Tuesday 27 September 2022

जन्म दिन पर ....., लता चौक का लोकार्पण: जब तक सूरज चाँद रहेगा… सूरज व चाँद की निहारती रौशनी से देश व दुनिया के वासी के कर्ण में लता दीदी के स्वर में उमंग की तरंग से जीवन में ख़ुशहाली रहेगी

 


जन्म दिन पर ....., लता चौक का लोकार्पण:

जब तक सूरज चाँद रहेगासूरज व चाँद की निहारती रौशनी से देश व दुनिया के वासी के कर्ण में लता दीदी के स्वर में उमंग की तरंग से जीवन में ख़ुशहाली रहेगी

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मेरे स्वर व वीणा के तार..

हे ईश्वर तुझे समर्पित बारम्बार

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Lata Chowk Inauguration:

As long as the sun and the moon remain, there will be happiness in life with the wave of enthusiasm in the voice of Lata didi in the ears of the people of the country and the world with the gleaming light of the sun and the moon.
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I devote my voice and strings of Veena to you ,O God again and again.


सरस्वती की अवतार, कृष्ण भक्ति का आपने दिया दिव्य उपहार


  

सरस्वती की अवतार, कृष्ण भक्ति का आपने दिया दिव्य उपहार






Incarnation of Saraswati, you have given the divine gift of devotion to Krishna

Sunday 25 September 2022

आदरांजली “आनंद मठ” की कोकिला को.., वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्य श्यामलां मातरम, वंदे


 

आदरांजली आनंद मठकी कोकिला को

वंदे मातरम (आनंद मठ - १९५२)


स्वर: लता
संगीत: हेमंत कुमार
गीत: बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय


वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्य श्यामलां मातरम, वंदे
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्य श्यामलां मातरम, वंदे
वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम

शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनी फूल कुसुमिता द्रुमदल शोभिनीम्
शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनी फूल कुसुमिता द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनी सुमधुरा भाषिणीम् सुखदां वरदां मातरम, मातरम्
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम्
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम्

शपथ कोटि कंठ कलकलनीना करले
निशापथ कोटि भुजैधृता खरकरवाले
शपथ कोटि कंठ कलकलनीना करले
निशापथ कोटि भुजैधृता खरकरवाले
के बोले मा तुमी बाले
बाहुबल धारिणी नांहमीतरीम रिपुदल वारिणीम्, मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम



Thursday 22 September 2022

लुफ्थांसा ऐयर लाइंस का अनुशासन .. शराब का लुफ्त उठाओ… मुफ़्त की शराब से टल्ली होकर बदनामी से अपने व देश का सम्मान मत डुबाओ


लुफ्थांसा ऐयर लाइंस का अनुशासन ..


 शराब का लुफ्त उठाओ , मुफ़्त की शराब से टल्ली होकर बदनामी से अपने व देश का सम्मान मत डुबाओ



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Lufthansa's discipline

Enjoy the liquor but don't drown yourself and your country's honour in free alcohol

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Lufthansa Airlines is derived from Luft (the German word for "air"), and Hansa (a Latin term meaning "guild" most commonly used historically in reference to the Hanseatic League).

लुफ्थांसा एयरलाइन कंपनी का नाम लूफ़्ट ("एयर" के लिए जर्मन शब्द) और हंसा (एक लैटिन शब्द जिसका अर्थ है "गिल्ड") से लिया गया है


Wednesday 21 September 2022

PEG - WANT सिंग़ मान डूबा रहे हैं भारत का सम्मान अपने को भगत सिंग़ कीं औलाद कहकर …, भूल गए अपनी अवकाद..

 


PEG - WANT सिंग़ मान डूबा रहे हैं भारत का सम्मान अपने को भगत सिंग़ कीं औलाद कहकर …, भूल गए अपनी अवकाद..

