Friday 31 December 2021

यदि 31 दिसम्बर को नथूराम गोडसे ( GOD –से ) ने गांधी की हत्या की होती तो देश को नए साल के पहिले की सबसे बड़ी यादगार रात के जश्न की dry day ( सूखा दिन ) की रात बनकर आज देश को खरबों रूपये तक के राजस्व की हानी होती और शराबी आज के दिन पानी पी पी कर गांधी को कोसते



यदि 31 दिसम्बर को नथूराम गोडसे ( GOD –से ) ने गांधी की हत्या की होती तो देश को नए साल के पहिले की  सबसे बड़ी यादगार  रात के जश्न की dry day ( सूखा दिन ) की रात बनकर आज देश को खरबों रूपये  तक के राजस्व की हानी होती

और शराबी आज के दिन पानी पी पी कर गांधी को कोसते की  इंग्लैंड  में वकालत सीखने की जाने के समय जिस शख्स ने अपने जीवन में माँ बाप के सामने पराई स्त्री व शराब को हाथ न लगाने की कसम खाई थी इसके बावजूद गांधी ने वजूद तोड़कर  सुर सुरा सुंदरी से मौज मस्ती कर व बीबी की मौत के बाद  दो सुंदर लड़कियों के साथ अपने अंगों को आनंद देकर ब्रहचर्य व  सत्य के प्रयोग से दुष्कर्म कर महात्मा का चोला पहना था वह हमारी परीक्षा ले रहा है

नाथूराम तूस्सी ग्रेट हो …, आपने  ३० जनवरी को मुझे टपकाया ५५ करोड़  रूपये पाकिस्तान को देने के जुर्म से

यदि आप मुझे ३१ दिसम्बर को टपकाया होता तो  आज dry date से देश को ५५००० लाख करोड़ से बहुत अधिक रूपये से देश की GDP की हानि के राजस्व की भरपाई नही होतीं

 

नथूराम गोडसे, एक राष्ट्रवादी योद्धा, जिसने अपने प्राणों की आहुती से ..., गांधी को , देश के साथ खिलवाड़ से.., देश के टुकड़े करने के बाद भी, देश की तुष्टी करण की नीती से, देश को असहाय बनाने के बाद, आगे के खेल से, देश को पंगु बनाने का, अंजाम न दे सके , इस ह्त्या का उद्देश्य बताया,

याद रहे, नथूराम गोड़से ने स्वंय अपना मुकदमा लड़ते हुए , गांधी की ह्त्या करने के १५० कारण गिनाये थे...,तब अदालत में बैठे दर्शकों की आँखे, आंसू लबालब भरकर, जमीन में गिरकर नाथूराम गोड़से को सलाम कर रही थी ...




१. गांधी ह्त्या के पहिले नथूराम गोडसे ने गांधी को प्रणाम किया, बाद में गोली मारी.

२. नथूराम ने अदालत में कहा , मैंने गांधी को गोली मारने में इतनी सावधानी से, इतने, पास से गोली मारी ताकि उनके बगल में दो युवतियां, जो हमेशा उनके साथ रहती थी.., उन्हें गोली के छर्रे लगने से, मैं बदनाम न हो जाऊं (याद रहे, गांधी उन युवतियों के साथ नग्न सोकर, ब्रह्मचर्य /सत्य के प्रयोग में इस्तेमाल करते थे)

३. नथूराम ने कहा, ह्त्या के समय गांधी के मुख से आहकी आवाज निकली, “हे रामशब्द नहीं ...,
जिसे कांग्रेस ने हेराल्ड अखबार के प्रचार से हे रामशब्द से देशवासियों को भरमाया..

न्यायाधीश खोसला ने, अपने सेवा निर्वत्ती के बाद कहा था , यदि मुझे न्याय के लिए स्वतंत्र विचार दिया जाता तो मैं, नथूराम गोड़से को निर्दोषी मानता , मैं तो कानून का गुलाम था, इसलिए मुझे नाथूराम गोड़से व उसके अन्य साथियों को मृत्यु दंड सुनाना पड़ा

नथूराम गोड़से व उनके साथी, ‘भारतमाता की गोद मेंसोने के लिए इतने आतुर थे कि उन्होंने उच्च न्यायालय में अपनी सजा को चुनौती नहीं दी और न ही क्षमा याचना की अपील राष्ट्रपति से की ...

यह शांती का दूत..????, कपूत निकला.., याद रहे, इस अनशन की खाल में बापू ने .., दो विश्व युध्ह में २ लाख हिंदुस्थानी सैनिकों की अकारण बलि देकर, जो कुत्ते की मौत मारे गए थे .. व १९४७ में देश का अंग भंग कर ५ लाख हिन्दुस्थानियो की बलि लेकर..., इस अहिसा के परदे में खूनी खेल खेलकर, आज तक शांती दूत का चेहरा दिखाया है...

