Wednesday, 28 August 2013



आओ एक नई जन्माष्टमी, मनाए...देश का असली कृष्ण... आज भी भूखा है…????, देश मे सूखा है, हर मुहल्ला भ्रष्टाचारियों का पनहा है , जो, देश का , अपने को जहांपनहा कहलवाता है... (सत्ता मे आज कंस का वंश है क्यो कि जनता मे नही है कृष्ण का अंश) क्यो आज का मन का मोहन... कंस बनकर , दुनिया के मन मोहने के रिझाने /चक्कर मे... , देश की माखन हांडी फोड़ कर, देशी व विदेशी माफियाओ को खिला रहा है, दोस्तो भेड़िये की खाल मे आज कंस.... कृष्ण के नाम से...???? , आज भी कंस जागा हुआ है, देश का कृष्ण (देशवासी) सोया है, इस हाल को देखकर...वह, मन ही मन रोया है, डर से मन ही मन खोया है..., याद रहे महाभारत के कृष्ण मे करोड़ो लोगो की आत्माए थी, इसलिए कौरौवों का नरसंहार किया था... और , अकेले महाभारत के भ्रष्टाचारियों के युद्द की जीत से गीता का महाग्रंथ बना ...देश का हर कृष्ण भूखा है , क्योकि उसने अपनी आत्मा (दु:ख) को अकेली आत्मा समझ कर, मौजूदा हालात से लड़ने मे अपने को असहाय मान रहा है.... आप प्रण करे , देश के सभी, कृष्ण मिलकर... एक आत्मा बनकर (इसे राष्ट्रवाद कहते हैं) देश के वोट बैक के अलगावाद, भाषावाद, जातिवाद, घुसपैठ के इस जंजीर को तोड़ कर... अपनी-अपनी गुलामी के बंधन से मुक्त हो कर, , इसे सुनहरे देश के रूप मे एक संसार बनाए, एक गाना है... आ चलके तुझे मै लेकर चलू
एक ऐसे गगन के तले
जहा गम भी न हो, जहा आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार हो
जहा रंग बिरंगे सत्संगी, आशा का संदेशा लाए
जहा प्रेम मिलें, जहा तृप्ति मिलें....
आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ एक ऐसे गगन के तले.. जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो, बस प्यार ही प्यार पले.. एक ऐसे गगन के तले.. सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे.. चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे.. कभी धूप खिले कभी छाँव ... जहा रंग बिरंगे सत्संगी, आशा का संदेशा लाए
जहा प्रेम मिलें, जहा तृप्ति मिलें.... दोस्तो जागो... डूबते देश को बचाओ...??
Posted on 1st January 2013. 

राष्ट्रवाद- आओ इस भ्रष्टाचार के उल्टे पिरामीड को ढहाये और इन शेरों में अपना खून डाले और वे देश के लिये दहाडे
1947 का सत्यमेव जयते ………1948………….. 2012 से अब तक ‘’सत्ता एक मेवा है और इसकी जय है’’ बन गया है

राष्ट्रवाद की सरल परिभाषा:
1. पहले मेरा देश खुशहाल रहे
2 फिर मेरा शहर व मुहल्ला खुशहाल रहे
3. मेरा पडोसी खुशहाल रहे
4. मेरा परिवार व मै खुशहाल रहे 

Tuesday, 27 August 2013



देशवासियों का दिवाला बना, सत्ताखोरों व माफियाओ का निवाला...????
प्याज , शक्कर व अन्य खाद्यानों को पहले से ही , निर्यात कर, कृत्रिम तेजी बनाकर, केद्र के मंत्री का बयान आता है , अब कीमतें नीचे नही आएगी ,अब, जनता को अगले मानसून तक का इंतजार करना पड़ेगा...???
इस बयान से खाद्य बाजार के माफियाओ मे ईंधन भर जाता है..., जिससे, मंहगाई को रॉकेट से भी तेज भगाने का बल मिलता है
आज के , भ्रष्टाचार का रॉकेट का प्रक्षेपण इतना अचूक है कि, आज तक इनका एक भी रॉकेट फेल नही हुआ है....???, जबकि , श्रीहरीकोटा व देश के अन्य भागो से इसरो के रॉकेट कभी कभार फेल होते रहे है, इससे यह संदेश के साथ दर्शाता है, कि, भ्रष्टाचारी माफिया के रॉकेट, एक-एक नए प्रयोग व भ्रष्टाचार के अनुसंधान से, इसरो के रॉकेट से भी.... और उन्नत बनाकर देशवासियों की कमाई , इस रॉकेट के ईंधन मे फूंक- फूंक कर उड़ाई जा रही है
खाद्य सुरक्षा बिल तो…?????, अब एक नए तोहफे के रूप मे, भ्रष्टाचारी माफिया को सौगात के रूप मे आ रहा है, याद रहे ... बार बार सुप्रीम कोर्ट


 के फटकार के बावजूद , सरकार ने , अनाज मुफ्त बांटने से इंकार कराते हुए... इसे सड़ाते हुये , शराब माफियाओ को सस्ते दरो से बेचकर, शराब से भारी अनधिकृत मुनाफे का खेल खेला गया है, उत्तर प्रदेश मे मुलायम सिंग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के खेल मे, मुलायम राज के 2 लाख करोड़ के खाद्यान घोटाले मे सीबीआई ने छापे मारे थे , यह घोटाला ,वर्ष 2003 में सामने आये खाद्यान्न घोटाले की परतें तब खुलनी शुरू हुई जब जन वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों और बीपीएल कार्ड धारकों को बांटा जाने वाला लगभग 35 हजार करोड रूपये का खाद्यान्न गरीबों तक नहीं पहुंचा और इसमें से लगभग 60 लाख रूपये के मूल्य का अनाज नेपाल और बांग्लादेश की सरहदों पर तरस्करी की कोशिश में पकडा गया। आज इसी घोटाले की आड़ मे सरकार ने सीबीआई से कटवाने का झांसा देकर, अब लगभग 5 साल का शासन काल पूरे करने जा रही, देश बर्बाद हो रही है जनता सो रही है और माफिया दिन के लूटेरे बनकर देश को लूट रहे है- कहानी दर्दनाक है... जागो देशवासियो , माफिया देश चुग रहे है ....दुश्मन सीमा पर घात लगाए बैठें है...सत्ताधारी अगले चुनाव मे, जनता को चूना लगाने की तैयारी मे ...अलगाववाद, जातिवाद,धर्मवाद, विदेशी घुसपैठियों के समीकरण से, देश को बर्बाद कर, भ्रष्टाचार से आबाद होने की बाट जोह रहे है... कैलास तिवारी 

Saturday, 24 August 2013

यह GOD नही, माफियाओ के लिए “GOOD FACTOR” है, बीजेपी ने जो, अपने सत्ता के उजड़ने से पहले जो नारा दिया था “FEEL GOOD FACTOR”, कांग्रेस ने इसे सार्थक कर,



यह GOD नही, माफियाओ के लिए “GOOD FACTOR” है, बीजेपी ने जो, अपने सत्ता के उजड़ने से पहले जो नारा दिया था “FEEL GOOD FACTOR”, कांग्रेस ने इसे सार्थक कर, घोटालो से अपना पेट भर कर, अच्छा लगने के FACTOR से (गुणनखाना), अपनी तोंद बढ़ाने के गुणा भाग की (गुणा करो और देश से भागने की तैयारी करो ) होड मे लगे हैं और इंडिया शाईनिग का नारा….. अच्छी तरह सुधार कर भारत निर्माणके नारे से..., देश को कर्ज से उजाड़ दिया है...

नारे देश की चोरी कराते है,और दूसरी पार्टीयों द्वारा चुराये भी जाते है, राजीव गांधी ने सत्ता का सांप्रदायीकरण के नाम से बावरी मस्जिद का ताला खुलवाया और मेरा भारत महानकी आड़ मे, बोफोर्स के खाली तोपो के घोटाले ने, उनकी कुर्सी छीन ली , विश्वनाथ प्रताप सिंग ने इस घोटाले की जाँच से, बेहद ईमानदार छवि से जनता के भरोसे को झाँसा देकर, प्रधानमंत्री बन बैठे , सत्ता मे आते ही , बोफोर्स के खाली तोपो की जाँच कूड़े मे डाल कर , एक साल के भीतर उन तोपों मे आरक्षण के मंडल कमिशन का गोला भरकर, उनके ही, भारतीय जनता पार्टी समर्थन वाली पार्टी पर ही दागने लगे , तब इन गोलों को निष्क्रिय करने के लिए , भारतीय जनता पार्टी ने बाबरी मस्जिद के मुद्धे से, बोफोर्स के गोलों कमंडल मे भरकर, विश्वनाथ प्रताप सिंग, को NO-FORCE कर सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया,
भारतीय जनता पार्टी के सत्ता मे आने पर, कमंडल का मूद्धा छोडकर.... बाजार को बढ़ावा देकर WTO, MCX से ,देशी उत्पादको के कारीगरों के हाथ काटकर , आम जनता का निवाला छीनने की शुरूवात से मदमस्त हो कर , “FEEL GOOD FACTOR” और इंडिया शाईनिगके नारो से, समय से पहिले चुनाव करवा कर, सत्ता से हाथ धो बैठी... 


उसी तरह आम आदमी के हाथ (कांग्रेस) व आम आदमी के हाथ की टोपी (आप) पार्टी मे, आपस मे नारे चुराने के आरोपों की जंग छिड़ी हुई है.. , अब देखे नवंबर मे दिल्ली विधानसभा मे होने वाले चुनाव मे, कौन छुपा रूस्तम साबित होता है 



Friday, 23 August 2013

एक है टुंडा..., दूसरा है राजनैतिक गुंडा... तीसरा है… देशी, विदेशी माफिया मुसटुंडा...इन तीनों से देश बर्बाद हो रहा है... देश मे, घुसपैठीया डेवलेपमेंट प्लान (G.D.P.), जो 40% से अधिक है, जो, वोट बैंक की आड़ मे आतंकी स्कूल चला रहे है, जबकि राजनैतिक आतंकवाद से भरी दोपहर मे (MID DAY MEAL से) मासूम बच्चो की हत्याए हो रही है, आज तक दोपहर के भोजन व गरीबो के मुफ्त भोजन योयनाओ मे जितने देशवासी मारे गए है, देश मे आतंकी घटनाओ मे मारे गये लोगों से कई गुना ज्यादा राजनैतिक आतंकवाद से मारे गए है॥



एक है टुंडा..., दूसरा है राजनैतिक गुंडा... तीसरा है… देशी, विदेशी माफिया मुसटुंडा...इन तीनों से देश बर्बाद हो रहा है... देश मे, घुसपैठीया डेवलेपमेंट प्लान (G.D.P.), जो 40% से अधिक है, जो, वोट बैंक की आड़ मे आतंकी स्कूल चला रहे है, जबकि राजनैतिक आतंकवाद से भरी दोपहर मे (MID DAY MEAL से) मासूम बच्चो की हत्याए हो रही है, आज तक दोपहर के भोजन व गरीबो के मुफ्त भोजन योयनाओ मे जितने देशवासी मारे गए है, देश मे आतंकी घटनाओ मे मारे गये लोगों से कई गुना ज्यादा राजनैतिक आतंकवाद से मारे गए है॥
दुश्मन सीमा पर हावी है, और सरकार , ( विदेशी धन से, G.D.P. बढ़ाने के दाँव मे ), देश को पीछे सरका-कर डॉलर को हावी होने का रास्ता दे रही ही..

