Sunday 27 November 2016

यदि देश को १८ घंटे काम करने वाले ५४२ सांसद मिले तो लोकतंत्र के मंदिर की घंटियों की गूँज विश्व में फ़ैल जायेगी .



काम , क्रोध , लोभ, मोह .., मोदी के (काम) पुरूषार्थ से, राष्ट्रवादी कार्य से पहिले मेरे १३० करोड़ देशवासी को जो १% धन्ना सेठ, मीडिया-माफिया-जज शाही- नौकरशाही की शाही ठाठ-बाट से देश की अर्थव्यस्था को दिशा से देश की दशा गर्त में जा रही थी.., अब माफियाओं में इस कदम के (क्रोध) से भारत बंद से , धन के (लोभ) से वंशवाद का (मोह) के धन की गंगा के गंदे खेल में अब वें स्वंय बह गए है...

सत्ता अय्याशी का अड्डा, आम लोगों को क़ानून के गड्ढे में डालकर.., रिश्वत बल से १३० करोड़ देशवासियों का मनोबल, श्रमबल से देशवासी निराश थे .., अच्छे दिनों का तो माफिया उपहास कर देश का हार्स (अवमूल्यन) कर रहे थे .

यदि देश को १८ घंटे काम करने वाले ५४२ सांसद मिले तो लोकतंत्र के मंदिर की घंटियों की गूँज विश्व में फ़ैल जायेगी .

यदि देश के सरकारी कर्मचारी,चपरासी.पटवारी व नीजी संस्थानों के अधिकारी व उनकी टीम , ८ घंटे के अतरिक्त १ २ घंटे अतिरिक्त पारश्रमिक देश को दान दे व सरकार द्वारा साल की २६ अवकाश को घटाकर १० कर व एक दिन का साप्ताहिक अवकाश कर दिया जाए व देश के १३० करोड़ देशवासियों में, बिना स्वार्थ के यह भावना आ जाये कि मैं देश को और कितना दे सकता हूँ.., तो ५ सालों में हरेक देशवासी राष्ट्र की सम्पन्नता से माला-माल होकर, जातिवाद भाषावाद-अलगाववाद-घुसपैठियों का सूपड़ा अपने आप साफ़ होकर, देश विश्वगुरू बन जाएगा..

पुरानी वेबस्थल व फेसबुक की लोकसभा चुनाव २०१४ की मोदी के जीत के पहिले की May 6, 2014 • पोस्ट

राष्ट्रवादी मोदी शेर है.., बाकी सब ढेर है.., इस देश में.., मोदी ही एक शक्ती है जो इस सत्ता की MUSICAL CHAIR को... मोदी.., (MODI+KAL = मोदी कल, से) कल के मोदी से देश को संभालने की अद्भुत ताकत से..., राष्ट्रवादी धार से देश को स्वाभिमानी बना सकते है...

देश के इस अश्वमेघ घोड़े के पकड़ने में .. विपक्ष इसे दौड़ से पकड़ने की बजाय भद्दी बयानबाजी की रेस में कीचड़ बनकर... कमल को खिलाने की होड़ में है.. , 

मोदी के विकास से.., शेर के राष्ट्रवाद से दहाड़त्व की गर्जना से...,

भ्रष्टाचार के जंगलों में हाहाकार मच गया है, अब जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद, अलगाववाद का मांस से मुस्टंडे बने जानवरों को भुखमरी से मरने का खौफ छाया है ...

देश में मोदी लहर , विदेशी ताकतें.., अब बेअसर , आतकवादियों को अब हो रही फिकर. काफिर अब करें फिकर, सोनिया को अब लगे सत्ता एक जहर, उमर अब्दुल्ला को लग चुका है.., धारा ३७० अब हो जायेगी बेअसर, “आप पार्टीका कश्मीरी मुर्गा का कूक्डू शोरका नौटंकी शो. अब कूड़ा में जाकर.. अब हो गया है, बेअसर .... वोट बैंक से तुष्टीकरण करने वालों , मृग मारीचिकाओं का , अब देश से होगा हरण..

वहीं .., नौटंकीवाल , अन्ना को गन्ना से चूसकर... जनलोकपाल की बुझी हुई मशालों की लकड़ी से तो मुर्दे भी नहीं जलतें है, इसीलिए ४९ दिनों में जनलोकपाल के लौं न जलने से भाग खड़े हुए..., अब जनता को और भ्रमित मत कर रहें है..

वहीं समाजवादी ... अब समाज से देश को तोड़ों के बयानों से इस छ्क्केबाजी (नपुंसक) बयान तो सीमा पार पाकिस्तान तक पहुंचा कर अब तक के सबसे सफल बल्लेबाज से कांग्रेस भी पीठ थपथपा रही है...

दुश्मन भी सोच रहें है ... गेद हमारें पालें में आ गई है... अब इस मुद्दे के गेंद से अब हम इससे ऊंचा दाँव खेलेंगे

मायावती तो.., अपने हाथी के मूर्तियों के बोझ से दबी हुई है... दलित भी इसे देखकर अपने को ठगा महसूस कर रहा है....

आम आदमी के चिन्ह वाले हाथ से जवानों के हथियार घोटालों से लेका जवानों की सीमा पर सिर काटने से ह्त्या हो रही है...

राष्ट्रवादी पार्टी भी कृषी मंत्री के भेष में किसानों से आत्महत्या करवा रहा है..


माफिया भी इस चुनाव में अपने काले रंग के निकलने के डर से ... देश के राष्ट्रवादियों को दबाने के लिए, अपने धन के अलावा..., फोर्ड फाउंडेशन भी इस खेल में शामिल हो चुका है...

