Monday 30 January 2023

याद रहे, नथूराम गोड़से ने स्वंय ३० जनवरी… एक अविस्मरणीय स्वाभिमानी दिवस …

 

याद रहेनथूराम गोड़से ने स्वंय ३० जनवरी… एक अविस्मरणीय स्वाभिमानी दिवस 


----------------------------------------------------------------------------------------------



नथूराम गोडसे, एक राष्ट्रवादी योद्धा, जिसने अपने प्राणों की आहुती से ..., गांधी अपना मुकदमा लड़ते हुए , गांधी की ह्त्या करने के १५० कारण गिनाये थे...,तब अदालत में बैठे दर्शकों की आँखे, आंसू लबालब भरकर, जमीन में गिरकर नाथूराम गोड़से को सलाम कर रही थी ...



१. गांधी ह्त्या के पहिले नथूराम गोडसे ने गांधी को प्रणाम कियाबाद में गोली मारी.

 

२. नथूराम ने अदालत में कहा मैंने गांधी को गोली मारने में इतनी सावधानी सेइतनेपास से गोली मारी ताकि उनके बगल में दो युवतियांजो हमेशा उनके साथ रहती थी..उन्हें गोली के छर्रे लगने सेमैं बदनाम न हो जाऊं (याद रहेगांधी उन युवतियों के साथ नग्न सोकरब्रह्मचर्य /सत्य के प्रयोग में इस्तेमाल करते थे)

 


३. नथूराम ने कहाह्त्या के समय गांधी के मुख से आह” की आवाज निकली, “हे राम” शब्द नहीं ...,

जिसे कांग्रेस ने हेराल्ड अखबार के प्रचार से हे राम” शब्द से देशवासियों को भरमाया..

 

न्यायाधीश खोसला नेअपने सेवा निर्वत्ती के बाद कहा था यदि मुझे न्याय के लिए स्वतंत्र विचार दिया जाता तो मैंनथूराम गोड़से को निर्दोषी मानता मैं तो कानून का गुलाम थाइसलिए मुझे नाथूराम गोड़से व उसके अन्य साथियों को मृत्यु दंड सुनाना पड़ा

 





नथूराम गोड़से व उनके साथी, ‘भारतमाता की गोद में’ सोने के लिए इतने आतुर थे कि उन्होंने उच्च न्यायालय में अपनी सजा को चुनौती नहीं दी और न ही क्षमा याचना की अपील राष्ट्रपति से की ...

 

यह शांती का दूत..????, कपूत निकला..याद रहेइस अनशन की खाल में बापू ने ..दो विश्व युध्ह में २ लाख हिंदुस्थानी सैनिकों की अकारण बलि देकरजो कुत्ते की मौत मारे गए थे .. व १९४७ में देश का अंग भंग कर २५ लाख हिन्दुस्थानियो की बलि लेकर...इस अहिसा के परदे में खूनी खेल खेलकरआज तक सब सरकारों ने शांति के  दूत का चेहरा दिखाया है...

 




जबकि स्वयं नथूराम गोडसे ने गाँधी वध में सावरकरजी की संलिप्तता को सिरे से नकार दिया,


नाथूरामजी तूस्सी ग्रेट हो …, यदि आप मुझे ३१ दिसम्बर को टपकाया होता तो सूखा दिवस Dry day से शराब की दुकानें बंद होने से देश को ५५००० करोड़ से बहुत अधिक रूपये से देश की GDP की हानि के राजस्व की भरपाई संभव नही होतीं


 

 आपने  ३० जनवरी को मुझे टपकाया ५५ करोड़  रूपये पाकिस्तान को देने के जुर्म से यदि आप मुझे ३१ दिसम्बर को टपकाया होता तो  सूखा दिवस  Dry day से शराब की दुकानें बंद होने से देश को ५५०००  करोड़ से बहुत अधिक रूपये से देश की GDP की हानि के राजस्व की भरपाई संभव नही होतीं

Thursday 26 January 2023

1962 में चीन से हार के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने लोकसभा में कहा “कोई बात नही चीन ने हिंदुस्तान का वह भाग छीना है वंहा कुछ उगता नही था...” यूं कहें नेहरू के गंजे सर से बचे पाँच बाल माओत्से तुंग ने पंचशील समझौते से उखाड़ लिए...


