Thursday 30 October 2014



भारतीय क़ानून.., चोर बनाया इंडिया (C.B.I.) के बलबूते मिला, क्वात्रोची का जूता ..., क्वात्रोची बना QUESTION की अर्थी ..., अब बड़े आराम से कब्र में इस घोटाले के पैसे से ऐश कर रहा है...

६४ करोड़ का घोटाला.., क्वात्रोची को पकड़ने व स्विस बैंक में काला धन खोजने में ४०० करोड़ से ज्यादा खर्च ..., यह है C.B.I. का मनी मून पैकेज , दोनों हाथों में खाने की थाली होने से, इंटरपोल द्वारा क्वात्रोची को पकड़ने के बावजूद, उन्हें दिखने की भी फुर्सत नहीं थी..,

जब अदालत में क्वात्रोची के मुक़दमे को बंद करने की जिरह चल रही थी.. तब जज साहब ने अपना माथा पकड़ते हुए भावुकता से कहा...,इस ६४ करोड़ के चक्कर में, देश के ४०० करोड़ से ज्यादा रूपये लूट चुके है.., अब और कितना लुटाओगे..., देश में इतनी गरीबी है कि ७५% लोग तो २० रूपये भी नहीं कमातें है..., भूखमरी से हिन्दुस्तान बर्बाद हो गया है ..

याद रहे बोफोर्स घोटाले की रकम ३० दिनों में खोज कर लाने के दावे के झांसे से.., वी.पी. सिंग प्रधानमंत्री बनें , जो पहले, कांग्रेस के एक अति वफादार सिपाही थे , वे कांग्रेस के गद्दार निकले..., प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शव चिता की आग की ज्वाला, के समय, जब सब कांग्रेसी नारा लगा रहें थे “ जब तक सूरज चाँद रहेगा..., इंदिरा तेरा नाम रहेगा” तब वी.पी. सिंग ने चिल्लाते हुए कांग्रेसियों को कहा यह नारा गलत है .., और नए नारे का आव्हान दिया “जब तक इंदिरा तेरा नाम रहेगा..., तब तक सूरज चाँद रहेगा...,”

वी.पी. सिंग के प्रधानमंत्री बनते ही बोफोर्स मुद्दे को फ़ोर्स के साथ कूड़े दान में डाल दिया, व अपनी सत्ता १०० सालों तक सुरक्षित रखने के लिए ..., दलित व आरक्षण का कार्ड ख़ेल कर , सैकड़ों युवकों को आत्मदाह के लिए मजबूर किया ..., याद रहे.., यह आत्मदाह आन्दोलन आज तक दुनिया के इतिहास में कभी नहीं हुआ है...

मोदीजी ने भी चुनाव के समय बड़ी हुंकार भरी थी , मैं देश की तिजोरी को लूटने वालों व काला धन, विदेशों में जमा करने वालों की एक-एक पाई वापस लाऊंगा ...,
अब उनके पास तिजोरी की चाबी आ गई है..., तो, अब वे, किस डर से वे तिजोरी खोलने में हिचक रहे, हैं...,

क्या..??, पूर्व घटनाओं की तरह.., यह भी सी.बी.आई. व S.I.T, के लिए बोफोर्स का “मनी मून” पैकेज साबित होगा ...!!!!

अभी से ही स्विस बैंक में हडकंप मचा हुआ है और वे, भारतीय खाताधारकों को संकेत दे रहें हैं कि, ३१ दिसंबर के पहले अपने पैसे निकालों..., ताकि नामों का खुलासा नहीं हो सके....

क्या चीन की तरह..., मोदी..????..., विदेशी देशों को धमकाकर यह कदम उठा नहीं सकते है..., इसके पहिले अमेरिका द्वारा धमकाने पर उसका पूरा काला धन स्विस व अन्य बैंकों ने लौटाया था...

यह Oct 21, 2014, 10:07AM ISTकी खबर है ===, भारत में कालेधन की वापसी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। लेकिन चीन अपना कालाधन और उसे ले जाने वालों को ऑस्ट्रेलिया से पकड़ मंगवाने में सफल होता दिख रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की है कि वह चीन के भ्रष्ट अफसरों को पकड़ेगा। उन्हें उनके काले धन के साथ चीन को सौंप देगा। चीन के कई भ्रष्ट अफसर मौत की सजा के डर से रकम समेत कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भाग गए हैं।

चीन का अनुमान है कि ये अफसर 2005 से 2011 के बीच करीब 184 लाख करोड़ रुपए का कालाधन लेकर भागे हैं। ऑस्ट्रेलिया की पुलिस ने इसके लिए अभियान भी शुरू कर दिया है। इसे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

ऑस्ट्रेलियाई अखबार संडे मॉर्निंग हैराल्ड के अनुसार, भ्रष्ट अफसरों की संपत्ति जब्त करने का अभियान शुरू हो गया है। इस धरपकड़ अभियान की कमान कमांडर ब्रूस हिल के पास है। सभी आरोपियों के बैंक खाते सील किए जाने लगे हैं। एक हफ्ते में उन्हें चीन भेजने का काम शुरू हो जाएगा।

चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच है करार
चीन ने देश से कालाधन लेकर फरार अफसरों के खिलाफ जुलाई में ऑपरेशन फॉक्स हंट शुरू किया था। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौता भी किया है। इसमें भगोड़े चीनी अधिकारियों को देश को सौंपने और उनके खाते सील करने के प्रावधान हैं। 

Tuesday 28 October 2014



मोदी नाम के इस एकमेव योद्धा शेर ने..., जातिवाद भाषावाद, धर्मवादियों की वादियों को ख़त्म कर दिया है.., व बंगाल सीमा पर घुसपैठीयों के बम बनाने के ठिकानों को ध्वस्त कर.., ममता बेनर्जी को पस्त कर दिया है...,
सीमा पार दुश्मनों के दुश्मनों में खलबली है..., देश में WWF का खली पहलवान के शासन से, देश बली है..., दुश्मन करें चीत्कार..., कैसे मोदी बन गए है. सत्ता के चमत्कार..., 

सिकंदर ने कहा था भेड़ों का राजा यदि शेर हो, तो उसे मैं, पराजित नहीं कर सकता हूँ .., यदि शेरों का राजा यदि भेड़ है तो तो उसका भेद लेकर, उस सेना को परास्त करना मेरे लिए बहुत आसान है..
अभी हाल ही में.., हमारे प्रधानमंत्री ने भी कहा था.., हमारे देश के शेर, भेड़ों के शासन में रहकर .., उनका D.N.A. बदल रहा था..., अभी मैं . उन्हें शेर के रूप में उनका पुराना स्वरूप जगाऊंगा .

दोस्तों ..., सत्ता परिवर्तन को..., आजादी का झांसा देकर.., हम देशवासियों को बरगलाया गया ...
१९४७ में गांधी , देश को ऐसे मुहाने में छोड़ दिया था..., जो ,अंग्रेजों की मिलीभगत से देश में खूनी होली से ५ लाख हिन्दुस्थानियों की बलि से.., देश के टुकड़े से सीमाओं के निशान, लाल रंग से नदियों के रूप में प्रवाहित हो रहे थे.., अहिंसा का सिद्धांत का नायक.., यम दूत बनकर.., मौत का नंगा नाच खिलवा रहा था

इसके बावजूद, कांग्रेसी अखबार नेशनल हेराल्ड ने.., गांधी को महात्मा व बापू की उपाधि से HERO-HOLD हीरो बताया .., व नेहरू को दंडित करने के बजाय “पंडित” के नाम से नवाजा गया ..., उनके अय्याशी के कारनामों को नजर अंदाज किया ..., इसके साथ-साथ छोटे अखबार भी पेट भरने के लिए पिछलग्गू बनकर..., देश की गरीबी , भूखमरी की मार्मिक तस्वीर को छुपाकर ...,

गांधी की गंदी राजनीती व जवाहर के जहर को अमृत दर्शाकर ..., अनपढ़ गरीब जनता को तो, देश के सरकारी अंग्रेजी बाबूओं के तलवे चाटुकारों की स्तुती से.., देश को कर्ज के गर्त में डाल दिया ..

हमारी देश की हरियाली, जो १९४७ तक, किसानों के जीवन में दिवाली होती थी .., उसे कर्ज के मर्ज से सत्ताखोरों ने मतवाली बनाकर देश को.., आज, १००० साल पीछे छोड़ दिया है...

