Monday 27 February 2023

राजस्व को चूना लगाकर अपने को हिंदुस्तानी राजनीति के लंबे दौड़ का अश्व बताने वाले गिरगिटवाल ने युवा पीढ़ी को शराब के समुंदर में डूबाने वाले खेल के मसीहा हैं


 राजस्व को चूना लगाकर अपने को हिंदुस्तानी राजनीति के लंबे दौड़ का अश्व बताने वाले गिरगिटवाल ने युवा पीढ़ी को शराब के समुंदर में डूबाने वाले खेल से वोट बैंक को अपनी संपदा कर भले दिल्ली चुनाव जीत गयी लेकिन युवा पीढ़ी के घर मैं शराब के तांडव से मासूम बच्चों में डर से उनका मानसिक क्षमता में कमी से जीवन क्षय हो रहा है 



१० हज़ार करोड़ रुपये से दिल्ली के माफिया जश्न मना रहें है और सीबीआई के प्रश्न का उत्तर म देने से अब अप मुख्यमंत्री जेल के सलाख़ों के पीछे हैं

साभार www.meradeshdoooba.com

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हम हैं देश के असली फ़ौलादी औलादें .., शराब घोटालों से हमारे नाम से अब तुम बने आपराधिक गंदी नाले के कीड़े

 

मुझे कुछ नहीं सुनना मैं स्वन्य यौन शोषण व तुष्टिकरण का अपराधी हूँ

 

अब तू शराब के बोतलों के खेल सहित आजा CBI के जेल कें तले

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We are the real Steel sons of our country so stop the comparison you gutterworm involved in the liquor scam

 

I don't want to hear anything, I myself am guilty of sexual abuse and appeasement

 

Finally your game of liquor policy has landed you in CBI custody


Sunday 26 February 2023

इस महान क्रांतीकारी को देश के इतिहास कारों , पत्रकारों आज के मीडिया ने गांधी /कांग्रेस के पिछलग्गू बनकर, पेट भरू , बनकर देश के गरीबों के पेट में लात मारकर, आज के देश की मार्मिक तस्वीर दिखाने के बजाय, अय्याशी का मीडिया (साधन) बनाकर, अपनी कलम से अपने पत्रिकाओं के कॉलम (COLUMN) में देश के गौरवशाली इतिहास को भी कभी सामने आने नहीं दिया ..


 


Veer Paramveer Savarkar Shining Star of Nationalism www.meradeshdoooba.com

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२६ फरवरी...!!!!!!, (भाग -2) वीर सावरकर की ५७वीं पुण्य तिथि पर राष्ट्र के नेता बेखबर.., गली मौहल्ले में नहीं खबर.., राष्ट्र के लुटेरों और देश को कुतरने वाले माफियों के TRP से मीडिया मालामाल.., देश के लुटने का कोई नहीं मलाल.., सभी के गाल हैं..., लाल...

१ . श्रेष्ठ कौन..!!!, कलम या तलवार..., स्कूलों में भाषण प्रतियोगितायें होती है .., और मैकाले की शिक्षा प्रणाली में कलम की जीत पर वाक् युद्ध करने वाले को पुरूस्कार दिया जाता है.

२ . वीर वीर ही नहीं.., परमवीर सावकर, दुनिया के एक मात्र क्रांतीकारी थे, जिन्होनें समयानुसार, कलम व तलवार..., कलम व पिस्तौल को अपने जीवन में श्रेष्ठ बनाया. इसकी ही छाप से, शत्रु की राजधानी इंग्लैंड में अपना कौशल दिखाया..

३ . वीर सावरकर ने, कलम से, भारतीय १८५७ एक पवित्र स्वातंत्र्य समर इतिहास लिखकर” , अंग्रेजों के पसीने छुड़ा दिए..,, वे इतने भयभीत हो गए कि इस इतिहास को बिना पढ़े, बिना प्रकाशन के ही इसे प्रतिबंधित कर दिया, जबकि इसके प्रकाशन की लाखों प्रतिया विश्व में छा गई.., और हिन्दुस्तान की गुलामी व लूट के इतिहास से विश्व परिचित हुआ.