Wednesday 23 November 2016

यह R.T.I. नहीं…(RIGHTY TWISTED INDIANS).. सही तरह से निचोड़ा देशवासी है, यह तो..?? जज, वकीलों व नौकशाहों का (RIGHT TO INCOME)…आय का अधिकार है …



मोदीजी से मन नहीं दिल की बात- यह R.T.I. नहीं…(RIGHTY TWISTED INDIANS).. सही तरह से निचोड़ा देशवासी है, यह तो..?? जज, वकीलों व नौकशाहों का (RIGHT TO INCOME)…आय का अधिकार है …( वेबसाईट की पोस्ट Posted on 31 October 2013.)’

यदि गली मोहल्ले का काले  धन को सरकार द्वारा AIR LIFT कराना हो तो न्यायप्रणाली के समानांतर RTI कोर्ट (जन अदालत) के तौर एक सुपर कोर्ट की स्थापना से, SUPERFAST फैसले से – देश के  नगर सेवक (पार्षद-MLC) से देश के विधायक से संसद के जन धन योजना निधी से धन डकारने की विधि के भ्रष्टाचार का पिटारा खुल जाएगा .., क्योकि भ्रष्टाचार का भारतष्टाचार की गंगा का उदगम इन्ही गली – मोहल्ले से नगर शहर से देश में बहकर देश को डूबोने का खेल की सुपरफास्ट की बुलेट (BULL – ATE) ट्रेन के इन सांडों के भ्रष्टाचार से काला धन हजम करने का द्रुत खेल की कला  है    

दोस्तों हमारे संविधान में ३३ हजार से ज्यादा क़ानून है... और चार करोड़ से ज्यादा मुकदमे लंबित हो कर, इसी आड़ में क़ानून के हाथ तो और लम्बे हो रहें है...,लेकिन क़ानून के  हाथ की उँगलियों घिसती ही जा रही है....., गरीब का घर बार बिक कर, नौकरशाही व जजशाही का घर , काले धन से लबालब हो रहा है.

क़ानून के हाथ लंबे होने का सभाषण की गूँज तो १९४७ से देश व फिल्मों तक प्रसिद्ध है..,

आज हमारा देश भ्रष्टाचार का गड्डा प्रधान देश बन गया, और कृषि प्रधान वासी इस गड्डे में गिर रहा है...

आज हर मुहल्ले से देश तक भ्रष्टाचार से लम्बे बने लोग हैं ..., इनकी संख्या इतनी ज्यादा है की यदि ..., देश के बिजली के खम्भे में एक पिंजरा बनाकर, इन भ्रष्टाचारियों को लटका दिया जाय तो देश के बिजली के खम्भे भी कम पड़ेंगे...,

याद रहे.., पूना (महाराष्ट्र) के R.T.I. के कार्यकता सतीश शेट्ये ने पूना के सरकारी व भू-माफियाओं के गठबंधन की पोल जब हाईकोर्ट में खोली, तो प्रशासन में हडकंप मच गया, सतीश शेट्ये ने अदालत में अपनी जान के खतरे की गुहार लगाई, एक सुनियोजित योजना के तहित , सवेरे की व्यायाम में घुमते समय माफियाओं ने फरवरी २०१० में उनकी हत्या कर दी , जो पुलिस की जांच अधिकारी था, उसने कोई सबूत के तहत गिरफ्तारी नहीं की ..., इस घटना के ६ महीने बाद उस पुलिस अधिकारी के घर सी.बी.आई. के छापे में करोड़ों रूपये बरामद हुए...,

अब R.T.I. के कार्यकता सतीश शेट्ये के मुकदमे की फाईल बंद होने की कगार में है..

प्रस्तावना
Posted on 02 October 2012.
सवेरे चाय की चुस्की लेते , अख्रबार पढ्ने पर चाय कड़्वी लगती है , एक घोटाला ……? घोटाले की नाव डूबने से १००००…? २००००….? १०००००…..?…. करोड़ो लोगो का निवाला, नौकरशाहीखा गई ,और नौकरशाही, जजशाही को कहती है कि नाव थी ही नही? जजशाही फरमान सुनाती है की डूबी नाव को खोजो, डूबी नाव को खोजने के लिये सरकारी गोताखोर सरकार की तिजोरी खाली कर रहे हैं? ………. चूना लगा रहे हैं ?

दिनभर अखबारो की पढी खबरें रास्ते पर चलते हुए, सोचते हुए, मैं गड्डे में गिर जाता हूँ. लोंगौ से कह्ता हूँ ,यह भ्रष्टाचार का गड्डा है. लोग मुझ पर उपहास कर कहते  है, “तुम्हे देखकर चलना नहीं आता है, देखो हम कैसे बगल से निकल जाते हैं ?”....
आज, आम आदमी अपने भूख का बड़ी मुश्किल से जुगाड़ करने से, सरकार से कोई पंगा ले कर कानून के मकड़जाल में फंस कर और भूखा नंगा नहीं बनना चाहता है... 

इस लिंक पर click कर www.meradeshdoooba.com (a mirror of india) स्थापना २६ दिसम्बर २०११
कृपया वेबसाइट की ५९०  प्रवाष्ठियों की यात्रा करें व E MAIL द्वारा नई पोस्ट के लिए SUBSCRIBE करें - भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान-डायरी

Saturday 19 November 2016

जब तक नोटों में गांधी का चित्र रहेगा , माफियाओं का सूरज, चाँद की चमक व चांदनी रात से देश की अर्थव्यवस्था की समानांतर व्यवस्था से देश अस्त व्यस्त से.., अब भविष्य में भी नए नोटों के काले धन से भी त्रस्त रहेगा.


जब तक नोटों में गांधी का चित्र रहेगा , माफियाओं का सूरज, चाँद की चमक व चांदनी रात से देश की अर्थव्यवस्था की समानांतर व्यवस्था  से देश अस्त व्यस्त से..,  अब भविष्य में भी नए नोटों के काले धन से भी त्रस्त रहेगा.