याद रहे ११ शताब्दी के विदेशी आक्रमणकारियों के “गुलामी के इतिहास” से आज तक देश में लोगों का जो गरीबी ग्राफ है.., वह कभी इतना ऊंचा नहीं रहा.., जिससे किसान आत्महत्या कर रहें है..., व उल्टे देश के सत्ताखोरों जिराफ ने ऊंची गर्दन कर देश को “आराम हराम है...”, “गरीबी हटाओं” , “मेरा भारत महान”, “इंडिया शाईनिंग” व “भारत निर्माण” की हुंकार से देश को डूबोया है...

संविधान के रक्षक-
आज ६७ सालों से इस संविधान को राष्ट्रनीती की बलि देकर,==(सिर्फ लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल को छोड़कर)== देश को, सत्ता के अफीमी नारों से लोमड़ीवाद के खेल से अशोक स्तंभ के शेरों को घायल कर अफीमी नारों से देश को चलाया है.....,देश विदेशी आकांओं के मकडजाल में फंस कर..., कर्ज के गर्त में जाकर भीषण गुलामी की ओर धकेला जा रहा है....
ऊपर से देश के ३३ हजार कानूनों को इस लोमड़ी वाद ने जनता को इस जाल में फंसाकर ..., न्याय प्रकिया में घर-बार बिकाकर ..., लड़ने की प्रतिरोध की शक्ति खत्म कर दी है....,
इस लोमड़ी वाद ने अपने लूट पर लूट के कारनामों में खुली छूट लेकर, क़ानून की हथकड़ी को जोड़कर , झूला बनाकर, नौकरशाही से झूला झूलाकर , संविधान का मसीहा कह कर ....काले धन की रकम डकारकर ...अकूत सम्पत्ती के साम्राज्य से कोई दंड से धन नहीं लौटाया है....,

जनता को क़ानून के जाल में फांसकर तारीख पर तारीख देकर, घर बार बिकाकर , लड़ने की शक्ति से हताश कर बेबस कर दिया है...,

इस लूट के बावजूद अब भी अपने को संविधान का मसीहा कहकर फूले नहीं समा रहें है....
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जानें........, -हिंदुस्थान का अशोक स्तंभ – के चिन्ह का अर्थ ....,
हमारा राष्ट्रीय चिह्न, अशोक स्तंकभ (अशोक चिह्न में इसे इस प्रकार से दर्शाया गया है कि इसमें प्रदर्शित चार शेर और सामने से दृष्टिगत शेरों के चार पैर परम् मौलिक ऊर्जा के चार अंशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। किसी भी दिशा से सामने देखने पर शेरों के तीन मुँह और चार पैर ही दृष्टिगोचर होते हैं। जिससे यह तात्पर्य निकलता है कि इस मौलिक ऊर्जा के चार अंशों में से तीन अंश ऊपर उठकर आकाश में अवस्थित हैं, शेर के माध्यम से इस मौलिक ऊर्जा की अभिव्यक्ति इसे सर्वशक्तिमान प्रतिपादित करती है। अशोक चिह्न में शेरों के आधार पर स्थित पशु और चक्र, इस परम मौलिक ऊर्जा के एक अंश का प्रतीक होकर दृश्य जगत का भाग है। इसमें चिह्नित अश्व एवं गाय चैतन्य जगत का प्रतिनिधित्व करने के साथ, परम मौलिक ऊर्जा तथा प्रकृति को अभिव्यक्त करते हैं। अशोक चिह्न में चैतन्य जगत को अश्व एवं गाय के द्वारा अभिव्यक्त किया गया है। )=======
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जाने इस लोमड़ी के बारे में आज के नव युवकों का ज्ञान ..., जब मै लोगों से पूछता हूँ ? कि हमारे राष्ट्रीय चिह्न, अशोक स्तं भ मे कितने शेर है ।
लगभग 80 प्रतिशत लोगो ने कहा 3 शेर है । 10 – 12 लोगो ने हिचक कर कहा 4 शेर ..?? 8-10 प्रतिशत लोगो ने विश्वास से कहा 4 शेर। फिर, मैने कॉलेज के छात्रों से पूछा ? 95 प्रतीशत छात्रों ने कहा, 3शेर । एक छात्र ने मुझसे कह दिया, अंकल आपको दिखता नही है क्या..?, इसमें एक बडा शेर है व दो छोटे शेर है ।
मैने इन 8-10 प्रतिशत लागों से कहा कि, इसके पीछे चौथा शेर नही बल्कि एक लोमडी है ।जिसके वजह से ये तीनो शेर अपाहिज हो चुके है ।
देश की जनता में जो शेर के रक्तक का चौकन्नापन, फूर्ती होनी चाहिए थी वह खत्मर होती जा रही है ।

आज हर सरकारी विभाग में, मंत्रालय, कोर्ट व इत्यादि में जहां, लोहे व मिट्टी की उभरी आकृती मे भी 3 शेर ही देखने मिलते है । किसी भी सरकारी विभाग में यदि चार शेर वाला अशोक चिह्न दिखाई देना एक सौभाग्य की बात होती है ।

आज तक मैने जहां भी, इन शेरो की उभरे हुई आकृति देखी है.., वह भी काले रंगो मे, उससे मुझे लगता है की शेर को भ्रष्टाचार की काली कालिख लगी हुई है।

आज देश को एक लोमडी , 3 शेरो को नकेल डालकर चला रही है । आज 65 साल बाद भी वे जातिवाद , भाषावाद , आतंकवाद, आरक्षण, अलगाववाद , क्रिकेट के द्वारा से शेर के अगले पॉंव अपंग से हो गए है, इनके दाँत भी तोट टूट चुकें है, जो दॉंत बचे हुए है उनका पैनापन भी समाप्त हो चुका है । इन सत्ता की लोमडी की वजह से हमारी जनता की मौलिक ऊर्जा की स्तिथी ऐसी हो गई है कि. ये, हम पर नकेल कसने के बावजूद, हमारी प्रतीक्रीया लगभग समाप्त हो चुकी है ।

देश के प्रति लोगों का शरीर दुर्बल होते जा रहा है । हमारे दॉंतो व नाखून ( विचारों ) टुटते हुए जर्जर होते जा रहे है । और हम ऐन-केन प्रकारेण घुटन के साथ में, घायल अवस्था में क्षीर जीवन जीने का प्रयास कर रहे है ।

ये लोमडी अपने रथ पर भ्रष्टाचार , टॅक्स ,काले धन व अन्य का बोझ डालकर हम जनता को और दुर्बल कर रही है ताकि हम इससे भी, बदतर हालत में जीवन जीने को अभ्यस्त हो ?

Monday 27 October 2014



ने तोड़ी बत्ती पीली.., 
अब यह है २० हजार की सरकारी थाली...
मेरे चेहरे में लाली .., क्यों डरता है खाली पीली... 
दे,दे.., मेरी २ हजार रूपये की सरकारी बोली ..
अब मैं कर दूंगा.., सरकारी झोली खाली.. 