Thursday, 22 August 2013









देख तमाशा भ्रष्टाचार का , डॉलर भारतीयो की कॉलर खीच रहा है, डॉलर सत्ताधारियों के लिए घोटाले का झालर (प्रकाश की लड़ी), बनकर इंडिया शाईनिंग व भारत निर्माण के नारो से चमक रहा है, प्याज - ONION, को (ALL-UNION) बनाकर विपक्षी भी ( वि, WE – पक्षी, बना पंक्षी - हम सब पंक्षी एक डाल के ), विपक्षी भी पंक्षी बनकर, इसमे शामिल होकर, देश को चुग रहे है, महंगाई को मिलखा सिंह - मिल कर खा के सिध्हांतों से - सिंह के रफ्तार से कई गुना तेज दौड़ा रहे है..., फिल्मी माफिया भी मिल्खा सिंह के निर्माण से, देश का मिल्क खा गई है....????, देश का नेता जहां के लिए परियोजनाए बनाता है वह, वहां जाकर एक भ्रष्टाचार से उसे लेट कर , एक लेटर बनकर (VENTILATOR = WENT A LETTER), , देशवासियों को एक झूठे आश्वाशन से , भारत निर्माण के आंस से साँस लेने, मे मजबूर कर रहा है , देशवासी भी भगवान भरोसे बैठे हैं.....






Tuesday, 20 August 2013

देश के भाई बहनो, आओ देश के किसानो व जवानों की रक्षा के लिए रक्षा का बंधन मनाकर, डूबते देश को बचाए..???,
यदि ,किसानो व जवान (सेना) का सम्मान किया जाय तो....?????????????, हिन्दुस्थान का किसान पूरी दुनिया को खिला सकता है..व जवान के सामने पुरी दुनिया झुक जायेगी... 
Multi Commodity Exchange. बना - MULTI (बार –बार) COMMEDITY= COMEDY (जनता के निवाले से मज़ाक कर, EATY (खाओ) और EXCHANGE (काला धन, विदेशी मुद्रा से बदलो) ,यह है किसानों व गरीब जनता के आत्महत्या का खेल देश का अन्नदाता ,जो भगवान से भी श्रेष्ठ , काश हम भोजन के समया मे उसे याद कर, उसके आत्महत्या के बारे मे चिंतन कराते, पेट भारी मीडिया व पिट्र प्रिन्ट मीडिया जो, प्रिन्स मीडिया बनकार , इस खबर को नाही छापती है,
पिछले 10 सालो मे Multi Commodity Exchange , 15 लाख करोड़ का चूना देश को लगा चूका है, असल ये हमारा पैसा मंहगाई के रूप से डकार कर, देश को कंगाल कर दिया है, किसानो का खून चूस कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है । किसानो का पानी उद्योगों को दिया जा रहा है, आंदोलन करने पर किसानों पर गोली चलाई जा रही है ऊपर से उनके साथ मजाक किया जा रहा है , 8 साल पहिले महाराष्ट्र के विदर्भ मे किसानो की भरी सभा मे, पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुखा की अध्यक्षता मे शंकर सिंह वाघेला ने उपहास करते हुये कहा था, महाराष्ट्र का किसान मेहनत नही करता है, वह तंबाकू से हाथ घिसकर टाईम पास करता है, गुजरात का किसान आत्महत्या क्यो नही करता है ?, याद रहे उस समय भी नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे



मुझे गर्व होगा 100 रूपया किलो टमाटर खाने मे .. यदि किसानो को इसमे 80 रूपये मिले... किसान रूपये मे कमाता है.. बिचौलिया... बीच का तैलिया (माफिया) उसे डाँलर मे बेचता है... आज देश का भगवान किसान है...जब, हम दिन मे तीन बार भोजन ग्रहण करते है...तब हमे किसानो की याद नही आती है.... जब देश का भगवान मेहनत करने के बावजूद आत्महत्या करता है..(याद रहे.. 1947 से आज तक 20 लाख से कही बहुत ज्यादा.. किसानो की हत्या व उन्हे विकास के नाम से जमीन छीन ली गई ह...) देशवासीयो मे कोई प्रतिक्रिया नही होती है..
अभी मै आपको एक साल पहिले की घटना का उल्लेख करना चाहता हूँ.. पुणे (महाराष्ट्र) से दूर 250 कि.मी. दूर नारायण गाँव मे टमाटर का भाव माफियाओ ने 40 पैसे किलो लगाई तो... किसानो ने मीडिया को बुलाकर.. वह टमाटर सडको पर फेंक दिये...क्योकि सब्जी मंडी मे टमाटर पहुचाने का खर्च 80 , एक रूपये से कही ज्यादा आता था... जबकि वही टमाटर... पुणे की मंडी मे 6 रूपये किलो व मुंबई मे 12 रूपये किलो बिक रहा था.. अभी हाल ही मे नारायण गाँव व दूसरी घटना मध्यप्रदेश मे घटी... धनिया की एक मुठ की किमत 10 पैसे .. जबकि वही धनिया की एक मुठ.. मुँबई मे 10 रूपये प्रति मुठ बिक रही थी.. यो कहे किसान रूपये मे बेचता है और माफिया वर्ग उसे बाजार मे डॉलर मे बेचता है, आज माफिया, मीडिया वर्ग से तालमेल से कह रहे है.. मंडी मे सब्जी की आवक कम होने से भाव बढे है... यह माफियाओ का अर्थशास्त्र है...जो हमारे व्यर्थे/अनर्थेशास्त्री प्रधानमंत्री का भी है.. जो बार –बार कहते है कि विकास करना है तो जनता को भी इसका भार महगाँई के रूप मे उठाना पडेगा.

इसका 24 घंट मे इलाज हो सकता है , यदि जनता व समाज जागृत हो तो...????????, आज हर घर मुहल्ले शहर मे , लगभग हर घर मे एक युवक बेरोजगार है, यदि हमारा समाज इन्हे प्रोत्साहित कर , यही युवक , किसानो से सीधा संपर्क कर , उन्हे बाजार भाव से 30% से कम मे खरीद करे... तो भी किसान मालामाल हो जाएँगे, माफियाओ की COMEDY भी बंद हो जाएगी व बेरोजगार युवक भी 10-15 हजार रूपये आराम से कमा सकते है 

Monday, 19 August 2013



भाग महंगाई भाग ...??? मिल्खा सिंह से कई गुना तेज भाग ....??????????

देश के माफिया सत्ताधारियों के मिली भगत से , प्याज के साथ, जनता से देश का व्याज भी वसूल रहे है....
गरीबो के आँसू से से भ्रष्टाचारी बने धांसू ....... ???????????????????????
डॉल्रर...., देशवासियों पर बरसाने लगा है , पत्थर ... और कहा रहा है...??? सनम , अब तुम्हें इस मार से न छोड़ेंगे हम...

गरीबों के आँसू समन्दर (समुद्र) मे तब्दील हो गये,
जिसमे, वे, अपने भष्टाचार के काला धन का जहाज पश्चिम देशो की ओर, चल पडे,
गरीब अपने ही आसूओं मे जब डूबने लगे.,
आम आदमी के रहनुमा कहने वालो के हाथ थामने पर
उन्होने हँसते हुए, विदेशी हाथों के दस्ताने छोड दिए
लोकतत्र की आड मे वे भ्रष्टाचार के दिवाने निकले
और एक गुलामी के अफसाने छोड गये,
इंडिया को इन डिग (अंदर तक खुदाई) करते गये
अपने काले कारनामो को, अदालतो मे विदेशी दस्ताने निकाल कर साफ हाथ दिखाकर कानून को बेवकूफ बनाते गये
भारत के नाम पर हम पर भार छोड गये
अन्नदाता किसानों के दर्द व जवानों के जज्बों को भुलाते गये
आरक्षण,अलगाववाद,जातिवाद,भाषावाद के बैसाखी से देश को चलाते रहे
आतंकवादियो के धमाको से, उन्हें (आतंकवादियो को) बिर्यानी खिलाकर, देशवाशियों को बरगलाते रहे
जो जनता को गरीबों का अपना पनहा कहते थे , वे बेगाने निकले,
जादू की छडी की लाचारी बताकर, महँगाई के कोडे चलाते रहे
हम अपने आसूँओ से तो डूबे सनम,वे तो देश को भी डूबाते चले गये 

