा है, इसकी आड मे जाली नोट के माफिया , अपने मन मौज से चौका , छ्क्का व विकेट गिराकर धन की लूट से,विदेशों मे अपनी तिजोरी भर रहे है, इनके काले धनों से राजनैतिक माफिया व आर.बी आई भी चुप्पी साधे हुई है..??? इनके भागीदारी की इसमे बू आ रही है...??? जनता इस पागलपन से अपना धन व किमती समय इसमे लूटा रही है... 2012 मे भी इस घटना की पुनरावृति होने की बाद भी हमारी खुफिया विभाग भी मन मौजी जिंदगी बिताने मे व्यस्त है..???, सट्टे मे 1 गेंद की किमत 10 लाख व 1 ओवर की किमत 60लाख तक की बोली लगती है , 2 साल पहिले ललित मोदी पर कारवाई के डर से खुफिया विभाग, राजनैतिक माफिया व आर.बी आई की मिलिभगत की आशंका से ये मामला भी दब गया है... ललित मोदी भी विदेश मे मौज मना रहे हैं...??? देश मे खुले आम गरीबों के टैक्स की लूट मार हो रही है, इसके भरपाई के लिए जनता पर टैक्स का अधिभार महँगाई और अतिरिक्त बोझ डालकर किया जा रहा है, विकास के नाम पर देश के धन का निकास हो रहा है, देश कर्ज के बोझ तले कंगाल होते जा रहा है...बैक भी काले धन को सफेद बनाने की मुहिम मे शामिल हो रहे है..., टी.वी. चित्रो से जाने आँखो देखा हाल...??? क्या दोस्तों मेरा देश लूटा या मेरा देश डूबा.....????




देश के प्रतीक बने , देश के सडको व चौराहो पर आज तक किसी भी पुतले को नही नहलाया गया है.... लेकिन देश का एक पुतला रोज़ भ्रष्टाचार की गंगा मे नहा रहा है....??? और उसका चेहरा भी निखर रहा है..??? काँग्रेस कहती है, मजबूत प्रधानमत्री, मै कहता हूँ... मजबूर प्रधानमत्री, अब भ्रष्टाचार के मजदूर प्रधानमंत्री बन गये है..??? सिर्फ आदेश मिलने की जरूरत है भ्रष्टाचार से मन को रॆग (मनरेगा) कर चुपचाप मजदूरी कर लेता हैं... किसी को भनक भी नही पडती है..

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कहते है सबसे भली चुप ,और एक चुप सौ को हराता है..., प्रधानमंत्री और काँग्रेस पार्टी भी इसी भ्रम मे है...???

कोयला घोटाले की बात से प्रधानमंत्री को कब इंकार रहा है???, वह तो सौ दफा अफसोस जाहिर कर चुके है, और घोटालों को देश का कैसर कह चुके है और आज तक देश के प्रधानमंत्री को किसी के प्रेम मे दिल की बीमारी जरूर लगी...?? लेकिन भ्रष्टाचार का कैसर भी उनको देखकर डर गया है...?? हर बार इस्तीफे का डिमांड , लेकिन इस्तीफा शब्द तो उनके लिए वजीफा है...

काँग्रेस पार्टी भी कहती है विपक्ष को इस्तीफा माँगने की बीमारी लग गई है... देखो हमारे प्रधानमंत्री 80 की उम्र मे भ्रष्टाचार के विटामीन से कितने स्वस्थ है... और देश के माफिया कितने मस्त है....???

आज हर घोटाला बरेली के बाजार मे झुमका गिरा रे , हो गया है, जो अभी तलक मिला ही नही... क्या दोस्तो मेरा देश लूटा या मेरा देश डूबा..????

Thursday 16 May 2013



साल का 250 करोड से कही ज्यादा कमाने वाला.. आतंकवादियो के साथ मस्ती की पाठशाला मे अव्वल आने के रेस मे , सफेद कोर्ट यो कहें, सुप्रीमकोर्ट मे बारम्बार अपील कर अपनी सजा कम कर , देश्द्रोही के आरोप से तो मुक्त हो गए, बेटा जैसे दिन तो 24 घंटों की होती है, , तुझे दिन मे धूप से अधिक छाँव मिली... उसी की छाँव मे अन्य कैदियो ने भी राहत ली, यदि कोई साधारण कैदी तुम्हारे जगह होता तो , उसे थर्ड डिग्री से भी ज्यादा पीट दिया जता था...??? आज साध्वी प्रज्ञा , सरकार के हिन्दु आतंकवाद के हौवे से मरणासन्न स्तिथी मै है, और तूम मुस्लिम आतंकवाद से कोर्ट को गच्चा देते रहा, और सजा भी कम हुई और मीडिया व राजनैतिक पडितों ने भी तेरे पीछे जोर लगा दिया था..??? कोई बात नही , अभी भी तुझे नही कोई गम , मुबंई विस्फोटको के परिवारों की अभी भी है आँखे नम....??? - –


यह मेरा भ्रष्टाचारी, देश महान ... यहाँ हर चीज फिक्स होती है.. ABL ( ABOVE BHRASTACHARR LEAUGE ) - IPL (INDIAN PIYAAKAADA LEAUGE) ZPL (ZHOOTAA POVERTY LEAUGE)
यहाँ मेरा महान देश के फिक्सिंग से, माफियाओ की फसल लहलहराई है….. , और आम जनता का जीवन दु:खदायी है ….