अब भंग करने के बाद नया RTO का रूप बना रिश्वत ट्रांस्जिक्सन ऑफिस ..., लगा रहा है, देश को ..., भ्रष्टाचार के इंजेक्शन...
गड़करीजी अब होंगे सरकारी मेहमान मालामाल.., बढ़ जाएगा रिश्वत का जाल ...
सरकारी लकड़बघहों की बहार , जीवन में होगा चमत्कार ..
सरकारी गड्ढे अब बने ..., भ्रष्टाचार के अड्डे.., बनी जनता के गले की हड्डी.., क्योंकि सरकारी कर्मचारी है फिसड्डी...
देश में सरकारी गड्ढे बनें सरकारी गद्दी के स्तंभ.., क्योंकि इस भ्रष्टाचार में है दम खंभ ...
गड़करीजी..., अब तो सरकारी गद्दीकरी बनकर चलाओ..., स्कूटर बिना हेलमेट के (HELL-नरक , MET –में मिलाना)..क्योंकि आप बैठें हैं सत्ता के स्वर्ग में...
१. सरकारी गड्डे..., बने जम्पदार गद्दे, से.., SPONGE के स्पंजी से रीड की हड्डी से SPONDYLOSIS .. से भ्रष्टाचार का ANALYSIS .., जनता के जीवन के LOSS से (हानी से)..,नीजी नर्सिंग होम हुए मालामाल ..., जनता बेहाल..,
२. ट्रैफिक के प्रदूषण से फेफड़े की बीमारी से ..., केकड़े (कैंसर) के जीवन में परिवर्तन...
३. लोगों के समय की बर्बादी.. बनी , राष्ट्र की बर्बादी
४. टायर कंपनी का बढ़े व्यापार.., मुनाफ़ा जोरदार...
५. गाड़ी के पुर्जे बनाने वालों के बहार..., इंसानी पुर्जे बने, दूसरे दर्जे से.., बेहाल...,
६. पेट्रोल से सत्ताखोरों के PET-ROLE के इस भ्रष्ट्राचार से DIESEL (DIL- JAL) के इस दिल जले खेल से जनता घायल.., विदेशी मुद्रा से देश का घाटा.. देश को चुना लगाकर.. सत्ताखोरों अपना सफेदीपन चमकाओ...
७. हर टोल व चुंगी नाका.., सरकारी कर्मचारी बजा रहें है.., देश की पुंगी..., इस खुल्लम खुल्ला के खेल से.., महंगाई से, जनता की खुल रही लूंगी...
दोस्तों इस खेल में, देश की हानि को आंका जाय तो चुंगी.., टोल.., रिश्वत..., रोड़ निर्माण घोटालों से..., देश के इस रोड़े से.., वार्षिक, २० लाख करोड़ रूपये से कहीं अधिक धन, सरकारी कर्मचारियों की थालियों में, भेंट चढ़ जाता है... 



Tuesday 21 October 2014



महाराष्ट्र की सत्ता .., भाजपा के लिए..
शिवसेना बनी गले की हड्डी.., व राकांपा बनी मछली के कांटे के चुभन...
राजनीती के भीष्म पितामह.., व पूर्व क्रिकेट मंत्री शहद पावर ने एक आसान गेंद फेंककर भाजपा को छक्का मारने के अवसर से..., शिवसेना रह गई, हक्का बक्का.., 
पहले हुक्का पानी बंद करने की धमकी से.., अब शिवसेना के हुक्का में पानी ख़त्म होने से..., 
वह पानी-पानी होकर, धमकाने की स्टाईल में बात कर रही है...

याद रहें... यू.पी.ए.१ और २ के कार्यकाल में सभी पार्टियों के नेता “सैया भये कोतवाल की भूमिका में थें.., कांग्रेस के मंद मौन मोहन सिंग के गोपिकाओं के भ्रष्टाचार के समुन्द्र में नग्न नृत्य से सभी ने आनंद लिया है..
और तो और स्वयं प्रधानमंत्री ने अपने मुंह में कोयले की कालिख लगाकर इन्हें प्रेरित किया है..,
अब, राकांपा जो अब आनन् फानन में इस नग्नता से बचने के लिए भाजपा को एक तुरूप का पत्ता फेंक दिया है...

इस खेल के बचाव के..., इन मुद्दों से, भाजपा की बुद्धी हरने का यह खेल है...

१. लवासा जो राकांपा-कांग्रेस की लव की आशा से ५ लाख करोड़ की महा लूट
२. १ लाख करोड़ का अजीत पवार का सिंचाई घोटाला, जिन्होंने क़ानून का मखौल उड़ाते हुए कहा था.., क्या यदि मेरे पेशाब करने से सिचाई हो तो मैं पेशाब करने को तैयार हूँ.., अब चुनावी नतीजो से उन्हें पेशाब आने के खौफ़ से भयभीत हैं...
३. सुनील तटकरे का फर्जी कंपनीयों से भ्रष्टाचार से जीवन में समुन्द्र के तट पर आनंद मुद्रित हैं
४. महाराष्ट्र के घर कुल घोटाले के पार्टी के कुल देवता बने गुलाबराव देवकर
५. महाराष्ट्र सदन के घोटाले के छगन भुजबल.., जो अपने बाहुबल से क़ानून को छकाते रहे...
६. वही बोइंग विमान घोटाले से खरबों रूपये के घोटाले से एयर इंडिया के पंख काटकर, भट्टा बिठाने वाले भ्रष्टाचार से प्रफुल्लित, प्रफूल.., FOOL बनाकर परफ्यूम वाले पटेल का पटाक्षेप का खेल
७. याद रहे.., कांग्रेस के कार्यकाल में १ लाख करोड़ के तेलगी के स्टेम्प घोटाले में, अब्दुल तेलगी के नार्को टेस्ट में शरद पवार व छगन भुजबल का नाम लेने के बावजूद, तेलगी को ही मुख्य मोहरा बनाकर अब जेल में कैद कर दिया है..., अब यह इस भ्रष्टाचार के पिटारे से, स्टेम्प पेपर का भूत, कही निकलकर, उठकर , इन पर नकेल खीचकर, इनकी राजनैतिक जीवन को बैठा न दें

उद्दव ठाकरे ==============
८. उद्दव ठाकरे, अब राजनीती में ठोकर लगकर, चवन्नी बन गएँ है..., कहीं अपना अस्तित्व समाप्त न हो जाए..., अब चौकन्ने होकर , चौतरफा मांग से सत्ता का तोहफा लेने की उतावली दिखा रहें हैं..
९. अब मोदी के शेरी दहाड़ से , भाजपा के चूहें बन , भाजपा को कुतरने का खेल, खेल संकें..
१०. शिवसेना, अब.., जैतापुर विद्युत प्रकल्प को रोककर..., अपनी जीत का पुर से पावरफुल शरद पवार व भाजपा को पटखनी दे सकें..
११. विदर्भ जो पृथक राज्य के समर्थन में ४४ सीट , भाजपा की झोली में डालें है..., इस मुद्दे पर, शिवसेना अपने विविध गर्भ के दंभ से भाजपा को एक PLAY से प्लेग लगाने का स्वप्न देख रही है... 

Monday 20 October 2014

श में हुद – हुद का तूफ़ान, विरोधी करें फरमान , मोदी क्यों संभाले हैं.., हमारे लिए तीर कमान, क्यों नहीं सीमा पर खडें हो रहें..., निशाना तान... देश के गद्दीदार कहें..,उन्हें गद्दार मोदी ने अब कर दिया उनका नशा उतार,


देश में हुद – हुद का तूफ़ान,
विरोधी करें फरमान ,
मोदी क्यों संभाले हैं.., हमारे लिए तीर कमान,
क्यों नहीं सीमा पर खडें हो रहें..., निशाना तान...
देश के गद्दीदार कहें..,उन्हें गद्दार 
मोदी ने अब कर दिया उनका नशा उतार,
मोदी की दहाड़ .., दुश्मनो को पछाड़ ..,
दुश्मन व विदेशी ताकतें अब गए उड़..

भाषावाद, जातिवाद, धर्मवाद के राज को ठोकर..,
सत्ता के मुख-मंत्री का उद्भव बनें जोकर,
जो, अभी भी भर रहा दंभ..,
मोदी के पाँव उठाने के खेल का मल खंभ ..
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दोस्तों.., यह पिछले ६८ सालों से देश के डूबने की कहानी है...
जातिवाद, धर्मवाद, भाषावाद बनी वोट बैंक की तिजोरी ...
जिससे जनता को लगी भूखमरी से बीमारी ...

जब तक देश के नागरिक जातिवाद, धर्मवाद, भाषावाद के बन्धनों में जकड़े रहेंगें... देश आगे भी सैकड़ों सालों तक विदेशी आक्रमणकारियों के लिए लूट का मोहरा बनता रहेगा ...
दोस्तो... जिस देश मे राष्ट्रवाद नही है, वहां, कर्ज की महामारी है, सत्ता खोरो मे लूट की खुमारी है, जनता के शोषण से राष्ट्र को बीमारी है... यही डूबते देश की कहानी है, राष्ट्रवाद की पुकार से ही.. हो , राष्ट्र की ललकार...???? हर दहाड़ , दुश्मनों के लिए बने पहाड़...,



Wednesday 15 October 2014


कलाम.., कल की आम, कली (नन्ही पीढी), व हर हिन्दुस्तानी को,तुम्हारे जन्म दिन का है अभिमान.., 

तुम्हारी राष्ट्रवादी प्रेरणा से हिन्दुस्तानी कायल..., धर्मवादी घायल..., 

तुम्हारे कलम की राष्ट्रवादी धार , हिन्दुस्तानीयों को रखता है सदाबहार..., 

आपकी आयु के हर दिन को सलाम..