४ . याद रहे, इस पुस्तक को पढ़कर, शहीद भगत सिंग में कांती का स्वर बुलंद हो गया.., उन्होंने इस पुस्तक का चोरी छिपे प्रकाशन कर क्रांतीकारियों में बांटी ..., और या पुस्तक क्रांतीकारियों की गीताबन गई.

५ . उनका कहना था, अंग्रेजों की बन्दूक से दमनकारी नीती का जवाब काठी नहीं..., राष्ट्रवाद की गोली से देना चाहिए, और जवाब भी दिया..,

६ . इतनी यातनाए सहने के बाद,कई बार काल के गाल के निकट पहुँचाने के बावजूद , वीर सावरकर के गाल, यूं कहें चेहरे पर शिकन तक नहीं थी.







७ . इस महान क्रांतीकारी को देश के इतिहास कारों , पत्रकारों आज के मीडिया ने गांधी /कांग्रेस के पिछलग्गू बनकर, पेट भरू , बनकर देश के गरीबों के पेट में लात मारकर, आज के देश की मार्मिक तस्वीर दिखाने के बजाय, अय्याशी का मीडिया (साधन) बनाकर, अपनी कलम से अपने पत्रिकाओं के कॉलम (COLUMN) में देश के गौरवशाली इतिहास को भी कभी सामने आने नहीं दिया ..




८ . अभी दिल्ली से, भाजपा नेता, सुब्रमनियम स्वामी की एक हल्की सी हुंकार सुनाई दी कि वीर सावरकार को भारत रत्नदेने की .., क्या ये गूँज भी नेपथ्य में खो जायेगी ..




गुणों की खान वीर सावरकर का कितना भी बखान किया जाय कम है

९ . वीर सावरकर ::: एक महान विद्वान ,राजनयिक, , स्टेट्समैन राजनेता, तत्वचिंतक , क्रांतीकारक लेखक, नाटककार, महाकवि, सर्वोत्तम वक्ता, पत्रकार, धर्मशील, नीतीमान, पंडित, मुनि, इतिहास संशोधक, इतिहास निर्माता, राष्ट्रीत्व के दर्शनकार, प्रवचनकार, अस्पर्शयता निवारक, शुद्धी कार्य के प्रणेता, समाज सुधारक, विज्ञान निष्ठा सिखाने वाले , भाषा शुद्धी करने वाले, लिपि सुधारक, संस्कृत भाषा पर प्रभुत्व, बहुभाषिक हिंदुत्व संगठक, राष्ट्रीय कालदर्शन के प्रणेता, कथाकार, आचार्य, तत्व ज्ञानी, महाजन, स्तिथप्रज्ञ, इतिहास समीक्षक, धर्म सुधारक विवेकशील नेता व हुतात्मा थे

१० . दोस्तों इनकी कीर्ती के सामने भारत रत्नतो छोड़ों देश के नोबल पुरूस्कार विजेता व भारत रत्न से सम्मान्नीत महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमण ने सही कहा था वीर सावरकर की चमक के समक्ष कोहिनूर हिरा भी फीका है..

११ . ७१ वर्षों के इतिहास में जिन्होंने देश को १९४७ के पहिले की जनता के सुखमय जीवन को आज गरीबी से ग्रसित किया है (सिर्फ लाल बहादुर शास्त्री क छोड़कर) वे भारत रत्न की शान से आज भी मुहल्ले, गली, शहर में पुतले के साथ अपना नाम कराकर..,जनता को दंश देकर अपनी शान को द्योतक/प्रतीक कह रहें हैं

हमें विश्व गुरू बनना है, तो, वीर सावरकर की विचारधारा को मानना ही पडेगा ..., आज मणिपुर के आतंकवाद का जवाब.., व सीमा पार पकिस्तान को जवाब..., वीर सावरकर की विचारधारा से जाबांजी का ही परिचय है ..




