Tuesday 1 January 2013



ज़रा गौर करें.., 
वाह से कांग्रेस तेरी सरकार , (तीनों चित्र देखें) 

“सत्ता परिवर्तन” {TRANSFEROF POWER} को. आजादी के झांसे से अपने को कहें... स्वतन्त्रता सेनानी के “वंशवाद का परिवार” 

साईकिल घोटाले से शुरू कर, बोफोर्स घोटाले से , विदेशी हाथ , विदेशी बात , विदेशी संस्कार से “मेरा भारत महान” के छाँव में अब अँधेरे में देश की जनता को विदेशी टोर्च में गरीबों के सेल ( बैटरी-मेहनत व संसाधन) डालकर, ६७ साल बाद भी ७२% भूखे हिन्दुस्तानीयों को कहें “भारत निर्माण”...,

अलगाववाद, जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद,घुसपैठीयों की बाढ़ से वोट बैंक के लबालब भण्डार...,
बना.., सत्ता से तिजोरी लूटने का हत्यार...,
बजट में गरोबों को “बाजू हट” व सत्ताखोरों व माफियाओं को “बिग हट (बड़े महल) का उपहार ....

किसान ह्त्या, जवान ह्त्या, कुपोषण, बलात्कार....,
योजनायें बनाकर मत करों, लाशों का व्यापार....,
धरती, जल, आकाश, अग्नि, वायु बेचा , अब मत बेचों मेरे आंचल को कर दुत्कार....
अब, भारतमाता कर रही पुकार...
जागों देशवासियों..., अब राष्ट्रवादी बनकर इन मुस्टंडों को दो ललकार....

बोफोर्स के दुगने फ़ोर्स में “मेरा भारत महान” का बारूद” डालकर मेरे ईटालियन सास-ससुर से रिश्तेदार हत्यार व अन्य “घोटालों” से “बने “धनवान” इसका मुझे है... “गुमान”.....!!!!!!!

“अब मल्टी फ़ोर्स घोटालों” ने तो “सुनामी” को भी मात दे दी है....

वेबस्थल की पोस्ट Posted on 03 March 2013.
विदेशी हाथ, विदेशी साथ, विदेशी बात,
विदेशी विचार, विदेशी संस्कार
विदेशी खाट, विदेशी रात,(पब व लिव इन रिलेशन)
और इसका अंजाम क्या मिल रहा है?
विदेशी आतंकवादी, विदेशी हमला, विदेशी (देश के लिये हत्यारों व अन्य) सौदागर, विदेशी बैक
विदेशी देशो का हमारी अर्थव्यवस्था पर शिंकजा
और हमे मिल रही है विदेशी बैको (अतराष्टीय मुद्रा कोष) के कर्ज की लात
हम घुटने टेक रहे है विदेशीयों के हाथ ?
देश के कर्णधारों के
कलम बिक गये , तलवार बिक गये, पत्रकार, पुत्रकार बनने से पहले पतन कार बन गये?
नौकराशाही छोटी-छोटी सुविधा पर अपना इमान बेचते गये?,
साहित्यकार स्वय: के हितकार बने, देश के हितैषी दबंग, भ्रष्टाचार के तरंग बन गये?
देश को बेचने वाले आज देश के शिल्पकार बन गये ?
सत्ता के दलाल देश के लाल बन गये?
धर्म के नाम पर नेता देश को पंगु बनाते गये?
धर्मगुरू…????, देश की जनता के, गुरूंघटाल बन कर, नेताओ के भ्रष्टाचारी महलों के अग्निशामक दल बन गये ?
देश को चलाने वाले, विदेशी हाथ के दस्ताने पहनते गये?
दस्तानो की सुरक्षा कवच से उनके हाथ बिना खरोच के , हाथ के साथ, भाग्य रेखा अतिविशिष्ट सुरक्षा के साथ बढाते गये?
देश्वासियो को
विकास के पत्थर से मंजिल का सपना दिखाकर,
गरीबो पर वे ही महगाई, अलगाववाद, जातिवाद, धर्म के पत्थर मारते रहे?
जनता लहूलूहान होकर अपने घाव को देश से बढा समझकर, घर बैठे इलाज कर रही है,?



