Tuesday, 29 December 2015

क्या..???, मोदी सरकार को .., २६ फरवरी २०१६ को वीर सावरकर की ५० वी पूण्य तिथी को राष्ट्रीय जाग्रति दिवस का पर्व मनाना चाहिए... भाग -२


क्या..???, मोदी सरकार को .., २६ फरवरी २०१६ को वीर सावरकर की ५० वी पूण्य तिथी को राष्ट्रीय जाग्रति दिवस का पर्व मनाना चाहिए... भाग -२ 

१. जवाहर के जहर, जिन्नाह के जिन्न व गांधी की गंदी राजनीति से देश खंडित हुआ, यदि हम सावरकर के राष्ट्रवादी विचारधारा को अपनाते तो...?? अखड भारत से हिंदुस्तान सँवर जाता....?????????

२. जहरवाल, जिन्न व गंदी की राजनीति के साथ-साथ, इनका जीवन व्यभिचार से भरा पड़ा था....??, और सत्ता को सुंदरी मान कर, भारतमाता पर प्रहार कर, खंडित कर, सत्तापरिवर्तन को आजादी का नाम देकर, वे महात्मा व भारत के भाग्य विधाता के आड़ मे देश के लूटेरे निकले...??? 

३. आज कांग्रेस ने अपनी ही पत्रिका कांग्रेस दर्शन में.., देश को खंडित करने वाले सफ़ेद झूठ के शीशे को चकनाचूर कर दिया ..

४. वीर सावरकर के ये उदगार..., देशद्रोहियों की प्रथम पंक्ति में खड़े रहने कही अच्छा है कि देशभक्तों की अंतिम पंक्ति में खड़ा होना 
जिस देश में जन्म लिया और जिसका अन्न खाया उसके ऋण से मुक्त हुए बिना स्वर्ग के द्वार कदापि नहीं खुल सकते... 

(
दोस्तों, कार्टून मे गांधी की गोद मे सोया , मोहमद अली जिन्ना व दूसरा व्यक्ती, मौलाना मोहम्मद अली जौहर है, जो देश के विभाजन का पहला उत्प्रेरक था, चार जनवरी, 1931 को उनकी मृत्यु हो गयी, मरने से पहले उन्होंने दारुल हरब भारत की बजाय दारुल इस्लाम मक्का में दफन होने की इच्छा व्यक्त की थी; पर मक्का ने इसकी अनुमति नहीं दी, अंततः इसे येरुशलम में दफनाया गया और पाकिस्तान के सत्ता की मलाई मुहम्मद अली जिन्ना को मिली) 

५. देश के इतिहास के पन्ने खँगालो...सावरकर की अय्याशी के बारे मे कही.., कही..., भी उल्लेख नही मिलेगा......????????,, 

५. वीर सावरकर का ब्रह्मचर्य जीवन व गृहस्थ जीवन व सादगी एक अनूठा उदाहरण है। एक उच्च जाती के ब्राह्मण,गोरी मध्यम काया, भूरी आंखे, जब देश के बारे मे भाषण देते , तो एक समा बंधा जाता था... विदेशी तो उनके भाषणो के कायल थे , विदेशी लड्किया तो उनसे प्रेम का इजहार करती तो... वे कहते, मै तो सिर्फ भारत माता से प्रेम करता हूँ , और अपनी पत्नी से प्रेम करता हूं , एक विलक्षण प्रतिभा...???,

६. तीसरी कक्षा मे पढ़ते हुए, उनकी देशभक्ति की कविताए, समाचार पत्रिकाओ मे छपती थी, देश प्रेम से ओतप्रोत करने के लिये, गाँव के बच्चो के साथ मिलकर उन्होने बानर सेना बनाई , लेकिन हमारे स्कूलो के पाठ्यक्रम मे पढ़ाया जाता है, बानर सेना, इंदिरा गांधी ने बनाई...??? दूनिया मे एकमेव, क्रातिकारी परिवार जिसने आजादी के लिए अपने को झोक दिया था , सावरकर के छोटे भाई , एक काला पानी व दूसरा बड़ा भाई पंजाब के जेल मे बंद था ,

७. यदि गांधी,नेहरू व जिनहा को एक दिन की काला पानी की सजा मिलती तो वह आजादी के आंदोलन से तौबा कराते, सावरकर लाजवाब थे, है और रहेगे...???,. लेकिन उनके योगदान को जान-बुझकर भूलाया जा रहा है. शायद सावरकर का असली विराट कद जनता जान जाए, तो गांधी-नेहरू का कद छोटा जाएगा. कम से कम कोंग्रेस तो इसी मानसिकता के तहत सावरकर का नाम मिटाने को बेताब है.