गाँधी वध के पश्चात जब सावरकर जी को न्यायलय ने सम्मान बरी किया तो जज का, वीर सावरकर के लिए यह
वक्तव्य था ..., “सावरकर ने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया, लेकिन ऐसे तुच्छ कार्य में उन्हें घसीटना बहुत ही निंदनीय है, इस बात की जांच की जानी चाहिए की ऐसे महान व्यक्ति का नाम इस कार्य में क्यों घसीटा गया

जबकि स्वयं नथूराम गोडसे ने गाँधी वध में सावरकरजी की संलिप्तता को सिरे से नकार दिया,




धर्मनिरपेक्षता के झूठे आडम्बर में फंसे तथाकथित सेकुलर उस दिन सूर्य के सामान जुगनू से प्रतीत हो रहे थे, जो की सूर्य को अपनी मद्दम रौशनी दिखा कर उसे निचा दिखाने की कोशिश कर रहे है,

वीर सावरकर के क्रातिकारी के जज्बे को सलाम करने के के लिए, 13 मार्च 1910 मे जहाज से कूदकर,पानी मे अंग्रज सैनिको की पीछे से गोली गोलियो की बौछर का सामना करते हुए , फ्रांस के मार्सेल तट पर पहुँचे, इस साहसिक घटना को जीवित कर , प्रेरित करने के लिए, घटना की 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मे एक भव्य स्मारक बनाने के लिए भारत सरकार को सूचित किया , और भारत सरकार ने वीर सावरकर को देश्द्रोही कहकर आपत्ति उठाने से वह प्रकल्प बंद करवा दिया..

दोस्तों अब गांधी जयंती के आयोजन में झूठे दिखावे के आचरण से, देश को, सरकारी अवकाश व विज्ञापनों व अन्य खर्चों से १० हजार करोड़ का चूना लगाने वाला है...

गांधी की गंदी राजनीती व जवाहर लाल नेहरू के जहर से देश ६८ साल के सत्ता परिवर्तन के शासन में कंगाल हो गया है..., आज सभी पार्टीयाँ विदेशों में विदेशी हाथ माँगने जा रहें हैं...

सत्ता तो मद से भरी.., मदारियों का समूह १९४७ से सत्ता परिवर्तन को आजादी के झांसे से बन्दर बांट से देश को लूट रहा है...

राजधर्म तो जातिवाद, भाषावाद,अलगाववाद, धर्मवाद व घुसपैठीयों से राजनीती में गहरी पैठ से जनता को गरीबी से तडफा-तड़फा कर..., हलाल कर ..., आज अपने को देश का लाल बनाकर., २ अक्टूबर से १४ नवम्बर से सालों - साल तक इनके पुतले..,बिना नहलाए पूजे जा रहें है...और तो और ७५ सालों से देश में गरीबी की वजह से गांधी का चष्मा चुरा लिया जाता है..., २ अक्टूबर तक सत्ताखोर बदहवासी में रहता है...

Friday 10 December 2021

देश का लाल भारतमाता की गोद से छीन गया… , देश स्तब्ध...

 


देश का लाल भारतमाता की गोद से छीन  गया , देश स्तब्ध...

  

सीडीएस विपिन रावत ने देश के तीनों सेना के अंग मे भर दी रंग, से... भारतमाता के जीवन में तरंग से. देशवासियों में देशभक्ति की उमड़ी उमंग

 

दुश्मन देश रह गए दंग... 2014 से पहिले कैसे राजनेताओं के भ्रष्टाचार के रंग से सेना की वर्दी पर दाग लगाकर मदमस्त हो रहे मुस्टंडों के गुंडों ने राष्ट्रवाद की पीठ से खंजर भोक कर, राष्ट्र कहरा रहा था

 

जनरल रावत के अगुवाई में सेना की ताक़त को दुश्मनों में खौफ का माहौल था व सीमा को छूने का अंजाम का पूर्वाभास से  पैजामा गीला था

   

याद रहे, हमारे एक  शूर-वीर फील्ड मार्शल मानेक शाह ने देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पाकिस्तान से युद्ध में झोकने से पहिले चेताया व कहा था मेरे सेना के मानक से उसकी तैयारी सिर्फ 25% है और हम 100% युद्ध के लिए तैयार नही हैं

  

इसके बावजूद युद्ध में फील्ड मार्शल मानेक शाह की दूर दर्शिता से मात्र 14 दिनों में हम युद्ध जीत जाने पर इसका श्रेय काँग्रेस पार्टी ने लेकर इन्दिरा गांधी को दुर्गा के रूप में स्थापित किया

इन्दिरा गांधी के इस पाखंड को चुनौती देते हुये फील्ड मार्शल मानेक शाह ने कहा “तुम में कितना भी घमंड हो लेकिन याद रखना तेरे नाक से लंबी मेरी नाक  है”

 