देशवासिओं की आपकी दीर्घायु के. हर दिन,दीप आयु के, “दीप की लौ” से एक नई रोशनी के मार्गदर्शन का प्रणाम .

देश के शिक्षक तुम्हे सलाम..., देश में जितने राष्ट्रपति बने .. वे राजनीतीज्ञों की कृपा से देश के सर्वोच पद पर बैठे ...और देश के महामहिम पद से निर्वित होकर.., सरकारी सुविधा भोगते हुए , जीवन की लीला समाप्त कर गुमनामी में खो गए...
पिछली राष्ट्रपति प्रतिभा पालिल तो २० ट्रकों में देश के सम्मान में दी गए उपहार भी अपनी माल-मत्ता समझ कर अपने घर ले गयी थी ..., बाद में बेशर्मी से उन्हें वह पुरूस्कार ९ ट्रक भरें लौटाना पड़ा .., और पेंशन व अन्य सुविधाओं से ऐश कर रही है..
अभी वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जो रक्षा व अन्य घोटाले में सम्मलित है... क्या वे निर्वित होने के बाद अब्दुल कलाम के जीवन का अनुसरण करेंगे
एक निर्वादित , बिना राजनेताओ की बैसाखी की याचना से “महामहीम” बने अब्दुल कलाम , अपनी कलम की ताकत व आवाज से, आज भी आवाम को जागृत कर रहें है...,आज भी देश भर के स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों के बीच जाकर .., बच्चों में भी स्फूर्ती आती है..., क्या बात है ..हमारे पूर्व राष्ट्रपति हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए , हमारे साथ घुल मिल कर बात कर रहें है...
आज कलाम साहब का यह कर्म ..., आने वाले कल के बच्चों को नया हिन्दुस्तान के नवनिर्माण की “शिला” का आधार बना रही है...
आज भी अब्दुल कलम अपने अनुभव..., जूनून .., दृण संकल्प का सन्देश शिक्षक बन कर, गाँव शहर में दे रहें है...., इसमें कोई शक नहीं है...,
दोस्तों याद रहें .. प्रधानमंत्री मनमोहन के कार्यकाल में अब्दुल कलाम को धमकी मिली थी आपके इस दौरे का राजकीय खर्च जो करींब दिन के ४० हजार रूपये है, भारत गरीब देश होने से यह खर्च वहां नहीं कर सकता है.... इसे बंद करो...
देश के जल-थल- नभ आकाश से कोयला चोर जो अरबों खरबों की लूट के बावजूद देश की अर्थ व्यस्था के शिल्पकार के रूप में सम्मानित किया है...









 “सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं झुकने दूंगा ...”
'' ना मैं खाता हूँ और ना ही खाने देता हूँ '' लालच देने वालों से अपना उपवास नहीं तोड़ता हूँ, क्योंकि मैं हिंदु राष्ट्रवादी हूँ..
वही देश को डूबाने वाले प्रधानमंत्री अनर्थ,व्यर्थ,मंद मोहन का बयान ...
जिससे सत्ता के भ्रष्टाचारीयों बने भाग्यवान.., 
“प्रधानमंत्री पद, तो, मेरे लिए तारों के पार की दुनिया है..,””
क्या प्रोग्राम है आज के. दिन के १२ बजे से, रात के १२ बजे तक का ...
१. मंद मोहन का मौन..., उड़े जनता का चैन .., मनमोहन .., “मेन” मोहन के नाम से कान्ग्रेसिओं को लूटने का मिले दाम...
२. मनमोहन की विदेशी यात्रा,मिले सहयोगियों को लूटने की भारी मात्रा ...
३. मनमोहन का विदेशी धन का कटोरा.., माफिया बना लुटेरा..
४. कहें एक ही शब्द बार-बार, प्रधान मंत्री पद तो मेरे लिए तारों के पार की दुनिया है.., और क्या प्रोग्राम है आज के दिन के १२ बजे से रात के १२ बजे तक का ...
५. जी यह है..,प्रोग्राम की सूची ...
दोपहर १२ बजे, विदेशी नेताओं के साथ शाही भोज का
६ . शाम ४ बजे, कुपोषण पर रटाया –पढ़ाया भाषण
६ रात ८ बजे “भारत निर्माण” के नारे से भरमाकर एक योजना का ऐलान’.., और इस खामियाजे का जनता भरे चालान...
७ रिमोट तंत्र से, री - वोट बैंक के खेल का ख़त्म हो गया मंत्र ..,
८ . अब .., माफिया जो खूब पीया था, वह भी प्यासा रहकर हो गया दंग , कैसे टूटा हमारे भ्रष्टाचार का अंग...
९ . L.OC (LINE OF CONTROL=LOVE OF COMBINATION) को प्रेम के मिश्रण से जवानों के अंग हुए छिन्न-भिन्न...
१० दुश्मनों के हथगोलों के सामने , जवानों के हाथ बांधकर .., ख़त्म कर दिया जवानों का हथ व आत्मबल...
११ लोकतंत्र का ४२० वां स्तम्भ भी कर अब पश्चाताप . अमेरिका जाकर जब करे, मोदी की भर्त्सना का आलाप, तो, मिले थप्पड़ों का लोली पॉप..,

१२ :::::: नरेन्द्र मोदी::::::

एक शेर के भ्रष्टाचार के जंगल में कदम रखते ही , देश के लकड़बघौ में मचा हाहाकार..,
१३. अब नहीं मिलेगा भ्रष्टाचार लूट के हिस्से का अधिकार,इस बंदरबांट के खेल में विश्व की माफिया भी हो गए लाचार....
१४. अब इस शेर की दहाड़ से ब्रिक्स देशों की ईंटे भी टूट गयी.., और अपने दहाड़ से गोल मारकर, हमारे देश को गोल-मोल कहकर.., भ्रष्टाचार से तोड़ मोड़ करने वालों को भी अचम्भे में डाल....
१५. विनम्रता के अभिवादन से मैं झुकता हूँ.. लेकिन मेरे झुकने से मेरी पीढ में वार करने वालों की खबर से खैर रखता हूँ ...
१६. “न मैं खाता हूं , न खाने देता हूँ...,” राष्ट्रवाद के गीत गाता हूं... ,
१७ . अब मेरे मंत्रियों में भी भ्रष्टाचार के भाई- भतीजावाज के जन्त्रीयों की खोज कर दबोचने की ताकत रखता हूं ...
१८ . मेरी आसमानी गगन की उड़ान में.., जमीन पर भ्रष्टाचारी चीटियों से अलगाववादी, घुसपैठीयों पर भी नजर रखता हूं ...
१९ . १०० दिन की नजर से.., अब मन मौजी मंत्री पर हर दिन नजर व खबर रखता हूं , सत्ता जनता को न सताए इसका गुमान रखता हूं ..
२० . फाईलो, को फैला कर , भ्रष्टाचार के थैला बनाकर , देश को मैला बनाने वाले अधिकारी को,,. धिक्कारी बनाकर , राष्ट्र का प्रहरी बनकर , देश को हरा-भरा कर.., गरीबों की मेहनत को सम्मान देकर उनका जीवन उन्नत करने का जज्बा रखता हूं ,मैं ....
२१ . मैं भारतमाता के वैभव को भव्यशाली बनाकर, देश को गौरवशाली से विश्वगुरू के नए युग की शुरूवात का संकल्प लेकर, अपने ध्येय को पूरा करने का माद्दा रखता हूँ.... 

Tuesday 14 October 2014



क्या आप..?, अपनी जिंदगी की बडी हानि (BIG- LOSS) कर रहे है, आज जितने भी रियेल्टी शो हुए है..इन्होने, देश के युवाओ के चरित्र को खा दिया है...???, 

देश की हरियाली, पश्चिम देशों की नीली चादर के नग्न फिल्मों से ढक कर , आज की दिशाहीन पीढी के जीवन में धक् धक् से उनके देशी चरित्र को ढक दिया… देश के इस तरह के, फिल्मों के फ्लू से युवक – U – WALK दौड़कर सिनेमा हाल में अपनी कमाई उड़ाकर..., निर्माताओं को विदेशी संस्कृति की फूहड़ता से मालामाल कर रहा है...