८. सावरकर....???, वीर,परमवीर,अप्रितम क्रांतिकारी... जिनके सामने सभी उपाधिया भी कम है, दृढ राजनेता, समर्पित समाज सुधारक, दार्शनिक, द्रष्टा, महान कवि (मराठी साहित्य के कालिदास) और महान इतिहासकार आदि अनेको नेक गुणों के महाधनी वीर सावरकर हमेशा नये कामों में पहल करते थे। उनके इस गुण ने उन्हें महानतम लोगों की श्रेणी में उच्च पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया.

९. वीर सावरकर के नाम के साथ इतने प्रथम जुडे हैं इन्हें नये कामों का पुरोधा कहना कुछ गलत न होगा. सावरकर ऐसे महानतम हुतात्मा थी जिसने भारतवासियों के लिए सदैव नई मिशाल कायम की, लोगों की अगुवाई करते हुए उनके लिए नये मार्गों की खोज की। कई ऐसे काम किये जो उस समय के शीर्ष भारतीय राजनीतिक, सामाजिक और क्रांतिकारी लोग नहीं सोच पाये थे.

१०. वीर सावरकर द्वारा किये गए कुछ प्रमुख कार्य जो किसी भी भारतीय द्वारा प्रथम बार किए गए - वे प्रथम नागरिक थे जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के केन्द्र लंदन में उसके विरूद्ध क्रांतिकारी आंदोलन संगठितकिया। वे पहले भारतीय थे जिसने सन् 1906 में 'स्वदेशी' का नारा दे, विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी। इसके विरोध मे गांधी ने उन्हे देशद्रोही करार दिया था ,सावरकर पहले भारतीय थे जिन्हें अपने विचारों के कारण बैरिस्टर की डिग्री खोनी पड़ी। वे पहले भारतीय थे जिन्होंने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की.

११. एक दूरदर्शी महानायक , जिनकी आज तक की 50 से ज्यादा राजनैतिक भविष्यवाणीया सही हुई है... 1942 के आंदोलन मे कांग्रेसियो की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होने कहा , यह भारत छोड़ो आंदोलन नही…??? भारत तोड़ो आंदोलन है...????????? 

वे पहले भारतीय थे जिन्होंने सन् 1857 की लड़ाई को भारत का 'स्वाधीनता संग्राम' बताते हुए लगभग एक हजार पृष्ठों का इतिहास 1907 में लिखा। वे पहले और दुनिया के एकमात्र लेखक थे जिनकी किताब को प्रकाशित होने के पहले ही ब्रिटिश और ब्रिटिश साम्राज्यकी सरकारों ने प्रतिबंधित कर दिया। जो क्रातिकारिओ के लिए गीता साबित हुई, याद रहे शहीद भगत सिग मे क्रांति की ज्वाला इसी किताब से भड़की व उन्होने चोरी छुपे इसका प्रकाशन कर, बाँटी , देश के युवको मे जोश भर दिया ,

१२. वीर सावरकर, दुनिया के पहले राजनीतिक कैदी थे, जिनका मामला हेग के अंतराष्ट्रीय न्यायालय में चला था। वे पहले भारतीय राजनीतिक कैदी थे, जिसने एक अछूत को मंदिर का पुजारी बनाया था।
सावरकर ने ही वह पहला भारतीय झंडा बनाया था, जिसे जर्मनी में 1907 की अंतर्राष्ट्रीय सोशलिस्ट कांगेस में मैडम कामा ने फहराया था.