हम हो रहे,,बर्बाद हर दिन..., देशवासियों तुम, हम तो ५ साल के लिए देश के रोते हुए चेहरें है...इनके मोहरें हैं ..., राष्ट्रवाद पर वोटबैंकवाद हावी है..., सत्ता का इनका भविष्य भावी है....
हर चुनाव में जनता को चुन-चुन कर मारा जा जा रहा है , हर धर्म के वासी का जीवन तो १९४७ से पहले से भी बदतर होते जा रहा है...,
वोट बैंक से...., धर्मगुरूओं के सत्ताखोरों की मिलीभगत से महलों से फतवा, आदेश जारी होता है... और गरीबों की झोपडिया जलती है...

१९४७ के सत्ता परिवर्तन की इतिहास देखे तो , हर चुनाव वंशवाद के दंशवाद में जातिवाद,भाषावाद,धर्मवाद ,अलगाव वाद का घोल मिला कर , घुसपैठीयों के चांदी के वर्क से सजाकर..., सत्ताखोर मिठाईया खा रहें है...,
जजशाही,नौकरशाही,माफियाशाही सत्ताशाही के मजबूत जंजीरों के जोड़ से से आम आदमी जकड़ा हुआ है,,,
हम हो रहे बरबाद , हर दिन – हर अफीम वाले नारों के साथ. नेताओ का जनता के नाम आधुनिक नारा-लडों और कहों, मेरा धर्म तुम्हारे धर्म से बडा और वोट बैंक हमारा...

दोस्तों..!!!!!, डूबते देश की कहानी...., वंशवाद और माफियावाद की खाद से, खा गई स्विस बैंक..., हमारी हरियाली का राष्ट्रवाद... से अब बनी आबाद
हमारे संविधान के बंद कर दिए कान...
काले मन वाले बने उजियाले तन...
लुच्चे टुच्चे , उच्चके बने संविधान की शान
वोट बैंक की दीक्षा की महिमा से
जाते-जाते अपने कर्मों से.. जनता के ताबूत
हर गल्ली मुह्ह्ल्ले में पुतले बनाकर... अब निकले साबूत
गरीबी हटाओं , आराम हराम है, मेरा भारत महान
माफियाओं के मन की मुस्कान बनी “भारत निर्माण” से एक नयी जान
जनता लहूलुहान
योजनाओं को भोजनाएं बनाकर कर रहें बखान
आ कर दंश देने वाले “आदर्श नेताओं” की अब बन गई “गर्व की पहचान”....
सीमा पर दुश्मन घात लगाये बैठे है... और हरामखोर, सत्ताखोरों ने , सीमाओं को खुला छोड़कर ,जवानों के हाथ बांधकर , जवानों के सर कटाकर देश की अस्मिता को ताक पर रखकर, अब दलाली के इस खेल से, इतने मुस्टंडे हो गए है कि ... भ्रष्टाचारियों के कल्याण को...भारत निर्माण के नारों से देशवासियों को भरमा रहें है....
हे हरामखोर, सत्ताखोरों, तुमने तो, जवानों के आंसू से ही देश को डूबा दिया है....,क्या अभी भी शर्म बाकी है ..???
इटली के अदालत में पत्र पेश, सोनिया के करीबियों का खेल.., अब सी.बी.आई करेगी पत्र की जांच ...बोफोर्स के ६० करोड़ के घोटाले में ४०० करोड खर्च कर क्वात्रोची ..बना...??????.
Question-Expert-Tea, से सी.बी.आई. को चाय पानी पीला कर, अब कर रहा है कब्र में मौज , अब मिलेगा सी.बी.आई को नया मनी मून पैकेज , इसे कहते है, VVIP.... Very Variety Intelligent Politics,
चैन से जीना है तो ...जाग जाओ देश्वासियो..???
घुट-घुट के जीना है तो, समस्यायें देखकर आँखे बन्द कर लो यारों..???
दोस्तों जागो... मार्मिक स्तिथी है...डूबते देश को बचाओ,,, अब पानी सर से ऊपर जा रहा है... आओ प्रतिज्ञा करे देश के जवानों व किसानो की माटी बिकने नहीं देंगे... देश में किसी भी घुसपैठीये को वोट बैंक नहीं बनने देंगें
मैंने एक नया ग्रुप बनाया है - .....
धरती लुटी, जल लुटा, पाताल लुटा, और लुटा आकाश.... अब और मत बनाओ, आम हिन्दुस्थानियों को जिंदा लाश.....
बाबूजी यहाँ सब कुछ बिकता है, लेकिन लूट मे तो हर माल मुफ्त मिलता है ...
अब आम आदमीयों पर लगाओ, टैक्स , और भोगों सत्ता का सेक्स ( लूट और शोषण से अय्याशी का जलवा)
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो..