Thursday, 20 September 2018

चेतो मोदी सरकार.., अब चरमोत्कर्ष (CLIMAX) से सत्ता में दुबारा CLIMB होने का समय आ गया.., मोदीजी.., आपको खोने के लिए कुछ नहीं.., अब देश शेयर,बुलियन खाद्यान बाजार व डॉलर के विदेशी हाथ,साथ,विचार संस्कार से नहीं चल सकता है,अब बचे छ: महीने के कार्यकाल में देश की गरीबी को क्षय मुक्त करने के लिए यदि आपको 542+ सीटें चाहिए...!!!!!!! तो शासन के अधिकतर भ्रष्ट माफिया-नौकशाही – जजशाही से दो -दो हाथ कर.., नोटबंदी से देश में कालाधन व विदेश भागने वालों से पंजा लड़ाकर उन्हें बता देना चाहिए की मोदी से पंगा लेने का अंजाम क्या है..,


चेतो मोदी सरकार.., अब चरमोत्कर्ष (CLIMAX) से सत्ता में दुबारा CLIMB होने का समय आ गया..,


मोदीजी.., आपको खोने के लिए कुछ नहीं.., अब देश शेयर,बुलियन खाद्यान बाजार व डॉलर के विदेशी हाथ,साथ,विचार संस्कार से नहीं चल सकता है,अब बचे छ: महीने के कार्यकाल में देश की गरीबी को क्षय मुक्त करने के लिए यदि आपको 542+ सीटें चाहिए...!!!!!!! तो शासन के अधिकतर भ्रष्ट माफिया-नौकशाही जजशाही से दो -दो हाथ कर.., नोटबंदी से देश में कालाधन व विदेश भागने वालों से पंजा लड़ाकर उन्हें बता देना चाहिए की मोदी से पंगा लेने का अंजाम क्या है..,


अगला लोकसभा कार्यकाल के सत्र से देश गद्दारों से भय, मुक्त, लूट मुक्त, अपराध मुक्त से एक नए विकास की तरफ उन्मुक्त होकर.. देश सुजलाम सुफलाम से विश्व गुरू की सफलता प्राप्त करेगा.

फेस बुक व वेबस्थल की पुरानी पोस्ट.., October 15, 2015

१.    जवाहरलाल नेहरू के कपड़ों के घने काले दाग, उस समय में देशी साबुन से साफ़ न होने की वजह से धुलाने कपडे पेरिस जाते थे.., आज माफियाओं के काले नोट धुलने हांगकांग, मॉरिसस व अन्य देशों की सफेदी के स्वच्छ इंडिया से देश विदेशी हाथों से जकडते जा रहा है.

२.   इस सफेदी की दाग धुलाने में बैंक ऑफ़ बड़ौदा.., सरपट दौड़ा ..., ६००० करोड़ रूपये के देशी कपड़ों को विदेश भेजकर, गरीबों के कपड़े उतरवाए..,


३. रियल इस्टेट , खाद्यान बाजार , शेयर बाजार व अन्य सटोरियों के बाजार में २०० लाख करोड़ से अधिक का काला धन मौजूद है..., सरकार आँखें मूदे बैठी , विदेश से काले धन लाने का हुंकार भर रही है.
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४. जब तक कालेधन को राष्ट्रीय सम्पती से राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानूनन बनाया जाय तो यह सरकार का एक डफली बजाकर , जनता को बह्काने का खेल है.
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५. देश का माफिया काले धन के पुलिंदों के गद्दे पर सोया है.., और हमारी सरकार विधव विश्व में ढिंढोरा पीट रही है.., कहावत है बच्चा पड़ोस में व ढिंढोरा शहर में .., लेकिन घर (देश) के काले माफियाओं के पास विदेश के बैंकों में जमा.., ७२ लाख करोड़ से 100 गुना से ज्यादा धन है.

६. मीडिया-माफिया-नौकरशाही-जजशाही के गठबंधन से राजशाही का महामंडन.., काले धन की बौछार से जीवन का उद्धार से देश के प्रत्येक गरीबों पर विश्व बैंक का ७५ हजार का कर्ज ...
७. जमीनी हकीकत .., भूखा नंगा हिन्दुस्तान , महलों में रहने वाले बढ़ा रहे है इंडिया की शान, अच्छे दिनों से मेरा भारत महान , अब भी इंडिया शाईनिग से फील गुड फैक्टर के फील्डिंग से गरीबों की जा रही है जान ...

८. अस्पतालों में डॉक्टर व दवाएं नही , देश में झोला छाप डॉक्टर व शिक्षकों की बहार , मुर्दों को पेंशन.., यह है राजनीती का PASSION ...

९. मीडिया की TRP के बहार है..,राधे माँ के खबर से, व इंद्रायणी मुखर्जी की खबर को TRP की लहर बनाने के खेल में इस खबर के परतों से मुंबई के पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया के नार्को टेस्ट की घोषणा से मीडिया-माफिया-नौकरशाही-जजशाही की पोल खुलने व देश विदेश में काले धन का संगठित गिरोहों के गठबंधन के डर से पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया का तबादला कर इन खबरों को पर्दाफ़ाश करने के पहिले पर्दा डाल दिया है ..

