Friday 31 July 2015

क्या..? मोदी सरकार इस विश्व गुरू के, कब्र में गढ़े इतिहास को जिन्दा कर.., देशवासियों में जिंदगानी लाकर.., इस “विश्व गुरू” की प्रेरणा देंगे.., क्या...??, २६ फरवरी २०१६ को “परमवीर सावरकर” की “५० वी पूण्य तिथी”, धूम-धाम से मनाकर “राष्ट्रवाद” की अलख जगायेंगें .........!!!!!!!!!!!!!!!!


आजादी के मसीहा कहकर,  छद्म पुतलों व सडकों के नाम देखकर.., देश को “चौपटनगरी”  कर, अंधे राजाओं को देखकर , आज भी भारतमाता आहभर.., कराह कर, कह रही है.., ६८ सालों बाद भी..!!!,  मेरे १२५ करोड़ बेटों को किस तरह, विदेशी हाथ- विदेशी साथ – विदेशी विचार- विदेशी संस्कार , जाति, भाषा व धर्मपरिवर्तन से आपस में, लड़ाकर..., कैसे मेरे कटे अंगो के घाव सहित , पुन: मुझे विदेशी जंजीरों से बांधने का प्रयास किया जा रहा है..

क्या..? मोदी सरकार इस विश्व गुरू के, कब्र में  गढ़े इतिहास को जिन्दा कर.., देशवासियों में जिंदगानी लाकर.., इस   “विश्व गुरू” की प्रेरणा देंगे.., क्या...??, २६ फरवरी २०१६ को “परमवीर सावरकर” की “५० वी पूण्य तिथी”,  धूम-धाम से मनाकर “राष्ट्रवाद”  की अलख जगायेंगें .........!!!!!!!!!!!!!!!!

विश्व गुरू:
१.   जिन्होंने विश्व के क्रांतीकारियों में एक मंत्र भरा “जीवन में गुलामी” एक बडा “कलंक” है
२.   सुभाष चन्द्र बोस, सरदार भगत सिंग, चंद्रशेखर आजाद  व लाखों  क्रांतीकरियों को, “१८५७ एक “स्वातंत्र्य –युद्ध”” जो  हिन्दू-मुस्लिम एकता से लड़ा गया, एक राष्ट्रवादी  जीत थी .., हम ५ महीने स्वतंत्र थे , बाद में अंग्रेजों ने दुबारा कूटनीती से  पटियाला व ग्वालियर  के राजाओं ने नेपाल की सेना की मदद से इस   “स्वातंत्र्य –युद्ध” को कुचल डाला.
३.   भारत का संघर्ष पूर्वक जीत का “गौरव शाली  इतिहास” प्रमाण सहित लिख कर सिद्ध किया कि हम बुजदिल कौम नहीं “हमारा,ज्ञान विज्ञान, मस्तिष्क बल  “बाहुबली से गौरवशाली” था  
४.   “हिन्दुत्व”  पुस्तक में राष्ट्र की महत्ता को संबोधित कर कहा “हिंदुत्व” की जीवन शैली से ही विश्व का कल्याण होगा .
  
५.   सावरकर का जीवन परिचय:
१. बाल्यकाल के सातवें वर्ष से ही.., ब्रिटिश सत्ता को उखाड़ फेकने का जूनून.. 
२. १६ साल की आयु में, भवानी माता के मंदिर में, छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह प्रतिज्ञा लेकर, मौत से न डरने वाले वीर सावरकर.., अन्तत: अपने कार्यों में सफल रहे.
३. वीर सावरकर का सम्पूर्ण जीवन,व्यभिचार मुक्त 100% शुद्ध रहा .., गुलाम भारत के समय, इंग्लैंड में उन्होंने अपनी विदेशी मित्र महिला साथियों द्वारा प्यार का इजहार करने पर कहा था.., मैं सिर्फ भारतमाता से प्यार करता हूं.., विवाह के बाद, मैं अपनी पत्नी से प्यार करूंगा..  अपनी जवानी के १३ मार्च १९१० से लेकर १० मई १९३७ तक २७ वर्षो की अमानवीय पीडा भोग कर उच्च मनोबल, ज्ञान और शक्ति साथ.., जब वह जेल से बाहर निकले जैसे अंधेरा चीर कर सूर्य निकलता है.
६.   . दुनिया में एकमात्र वीर सावरकर. जिन्होंने अपने परिवार को देश के बलिदान में झोंक दिया, अपना सम्पूर्ण जीवन, सम्पती.., 100% ज्ञान राष्ट्र के लिए समर्पीत करने के बावजूद, कभी सत्तालोलुप नहीं रहें..
६. १९६० में देश की लुंज-पुंज स्तिथी देखकर.., वीर सावरकर ने, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को चुनौती देते हुए कहा था.., “मैं सत्तालोलुप नहीं हूं..., यदि आप मुझे २ साल के लिए सत्ता दें. तो मैं देशवासियों के राष्ट्रबल से देश को बलशाली बनाऊंगा, ताकि कोई दुश्मन हमारी तरफ आँख उठाकर न देखें... 
७. दोस्तों, वीर सावरकर का कितना भी बखान किया जाय कम हैं , वे तो, गुणों के खान थे..., देश के प्रति “राष्ट्रभक्ति” से आज भी राष्ट्र उनका  ऋणी है..,

