कटोरे में कटोरा बेटा बाप से भी गोरा..., पिता पर पुत्र
देश का घोड़ा अधिक नही तो थोडा .., सैफई में पिता बना घोड़ा .., पुत्र बना नकेल
लगाकर घुड़सवार .., अब लड़ाई में कांग्रेस
की बग्गी बनाकर.., उत्तर प्रदेश को उतारू प्रदेश अखिलेश अखिल प्रदेश को कलेश / क्लेश
बनाकर दूसरी पारी की सवारी...
फेस
पुक व वेबस्थल की पुरानी पोस्ट .., May 7, 2014 ·
अखिलेश की हर योजना से, फैला... पूरे उत्तर प्रदेश (अखिल) मे
क्लेश...???? अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर
प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास मुस्लिम लड़कियो को 30000 रु का
अनुदान व अन्य धर्मो की लड़कियो का नहीं है, कोई
नामों निशान।
देशवासियों को टॉप का अंग ढकने के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है।
राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी देश की जल्लादे....?????, “ समाजवाद” शब्द को आज “लूट की खाद” से भरण पोषण कर , देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया वह व्यक्ति थे... जिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित था। मरते दम तक, कोई घर नहीं था, और लोहिया की दहाड़ से प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था।
उत्तर प्रदेश अब बना उतारू प्रदेश .., आजमगढ़ को आतंकगढ़ से बना अपने भ्रष्टाचार छुपाकर ,केंद्र को समर्थन देकर सी.बी.आई .के ६०हजार करोड़ से अधिक के अन्न घोटाले को हजम प्रदेश व मुजफ्फरपुर के वोट बैंक से दंगे को आमन्त्रण देकर, सत्ता को मौजपुर नगर बनाकर , प्रदेश के सभी मुद्दे गायब है...,
याद रहें.. अभी हाल ही में सुप्रीप कोर्ट ने कहा था मुजफ्फरपुर दंगे में उत्तरप्रदेश की सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है....,
मीडिया वर्ग ने इस मुद्दे को गायब कर,सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी को निर्दोष मानने के बावजूद , अभी भी अलगाववादियों के बयान को टूल देकर “गुजरात के दंगे से ” मोदी को दोषी बता रहा है , मुजफ्फरपुर दंगे में १० हजार सेना की तैनाती ,इस भयावता की पुष्टी करती है..., इतनी संख्या में सेना में नए संकट होने पर सीमा पर जवानों की तैनाती होती है .
इन दंगो से पुलिस और सेना के जवान खा रहे है, गोलिंया .... और सत्ताधारी, जनता की हत्याओं के खून से तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया...???
देश के विभिन्न धमाको के संदर्भ, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, जो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ है, हमारे खुफिया विभाग द्वारा आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग भी अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है। मस्जिदों मे एके 47 का जखीरा, एक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने आया है। मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया (RADIA=RA+N+DIA) बनकर.... इसे 2 सम्प्रदायो का झगड़ा कह कर, लीपा पोती में लगी हुई है। यह गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है।
देशवासियों..., याद रहे मुंबई के आजाद मैदान मे घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर , महिला पुलिसों तक को पीटकर व मीडिया की गाड़ी जलाकर , एक खुले चुनौती देते हुए कहा ... रोक सके... तो रोको ...??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भी, इसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर से चुप बैठें है..
यदि, आज देश के हर धर्म का नागरिक राष्ट्रवादी होता, तो, देशवासियों के साथ देश का सीना भी बुलेटप्रूफ होता।
याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे चुनावों के समय, “वोट बैंक” की राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट दोगे..., तो मैं इस प्रदेश को, मुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। ” शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो ने, पश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ –साथ, इसे आईएसआई का अड्डा भी बना दिया... अब यह देश के लिए चिंताजनक गड्ढा बन गया है।
10 साल पहिले, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, एक मदरसे का अनुदान के मामले मे, इलाहाबाद के एक सदस्यीय हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा “आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी है, तो अल्पसंख्यक... शब्द, लागू ही नहीं होता है, और इस अनुदान के आदेश को निरस्त कर दिया जा रहा है।“ इस आदेश के बाद मुस्लिमो की बौखलाहट से, राजनेताओ के शह से, उस जज को बर्खास्त कर दिया गया और एक नये 2 सदस्यीय, हाईकोर्ट के बेंच का गठन कर , इस अनुदान को सही ठहराया।. जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...