देश के नोटों पर गांधी के चित्रों की जगह, १९६९ के पूर्व के नोटों से, संविधान के अशोक स्तंभ के  शेरों को  नोटों के चिन्ह से प्रेरित होकर नव युवकों  एक नए माफियाओं के दंभ को कुचलकर देश के लिए दहाड़ेगा. और आने वाली पीढ़ी की पीड़ा दूर होकर गौरवशाली अपराजित हिन्दुस्तान वैभवशाली से “भारतमाता” अजर –अमर रहेगी.
  
बापूजी .., देश के माफियाओं का भोपू बंद हो गया है, उनके जीवन के चमकते जीवन का सूरज व चांदनी रात अब २८-२९ -३०-३१ दिनों के महिनों से अपने को देश की अर्थव्यस्था में अहम् से महान मानने वालों की अब हर दिन अमावस्या से उनकी जीवन की समस्या बन गई है.
  
आज बैंक के कर्मचारी जिस ढंग से देश के काले धन  के लिए अति व्यस्त से काम यदि आम दिनों में इतनी दिल्लगी बैंक व लुंज –पुंज देश के सरकारी  कर्म चारी, सदाचारी से, सच्चाकारी से, मैं देश को कितना ज्यादा श्रम बल दे सकता हूँ.., की भावना से  काम करें तो देश विश्वगुरू बनकर चंद दिनों में विश्व की १ नंबर की अर्थव्यस्था बन जायेगी.

यदि बैंक की साल की २४ छुट्टिया.., जो केंद्र सरकार व नीजी संस्थान  भी अनुसरण करती हैं को  घटाकर १० कर दी जाएँ व सिर्फ रविवार सप्ताहिक सामूहिक अवकाश /छुट्टी घोषित हो  तो देश के एक साल का १०  लाख करोड़ रूपये  का बर्बाद श्रम धन के योगबल  से देश की अर्थव्यस्था को राष्ट्रीय बल मिलेगा ..  


Thursday 17 November 2016

जो देश के धन्ना सेठ समझते थे.., WEALTH IS HEALTH अब काले धंधे वालों का धन भी गया और चरित्र भी .., यदि सरकार द्वारा काले धन को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) घोषित कर जेल की वादियों में डाला जाय तो धन्ना सेठ की HEALTH भी जिन्दगी भर बैल बनकर हल जुताने से दिमाग ठिकाने लग जायेगा ..., समाज से बेशर्मों का पत्ता साफ़ हो जाएगा


जो देश के धन्ना सेठ समझते थे.., WEALTH IS HEALTH

अब काले धंधे वालों का धन भी गया और चरित्र भी .., यदि सरकार द्वारा काले धन को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) घोषित कर जेल की वादियों में डाला जाय तो धन्ना सेठ की HEALTH भी जिन्दगी भर बैल बनकर हल जुताने से दिमाग ठिकाने लग जायेगा ..., समाज से बेशर्मों का पत्ता साफ़ हो जाएगा
 https://www.facebook.com/groups/371786942979873/ यह Deshdoooba Community के फेस बुक का ग्रुप पेज है
http://meradeshdoooba.com/ CORRUPTION- क़र अप सन (अपने बेटे को उपर उठाओ) और उसके लिए बाप को (कर अप शरम) बेशर्म बनो
 
CORRUPTION के वजह से बेटा पेंशन नही, बल्कि PAIN SON है

जीवन मे बेटा संस्कार – SONS CAR होता है, माँ, बाप प्रफुल्लित (खुश) होते है, बेटा चिराग बन कर पैदा हुआ है, परिवार का नाम रोशन करेगा. और हमारी बूढी अवस्था मे हमारे जीवन का पॆंशन बनेगा,

माँ, बाप, SONS CAR मे चाकलेट व पीजा ( बच्चो कि शराब जो की संस्कार को एक शराब का नशा पिलाना है) व FAST FOOD का पेट्रोल डाल कर बच्चे को तेज दौडाकर खुश होते है ,
यदि आप नई कार खरीदते है , तो उत्पादक / निर्माता द्वारा चेतावनी लिखी होती है कि प्रथम 25000 कि.मी. तक 60 कि.मी. के ऊपर गाडी न चलाये. अन्यथा इंजन खराब हो जायेगा.

माँ, बाप SONS CAR मे चाकलेट व पीजा का पेट्रोल डाल कर बच्चे के नवजीवन की जिद को 100 कि.मी. से तेज दौडाकर खुश होते है, वह अपने को बच्चे को राणा सांगा की औलाद समझने लगते है, व परिणाम स्वरूप 8-10 साल मे बेटे के जीवन का इंजन खराब हो जाता है,

8-10 साल के बाद चाकलेट व पीजा का पेट्रोल डाल कर भी SONS CAR 20 कि.मी की रफ्तार भी पकड नही पाता है, और 15-16 साल मे माँ, बाप SONS CAR को धक्का लगा कर दौडाते है, उसमे असली पेट्रोल डालने पर भी SONS CAR दौड नही पाती है ,

क्योकि उसका इंजन (चरित्र) खराब हो जाता है . धक्का मारते मारते माँ, बाप अपने जीवन के पूँजी उसमे गँवा देते है,
अंत मे बेटा जिसे वे पेशन समझते है वह जीवन के अभिशाप के रूप मे PAIN – SON बनकर माँ, बाप को बुढापे मे कुडे के डब्बे मे फेंक देते है

वही आज हमारा समाज लडकी पैदा होने पर मातम मनाता है, लडकी पैदा होने कि खबर से भ्रूण हत्या करवाता है

आज के समाज मे लडकी (DAUGHTER) सर्वश्रेष्ठ है, वह बुढापे का अकाल दूर करती है , वह DROUGHT-HER है , अकाल हरने वाली है, क्यो कि उसे मातृत्व, ममता व वात्सल्य का आभास व अनुभव है, वह माँ बाप को अपने जीवन का अंग समझती है.