1962 की लड़ाई  में फील्ड मार्शल करिअप्पा ने अतहप्रयास के नेहरू के छद्म शांति के प्रयास से देश को चेताते हुये कहा था, देश को सावरकर की विचार धारा अपनाकर देश का हर सैनिक व देशवासी वीर शूरवीर बनकर देश चंद दिनों में विश्व गुरू बन जाएगा और चीन के युद्ध में इस हार के लिये  पूर्ण रूप से प्रधान मंत्री नेहरू को जिम्मेदार ठहराया

 

1965  में पाकिस्तान के अचानक आक्रमण से प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने सेना के त्तीनों अंगों को खुली छूट देकर, युद्ध जीतकर इसका श्रेय स्वन्य न लेकर , देश व सेना के जवानों व किसानों को दिया व उनके इस राष्ट्रवाद के जागरण से, बाद में देश व विदेश के माफियाओं के सुनियोजित संगठन ने उनकी ह्त्या हो गई

 

वही 1999 में देश के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व रक्षा मंत्री जॉर्ज फरनाडिस  को जब  जयललिता ने पार्टी के समर्थन न देने की घोषणा से  उनके पाँव पकड़ने के अपने 100% ध्यान से  देश की सीमा पर  घुसपैठ की जानकारी को अफवाह कहकर छद्म राष्ट्रवाद का स्वांग रचते हुये, अपनी कुर्सी को मजबूती देते हुये,  पाकिस्तान के बारे में कहा “हम पड़ोसी बदल नही सकते हैं  व हमको हमेशा पड़ोसी को मैत्री का संदेश देना होगा” व इस दौर में पाकिस्तान के जनरल  मुशर्रफ को ताज महल की यात्रा कराकर देश का ताज पहनाया गया

 

प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस स्वांग से, देश को दो महीनों के युद्ध से  देश के 1000 से ज्यादा जवानों की हत्या कर यों कहें हारे हुये युद्ध को जीत बताकर, अपनी नाकामी को छुपाकर  “ऑपरेशन विजय” कहकर  उनकी पार्टी भाजपा  ने जवाहरलाल नेहरू की तरह भारत रत्न देकर आज भी विभिन्न योजनाओ से देश को भरमाया जा रहा है

 

अंततः एक छोटी सी जानकारी  फील्ड मार्शल मानेक शाह के जून 27 , 2008 मे तमिलनाडु मे देहावसान पर उनकी अंतिम यात्रा में कोई कॉंग्रेस का कुत्ता तक नही आया नाम मात्र के गिने चुने लोग थे

आज हम 16 दिसम्बर 1971 युद्ध के जीत की स्वर्ण जयंती  मना रहें हैं लेकिन फील्ड मार्शल मानेक शाह की कीर्ति के चर्चा से आज भी नई पीढ़ी अंजान व अनभिज्ञ है क्या ऐसे में देश का जज्बा बढ़ सकता है ….!!!!

साभार www.meradeshdoooba.com

 

 

 


Sunday 14 November 2021

कृपया जरूर पढ़ें., मेरा संविधान महान , यहाँ हर माफिया पहलवान......,जब जज “थिरके” माफियाओं की मुरली के धुन.., नौकरशाही से फिल्मशाही भी दबंग.., तो.,क्यों न नोंचे संविधान का अंग... जब माफियाओं की नग्नता को, गरीबों के कपड़ों से पहनाए, जामा तब क्यों न लगे, कानून में जंग.., यह है .., ७५ सालों से, देश के गरीबी का इस भूखा नंगा हिन्दुस्तान का यह है. “छुपा रंग..”

 


१. कृपया जरूर पढ़ें., मेरा संविधान महान , यहाँ हर माफिया पहलवान......,

(सलमान से  आर्यन खान अरब पति बाप बेटों की यह सार्थक पोस्ट है की देश  का कानून कैसे इनके  सामने पंगु बन जाता है )

सलमान खान के अब्बा ने कह था..., " हमने हाइकोर्ट को झुकाने के लिए 23 करोड़ रूपये की इस अमानत को खर्च कर देर रात तक कोर्ट की कार्यवाही चला कर सलमान को जमानत दिलाई"


 

जब जज..., थिरकेमाफियाओं की मुरली के धुन.., नौकरशाही से फिल्मशाही भी दबंग.., तो.,क्यों न नोंचे संविधान का अंग... जब माफियाओं की नग्नता को, गरीबों के कपड़ों से पहनाए, जामा तब क्यों न लगे, कानून में जंग.., यह है .., ७५ सालों से, देश के गरीबी का इस भूखा नंगा हिन्दुस्तान का यह है. छुपा रंग..

२. अदालत अदा नहीं किया तो लात ..., इसी लात से गरीबों की मौत.., देश के जजशाही, नौकरशाही सत्ताशाही को धन के नशे की लत
A.P.L, B.P.L….. से Z.P.L… घोटाला इनके जीवन मे है वरदान .... जज भी बनें धन से भाग्यवान



३. आज का कानून. (कान + ऊन = क़ान मे ऊन= कानून बहरा हो गया है), अपराधी की पुस्तिका है, न्यायालय उनकी पाठशाला और जेल उसकी कार्यशाला है
इसमे अपराधी के लिये एक राहत का शब्द है जमानत...... ??????????