विश्व के इस क्रांती कारी वीर,वीर,वीर ..., ही नहीं “परमवीर सावरकर” को गुरु पूर्णिमा के दिन ..,  अनंत,अनंत .. नमन...
आप हो गुणों के खान.., आपका बखान  ही.., भारतमाता की शान  
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..,

Wednesday 29 July 2015

कलाम का सन्देश कि पिछली बेंच (गरीब) का छात्र भी पंखों की जान से ऊंची उड़ान भर सकता है...कलाम, तुम्हें १२५ देशवासियों के तोपी रूपी आँखों के आंसू से सलाम..,


कलाम, तुम्हें १२५ करोड़  देशवासियों के तोपी रूपी आँखों  के आंसू से सलाम..,


आपके  जीवन ने दी “सादगी की बानगी” से कैसे शीर्ष में पहुंचा  जाता है..., आपकी शिखरता से हिमालय भी आपको प्रणाम कर रहा है.., भारतमाता को “सत्ता परिवर्तन” के बाद लाल बहादुर शास्त्री, वीर सावरकर व आप जैसे कोहिनूरी रत्न से आज भारतमाता के चेहरे में मुस्कान से मुकुट में आज एक तीसरा हीरा जड़ित होकर भव्य होकर गर्वित हुई है.


“कलाम” आपको आख़री सलाम...देश आपके विचारों से रहेगा सलामत ..,


“कलाम...”...,  आपने सम्भाली राष्ट्रवाद की कमान, देश को बनाया बलवान ....,


देश के राख तले चिंगारी की चमक को भारत रत्न की चमक  से देशवासियों को दिया सन्देश कि पिछली बेंच (गरीब) का छात्र भी पंखों की जान से ऊंची उड़ान भर सकता है...



दोस्तों देश की मार्मिक स्तिथी है.., आरक्षण.., धन-बल व व्यापम घोटालों के भ्रष्टाचार से, शिक्षा की वेश्यावृती से गरीबों की शिक्षा की योजनाओं को भोजनाएं  से धन डकार, उनके पंख कतर कर उन्हें भूखमरी की कतार में खडा कर दिया जाता है....



शिक्षा मानव का ऐसा अस्त्र है कि अंधा पुरूष भी देखने लगता है..,देश की अंधियारी गली की डूबते देश के ६८ सालों की “सत्ता परिवर्तन” से “आजादी” के नाम से विशेष वर्ग के चंद  लोगों के हाथ “कर लो देश को मुठ्ठी में” से   भ्रष्टाचार,जातिवाद,अलगाववाद धर्मवाद  की आग की  राख़ से अपने महलों के बर्तन घिसकर चमकाओ ...,   और दबा तो इन चिंगारियों को, इन  राख़ से  .... महामहिम कलाम की आवाज  इस दीवार को तोड़ने का प्रयास, अपनी अंतिम सांस तक करते रहे..., एक महापुरूष.., महाप्रयाण चला गया ...

उड़नखटोले का यह गीत कलाम की राष्ट्रवादी विचार, संस्कार की कलम को समर्पित ...


A sweet song by Lata Mangeshkar composed by Naushad for the film Udan Khatola. This was a film produced by Naushad himself. This is from 1955 and Lata's voice is nearly at its best. The film had an unusal story - about a remote city ruled by women. The film had Naushad's favorite star - Dilip Kumar in the lead role along with Nimmi. Lyrics are by Shakeel Badayuni.
अहाहहा अहा ह हा हा
अहा ह हा ह हा मेरा सलाम ले जा
मेरा सलाम ले जा, दिल का पयाम ले जा, उल्फ़त का जाम ले जा
(उड़न खटोले वाले आ रे)-२
को: मेरा सलाम ले जा, दिल का पयाम ले जा, उल्फ़त का जाम ले जा
(उड़न खटोले वाले आ रे)-२

ल ल ल ला ल ला ला ल हो~

ल ल ल ला ल ला ला ल हो~
ल: उड़ता हवाओं में, बादल के छाँव में, कौन से गाँव में जायेगा तू
उड़ता हवाओं में, बादल के छाँव में, कौन से गाँव में जायेगा तू
ल: नीचे ज़मीन है, दुनिया हसीन है, दिल को यकीन है आयेगा तू
नीचे ज़मीन है, दुनिया हसीन है, दिल को यकीन है आयेगा तू
होय, मेरा सलाम ले जा, दिल का पयाम ले जा, उल्फ़त का जाम ले जा
(उड़न खटोले वाले आ रे)-२
उल्फ़त का मतलब इक़रार नहीँ होता । सिर्फ किसी को देखना प्यार नहीँ होता । यूँ तो मिलते हैँ जिन्दगी मे कई पैग़ाम- ए- मुहब्बत , मोहब्बत है...