१०. बिहार के चुनाव में गौ मांस के तड़के से, अब जनता के विकास व योजनाओं के मुद्दे गायब है.., एक माह तक मीडिया के पास में TRP का चटपटा मसला है.., यों कहें देश का दिवाला है...

११. दोस्तों..., सरकार दावा करती है कि देश में 100 करोड़ मोबाईल उपभोक्ता है .., यदि देशवासी अपने मोबाईल से.., मोहल्ले से शहर, नगर की घटनाओं व समस्याओं की फोटो व विडियो खीचकर अपने २४ खबरिया चैनलों से.., २४ घंटे प्रसारित कर, , देश में राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओं का चित्रण कर, आज की वर्तमान पेट भरी मीडिया को ललकार कर देश में जागृती की लहर पैदा कर देंगी



Thursday, 13 September 2018

क्या आप रूपये के प्राजूद प्रारूप से सहमत हैं..,रूपया के बहुरूपिया..., जोकर (जनता से महंगाई का मजाकर ),विदूषक..., अधिकतर नौकरशाहों की मिलीभगत के भ्रष्टाचार से प्रदूषक बनाकर... एक नए अमीरी की पहचान पाई है..., जब से इस चिन्ह को मान्यता मिली है, देशी विदेशी माफिया व डॉलर से रूपये को कुचलने की खुली छूट मिली है... गरीबों का पसीना अमीरों का अन्न है..,रूपये से डॉलर अब राहू बनकर, देश का अमृत पी रहा है...क्या आप रूपये के प्राजूद प्रारूप से सहमत हैं.. आज रूपया कर लो दुनिया मुट्ठी के नारों से , मुट्ठी भर अमीरों ने गरीबों को मुट्ठी से निचोड़कर ,, आज इंडिया भ्रष्टाचार का डांडिया खेल रहा है..दोस्तों क्या आप सहमत कि रूपये के चिन्ह में अंतिम छोर पर जब तक समानता का चिन्ह न हो, तब तक देश का गरीब तबका और गरीब होते जाएगा.., और देश के अमीर.., गरीबी रेखा का मूल्य कम कर ..देश का उपहास उडातें रहेंगे.... .




डॉलर ,रूपये की कॉलर खिच कर, देश त्राहिमान, फिर भी नेता कह रहा रहें हैं “मेरा देश महान” से “अच्छे दिन” आने वाले हैं..,  “मन की बात” से रेडियो व  दूरदर्शन पर नगाड़ा बजा, रूपये का स्वरुप बिगाड़ा..,

बुलेट ट्रेन की आड़ में (Bull – ate)  देश के बड़े सांड रूपये को खाकर.., डॉलर की डकार निकाल रहें हैं .. अबकी बार नए ऊंचाई में मोदी सरकार.., मनमोहन सरकार के ७० रूपये प्रति डॉलर को पार कर ७३ रूपये के नए प्रारूप में मोदी सरकार.., क्या अब काले धन वालों अपने  हुंकार से जनता को कर रहें हैं ललकार...!!!!.

बॉम्बे आईआईटी स्नातकोत्तर डी उदय कुमार द्वारा डिजाइन किया गया नया प्रतीक जो  कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था व उदय कुमार को २.५० लाख का इनाम दिया गया - यह दर्शाता है कि भारतीय मुद्रा, जो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से समर्थित है, अंत में अंतरराष्ट्रीय दृश्य पर अपनी उपस्थिति में अस्थमा के मरीज की तरह हाँफते दिख रही है.., हर हफ्ते के शुरूवात में उसे कृत्रिम ऑक्सीजन देकर महसूस कराया जा रहा है.., रूपया होगा कामयाब एक दिन ..!!!, हम हममें हैं विश्वास.., हम देते रहेंगें कृत्रिम श्वास हर दिन ..., से भरमाया जा रहा है.


 July 8, 2014 · की फेसबुक  व website की पोस्ट

क्या आप रूपये के प्राजूद प्रारूप से सहमत हैं..,रूपया के बहुरूपिया..., जोकर (जनता से महंगाई का मजाकर ),विदूषक...,

अधिकतर नौकरशाहों की मिलीभगत के भ्रष्टाचार से प्रदूषक बनाकर...
एक नए अमीरी की पहचान पाई है...,

जब से इस चिन्ह को मान्यता मिली है, देशी विदेशी माफिया व डॉलर से रूपये को कुचलने की खुली छूट मिली है...

गरीबों का पसीना अमीरों का अन्न है..,रूपये से डॉलर अब राहू बनकर, देश का अमृत पी रहा है...क्या आप रूपये के प्राजूद प्रारूप से सहमत हैं..