यह जमानत शब्द अपराधी के लिये अमानत बन गया है
इसमे एक अग्रिम जमानत भी है, जो अपराधी , अपराध करने से पहले ले लेता है और संविधान मुँह ताकता रहता है ?


४. अपराधी, जमानत के आड़ मे देश की अमानत (धरोहर ) बन जाता है


4 बार जमानत ------ अपराध में , प्रायमरी पास ......... ?
10 बार जमानत अपराध में, हाई स्कूल पास ................ ??
12 बार जमानत अपराध में, मिडल हाई स्कूल ..................???
15 बार जमानत.... अपराध में, स्नातक पास ............................ ????
15 से ज्यादा ........ अपराध में, डाँक्टरी पास ........................................................... ?????????????


इस विघ्यालय से एक प्रस्तित प्रमाण पत्र, जिसमे माफिया कि उपाघि मिलती है




५. आज माफिया शब्द कानून के लिये " माफ किया " है
यह शब्द संविधान को धत्ता बताकर कानून का संरक्षित सदस्यबन जाता है...!!!

इनके शिक्षा व जनता को डराने व धमकाने की कला के अनुसार हर सत्ता व विपक्षी पक्ष अपने - अपने पक्षो मे शामिल कर अपनी गुणवत्ता बढाते है, और एक समय ऐसा आता है , जज ,पुलीस, नौकरशाही (आइ.ए. एस, आइ. पी एस. जिला अधिकारी...इत्यादी ) के रोजी रोटी व तबादले का अधिकार इन दागी नेताओ के हाथ आ जाता है
इनके एक टेलीफोने से प्रशासन में हडकप मच जाता है , अधिकांश प्रशासनीक अधिकारी
रोजी रोटी व तबादले बचाने के लिये भ्रष्ट नेता के चरणदास बनकर, उनके पद चिन्हो पर चलकर, लूट के भागीदार बनकर , जनता की गाडी कमाई मे डाका डाल रहे है जिससे, जनता गरीबी व भूखमरी के हालत मे जीने को मजबूर है,


६. इनके 5 साल के बच्चे राणा सागा के औलाद लगते है, और गरीबो के 5 साल के कुपोषीत बच्चे 50 साल जैसे लगते है आधे से ज्यादा तो 5-6 साल के पहिले ही मर जाते है ?


७. आज का कानून मेरे विचार ....
इस देश न्याय पांने के लिये किसी भी व्यक्ती को, एक मकडी के जाल मे फसकर, मकडी (कानून) से लडना पडता है, इस जाल से उलझते- उलझते उसकी शारीरिक , मानसिक ताकत व घर बार बिक जा ता है, और क्या मिलता है? तारीख पर तारीख , न्याय पाने के चक्कर मे पीढिया गुजार दी जाती है...?? , घर मे कागजो के पुलीदों का ढेर , कहते है कानून मे कंकाल के अन्दर कंकाल होते है , इसमे उलझते जाते है.


८. आज न्याय की , “एक बन्दर और दो बिल्ली की कहानी गुजरे जमाने की बात हो गइ है, आज न्याय का बन्दर, अपने साथ दो बन्दर रखकर, न्याय के लिये तडफती बिल्लीयो को कहते है, न्याय के तराजू के पलडे की रोटी खत्म हो गई है, दोनो का पलडा एक समान है. जाओ, आगे न्याय चाहिए तो अपने घर बार बेच कर रोटी का जुगाड करो


९. यहां न्याय तो नही मिलता है, हाँ, न्याय के नाम पर गरीबी जरूर मिलती है ?


१०. इंडिया के कानून के शब्द कोश मे एक महत्वपूर्ण शब्द है प्राकृतिक न्याय ,इस शब्द के आड मे वकील बहस कर जज को झक झोर देता , जिसने, जितने ज्यादा व्याख्या (दलील) की क्षमता वह उतना बडा वकील कहलाता है


इस प्राकृतिक न्याय ने देश ने प्राकृतिक सौन्दर्य खो दिया है, भू मफिया जमीन , व दुसरे माफिया जनता व देश को लूट रहे है


११. आज एक मुकदमे का फैसला आने मे कम से कम 20-40 साल का समय लग जाता है , इस्का अर्थ हुआ के हम जज, पुलिस, वकीलो को बिना न्याय के वेतन दे रहे है
एक जज का कार्यकाल 2-4 साल का होता है, नया जज आने पर उसे मुकदमे का अध्धन करना पडता है, तारीख पर तारीख लगती है, जब तक वह मामले को समझने लगता है तो वह सेवांनृवितहो जाता है


प्रेमचन्द कि कहानी मे लिखा गया है

अदालते मतलब कागजी घोडे दौडाना, इस कागजी घोडो पर बैठकर जजो वकीलो व पुलीसौ की फौजे आनन्द उठाते हुए अपनी आजीविका के साथ फरियादी को लूट रही है