कलाम के कहने का सार है..,
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..

Tuesday 28 July 2015

शास्त्री के “जवान-किसान” के “शास्त्र” व तुम्हारे “कलम के कमाल” से, विज्ञान के “शस्त्र” से गौरान्वीत हुआ हिन्दुस्तान.., भारतमाता के इन लालों को हमारा सलाम.. “कलाम” हमारा “सलाम..” आपकी मुस्कान है “राष्ट्रवाद” की पहचान


१.    अब्दुल.., अब दुलारे बनकर, भारतमाता के.., व लाल बहादुर शास्त्री देश के लाल से  .., इन दोनों ने, देश के राख तले चिंगारी की ज्वाला से देश को प्रजज्वित कर दुनिया को दिखा दिया कि  एक गरीब में राष्ट्रवाद की चमक के सामने अमीरी भी फीकी है ..
२.    इन दो हस्तीयों ने दिखा दिया कि “गरीब ही गरीब का दर्द” जानकर “जय जवान-जय किसान –जय विज्ञान” के  कर्मठ कार्य से देश को बुलंदी में  पहुंचा सकता है..
३.    दोनों की जिन्दगी सामान..., फटा हाल बाल्य -जीवन.., कलाम के  पिता नाविक व शास्त्री के  पिता शिक्षक.., शास्त्री तो स्कूल से नाव में जाने के लिए पैसे न होने से तैर कर जाते थे.., और प्रधानमंत्री से,  देश के नाविक बनकर देश की नैय्या पार करा  दी.., कलाम तो नाविक के पुत्र से, देश के  शिक्षक बनकर,गाँव-शहर के २ लाख से ज्यादा बच्चों में उमंग की अलख जगा दी..,
४.    लाल बहादुर शास्त्री की ह्त्या के बाद, उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से  कांग्रेसियों ने उनके घर छापा मारकर जांच की, तो कोई चल-अचल सम्पती न मिलने से, वे हाथ मलते वापस आये..., वही कलामजी ने अपना पूरा धन राष्ट्र के गरीबों व अनाथों को दान कर, एक मिशाल देकर .., आज के सत्ताखोरों की अकूत सम्पती को चुनौती दी कि कालेधन की कला से  नहीं .., “सफ़ेद मन” से ही, देश को राष्ट्रवाद की धारा से  उन्नत बनाया जा सकता

५.    कलामजी, आपने तो, राष्ट्रनीती  के समक्ष  सत्ताखोरों की राजनीती को पटखनी दी है.., संयोग से “मुस्लिम वोट बैंक” का मोहरा बनाकर.सत्ता आपको  महामहीम राष्टपति बनाया .., लेकिन जो भी हुआ .., आप तो एक  निर्वीवादित/निर्विरोध  , बिना राजनेताओ की बैसाखी की याचना से आप महामहीमबने
६.  अब्दुल कमाल जी आपने, अपने वैज्ञानिक कार्यकाल में अग्नि मिसाईल के निर्माण  से दुशमनों की नीद हराम कर दी थी.., और राष्ट्रपति के पद पर आसीन होने के बाद दिखा दिया कि, अपनी वैज्ञानिकता के अनुभव  से, केंद्र  सरकार के, राज्य में विरोधी पक्ष की सत्ता हथियाने के “भ्रष्टाचार के मिसाईल” को धवस्त कर,  “राजनेताओं” की नींद हराम हो गई थी.., इस लिए राजेंद्र प्रसाद की तरह दुबारा राष्ट्रपति नहीं बनाया गया ..
७.  आपके सेवानिर्वित होने के बाद, माफिया-सत्ताखोर-भ्रष्टाचार का  गठबंधन तो देश को फूंक  कर ज्वाला से, देश की प्रतिभा को राख बनाकर.., देश को डुबो रहे है
८.  देश की जीवित पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल  सेवा में आने के पहिले बैंक घोटालों / गबन की रानी थी, उसे सत्ता के भ्रष्टाचारियों ने  राष्ट्र की रानी बनाकर , कांग्रेस के सत्ता गढ़बंधन के A-Z राजाओं ने बंदरबांट से पाहिले आओ.., लूट का माल पाओ के बंदर बाट से देश में लूट का निर्माण कर रहे थे ,
९.  वहीं, वर्तमान राष्ट्रपति भी जादुई छड़ी न होने से देश की चौपट अर्थव्यस्था को ठीक करनेमें अपनी लाचारी जताकर, व इटली के हथियार घोटालों से मलाई बनाकर, जो बचपन में अगला जन्म राष्ट्रपति के घोड़े का चाहते थे.., वे जादुई तरीके से,राष्ट्रपति के घोड़े (पद) पर बैठ गए..,और तो और पिछले लोकसभा चुनाव में अपने पुत्र को कांग्रेस के चुनावी टिकट दिलाकर.., हारकर. उसकी व अपनी लुटिया डुबो दी ..,
१०.                   याद रहे ..,  पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल  सेवानिर्वित होने के बाद पुणे में नेवी की जमीन हड़पकर उसमे बंगला बनाने से विवादों में आ गई, और तो और तो २० ट्रकों में अपना सामान व देश के सम्मान में दिए  गए..,विदेशी देशों के  उपहार भी अपनी माल-मत्ता समझ कर अपने घर पुणे  ले गयी थी ..., बाद में बेशर्मी से उन्हें वह पुरूस्कार ९ ट्रक भरें लौटाना पड़ा .., और अब  पेंशन व अन्य सुविधाओं से ऐश कर रही है..