इसमे एक से एक धुरन्दर लोगों को बुलाकर, जो आगे जाकर बिन्दु दारा सिंग ही साबित हो रहे है, पाश्चातय की, नग्न फोटो खीचाने मे माहिर, महारानी क्लाउडिया सिसला (Claudia Ciesla)…और सन्नी लियोंन को, अब तो देश की lady-लायन से प्रसिद्धी कर देश का चित्र बदलने की प्रक्रिया से देश की संस्कृति के खात्मे के क्रिया कर्म की तैयारी है...,
अभी इस सीरीयल में नताशा को युवा वर्ग में नशा फैलाकार, हताशा से पैसे कमाने का खेल चल रहा था

इस कार्यक्रम की पहले भी शोभा बढाई..., पाकिस्तानी नागरिका वीणा मलिक जो आज अपने नग्न चित्रो से धन कमाकर, भारतीय सस्कृति पर प्रहार कर रही है.
सांसद नवजोत सिंग सिद्धु जो जनता के दरबार मे ना जाकर , बिग बाँस मे अपनी शोभा बढाई है, कोकिन व चरसी प्रमोद महाजन के बेटे, राहुल महाजन , और शिल्पा शेट्टी जो आई.पी.एल. मे सट्टा लगाकर विदेशी माफियाओ को सहयोग कर रही है,

अबू सलेम की रखैल पूजा बेदी ... ऐसे सैकडो नाम है...??? इनके चरित्र को उज्जवल बताकर आम नवजवानो.. को इनका प्रेरणास्त्रोत बताकर प्रसारित किया जा रहा है...और दु:ख के साथ लिखना पढ रहा है , देश के नवजवानों मे इसकी खुमारी बढते ही जा रही है...???

इस कार्टून मे देखे इस रियेल्टी शो मे घर का साधारण टी.वी भी, बिना चष्मे से “3D (त्रिआयामी)” की शक्ल मे आ जाता है..

युवा वर्ग भी इस चस्के मे खो जाता है और उसकी भूख प्यास भी मिट जाती है,...यदि वह भोजन खाता भी है तो.. टी.वी की तरफ देख कर खाता है, उसके भोजन चबाने की प्रकृति भी अलग हो जाती है इसी की आड मे टाटा का नमक , जो अपने को देश का नमक कहकर , जो विज्ञापनो मे करोडों रूपये खर्च कर, देश का नमक 25 रूपये किलो, व जागो इंडिया की चाय पत्ती 400 रूपये से ज्यादा मे बेच रहा है.... यू कहे रियेल्टी शो के विज्ञापनो का सार है... जागो इंडिया को विदेशी सस्कृति से सुलाओ इडिया बना रहा है..????????

वही दूसरी तरफ दूरदर्शन...???, सच मे दूर के दर्शन हो गया है, नीरस धारावाहिक व समाचार वाहनियो के वक्ता के चेहरो को देखकर ऐसा लगता है कि उन्हे समय पर तंनख्वाह नेही मिल रही है .. वही नीजो समाचार वाहनिया टी.आर. पी के चक्कर मे बेकिग न्यूज (पकाने वाली खबरे) को ब्रेकिग न्यूज कहकर ऐसे चिल्ल्लाता है, जैसे यह खबर उसके घर की ही है... और उपर से कहता है यह ब्रेकिग न्यूज सिर्फ हमारा चैनल ही दिखा रहा है... 

Monday 13 October 2014

महाराष्ट्र चुनाव, देशवासियों के लिए मरा- राष्ट्र बनाने के इन Rattel snake –(संगीत वाले साँपों) का संगीत कुर्सी –Musical Chair का फूंककारों से, सत्ता के जहर से, जनता को मारकर, अपार मणि जमा करने का खेल है ..., अब,सत्ता के लिए “नाग मणियों” का “मनी पावर” से “नंगा संघर्ष” शुरू हो गया है..



महाराष्ट्र चुनाव, देशवासियों के लिए मरा- राष्ट्र बनाने के इन Rattel snake –(संगीत वाले साँपों) का संगीत कुर्सी –Musical Chair का फूंककारों से, सत्ता के जहर से, जनता को मारकर, अपार मणि जमा करने का खेल है ...,
अब,सत्ता के लिए “नाग मणियों” का “मनी पावर” से “नंगा संघर्ष” शुरू हो गया है..
जागों मराठी माणूस (मराठी आदमी)..., 
सभी दल सीट बंटवारे को लेकर एक दूसरे का द्रोपदी चीर हरण करने, धौंस देने से लेकर,खुद की गोटी फिट करने की कोशीश में जुटे हुए हैं, जिसमे आम आदमी की लहूलुहान चींखों को सुनने वाला कही नजर नहीं आ रहा है, जबकि सत्ता के महा भोज में खद्दरपोश गिद्धों का रोटी बोटी युद्ध देखकर, जनता न सिर्फ हैरान है बल्कि बदहवास भी है क्योंको आम आदमी के दुखों की जलती चिता की आंच पर उसके रहनुमा , अपने-अपने हिस्से की रोटी सकने में लगा है ..
याद रहे..,पिछले महाराष्ट्र के विधान सभा व लोकसभा चुनावों में दो वंशवाद के सांडों की लड़ाई थी , वंशवाद से दंश वाद के जहर की धुल से मुंबई शहर में घुल, घूल कर अब महाराष्ट्र में छाई थी... अब भाजपा व शिवसेना में दो सांडों की लड़ाई में, शिवसेना के नेता उध्ह्व ठाकरे, अपने को मुख्यमंत्री के उद्भव से स्वंय-भू सत्ता के ऐकाकार का एक्का मान बैठे है..., अब इस ऊटपटांग खेल में किसकी टांग उल्टी फसती है.. और ऊँट किस करवट बैठता है... ,
जाने पिछला खेल तमाशा - चाचा –भतीजे की चचेरे भाईयों के सत्ता को भांजने में मराठी माणूस (आदमी) की लड़ाई में मराठी माणूस की खून के बटवारे से विपक्षी दलों ने , इस होली से अपने सत्ता के रंग की रंगोली सेपिछले चुनावों में शरद पवार ने कृषी मंत्री से क्रिकेट मंत्री के अपने मंत्र से राजनीती के भीष्म पितामह बनकर , सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बावजूद से गरीबों को अनाज बांटने के बजाय, उसे सत्ता की शराब बनाकर , विपक्षी दलों से लवासा (लव+आशा) से किसानों व भूखमरी लोगों की लाश से अपनी सत्ता के प्यास की अलख जगाई
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने,
मेरे वेबस्थल का स्लोगन है...,सत्ता मेवा है, उसकी जय है, सत्य आत्महत्या कर रहा है .., अब इन गिद्धों की लड़ाई में शिवसेना, भाजपा को कमलाबाई बनाती है या भाजपा, शिवसेना को गमला राम बनाता है
कोई भी पार्टी ,देश व तुम्हारे रक्षक नहीं है..., देश को उन्नत बनाना है तो चलों राष्ट्रवाद की ओर
फेस बुक में About लिंक की पोस्ट:
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
Description
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं, 

Friday 10 October 2014



हमारे धैर्य की परीक्षा लेने वालों को तुरंत रिजेक्ट (REJECT) का रिजल्ट दे दिया जाएगा ..
मोदी की दहाड़ , अब नहीं है पहले जैसी सोयी हुए सरकारें..
अब दिल्ली का दिल नहीं है ...,आतंकवादियों,घुसपैठीयों व दुश्मनी निगाह वाले देशों का...
चुनावी वार में , विरोधी पक्षों का चुनावी पुरी तलने का ख़त्म हो गया तेल..,इसलिए आपस में बढ़ा रहें मेल... 
कांग्रेस राज में जवानों के हाथ बांधकर,गर्दन कटवाकर.., सत्ताखोरों में लूट के छूट का नंगा खेल के शवाब में, आगे १०० सालों के सत्ता का ख्वाब था. मोदी की दहाड़.., जवानों बनों दुश्मनों के पहाड़ , करों पछाड़, विरोधी चुनावी मुर्गे अब करें, कूक्डू कू.., अकडू दल बन गए, अक्कड़ –बक्कड़ बंबे भौं, भौं, भौं.. करते हुए वोट बैंक की भूख से हताश..
मोदी का जवाब, नवाब शरीफ का तोड़ा,काश्मीर लूटने का ख्वाब ..क्योंकि हमारे जवान हैं, लाजवाब...,