Old post November 24,
2014 ·
विदेशी ७५ लाख की बग्गी में, ७५ हजार करोड़ रूपये से कही अधिक
घोटालों के देशी लकड़बग्गे..., उतारू प्रदेश, यू .पी. का अब भ्रष्टाचार से U TURN लेने का अब बना नया खेल..., रामपुर को भ्रष्टाचार से ROAM –PUR से.., टहलने का खेल, व इंग्लैंड के ट्रेफ्लर
स्क्वायर से भ्रष्टाचार के ट्रैफिक के स्क्वायर (चार दिवारी) की ट्रोफी का खेल ...
मुलायम सिंह यादव के लिए, लंदन से लाई गई ७५ लाख की इस
बग्धी में ऐसे घूम रहे हैं, जैसे रामपुर में नहीं लंदन के
ट्रैफलगर स्कावयर में घूम रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव ७५ वी साल
गिरह पर देश को ७५ करोड़ से कहीं अधिक, चुना लगाकर..., चुनाव जीतने का खेल..., ७५ लाख के DIAMOND JUBILEE से माफियाओं को DARE मन से JUBILANT (आनंद /उल्लसित बनाकर, पुलिस प्रसाशन को भ्रष्टाचार के
सर्कस से देश का उपहास किया जा रहा है....
क्या..??, अब इसके पीछे आजम खान,कहीं मुलायम सिंग को पटखनी देकर, अपने को बारात का नया दूल्हा
बनाने के चक्कर में यह खेल, खेल तो नहीं रहें है...
जानें उतारू प्रदेश का हाल...
अखिलेश की हर योजना से, फैला... पूरे उत्तर प्रदेश
(अखिल) मे क्लेश...???? अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास मुस्लिम लड़कियो
को 30000 रु का अनुदान व अन्य धर्मो की
लड़कियो का नहीं है, कोई नामों निशान।
देशवासियों को टॉप का अंग ढकने
के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है।
राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी
देश की जल्लादे....?????, “ समाजवाद” शब्द को आज “लूट की खाद” से भरण पोषण कर , देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया
वह व्यक्ति थे... जिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित था। मरते दम तक, कोई घर नहीं था, और लोहिया की दहाड़ से
प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था।
उत्तर प्रदेश अब बना उतारू
प्रदेश .., आजमगढ़ को आतंकगढ़ से बना अपने
भ्रष्टाचार छुपाकर ,केंद्र को समर्थन देकर
सी.बी.आई .के ६०हजार करोड़ से अधिक के अन्न घोटाले को हजम प्रदेश व मुजफ्फरपुर के
वोट बैंक से दंगे को आमन्त्रण देकर, सत्ता को मौजपुर नगर बनाकर , प्रदेश के सभी मुद्दे
गायब है...,
याद रहें.. अभी हाल ही में
सुप्रीप कोर्ट ने कहा था मुजफ्फरपुर दंगे में उत्तरप्रदेश की सरकार पूरी तरह
जिम्मेदार है....,
मीडिया वर्ग ने इस मुद्दे को
गायब कर,सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी को
निर्दोष मानने के बावजूद , अभी भी अलगाववादियों के
बयान को टूल देकर “गुजरात के दंगे से ” मोदी को दोषी बता रहा है , मुजफ्फरपुर दंगे में १० हजार
सेना की तैनाती ,इस भयावता की पुष्टी करती
है..., इतनी संख्या में सेना में नए
संकट होने पर सीमा पर जवानों की तैनाती होती है .
इन दंगो से पुलिस और सेना के
जवान खा रहे है, गोलिंया .... और सत्ताधारी, जनता की हत्याओं के खून से तल
रही हैं, वोट बैंक की पुरिया...???
देश के विभिन्न धमाको के संदर्भ, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, जो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ
है, हमारे खुफिया विभाग द्वारा
आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग भी
अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है।
मस्जिदों मे एके 47 का जखीरा, एक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने
आया है। मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया (RADIA=RA+N+DIA) बनकर.... इसे 2 सम्प्रदायो का झगड़ा कह कर, लीपा पोती में लगी हुई है। यह
गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ
के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है।
देशवासियों..., याद रहे मुंबई के आजाद मैदान मे
घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर , महिला पुलिसों तक को पीटकर व मीडिया की गाड़ी जलाकर , एक खुले चुनौती देते हुए कहा
... रोक सके... तो रोको ...??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भी, इसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर से चुप बैठें है..