११.                   एक निर्वादित , बिना राजनेताओ की बैसाखी की याचना से महामहीमबने अब्दुल कलाम , अपनी कलम की ताकत व आवाज से,  आवाम को जागृत कर रहें थे ..., देश भर के स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों के बीच जाकर .., अपने अनुभव..., जूनून .., दृण संकल्प का सन्देश शिक्षक बन कर, गाँव शहर में दे रहें थे ....,  बच्चों में भी स्फूर्ती आती थी ..., क्या बात है ..हमारे पूर्व राष्ट्रपति हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए , हमारे साथ घुल मिल कर बात कर रहें है... 
स्वर्गीय कलाम साहब का यह कर्म ..., आने वाले कल के बच्चों को नया हिन्दुस्तान के नवनिर्माण की शिलाका आधार बना गयी  है...
१२.                   दोस्तों..,  पिछले जितने भी लोगों को “भारत रत्न” मिला है. वे अपने ही घरों में.., इसकी चमक बनाकर, गुमनामी में खो गए .., वही वोट बैंक की बंदरबाट में,हॉकी के जादूगर को अँधेरे में रखकर , सचिन तेदुलकर को “भारत रत्न” दे दिया जो आज भी एक दुकानदार की तरह विज्ञापन की भागीदारी से देशी विदेशी उत्पादों की बिक्री से देश को कलंकित कर रहें हैं , लकिन कलामजी ने तो भारत रत्न की चमक गांवों व स्कूली बच्चों में फैलाकर, शिक्षा की प्रेरणा से, जूनून से अपने संघर्ष की गाथा से लड़ने का मंत्र दिया कि पिछली  बैंच (गरीब) का  बच्चा भी देश को, अपने आत्मविश्वास के बल से देश का अनोखा हीरा बन सकता है
१३.                   अब सवाल उठाता है कि कलाम को  श्रदांजली  देते समय, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी.., क्या उनके गुणों से प्रेरणा लेकर..,क्या वे निर्वित होने के बाद अब्दुल कलाम के जीवन का अनुसरण करेंगे
१४.                    दोस्तों याद रहें .. कलाम के इस गौरान्वित कार्यों से देश की भावी पीढी करे राष्ट्रवाद से जागृत होकर, राजनेताओं के भ्रष्टाचार का खेल ख़त्म न कर दे इस डर से  प्रधानमंत्री मनमोहन के कार्यकाल में अब्दुल कलाम को धमकी मिली थी कि आपके इस दौरे का राजकीय खर्च जो करींब दिन के ५० हजार रूपये है, भारत गरीब देश होने से यह खर्च बर्दास्त  नहीं कर सकता है.... इसे बंद करो...
१५.                   वही देश में  जल-थल- नभ आकाश से कोयला चोर के घोटालों जो अरबों खरबों की लूट के बावजूद,देश का  खजाना खाली होकर देश को गर्त  में ले जाने,  व देश की अर्थ व्यस्था को चौपट करने वालों  को शिल्पकार के रूप में “लूटेरों के निर्माण” से  .भारत निर्माण’ के मसीहा से सम्मानित कर, देशवासियों को भरमाया जा रहा था .
१६.                   कलामजी.., आपकी ८३ वर्ष की कर्म शक्ति व देश की संसद में बंदरों की लूट नीती के विरोध में.., संसद ठप..,  के ४ दिनों  का देश का गुजरा काल बर्बाद होने से , व पंजाब में आतकवाद की  घटना से आप आहत थे.., अपने “श्वास  के अंतिम स्वर”, देश के लिए समर्पीत थे ..,यह सदमा आप सहन न कर सके..,
१७.                    आपकी मृत्यू के सदमे से,देशवासी बुरी तरह आहत होकर, आँखों में आंसू भरकर कह रहा है, ऐसे कलाम कहाँ खो गए  है.., अब, देशवासी आपकी प्रेरणा से अभिभूत होकर ही देश को २०२० के “विश्व गुरू”  बनाने के  आपके मिशन को पूरा करने में  संकलिप्त होगा.
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कलाम के कहने का सार है..,
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें.., 