किसी ने कहा है, “सभी कानून बेकार है अच्छे लोगो को उनकी जरूरत नही होती है और बुरे लोग उससे सुधरते नही है”,
आज के माहौल मे बुरे लोग सिर्फ सुधरते है और वे अपनी सम्पती व सत्ता का अधिकार कर देश को चला रहे है,


१२. मैकोले का कहना था कि "भारत को हमेशा के लिए गुलाम बनाना है तो इसके शिक्षा तंत्र और न्याय व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त करना होगा " और आपने Indian Education Act पढ़ा होगा, वो भी मैकोले ने ही बनाया था और उसी मैकोले ने इस IPC की भी ड्राफ्टिंग की थी। ये बनी 1840 में और भारत में लागू हुई 1860 में। ड्राफ्टिंग करते समय मैकोले ने एक पत्र भेजा था ब्रिटिश संसद को जिसमे उसने लिखा था कि


"मैंने भारत की न्याय व्यवस्था को आधार देने के लिए एक ऐसा कानून बना दिया है जिसके लागू होने पर भारत के किसी आदमी को न्याय नहीं मिल पायेगा। इस कानून की जटिलताएं इतनी है कि भारत का साधारण आदमी तो इसे समझ ही नहीं सकेगा और जिन भारतीयों के लिए ये कानून बनाया गया है उन्हें ही ये सबसे ज्यादा तकलीफ देगी और भारत की जो प्राचीन और परंपरागत न्याय व्यवस्था है उसे जड़मूल से समाप्त कर देगा।

वो आगे लिखता है कि
"जब भारत के लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तभी हमारा राज मजबूती से भारत पर स्थापित होगा।"


१३. एक ओटो रिक्शा के पीछे के लिखा था सत्य परेशान होता है, लेकिन पराजित नही होता
आज के मौजुदा हलात मे सत्य इतना परेशान होता है कि पराजित नही होने से पहले आत्महत्या कर लेता है - उदाहरण किसान आत्महत्या,और मध्यम वर्ग की आम जनता, गरीबी व भूखमरी से आत्महत्या के लाखो खबरे अखबारो मे पढने अखबारों मे मिलती है.


दुनिया के जिस देश मे प्रतिशोध वाला कानून है, वहा सबसे कम अपराध होते है. हमारे संविधान से न्याय न मिलने से हजारों फरियादी अपराधी बन चुके  हैं, और परम्परागत अपराधी करोडपती हैं जो संविधान पर राज करने का दावा करतें हैं 


१४. याद रहे 6  साल पहिले.., , इरान मे एक युवति के चेहरे पर एसिड फए फेकने पर उसकी दोनो आँखे चली गई, तो अदालत ने हुक्म दिया कि अप्रराधी की दोनो आँखे फोंड दी जाये उसी तरह से सऊदी अरब का भी कानून है, बचे हुए मध्य पूर्व देशो के कानून, हमारे संविधान से भी बहुत कठोर है


आज देश मे 5 करोड मामले विभिन्न अदालतो मे विचाराधीन है, हमे शुक्रगुजार होना चहिये, देश के पंचायती राज का, वहाँ के निवासी उंनके न्याय का सम्मान करते हुए, राज्य की अदालतो मे नही जाते है, उसी तरह से उन नक्सली शासीत प्रदेश का न्याय, जहाँ, जन अदालत से उन्हे न्याय मिलता है (जिंनका कानून देश के 30-40% हिस्से मे है)


१५. यदि इनके मामले देश की अदालतो मे आते, तो अदालतों मे विचाराधीन मामले 12 करोड से भी ज्यादा होते थे, मतलब, 24 करोड से भी ज्यादा से भी ज्यादा लोग, 30% देश की वयस्क आबादी न्याय के चक्कर मे अपने जीवन का समय बरबाद कर रही होती ?


१६. ये हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के इसी IPC के आधार पर चल रही है और आजादी के 65 साल बाद हमारी न्याय व्यवस्था का हाल देखिये कि लगभग 4 करोड़ मुक़दमे अलग-अलग अदालतों में पेंडिंग हैं, उनके फैसले नहीं हो पा रहे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा लोग न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन न्याय मिलने की दूर-दूर तक सम्भावना नजर नहीं आ रही है, कारण क्या है? कारण यही IPC है। IPC का आधार ही ऐसा है.