Thursday, 15 August 2013


यह राष्ट्रपति का भाषण नहीं...??, देश के गरीबो के लूटे राशन व विकास के नाम पर धन के निकासन का, सुसंभाषण है...?????। राष्ट्रपतिजी ने, बचपन मे, अपने अगले जन्म मे, राष्ट्रपति भवन का घोडा बनने की कामना की। आज उनही घोड़ो की शह से वे राष्ट्रपति बने। याद रहे वित्तमंत्री रहते हुए, विदेश व बैंको मे, छिपे काले धन के बारे मे जादू की छड़ी के नाम से, बार-बार कहते रहे, कि विदेशी देशो से हम अपनी संधि तोड़ नहीं सकते...?, 2 साल पहिले, माँरिसस से इस मुद्दे पर वार्ता चल रही थी, तब शेयर बाजार 700 अंक तक लुड़क गया था, तब वित्तमंत्री ने शेयर बाजार को आवाहन किया, चिंता की कोई बात नही है..., अरे, ये तो सिर्फ वार्ता है... इसको लागू होने मे एक साल से ज्यादा समय का वक़्त लगेगा तब शेयर बाजार भरपाई कर 200 अंक नीचे बंद हुआ।, अभी हाल ही मे, माँरिसस ने भारत सरकार से कहा है विदेशी धन का मुद्दा कूड़ेदान मे डाल दो...????, आप हमारे तीन टापू मुफ्त मे ले लों, क्या... यह देश की अस्मिता व लूट का सवाल नहीं है? ऐसे वित्तमंत्री को राष्ट्रपति पद देकर, महाभियोग की छूट से लाभ पहुचाना..., क्या… ??? देश के साथ खिलवाड़ नही है।
दोस्तों... क्या आप जानते है की शांत स्वभाव और साफसुथरे व्यक्तित्व के लिये जानी जाने वाली भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल चीनी मिल में ड्रग स्मगलिंग से लेकर कई बैंक घोटाले, जमिन घोटाले और हत्यारे भाई को सरंक्षण देने जैसे गंभीर गुनाहों में डूबी हुई है?, ऐसी माहिला देश की महामहीम, महिमा बनी। जानिये और शेयर कीजिये प्रतिभा का काला सच:
राजस्थान के, एक कांग्रेस मंत्री ने, राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल मे बयान दिया कि , इंदिरा गांधी के घर मे, झाड़ू पोछा करने वाली प्रतिभा पाटिल को तो इंदिरा गांधी ने कोई इनाम नहीं दिया...??, लेकिन सोनिया गांधी ने उन्हे राष्ट्रपति बनाकर, इनाम दिया, (देश का ईमान बेचकर), इस बयान से उस मंत्री की कुर्सी चले गयी
वही प्रतिभा पाटिल के अवकाश ग्रहण करने के बाद वह, सेना की जमीन मे घर बनाने के विवाद मे फँस गई। प्रतिभा पाटिल को उपहार मे मिले व अन्य समान को 21 ट्रकों मे भर कर पुना ले गई। और उपहार जो राष्ट्र की संपत्ती होती है…?? उन उपहारों के नाम के 9 ट्रक उन्हे बेशर्मी से भारत सरकार को उन्हे लौटने पढे।
इंदिरा गांधी के शासन काल मे राष्ट्रपति रहे, ज्ञानी जैल सिंह ने भिंडरावाला से कहा...??, आप आतंकवादियों की खालिस्तानी फोर्स बनाओ । इसके सबूत व टेप, हमारी गुप्तचर विभाग “रॉ” के पास आज भी मौजूद है। सिक्खो की दर्दनाक हत्या... जिसे सिख दंगों का नाम देकर, जो गुजरात दंगों मे मारे गए लोगो से , देश भर के सिक्खों की संख्या 10 गुना से भी ज्यादा है। बड़े दुख के साथ लिखना पढ़ रहा है एक बुज़दिल सिक्ख, राष्ट्रपति की आत्मा तो मर गई थी...????, आंखो से एक बूंद आँसू भी नहीं आए...?, और, राजीव गांधी की पैरवी करते हुए उन्हे प्रधानमंत्री घोषित कर दिया गया।
अब्दुल कलाम बेशक आज तक के बेहतरीन राष्ट्रपति साबित हुए है...?, लेकिन अफजल गुरु की कहानी से वे अपने ऊपर नंबर स्टम्प का दाग छोड़ गए।
फखरूद्दीन अली अहमद, जिनहोने, 60 के दशक मे, आसाम मे बांग्लादेशियों के घुसपैठ मे एक महा अभिनेता की, एक बड़ी भूमिका निभाई थी ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति पद्द से सुशोभित कर, आपातकाल की घोषणा की, यह है ... देश की महामहीमों की महिमा....??????????, याद रहे, अन्ना आंदोलन के दौरान, ॐ पूरी ने सरेआम कहा था, राजनीति मे अनपढ़ व कम पढे-लिखे लोग भी आईएएस आईपीएस को चरा सकते है। जब बाहुबल, प्रतिभाबल पर राज करे तो देश का क्या होगा...????


वाहर के जहर, जिन्नाह के जिन्न व गांधी की गंदी राजनीति से देश खंडित हुआ, यदि हम सावरकर के राष्ट्रवादी विचारधारा को अपनाते तो...?? अखड भारत से हिंदुस्तान सँवर जाता....?????????
जहरवाल, जिन्न ,गंदी राजनीति के साथ-साथ, इनका जीवन व्यभिचार से भरा पड़ा था....??, और सत्ता को सुंदरी मान कर, भारतमाता पर प्रहार कर, खंडित कर, सत्तापरिवर्तन को आजादी का नाम देकर, वे महात्मा व भारत के भाग्य विधाता के आड़ मे देश के लूटेरे निकले...??? ( दोस्तों, कार्टून मे गांधी की गोद मे सोया , दूसरा व्यक्ती, मौलाना मोहम्मद अली जौहर है, जो देश के विभाजन का पहला उत्प्रेरक था, चार जनवरी, 1931 को उनकी मृत्यु हो गयी। मरने से पहले उन्होंने दारुल हरब भारत की बजाय दारुल इस्लाम मक्का में दफन होने की इच्छा व्यक्त की थी; पर मक्का ने इसकी अनुमति नहीं दी, और पाकिस्तान के सत्ता की मलाई जिन्ना को मिली)
देश के इतिहास के पन्ने खँगालो...सावरकर की अययाशी मके बारे मे कही कही भी उल्लेख नही मिलेगा......????????,, वीर सावरकर का ब्रह्मचर्य जीवन व गृहस्थ जीवन व सादगी एक अनूठा उदाहरण है। एक उच्च जाती के ब्राह्मण,गोरी मध्यम काया, भूरी आंखे, जब देश के बारे मे भाषण देते , तो एक समा बंधा जाता था... विदेशी तो उनके भाषणो के कायल थे , विदेशी लड्किया तो उनसे प्रेम का इजहार करती तो... वे कहते, मै तो सिर्फ भारत माता से प्रेम करता हूँ , और विवाह के बाद अपनी पत्नी से प्रेम करूगा, एक विलक्षण प्रतिभा...???, तीसरी कक्षा मे पढ़ते हुए, उनकी देशभक्ति की कविताए, समाचार पत्रिकाओ मे छपती थी, देश प्रेम से ओतप्रोत करने के लिये, गाँव के बच्चो के साथ मिलकर उन्होने बानर सेना बनाई , लेकिन हमारे स्कूलो के पाठ्यक्रम मे पढ़ाया जाता है, बानर सेना, इंदिरा गांधी ने बनाई...??? दूनिया मे एकमेव, क्रातिकारी परिवार जिसने आजादी के लिए अपने को झोक दिया था , सावरकर के छोटे भाई , एक काला पानी व दूसरा बड़ा भाई भारतीय जेल मे बंद था ,
यदि गांधी,नेहरू व जिनहा को एक दिन की काला पानी की सजा मिलती तो वह आजादी के आंदोलन से तौबा कराते, सावरकर लाजवाब थे, है और रहेगे...???,. लेकिन उनके योगदान को जान-बुझकर भूलाया जा रहा है. शायद सावरकर का असली विराट कद जनता जान जाए, तो गांधी-नेहरू का कद छोटा जाएगा. कम से कम कोंग्रेस तो इसी मानसिकता के तहत सावरकर का नाम मिटाने को बेताब है
सावरकर....???, वीर,परमवीर,अप्रितम क्रांतिकारी... जिनके सामने सभी उपाधिया भी कम है, दृढ राजनेता, समर्पित समाज सुधारक, दार्शनिक, द्रष्टा, महान कवि (मराठी साहित्य के कालिदास) और महान इतिहासकार आदि अनेको नेक गुणों के महाधनी वीर सावरकर हमेशा नये कामों में पहल करते थे। उनके इस गुण ने उन्हें महानतम लोगों की श्रेणी में उच्च पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया। वीर सावरकर के नाम के साथ इतने प्रथम जुडे हैं इन्हें नये कामों का पुरोधा कहना कुछ गलत न होगा। सावरकर ऐसे महानतम हुतात्मा थी जिसने भारतवासियों के लिए सदैव नई मिशाल कायम की, लोगों की अगुवाई करते हुए उनके लिए नये मार्गों की खोज की। कई ऐसे काम किये जो उस समय के शीर्ष भारतीय राजनीतिक, सामाजिक और क्रांतिकारी लोग नहीं सोच पाये थे।
वीर सावरकर द्वारा किये गए कुछ प्रमुख कार्य जो किसी भी भारतीय द्वारा प्रथम बार किए गए - वे प्रथम नागरिक थे जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के केन्द्र लंदन में उसके विरूद्ध क्रांतिकारी आंदोलन संगठितकिया। वे पहले भारतीय थे जिसने सन् 1906 में 'स्वदेशी' का नारा दे, विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी। इसके विरोध मे गांधी ने उन्हे देशद्रोही करार दिया था ,सावरकर पहले भारतीय थे जिन्हें अपने विचारों के कारण बैरिस्टर की डिग्री खोनी पड़ी। वे पहले भारतीय थे जिन्होंने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की।
एक दूरदर्शी महानायक , जिनकी आज तक की 50 से ज्यादा राजनैतिक भविष्यवाणीया सही हुई है... 1942 के आंदोलन मे कांग्रेसियो की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होने कहा , यह भारत छोड़ो आंदोलन नही…??? भारत तोड़ो आंदोलन है...?????????
वे पहले भारतीय थे जिन्होंने सन् 1857 की लड़ाई को भारत का 'स्वाधीनता संग्राम' बताते हुए लगभग एकहजार पृष्ठों का इतिहास 1907 में लिखा। वे पहले और दुनिया के एकमात्र लेखक थे जिनकी किताब को प्रकाशित होने के पहले ही ब्रिटिश और ब्रिटिश साम्राज्यकी सरकारों ने प्रतिबंधित कर दिया। जो क्रातिकारिओ के लिए गीता साबित हुई, याद रहे शहीद भगत सिग मे क्रांति की ज्वाला इसी किताब से भड़की व उन्होने चोरी छुपे इसका प्रकाशन कर, बाँटी , देश के युवको मे जोश भर दिया , वीर सावरकर, दुनिया के पहले राजनीतिक कैदी थे, जिनका मामला हेग के अंतराष्ट्रीय न्यायालय में चला था। वे पहले भारतीय राजनीतिक कैदी थे, जिसने एक अछूत को मंदिर का पुजारी बनाया था।
सावरकर ने ही वह पहला भारतीय झंडा बनाया था, जिसे जर्मनी में 1907 की अंतर्राष्ट्रीय सोशलिस्ट कांगेस में मैडम कामा ने फहराया था।
सावरकर ही वे पहले कवि थे, जिसने कलम-कागज के बिना जेल की दीवारों पर पत्थर के टुकड़ों से कवितायें लिखीं। कहा जाता है उन्होंने अपनी रची दस हजार से भी अधिक पंक्तियों को प्राचीन वैदिक साधना के अनुरूप वर्षोंस्मृति में सुरक्षित रखा, जब तक वह किसी न किसी तरह देशवासियों तक नहीं पहुच गई।
सन् 1947 में विभाजन के बाद आज भारत का जो मानचित्र है, उसके लिए भी हम सावरकर के ऋणी हैं। जबकांग्रेस ने मुस्लिम लीग के 'डायरेक्ट एक्शन' और बेहिसाब हिंसा से घबराकर देश का विभाजन स्वीकार कर लिया, तो पहली ब्रिटिश योजना के अनुसार पूरा पंजाब और पूरा बंगाल पाकिस्तान में जाने वाला था - क्योंकि उन प्रांतों में मुस्लिम बहुमत था। तब सावरकर ने अभियान चलाया कि इन प्रांतो के भारत से लगने वाले हिंदू बहुल इलाकोंको भारत में रहना चाहिए। लार्ड मांउटबेटन को इसका औचित्य मानना पड़ा। तब जाकर पंजाब और बंगाल को विभाजित किया गया। आज यदि कलकत्ता और अमृतसर भारत में हैं तो इसका श्रेय वीर सावरकर को ही जाता है
भारत की स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्षों के इतिहास में वीर सावरकर का नाम बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान रखताहै। वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था। महान देशभक्त और क्रांतिकारी सावरकर ने अपनासंपूर्ण जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया। अपने राष्ट्रवादी विचारों के कारण जहाँ सावरकर देश को स्वतंत्र कराने के लिए निरन्तर संघर्ष करते रहे, वहीं देश की स्वतंत्रता के बाद भी उनका जीवन संघर्षों से घिरा रहा। वे अपने सिद्धांतों से नाही डिगे, गुलामी मे अंग्रेज़ो से छत्रपति शिवाजी की तरह लोहा लिया , और सत्ता परिवर्तन के बाद वे महाराणा प्रताप की तरह रहकर, जिन्हे जवाहरलाल नेहरू अपना दुश्मन नंबर 1 मानते थे
ऐसे महान व्यक्तित्व को हमारा सादन नमन ..