(IPL) - INDIAN PROSTITUTION LEAUGE LEAUGE- अब बना काले धन का POSS- INSTITUTION
अभी की ताजा खबर- IPL का SPOT FIXING मेत्र RAJASTHAN ROYAL का श्रीसंत सहित तीन खिलाडी गिरफ्तार
य़हाँ जन्म प्रमाणपत्र , राशन कार्ड से लेकर से मृत्यु प्रमाणपत्र तक आम आदमी का जीवन फिक्स रहता है.... योजनाए, गरीबों की भोजनाए (निवाला) बनकर , सत्ताधारी अपना हिस्सा फिक्स कर लेते है, जाति, धर्म , अलगाववाद के IPL (INDIAN POLITICAL LEAUGE ) नेता अपनी सत्ता फिक्स कर लेता है, न्याय तो पुलिस, जज द्वारा ही फिक्स होता है,चपरासी, सरकारी कार्यालय मे अपने अधिकारी से रकम फिक्स करता है, माफिया सट्टे की रकम फिक्स कर देश पर बट्टा लगाता है... इस देश मे मुर्दो की पेशन की रकम भी फिक्स होती है...गरीब किसानो को नीजी साहुकारों के ब्याज ससे मारने के ठेके मे दलाली ,और चिट फंड के जरिए , देश के चीटी दलालो की फौज खडी करने के सौदों की रकम.... फिक्स होती है... लिखने की लम्बी सूची है... जिसके सामने महाभारत ग्रंथ भी छोटा पडेगा...... 

Wednesday 15 May 2013



राजनेताओं की रासलीला ...???? यह पोस्ट मेरे वेब्स्थलmeradeshdoooba.com मे मार्च 2013 मे डाली थी,आज यथार्थ बन गयी है, देश के भ्रष्टाचारी लफंगा के हाथ तिरंगा आ गया है....??? तो देश का क्या होगा.....
आज देश आम आदमी के हाथों से चलना चाहिए, लेकिन सत्ताधारिओं की गाडी आम आदमी के नारो से चल रही है, आम आदमी की मेहनत को नारो मे बदलकर देश के भष्टाचारिओं की गाडी चल रही है?
सत्ता के पकड के लिये सत्ताधारी एक दूसरे कि कमजोरी की पोल का फायदा उठाते हुए सत्ता मे रहकर लूट मार मे व्यस्त है?
Added on 14th may 2013— यह कार्टून आज सार्थेक हो गया हौ
रेल्वे मंत्री का पद तो विपक्षी पक्षों के मलाई की मालमत्ता होती है,,,???, सरकार के सहारे की किमत ममता बेनर्जी ने रेल्वे मंत्री का पद माँग कर निभाया, मुलायम , मायावती, जय ललिता को सी.बी.आई. के काटने के डर से उनको काँग्रेस ने अपने खूँटे मे आजतक बाँधकर रखा है, और वे अभी-भी रेल्वे मंत्री का पद माँगने की हिम्मत नही कर रहे है..???
प्रधानमंत्री के खेलने की रेल गाडी अपने विश्वास पात्र , बंसल को भ्रष्टाचार की पटरी से खेलने दी...???
आपने टी.वी. मे देखा होगा , प्रधानमंत्री कार्यालय से बाहर निकलते हुए ,
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंग और पवन बसंल बाहर आते हुए, हर रोज, एक ही अदाओ मे आपस मे बाहर निकलने हुए..??? आपस मे हाथों से गूँगे पुतले की तरह से गुफ्तगू करते नजर आते थे...???
अभी एक औए भ्रष्टाचारी पवन बसंल के जगह .. एक नया दिखावटी मेंत्री, कमलनाथ , जिस भ्रष्टाचारी का नाडा खुलना बाकी है...वही पुरानी एक ही अदाओ मे आपस मे बाहर निकलने हुए..??? आपस मे हाथों से गूँगे पुतले की तरह से गुफ्तगू करते नजर आए है...???
ममता बेनर्जी को बेवकूफ बनाकर रेल्वे मंत्री का पद का पद छीन लिया गया, उसके साल मे 12 सिलेंडरो के माँग के चक्कर मे 18 डब्बों की रेल गाडी व 100 डब्बों से ज्यादा की माल गाडी उसके हाथ से निकल गई....???
ममता बेनर्जी के रेल्वे मंत्री का पद के इस्तीफे के बाद बेहद ईमानदार पुतले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंग ने बेहद ईमानदार संसदीय मंत्री पवन बसंल को रेल्वे मंत्री का पद दे दिया ...??? और दोनों के पाप का घडा फूट गया...??? भाँजे जिनके पहले ईट भट्टे का काम था ..??? रेल्वे मंत्री पवन बसंल की आड मे रेल्वे का भट्टा बिठा दिया..???, भाँजे के सिर्फ, एक शाँपीग माँल की किमत 1000 करोड से ज्यादा है...??? व अन्य संपति का ब्योरा अभी उपलब्ध नही है...??? दोस्तों क्या यह देश का भट्टा बैठा या मेरा देश डूबा..????-
आज ही ममता बेनर्जी , का बयान आया है कि सरकार मेरे बाल छू कर बताये?... तो मै सरकार को सबक सिखाऊगी..??? अब ममता बेनर्जी यह नही बता पा रही है वसर से पाँव के कौन से बाल को छूने की बात कर रही है....???
यह सत्ता की हाय- मारी से गरीबों की बीमारी दिन प्रति दिन बढते ही जा रही है...???