उड़ते हवाई जहाज़ में नशेडियों का किर्तीमान तोड़कर front foot पर खड़े न हो पाने से जर्मनी के फ़्रांक्फ़ुर्ट ( Frankfurt ) हवाई अड्डे पर एक टिड्डा / टिड्डे की तरह उतार दिया



नशेड़ी राज्य का उड़ता पंजाब को उड़ते जहाज़ में ही मान को अमान्य का फ़रमान सुनाकर हवाई अड्डे पर पेगवंत के चेहरे क़ी हवाई ऊड़ गई क्योंकि भगत सिंग़ व अंबेडकर के फ़ोटो लगाकर टुकड़े गैंग का चोला पहनकर एक आडम्बर के खेला से आपचुनावी मेला में अपने को दुनिया का सबसे बेहतरीन गुरु चेला कहकर भ्रष्टाचार व तुष्टिकरण के आवरण बनकर जनता की आँखों में धूल झोंककर अपने को बेहतरीन फूल कहकर बड़ी भूल का मूल अब जनता को समझ में आ गया है ..

यह लोकतंत्र को लूटतंत्र के खेल से देश को डूबाने का अबाध गति का खेल है

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मेरे बलिदान व मेरे लिखे संविधान को बदनाम मत करो.. वादों से जनता के आँखों में धूल झोकने से पहिले प्रदेश को नशा मुक्त करो

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Don't defame my sacrifice and the constitution written by me.. Before throwing dust in the eyes of the public with promises, make the state drug-free.

 

Sunday 18 September 2022

विश्व के सर्वे में पिछले पाँच सालों से मोदी सफलता की सीढ़ी तेज गति से चढ़ रहें हैं व विश्व के अन्य नेता हाँफ रहें हैं

 


देश के प्रधानमंत्री को ७२ वें जन्म दिन पर बधाई व देश की प्रगति व विकास , पृथ्वी पर सबसे तेज दौड़ने वाले चीते की द्रुत गति से आगे बढ़ाने के संकल्प के लिए शुभ कामनाएँ

देश सत्ता परिवर्तन के बाद जातिवाद भाषावाद तुष्टिकरण के खेल से वोट बैंक की आड़ में नेता लोग देश की तिजोरी ख़ाली कर स्वतः के बैंक बनाकर विदेशी कर्ज के मर्ज़ से देश घोंघा चाल से चल रहा था ..

सन २०१४ में मोदी सरकार ने स्वालमभन के मंत्र को सार्थक कर २०१९ के कोरोना काल में विश्व को टीके देकर एक संदेश दिया की हिंदुस्तान अब सीना तान कर चल रहा है..

मोदी के जानी दुश्मनों के सीने की बर्फ़ पिघलकर वह भी मोदी का सानी हो गया है

विश्व के सर्वे में पिछले पाँच सालों से

मोदी सफलता की सीढ़ी तेज गति से चढ़ रहें हैं व विश्व के अन्य नेता हाँफ रहें हैं

 

Wednesday 14 September 2022

कृपया पढ़े, मंथन ,चिंतन कर राष्ट्र भाषा व मातृभाषा के पतवार के उपयोग से डूबते देश के नाव को बचायें… हिंदी दिवस …!!!, विदेशी भाषा द्वारा इसे चिंदी दिवस के नाम से हर साल मखौल उड़ाया जाता है

 कृपया पढ़ेमंथन ,चिंतन कर राष्ट्र भाषा व मातृभाषा के पतवार के उपयोग से डूबते देश के नाव को बचायें

 हिंदी दिवस …!!!, विदेशी भाषा द्वारा इसे चिंदी दिवस के नाम से हर साल मखौल उड़ाया जाता है


देश पर अंग्रेज़ी हावी…, अंग्रेज़ी रोटी देने वाले व संभ्रांत लोगों की भाषा.. की भ्रांति से देश के प्रति मुर्दानगी से नर व नारी में मर्द व मर्दानी की भावना नदारद ..  व विदेशी हाथ साथ विचार संस्कार से देश की संरचना के बदलाव की भावना से विदेशी इशारे से NGO को धन से लबालब कर देश में भारत तेरे टुकड़े होंगे … इंशाअल्लाह .. “ JNU में तो अपने को नेहरू के DNA से जन्में हिंदू छात्र छात्रा भी इस नारे का उद्घोष से क्रांतिकारी घोषित करने का दम्भ भर रही थी

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यह चित्र मोदीजी, भारतमाता व राष्ट्र को समर्पित

 

अब अंग्रेजी नही बनेगी राष्ट्र के युवाओं को रोटी देने वाली भ्रम की भाषा..., देश को जकड़ने वाली अंग्रेजी भाषा की  देशी व क्षेत्रीय भाषाओं के प्रभुत्व से अब देश की बेड़ियाँ टूटेगी....