वही देश के गरीब हिन्दुस्तानी जो गरीबी रेखा के आस पास जीवन यापन कर रहे है, वे तनाव जिसे अंग्रेजी मे TENSION कहते है व एक-एक ईमानदार गरीब कुँवारा युवक जो बिना आरक्षण के बैशाखी से उपर उठने की कोशिश करता है, उसे उसके जीवन मे TENSION शब्द TEN- SONS...बन गया है , जैसे उसे 10 बच्चे का परिवार पालना है, वह जीवन मे संघर्ष करते रहता है और उसकी प्रतिभा खो जाती है, वह देश की गुमनामी मे खो जाता है .

यदि भ्रष्टाचारी का बेटा, येन केन सफल भी हो जाता है , तो वह बाप के पदचिन्हों को हाथी का पाँव बनाकर हाथी की तरह , देश के गरीबों को उजाडकर धन डकारने मे व्यस्त रहता है..??? इसकी आधुनिक मिसाल है आज की राजनीति का वंशवाद ...???? जिससे देश मे लूट हो रही है विस्तार से पढे ..... 

Monday 14 November 2016

सत्ता बनी देश की अर्थी.., धन्य हो कैलाश (शर्मा ) सत्यार्थी.., आज के 80 हजार से अधिक गरीबों की जीती उमंग को कल की अर्थी के ताबूत बनने से पहिले.., आपने साबूत से इन्हें देश के सपूत बनाकर..,एक मशाल जलाई ..,



यह मोतीलाल नेहरू का योग या संयोग, कहा जाए, जो १४ फरवरी के ठीक ९ महीने बाद, १४ नवम्बर को जवाहरलाल नेहरू को जन्म दिया...!!!!,

यह बाल दिवस नहीं .., बाल मजदूरी व वेश्वावृति के काला धन का २१ लाख करोड़ का काला धन का व्यापार है..., बिकता बचपन व देश की बाल की खाल निकलता उजड़ता हिन्दुस्थान की एक कटु सत्य की कहानी है . बचपन के पीछे छुपा खंजर है .., काले धन का मंजर से राजनेताओं का मन मौजी जीवन  है
याद रहे..., मोतीलाल नेहरू राजा-महाराजाओं के विवादों के वकालत से अपने बेशुमार आय से, अधिक व्यय-भिचार से हिंदु संस्कृति को भ्रष्ट करने की वजह से काश्मीरी हिन्दुओं ने उन्हें अपने समाज से निकाल फेंका था...
और इसी क्रिया को उनके पुत्र जवाहरलाल नेहरू ने बरकरार रखते हुए..,सत्तालोलुप बनकर, सत्ता परिवर्तन (१९४७) के बाद कहा था
नेहरु का हिन्दू-विरोधी वक्तव्य था... जवाहर लाल नेहरु, बहुत बार कहा करते थे कि ..., “मैं जन्म के संयोग से हिन्दू हूँ, संस्कृति से मुसलमान और शिक्षा से अंग्रेज हूँ.उन्हें हिन्दुओ की भावना की रत्ती भर भी परवाह नहीं होती थी,जिनके वोटो के बल पर उन्होंने सत्ता प्राप्त की थी.
वही हाल, एक तरफ तो पंडित नेहरु के नाती, राजीव गाँधी का हिन्दू-विरोधी वक्तव्य दिया.., राजीव गांधी ने हिन्दुस्थान का प्रधानमंत्री होते हुए भी सन्डे टाइम लन्दन को एक साक्षात्कार में नि:संकोच कहा की मेरे नाना जवाहरलाल नेहरु एक नास्तिक (एग्नास्टिक) थे. मेरे पिता पारसी (गैर हिंदू) थे, मेरी पत्नी इसाई है, और मैं किसी धर्म में विश्वास नहीं करता.
क्या..??, एक अय्याश व्यक्ती के नाम बाल-दिवसमनाना उचित है..,
देश का बाल दिवस तो हिन्दू संस्कृति के अनुसार गुड़ी पाडवाके दिन , नूतन दिवस में, नई किरणों से बाल निर्माणके साथ राष्ट्र निर्माणकी अलख से, हो, तो..., देश एक नए उजाले की ओर अग्रसर होगा.., और देश के २०० सालों की गुलामी से उपजी.., ६८ सालों की अंग्रेजीयत की बीमारी दूर होगी...
देश के धनाड्य वर्गों के, अंग्रेजी संस्कृति का बखान करने वालों को, यह देश का १२५ वां WELL-IN-TIME और CHILDREN DAY- CHILD-MOTHER, RUN DAY के अनुयायिओं को समर्पित...
बाल दिवस या भूखमरी से बालकों का, बलि दिवस... देश में सालाना ३ करोड़ बालकों की.., कुपोषण ईलाज के अभाव से सरकारी योजनाओं को भोजनायें बनाकर, मृत्यु ...
यूरोपीय देशों में अवैध रूप से रोपे गए बच्चे.., उनकी सरकार गोद ले लेती हैं..., व उनके लालन-पानन की व्यवस्था की जिम्मेदारी सुचारू रूप से चलाती है...
लेकिन मेरे देश में गरीबी रेखा व उसके नीचे वैध बच्चे,जो बुढ़ापे में सहारा होते हैं.. , माफियाओं द्वारा चुराकर, भीख मांगने व वेश्या वृति व्यवसाय में धकेल दिए जातें हैं...,
देश में पुलिस के नाक के तले , निठारी काण्ड से बच्चे, , मानव भक्षियों के शिकार होकर, पुलीस थाने के सामने नालों में फेंक दियें जाते है...
सत्ताखोर व पुलिस भी इसे माफियाओं का आम खेल मानकर.., रिश्वत की रूई से अपने, आँख- कान बंद कर लेते है..., गरीबी लोग रोते बिलखते इन अपने मासूम बच्चों की तड़फ से अपनी नारकीय जिन्दगी गुजार देतें है...,
अभी २ दिन पाहिले ही, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को लताड़ लगाते हुए, पूछा..., देश के करोड़ों.., लापता मासूम बच्चों के बारे में क्या कारवाई की है...
याद रहे.., अन्ना आन्दोलन के चरम सीमा में पहुँचने के पहिले, जब उन्होंने रामलीला मैदान में रैली के लिए अनुमति मानी, तो मनमोहन सरकार ने उन्हें इस रैली की जगह, जयप्रकाश नारायण पार्क में रैली की अनुमती दी.., वह भी शर्तों से.. कि रैली में ५००० से ज्यादा की भीड़ नहीं होगी, व ५० से ज्यादा कारों व स्कूटर की पार्किंग नहीं दी जायेगी.., जैसे यह अन्ना का शादी समारोह हो..
उसी समय यूरोपीय देशों में नारी का पुरूषों से, समाधिकार की आवाज में , महिलाओं ने तर्क के साथ कहा कि यदि पुरूष बिना ऊपरी वस्त्र के सडकों पर चल सकते हैं तो महिलाएं क्यों नहीं ...,
इसी विरोध में, उन्होंने ऊपरी वस्त्र खोलकर सडकों में SLEDGE –SHOW का प्रदशन प्रदर्शन किया ..., तब हमारे देश की INDIAN व अंग्रेजी से पेट भरने वाली धनाढ्य महिलाओं ने इस आन्दोलन के समर्थन में गुहार लगाई तो, देश का महिला अधिकार आयोग भी इस की मुखालत करते आगे आया तो.., उनके मनानुसार उन्हें , जंतर मंतर से संसद भवन तक SLEDGE –SHOW की अनुमती मिली ...,
अभी तो, खुले रास्ते में चुम्बन दिनमना कर इंडियन वर्ग अपने को अभिमानीत कह, गर्व मना रहा है...,
विदेशी धन , विदेशी संस्कृति के निवाले..., को देश की जनता पर थोपने का अधिकार...