 

1962 India (Nehru) Vs China (Mao Zedong) War

1962 में  चीन  से हार के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने लोकसभा में कहा “कोई बात नही चीन ने हिंदुस्तान का  वह भाग छीना है वंहा कुछ उगता नही था...”  यूं कहें नेहरू के गंजे सर से बचे पाँच बाल माओत्से तुंग ने पंचशील समझौते से उखाड़ लिए...

---------------------------------




तुम्हारे गंजे सिर से पंचशील समझौते से मेकमोहन लाइन के ५ बाल अक्साई चीनकैलास मानसरोवर अरुणाचल लेह लद्द्दाख के हिस्से में कब्जा कर अब धाक जमाता हूँ

------------------------------------------------

 

By violating the Panchsheel agreement, I now dominate over you by capturing some part ofAksai Chin, Kailas Mansarovar, Arunachal and Leh Ladhak by crossing the MC Mahon line,that is just like removing five hair from your bald head.

पप्पू … अप्पा चप्पा डब्बा कहकर अपने अब्बा से नाना द्वारा घृणित नज़रों से देखने का बयान देकर कह रहा है यदि मुझे सिर भी कटाना पड़े तो आरएसएस से नही मिलूँगा…”


Wednesday 25 January 2023

पप्पू … अप्पा चप्पा डब्बा कहकर अपने अब्बा से नाना द्वारा घृणित नज़रों से देखने का बयान देकर कह रहा है “यदि मुझे सिर भी कटाना पड़े तो आरएसएस से नही मिलूँगा…”


 


पप्पूजी…, भारत जोड़ो / मरोड़ों से विपक्षी दलों की एकता को तोड़ों व अपने ही कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी छोड़ो के अभियान से देश के पद यात्रा में है....

कृपया, यह लेख जरूर पढ़ें...!!!  

1962 में  चीन  से हार के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने लोकसभा में कहा “कोई बात नही चीन ने हिंदुस्तान का  वह भाग छीना है वंहा कुछ उगता नाही था...”  यूं कहें नेहरू के गंजे सर से बचे पाँच बाल माओत्से तुंग ने पंचशील समझौते से उखाड़ लिए...

============

 

अंग्रेजों का कॉपी पेस्ट का भारी भरकम संविधान बनाकर.. अपने पूर्वज नाना प्रधान मंत्री नेहरू ने छद्म शांति का कबूतर बनकर एडविना को कबूतरी बनाकर देश की सीमाओं को खुला छोड़कर हाथ में आया कश्मीर आधा निकल गया ..

 

बाद में हिन्दी चीनी भाई भाई में दहाई के दस ऊँगली से माओत्से तुंग द्वारा थप्पड़ मारकर, सर के बचे गंजे बालों को निकाल कर नेहरू के नंगे पाव से गंजे सिर को नंगा कर इस नौटंकी की इंतहा कर ..



 

इस भारत रत्न प्रधानमंत्री को धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का बनाकर गुप्त रोगों के रहस्य से मौत का खुलासा आज तक नहीं हुआ

 

स्तिथि ऐसी बनी की नेहरू ने १९६३ का गणतंत्र जो गुड गोबर तंत्र से ब्रिटिश के जंग हथियारों के ज़ख़ीरे दिखाने पर , अपनी असफलता दिखाने से इस गणतंत्र को रद्द करने का विचार तक कर दिया था

 

तब नेहरू द्वारा आरएसएस को इस परेड में न्यौता देकर इसे चीन के विरुद् प्रतिरोध दिवस मानकर गणतंत्र की लाज आरएसएस ने रखी

 

और पप्पू अप्पा चप्पा डब्बा कहकर अपने अब्बा से नाना द्वारा घृणित नज़रों से देखने का बयान देकर कह रहा है यदि मुझे सिर भी कटाना पड़े तो आरएसएस से नही मिलूँगा…”

 

याद रहे १९६२ के चीन युद्ध में यदि आरएसएस के योद्धा देश के जवानों से कंधे से कंधा मिलाकर सीमा पर नही जाते तो सर से पाँव तक नंगा नेहरू का वजूद ख़त्म हो कर एक निजी स्वार्थ का तानाशाह व धोखेबाज़ प्रधानमंत्री के रूप में देश को काले काल में धकेलने का इतिहास में दर्ज होता ..