 

अब देश में उच्च शिक्षा 11 देशी भाषाओं में पढ़ाई जाएँगी

 

याद रहे .....

भारतेंदु हरिश्चंद्र मात्र 34 साल जीवन जीने वाले जो साहित्यकार, पत्रकार, कवि और नाटककार थे 

 

1850 के आसपास के भारत में भ्रष्टाचार, प्रांतवाद, अलगाववाद, जातिवाद और छुआछूत जैसी समस्याएं अपने चरम पर थीं. तब उन्होने देश भर  में अपने नाट्य मंचों को हिन्दी व क्षेत्रीय भाषाओं से समाज की आँखें खोलने मेँ एक अहम भूमिका निभाई

 

जिन्होने विश्व को यही सार्थक उक्ति कही थी   संदेश दिया था कि मातृभाषा से ही देश की उन्नती है 

 

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।

विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।

सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।।

 

निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है।

 

मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं है।

 विभिन्न प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान,

सभी देशों से जरूर लेने चाहिये, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा के द्वारा ही करना चाहिये।

 

संक्षेप्त में अंग्रेजी भाषा जो देश को गुलाम रखने वाले अंग्रेजों के अंग्रेजों के पिल्लूओ ने  हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषा जो देश की व क्रांतिकारियों की भाषा थी जिसे आज भी एक सुनोजियत षडयंत्र के तहत समाप्त किया जा रहा था अब  उसकी समाप्ती का दौर आ गया है 

     

विदेशी भाषा को चंद लोग जानने वाले देश पर आज भी विदेशी राष्ट्रो के इशारों  से देश की राष्ट्रवाद व राष्ट्रनीती (धर्म परिवर्तन, घुसपैठियों  का संगठन से वोट बैंक बनाकर व देश का कायरता का  झूठा इतिहास पढ़ाकर देश को खंडित भारत की उपमा से देश के टुकड़े करने की नीती की योजना बना रहे थे ) बदलकर राजनीति की चासनी से देश पर राज कर देश को डूबाने का ही काम कर  रहें हैं 

सुदूर क्षेत्रीय भाषा के  गरीब तबकों  के अभिभावक भी भारी स्कूल फीस भरकर अपने बालकों को अंग्रेजी भाषा  में शिक्षण  देकर देश की मुख्य  धारा से अलग कर, वह छात्र मूक विदेशी भाषा का अनुसरण तो करता है पर वह उसके पल्ले नही पड़ता है

 8वीं  कक्षा के बाद उसे अंग्रेजी भाषा के पल्ले पड़ने  का  एहसास होता है व मैट्रिक में पहुँचने तक वह भाषा का ज्ञान लेते रहता है

तब तक वह विदेशी भाषा के बोझ तले दबता हुआ शिक्षा का अधूरा ज्ञान ग्रहण करता है

विश्व के जिन देशों ने स्वदेशी भाषा में शिक्षा  का प्रसार किया है आज अंग्रेजी भाषा के देश उनसे पिछड़ते जा रहें है





जापान मेँ 10 वी का छात्र अपनी भाषा से आगे अनुसंधान के लिए पढ़ाई करता है जबकि हमारे देश का  छात्र रोजगार वाले क्षेत्र के लिए पढ़ाई में अपने को बंधुवा अफसर बनाने के लिए आतुर व गर्व में रहता है  

 


अपनी भाषा में अनुसरण कर अति उन्नत देशों में इस्राइल रूस फ्रांस जापान स्पेन पोलैंड जर्मनी स्विट्ज़रलैंड चीन डच इटली जैसे अनेक देश हैं




