Tuesday 27 June 2023

याद रहे, २७ जून ., देशवासी भूल गए , आज हमारे एक शूर-वीर फील्ड मार्शल मानेक शाह की पुण्य तिथि है

 याद रहे, २७ जून ., देशवासी भूल गए , आज हमारे एक  शूर-वीर फील्ड मार्शल मानेक शाह की पुण्य  तिथी है 

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जिन्होंने देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पाकिस्तान से युद्ध में झोकने से पहिले चेताया व कहा था मेरे सेना के मानक से उसकी तैयारी सिर्फ 25% है और हम 100% युद्ध के लिए तैयार नही हैं


  

इसके बावजूद युद्ध में फील्ड मार्शल मानेक शाह की दूर दर्शिता से मात्र 14 दिनों में हम युद्ध जीत जाने पर इसका श्रेय काँग्रेस पार्टी ने लेकर इन्दिरा गांधी को दुर्गा के रूप में स्थापित किया

इन्दिरा गांधी के इस पाखंड को चुनौती देते हुये फील्ड मार्शल मानेक शाह ने कहा “तुम में कितना भी घमंड हो लेकिन याद रखना तेरे नाक से लंबी मेरी नाक  है”



1962 की लड़ाई  में फील्ड मार्शल करिअप्पा ने अतहप्रयास के नेहरू के छद्म शांति के प्रयास से देश को चेताते हुये कहा था, देश को सावरकर की विचार धारा अपनाकर देश का हर सैनिक व देशवासी वीर शूरवीर बनकर देश चंद दिनों में विश्व गुरू बन जाएगा और चीन के युद्ध में इस हार के लिये  पूर्ण रूप से प्रधान मंत्री नेहरू को जिम्मेदार ठहराया


 

1965  में पाकिस्तान के अचानक आक्रमण से प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने सेना के त्तीनों अंगों को खुली छूट देकर, युद्ध जीतकर इसका श्रेय स्वन्य न लेकर , देश व सेना के जवानों व किसानों को दिया व उनके इस राष्ट्रवाद के जागरण से, बाद में देश व विदेश के माफियाओं के सुनियोजित संगठन ने उनकी ह्त्या हो गई 


वही 1999 में देश के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व रक्षा मंत्री जॉर्ज फरनाडिस  को जब  जयललिता ने पार्टी के समर्थन न देने की घोषणा से  उनके पाँव पकड़ने के अपने 100% ध्यान से  देश की सीमा पर  घुसपैठ की जानकारी को अफवाह कहकर छद्म राष्ट्रवाद का स्वांग रचते हुये, अपनी कुर्सी को मजबूती देते हुये,  पाकिस्तान के बारे में कहा “हम पड़ोसी बदल नही सकते हैं  व हमको हमेशा पड़ोसी को मैत्री का संदेश देना होगा” व इस दौर में पाकिस्तान के जनरल  मुशर्रफ को ताज महल की यात्रा कराकर देश का ताज पहनाया गया


 

प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस स्वांग से, देश को दो महीनों के युद्ध से  देश के 1000 से ज्यादा जवानों की हत्या कर यों कहें हारे हुये युद्ध को जीत बताकर, अपनी नाकामी को छुपाकर  “ऑपरेशन विजय” कहकर  उनकी पार्टी भाजपा  ने जवाहरलाल नेहरू की तरह भारत रत्न देकर आज भी विभिन्न योजनाओ से देश को भरमाया जा रहा है


अंततः एक छोटी सी जानकारी  फील्ड मार्शल मानेक शाह के जून 27 , 2008 मे तमिलनाडु मे देहावसान पर उनकी अंतिम यात्रा में कोई कॉंग्रेस का कुत्ता तक नही आया नाम मात्र के गिने चुने लोग थे 

आज हम 16 दिसम्बर 1971 युद्ध के जीत की स्वर्ण जयंती  मना रहें हैं लेकिन फील्ड मार्शल मानेक शाह की कीर्ति के चर्चा से आज भी नई पीढ़ी अंजान व अनभिज्ञ है… क्या ऐसे में देश का जज्बा बढ़ सकता है ….!!!!

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The India win’s Pakistani War of 1971

युद्ध में हिंदुस्तान के जीत को कांग्रेस की जीत है 

सैम मानेक शाह ने इंदिरा को। लताड़ते हुए काहा . यह देश के जवानों के उत्साह से हिंदुस्तान की जीत और

“तुम में कितना भी घमंड हो लेकिन याद रखना तेरी नाक से लंबी मेरी नाक  है”


साभार www.meradeshdoooba.com

Sunday 25 June 2023

indira is india…,एक जन नायक से लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने विश्व को संदेश दिया की सत्ता.., जन से जन्मती है तभी देश की उन्नति होती है …


 

indira is india…, आपात काल को राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन को रात १.३० बजे नींद से जगाकर संविधान को कूड़ेदान में डालने के अध्यादेश में हस्ताक्षर करने पर मजबूर कर .., सवेरे संसद में कांग्रेसी सांसद को धमकाकर, अनापत्ती लेकर देश में आपातकाल थोपने की घोषणा २५ जून १९७५ को की गई


 

एक जन नायक से लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने विश्व को संदेश दिया की सत्ता.., जन से जन्मती है तभी देश की उन्नति होती है …

 

लेकिन दुख के साथ लिखना पड़ रहा की आपात काल में १८ महीने जेल में रहने वालों नेताओं ने वंशवाद की ज़हरीली बेल बनकर देश को घोटालों से “देश को डूबो दिया “

 