मै कैसे मनाऊँ, आजादी...???, जो 15 AUGUST को ALL GUEST बनकर - देश के सभी भेड़ियों माफिया मेहमानों ने देशप्रेमी का चोला पहनकर, क्रूरता से देश को लूटकर…???, अब…?, देश को आगे भी, और क्रूरतमता से, लूटने के लिये, तिरंगे के शान की आड़ मे, जश्न-ए –आजादी के नाम से, अब एक, नए खोजी लूट की योजनाओ का आयाम बना रहे है,,,,?????, 
मै कैसे मनाऊँ आजादी...???, जब हर आजादी मे, एक नई बरबादी देखता हूँ... ????, हर एक दिन, अकल्पनित, घोटाले से,
दोस्तों, देश तो कर्ज़ो के, विदेशी बम्बू (आधार) से खड़ा है ...जागो देशवासी, डूबते देश को बचाने से पहले, देशी माफिया भेड़ियो, से निपटो , दुश्मन तो पहले से ही घात लगाकर बैठे है...हम अपने जवानो का सिरा कटाकर दे सकते है....?????, लेकिन LOC ( LOVE OF COMBINATION- प्रेम का बंधन) पार करने की अनुमति दे सकते नही...???? लूट के खेल मे सत्ताधारी को तो छोड़ो...????, विपक्षी भी इस प्रेम के बंधन मे इतने व्यस्त है... कि उन्हे भी, लूट से फुर्सत नही है...????? कैलाश तिवारी


वाह रे पृथ्वीराज चौहान की महाराष्ट्र सरकार…??? , मोटी सरकारी वेतन लेने वाले मंत्रालय के कर्मचारियो को मजे का तोहफा , सरकारी समय मे फेस बुक देखो...? और जनता अपनी समस्याओ के लिये इन कर्मचारियो की फेस देखने मे अपने समय की बरबादी करे ..??? दोस्तो .. क्या यही है...काँग्रेस का...???, भारत निर्माण के साथ सरकारी कर्मचारियो के कर्मो का गुणगान...??? या मेरा देश डूबा - meradeshdoooba.com

  • Deshdoooba Community अन्य प्रदेशो के सरकारी के सरकारी कर्मेचारी लगाओ गुहार... एह नय संविधान संशोधन के लिये , हमे फेस बुक देखने का कानूनी अधिकार मिले... वह भी रोजाना ..पुरी तंनख्वाह (पगार) के साथ...ताकि हमारे ख्वाब भी पूरी तरह दिखे ...मंत्रालय को मुत्रालय की गन्ध से भी ज्यादा, बदबूदार बनाओ.....ऐसे भी मुम्बई का मंत्रालय को रिश्वत का मुत्रालय बनने से रिश्वत के के कागज जलाकर मंत्रालय की दुर्गन्ध दूर की गई थी.

मै कैसे मनाऊँ, आजादी...???, जो 15 AUGUST को ALL GUEST बनकर - देश के सभी भेड़ियों माफिया मेहमानों ने देशप्रेमी का चोला पहनकर, क्रूरता से देश को लूटकर…???, अब…?,



मै कैसे मनाऊँ, आजादी...???, जो 15 AUGUST को ALL GUEST बनकर - देश के सभी भेड़ियों माफिया मेहमानों ने देशप्रेमी का चोला पहनकर, क्रूरता से देश को लूटकर…???, अब…?, देश को आगे भी, और क्रूरतमता से, लूटने के लिये, तिरंगे के शान की आड़ मे, जश्न-ए –आजादी के नाम से, अब एक, नए खोजी लूट की योजनाओ का आयाम बना रहे है,,,,?????, 
मै कैसे मनाऊँ आजादी...???, जब हर आजादी मे, एक नई बरबादी देखता हूँ... ????, हर एक दिन, अकल्पनित, घोटाले से,
दोस्तों, देश तो कर्ज़ो के, विदेशी बम्बू (आधार) से खड़ा है ...जागो देशवासी, डूबते देश को बचाने से पहले, देशी माफिया भेड़ियो, से निपटो , दुश्मन तो पहले से ही घात लगाकर बैठे है...हम अपने जवानो का सिरा कटाकर दे सकते है....?????, लेकिन LOC ( LOVE OF COMBINATION- प्रेम का बंधन) पार करने की अनुमति दे सकते नही...???? लूट के खेल मे सत्ताधारी को तो छोड़ो...????, विपक्षी भी इस प्रेम के बंधन मे इतने व्यस्त है... कि उन्हे भी, लूट से फुर्सत नही है...?????


यह R.T.I. नहीं…(RIGHTY TWISTED INDIANS).. सही तरह से निचोड़ा देशवासी है, यह तो..?? जज, वकीलों व नौकशाहों का (RIGHT TO INCOME)…आय का अधिकार है …( वेबसाईट की पोस्ट Posted on 31 October 2013.)

दोस्तों हमारे संविधान में ३३ हजार से ज्यादा क़ानून है... और चार करोड़ से ज्यादा मुकदमे लंबित हो कर, इसी आड़ में क़ानून के हाथ तो और लम्बे हो रहें है...,लेकिन हाथ की उँगलियों घिसती जा रही है.....,
क़ानून के हाथ लंबे होने का सभाषण की गूँज तो १९४७ से देश व फिल्मों तक प्रसिद्ध है..,
आज हमारा देश भ्रष्टाचार का गड्डा प्रधान देश बन गया, और कृषि प्रधान वासी इस गड्डे में गिर रहा है...
आज हर मुहल्ले से देश तक भ्रष्टाचार से लम्बे बने लोग हैं ..., इनकी संख्या इतनी ज्यादा है की यदि ..., देश के बिजली के खम्भे में एक पिंजरा बनाकर, इन भ्रष्टाचारियों को लटका दिया जाय तो देश के बिजली के खम्भे भी कम पड़ेंगे...,

याद रहे.., पूना (महाराष्ट्र) के R.T.I. के कार्यकता सतीश शेट्ये ने पूना के सरकारी व भू-माफियाओं के गठबंधन की पोल जब हाईकोर्ट में खोली, तो प्रशासन में हडकंप मच गया, सतीश शेट्ये ने अदालत में अपनी जान के खतरे की गुहार लगाई, एक सुनियोजित योजना के तहित , सवेरे की व्यायाम में घुमते समय माफियाओं ने फरवरी २०१० में उनकी हत्या कर दी , जो पुलिस की जांच अधिकारी था, उसने कोई सबूत के तहत गिरफ्तारी नहीं की ..., इस घटना के ६ महीने बाद उस पुलिस अधिकारी के घर सी.बी.आई. के छापे में करोड़ों रूपये बरामद हुए...,
अब R.T.I. के कार्यकता सतीश शेट्ये के मुकदमे की फाईल बंद होने की कगार में है..
प्रस्तावना
Posted on 02 October 2012.
सवेरे चाय की चुस्की लेते , अख्रबार पढ्ने पर चाय कड़्वी लगती है , एक घोटाला ……? घोटाले की नाव डूबने से १००००…? २००००….? १०००००…..?…. करोड़ो लोगो का निवाला, नौकरशाहीखा गई ,और नौकरशाही, जजशाही को कहती है कि नाव थी ही नही? जजशाही फरमान सुनाती है की डूबी नाव को खोजो, डूबी नाव को खोजने के लिये सरकारी गोताखोर सरकार की तिजोरी खाली कर रहे हैं? ………. चूना लगा रहे हैं?
दिनभर अखबारो की पढी खबरें रास्ते पर चलते हुए, सोचते हुए, मैं गड्डे में गिर जाता हूँ. लोंगौ से कह्ता हूँ ,यह भ्रष्टाचार का गड्डा है. लोग मुझ पर उपहास कर कह्ते है, “तुम्हे देखकर चलना नहीं आता है, देखो हम कैसे बगल से निकल जाते हैं?”....
आज, आम आदमी अपने भूख का बड़ी मुश्किल से जुगाड़ करने से, सरकार से कोई पंगा ले कर कानून के मकड़जाल में फंस कर और भूखा नंगा नहीं बनना चाहता है... 