याद रहे.., यदि १९४७ से आज तक के विदेशी हिन्दुस्तानीयों के धन की, पसीने से, दान स्वरुप मिली राशी का हिसाब लगाये तो यह १०० लाख करोड़ रूपये से कहीं ज्यादा है..., 
यदि विदेशीयों का यह धन, हमारे देश में नहीं आता तो आज डॉलर की कीमत १०० रूपये के पार होती.., यों कहे, विदेशी प्रवासी देश का बेड़ा पार करने के जूनून से देश में धन भेज रहें है...,वही हमारे सत्ताखोर, एक सुनियोजित योजना से.., इसे डकार कर देश डूबाने में लगें है...
खास कर खाड़ी देशों के गरीब मजदूर वर्ग , शोषित से .., उसके शोषण की आवाज भी भारतीय दूतावासों द्वारा दबा देने से.., वे आधा भोजन खा कर, धन बचाकर , हमारे देश में भेजने के बावजूद, हम आज भी कंगाल देशों की जमात में शामिल है...
यह धन आज माफियाओं ने डकार कर, देशी,विदेशी बैंकों में जकड जकड़ रखा, और कर्ज के मर्ज से देश को चलाने के लिए सत्ताखोर लूटेरा,विदेशों में भीख का कटोरा लेकर घूम रहें हैं.. भारत निर्माण से अन्य योजनाओं के नाम से देश को भरमा रहा है...

आज रूपये को सठिया कर देश में लूटेरे सेठिया बन गए , आराम हराम के नारे के जन्म से गरीबी हटाओं , मेरा भारत महान, इंडिया शाईनिंग , भारत निर्माण से नार्रों..., से बतिया कर ..., अफीमी नारों से ६७ साल से जनता को बहोशी से सुला रखा है....

इसकी आड़ में जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद,धर्मवाद की खाद से डॉलर का पोषण कर , जनता का शोषण किया जा रहा हैं ...
याद रहे..., १९४७ में हमारा १ रूपया = १ डॉलर था , प्रवासी भारतीय जो न के बराबर थे व डॉलर की देश में आवक शून्य थी
नेहरू के दिन का खर्चा २५ हजार रूपये व देशवासियों का २ आना से भी कम हे., इसे चुनौती देने वाले राम मनोहर लोहिया ने इस खेल को ., आराम हराम के नारों से, शांती, विदेशी संस्कृति व घोटालों से देश की नमक हलाली के खेल के खिलाफ आजीवन लड़ते रहें.., उनकी मृत्यू के बाद, उनके समाजवादी चेले ..,उनकी, औलादें भी जल्लादें बनी ...,आज भी इस खेल में बदस्तूर जारी हैं..,हर वाद का चोला ओढ़ कर..,हर पार्टी ने लूट्वाद के ढंके /छुपे चहरे से .., आज रूपये को सठिया कर देश में लूटेरे सेठिया बन गए है 

Tuesday 7 October 2014



नरेन्द्र मोदी ने दिखा दिया है..., ५ साल तक सत्ता का मेवा खाकर, देश की समस्याओं में आँख मूँद कर सोने वाले.., चुनावी बरसात, में वादों की बरसात करने वालों के अब दिन लद गयें हैं...,अब जनता भी अपने विवेक से इनका हिसाब लेकर..., जवाब दे रही है ,
राहुल गांधी बने कांग्रेस के राहु ...जहां भी चुनाए प्रचार में कदम रखा ..., पार्टी का भट्टा बिठाया.., वंशवाद के नाम से पुरखों की संवेदना बनी वेदना, 
वे,देश के प्रलय काल में विदेशों में जश्न मना रहें थे , और कांग्रेस की भारतमाता सोनिया गांधी भी देश के मुद्दों पर चुप थी ...अब जनता ने सत्ता पलटकर इसका जवाब दे दिया

Monday 6 October 2014



महाराष्ट्र बना घोटालों का प्रदेश के ताज से.., देश को बनाया.., मरा राष्ट्र..,

लोकतंत्र को लूट तंत्र के खेल से..,
जनता हैरान , परेशान.., 
सभी दलों के प्रधान मान चुके हैं अपने को मुख्यमंत्री का मान , लोकतंत्र की कुर्सी के चार पाये से चौपाये के भेष से चल रहा है, कुर्सी खीचने का खेल... (MUSICAL CHAIR... को MUSCULAR POWER से खीचने का खेल...)
वंशवाद, भाई – भाई के खेल में लोकतंत्र के झांसे से जनता का जीवन बना खाई – खाई....,
हर दल राजनैतिक जंग की लड़ाई में.., अपने पूर्ण बल के लड़ाई से लगा है..., भविष्य के सत्ता के, खाने की मलाई ...,

बंद.., बंद.., बंद.., 
BANNED-BANNED-BANNED, सरकारी बैंक की छुट्टी से बैन 
WHOLE DAYS of week , देश बना WEAK, कभी सरकारी कर्मचारियों की मांग..., वेतन बढ़ाओ .., और काम के घंटे कम करों… 

कहते हैं पीने वाले को पीने का बहाना चाहिए, देश में छुट्टियो का भी यही हाल है 
१ लाख से कम पारसी , ०.३% जैन ,२% का सिख समुदाय के नाम से .., से छुट्टियों की बहार
आजादी का झांसा बना ...आ जल्दी –जल्दी आराम करें ...
इसके आड़ में एक छूपा नशीला नारा “ आराम हरम है”, जिसने की शुरूवात के अय्याशी से भ्रष्टाचार.., दी एक सौगात

1. याद रहे देश के पूर्व प्रधानमंत्री जिनका जन्म २८ फरवरी (लिप ईयर) को आता है..., वे अपनी मृत्यु के १०० साल की उम्र पूरी करने से दस माह पूर्व (February 29, 1896, Valsad
2. Died: April 10, 1995, New Delhi) एक नई लीपी लिखकर चले गए...,उनकी मृत्यू पर २ दिन का राष्ट्रीय अवकाश, तथा बीच में ३ दिन त्त्यौहार व महापुरषों के जन्म दिन आने से देश भर में ५ दिन बैंक बंद थे , तब देश में जनता द्वारा खलबली मचाने के बाद ..., देश के इतिहास में उस समय रविवार को विशेष रूप से जनता की बदहाली देखकर बैंक खुले..
3. बापू क्या है तेरे देश का योग...,सरकारी कर्मचारी कर रहें हैं, छुट्टियो का भोग,
4. तेरी जयन्ती के नाम से ..., अहिंसा दिवस से , आपके जीवन के पोषक ..., बकरियों के भोग से समाप्त हो रहा है सात दिनों का देश का रोग
5. २१वी सदी का तुम्हारे लिए है.., एक पैगाम.., राष्ट्र अभी भी है छुट्टियों का गुलाम...
6. ऐसे भी चंगू – मंगू नेताओं के भ्रष्टाचार से देश बना नंगू इसीलिए आज भी है ७५% हिन्दुस्तानी भूखा नंगू
7. गरीबों की छाती पर मूंग दलकर .., डाल –डाल , पात – पात से भ्रष्टाचारी कर रहे ललकार
8. बापू तेरे ‘पू’ से देश बीमार.., अहिंसा के बलात्कार से देश लाचार 

Thursday 2 October 2014



यदि २ अक्टूबर व आने वाले सालों में हम यह दिवस लाल बहादुर शास्त्री, की जयन्ती के रूप में मनाएं तो देश के युवकों में लाल बहादुर शास्त्री के कार्यों से प्रेरित होकर, राष्ट्रवाद के खून का संचार से, जो काम गांधी न कर सके हम जल्द ही विश्व गुरू व सर्वोपरि हो जायेंगे..., दोस्तों आप अपनी राय दें..


१.लाल बहादुर शास्त्री ने अपने १९ महीने के शासन काल में नेहरू के १७ साल के कार्यकाल की गन्दगी साफ़ कर दी थी..
२.गांधी की गंदी राजनीती व जवाहर लाल नेहरू के जहर से देश ६८ साल के सत्ता परिवर्तन के शासन में कंगाल हो गया है...