१३. सावरकर ही वे पहले कवि थे, जिसने कलम-कागज के बिना जेल की दीवारों पर पत्थर के टुकड़ों से कवितायें लिखीं. कहा जाता है उन्होंने अपनी रची दस हजार से भी अधिक पंक्तियों को प्राचीन वैदिक साधना के अनुरूप वर्षोंस्मृति में सुरक्षित रखा, जब तक वह किसी न किसी तरह देशवासियों तक नहीं पहुच गई.

१४. सन् 1947 में विभाजन के बाद आज भारत का जो मानचित्र है, उसके लिए भी हम सावरकर के ऋणी हैं। जब कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के 'डायरेक्ट एक्शन' और बेहिसाब हिंसा से घबराकर देश का विभाजन स्वीकार कर लिया, तो पहली ब्रिटिश योजना के अनुसार पूरा पंजाब और पूरा बंगाल पाकिस्तान में जाने वाला था - क्योंकि उन प्रांतों में मुस्लिम बहुमत था। तब सावरकर ने अभियान चलाया कि इन प्रांतो के भारत से लगने वाले हिंदू बहुल इलाकोंको भारत में रहना चाहिए। लार्ड मांउटबेटन को इसका औचित्य मानना पड़ा. तब जाकर पंजाब और बंगाल को विभाजित किया गया.

१५. आज यदि कलकत्ता और अमृतसर भारत में हैं तो इसका श्रेय वीर सावरकर को ही जाता है

भारत की स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्षों के इतिहास में वीर सावरकर का नाम बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान रखताहै। वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था। महान देशभक्त और क्रांतिकारी सावरकर ने अपनासंपूर्ण जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया। 
१६ . अपने राष्ट्रवादी विचारों के कारण जहाँ सावरकर देश को स्वतंत्र कराने के लिए निरन्तर संघर्ष करते रहे, वहीं देश की स्वतंत्रता के बाद भी उनका जीवन संघर्षों से घिरा रहा। वे अपने सिद्धांतों से ना ही डिगे, गुलामी मे अंग्रेज़ो से छत्रपति शिवाजी की तरह लोहा लिया , और सत्ता परिवर्तन के बाद वे महाराणा प्रताप की तरह रहकर, जिन्हे जवाहरलाल नेहरू अपना दुश्मन नंबर 1 मानते थे...

ऐसे महान व्यक्तित्व वीर वीर ही नहीं परमवीर वीर सावरकर को हमारा शत.., शत.., सादर नमन ...

बापू.., आप ब्रह्मचर्य व सत्य के प्रयोग से मुहम्मद अली गौहर व जिन्ना को दूध नहीं देश को तुष्टीकरण से खंडित करने का जहर पिला रहें हो 

Wednesday, 23 December 2015

संसद में हुडदंग.., किर्ती की आजादी के संग..,जनता, इन दबंगों से दंग..!!!




१.   मोदीजी तुस्सी ग्रेट हो.., विश्व में आपने हिन्दुस्थान का बजा दिया डंका.., आपकी  योजनाएं बेमिशाल है..., आप ही देश की जनता की अंतिम आस हों..,

२.   आप ने देश का चौकीदार बनकर विश्व में आपके डंडे से लोहा लिया .., विश्व आश्चर्य में है..,देश की सुरक्षा में आपका कार्य अतुल्यनीय हैं...

३.   लेकिन  मोदीजी देश में अब भी भ्रष्टाचार की बयार से २१ महीने में भी जनता टकटकी लगाकरअच्छेदिनों की आस में अब मोह भंगता की ओर जा रही है .