कहते हैं.., शराब से समुन्द्र से ज्यादा लोगों को डूबोया है.., और हमारा देश भी भ्रष्टाचार के शराब से कानूनी को डूबा कर ..., देशवासियों को पस्त कर, त्रस्त कर, इस, एक् अंग्रेजो के अस्त्रसे देशवासीयो को मारकर..,पीटकर..., बीमारी , तनाव व अवसाद. (DEPRESSION) से अपने दबंगी के DEEP- IMPRESSION से देश के मसीहा बनकर, छायें हैं..., दोस्तों डूबते देश की यही कहानी है


त्रिमूर्ति स्वरूप कागजी घोड़ों पर अब जज शाही ने देश के बाज की हत्या कर कानून के दरिंदों को जमानत देकर अपराध के पौधे को विशाल वट वृक्ष बनाकर भ्रष्टाचार की छांव से देश को अंधकार में डालने की 200 सालों की गुलामी का भरण पोषण से देश पुनः गर्त में जा रहा है

 

लेकिन, अफसोस..., 



देश फिर से 75 सालों के अंग्रेजों के कानून में कागज के घोड़ों को दौड़ाने वालों की बपौती है के गिरफ्त में आ गया है

और माफियाओं के संगठन ने धनबल के तीरों से संविधान को छिद्रित कर दिया है  

 

त्रिमूर्ति स्वरूप कागजी घोड़ों पर अब जज शाही ने देश के बाज की हत्या कर कानून के दरिंदों को जमानत देकर अपराध के पौधे को विशाल वट वृक्ष बनाकर भ्रष्टाचार की छांव से देश को अंधकार में डालने की 200 सालों की गुलामी का भरण पोषण से देश पुनः गर्त में जा रहा है  

अब्बू खाँ की बकरी बन समीर वानखेडे ने स्पष्ट रूप से कहा था वह कानून को जकड़ने वालों की अकड़ निकाल कर रहेगा चाहे उसे पद व जीवन का बलिदान भी देना पड़े तो संकोच नही होगा देश की 75 सालों से कानून को खरीदने वालों की अब खैर नही होगी




अब्बू खाँ की बकरी बन समीर वानखेडे ने स्पष्ट रूप से कहा था वह कानून को जकड़ने वालों की अकड़ निकाल कर रहेगा चाहे उसे पद व जीवन का बलिदान भी देना पड़े तो संकोच नही होगा देश की 75 सालों से कानून को खरीदने वालों की अब खैर नही होगी


समीर वानखेडे ने किल्ला कोर्ट व सत्र न्यायालय में इन भेड़ियों को सबक तो सिखा दिया की मेरे दो छोटे सिंगों ने  माफिया के जबड़ों की ताकत छीन ली है व सत्यमेव जयते का गूंजन हो रहा है 


कटोरे में कटोरा बाप बेटे से भी छिछोरा... सितारों की चमक का बादशाह कहने वाले एक बाप बेटे की जोड़ी ने डृग / मादक पदार्थों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार से अकूत दौलत कमाकर वाहवाही लूटने की आड़ से देश को अंधकार में डालकर एक महापाप का बाप बना है

 



कटोरे में कटोरा बाप बेटे से भी छिछोरा... सितारों की चमक का बादशाह कहने वाले एक बाप बेटे की जोड़ी ने डृग / मादक पदार्थों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार से अकूत दौलत कमाकर वाहवाही लूटने की आड़ से देश को अंधकार में डालकर एक महापाप का बाप बना है

 

कानूनशाही को झकझोर कर बेटा निर्दोष का शोर कर  आखिरकार जजशाही ने भी तानाशाही दिखाते हुये देश के कानून को कान में ऊन डालकर जमानत को आर्यन की अमानत कहकर सम्मानित किया

 

याद रहे शाहरुख खान ने बचपन मे अपने बेटे को कहा था तू मेरा बेटा बनकर तन इश्क (तनिष्क) व तनसुख के लिए कितनी भी अय्याशी करे तो मेरी  तरफ से तुझे पूरी तरह से आजादी दूंगा


लेकिन देश के मादक द्रव्य विभाग ने शाहरुख खान के बेटे को कानून से गिरफ्तार कर जता दिया की देश हित के विरुद्ध काम करने वालों को सबक जरूर मिलेगा


आज से 5 साल पहिले की पोस्ट आज पाँच साल बाद भी सार्थक व पुनरावृति से जनता को भरमाकर अब लूट के खेल में जनता के खून में नए रंग से देश को बदरंग करने का नया खेला है चेन्नई में चंद मुफ्त के सामानो के लोभ में इन चुनावी मेढकों ने जनता का सामान व सम्मान भी बहा दिया है




आज से 5 साल पहिले की पोस्ट आज पाँच  साल बाद भी सार्थक व पुनरावृति से जनता को भरमाकर अब लूट के खेल में जनता के खून में नए रंग से देश को बदरंग करने का नया खेला है

 

चेन्नई में चंद मुफ्त के सामानो के लोभ में इन चुनावी मेढकों ने जनता का सामान व सम्मान भी बहा दिया है

उत्तर प्रदेश के अखिल प्रदेश  को उतारू प्रदेश बनाने की अखिलेश यादव  की नई चुनावी योजना




  

दिसम्बर 2015 की दोनों पोस्टों की आज फिर से पुनरावृति हो रही है ....!!!!!· 

 

आज की दो बड़ी खबर.., पहली तमिलनाडु में आपदा का कहर.., 30 दिन में बाढ़ से सब कुछ लुटाकर ..आज सोमवार को स्कूल व कॉलेज खुले.’’