 

वीर सावरकर की ५७ वी पुण्यतिथी पर २६ फरवरी .., मृतुन्जय .., जिससे काल भी डरा .., इंग्लॅण्ड की भूमी पर देश की गुलामी को बेड़ियों से मुक्त करने की दहाड़ से दुश्मन भी सन्न रहता था.., सावरकर की हुंकार से विश्व के क्रन्तीकिरियों में एक जूनून भर गया था

 

वीर सावरकर की ५७ वी पुण्यतिथी पर २६ फरवरी   ..

 

मृतुन्जय .., जिससे काल भी डरा .., इंग्लॅण्ड की भूमी पर देश की गुलामी को बेड़ियों से मुक्त करने की दहाड़ से दुश्मन भी सन्न रहता था..सावरकर की हुंकार से विश्व के क्रन्तीकिरियों में एक जूनून भर गया था , इंडिया हाउस .., क्रांति हाउस बन, वीर सावरकर के भाषणों से  इंग्लॅण्ड की जनता भी उनके विचारों की कायल हो गई,

 

चाणक्य , वीर शिवाजी , महाराणा प्रताप के गुणों से भरपूर.., अब वीर सावरकर जैसे महान विभूति के पुनर्जन्म जन्म से ही .., या वीर परमवीर सावरकर के विचारों के अनुसरण से देश विश्व गुरू बनेगा...

 

वीर सावरकर में बचपन से वीर छत्रपति शिवाजी  के गुण व सत्ता परिवर्तन के बाद भी वे राष्ट्रवादी सिद्धान्तों से देश की गरिमा न झुककर, सत्तालुप्त न रह कर महाराणा प्रताप की तरह घास की रोटी खाना पसंद किया. सत्ता परिवर्तन के बाद भी उनका भुगुर का पैतृक घर नेहरू द्वारा जब्त करने के बाद , वीर सावरकर ने कहा मुझे मेरा घर न मिलने का दुःख नहीं है .., मैं तो देश के लिए लड़ रहा था , मुझे दुःख है कि हमें खंडित हिन्दुस्तान की ऊंची चोटी पहाड़ी नदी सागर मिले ..

 

१८५७ को अंग्रेजों द्वारा ग़दर / विद्रोह की संज्ञा देकर हमें बुझदिल कौम बनाकर .., कांग्रेस द्वारा इस झूठे इतिहास का पिछलगू बनकर, तलवा  चाटू से देश को गुलामी में बांधकर रखने के खेल को वीर सावरकर ने इंग्लॅण्ड में सहप्रमाण  सिद्ध कर दिया कि  हुम की कांग्रेस देश के आंदोलन को दबाने की एक सेफ्टी वाल्व है

 

सन २००७ में वीर सावरकर ने शत्रु के घर इंग्लॅण्ड में १८५७ के ५०वी जयन्ती का भव्य समारोह मनाया , साथ ही  साथ दशहरा , गुरु गोविन्द सिंह की जयन्ती मनाई . जब मोहनदास गांधी इंग्लॅण्ड में अपने राजनीती जीवन के शैशव काल में थे . तब सावरकर शत्रु के घर अपनी ख्यति से चरम पर थे.

 

अंडमान जेल में जीवन के १२ साल के कठोर यात्लाओं ता यातनाओं में रहने के बाद जेल की दीवारों में किल से लिखे १० हजार से अधिक कविताओं को लिखके मौखिक याद कर .., जेल से बाहर आकर उन्होंने इस काव्य ग्रन्थ के रूप में संगृहीत किया.

  

जीवन में कई बार उनके जीवन में मृत्यु भी छू कर गई लेकिन वे तनिक भी न घबराये.

 

आज तक वीर सावरकर की चालीस से ज्यादा भविष्यवाणियां सत्य बनी है

 

१. ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे.. यही हाल वीर सावरकर के जीवन के साथ भी, लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या से मौत के सदमे के बाद,वीर सावरकर बिमार होते गये,

उन्होने कहा अब देश गर्त मे चला गया, अब मुझे इस देश मे जीना नही हैवीर सावरकर ने दवा लेने से इंकार कर दिया, एक बार डाक्टर ने उन्हे चाय मे दवा मिला कर दी, तो वीर सावरकर को पता चलने पर उन्होने चाय पीना भी बंद कर दिया , और एक राष्ट्र का महानायक इच्छा मृत्यु (कहे तो आत्महत्या) से चला गया.