यदि, आज देश के हर धर्म का नागरिक
राष्ट्रवादी होता, तो, देशवासियों के साथ देश का सीना
भी बुलेटप्रूफ होता।
याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे
चुनावों के समय, “वोट बैंक” की राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट
दोगे..., तो मैं इस प्रदेश को, मुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। ” शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो
ने, पश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम
प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ –साथ, इसे आईएसआई का अड्डा भी बना
दिया... अब यह देश के लिए चिंताजनक गड्ढा बन गया है।
10 साल पहिले, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, एक मदरसे का अनुदान के मामले मे, इलाहाबाद के एक सदस्यीय
हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा “आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी है, तो अल्पसंख्यक... शब्द, लागू ही नहीं होता है, और इस अनुदान के आदेश को निरस्त
कर दिया जा रहा है।“ इस आदेश के बाद मुस्लिमो
की बौखलाहट से, राजनेताओ के शह से, उस जज को बर्खास्त कर दिया गया
और एक नये 2 सदस्यीय, हाईकोर्ट के बेंच का गठन कर , इस अनुदान को सही ठहराया।. जागो
देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी
चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...
वाह रे आजम, तेरी बग्गी से, हमारा भ्रष्टाचार का धन हजम के, हम लकड़बग्गों के के खेल पर
पर्दा पड़ गया है.., ऐसा सम्मान मेरी जिंदगी
में आज तक नहीं मिला है...
मेरी ब्यूटी क्वीन भी इसके साथ
फ्री दे रहा हूं
ऊतारू प्रदेश का सहारनपुर बना साम्प्रयवाद का सायरनपुर (SIREN – PUR)..., वोट बैंक की राजनीती का
सायलेंटपुर (SILENT-PUR)
के खेल में एक और महारथ का
खेल..., मुफ्त के लैपटॉप,व मुस्लिम छात्रा को ३० हजार का
पुरूस्कार व अन्य धर्मों की छात्रा का तिरस्कार के खेल में प्रदेश सरकार लोकसभा
चुनाव में हो गई फेल...
अब नयी सरकार आने के डर से
घोटाले प्रदेश के नेताओं को लग रहा है, जेल जाने से डर .. तो क्यों न हो जाए वोट बैंक से सायरन बजाने का खेल ताकि माफियाओं की तुकबंदी से
हो एक नया खेल व मेल ...,
मोदी के चुनावी प्रचार के एक
हाथ में कुरान व दूसरे हाथ में कंप्यूटर के फरमान से उतारू प्रदेश के शासकों को लग
रहा है, डर.. साम्प्रयवाद के खेल में
बंद होने का मेढ़की टर्र-टर्र का खेल से.., साम्प्रयवादके बारिश न होने से ...,
तो क्यों न हो जाए और एक
कृत्रिम
साम्प्रयवाद की बारिश , और हम बनें रहें सत्ता के वारिस
...., और मीडिया भी इस बरसात को
मानसूनी बरसात कहकर, दो गुटों के बीच छिटपुट
खेल के नाम से TRP से, इसे अछा अच्छा मानसून मानकर
नहाने में है..., मशगूल...,
सीमा पार आतंकवादी व विदेशी
ताकतों कों मिला बल..., देश को दुर्बल बनाने का
हो रहा खेल...
Posted on 30 September 2013.
यह मुजफ्फरनगर नहीं , मौज का पम्पापुर है , सत्ता का मौजपुर नगर है….????
यह साम्प्रदायिक दंगा नहीं, वोट बैंक की बहती गंगा है , हर पार्टीयाँ ,इस पानी को पीने मे लालायित है
यह मुजफ्फरनगर नहीं , मौज का पम्पापुर है , सत्ता का मौजपुर नगर है….????
यह साम्प्रदायिक दंगा नहीं, वोट बैंक की बहती गंगा है , हर पार्टीयाँ ,इस पानी को पीने मे लालायित है
यह बात और है जनता भूखे प्यासी
है इस आस में कि , मेरे धर्म के नाम से…. सत्ताधारी हमें खुशहाली में
रखेंगे..???