क्या यह अंग्रेजी आवरण के छुपे खेल में भारतीय संस्कृति पर पर प्रहार नहीं है...!!!!


सत्ता बनी देश की अर्थी.., धन्य हो कैलाश (शर्मा ) सत्यार्थी.., आज के 80 हजार से अधिक गरीबों की जीती उमंग को कल की अर्थी के ताबूत बनने से पहिले.., आपने साबूत से इन्हें देश के सपूत बनाकर..,एक मशाल जलाई .., ऐक ऐसे शिक्षा के वृक्ष के तले, जिसकी छाँव में, हर गरीब, बिना आरक्षणजाति धर्म के भेदभाव से पले फूले..
यह बाल दिवस नहीं .., बाल मजदूरी व वेश्वावृति के काला धन का २१ लाख करोड़ का काला धन का व्यापार है..., बिकता बचपन व देश की बाल की खाल निकलता उजड़ता हिन्दुस्थान की एक कटु सत्य की कहानी है . बचपन के पीछे छुपा खंजर है .., काले धन का मंजर से राजनेताओं का मंजर है
मलाला तुमने तो आतंकवादियों को मसल डाला .., एक लडकी जो खोल दे ... इस्लामिक जगत के कट्टर पंथियो की आँखो की पट्टी ... जब हो अन्याय से लडने का जज्बा , तब गोली भी सलाम करती है... जय..जय.. मलाला.... तुम्ही ... तुम तो हो..... लडकियो की ममता की माला हो ... एक मिसाल , बेमिसाल,, कभी न बुझने वाली मसाल हो.. सभी बखान फीके है....
शिक्षा, ज्ञान है... आँखो के साथ, देश की भी शान है...
१.    दोस्तों.., सीमा पार दुश्मनों की ललकार, देश में आरक्षण की तलवार, से अब सेना, सीमा से हटकर, देश के भीतरी दुश्मनों से लड़ने को मजबूर है.., अब लोक सभा बनी हुडदंगी लोगों की भ्रष्टाचार की गंगा , जातिवाद भाषावाद, व अफीमी नारों से बेहोश हिन्दुस्तानी अभी भी भूखा नंगा ..

२.   वोट बैंक की बयार है.., आम हिन्दुस्तानीयों के मुद्दे गायब हैं.., सत्ताखोरों के पेट्रोल के PET – ROLE से महंगाई के DISEL से आम आदमी का दिल जल रहा है.., प्याज से, गरीबों के आंसू से, माफिया अपनी प्यास बुझा रहा है ..


३. इस आरक्षण के लौ में देश की प्रतिभावान पतंगे की मौत से, सत्ताखोरों के जीवन एक नयी बयार की पतंगों में ऊंची उड़ान से बहार है .., 

४. राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है. विदेशी रूपये पर ६७ हथौड़ा मारकर देशवासियों को लहूलुहान कर रहा है

५. गरीबों की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से मरहूम हो जाते हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर रहा है.

६. ७०  सालों में शिक्षा के अधिकार की योजनाएं , भोजनाएं ही बनी है.., फर्जी छात्रों के नाम मिड डे मिलके नाम से गरीबों छात्रों को मौत के दरवाजे से व घोटालों से निवाला छीना जा रहा है.

७. दोस्तों.., सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के प्रकार के हजारों प्रकार के घोटालों से 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य बनाने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं.

८. गरीबों की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से मरहूम हो जाते हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर रहा है.