Tuesday, 13 August 2013

देश के मन्नू, मुन्ना मोहन भाई की गाड़ी चली रिवर्से गियर मे , भ्रष्टाचार से, देश को गड्ढे मे डालने की तरफ...???,


देश के मन्नू, मुन्ना मोहन भाई की गाड़ी चली रिवर्से गियर मे , भ्रष्टाचार से, देश को गड्ढे मे डालने की तरफ...???, 
दोस्तों, नार्वे का दुनिया के धनी देशों मे चौथा नंबर है, और उनके प्रधानमंत्री टैक्सी चलाकर, जनता के हाल की जानकारी लेते है, और हमारे, मन्नू, मुन्ना मोहन भाई, विकास का पेट्रोल (उधारीकरण) डालकर , रिवर्से गियर मे (भ्रष्टाचार से), देश की मोटर गाड़ी चलाकर...कह रहे है, मन्नू भाई मोटर चली, पम... पम... पम... से भारत निर्माण का गाना गा रहे है...??-
जब डॉलर 45 रूपये था... तब अमीरी देशों मे, हमारे देश का 130 वां नंबर था ... आप अपने विवेक से सोचो... हमारा देश और कितने गड्ढे मे जा रहा है...????


आज डॉलर, देशवासियो को 61-62 करा रहा है...????,नौजवान शादी करने के नाम से थर्रा रहा है। मेरा पेट तो नहीं भर रहा है....?, नई नवेली दुल्हन को क्या खिलाऊँगा। देश के राष्ट्रपती (जो जनता, अपने एक बोल चाल की भाषा मे, उन्हे, रबर स्टम्प कहती है), जब, उनके काफिले मे 100 से ज्यादा गाड़िया चलती है।
और, प्रधानमंत्री का रुतबा तो और ही होता है। नगर से शहर तक थम जाता है उन्हे ऐसा लगता है पूरी जनता मेरी सलामी के लिए स्थिर है।


याद रहे, देश की दो दर्दनाक दुर्घटनाए पिछले दो सालो मे हुई है। पहली घटना मे प्रधानमंत्री के जलसे यात्रा के कारण,सुरक्षा के नाम से अम्ब्युलेन्स को भी, जलसे से निकालने की अनुमति न मिलने से , एक युवा युवक की अम्ब्युलेन्स मे ही मौत हो गयी। शिकारग्रस्त परिवार सिर पीटते रहा ...???? कोई मुआवज़ा नाही मिला? मीडिया के हो हल्ले के बाद ...???? मन्नू मोहन भाई का बयान आया, बड़े दुख की बात है...???, ऐसी घटना दुबारा नहीं होगी। एक साल बाद इसी घटना की पुनरावृति हो गई और प्रधानमंत्री अपने पुतले की सही भूमिका मे आकर चुप रहे...????


अभी हाल ही मे, प्रधानमंत्री का बयान आया.....??????, यह पद तो तारो के पार की दुनिया है इसका आनंद उठाने वाले को भी सौभाग्य चाहिए। जागो देश वासियो...???? क्या, अब भी आजादी हैं?, गुलामी से हर दिन देश कर्ज की बरबादी से लूटा जा रहा है। 

Saturday, 10 August 2013



अब देश के रूपये को चुग कर, डकार कर.. भारत निर्माण का नारा देना है..??? 
----- मुन्ना - उवाच ------
चल चुग जा रे पंछी ये देश है, भ्रष्टाचार का खजाना,
तुने देश का तिनका तिनका उजाडकर,अपनी हजारो नगरी बसाइ,
मजा कर जो किसानो के मेहनत तेरे काम आइ,
अच्छा है सब कुछ लूट कर, दौलत तुने कमाइ,
आज जग के आँख का तु है तारा, चाल तेरी मतवाली,
अब ना भूल इस बाग को, अब तू और तू ही है इसका माली,
तेरे किस्मत मे लिखा है, इस खेत ही नही, इस देश को लूट कर खाना,
चमक रहे है , पंख और टोपिया तुम्हारे और तुम्हारे धनों का मैखाना,
जिनके साथ तुने लगाए है भ्रष्टाचारीओ के मेले,
मेरी अखियो से आज तू मेरी दुवा ले ले,

किसको पता है इस इस देश मे मुझे हो..... कब तक रहना .........
कौन जाने, अब कब आये...., ऐसा मौका दुबारा... , अब नही है इसे गवाँना ..........
चल, अब जल्दी ... जल्दी.... चुग जा रे............ पंछी........ 

Friday, 9 August 2013

देश की शान, स्वाभिमान तिरंगा देश मे, लहराता....???? लेकिन बड़े दुख के साथ लिखना पड रहा है.... यह तिरंगा हाथ बांधे व पैरो मे बेड़ी डाले, सेनाओ के निर्दोष शहीद जवानो पर डाला जा रहा है।

देश की शान, स्वाभिमान तिरंगा देश मे, लहराता....???? लेकिन बड़े दुख के साथ लिखना पड रहा है.... यह तिरंगा हाथ बांधे व पैरो मे बेड़ी डाले, सेनाओ के निर्दोष शहीद जवानो पर डाला जा रहा है। काश्मीर की समस्याओ के शहीदो के जवानो की संख्या 1962-1965-1971 के युद्ध मे अपने जज़्बे से लडकर शहीद जवानो से, कई गुना ज्यादा है।
याद रहे... दो साल पहले इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ने, अपने देश के दंगो से, अपना विदेश दौरा रद्द कर इस समस्या का निदान करने के लिए संसद को पूरे दिन व पूरी रात चलाया।
वही॥, हमारे डूबते देश की तस्वीर यह है...?????, रक्षा मंत्री एंटोनी, पाकिस्तानी सेना का बचाव करते हुए... उन्हे स्फूर्ती देते हुए कह रहे है...???? इसमे पाकिस्तानी सेना नहीं, आतंकीभेषी सेना का दोष है। लेकिन हमारा .... सुपर पावर पुतला खामोश है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद भी कह रहे है प्रधानमंत्री को बयान देने के लिए विपक्षी मजबूर नहीं कर सकता है। संसद की इस टालमटोल बहस का परिणाम कुछ नहीं होगा। आज 66 साल बाद भी सीमा सुरक्षा नीति व खाद्य सुरक्षा बिल नही बना। पक्ष व विपक्ष दोनों इस बहसबाजी से संसद का समय बर्बाद कर इन दोनों बिलों को टालना चाहती है। यह दोनों गंभीरतम समस्याए है...?
तो क्यू नहीं...????? हमारी संसद, इंग्लैंड की तरह 24 घंटे चले। मैंने मेरी पुरानी पोस्ट, फेसबुक व वेबस्थल मे लिखा है (कार्टून के साथ)...... देश मे इतनी समस्याए है कि यदि संसद साल के 365 दिन 24 घंटे भी चले तो भी...???? समस्याए सुलझ नहीं सकती है। देश का सांसद प्रतिदिन 18000 वेतन लेकर ( साल के 62 लाख) व अन्य भरपूर भत्तो की, भरपूर सुविधाएं अलग से लेकर, संसद के भोजनालाय मे, 12-18 रुपये का पेटभर खाना खा कर देश की दुविधाएँ बढ़ा कर देश का समय बर्बाद कर रहा है। यो कंहे... संसद मे सेकी जा रही है, शहीदों के नाम पर रोटिया...?? , सीमाओ पर जवानो को खानी पड़ रही है गोलिया ...???, भ्रष्टा चारी व माफिया... खान, खदान, देश का ईमान बेचकर, व नकली मिड डे भोजन से...???? और मीडिया टी आर पी के चक्कर मे, पेड मीडिया बनकर, पेट भरी बनकर....,मना रही है रंगरेलिया...??????

आजादी के झाँसे से.... हम वोट बैंक के नाम से खिलवाड़ कर सकते है...??? घुसपैठीयों को हम देश मे, 600 रूपये मे घुसाकर...??/, उनके नाम पर विशेष योजना व आधार कार्ड बनाकर, हम सत्ता का बेजोड़ आधार बनाकर, देशवासियों को आतंक का डर दिखा सकते है, हम... जवानो के हाथो को बाँध कर व पाँवो मे बेड़िया डालकर... उनके सर कटा कर दे सकते है लेकिन हम LOC-(LOVE OF COMBINATION-प्रेम के जोड से – देश को तोड़ सकते है...??) पार करने की अनुमति दे सकते नही...???

आजादी के झाँसे से.... हम वोट बैंक के नाम से खिलवाड़ कर सकते है...??? घुसपैठीयों को हम देश मे, 600 रूपये मे घुसाकर...??/, उनके नाम पर विशेष योजना व आधार कार्ड बनाकर, हम सत्ता का बेजोड़ आधार बनाकर, देशवासियों को आतंक का डर दिखा सकते है, हम... जवानो के हाथो को बाँध कर व पाँवो मे बेड़िया डालकर... उनके सर कटा कर दे सकते है लेकिन हम LOC-(LOVE OF COMBINATION-प्रेम के जोड से – देश को तोड़ सकते है...??) पार करने की अनुमति दे सकते नही...???
26/11 हमले के दौरान , सीमा पार से, आतंकवादियो के आँकाओ ने, भारत सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा , हिन्दुस्तान मे हमारे लाखो समर्थक है... रोक सके तो रोको ...?? सरकार ने आंखे मूँद ली और जनता भी यह चुनौती भूल गई है ...???? आज देश मे 10 करोड़ घुसपैठीये है...???????????????????????
आज चीन हमसे दो साल बाद आजाद होने के बावजूद , जनता को राष्ट्रवादीयो का बैंक बनाकर, चीन जो जापान का गुलाम था ...???? ,आज, उसे धमकी दे रहा है... अमेरिका भी उससे थर्रा रहा है, उससे, सीधा पंगा नही लेता है ...????
मेरे वेबस्थल की 3 नवंबर 2012 की प्रवष्टि के अंश... घुसपैठ-इसका ईलाज...????
इसका उदाहरण चीन है, जहाँ एक दम्पति सिर्फ एक संतान पैदा कर सकता है, 6-7 महिने पहले मैने एक खबर पढी थी , सुदूर गाव मे एक महिला को 8 महिने का दूसरा गर्भ था, जब सरकार को पता चला तो उसने, उसका पेट फाड कर संतान को मार डाला और महिला को जेल मे डाल दिया.
क्या आप कल्पना कर सकते है ?, कि चीन कोइ घुसपैठ सहन कर सकता है.
हमारे देश मे तीन प्रकार की घुसपैठ है
1. सीमा पार से घुसपैठ – 10 करोड से ज्यादा – देश मे 30% से ज्यादा की विकास दर है (G.D.P.-घुसपैठीया डेवलपमेट प्रोग्राम – 30% से ज्यादा)
2.देश मे घूस पैठ – रिश्वत की पैठ – देश मे 300% से ज्यादा की विकास दर है
और सरकार, घरेलू विकास दर 5% भी नही पहुँचने पर चितित है
3. इस घरेलू विकास दर को बढाने के लिये सरकार विदेशी धन माफियाओ की घुसपैठ करा रही है , वे सरकार के मिलीभगत से, झूठा विकास दिखाकर, जनता को भरमाकर, लूटेरो के साथ अपनी भगीदारी कर, सत्ता धारी अपने खजाने भर रहे है. इनकी पूजी 300-3000 गुना से ज्यादा बढ रही है और जनता अपने आपको लूटते हुए देख रही है
मेरे 16 अक्टूबर की प्रवष्टि के अंश......आज हम 65 साल बाद भी पीछे क्यो? हम विदेशीयों का मुँह क्यो ताकते है???