३.देश में राष्ट्रवादी भावना से जनता को ओत प्रोत कर, श्वेत क्रांती के साथ हरित क्रांती का जन्म हुआ, उनका आव्हान था शहर वालों, घर के आस पास जितनी भी खाली जमीन है उसमें अन्न उगाओ.., उनकी सादगी से जनता कायल थी , लेकिन कांग्रेसी घायल थे, उनकी अय्याशी पर रोक लगने से, भ्रष्टाचार ख़त्म कर उन्हें मजदूर बना दिया था
४. पूरे देश को उन्होंने आव्हान किया की सोमवार को एक दिन का उपवास रखे , इसके पहिले उन्होंने कहा जब मेरा परिवार उपवास में सक्षम होगा तो ही मैं राष्ट्र को आव्हान करूंगा..
५. दक्षिण भारत जो हिन्दी विरोधी था उन्होंने भी इसका तहे दिल से अपनाया, व देश भर मे होटल बंद रहते थी,
नेहरू के दिन के २५ हजार के खर्च की जगह प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री महीने में मात्र ३०० रूपये में सरकारी वेतन से घर चलाते थे
उनकी जिदंगी एक अतिसाद्गीय व प्रधानमंमंत्री के रूप में सडक किनारे, रहने वाले एक गरीब जैसी थी ,
प्रधानमंत्री होने के बावजूद वे किराए के घर में रहते हुए उनकी रूस (मास्को) में ह्त्या हुई थी जाने कुछ पल उनके जीवन के...
७, लाल बहादुर शास्त्री हमेशा कहते थे सत्ता का स्वाद मत चखों..,देश की गरीबी के लिए काम करो, सत्ता के मद से अपने संस्कार मत बिगाड़ो, इसलिए उनके ६ बच्चे होने के बावजूद किसी वंशवाद की परम्परा को तोड़ते ही अपन बच्चों को राजनीती में कदम रखने नहीं दिया, यहाँ तक की अपने बच्चो को सरकारी कार में बैठने नहीं देते थे..,
घर से प्रधानमंत्री दफ्तर में पहुँचाने के बाद सरकारी कार छोड़ देते थे, वे अन्य मंत्रियों से कहते थे आप इसका उपयोग करें

८.. आजादी के आन्दोलन में अंग्रेज जब भी, कांग्रेसी नेता गिरफ्तार होते थे तो उन्हें जेल में विशेष खाना जैसे हलवा पुरी मिलती थी ..., लाल बहादुर शास्त्री वे खाना अन्य कैदियों में बाँट देते थे , कहते ऐसे मालपुआ भोजन से मैं बीमार पड़ जाऊंगा, और अन्य कैदीयों को बांटकर, वे भी खुश रहते थे...
३.जब उन्होंने रेल दुर्घटना की वजह से इस्तीफा दिया.., अगले दिन सरकारी घर खाली करने के पहले वे बिना बिजली के रहे ..., कहा, मेरा पद चला गया है .., मैं सरकारी बिजली खर्च नहीं करूंगा ..
९.. प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके घर में जब उन्होंने देखा तो उस कूलर को यह कहते ही वापस कर दिया कि इसकी आदत मुझे नहीं डालनी है..जब उनके शासन काल देश की
१०... १९५२ से कांग्रेस के “चुनाव चिन्ह” में “दो बैलों की जोड़ी” से, जवाहरलाल नेहरू ने चुनावी नारा “आराम हराम है” के अपने अय्याशी पन को छिपाकर जीता , सत्ता में आते ही इन दो बैलों को सत्ता की विदेशी शराब पीला कर बेहोशी में रखा.... और बिना किसान के, देश की उपजाऊ जमीन को बंजर बनाकर , देश में भूखमरी पैदाकर, विदेशी अनाज से देशवासियों का लालन पालन किया, हमें ऐसा घटिया/सड़ा अनाज खिलाने को मजबूर किया गया, जो कि अमेरिका के सूअर भी नहीं खाते थे ... हमारे सेना के जवानों के हाथों में बन्दूक थमाने की बजाय “शांती का गुलाबी फूल” थमा दिया .... और “हिन्दी –चीनी , भाई-भाई” के नारे में उसकी महक डालने से, नोबल पुरूस्कार जीतने की महत्वकांक्षा में सेना को नो बल कर दिया... हमारे से दो साल बाद, आजाद हुए “चीन” ने अपनी ताकत बढाते हुए .... मौके की ताक में हमारे देश ४६ हजार वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर , नेहरू को थप्पड़ मार कर , नेहरू का नारा “हिन्दी –चीनी , खाई –खाई” मे बदल दिया और नेहरू का “शांती” के नारें की देशवासियों के सामने पोल खोल दी
११. जवाहर लाल नेहरू की मौत के बाद . प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने इन दो बैलों का किसान बनकर ,अपने साढ़े चार फीट की काया को, राष्ट्रवादी बल से , इन अपाहिज हुए जवानों व किसानों में एक नया आत्मबल डाल कर , “जय जवान – जय किसान” के नारा को १९ महीने में सार्थक बना दिया. लेकिन...., देश के कांग्रेसी तो वंशवाद से भयभीत थे ... लेकिन उससे कहीं ज्यादा भयभीत विदेशी ताकतें थी, उन्हें अहसास हो चुका था {यदि हमारा देश दो साल और “राष्ट्रवादी प्रवाह” से चलेगा तो हम हिन्दुस्तान आत्मनिर्भर बन जाएगा, और कोई ताकत उस पर राज नहीं कर सकेंगी} इसलिए , देश के “लाल” को सुनोयोजित षड़यंत्र से मारकर, उन्हें दूध में जहर दे कर “नीली” काया में उनके पार्थीव शरीर को लाया गया , हमारे देशी कांग्रेसी ताकतों ने भी इसे हृद्याधात से प्राकृतिक मौत से, बिना पोस्टमार्टम के, डर से... कही पोस्टमार्टम करने पर , देशी व विदेशी ताकतों का पोस्टमार्टम न हो जाए ... आनन – फानन में प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का शव दाह कर दिया , उनकी पत्नी अंत तक गुहार लगाती रही , मेरे पति की हत्या की जांच हो...
१२. ये वही काग्रेसी थे, जिन्होने लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद , उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उनके किराए के घर मे घुसकर धावा बोला, तब उनकी पत्नी ललिता शास्त्री ने अपनी अलमारी खोलकर कांग्रेसीयो को दिखाते हुए कहा , देखो?, ये मेरा काला धन है, ये हमारी सपत्ति है, कांग्रेसीयो ने छान बीन की तो उसमे , लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर कुछ कागज मिले , उन कांग्रेसीयों को लगा कि इसमे लाल बहादुर शास्त्री के अचल व काले धन की संपत्ति के दस्तावेज हैं.
जब कांग्रेसीयो ने दस्तावेजों को खंगाला तो वह बैक के कर्ज के पेपर निकले, जो लाल बहादुर शास्त्री ने, प्रधानमंत्री के कार्यकाल मे, अपनी नीजी कार, बैक के कर्ज से खरीदी थी, और कर्ज अदायगी मे असमर्थ होने पर, बाद मे वह कार बैक को लौटा दी थी. तो वे उन सभी काग्रेसीयों के चेहरे उतर गये और् उनके घर से खाली-हाथ मलते लौटे.
१३.उसी तरह लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद, प्रधानमंत्री बनने के बाद, इंदिरा गाधी भी उनके किराए के घर गई, और उनका घर देखकर, अपना नाक सिकुडते हुए कहा.. “छी:… मिडल क्लास फैमिली” ( “छी:…मध्यम दर्जे का परिवार”)
१४.यह वही देश का लाल था , जिन्होने अपना जीवन देश को सर्मपित कर दिया था , और उस देश के लाल का मृत शरीर , विदेश से नीले रंग (मृत शरीर का नीला रंग, दर्शाता है कि शरीर मे विष का अंश है) मे आया, तो न कोई जाँच न कोई, न कोई पोस्ट मार्टम (शव विच्छेदन), आनन फानन मे अंतिम क्रिया कर दी गई,.ताकि मौत का रहस्य दब जायें?.
किसी ने अय्याशी की
किसी ने तानाशाही की
किसी ने वतन लूटा
किसी ने कफ़न लूटा
किसी ने देशवासियों को घोटाले से घोंट दिया
किसी ने जय-जवान, जय किसान के रखवाले की ह्त्या कर, देश की हरियाली ख़त्म कर दी 


अब महिला मानवाधिकार आयोग भी , मैला –धिक्कार आयोग बनकर फूले नहीं शमा रहा ..जजशाही भी नहीं शर्मा रही है.., घूस खोर शाही के लिए चूस खोर बनकर इस मुद्दे पर आबाद है...क्योंकि देश का संविधान , पश्चिम माफियाओं के गिरफ्त में है...