 

इस घटना से अब भी देश के साथ खिलवाड़ करने वाले ग़द्दारों से देश की ख़ुफ़िया तंत्र को चौकन्ना रहना होगा व सरदार पटेल के ५६० से अधिक रियासतों को जोड़ने के सफल राष्ट्रनिष्ट कार्य में टुकड़े गैंग के सेंध लगाने के देशी विदेशी ताक़तों का ताकि खेल शुरू होने से पहिले ही ख़ात्मा हो

 

बेबाक़ी से व सौजन्य

 

www.meradeshdoooba.com

 

~~~~~~

Nehru accepted the gratitude of Sangh director Guru Golwalkar

 

In the China war of 1962,your volunteers fought with the army with great passion and to save my image from getting dusty I bow down with respect and invite your fighters during the Republic Day parade.

~~~~~~

चीन के पराजय से नेहरू की छवि बचाने से आरएसएस के गुरु गोलवलकर का एहसान माना

 

1962 के चीन युद्ध मैं आपके स्वंय सेवकों का सेना संग जज्बे से लड़ने व मेरी पराजय व छवि धूल में मिलने से बचाने के लिए दण्डवत प्रमाण व गणतंत्र दिवस परेड में आपके सेनानियों को आमंत्रण


Sunday 15 January 2023

देश का शौर्य दिवस में महान फील्ड मार्शल जनरल करिअप्पा की नियुक्ति से गणना शुरू होकर …, अब सेना का अपना १५ जनवरी २०२३ को ७५ वां गौरव शाली दिवस व वर्ष धूम धाम से मनाया जा रहा है


 

कृपया गौर करें

देश का शौर्य दिवस में महान फील्ड मार्शल जनरल करिअप्पा की नियुक्ति से गणना शुरू होकर …,

अब  सेना का अपना १५ जनवरी २०२३ को ७५ वां गौरव शाली दिवस व वर्ष धूम धाम से मनाया जा रहा है

 

महान नायक.., वीर परमवीर विनायक दामोदर सावरकर की उक्ति जो आज भी सार्थक है.., देश को समर्पितव आज देश के महान जाँबाज़ फील्ड मार्शल जनरल करिअप्पा जिन्हें इतिहास के पन्नों में गुमनाम कर दिया ….

 

जबकि उन्हीं की आज़ाद भारत में नियुक्ति को शौर्य दिवस से मनाया जाता है ..,

 

जिनकी देश भक्ति व नेहरू की ग़द्दारी के बावजूद लद्धाख व कारगिल का क्षेत्र आज जो देश से जुड़ा है वह प्रथम देश के फील्ड मार्शल जनरल करिअप्पा की ही देंन है

 

आज वीर सावरकर की उक्ति अब ही उद्धृत है शक्ति ही शक्ति का सम्मान करती हैजो पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भी माना कि यह श्लोगन मैंने वीर सावरकर के उद्बोधन से चुराया है ..

 

१९६२ में चीन के हाथो से करारी पराजय को उदगृहत कर व अपना इस्तीफ़ा प्रधान मंत्री नेहरू को सौपते हुए आज़ाद भारत के जाँबाज़, राजनेताओं के चुंगल में न फँसने वाले निर्भीक प्रथम फील्ड मार्शल जनरल करिअप्पा ने देशवासियों को आवाहन व नेहरू को लताड़ते हुए अपना इस्तीफ़ा देते कहा काश हमने वीर सावरकर की बात मानी होती तो हमें पराजय का मुख नही देखना पड़ता..

 

बेशर्म नेहरू को अपने अय्याशी कृत व झूठे शांति दूत के महात्मा नही दुरात्मा गाँधी के खंडित भारत को सही ठहराने के अनुसरण से जब  १९३८ के दौर के तीन सालों  में गांधी को पश्चिमी मीडिया के दबाव में नोबल पुरस्कार के लिए नामांकित तो किया था लेकिन अंग्रेजों का पिल्लू होने से उनका दावा ख़ारिज होता गया,

 \

अब व्यभिचारी पंडित की उपाधि वाले इस कृत्य से प्रधानमंत्री नेहरू को कश्मीरी समाज ने बहिष्कृत कर समाज से निकाल दिया था

 

नेहरू ने तानाशाही पश्चिमी मीडिया के बल से अपने कांग्रेस पार्टी के सांसदों पर छद्म धाक से स्वंय को भारत रत्नसे नवाज़ा ..  व यह शांति दूत कपूत निकला अब गाँधी के नोबेल पुरस्कार हो हथियाने यों कहें की दावेदारी के चक्कर में चीनी थप्पड़ से देश का ४६ हज़ार किलोमीटर भूभाग दे बैठा