आओं, देश की सीमा पार से आनेवाले , हम हर मोहल्ले में , घुसपैठीयों पर नजर रखें , जो हमारे देश में सत्ताधारियों
के साथ मिलकर इस खेल को तड़का लगा रहें है….??????????????
इस खुशहाली से भरमाकर , इसे शराब की प्याली बनाकर , सत्ताधारी नशे में झूम रहें है.
सीमा पर दुश्मनों ने हमें घेर
कर रखा है और सत्ताधारी…. धर्मवाद, जातिवाद, अलगाववाद, से, हमें तोड़कर पस्त कर रहे है , यदि यही खेल इसी तरह चलता रहा…. तो भीतरी व बाहरी दुश्मनों से
हमारे देश के टुकड़े होने का दिन भी दूर नहीं है.
जागो देशवासियों… राष्ट्रवाद की धारा से मिलकर , कंधे से कंधे, मिलाकर कहें…. हम एक , हमारा खून एक , हमारी धार्मिकता से हम सब एक है….
हमारी एकता से दुशमन भी साहस
नहीं करेगें …. आओ एक देश को एकता बल से, इतना उंचा बनाए , ताकि आसमान भी हमारे देश को
चूमे ….. वंदेमातरम, राष्ट्रवाद जयते
सितम्बर ११, २०१३ को फेस बुक में पोस्ट किया
गया . का आलेख
अखिलेश की हर योजना से, फैला… पूरे उत्तर प्रदेश (अखिल) मे
क्लेश…???? प्रदेश मे पुलिस और सेना के
जवान खा रहे है, गोलिंया …. और सत्ताधारी, जनता की हत्याओं के खून से तल
रही हैं, वोट बैंक की पुरिया…???
देशवासियों को टॉप का अंग ढकने
के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है।
राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी
देश की जल्लादे….?????,
“ समाजवाद” शब्द को आज “लूट की खाद” से भरण पोषण कर , देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया
वह व्यक्ति थे… जिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित
था। मरते दम तक, कोई घर नहीं था, और लोहिया की दहाड़ से
प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था।
यदि, आज देश के हर धर्म का नागरिक
राष्ट्रवादी होता, तो, देशवासियों के साथ देश का सीना
भी बुलेटप्रूफ होता। अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास
मुस्लिम लड़कियो को 30000 रु का अनुदान व अन्य धर्मो की लड़कियो का नहीं है, कोई नामों निशान।
याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे
चुनावों के समय, “वोट बैंक” की राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट दोगे…, तो मैं इस प्रदेश को, मुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। ” शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो
ने, पश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम
प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ –साथ, इसे आईएसआई का अड्डा भी बना
दिया… अब यह देश के लिए चिंताजनक
गड्ढा बन गया है।
10 साल पहिले, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, एक मदरसे का अनुदान के मामले मे, इलाहाबाद के एक सदस्यीय
हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा “आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी है, तो अल्पसंख्यक… शब्द, लागू ही नहीं होता है, और इस अनुदान के आदेश को निरस्त
कर दिया जा रहा है।“ इस आदेश के बाद मुस्लिमो
की बौखलाहट से, राजनेताओ के शह से, उस जज को बर्खास्त कर दिया गया
और एक नये 2 सदस्यीय, हाईकोर्ट के बेंच का गठन कर , इस अनुदान को सही ठहराया।
देश के विभिन्न धमाको के संदर्भ, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, जो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ
है, हमारे खुफिया विभाग द्वारा
आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग
भी अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है।
मस्जिदों मे एके 47 का जखीरा, एक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने
आया है। मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया (RADIA=RA+N+DIA) बनकर…. इसे 2 सम्प्रदायो का झगड़ा कह कर, लीपा पोती में लगी हुई है। यह
गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ
के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है।
देशवासियों याद रहे मुंबई के
आजाद मैदान मे घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर , महिला पुलिसों तक को पीटकर व
मीडिया की गाड़ी जलाकर , एक खुले चुनौती देते हुए
कहा … रोक सके… तो रोको …??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भी, इसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर
से चुप बैठें है…सेना,पुलिस के जवान खा रहे है गोलिया…. और सत्ताधारी तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया… जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की
धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई
से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो…
कहते हैं, जहां अपराध बढवाना हो तो ..., वहां पुलिस थाना खुलवा दो...,
अपराधों के संरक्षण में माफियाओं के गुनाहों का इल्जाम में, जनता को फसां कर उसकी गाढ़ी कमाई पर हाथ मारों, जनता को कानूनी जाल में उलझाकर घर बार उजाड़ दो...