९. यह शिक्षा का विकास नही...???, इसमें प्रतिभा के भक्षकों का वास है , आरक्षण से राष्ट्र का भक्षण हो रहा है, कंहा गई... गुरुकुल की परंपरा, जब गुरु की शिक्षा से, विधार्थी के कुल परिवार का उद्धार होता था ...??? , आज का शिक्षण, घर बार बेचकर , बेरोजगारी से एक उधार करण की नीति है.... 

१०.  आज शिक्षा व्यवस्था मे सुपर 30 वाले गुरु कहां गायब हो गए है...????, बिहार के आनन्द कुमार, जो दिन मे पढ़ते थे, और घर चलाने के लिए, शाम को माँ के बनाए पापड़ बेचते थे... यह राजनेताओ को एक झापड़ /थप्पड़ है और सिद्ध कर दिया कि, दलित के नाम पर वोट बैक के नाम पर दल-हित से ज्यादा नेताओ का स्वहित ज्यादा है ... आनन्द कुमार, जिन्होने ने हर धर्म जाती की प्रत्तिभा को निखार कर दुनिया मे हलचल कर दी है, आज जापान जैसा देश उनके पढ़ाने की कला से प्रभावित हो कर, एक पुस्तक प्रकाशित कर , उनका अनुसरण कर रहा है, आनंद ने कहा है आज के छात्र , शिक्षा को खरीद कर, पैसे की चमक मे..., मृगतृष्णा की तरह भाग रहे है... आज 1000 छात्रो मे 5 छात्र ही शिक्षक बनते है. , जिसके वजह से अकुशल शिक्षकों के, आधा अधूरा ज्ञान से , बैलगाड़ी की तरह, देश की प्रतिभा चल रही है।
और ऊपर से आरक्षण का तड़का , इस झांसे मे देश भटका ...

११.  याद रहे संविधान मे पहली बार दलित व पिछड़े जाती को 22.5% आरक्षण... 10 सालो के लिए उपलब्ध कराया गया था , बाद मे 33% और आज तो इसे दल-हित (दलित) मानकर , और आज यह 49% तक पहूंच गया है, यह तो सुप्रीम कोर्ट का अहसान माने कि उन्होने धर्मो के नाम पर आरक्षण को खारिज कर दिया है , नही तो आज, यह 100% आरक्षण भी कम होता , देश मे आरक्षण के नाम पर हजारों नये विद्धालाय, महाविद्धालय बनाने पड़ते, दोस्तों...??? यह वोट बैंक के असुरों का, यह राष्ट्र का भक्षण है.

१२. आनन्द, आज, आप... और... केवल आप ही ... देश के पतिभाओ के लिए एक सुपर आनन्द हो .... आनन्द कुमार की प्रसिद्धि सुपर-३० की अद्वितीय सफलता के लिए है। वर्ष २००९ में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। इसी वर्ष नेशनल जियोग्राफिक चैनल द्वारा भी आनंद कुमार के सुपर ३० का सफल संचालन एवं नेतृत्व पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी। समाज के गरीब तबके के बच्चों को आईआईटी जेईई की प्रवेश परीक्षा के लिए मुफ्त तैयारी कराने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार को प्रसिद्ध यूरोपीय पत्रिका फोकस ने असाधारण लोगों की सूची में शुमार किया है। पत्रिका के आलेख में लिजा दे क्यूकेलियर ने लिखा है कि आनंद असली जुझारू नायक की तरह हैं, जो माफिया की धमकी के बावजूद गरीब बच्चों को ज्ञान दे रहे हैं। उन्होंने 330 बच्चों को अपने मार्गदर्शन में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाई है। लोकप्रिय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इतिहास, स्वास्थ्य और सामाजिक विषयों पर रोचक और ज्ञानवर्धक आलेख प्रकाशित करने वाली इतालवी पत्रिका ने अपने एक लेख में आनंद को असाधारण प्रतिभाओं में शुमार किया

Sunday 13 November 2016

ये “वीर सावरकर” के मोदी का अनुसरण का गोवा में दिया हुआ एक स्फूर्ती से राष्ट्रवाद का संस्करण से अब शेर की दहाड़ है... हमें विश्व गुरू बनना है, तो, वीर सावरकर की विचारधारा को मानना ही पडेगा



जरूर कष्ट कर पढ़े..., ये वीर सावरकरके मोदी का अनुसरण का गोवा में दिया हुआ एक स्फूर्ती से राष्ट्रवाद का संस्करण से अब शेर की दहाड़ है...
हमें विश्व गुरू बनना है, तो, वीर सावरकर की विचारधारा को मानना ही पडेगा


कश्मीर में पत्थर फेकने वालों को आतंकवादियों को देने के लिए पैसे नहीं होने से पत्थरबाजी बंद है.., अब धन्ना माफियाओं के दिलों पर काले धन के पत्थर बरस रहें है


शक्ति ही शक्ति का सम्मान करती है.., व देश की सीमा की मजबूती .., देश के नागरिकों के बल से ही होगा ... तुष्टीकरण से देश खोखला होता जाएगा.
हमें विश्व गुरू बनना है, तो, वीर सावरकर की विचारधारा को मानना ही पडेगा



चाहे जो हो धर्म तुम्हारा चाहे जो वादी हो ।
नहीं जी रहे अगर देश के लिए तो अपराधी हो ।
जिसके अन्न और पानी का इस काया पर ऋण है
जिस समीर का अतिथि बना यह आवारा जीवन है
जिसकी माटी में खेले, तन दर्पण-सा झलका है
उसी देश के लिए तुम्हारा रक्त नहीं छलका है
तवारीख के न्यायालय में तो तुम प्रतिवादी हो ।
नहीं जी रहे अगर देश के लिए तो अपराधी हो ।


२ साल पहिले वेब स्थल की पोस्ट ..,लेख जरूर पढ़े.., नरेन्द्र मोदीजी और वीर सावरकरजी में समानतायें- वीर सावरकर को जिसने नही जाना..?, उसने हिन्दुस्थान को नही पहचाना?