Monday 27 July 2015

कलाम.., मेरा व देशवासियों की तरफ से तुम्हें अश्रूपूर्वक सलाम.., अब पता चला आसमान बरस नहीं रो रहा था वो जानता था एक फरिश्ता आज हमेशा के लिए सो रहा था. #अलविदा_मिसाइल_मैन...


कलाम..,  मेरा व देशवासियों की तरफ से तुम्हें अश्रूपूर्वक सलाम.., अब पता चला आसमान बरस नहीं रो रहा था वो जानता था एक फरिश्ता आज हमेशा के लिए सो रहा था. #अलविदा_मिसाइल_मैन...


आपके शिलोंग में मृत्यू से आपकी कर्मंणता की शिखा को. लॉन्ग रखा., आप “मिसाईल मैन” नहीं  देश के “मशाल मैन” हो और रहोगे..,

क्या.., देश का, कोई वर्तमान व भविष्य का राष्ट्रपति आपके गुणों की  भरपाई कर सकता है ..!!! असंभव..

   यदि.., आपके यह वाक्य “सत्ताखोरों” ने आज  ध्यान/संज्ञान  में लिए होते..,  व “भ्रष्टाचार व वोट बैंक का पूंजीवाद” से “सत्ता की खुमारी”  को अपना हथियार बनाकर, सत्ता नहीं हथियाते तो,,,  देश में, आतंकवादी घटना नहीं होती .., यदि देशवासी आपकी वाणी को अपनाएगा तो देश चंद दिनों में  “विश्व गुरू”  बन जाएगा.., आपके “गुरूतत्व” के गुणतत्व में “राष्ट्रवाद” का तत्व है..

आपके “HEART – ATTACK” की मृत्यु को, आपके कर्म योग की वाणी से, यदि देशवासी  “ATTRACT” हो जाये तो, उसे एक नई जिंदगानी से “डूबते देश की नैया” पार से, इस देश पर ATTACK / हमला करने का, विश्व का कोई देश साहस करने का स्वपन में भी नहीं सोचेगा ...

फेस बुक पेज..,
देश डूबा कम्युनिटी, मेरा देश डूबा बचाओं, बापू के तीन बंदर.., बापू के तीन बंदरअब बन गये है मस्त कलन्दर
 
फेस बुक ग्रुप पेज.., FUNBOOK NAHI, HINDUSTHANI ROAD BOOK BANO... , CORRUUTION-(KAR UP SON – KAR UP SHARM)  बेटे को उपर उठाने के लिए  बेशर्म नो..,  ग्रुप  व बेबाक वेबस्थल WWW . www . meradeshdoooba  . com
परिवार की तरफ से.., कलाम आपकी कलम के साथ-साथ वाणी की  मशाल,  “बेमिशाल” है..., देश तुम्हारी कभी भूल नहीं सकता है.., आपकी प्रेरणा से ही देश..., उज्जवलित होगा...

दोस्तों “कलाम की कलम” भी यही आवाज कहती है ..प्रेरित करती है  
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें.., 

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फेस बुक व वेबस्थल की महँ कलामजी को उनके जन्म दिन पर की post .., October 15, 2014 · 



कलाम.., कल की आम, कली (नन्ही पीढी), व हर हिन्दुस्तानी को,तुम्हारे जन्म दिन का है अभिमान..,

तुम्हारी राष्ट्रवादी प्रेरणा से हिन्दुस्तानी कायल..., धर्मवादी घायल...,

तुम्हारे कलम की राष्ट्रवादी धार , हिन्दुस्तानीयों को रखता है सदाबहार...,

आपकी आयु के हर दिन को सलाम..

देशवासिओं की आपकी दीर्घायु के. हर दिन,दीप आयु के, “दीप की लौसे एक नई रोशनी के मार्गदर्शन का प्रणाम .