४.    जनता भी चाहती है कि संसद में आपकी दहाड़ से लोकतान्त्रिक मूल्यों का मान से देश का सम्मान  बड़े .., आपकी लोकसभा में उपस्तिटा उपश्तिथी   से विपक्ष में सन्नाटा छा  जाता है...
५.   बड़े गर्व  के साथ कहना पड़ता है कि जब  पूर्व  प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री , मात्र अपने १८ महीनों के शासनकाल में , अपने जीवन की  अन्तिम रूस यात्रा में जाने से पहिले उन्होंने अपने ही केन्द्रीय मंत्री टी कृष्णामचारी का इस्तीफा  लेकर अपनी ही पार्टी में सन्नाटा फैला दिया ..
६.   जय जवान को देश की कमान देकर. हमारे बाबा आदम ज़माने के हथियारों  से पकिस्तान के अमेरिकी  पेटेंट टैंकों को नष्ट कर अमेरिका को झुठला  दिया था कि  इस पेटेंट टैंकों को दुनिया की कोई ताकत नष्ट नहीं कर सकती थी.
७.   सत्ता तो, पार्टी के कार्यकर्ताओं  के बजाय जनता के पास थी .., जो भ्रष्टाचारी थे.., गली मोहल्ले के माफियाओं का  सुपडा साफ़ कर उनका सामाजिक बहिष्कार कर देती थी ...

८.   पूर्व  प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के  इर्द गिर्द सत्ताखोरों की भेड़िया फ़ौज भी .., इसी भ्रम मे थी कि वे  पाकिस्तान से युद्ध हार जायेंगे .., और मैं जल्द ही इस्तीफा दे देंगे .., लेकिन उनके  राष्ट्रवादी विचारधारा से पकिस्तान तो बह गया था, और पार्टी के  दिग्गज साथियों को अपना राजनैतिक जीवन, बहने का खतरा मंढरा रहा था.. और इसी वजह से देशी ताकतों ने विदेशी शक्तियों ने जय जवानजय किसान  के मसीहा की ह्त्या कर दी .
९.   चेतों मोदी सरकार ., देश का कितना भी बड़ा चेहरा यदि भ्रष्टाचार का खिलाड़ी  हो ..., उखाड़ फेकों ऐसे लोगों को ...जब तक आपकी पार्टी स्वच्छ नहीं होगी , विरोधी पार्टी भ्रष्टाचार को महान  कह –कर,  हुडदंग कर देश की तस्वीर धुंधली करते रहेंगें .., राष्ट्रवाद व राष्ट्र नीती  से ही १२५ करोड़ लोगों का जीवन उन्नत होगा ...

१०.  आज  किसान कैसा इंसान, हैवान.., शोषण का विधान ..., सेना का जवान सीमा पर 100% क्षमता से देश की रक्षा कर रहा है  आपसे भी देश गर्वीत है कि आप  १८ घंटे काम कर रहें हैं और ,१४  सालों से अवकाश नहीं लिया..,

११.  देश को. विदेशी कर्ज नहीं.., देश को काले माफियाओं के मर्ज की जरूरत है... देश विदेशी कटोरों से नहीं १२५ करोड़ देशवासियों के मुठ्ठी बल से चलेगा.., “देश आगे बढेगा..., भ्रष्टाचारियों के आसन से देश के आस्तीन के सांपसे.., देश का एहसान नहीं होगा.

१२.  दाल २०० रूपये किलो . चावल, प्याज चीनी में ४०% बढ़ोतरी के माफियाओं के डोरे से, महंगाई के डोलने से, जनता के चाव का बल कम होते जा रहा है.

१३.  आपके सत्ता के लंगूर.., आज भी सत्ता के अंगूरी बनकर.., जनता को चुनावी जूमलाकहकर बदजुबानी बयानों से आपका बखान कर रहें हैं.

१४.  देशवासी तो.., अब भी अच्छे दिनोंका मुंहताजहै.., आपके मुंह को टुकुर-टुकुर कर ताक रहा है.., आपके फ़ौज की मौजकी अटपटे बयानों के ६० महीने से, ६०० महीनों के अच्छे दिनों विश्व गुरू के बयानों से अपने कच्छे पहिननेके दिनों का अहसास कर रही है..

१५.  किर्ती आजाद को पार्टी से निकालने से पार्टी की किर्ती नहीं होगी .., यदि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों का/ अपनी ही पार्टी के लोगों का सूपड़ा साफ़ नहीं होगा...,  तो देश को एक गलत सन्देश जाएगा ..


दोस्तों लिखने केलिए ...बहुत कुछ  है..., लेकिन पढ़ने वाले कम हैं ...