 

दूसरी खबर सुप्रीम कोर्ट ने उतारू प्रदेश के अखिलेश सरकार की लताड़.., भ्रष्टाचार का सूपड़ा साफ़ करने के लिए बुधवार तक लोकायुक्त क़ानून लागू करने का अंतिम आदेश दिया..

दोस्तों..., तमिलनाडु ही नहीं देश की जनता मुफ्त लेपटोप, मिक्सचरग्राइंडर मुफ्त टीवी की दीवानी है.., इसका फायदा तो राजनैतिक दल उठा रहें हैं.., देश की खरबों रूपये की योजनाओं को डकार गएँ हैं..., तमिलनाडु में तो मुफ्त के उपहार के साथ-साथ जनता की नीजी सम्पति भी बह गई / समाप्त हो गई है...,

 

याद रहे.., ब्रिटिश सरकार के शासन काल में विकास के सेतु से अन्य विकास कार्य आज भी जीवंत है.., आज के सत्ता परिवर्तन (१९४७) के भारत में..., इन्ही नालों व पुलों पर वोटबैंक के भार से नये निर्माणजैसे सेतु ढह रहें हैं......आपदा के नाम से प्रथम समाचार में 55 लोगों की मौत के बाद भी प्रसाशन .., मरणासन्न था.., अब पानी सर से ऊपर बह रहा है...तब राज्यसरकार जागी है.., मोदीजी ने भी व्यक्तिगत दौरा कर अपनी केंद्रीय फ़ोर्स झोककर एक अच्छी मिशाल दी है...

 

फेस बुक व वेबस्थल की September 11, 2013 • की post

1. अखिलेश की हर योजना से, फैला... पूरे उत्तर प्रदेश (अखिल) मे क्लेश...???? प्रदेश मे पुलिस और सेना के जवान खा रहे है, गोलिंया .... और सत्ताधारी, जनता की हत्याओं के खून से तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया...???

देशवासियों को टॉप का अंग ढकने के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है।

 

2. राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी देश की जल्लादे....?????, “ समाजवादशब्द को आज लूट की खादसे भरण पोषण कर , देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया वह व्यक्ति थे... जिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित था। मरते दम तक, कोई घर नहीं था, और लोहिया की दहाड़ से प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था।

 

3. यदि, आज देश के हर धर्म का नागरिक राष्ट्रवादी होता, तो, देशवासियों के साथ देश का सीना भी बुलेटप्रूफ होता। अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास मुस्लिम लड़कियो को 30000 रु का अनुदान व अन्य धर्मो की लड़कियो का नहीं है, कोई नामों निशान।

 

4. याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे चुनावों के समय, “वोट बैंककी राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट दोगे..., तो मैं इस प्रदेश को, मुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो ने, पश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ साथ, इसे आईएसआई का अड्डा भी बना दिया... अब यह देश के लिए चिंताजनक गड्ढा बन गया है।

 

5. 10 साल पहिले, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, एक मदरसे का अनुदान के मामले मे, इलाहाबाद के एक सदस्यीय हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी है, तो अल्पसंख्यक... शब्द, लागू ही नहीं होता है, और इस अनुदान के आदेश को निरस्त कर दिया जा रहा है।इस आदेश के बाद मुस्लिमो की बौखलाहट से, राजनेताओ के शह से, उस जज को बर्खास्त कर दिया गया और एक नये 2 सदस्यीय, हाईकोर्ट के बेंच का गठन कर , इस अनुदान को सही ठहराया।

 

6. देश के विभिन्न धमाको के संदर्भ, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, जो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ है, हमारे खुफिया विभाग द्वारा आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग भी अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है। मस्जिदों मे एके 47 का जखीरा, एक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने आया है।

 

7. मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया

(RADIA=RA+N+DIA) बनकर.... इसे 2 सम्प्रदायो का झगड़ा कह कर, लीपा पोती में लगी हुई है। यह गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है।

देशवासियों याद रहे मुंबई के आजाद मैदान मे घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर , महिला पुलिसों तक को पीटकर व मीडिया की गाड़ी जलाकर , एक खुले चुनौती देते हुए कहा ... रोक सके... तो रोको ...??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भी, इसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर से चुप बैठें है...सेना,पुलिस के जवान खा रहे है गोलिया.... और सत्ताधारी तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया...

 

8. जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो... 

