यदि इंडियन लोगों को राष्ट्रवाद
का नशा लग जाये…??? तो
हिन्दुस्थानी शराब पीना छोड देगा….???
हिन्दुस्तानी हिंडोले खाना बंद कर
देगा.
(जिस देश का झंडा – विदेशी हवाओं से फहराता है .., वह आजादी नहीं, देश की जनता पर गुलामी से देश की
बर्बादी है..
कह दो दुनिया के फिरंगियों से अब
हमारे देशवासीयों के जीवन व झंडे का रंग न बदलें. अब एक नये उमंग से हिन्दुस्तानी
जाग रहा है.., देश की फिजाएं बदल रही है, अब हिन्दुस्तानी जनता ही देश का
भ्रष्टाचार दूर करेगी, डूबते देश को एक नए शिखर पर
पहुंचाएगी..., अब हममें इतनी फुख है कि विश्व का
झंडा भी हमारी श्वासों /स्वाशों से ही फड़कायेगा)
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काले धन की रोक के बावजूद इंडिया
अब भी खेल रहा है भ्रष्टाचार का डांडिया , गरीब लोग बैंक की कतार में , BANK तो अब गरीबों का डायन बनकर BAN
नोट इंडियन लोगों के घर पहुंचा कर
देश को भार–रत बना रहा है.
देश के इंडिया का भारत वर्ग , भार-रत लुंज –पुंज नौकरशाही से देश की नवरत्न
कंपनिया बिकने के बावजूद देश, कर्ज के गर्त में डूबा है.
CORPORATE वर्ग बैंकों का कर्ज डूबोकर देश के राजनेताओं की मिलीभगत से कर्ज
माफ़ कराकर अपना CARPET जीवन से अपने
धन की पेटी बढ़ाकर , देश का भट्टा बिठा रहें हैं.
देश का हिन्दुस्तानी अन्नदाता “किसान” अपनी फसल रूपये में बेचता है जबकि
बिचौलिया / माफिया उसे डॉलर में बेचता है .., यही देश का DOLLER से रूपये की कॉलर खीच कर, देश के कर्ज में डोलने का राज है. यह देश का दुर्भाग्य है
वही INDIANS
हवाला के जरिये विदेशी हवा भी खा
कर जीवन का उन्नत आनन्द ले रहें हैं
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Posted on 09 February २०१३ फेसबुक व
वेबस्थल की पुरानी पोस्ट..
एक आरटीआई कार्यकर्ता ने पुछा?….
हम, हमारे देश को क्या कह सकते है ? …इंडिया?….भारत?……
या हिन्दुस्थान…?
तो उसे, जवाब मिला कि इस देश को इन नामो
में से कुछ भी कह सकते है ?
दुनिया मे ऐसा कोइ देश नही है
जिसे तीन नामो से पुकारा जाता हो?
मेरी इन नामो की शब्दावली निम्न
प्रकार से है.
1. इंडिया – अकूत धन से चमकने वालो के लिये…इंडिया?. यो कहे शाईनिंग इंडिया. (विदेशो
मे तो, हमारे देश के भोलेभाले छात्रों को
तो, BLOODY INDIANS कहकर उनकी हत्या हो रही है...? )
2. भारत –जो, इन चमकने वालो के पिछलग्गू , इनके गलत कामों के सह्भागिता मे
भी शामिल होने वालो लोगो के लिये भारत?…… और इंडियन बनने की होड मे दौड रहे है? (भार-रत)
3 हिन्दुस्थान- मेहनत कर भूखमरी की
कगार पर पहुचने व आत्महत्या करने वालों के लिये हिन्दुस्थान…?
इस देश की अमीर इंडिया…? और गरीब हिन्दुस्तान के हालात की
मार्मिक तस्वीर यह है.,
फरवरी 2010
साल में अखबार में समाचार था, मध्य प्रदेश के टीनू जोशी दपति (I.A.S.-
आफिसर) के घर 500
करोड की काली सम्पति…? बरामद हुई है, अभी और लाँकर खुलने बाकी है, उसी के बगल के समाचार कालम मे
सटकर यह खबर भी थी, मध्य प्रदेश मे एक परिवार के 4 सदस्यो ने गरीबी से आत्महत्या की ?.
हाँ, एक घर मे ..काले धन वाला चमकदार
इंडियन रहता है, और दुसरे झोपडें मे बिना बिजली के
मेहनत और ईमानदारी से रोजी रोटे कमाने वाला हिन्दुस्थानी, जो सिर्फ और सिर्फ विकास के नाम
पर, वोट बैक के शोषण का मोहरा है. आज
गरीबों का वोट बैक, सत्ताधारियों का इनके नाम पर
योजनाये निकालकर, धन बैंक के लूट का चेहरा है.
भार-रत भारत – जो हिन्दुस्थानीओ के मेहनत को नजर
अंदाज कर इंडियन लोगों के साथ मिलकर, एन केन प्रकारेण धन कमाने के चक्कर मे अपने संस्कार, की तिलांजली देकर, अपनी आत्मा का गला घोटकर, अपनी जीवन शैली को अय्याशी बनाने
के लिये, इंडियन लोगो का डाँक्टर (डाँग +
टर्र = कुत्ता और मेढक ) बनकर उनके धन के लूट मे रखवाली कर (कुत्ता) , चुनावी मौसम मे इंडियन लोग मेढक
की तरह का जोर शोर से प्रसार कर रहे है.