और हम हैं सत्ता परिवर्तन के 75 सालों बाद भी उक्त देशों से तकनीकी व हथियार खरीद कर देश के राजस्व का बड़ा भाग बर्बाद कर रहें  हैं व विदेशी निवेश से  देश  को पंगु बना रहें  हैं


Friday 9 September 2022

सन १९०१ में ब्रिटेन की प्रथम महारानी विक्टोरिया की इंग्लँड में मृत्यु हुई , वीर सावरकर की आयु मात्र १८ साल की थी.., जब काँग्रेस के किम हियूम के देशी नेताओं दादाभाई नौरोज़ी गोपालकृष्ण गोखले रानाडे व अन्य नेताओं ने हिंदुस्तान में मी शोक सभा आयोजन की घोषणा से देश को मानसिक रूप से और अधिक गुलाम बनाने की धज्जिया उड़ा कर उनकी अवकाद दिखा दी थी

 

 

सन १९०१ में ब्रिटेन की प्रथम महारानी विक्टोरिया की इंग्लँड में मृत्यु हुई , उस समय वीर सावरकर की आयु मात्र १८ साल की थी..

देश को ग़ुलामी से और भयंकर रूप से जकड़ने वाले तलवाचाटु किम ह्यूम के कोंग्रेसी दादाभाई नौरोज़ी गोपालकृष्ण गोखले रानाडे व अन्य नेताओं ने जनता से आवाहन किया था कि महारानी विक्टोरिया का देश भर में शोक दिवस व शोक सभा का आयोजन किया जाएगा

इस संदेश को सुनते ही वीर सावरकर क्रोध से तम तमा कर इन कोंग्रेस के तलुवाचाटु नेताओं को लताड़ते हिये कहा

देश को आज़ादी का स्वाँग रचने वाले निठल्लों यह जनता को मूर्ख बनाने का खेल बंद करोवह हमें १०० सालों से अधिक ग़ुलाम रखने की पुनः प्रस्तुति से आप देश में अपनी स्तुति से ढिंढोरा पीटने का खेल बंद करो

याद रहे उसी दौरान देश में प्लेग की बीमारी भी इंग्लँड से आईं थी व आज के कोरोना बीमारी से कई गुना अधिक हिंदुस्तानी काल के गाल समा गए थेतब भी ये पिछलग्गू नेता अंग्रेजों के तलुवा चाटने व अपने महारथ बढ़ाने में अव्वलता बढ़ाते रहे

और

जनता को एक बात ध्यानकर्षित करना चाहता हूँ .. देश के छद्म शांतिदूत के नाम से हिंसा से २५ लाख हिंदुस्तानियों की हत्या करवाने वाला महात्माजो वीर सावरकर से १४ साल बड़े थे वह अपना अस्तित्व बचाने के लिए वीर सावरकर के अध्यक्षता में शत्रु के देश इंग्लँड में सन १९०७ में १८५७ भारत की गौरवशाली क्रांति के ५० वर्षके उद्घोषक मंच में गाँधी को मंच में स्थान दिया

व गाँधी ने वीर सावरकर के रोंगटे खड़े करने वाले/ समा बांधने वाले भाषण व
इंडिया हाउस में देशी विदेशी नागरिकों को एक महान मंत्र दिया ग़ुलामी देश पर कलंक हैइसे तोड़कर ही देश व जीवन संवर सकता है .. गाँधी ने भी भूरि भूरि प्रशंसा कर वीर सावरकर का लोहा माना

यह देश का दुर्भाग्य था विश्व के क्रांतिकारियों के जीवन में स्फूर्ति भरने वाले वीर सावरकर को यदि काला पानी सजा नही होती तो देश १९१४ के प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात आजाद होकर,,,

ह्यूम की कोंग्रेस जिसके विचार आज अलगाव वाद , धर्मवाद , जातिवाद , भाषावाद से देश खंडित हो गया जो आज तक चल रहें हैं उसका अंत हो गया होता ..