वीर सावरकर की यह भविष्यवाणी भी सही निकली ……?????

 

उनकी यह भविष्यवाणी सच हुई,

 

हिन्दू समाज उपनिषदों और गीता में वर्णित आत्मा की अमरता को स्वीकार करता है । गीता में कहा गया है-

 

नैनं  छिन्दन्ति  शस्त्राणि  नैनं दहति पावक: ।

     न  चैनं  क्लेदयन्तापो  न  शोषयति मारुत: ।

 

    शस्त्रादि इसे न काट पाते     जला न सकता इसे हुताशन ।

    सलिल प्रलेपन न आर्द्र कर    खा न सकता प्रबल प्रभंजन ।

 

 वासांसि जीर्णानि यथा विहाय   नवानि  गृह्णाति नरो पराणि ।

 तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-  न्यन्यानि  संयाति नवानि देही ।

 

    जीर्ण वस्त्र को जैसे तजकर नव परिधान ग्रहण करता नर ।

    वैसे  जर्जर  तन  को तजकर  धरता  देही  नवल  कलेवर ।

(जन्म, 28 मई 1883 · मृत्यु, फ़रवरी 26, 1966(1966-02-26) (उम्र 82) · मृत्यु का कारण. इच्छामृत्यु यूथेनेशिया ...

मृत्यु का कारण: इच्छामृत्यु यूथेनेशिया प्र...

मृत्यु: फ़रवरी 26, 1966 (उम्र 82); बम्बई, भारत

जन्म: 28 मई 1883; ग्राम भागुर, जिला नासिक बम्बई

 

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि वीर सावरकर ने खुद अपने लिए इच्छा मृत्यु जैसी स्थिति चुनी थी। उनका निधन 26 फरवरी 1966 को हुआ था। उससे एक महीने पहले से उन्होंने उपवास करना शुरू कर दिया था। ऐसा कहा जाता है कि इसी उपवास के कारण उनका शरीर बेहद कमजोर होता गया और फिर 82 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया।)

 

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Tuesday 14 February 2023

ब्रह्मचर्य के प्रयोग के आड़ में इस नन्हे बालक को लाठी पकड़कर राह जानने के छद्म खेल से वाह वाही लूटने वाले बापू रवींद्रनाथ टैगोर की भतीजी सरला देवी के यौन संबंध से जकड़े थे जो लौह पुरुष सरदार पटेल भी इस कृत्य से ख़फा थे…


 

बापू को लाठी के सहारे मार्गदर्शन करने वाले इस डाक्यूमेंट्री फ़िल्म से जब मैं सन १९६७ में ४थी  कक्षा में पढ़ता था

 

इस बच्चे से बहुत प्रभावित थाजब युवा अवस्था में बापू के चरित्र पर अध्ययन करने पर ज्ञान हुआ की ब्रह्मचर्य का प्रयोग भ्रम- चर्य से नारी शोषण से गाँधी के चरित्र की दुहाई हो रही है…!!!!

 


ब्रह्मचर्य के प्रयोग के आड़ में इस नन्हे बालक को लाठी पकड़कर राह जानने के छद्म खेल से

वाह वाही लूटने वाले बापू रवींद्रनाथ टैगोर की भतीजी सरला देवी के यौन संबंध से जकड़े थे जो लौह पुरुष सरदार पटेल भी इस कृत्य से ख़फा थेव बापू को इस कृत्य से सुधरने

की सलाह से कामना कर  कांग्रेस पार्टी के साख पर धब्बा न लगने की चिंता से व्यथित थे

 

आख़िर यह देश का महात्मा का चोला पहने महा यौन ठग का अंत नाथूराम गोडसेद्वारा वैलेंटाइन दिवस के लगभग १५ दिवस पहिले हत्या कर देश से मोक्ष दिलाकर भरी अदालत में भारी मन से १५० कारण से भारत के भविष्य का मंत्र समझाकर फाँसी के फ़ंधे में झूल गये

 

आज आजादी के झाँसे की ७५ वीं अमृत वर्ष में बापू नाम के ज़हर से देश को पंगु बनाने के बेबाक़ खेल बादस्तूर जारी है

 



VALENTINE DAY बनाम WELL-IN- TIME – अय्याशी के तीन बंदर बनें कामुक लंगूर –जवाहर “लाल सिंग चड्डा “ जो रोज सवेरे एडविना की लाल चड्डी देखने व रात में जिन्ना एडविना की बदली हुई हरी चड्डी देखने


VALENTINE DAY बनाम WELL-IN- TIME

अय्याशी के  तीन बंदर  बनें कामुक लंगूर –

गांधी की गंदी नीती जवाहर के जहर व जिन्ना के जिन ने देश को अय्याशी की आड़ में इन तीनों लंगूरों ने देश में अखंड भारत के  खूनी रक्तपात से देश के 25 लाख सनातनी लोगों की हत्या से महात्मा / राष्ट्रपिता “  “चाचा”  व “कायदे आजम” की उपाधि से आज भी महामंडित हैं

 

जवाहर “लाल सिंग चड्डा “ जो रोज सवेरे एडविना की लाल चड्डी देखने व रात में जिन्ना एडविना की बदली हुई हरी चड्डी देखने

व बापू के बदचलनी यौन शोषण के कारनामों के चित्र से एडविना  द्वारा आम जनता  में सार्वजनिक करने की धमकी से देश के टुकड़े कर इन तीनों लंगूरों को  चुप्पी साधने को मजबूर  होना पड़ा

 


दोस्तों..,

 बड़े दु:ख के साथ लिखना पड़ रहा है आज आजादी के इस 75 साल के झांसे से  खंडित लहूलुहान हिंदुस्तान आज भी इसका खामियाजा भुगत रहा है   

Monday 6 February 2023

लता दीदी की प्रथम पुण्य तिथि पर ....., आदरांजली “आनंद मठ” की कोकिला को...आएगा, आएगा, आएगा, आएगा आनेवाला, आएगा आनेवाला...“अब कोई नही सदियों तक आयेगा इस स्वर के धरती के “महल” में...”

 


  • लता दीदी की प्रथम पुण्य तिथि पर .....

  • आदरांजली आनंद मठकी कोकिला को

लता चौक का लोकार्पण:




जब तक सूरज चाँद रहेगा… सूरज व चाँद की निहारती रौशनी

से देश व दुनिया के वासी के कर्ण में लता दीदी के स्वर में उमंग

की तरंग से जीवन में ख़ुशहाली रहेगी



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तुम्हारे  स्वर व वीणा के तार..

हे ईश्वर तुझे समर्पित बारम्बार

 


तुम न जाने किस जहाँ में खो गये

हम भरी दुनिया में तनहा हो गये

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खामोश है ज़माना, चुप-चुप हैं सितारे

आराम से है दुनिया, बेकल है दिल के मारे

ऐसे में कोई आहट, इस तरह आ रही है

जैसे कि चल रहा है, मन में कोई हमारे

या दिल धड़क रहा है, इक आस के सहारे

 

आएगा, आएगा, आएगा, आएगा आनेवाला, आएगा आनेवाला...

 

जी...!!!!,

 

 अश्रु पूर्वक कहना पड़ रहा है की आगे कलयुग काल में


 शायद ही लता दीदी  तुल्य कोई “अद्भुत, अकल्पित हैं


 स्वर-माधुर्य की साम्राज्ञी लता” का जन्म इस ब्रह्मांड में


 गूंजने वाली खामोश आवाज का पुनर्जन्म हो ...


 

अब कोई नही सदियों तक आयेगा इस स्वर के धरती


 के महल”  में...