अपराधों के संरक्षण में माफियाओं के गुनाहों का इल्जाम में, जनता को फसां कर उसकी गाढ़ी कमाई पर हाथ मारों, जनता को कानूनी जाल में उलझाकर घर बार उजाड़ दो...
बिहार में भी लालू राज में, जब जनता उनसे रोड न होने की फ़रियाद करती थी तो वे मजाकिया लहजे में कहते थे ..., तुन्हारे गांव तक तो रोड, मैं कल ही बनवा दूं..., इससे तुम्हारे लोगों को एक नुकसान होगा, पुलिस की गाड़ी रोज आकर , तुम्हे तंग करेगी...,, अभी तो तुम लोग सुखी हो...,
कानून पास करने से पहले यह सोचना होगा कि कानून का पालन करने वाली एजेंसियों का हश्र इस समाज में क्या है? आपकी पुलिस का अपराधीकरण ऐसा है कि थानों में क्राइम अधिक और बाहर कम है। देश का कोई कानून नहीं है, जिसका इस्तेमाल पुलिस धन उगाही के लिए न कर रही हो। अपराधियों को संरक्षण देना पुलिस का मुख्य काम हो गया है। थाने अपराधियों की मैनुफैक्चरिंग की फैक्ट्री बन गए हैं। इसका सबसे अच्छा प्रमाण यह है कि पुलिस थानों से जो गांव जितने दूर-दराज हैं, वहां कोई अपराध नहीं है। जहां लोगों ने पुलिस की शक्ल भी नहीं देखी है, वहां घर में ताले नहीं लगाने पड़ते। वहां जघन्य अपराध नहीं होते या नगण्य होते हैं। जिस शहर में जितनी पुलिस है और उसके करीब जितने गांव-बस्तियां हैं, उनमें उतना ही अपराध है। जहां भी अपराध बढ़ाना हो वहां पुलिस थाना बना दीजिए तुरंत फैक्ट्री चालू हो जाएगी। इसलिए सबसे पहले पुलिस को सुधारें उसके बाद ही कानून सुधारिए। हमारी अदालतों का भी हाल यही है। वहां ज्यादातर वकील लोगों को नोच लेते हैं। अपराधी और जज का सीधा ताल्लुक होना चाहिए। न्याय के साथ जब तक वकीलों की दलाली और मोहताजी जुड़ी रहेगी, कुछ नहीं होगा। हमारी सरकार को डेढ़ सौ साल बनाई गई अदालती प्रक्रियाओं को बदलने की गरज नहीं है। अदालतों में जन भाषा का कोई स्थान नहीं है। अंग्रेजों के स्पेलिंग मिस्टेक को ठीक करने तक की हिम्मत सरकार में नहीं है। जब आपको सत्ता परिवर्तित हिन्दुस्तान (जिसे सरकार आजाद इंडिया कह कर झूम रही है?) में प्रशासन चलाने की तहजीब ही नहीं आई तो फिर कानून पर कानून बनाते जाइए, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में यह सोचना होगा कि हर मर्ज की दवा कानून पास करना नहीं है। पहले कानून के रखवालों को उस लायक बनाना होगा। हमारी पुलिस और न्यायिक संस्थाएं दोनों ही जनतंत्र की अपेक्षाओं के लायक नहीं हैं। उसमें भारी सुधार की दरकार है। उसके बाद ही कोई कानूनी बदलाव पर सोचना चाहिए
१९४७ का गुलाम हिन्दुस्थान
सुखी इंसान से पर्यावरण का सम्मान
सत्ता परिवर्तन का , इंडिया, भ्रष्टाचार, बलात्कार के पेड़ पर लटकाकर , एक नया आविष्कार से नेताओं के हौसले की बुलंदी से वोट बैंक से उतारूप्रदेश, लटकाऊ प्रदेश से चढ़ाऊ प्रदेश का उदभव
प्रदेश के युवकों करों सेक्स योगा, पुलिस के जवानों जेल में भ्रष्टाचार व बलात्कार के योग से बनाओं अपनी योग्यता...
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