 


क्या सिद्धू…, पंजाब के मूख्यमंत्री चन्नी को चवन्नी बनायेंगे व अपने को अट्ठन्नी व रूपया बनकर आने वाले दिनों में पंजाब पर राज करेंगे... !!! क्या काँग्रेस ... !!! अब भी चन्नी को धर्म परिवर्तन से दलित को क्रिश्चियन बनाकर नशे के कारोबार से पंजाब को इटली की धरोहर बनाएगी


 

क्या सिद्धू…, पंजाब के मूख्यमंत्री चन्नी को चवन्नी बनायेंगे व अपने को अट्ठन्नी व रूपया बनकर आने वाले  दिनों  में पंजाब पर राज करेंगे... !!!

 

क्या काँग्रेस ... !!! अब भी चन्नी को धर्म परिवर्तन से दलित  को क्रिश्चियन बनाकर नशे के कारोबार से पंजाब को इटली की धरोहर बनाएगी 


Saturday 13 November 2021

कॉंग्रेस के लकडबग्घों ने अब राष्ट्रवादी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर को दबोच कर सत्ता से बाहर कर सत्ता की मलाई चाटने का मार्ग प्रस्त कर दिया है पंजाब में अब पाकिस्तानियों के नशे का कारोबार फल फूल रहा है , ड्रोन से हथियार व ड्रग की हवाई आपूर्ति ज़ोरों शोरों से जारी


 

कॉंग्रेस के लकडबग्घों ने अब राष्ट्रवादी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर को दबोच कर सत्ता से बाहर कर सत्ता की मलाई चाटने का मार्ग प्रस्त कर दिया है


पंजाब में अब पाकिस्तानियों के नशे का कारोबार फल फूल रहा है , ड्रोन से हथियार व ड्रग की हवाई आपूर्ति ज़ोरों शोरों से जारी है  

यह द्वन्द युद्ध नही व्यंग युद्ध है, भारतीय संविधान व लोकतन्त्र पर धनबल शक्तिबल व जनता से छल कर, सेना के कैप्टन अमरिंदर को एक क्रिकेटर ने अपने को राजनीति में कैप्टन कहने की हौड में दौड़ रहा है

 


यह द्वन्द युद्ध नही व्यंग युद्ध है, भारतीय संविधान व लोकतन्त्र पर धनबल शक्तिबल व जनता से छल कर, सेना के कैप्टन अमरिंदर को एक क्रिकेटर ने अपने को राजनीति में कैप्टन कहने की हौड में दौड़ रहा है 


काँग्रेस में आते ही सिद्धू ने अपना वर्चस्व दिखाने के लिए देश का गद्दार बनकर, विरोध के बावजूद पाकिस्तान में जनरल बाजवा के गले मिलकर कैप्टन अमरिंदर द्वारा घोर विरोध के बावजूद उन्हे ठेंगा दिखाकर सिद्धू अपने को महाबली कहने लगे


 

पंजाब में काँग्रेस  कैप्टन अमरिंदर के बदौलत चल रही है यदि कोई बगावत करेगा तो अमरिंदर उसे ही नही काँग्रेस पार्टी को भी पंजाब से बाहर कर देंगे ऐसा कहने पर सोनिया ब्रिगेड़ में खलबली मच गई

विधान सभा चुनाव नज़दिक आ रहे थे कैप्टन अमरिंदर का तोड़ निकालने के लिए सोनिया की नजर बीजेपी में पिद्धू बने  सिद्धू पर गयी  

काँग्रेस में आते ही सिद्धू ने अपना वर्चस्व दिखाने के लिए देश का गद्दार बनकर, विरोध के बावजूद पाकिस्तान में जनरल बाजवा के गले मिलकर कैप्टन अमरिंदर द्वारा घोर विरोध के बावजूद उन्हे  ठेंगा दिखाकर सिद्धू अपने को महाबली कहने लगे  

और अब तो मनमानी की इंतिहा होने लगी...

 


Thursday 4 November 2021

चेतो,मोदी सरकार ...., ३५ पैसे रोज़ के पेट्रोल डीजल के महंगाई की यारी से महामारी व २००० रूपये से अधिक के व्यावसायिक गैस सिलिंडर से (मुझे) डायन बताकर जनता में ३६ का आँकड़ा बनाकर, मफ़ियाओं से हमजोली कर मुझे मत बदनाम करो… खाद्य तेल 100 से 200 से 180 व 140 रूपये का माफियाओं का रंगीला खेल से अब टमाटर 15 से 60 रूपये किलो व अन्य सामानों से इस महंगाई में दिवाली से जनता का पेट खाली…


 

चेतो,मोदी सरकार ....,

 

३५ पैसे रोज़ के पेट्रोल डीजल के महंगाई की यारी से महामारी व २००० रूपये से अधिक के व्यावसायिक गैस सिलिंडर से (मुझे) डायन बताकर जनता में ३६ का आँकड़ा बनाकर, मफ़ियाओं से हमजोली कर मुझे मत बदनाम करो 

 

खाद्य तेल 100 से  200 से 180 व 140 रूपये का माफियाओं का रंगीला खेल से अब टमाटर 15 से 60 रूपये किलो व अन्य सामानों से इस महंगाई में दिवाली से जनता का पेट खाली