विशुद्ध रूप से वीर ही नहीं परमवीर.., अतुल्य सावरकर


नरेन्द्र मोदीजी के २ साल पूरे .., अब भी वीर सावरकर के विचार से अधूरे ..,


क्या मोदीजी.., वीर सावरकर के दफन इतिहास को जनता को दर्शन समारोह बनाकर गौरव सप्ताह गौरव पखवाड़ा मनाएंगे..., या पिछ्वाड़े से.., गए वर्षों की तरह एक छोटे से १० मिनट के भाषण से समाप्त करेंगे...!!!


१. दोनों के पिता का नाम दामोदर, एक २०वी सदी के व दूसरे २१वी सदी के दमदार व्यकित्व...
नाम विनायक .., वीर सावरकर तो बिना सेना के बावजूद लड़कर, देश के नायकबने .
नाम नरेन्द्र .., अपने बल पर प्रधानमंत्री बन कर नर व इन्द्र का संगम.
सावरकर..., भारतमाता को संवारने में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पीत कर दिया
मोदी..., अब, भ्रष्टाचार से सत्ता के मोदकों को खत्म करने का जज्बा


२. वीर सावरकरजी व नरेन्द्र मोदीजी ने एक कच्ची उम्र में ही, लगभग १५-१७ साल की उम्र को .., देश सेवा के लिए, अपने को समर्पित कर दिया.


३. अखंड भारत के शिल्पकार सावरकरजी के मंसूबे को देशद्रोहियों ने देश को तोड़कर, खंडित भारत से, देश के ५ लाख बेगुनाह हिन्दुस्तानियों की ह्त्या कर, महात्मा, बापू, चाचा .. से, यमदूत बनकर शांती के मसीहा से, जनता को मशगूल बनाकर.., सत्ता मेवा है , इसकी जय है, (जो मेरे वेबस्थल का स्लोगन है), से ६० वर्षों तक राज किया (लालबहादुर शास्त्री के कार्यकाल को छोड़कर)
वही लोकसभा चुनाव में अपने दम पर नरेन्द्र मोदीजी ने सावरकरजी के राष्ट्रवाद की एक लौ जगाकर ..., भारतमाता की कसम खाई है... मैं देश नहीं झुकने दूंगा , मैं देश नहीं मिटने दूंगा.., हे भारत माँ तेरा वैभव अमर रखूंगा ..., इसी राष्ट्रवाद की शक्ती से भारतमाता की भक्ती से वे प्रधानमंत्री बने ..
यही शपथ, वीर सावरकर ने भवानी माता से अपने १६ वें साल में ली थी .., और इसे सार्थक किया था .


४. वीर सावरकर ने कहा था, पहले हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए, हमारी सेनायें उन्नत्त व मजबूत होनी चाहिए, ताकि कोई हमारे से आँख उठाकर बात न करे..., १९४७ में सावरकर ने कहा था, हिन्दुस्तान को अणु बम बनाना ही चाहिए, इतना ही नहीं हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का ध्वम बम भी बनाना चाहिए...
राष्ट्र का सैन्यीकरण व सेना का हिन्दुकरण , आज इसी विचारधारा से इसराईल ने अपने को सुरक्षित रखा है..


इसी का संज्ञान लेते हुये , हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए, आज इसी नीती से सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से प्रधानमंत्री बैठक कर, देश की सुरक्षा के लिए उपकरणों की आवश्यकता से निदान ..., व मोदीजी ने इसरो को नाभकीय क्रांती में खुली छूट दे कर कहा है.. आप आगे बढ़ो.. मैं आपको इस प्रकल्प में धन की कमी नहीं होने दूंगा. वही लूली लंगडी चल रही हत्यार निर्माण के डी.आर.डी .ओ. को अब चलना सिखा दिया है.., जल सेना को नए जलपोतों के निर्माण का जज्बा फूँका है,,


५. सावरकर, मुस्लिम लीग की कट्टरता से देश को चेताते रहते थे, बलपूर्वक धर्म परिवर्तन अर्थात राष्ट्र परिवर्तन..जो, आज ईराक सीरिया में इसकी भयावहता दिखाई दे रही है..
वही , 2003 में गुजरात में सत्ता में आते ही नरेन्द्र मोदी सरकार ने गुजरात विधानसभा में "गुजरात धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2003" पारित कर मतांतरण करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया था.

६. वीर सावरकरजी के नाम से अंग्रेजों का न डूबने वाला सूर्य का साम्राज्य थर्राता था...
वहीं मोदीजी के प्रधानमंत्री पद की घोषणा से थर्राते हुए, दुश्मन व लूटेरे देशों ने मीडिया व अन्य संशाधनों से एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद भी सफलता नहीं पायी.., और हाथ मलते हुए मायूस हो गयें है..