देश के शिक्षक तुम्हे सलाम..., देश में जितने राष्ट्रपति बने .. वे राजनीतीज्ञों की कृपा से देश के सर्वोच पद पर बैठे ...और देश के महामहिम पद से निर्वित होकर.., सरकारी सुविधा भोगते हुए , जीवन की लीला समाप्त कर गुमनामी में खो गए...
पिछली राष्ट्रपति प्रतिभा पालिल तो २० ट्रकों में देश के सम्मान में दी गए उपहार भी अपनी माल-मत्ता समझ कर अपने घर ले गयी थी ..., बाद में बेशर्मी से उन्हें वह पुरूस्कार ९ ट्रक भरें लौटाना पड़ा .., और पेंशन व अन्य सुविधाओं से ऐश कर रही है..
अभी वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जो रक्षा व अन्य घोटाले में सम्मलित है... क्या वे निर्वित होने के बाद अब्दुल कलाम के जीवन का अनुसरण करेंगे
एक निर्वादित , बिना राजनेताओ की बैसाखी की याचना से महामहीमबने अब्दुल कलाम , अपनी कलम की ताकत व आवाज से, आज भी आवाम को जागृत कर रहें है...,आज भी देश भर के स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों के बीच जाकर .., बच्चों में भी स्फूर्ती आती है..., क्या बात है ..हमारे पूर्व राष्ट्रपति हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए , हमारे साथ घुल मिल कर बात कर रहें है...
आज कलाम साहब का यह कर्म ..., आने वाले कल के बच्चों को नया हिन्दुस्तान के नवनिर्माण की शिलाका आधार बना रही है...
आज भी अब्दुल कलम अपने अनुभव..., जूनून .., दृण संकल्प का सन्देश शिक्षक बन कर, गाँव शहर में दे रहें है...., इसमें कोई शक नहीं है...,
दोस्तों याद रहें .. प्रधानमंत्री मनमोहन के कार्यकाल में अब्दुल कलाम को धमकी मिली थी आपके इस दौरे का राजकीय खर्च जो करींब दिन के ५० हजार रूपये है, भारत गरीब देश होने से यह खर्च वहां नहीं कर सकता है.... इसे बंद करो...
देश के जल-थल- नभ आकाश से कोयला चोर जो अरबों खरबों की लूट के बावजूद देश की अर्थ व्यस्था के शिल्पकार के रूप में सम्मानित किया है.

Thursday 23 July 2015

अब, हम बापू के नहीं.., देश के “आजाद” राष्ट्रवादी बंदर हैं..आज “चंद्रशेखर तिवारी” उर्फ़ “आजाद” की जन्मतिथी है.., जिन्होंने मात्र २५ साल की उम्र की अपनी जवानी, भारतमाता को समर्पीत करने वाले इस “आजाद” पुरूष के बारे में देश में मुर्दानगी है..,



बोलू: अबे देखू .., कुछ तो बोल.., क्या देख रहा है .., अब, हम बापू के नहीं.., देश के  “आजाद”  राष्ट्रवादी बंदर हैं..
बापू के तीन बंदर, अब बन गये है मस्त कलन्दर http://meradeshdoooba.com
देखू: आज “चंद्रशेखर तिवारी” उर्फ़ “आजाद” की जन्मतिथी है.., जिन्होंने मात्र २५ साल की उम्र की अपनी जवानी, भारतमाता को समर्पीत करने वाले इस “आजाद” पुरूष के बारे में देश में मुर्दानगी है..,
सूनू: पार्लियामेंट में  भ्रष्टाचार के पिपरमेंट के पलटवार का शोर है.., काले अंग्रेज, अब बंदर बनकर  आपस में लड़ रहे है.., इस भ्रष्टाचार से अपनी पार्टी को “आजाद” कहने की होड़ में आपस से ज़ुबानी जंग से, सनसनी से, ६८ सालों से  संसद को “बदरंगी” करने  का यह खेल बेतहासा जारी  है   
बोलू:  इस सत्ता परिवर्तन के ६८ सालों के इतिहास मैं लूट के सौदे में भाजपा ने कांग्रेस पर ट्विटर से टूट कर,हमला किया है कि हमारा   लूट का माल १% भी नहीं है.., अभी तो हमने  लंगोट चुराया हा इसमें कोई खोट नहीं   देश के  तुमने तो १० सालों में हीरे के कपड़े बना लिए है...
देखू: हां..,  इस “लूट तंत्र के – पैदाईश” में दिल्ली में एक २१ वी सदी  के “लू”  का बंदर पैदा हुआ है.., ६७ सीटों की कुर्सी पर बैठ , अब अपने को ६७ इन्च का  सीना तानने के भ्रम में , नवाबी जंग की नौटंकी कर अपने को  प्रधानमंत्री से,  अब देश का बड़ा बंदर कहकर, हर बार  गुलाटी  मारने पर मुंह के बल गिरने के बाद दर्दीली आवाज में कहता है..., मेरी गुलाटियों”  की असफलता के  पीछे  “नरेन्द्र मोदी” का हाथ है ..,
देखू: मे तो, देख रहा हूं, प्रधानमंत्री तो “राष्ट्रवादी लंगूर” हैं, लेकिन वे इस देश की बगिया को लूट कर रहे बंदरों को भगाने की बजाय.., आँखें  मूदे बैठे है..!!!
बोलू : यह बड़ा केमिकल लोचा है.., ३६० कोनों में देश के बंदरों की बहार है.., व सीमा पार भेड़िये,परस्पर मिलकर  देश में खूनी खेल का तांडव मचाने के खेल की योजना बना रहें है.., ये हर पार्टी के काले देशी बंदर तो देश की “बिल्लियों” को योजनाओं के नाम से IPL से ZPL के तराजू की योजनाएं बनाकर ,उनकी रोटी  छीन रही है..,
देखू: देशवासी हैरान व परेशान है.., “अच्छे दिन” के  “मानसून” का दूसरा दौर है.., मोदीजी की “मन-की-बात” से देशवासियों का “मन सूख” व महंगाई से तन-सूख” रहा है ..
सुनू:  पार्टी के नेता व कार्यकर्ता तो इससे खुश होकर.., ताल-ठोककर  “तन- मन-सुख” का नारा देकर ११ करोड़ के सदस्यता जता कर.., देशवासियों को भरमा रहें हैं     
बोलू:  मोदी को ख़तरा तो अपने ही बंदरों से है .., लंगोटी रोटी, चुराने के आरोप में, वह कही “ग़दर” न कर ,ये बंदर “पाटी” को  बदतर न कर दे.., इसलिए सबसे भली चुप्प.. से चुपचाप से “रण नीती” का इन्तजार कर रहें हैं