1.विदेशी भाषा, विदेशी विचार, विदेशी संस्कार, विदेशी हत्यार, विदेशी हाथ, विदेशी बात.
अभी हाल मे ही हमारी सरकार ने आदेश दिया है कि हिन्दी भाषा मे अंग्रेजी शब्द का प्रयोग मान्य होगा (हिग्लीश भाषा)
2.हमने अमेरिका , रूस व युरोपीय देशो के तलवे चाटने मे ही अपना भविष्य समझा
और हम सुपर पावर का ढोल पीटते रहे , और देश कर्ज मे डूबते गया .
3.हमारी सरकारे , अहिंसा की आड मे देश को लूटते रहीं, और गर्व से कहते गई,हमारे देश ने 5000 सालो से विदेशी आक्रमण नही किया है और हमारा सिद्धांत है कि हम हमारे हत्यार विदेशो मे नही बेचेंगे और विदेशों से हत्यार आयात के घोटाले के नाम से अपनी तिजोरिया भरती गयीं
इडिया……….हमारा देश, डरता है ,,,,,,, डराने वाला चाहिये? ………
चीनी देश का कहना है
दुनिया… झुकती है ?……. झुकाने वाला चाहिये …………….??
चीन हमसे दो साल बाद आजाद होने के बाद ,हमसे पाच गुना से ज्यादा आगे क्यो ??
1.देशी भाषा, देशी विचार, देशी संस्कार, देशी हत्यार, देशी हाथ, देशी बात.
वही चीनी सरकार ने आदेश दिया है कि चीनी भाषा मे अंग्रेजी शब्द का प्रयोग मान्य नही होगा
किसी भी देश की भाषा को तोड्ना – मतलब देश की एकता तोड्ना…???? और हमारे सरकार ने आदेश दे दिया है कि हिन्दी मे अग्रेजी शब्द (हिंग्लीस) मान्य होगा....

Monday, 5 August 2013



हे माँ , तेरा वैभव अमर रहे......., आप घर की नही, देश की भारतमाता हो... वन्देमातरम... तुम्हे शत: शत: प्रणाम........
माँ, तेरा प्यार दिल के आँसुओ से भरा रहता है, तुम्हारा दिल तो वात्सलय से 24 घंटे धडकता.. है... हर दु:ख पहुचाने वाले पति से बच्चे हर सख्श तक को आप माफ कर देती हो.. तकि आप की आँसू से वे अपने गलती का अहसास समझ कर प्रायश्चित (सुधर सके) कर सके, माँ , आप तो, सौ बार अपने आँसुओ से मौका देती है....माँ तेरे आँसु सागर से भी गहरे है. लेकिन तेरे सागर के आँसु तो लोगो को जीवन मे कैसे तैरना है, वह सिखाती है...आज तक तेरे आँसु के सागर कोई भी डूबा नही है...क्यो कि इसमे वात्सलय का नमक है..


चित्र मे...ये जो व्यक्ति खड़ा है अंजाने मे हम इसे भारत भाग्य विधाता कहते है
क्या आप जानते है ?
गुलामी के प्रतीक ! जन गण मन की कहानी ............................... यह है हमारी गुलामी की अब तक की सच्चाई... जन –गण-मन से देश से लूटने का खेल, कैसे लूटने की जड़ मजबूत हो रही है...?? – संकलन- कैलाश तिवारी meradeshdoooba.comद्वारा

क्या किसी ने जन गण मन गाते सोचा की आखिर ये कौन ‘अधिनायक’ और ‘भारत भाग्य विधाता’ हैं जिनके जयघोष से हम अपने राष्ट्रगान की शुरुआत करते हैं?

सन 1911 तक भारत की राजधानी बंगाल हुआ करता था। सन 1905 में जब बंगाल विभाजन को लेकर अंग्रेजो के खिलाफ बंग-भंग आन्दोलन के विरोध में बंगाल के लोग उठ खड़े हुए तो अंग्रेजो ने अपने आपको बचाने के लिए के कलकत्ता से हटाकर राजधानी को दिल्ली ले गए और 1911 में दिल्ली को राजधानी घोषित कर दिया। पूरे भारत में उस समय लोग विद्रोह से भरे हुए थे तो अंग्रेजो ने अपने इंग्लॅण्ड के राजा को भारत आमंत्रित किया ताकि लोग शांत हो जाये। इंग्लैंड का राजा जोर्ज पंचम 1911 में भारत में आया। रविंद्रनाथ टैगोर पर दबाव बनाया गया कि तुम्हे एक गीत जोर्ज पंचम के स्वागत में लिखना ही होगा।

उस समय टैगोर का परिवार अंग्रेजों के काफी नजदीक हुआ करता था, उनके परिवार के बहुत से लोग ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया करते थे, उनके बड़े भाई अवनींद्र नाथ टैगोर बहुत दिनों तक ईस्ट इंडिया कंपनी के कलकत्ता डिविजन के निदेशक (Director) रहे। उनके परिवार का बहुत पैसा ईस्ट इंडिया कंपनी में लगा हुआ था। और खुद रविन्द्र नाथ टैगोर की बहुत सहानुभूति थी अंग्रेजों के लिए। रविंद्रनाथ टैगोर ने मन से या बेमन से जो गीत लिखा उसके बोल है "जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्यविधाता"। इस गीत के सारे के सारे शब्दों में अंग्रेजी राजा जोर्ज पंचम का गुणगान है, जिसका अर्थ समझने पर पता लगेगा कि ये तो हकीक़त में ही अंग्रेजो की खुशामद में लिखा गया था।

इस राष्ट्रगान का अर्थ कुछ इस तरह से होता है "भारत के नागरिक, भारत की जनता अपने मन से आपको भारत का भाग्य विधाता समझती है और मानती है। हे अधिनायक (Superhero) तुम्ही भारत के भाग्य विधाता हो। तुम्हारी जय हो ! जय हो ! जय हो ! तुम्हारे भारत आने से सभी प्रान्त पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा मतलब महारास्त्र, द्रविड़ मतलब दक्षिण भारत, उत्कल मतलब उड़ीसा, बंगाल आदि और जितनी भी नदिया जैसे यमुना और गंगा ये सभी हर्षित है, खुश है, प्रसन्न है , तुम्हारा नाम लेकर ही हम जागते है और तुम्हारे नाम का आशीर्वाद चाहते है। तुम्हारी ही हम गाथा गाते है। हे भारत के भाग्य विधाता (सुपर हीरो ) तुम्हारी जय हो जय हो जय हो। "

जोर्ज पंचम भारत आया 1911 में और उसके स्वागत में ये गीत गाया गया। जब वो इंग्लैंड चला गया तो उसने उस जन गण मन का अंग्रेजी में अनुवाद करवाया। क्योंकि जब भारत में उसका इस गीत से स्वागत हुआ था तब उसके समझ में नहीं आया था कि ये गीत क्यों गाया गया और इसका अर्थ क्या है। जब अंग्रेजी अनुवाद उसने सुना तो वह बोला कि इतना सम्मान और इतनी खुशामद तो मेरी आज तक इंग्लॅण्ड में भी किसी ने नहीं की। वह बहुत खुश हुआ। उसने आदेश दिया कि जिसने भी ये गीत उसके (जोर्ज पंचम के) लिए लिखा है उसे इंग्लैंड बुलाया जाये। रविन्द्र नाथ टैगोर इंग्लैंड गए। जोर्ज पंचम उस समय नोबल पुरस्कार समिति का अध्यक्ष भी था।

उसने रविन्द्र नाथ टैगोर को नोबल पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया। तो रविन्द्र नाथ टैगोर ने इस नोबल पुरस्कार को लेने से मना कर दिया। क्यों कि गाँधी जी ने बहुत बुरी तरह से रविन्द्रनाथ टेगोर को उनके इस गीत के लिए खूब डांटा था। टैगोर ने कहा की आप मुझे नोबल पुरस्कार देना ही चाहते हैं तो मैंने एक गीतांजलि नामक रचना लिखी है उस पर मुझे दे दो लेकिन इस गीत के नाम पर मत दो और यही प्रचारित किया जाये क़ि मुझे जो नोबेल पुरस्कार दिया गया है वो गीतांजलि नामक रचना के ऊपर दिया गया है। जोर्ज पंचम मान गया और रविन्द्र नाथ टैगोर को सन 1913 में गीतांजलि नामक रचना के ऊपर नोबल पुरस्कार दिया गया।

रविन्द्र नाथ टैगोर की ये सहानुभूति ख़त्म हुई 1919 में जब जलिया वाला कांड हुआ और गाँधी जी ने लगभग गाली की भाषा में उनको पत्र लिखा और कहा क़ि अभी भी तुम्हारी आँखों से अंग्रेजियत का पर्दा नहीं उतरेगा तो कब उतरेगा, तुम अंग्रेजों के इतने चाटुकार कैसे हो गए, तुम इनके इतने समर्थक कैसे हो गए ? फिर गाँधी जी स्वयं रविन्द्र नाथ टैगोर से मिलने गए और बहुत जोर से डाटा कि अभी तक तुम अंग्रेजो की अंध भक्ति में डूबे हुए हो ? तब जाकर रविंद्रनाथ टैगोर की नीद खुली। इस काण्ड का टैगोर ने विरोध किया और नोबल पुरस्कार अंग्रेजी हुकूमत को लौटा दिया। सन 1919 से पहले जितना कुछ भी रविन्द्र नाथ टैगोर ने लिखा वो अंग्रेजी सरकार के पक्ष में था और 1919 के बाद उनके लेख कुछ कुछ अंग्रेजो के खिलाफ होने लगे थे।