७. ब्रिटिश अखबार इंग्लॅण्ड में क्रांतीकारियों की आवाज व हिन्दुस्तानी समाचार जानने के लिए वीर सावरकर से संपर्क करती थी जबकि उस समय नरम दल पैसे देकर अपनी खबर छापते थे,, वही देश की विदेशी टुकड़ों में पालनेवाली मीडिया भी पेड़ मीडिया बनकर , नरेन्द्र मोदी को नर भक्षी के रूप में प्रसारित कर.., अब उनकों भी अक्कल आने लगी है
१० सालों से नरेन्द्र मोदीजी को देश का कसाई व विदेशी इशारों से, देश के समाचार चैनलों के विदेश में बैठे देशी व विदेशी मालिक, बदनाम करने के लिए पेट भरी मीडिया .., मालामाल होकर भी नरेन्द्र मोदीजी से परास्त हो गयी.., वही मोदी पेट भरी मीडिया को अपने समाचार के बारे में फटकने नहीं देते थे... और पेट भरी मीडिया को बार-बार चेतावनी देते थे..., निष्पक्ष बनों.. देश को गुमराह मत करो...देश की छवि मत बिगाडों


८.वीर सावरकरजी की तरह ही नरेन्द्र मोदीजी अपने भाषणों में शमा बाँध देते है.., कब घंटे निकल जाते है...,श्रोताओं को पता भी नहीं चलता


९. याद रहे.., अपने तरूण ब्रह्मचर्य जीवन में विदेशों में वीर सावरकर, दमदार व्यक्तित्व , निर्भीक जीवन..,एक तेजस्वी वक्ता के राष्ट्रवादी भाषणों से दुनिया कायल थी, देशी व विदेशी गोरी चमड़ी वाली लड़किया तो दीवानी होकर वीर सावरकरजी से “I LOVE YOU” कहती थी.., तब वीर सावरकरजी कहते थे मैं तो सिर्फ भारतमाता से प्रेम करता हूँ..., और शादी के बाद अपनी बीबी से प्रेम करूंगा

वही लोकसभा चुनावों में पेट भरी मीडिया ने मोदीजी के तूफानी भाषणों से कही उनके कैमरे उड़ न जाए, इसी झांसे से मोदीजी के शादी व ब्रह्मचर्य जीवन से देश वासियों को भटकाने की कोशिश से, कशिश निकालने का खेल खेला..हाथ कुछ न आया बाबाजी का ठुल्लू


९.नरेन्द्र मोदीजी ने अपने दुश्मन व मनमुटावी देशों को अपनी कूटनीती से साथ लेकर दुनिया को अचम्भे में डाल दिया है...


१०. वही वीर सावरकरजी.., स्वतंत्रता के लिए लड़ों के उद्घोष से, विश्व के गुलाम देशों , तुर्की,रूस,इटली,आयरलैंड,इजिप्त फ़्रांस के क्रांतीकारियों में एक आजादी का जज्बा भर दुनिया को अचंभित कर दिया !!!!!!!!! . वही मोदीजी भी स्वतंत्र देशों को कहते हैं..., “सबका साथ, सबका विकास ..."

११.सावरकर स्वर से देश के लिए अदम्य थे.., उनकी तुलना , चाणक्य से ही की जा सकती है..., जिसने भारतमाता की बेदिया बेड़ियां तोड़ने के लिए ही जन्म लिया था


उनके स्वरों में एक मुख्य स्वर थे..,

जब तक देश जातिवाद, भाषावाद, अस्पर्श्यिता की बेड़ियों में जकड़ा है.., तब तक देश एक गुलामी से दूसरी गुलामी में बंधा रहेगा..., और हिंदुत्व का पतन के साथ देश विखंडन के कगार पर जाएगा ...
सावरकर के अनुसार हिन्दू समाज सात बेड़ियों में जकड़ा हुआ था।।


१. स्पर्शबंदी: निम्न जातियों का स्पर्श तक निषेध, अस्पृश्यता
२. रोटीबंदी: निम्न जातियों के साथ खानपान निषेध
३. बेटीबंदी: खास जातियों के संग विवाह संबंध निषेध
४. व्यवसायबंदी: कुछ निश्चित व्यवसाय निषेध
५. सिंधुबंदी: सागरपार यात्रा, व्यवसाय निषेध
६. वेदोक्तबंदी: वेद के कर्मकाण्डों का एक वर्ग को निषेध
७. शुद्धिबंदी: किसी को वापस हिन्दूकरण पर निषेध
१२. ऐसी उनकी ४० से ज्यादा भविष्यवाणीयां, जिनकी हमने अवहेलना की है..., वीर सावरकर का इस देश पर महान ऋण है। वे अधिकांश क्रान्तिकारियों के लिये प्रेरणा के स्रोत थे। आज भी वह हर सच्चे भारतीय के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं !!!!!


A. क्या.., अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी .., श्री..श्री.. वीर..., वीर.., परमवीर सावरकर के इतिश्री किये इतिहास को.. भारत के गौरवशाली इतिहास के अनुसरण से भारतमाता के गौरव से देश को भव्यशाली बनायेंगें (२८ मई को वीर सावरकर २०१६ के जन्म दिवस पर ...


B. क्या मोदीजी.., वीर सावरकर के दफन इतिहास को जनता को दर्शन समारोह बनाकर गौरव सप्ताह गौरव पखवाड़ा मनाएंगे..., या पिछ्वाड़े से गए वर्ष की तरह एक छोटे से १० मिनट के भाषण से समाप्त करेंगे...!!!


C. मोदीजी ने तो... प्रधानमंत्री के रूप में सरकारी खर्च से मोदीजी ने अपने बुलेटी जिगर से AROUND THE WORLD IN 360 DAYS WITH 360 DEGREES से दुनिया में धाक मचा दी है..., , लेकिन सावरकर के अतुल्य राष्ट्रवादी बल से “ONE MAN ARMY” से, वे तो विश्व के मानचित्र में छा गए थे ..


D. नरेन्द्र मोदी भी अपने आत्मबल से प्रधानमंत्री बनकर, विपक्षीयों को, जो, भ्रष्टाचार के पंछी बनें थे.., उन्हें पेड़ से उड़ाकर, एक नया इतिहास से देश के प्रधानमंत्री बने.. वही गुण सावरकर में थे.., लेकिन वीर सावरकर की ख्याती को, कांग्रेस दुर्भावना से जनता को गुमराह करती रहे.., इसके बावजूद उन्होंने अपना आत्मबल न खोते हुए .., अबाध गति से भारतमाता के गौरव बढाने में को अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था .