बोलू: अरे देखू.., हम मुद्दो से भटक गए है.., अभी आजाद के बलिदान की अधूरी आजादी के बारे में बात करे...
 देखू :  हमारे,  देश के सैकड़ों क्रांतीकारियों  शहीदों का जन्म  दिवस , बलिदान दिवस..., आता – जाता रहा, लेकिन इन्हें तो आज तक देश के क्रान्तीकरियों को शहीद का दर्जा नहीं मिला.., इनके घर तो जर्जर अवस्था में हैं..और आज के सत्ताखोरों के स्वतंत्रता सेनानी के तमगे से इन क्रांतीकारियों की जमीनें हड़प कर उनका अस्तित्व समाप्त कर रहें हैं..
सूनू:   हाँ., आज की वर्तमान सरकारें भी इनकी ह्त्या के रहस्य की फाईलों को गुप्त रख, कह रहीं है..जनता को राज बताने पर विदेशी ताकतों से हमारे सम्बन्ध खराब होने से विदेशी सहायता न मिलने से देश की अर्थ व्यवस्था.., चौपट हो जायेगी 
बोलू:   हाँ..., यही ६८ सालों से सभी सरकारों की व्यथा है.. 
देखू:   हाँ, मैं देख रहा हूँ, जहां खुदीराम बोस का मुजफ्‌फरपुर के बर्निंगघाट पर अंतिम संस्कार किया गया था लेकिन उस स्थल पर शौचालय बना दिया गया है. इसी तरह किंग्सफोर्ड को जिस स्थल पर बम मारा गया था उस स्थल पर मुर्गा काटने और बेचने का धंधा हो रहा है.
बोलू :  यह शहीदों के प्रति घोर अपमान और अपराध है? देश के स्वाभिमान का घोर अपमान है...
अगर सरदार भगत सिह को तुम कब्र से उठाओं तो तुम उसे दुखी पाओगे, क्योंकि जिस आजादी के लिए बेचारे ने जान गवाई , वह आजादी दो कौड़ी की साबित हुई , तुम शहीदों को उठाओं कब्रों से और पूछों”. क्या इसी आजादी के लिए तुम मरे थे , इतने प्रसन्न हुए थे ...??, इन राजनीतिज्ञों के हाथ में ताकत देने के लिए तुमने कुरबानी दी थी ..?????, तो भगत सिह छाती पीट-पीट कर रोयेगा कि हमें क्या पता था , जिंदगी का..., गांधी तो ज़िंदा थे आजादी आई और आजादी आने के बाद गांधी छाती पीटने लगे थे , गांधी बार-बार कहते थे मेरी कोई सुनता नहीं , मैं खोटा सिक्का हो गया हूँ , मेरा कोई चलन नही है गांधी दुखी है, गांधी सोचते थे : एक सौ पच्चीस साल जीऊंगा , लेकिन आजादी के नौ महीने बाद उन्होंने कहा अब मेरी एक सौ पच्चीस साल जीने की कोइ इच्छा नहीं है , यह बड़ी हैरानी की बात है , शहीदों की चिताओं पर भले मेले भर रहे हों , लेकिन शहीदों के चिताओं के भीतर आंसू बह रहें हैं
सूनू:  बात तूने पते की कही है,,,, जनता भी यही कह रही है,,,
बोलू:  देश के शहीदो के अपमान से बने , गाँधी के नाम से, नेता, अपनी नंगई से बनें बेईमान, सत्ता को सट्टा के नाम से देश को भ्रष्टाचार से खोखला कर दिया, आज भी हमारे क्रंतिकारी शहीद भगतसिग, सुभाषचन्द्र बोस , चन्द्रशेखर से वीर सावरकर को भी देश्द्रोहीयों की काली सूची मे है...आज शहीदो के चिताओ पर राजनेता अपनी भ्रष्टाचार की, रोटी सेंककर, अपने को शहीदों से महान बनाने की हौड मे है.. देश का शहद चाटकर , आज देश के गली , मुहल्ले ,नगर , शहर, शिक्षा व अन्य संस्थानों पर ऐसे करोड़ों नाम हैं...,जिसे अपने नाम कर लिए है...??