रविन्द्र नाथ टेगोर के बहनोई, सुरेन्द्र नाथ बनर्जी लन्दन में रहते थे और ICS ऑफिसर थे। अपने बहनोई को उन्होंने एक पत्र लिखा था (ये 1919 के बाद की घटना है) । इसमें उन्होंने लिखा है कि ये गीत 'जन गण मन' अंग्रेजो के द्वारा मुझ पर दबाव डलवाकर लिखवाया गया है। इसके शब्दों का अर्थ अच्छा नहीं है। इस गीत को नहीं गाया जाये तो अच्छा है। लेकिन अंत में उन्होंने लिख दिया कि इस चिठ्ठी को किसी को नहीं दिखाए क्योंकि मैं इसे सिर्फ आप तक सीमित रखना चाहता हूँ लेकिन जब कभी मेरी म्रत्यु हो जाये तो सबको बता दे। 7 अगस्त 1941 को रबिन्द्र नाथ टैगोर की मृत्यु के बाद इस पत्र को सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने ये पत्र सार्वजनिक किया, और सारे देश को ये कहा क़ि ये जन गन मन गीत न गाया जाये।

1941 तक कांग्रेस पार्टी थोड़ी उभर चुकी थी। लेकिन वह दो खेमो में बट गई। जिसमे एक खेमे के समर्थक बाल गंगाधर तिलक थे और दुसरे खेमे में मोती लाल नेहरु थे। मतभेद था सरकार बनाने को लेकर। मोती लाल नेहरु चाहते थे कि स्वतंत्र भारत की सरकार अंग्रेजो के साथ कोई संयोजक सरकार (Coalition Government) बने। जबकि गंगाधर तिलक कहते थे कि अंग्रेजो के साथ मिलकर सरकार बनाना तो भारत के लोगों को धोखा देना है। इस मतभेद के कारण लोकमान्य तिलक कांग्रेस से निकल गए और उन्होंने गरम दल बनाया। कोंग्रेस के दो हिस्से हो गए। एक नरम दल और एक गरम दल।

गरम दल के नेता थे लोकमान्य तिलक जैसे क्रन्तिकारी। वे हर जगह वन्दे मातरम गाया करते थे। और नरम दल के नेता थे मोती लाल नेहरु (यहाँ मैं स्पष्ट कर दूँ कि गांधीजी उस समय तक कांग्रेस की आजीवन सदस्यता से इस्तीफा दे चुके थे, वो किसी तरफ नहीं थे, लेकिन गाँधी जी दोनों पक्ष के लिए आदरणीय थे क्योंकि गाँधी जी देश के लोगों के आदरणीय थे)। लेकिन नरम दल वाले ज्यादातर अंग्रेजो के साथ रहते थे। उनके साथ रहना, उनको सुनना, उनकी बैठकों में शामिल होना। हर समय अंग्रेजो से समझौते में रहते थे। वन्देमातरम से अंग्रेजो को बहुत चिढ होती थी। नरम दल वाले गरम दल को चिढाने के लिए 1911 में लिखा गया गीत "जन गण मन" गाया करते थे और गरम दल वाले "वन्दे मातरम"।

नरम दल वाले अंग्रेजों के समर्थक थे और अंग्रेजों को ये गीत पसंद नहीं था तो अंग्रेजों के कहने पर नरम दल वालों ने उस समय एक हवा उड़ा दी कि मुसलमानों को वन्दे मातरम नहीं गाना चाहिए क्यों कि इसमें बुतपरस्ती (मूर्ति पूजा) है। और आप जानते है कि मुसलमान मूर्ति पूजा के कट्टर विरोधी है। उस समय मुस्लिम लीग भी बन गई थी जिसके प्रमुख मोहम्मद अली जिन्ना थे। उन्होंने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया क्योंकि जिन्ना भी देखने भर को (उस समय तक) भारतीय थे मन,कर्म और वचन से अंग्रेज ही थे उन्होंने भी अंग्रेजों के इशारे पर ये कहना शुरू किया और मुसलमानों को वन्दे मातरम गाने से मना कर दिया। जब भारत सन 1947 में स्वतंत्र हो गया तो जवाहर लाल नेहरु ने इसमें राजनीति कर डाली। संविधान सभा की बहस चली। संविधान सभा के 319 में से 318 सांसद ऐसे थे जिन्होंने बंकिम बाबु द्वारा लिखित वन्देमातरम को राष्ट्र गान स्वीकार करने पर सहमति जताई।

बस एक सांसद ने इस प्रस्ताव को नहीं माना। और उस एक सांसद का नाम था पंडित जवाहर लाल नेहरु। उनका तर्क था कि वन्दे मातरम गीत से मुसलमानों के दिल को चोट पहुचती है इसलिए इसे नहीं गाना चाहिए (दरअसल इस गीत से मुसलमानों को नहीं अंग्रेजों के दिल को चोट पहुंचती थी)। अब इस झगडे का फैसला कौन करे, तो वे पहुचे गाँधी जी के पास। गाँधी जी ने कहा कि जन गन मन के पक्ष में तो मैं भी नहीं हूँ और तुम (नेहरु ) वन्देमातरम के पक्ष में नहीं हो तो कोई तीसरा गीत तैयार किया जाये। तो महात्मा गाँधी ने तीसरा विकल्प झंडा गान के रूप में दिया "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊँचा रहे हमारा"। लेकिन नेहरु जी उस पर भी तैयार नहीं हुए।

नेहरु जी का तर्क था कि झंडा गान ओर्केस्ट्रा पर नहीं बज सकता और जन गन मन ओर्केस्ट्रा पर बज सकता है। उस समय बात नहीं बनी तो नेहरु जी ने इस मुद्दे को गाँधी जी की मृत्यु तक टाले रखा और उनकी मृत्यु के बाद नेहरु जी ने जन गण मन को राष्ट्र गान घोषित कर दिया और जबरदस्ती भारतीयों पर इसे थोप दिया गया जबकि इसके जो बोल है उनका अर्थ कुछ और ही कहानी प्रस्तुत करते है, और दूसरा पक्ष नाराज न हो इसलिए वन्दे मातरम को राष्ट्रगीत बना दिया गया लेकिन कभी गया नहीं गया। नेहरु जी कोई ऐसा काम नहीं करना चाहते थे जिससे कि अंग्रेजों के दिल को चोट पहुंचे, मुसलमानों के वो इतने हिमायती कैसे हो सकते थे जिस आदमी ने पाकिस्तान बनवा दिया जब कि इस देश के मुसलमान पाकिस्तान नहीं चाहते थे, जन गण मन को इस लिए तरजीह दी गयी क्योंकि वो अंग्रेजों की भक्ति में गाया गया गीत था और वन्देमातरम इसलिए पीछे रह गया क्योंकि इस गीत से अंगेजों को दर्द होता था।

बीबीसी ने एक सर्वे किया था। उसने पूरे संसार में जितने भी भारत के लोग रहते थे, उनसे पुछा कि आपको दोनों में से कौन सा गीत ज्यादा पसंद है तो 99 % लोगों ने कहा वन्देमातरम। बीबीसी के इस सर्वे से एक बात और साफ़ हुई कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय गीतों में दुसरे नंबर पर वन्देमातरम है। कई देश है जिनके लोगों को इसके बोल समझ में नहीं आते है लेकिन वो कहते है कि इसमें जो लय है उससे एक जज्बा पैदा होता है।

तो ये इतिहास है वन्दे मातरम का और जन गण मन का। अब ये आप को तय करना है कि आपको क्या गाना है ?

Sunday, 4 August 2013




मै…., मेरा हिंन्दुस्थान लूटने नही दूँगी….?? दुर्गा देवी तुम…महान हो … बुझे दिल सत्ताखोरों के टुकड़ो मे पलने वाले नौकरशाही को तमाचा हो…????
यह कार्टून दुर्गा शक्ति को समर्पित है…. , जो माफियाओ के लिए काली देवी बनकर, देश की लक्ष्मी बाई बनकर, माफियाओ व सत्ताखोरों को हूँकार दे कर कह रही है… मै…., मेरा हिंन्दुस्थान लूटने नही दूँगी…?????
और आज के नौकरासाह, जो मुर्गा बनकर , माफियाओ व सत्ताखोरों की आवाज़ मे कूकड़ू – कू …. की आवाज़ मे , देश के लूटेरो के दानो पर पल रहे है….???? उनके लिए यह, एक तमाचा है….???? जिनके जूते तले दबकर, नौक्रर-साही , सत्ताखोरों को झूला, झूला रही है….
इस कार्टून मे आज के टॉप 5 जमाई है…इनमे से कानीमोझी जेल से छूटने के बाद, राज्यसभा की सदस्य बन गई, पवन बंसल चैन की बंसी बजा रहे है, राजा तो अब भी राजा बने है, कलमाड़ी का रूतबा , और मजबूत हुआ है, जेल से छूटने के बाद , बैड, बाजा , बाराती के साथ “भारतमाता की जय” के उद्घोष के साथ ,महाराष्ट्र के पुना मे, इस भ्रष्टाचार के दूल्हे का जश्न के साथ स्वागत हुआ…??? वाड्रा तो देश का राष्ट्रीय जमाई होने से, अभी भी भ्रष्टाचार का मनी मून मना रहा है। व अशोक खेमका का तबादला करा कर, प्रशासन को ठेंगा दिखा रहा है…????
आओ हम भी दुर्गा शक्ति से प्रेरणा लेकर ,हम, प्रतिज्ञा करे…. हम अपना हिंन्दुस्थान , देशी व विदेशी माफियाओ व सत्ताखोरों के हाथ लूटने नही देंगे …???।
मेरी श्रदांजली , उत्तरप्रदेश के जिया उल हक, महाराष्ट्र के सोनावणे व मध्य प्रदेश के आईपी एस आधिकारी नरेन्द्र जी को है ….. जिन्होने,, माफियाओ व सत्ताखोरों की परवाह न करते हुए अपना बलिदान दिया है…
आओ एक संकल्प ले , अब हम इन घटनाओ के देखकर, जमहाई व अंगड़ाई नही लेंगे , और देश के माफियाओ व सत्ताखोरों को देश का जमाई बनने नही देंगे …..
मेरे वेबस्थल के अंश पुन: लिखा रहा हूँ… जागे हुए लोगों से कहता हूँ जमहाई लेते हैं । सोते हुए लोगों से कहता,हूँ….अंगड़ाई लेतेहैं। कब्र के मुर्दे से कहा, मै कुछ….कह पाता,मुझे…भ्रष्टाचार॰का इंजेक्शन लग चुका था…. उसने….मुझसे कहा…,आप देश द्रोही बनकर, देश के लिये पागल होकर,,कुछ तो कहो ताकी मेरी मजार पर आदर्श,नेताओ,माफियाओं की मंजिल न बन सके।
यदि जनता जमहाई लेते रहेगी तो ….????, हर दिन देश के हजारो ,नये लूटेरे, जमाई बनकर देश को लूटते रहेंगे….पिछला उदाहरण 2जी से , जनता के कॉमन वेल्थ से, कोयले से मुँह काला कर , खान , खदान, ईमान बेचकर भी, इनके चेहरे की, चमक बढ़ते ही जा रही है है…???, उपर से, ये,और विपक्षी दल भी इसमे सम्मलित होकर अपने को आर टी आई के दायरे मे न लाने का कानून बना रहे है … जनता को एक खुली चेतावनी देकर कह रहे है, रोक सके तो रोकों …..???????
जागो…..?? जागो…..??? जागो…..???? ….. देशवासियो अब जमहाई लेने का समय नही है….??????????????????