लाखों करोड़ों का घोटाला करने के बावजूद माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुल्ला मुलायम को पद्म विभूषण से नवाजा जबकि बेटा अखिलेश उनको भारत रत्न का सम्मान की माँग कर रहा है

 

व बिहार के लालू यादव ने RJD दल से “राष्ट्रीय जंगल दल “ से “पशु राज बनाकर” चारा / रेलवे व अन्य घोटालों से अरबों का घोटालों से जमानत को आज़ादी की अमानत से अब भी ऐश कर रहें हैं

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Indira is India - Direct action to kill Democracy

 

इंदिरा ही इंडिया है  - लोकतंत्र की हत्या के लिए सीधी कार्रवाई

 

इंडिया  इंदिरा नही , राष्ट्र किसी की बपौती नही प्रकृति का दिया उपहार व राष्ट्र की उन्नति ही जन -जन की संपन्नता से गौरान्वित व वैभव पूर्ण रहेगा

 

India is not Indira, the nation is not anyone's inheritance, it is a gift given by nature and the progress of the nation will be full of glory and glory due to the prosperity of the people.

 


Saturday 24 June 2023

वीर सावरकर की, !!!! दो अचूक.., सार्थक भविश्यवाणीयाँ !!!! १. श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं .., आप जिन्दा नहीं लौटेंगें

 



डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस।, कश्मीर मे धारा 370 समाप्त करने का लक्ष्य /सपना  सार्थक हुआ

 

 

वीर सावरकर की दो अचूक.., सार्थक भविश्यवाणीयाँ ...

.  श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं .., आप जिन्दा नहीं लौटेंगें.

.  ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओयदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे..



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.    सन १९५३ में, हिन्दु महासभा, राम राज्य परिषद् जनसंघ ने  कश्मीर का  हिन्दुस्थान में सम्पूर्ण विलय के लिए के लिये संयुक्त सत्याग्रह किया. कश्मीर के मुख्यमंती शेख अब्दुल्ला  ने सरकारी अनुमति के बिना ,बाहर के लोगों को प्रदेश  में प्रवेश बंदी लगी  थी..,  तब डॉ श्यामा प्रसाद मुखजी मुख़र्जी ने  घोषणा कर की मैं इस प्रवेश  बंदी के विरोध के बावजूद कशमीर जाऊंगा तब  वीर सावरकर ने उनसे  कहा ...,  “श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं .., आप जिन्दा नहीं लौटेंगें..

.    कश्मीर में प्रवेश करते ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल, ह्त्या  कर आकस्मिक मौत कह दिया

 

.    डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की माता ने , प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग मिलाने का अनुरोध  को ठुकरा दिया, और कहा  वे बीमारी से मरे थे.., आज तक पूर्व से वर्तमान  सत्ताधारियों ने इस पर जांच करने की भी सोच नहीं की

 

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.    ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओयदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे..,.

.     जनवरी १९६६ की रात लालबहादुर शास्त्री ने ताशकंद से अपनी पत्नी ललिता शास्त्री को फोन कर कहा “मैं हिन्दुस्तान आना चाहता हूँयहांमुझ पर हस्ताक्षर करने के लिए दवाब डाल रहें है...मुझे यहां घुटन हो रही है...
देश के सत्ता की राजनयिक फौजे बार-बारशास्त्रीजी से कह रही थी...भले हम युद्ध जीत गये हैंयदि आप हस्ताक्षर नहीं करोगे तो आगे अन्तराष्ट्रीय बिरादरी एकजुट होकर देश की आर्थिक स्तिथी बिगाड़ देगी...

.  इसके बाद उनके कड़े मंसूबेहमारे देश के सत्ता की राजनयिक फौजे तोड़ने में कामयाब हो गयी..१० जनवरी १९६६ के शाम .३० बजे , शास्त्रीजी ने जीती हुई जमीन वापस लौटाने शांती समझौते पर हस्ताक्षर करने के बादउनके पुत्र अनिल शास्त्री को कहा गया ...वे देश के प्रधानमंत्री हैंउनकी सुरक्षा के लिए उन्हें विशेष आवास में अकेले में सुरक्षित रखना होगा.

.    प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद समझौते के बाद घंटे के बाद , ११ जनवरी तड़के बजे,पाकिस्तानी रसोईये द्वारा रात को दूध पीने के बाद उनकी मौत हो गईमौत के समय उनके कमरे मे टेलिफोन नही थाजबकिउनके बगल के कमरे के राजनयिकों के कमरों मे टेलिफोन थाउनकी मौत की पुष्टी होने पर राजनयिकों की फौज दिल्ली मे फोन लगा कर चर्चा कर रहे थे कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ?

. अंत तक ललिता शास्त्री गुहार लगाती रहीमेरे पति की मौत की जाँच होआज तक सभी सरकारों द्वाराकोइ कारवाई नही हुई?, 

. इस रहस्य को जानने के लियेआर.टी.आई. कार्यकर्ता अनुज धर ने एडी चोटी का जोर लगाने के बादसरकार की तरफ से जवाब मिला कि यदि हम इस बात का खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?

.  दोस्तों अब सवाल है कि लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या का  खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?लेकिन  डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के  ह्त्या की जांच से  क्या देश के नेताओं के आपसी  आंच  में सम्बन्ध खराब होने से, जाँच को चूल्हे की आंच में डाल दिया  

 

.  मानवता के उपासक प्रखर राष्ट्रवादी 
महान शिक्षाविद भारतीय जनसंघ के संस्थापक
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को  
भावभीनी श्रद्धांजलि