अपने इस कृत्य का अफ़सोस न कर स्वंय इस्तीफ़ा देने के बजाय रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन से इस्तीफ़ा लेकर अपने चेहरे की कालिख उन पर पोत दी

 

याद रहे आज कांग्रेस से विपक्षी दल तक  ७५ सालों से भौंक रही है की RSS ने देश की आज़ादी में योगदान नही दिया

 

जब सन १९६२ में चीन से हार रही सेना का जज़्बा बढ़ाने के लिए RSS का दल रण क्षेत्र में उतर गया व चीनी सेना को भी आभाष हो गया कि देश का प्रधानमंत्री तो  कायर है लेकिन देश का संगठन जाँबाज़ है और चीनी सेना उल्टे पाँव दौड़ी

 

यूँ कहें डरे नेहरू का पायजामा गीला हो गया

 

अभी ताजा नए बयान में छद्म गाँधी का वंशज राहुल उर्फ़ पप्पू कह रहा है की मेरे वंशज आरएसएस से घृणा करते थे और मुझे सिर कटाना पड़े तो भी आरएसएस RSS से नही मिलूँगा

 

याद रहे अपने कृत्य से शर्मिंदा होकर अंततः प्रधान मंत्री नेहरू ने RSS को २६ जनवरी १९६३ के गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल कर सम्मानीत देशभक्त संगठन का दर्जा दिया

 

Thursday 12 January 2023

काश..., “हमने वीर सावरकर की बात मानी होती तो चीन के हाथों हमारी हार नही होती” यह कहते हुये जनरल करियप्पा ने 1962 में नेहरू को अपने पद का इस्तीफा दिया..


 

काश..., “हमने वीर सावरकर की बात मानी होती तो चीन के हाथों हमारी हार नही होतीयह कहते हुये जनरल करियप्पा ने 1962 में नेहरू को अपने पद का इस्तीफा दिया..

नेहरू को चेतावनी देने वाले वीर सावरकर ने १९५२ में ही कह दिया था , चीन की  हिन्दी- चीनी भाई - भाई की यह दोस्ती  छद्म है...

 

चीन हम पर आक्रमण  करेगा, हमारी सेनाओं को  सशक्त बनाना होगा... और आसाम में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्ला देश) के नागरिकों की घुसपैठ से देश में शत्रुओं का निर्माणहो रहा है ... जो भविष्य में देश

 को खंडित करने का काम करेगा

 

काश...,  हमने वीर सावरकर की  बात मानी होती तो चीन के हाथों हमारी हार नही होती  यह कहते हुये जनरल करियप्पा ने 1962 में नेहरू  को अपने पद का इस्तीफा दिया..

 याद रहे ..., 1962 में आरएसएस ने सीमाओं पर जाकर हिंदुस्तानी सेनाओं का साथ देकर लड़ाई लड़ने के उपलक्ष्य में नेहरू ने 1963 में गणतन्त्र दिवस की परेड मे आरएसएस को शामिल कर सम्मानित किया


Sunday 1 January 2023

राजमाता हीराबेन को श्रद्धा व अश्रू से आदरंजली..., माँ तेरे चरणामृत से मेरा जीवन व राष्ट्र विभूतित तुम्हारे शतायु वर्ष के त्याग व वात्सल्य की तपस्या से मैं अभिभूत व नवयुग की प्रेरणा को मेरा माल्यापर्ण

 



क माँ ने लोगों के घरों में फ़र्श से बर्तन धोकर …, चमकाकर ग़रीबी को सुहाग का गहना से अपनीं पीढ़ी के दिनों को सुहावना बनाने के अनथके अथक प्रयास से अपने बेटे को प्रेरणा देकर कि ग़रीबी अभिशाप नही अनवरत प्रयास से कर्मों को चमकाकर जीवन को अर्श तक पहुँचाया जा सकता है

राजमाता हीराबेन को श्रद्धा व अश्रू से आदरंजली


——————————



माँ तेरे चरणामृत से मेरा जीवन व राष्ट्र विभूतित

तुम्हारे शतायु वर्ष के त्याग व वात्सल्य की तपस्या से मैं अभिभूत व नवयुग की प्रेरणा को मेरा माल्यापर्ण

Mother, my life and the nation are enlightened by your feet

I am overwhelmed by the sacrifice of your centenary years and the austerity of affection and my wreath to the inspiration of the new age.