Friday, 2 August 2013





भ्रष्टाचारियो के कुतुबमीनार की जीत...??????????
देश के कारगिल के शहीदो के नाम से, देश के दरिंदों ने भ्रष्टाचार को माखन लगा कर इस 31 मंज़िला कुतुबमीनार को बनाया। इस इमारत का खर्च 100 करोड़ से ज्यादा है लेकिन 125 करोड़ रुपये के कागजी घोड़े (कानून के कागज़) मे खर्च करने के बावजूद न्यायव्यवस्था को धोखा देकर राज्य सरकार के मिली भगत वाले, आयोग ने क्लीन चिट दे दी है।
याद रहे मुंबई हाईकोर्ट ने 14 महीने पहले इस आदर्श भ्रष्टाचार के मंदिर को ढहाने का आदेश दिया था...???, इसके बावजूद अदालत को ठेंगा दिखा कर यह जांच रिपोर्ट तैयार की है।
महाराष्ट्र के दो बार मुख्यमंत्री बने विलास राव देशमुख कही इस आंच से कहीं झूलस न जाए, इसलिए उन्हे केन्द्रीय मंत्री के पद से सुशोभित किया गया। 11 महीने पहले विलास राव देशमुख लिवर(Liver= live + fever भ्रष्ठाचार से जिंदा रहने की बीमारी) की बीमारी का शिकार होगाए। उनकी मृत्यु के बाद सभी मंत्रियो ने आदर्श भ्रष्टाचार का ठीकरा विलास राव (विलासिता + मुख्य) का नाम कहकर फोड़ दिया।

देश के दो सूरमा, एक पूर्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख , और कन्हैयालाल गिड्वानी जो गिरवानी बनकर आदर्श मंजिल से गिरकर शहीद हो गये है? दोस्तों आप ही अपने विवेक से बतायें ये देश के सोसाइटी (SOCIETY – SUCIDEE- आत्महत्या) के शहीद हैं या गरीबों के आत्महत्यारे..????

इस 400 फ्लाटो मे (एक फ्लॅट एक सब्जीवाले को, व कई झूठे नामों से भी आबंटन) किया गया तथा सभी अधिकार राजनेताओ ने अपने नाम रखे। हाल ही मे, महाराष्ट्र सरकार ने 500 करोड़ की योजना से नाशिक मे विलास राव देशमुख के भ्रष्टाचार के आदर्शो को जीवित रखने की लिए 50 एकड़ से ज्यादा की भूमि आबंदित की है। इस घोटाले मे दूसरे टपकने वाले कन्हैयालाल गिडवानी ,जो आदर्शतम बनने के लिए सीबीआई को 2 करोड़ की रिशवत देने के मामले मे पकड़े जाने से जेल गए थे, वह बाद मे जमानत मे रिहा हो गये और हार्ट अटैक (Heart Attack= High+ tech)।
याद रहे आदर्श भ्रष्टाचार के मंजिल के किराए व बिक्री के विज्ञापनो की वैबसाइट. अखबारो व इंटरनेट मे प्रकाशित हो गयी थी। एक कमरे का किराया प्रतिमाह 4 लाख रुपये और बिक्री की कीमत 60 करोड़ से ज्यादा आँकी गयी थी। बड़े दुख के साथ मे लिखना पढ़ रहा है सुशील कुमार शिंदे ,जो इसके मुख्य सूत्रधार है, जिनके केन्द्रीय बिजली मंत्री के कार्यकाल मे देश की आधी बिजली गायब करने के बाद उन्हे, इसी भ्रष्टाचार की गरिमा से सुशोभित करने के लिए देश के गृहमन्त्री पद से सुशोभित किया गया है... जिसके तुरंत बाद उन्होने, पूना की एक सभा मे कहा...???? देश की जनता भेडो से से भी बदतर है, जो बोफोर्स घोटाले तक भूल गई है...????, तो क्या हमारे नए घोटाले को याद करेगी....????, अपने अटपटे बयानो से आज के डूबते देश के आतंकी घटनाओ के बारे मे हँसते हुए कहते है,”मैंने पहले ही कह दिया था आतंकवादी हमले होंगे ”। अपरोक्षय रूप से उनका कहना है इसको रोकने की ज़िम्मेदारी मेरी नहीं है...???।
दोस्तो जब संविधान हो गुलाम, तो नेता बने, बेलगाम व जनता बन रही हे बेजुबान। जब देश मे सांसदो की वेतन की बढोतरी का बिल 5 मिनट मे पास हो जाता है, और आरटीआई मे राजनेताओ को दायरे मे न लाने का बिल, बिना बहस के सभी पक्षो द्वारा सहमति दे दी जाती है, देशवासियों जागो सोचो....? सोचो....?? सोचो...???. क्या से क्या हो रहा हैं ...?????, कैलाश तिवारीmeradeshdoooba.com से
 — with Umesh Joshi Omi BpedThakur Shamsher SinghAjeet Singh Narwatand 41 others.

  • Umesh Joshi Omi Bped इन कमीनों को clean chit दो और ईमानदार अफसरों को निलम्बित करो। इस देश में अब जंगलराज हो गया है। जब अफसरों की ही कुछ नहीं चल रही है, तो ऐसे में आम जनता की क्या चलेगी! क्या कोई है उसकी तरफ देखने वाला! जिनके पास power है, वो उसका दुरूपयोग कर रहे हैं। जनता का ही खा रहे हैं और उसी को धोखा भी दे रहे हैं। देश में बहुत ही निराशा का माहौल है।
  • Sonu Yadav doston maine bachpan mei eek kahaani padhi thi ye kuch waise hi hai.... kisi ek ke immandarr hone se aur facebook per uss imaandaar ki wah-wah karne se kuch nahi hoga.. iss corrupt samaj se hum sub ko ladna hoga... hum sab unn chuhoon ki terha hai jo ye soch ke kush hogye the ki billi ke gale mei ghanti baandhe ge... per aakhir billi ke gale mein ghanti baandhega kaun ???
    • Mahesh Chndra Varma ||ॐ साई ॐ|| ब्रह्मांड का शक्तिपुंज...........सबका मालिक एक.......
      केवल भारत माता के सच्चे सपूत ही पढ़ें....क्योँकि इसको समझना लुच्चो के बस कि बात नही है.....
      भ्रष्टाचार रिकॉर्ड तोड़ जनता को परेशानी कमरतोड़ .... ये सारे हरामखौर .ना तो ये शराफ़त से मानें
      गे ....ना ही अदालत से मानेंगे.....अगर मानेंगे तो बस जनता कि बगावत से मानेंगे.....
      देश के सभी भ्रष्ट नेताओं और मंत्रियों का भरसक प्रयास है कि उनकी पार्टी के आपराधिक आचरण वाले बलात्कारी,व्यभिचारि,भ्रश्तचरि नेताओं और प्रतिनिधियों को चुनाव लड़ने से रोकने का "सुप्रीम कॉर्ट" को कोई अधिकार नही है....क्या करेगी अदालत ...जब नेता बरपायेगा कयामत....क़ानून सुप्रीम कोर्ट बनायेगा ...देश का भ्रष्ट नेता कानून बदलकर अपनी ताकत दिखायेगा ...ना ही सूचना के अधिकार का कानून ही उस पर लागू हो पायेगा....ना ही अपराधियों को सत्ता से बाहर किया जायेगा.......अदालत और क़ानून आम आदमी के लिए होते है.....देश कि सत्ता तो चोर,डकैत,बैमान और भ्रष्ट नेताओं के बाप कि बपौती है... पुलिस और जज को नेता ही कुर्सी पर बैठता है..देश कि सत्ता कि .कुर्सी पर बैठने वाले को कैसे हताओगे...उस पर लगाम लगाओगे तो पिछवाड़े पर लात खाओगे ही....
      तो जजों के फैसले को ठुकराया गया ...दागियो के दमन को बचाया गया....बंद किए दरवाजे से क़ानून का ताला हटाया गया...और सुप्रीम कोर्ट फैसले पर फैसला सुनाया गाया... अब संसद में विधेयक लायेंगे ...पारित करवायेंगे और संसद में वैथे 27%चोर,डकैत,बैमान और भ्रष्ट नेता और विधान सभाओं में बैठे 21% चोर,डकैत,बैमान और भ्रष्ट नेता ,मुलाजिम से बेदाग करार दिए जायेंगे....देश कि अदालतें भी चोर,डकैत,बैमान और भ्रष्ट नेताओं को सत्ता में घुसने से नही रोक पा रही है ..जनता मजबूर नजर आ रही है...अब इन हराम खोरो से मुक्ति कि एक हूँ सूरत नजर आ रही है...जनता को उग्रवादी और आतंकवादी बनाना पड़ेगा...भगतसिंह ,चंद्रशेखर आज़ाद ,राज गुरु,सुखदेव,सुभाष चंद्र बॉस,रानि लक्ष्मी बाई आदि कि तरह काले अँगरेजों को मार काट कर भागना ही पड़ेगा ...आज़ाद हिंद फौज एक बार फिर बनाना ही पडे़गा ...इंकलाब करना ही पड़ेगा...इंकलाब करना ही पड़ेगा....ये काले अँगरेज हमारी कुल आबादी का 0.0001% भी नही है......
      वंदे मातरम्‌,