Friday 17 May 2013





देश के प्रतीक बने , देश के सडको व चौराहो पर आज तक किसी भी पुतले को नही नहलाया गया है.... लेकिन देश का एक पुतला रोज़ भ्रष्टाचार की गंगा मे नहा रहा है....??? और उसका चेहरा भी निखर रहा है..??? काँग्रेस कहती है, मजबूत प्रधानमत्री, मै कहता हूँ... मजबूर प्रधानमत्री, अब भ्रष्टाचार के मजदूर प्रधानमंत्री बन गये है..??? सिर्फ आदेश मिलने की जरूरत है भ्रष्टाचार से मन को रॆग (मनरेगा) कर चुपचाप मजदूरी कर लेता हैं... किसी को भनक भी नही पडती है..

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कहते है सबसे भली चुप ,और एक चुप सौ को हराता है..., प्रधानमंत्री और काँग्रेस पार्टी भी इसी भ्रम मे है...???

कोयला घोटाले की बात से प्रधानमंत्री को कब इंकार रहा है???, वह तो सौ दफा अफसोस जाहिर कर चुके है, और घोटालों को देश का कैसर कह चुके है और आज तक देश के प्रधानमंत्री को किसी के प्रेम मे दिल की बीमारी जरूर लगी...?? लेकिन भ्रष्टाचार का कैसर भी उनको देखकर डर गया है...?? हर बार इस्तीफे का डिमांड , लेकिन इस्तीफा शब्द तो उनके लिए वजीफा है...

काँग्रेस पार्टी भी कहती है विपक्ष को इस्तीफा माँगने की बीमारी लग गई है... देखो हमारे प्रधानमंत्री 80 की उम्र मे भ्रष्टाचार के विटामीन से कितने स्वस्थ है... और देश के माफिया कितने मस्त है....???

आज हर घोटाला बरेली के बाजार मे झुमका गिरा रे , हो गया है, जो अभी तलक मिला ही नही... क्या दोस्तो मेरा देश लूटा या मेरा देश डूबा..????

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