सूनू :  हाँ.., ३० साल बाद, नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस स्वाभिमान को जगाने, उनके स्मारक में जाकर जोशीला भाषण मैंने सूना 
देखू:   हाँ , पिछली बार मैंने देखा था .., सवेरे से प्रधानमंत्री की दौड़ में होड़ लगाने के लिए, सभी पार्टियों के छुटभैये नेता श्रेय ले रहे थे..., जैसे हममें ही.. सरदार भगत सिंग का ही खून दौड़ रहा है..., और तो और श्रदांजली देते समय अन्ना हजारे के आंसू छलक गए थे..
बोलू:   लेकिन अन्ना हजारे तो गांधी वादी नेता है...., और गांधी ने तो अहिसा के भ्रामक प्रचार से देश के लोगों को गुलाम मानकर, जलियांवाला बाग़ के भीषण हत्याकांड निर्दोष लोगों की ह्त्या के प्रतिकार न करने से ही, जबकि लाला लाजपत राय की इस प्रतिरोध में मौत होने से..., क्रांतीकारियों में इस शासन को उखाड़ फेंकने का जूनून पैदा हो गया 
सूनू:   हाँ गांधीजी को तो अंग्रेजों से जलपान मिल रहा था.., इसलिए जलियांवाला बाग़ के भीषण हत्याकांड का विरोध नहीं किया था.., उन्होंने तो इन क्रांतीकारियों के कार्य की निंदा कर, अंग्रेजों को एक नया शक्तिबल देकर देशवासियों का दमन करने का पुख्ता इंतजाम कर दिया था 
बोलू: हां.., वे तो.., अंग्रेजों के सेफ्टी वाल के लिए अंग्रेजों के सुरक्षा कवच बने.., जब भी क्रांतीकारियों का आन्दोलन, ज्वलंत होने लगता था.., तब गांधीजी से अहिंसा की बारिश करवाकर.., उनके मंसूबों पर पानी फेर देते थे 
देखू:   हाँ.., अब तो मैं देख रहा हूं ..., सेना की जमीन भी हड़प कर, सत्ता की बंदरबांट से आदर्श महलों व घोटालों के मकडजाल से जनता इसमें फंस कर ६८ सालों से उसका खून चूसा जा रहा है.., हमारी गांधी के स्वराज के पुतले की स्वराजका ढिंढोरा पीटकर, विदेशी हाथ, विदेशी, विदेशी साथ विदेशी संस्कार से देश में बेतहासा लूट पर छूट मिल रही है..
बोलू:  देश के क्रांतीकारी तो खाते पीते घर के थे, उन्हें सत्ता का लोभ नहीं.., भारतमाता की गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराना था.., और इसे राष्ट्रीय धर्म मानकर देश के लिए कुर्बानी से देश के उज्जवल भविष्य की कामना की अपेक्षाओं को, ६८ सालों से सत्ताखोरों ने देश को विदेशी कर्ज से देश को डुबो दिया है...
सूनू: अभी नेता तो भगत सिंग व अन्य क्रांतीकारियों से अपनी सत्ता की पुरी तल कर, जनता में जोश भरने का खेल, खेल रहे हैं..
देखू : देश की हालत देखकर मैं तो गंभीर हो गया हूँ, मेरे रोये खड़े हो गए हैं.., अब देश का क्या होगा 
बोलू: देश गर्त में जाएगा, जब तक देशवासी में.., यह सोच रहेगी कि.., भगत सिंग मेरे पडोस में पैदा हो..., यदि देशवासी.., “सोच बदले तो देश बदलेगा...,” “राष्ट्रवाद.., राष्ट्रवाद..., राष्ट्रवाद..,” सावरकर, सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद व अनन्य क्रांतीकारी जैसों से ...
बोलू : हम बंदरों के कहने का सार है..,

Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..,