सत्यमेव जयते का अर्थ से देश की अनर्थाता कर,
सत्ता, मेवा, जयते – सत्ता एक मेवा है, इसकी जय है (सत्यम) (जो, मेरे वेबस्थल का स्लोगन है...), जब भ्रष्टाचार के त्रिशूल से (शिवम है), और भारत निर्माण के मेक अप से देश की सुंदरता का बखान हो रहा है (सुंदरम है ), – दोस्तो... यही डूबते देश की कहानी है, यह देश की, लूट – पानी है...., सत्य की खाल से, माफियाओ की ढाल बनी है , यह देश के बरबादी की मनमानी है .
१९४७ से सत्यमेव जयते से तो नेता .., अब अभिनेता भी उल्लू बनाविंग , करोड़ों रूपये कमाकर TRP बढ़ाविंग, मोदी का प्रखर विरोध कर, प्रधानमंत्री बनने के बाद, अपनी TRP की सी.डी. सौपिंग, इसी आड़ में “नग्न मेव जयते” की जय हो से, विदेशी संस्कृति चोरी कर देश पर थोपिंग व जनता को भरमाविंग

इनकी नग्नता में मीडिया भी भागीदार बनकर, इसकी पीछे की गन्दगी चाटकर , मीडिया भी पेट भरी बन गई है , P.K की देखा देखी में.., क्या अब आमीर खान भी अपनी फिल्म “पीपली लाइव” की तरह गांवों में जाकर,क्या इस पीके फिल्म की पब्लिसिटी के लिए , ट्रांसिस्टर लेकर नग्न होकर जायेंगे/ घूमते नजर आयेंगे.....,
आमिर खान अपनी 'पीके' के हाल में रिलीज हुए पोस्टर में जिस तरह न्यूमड नजर आए थे ठीक उसी तर्ज पर बॉलीवुड निर्देशक कांति शाह ने 'ओके' नाम की अपनी फिल्म का एक पोस्टजर रिलीज किया है। इसमें फिल्म की अभिनेत्री न्यूड नजर आ रही हैं और उनके गले में सिर्फ एक कैमरा लटका हुआ है. 'पीके' के पोस्टर में आमिर खान ने अपने शरीर के निचले हिस्से को एक ट्रांजिस्टर से ढंक रखा था जबकि 'ओके' के पोस्टार में हिरोइन का प्राइवेट पार्ट कैमरे से ढंका है.
'ओके' का पोस्टर....., 'ओके' के पोस्टर में फिल्म की अभिनेत्री पूनम रॉय एक रेलवे ट्रैक पर खड़ी हैं, ठीक उसी तरह जैसे आमिर खान 'पीके' के पोस्टर में दिखाई दिए थे। रॉय ने अपनी गर्दन से एक कैमरा लटका रखा है और इससे उनका प्राइवेट पार्ट ढंका हुआ है। उनके शरीर का बाकी हिस्सा न्यूड है। कांति शाह के इस पोस्टर पर विवाद हो सकता है क्योंकि आमिर का न्यू ड पोस्टर भी जब सामने आया था तो काफी बवाल मचा था। 'ओके' की कहानी देह व्याथपार के धंधे पर आधारित है.
कौन हैं कांति शाह?..., कांति शाह को बॉलीवुड की बी ग्रेड फिल्मों. का डायरेक्टर माना जाता है. उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं जिनमें मिथुन चक्रवर्ती की लीड रोल वाली गुंडा प्रमुख है। इसके अलावा उन्होंने अंगूर, गरम, रंगबाज, फूलन हसीना रामकली, बसंती तांगेवाली, गंगा जमुना की ललकार आदि फिल्में बनाई हैं।

यदि, सत्यमेव जयते का हमारे नेता सत्कार करते तो, आज संविधान के जज, वकील और सरकारी बाबूओं की अय्याशीपन की दूकान न चलती .., वकीलों की टोली भूखी मरती...
मेरे वेबस्थल का स्लोगन है, “सत्ता मेवा है..,इसकी जय है” “मेरा संविधान महान..., यहां हर माफिया पहलवान”
१८७२ के पुलिस कानून बनने के पहले, देश में सिर्फ सदाचार से जनता भी समाज में सम्मान खोने के डर से उनकी आत्मा..., दुराचार, दुष्कर्म, बेईमानी करने से उसका हाथ पकड लेती थी
लार्ड मैकाले ने १८३५ में ब्रिटिश संसद में कहा था , मैंने हिन्दुस्तान के ओर –छोर (पाकिस्तान, बर्मा व अन्य हिन्दुस्थान से जुड़ें देश) की यात्रा की , मुझे कोई चोर उच्चका,भिखारी नहीं मिला, यदि इस देश को ब्रिटिश साम्राजय की सैकड़ों सालों की गुलामी के लिए अंग्रेजी भाषा की गुलामी थोपो...,
विदेशी आक्रमणकारियों के हमारे देश इतने हमले होने के बावजूद हमारा समाज , गुरूकुल शिक्षा से देशी, भाषा, विचार,संस्कार से समृद्ध था..
दोस्तों आज इस विदेशी संस्कृति की आड़ में गरीबो की देश शोषण व अमीरों के वहसीकरण से हिन्दुस्तान डूब रहा है...
याद रहे..., २००५ में आमीर खान ने मंगल पांडे फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी , युवा वर्ग कह रहे थे..., आमीर खान ने क्या बेहतरीन भूमिका निभाई है, लेकिन मंगल पांडे की क्रांती व बलिदान की अहम् भूमिका को भूल गए..,
२००७ में, दो साल बाद , मंगल पांडे का १५० वाँ जन्म था, इस फिल्म से करोड़ों रूपये कमाने वाले आमीर खान ने , दुर्लक्ष्य कर , इस दिन कोई उत्सव तो दूर की कौड़ी रही.., देश को कोई सन्देश तक नहीं दिया..., देश के अखबारों के विज्ञापनों भी बुझ गए थे ,
मंगल पांडे तो, इन दिखावेबाजों के धूल के तले आज तक दबें पड़ें हैं..
‘मंगल पांडे’ ने यह अहसास कराया कि जिन आजाद हवाओं में वह सांस ले रहे हैं वह उन्हें मंगल पांडे जैसे सेनानियों के बलिदान की बदौलत मिली है।’’
हमारे देश की गरीबी बेचकर , धनाड्य वर्ग से, फिल्म इंडस्ट्री के लोग और अमीर बनते गए.., १९५०-६० के दशक से “जागते रहो”, दो बीघा जमीन “और हाल की “जय हो “ और सत्यजीत रे जैसे फिल्म निर्माता अंतर्राष्ट्रीय पटल में पुरूस्कार पाकर वाहवाही लूटते रहें, ,देश का तिरस्कार कर, देश की गरीबी की छवी से विश्व में प्रसिद्ध हो गए..,

विदेशी देशों में इन्होनें हमारी ऐसी छवी बना दी थी कि विदेशी कहते थे , इस देश की संस्कृति पाषाण युग की है,,, यह देश सांप की पूजा करने वाला देश है...,
बलात्कार के चमत्कार से “सत्ता का सत्कार..”
वाह क्या सीन है ...
(कलमुंहे मेरी जयंती से “सत्यमेव जयते” का नशा “पी के” मेरी तरह जनता को “बेवकूफ” बना रहा है.
काले कपड़ों में मेरी वकालत नहीं चली..., तो सफ़ेद कपड़ों से असफल रहने से , अर्ध नग्नता से मैंने देश के टुकड़े रोकने के लिए “असत्य” की “रेल की पटरी” पर , खड़े होकर, मेरे शरीर के टुकड़े करने की धमकी दी थी ...)