आज रूपया कर लो दुनिया मुट्ठी के नारों से , मुट्ठी भर अमीरों ने गरीबों को मुट्ठी से निचोड़कर ,, आज इंडिया भ्रष्टाचार का डांडिया खेल रहा है...

देश का अन्नदाता किसान आत्महत्या कर रहा है..., भार-रत , भारतीय , इन भ्रष्टाचारियों माफियाओं के भार से रत होकर, पैसे कमाने का जुगाड़ में लगा है...

इंडिया, INDIA= IN-DIG-GO , आओ देश को खोदों और चले जाऊं (जो टाटा की कार का भी नाम है) ,

और देश के धरती लाल आकाश, खान खदान ,ईमान बेचकर इनाम पा रहा है...,
अब अपने मुट्ठी बल से बलवान हो कर , “भारत निर्माणके नारों में अपनी सहभागी से देश के गरीबों को भरमा रहा है... 

दोस्तों क्या आप सहमत कि रूपये के चिन्ह में अंतिम छोर पर जब तक समानता का चिन्ह न हो, तब तक देश का गरीब तबका और गरीब होते जाएगा.., और देश के अमीर.., गरीबी रेखा का मूल्य कम कर ..देश का उपहास उडातें रहेंगे.... 


Monday, 10 September 2018

जिस देश में पेट्रोल व शराब की अर्थव्यस्था से देश संभल रहा है तो उस देश का आलम क्या होगा.., जहां अमीरों की रात हो रंगीली व दिन में हों तारों की चमक..., उस देश में गरीबों को ७२ सालों से सूरज नहीं दिखा उस बुढ़ापे के लोकतन्त्र का हश्र क्या होगा..., जब विदेशी हाथ.., विदेशी साथ..., विदेशी विचार.., विदेशी संस्कार की पतवार से देश की नाव / नांव चले तो उस देश का आलम क्या होगा..,



भारत, भार- रत.., बंद बंद बंद .., दूकान बंद , कान बंद – दोनों कान बंद.., मकान .., दोनों कानों के मध्ये.., नाक से जुबान बंद है..,


शासक से विरोधी दल जब तक सत्ता में रहा चूसक है.., गरीबों के अरमानों के घरों को महंगे disel से  दिल को जला कर .., देश वासियों मुफ्त में घर देने की झांसे से देश एक अंधेरी लोकतंत्र की गुफा में प्रवेश कर रहा है ..


जिस देश में पेट्रोल व शराब की अर्थव्यस्था से देश संभल रहा है तो उस देश का आलम क्या होगा.., जहां अमीरों की रात हो रंगीली व दिन में हों तारों की चमक...,


उस देश में गरीबों को ७२ सालों से सूरज नहीं दिखा उस बुढ़ापे के लोकतन्त्र का हश्र क्या होगा...,

जब विदेशी हाथ.., विदेशी साथ...,  विदेशी विचार.., विदेशी संस्कार की पतवार से देश की नाव / नांव  चले तो उस देश का आलम क्या होगा..,


भारत बंद के ७२ सालों के आलाप से हे देश तेरा क्या होगा.., क्रांती /इन्कलाब के छद्म नारों से देश के गरीबों को उनके पसीनों से गरीब का दिल पसीज कर उसे ही अब भी क्या ...!!!!, तड़फा ...,तड़फाकर..., निचोड़े हुए  कपड़े की तरह, तार-तार कर .., लोहे की तारों की कतार में सुखा-सुखा कर मारोगे..!!!..., 

क्या अब सु-राज के कृत्रिम घास से अन्न उगाने का खेल बदस्तूर जारी रखोगें.. जनता जवाब चाहती है .......


२८ मई २०१८ के फेसबुक व वेबसाइट की रिपोस्ट..!!!!!  
 चेतो मोदी सरकार..बजट... तो दूर की कौड़ी..,  अभी तेल कंपनियो की राजनेताओं के चुनावी खेल की तिकड़मबाजी के बाद  !!!गरीबों के लिए बाजू हट…, अभी तक...सभी सत्ताधारियों का एक और एक ही ध्येययों कहें..., PET –ROLE प्रिय खेलऔर DIESEL के भाव बढ़ा कर जनता का दिल जला रहा रहें है...,

भ्रष्टाचार के exercise से एक्साइज ड्यूटी न हटाने की जिद्द से जनता को कंगाल बनाने की राज्य सरकार मालामाल होकर .., एक सोची समझी  नियति से जनता के पैसे डकारने का खेल खेला जा रहा ... विकास के नाम से धन का निकास का यह छुपा खेल है ..

यदि मनोहर पर्रीकर  की गोवा सरकार पिचले ३ सालों से १५ रूपये लीटर कम कीमत  तेल से विकास कर सकते हैं तो देश के शेष राज्य क्यों नहीं...!!!,


१२ वीं बार पेट्रोल - डीजल में बिना रुके बारम्बार बढ़ोतरी से राज्य सरकारों में धन का अम्बार .., जनता करे गुहार.., मत बनाओं हमें महंगाई का अचार.., से जीवन में अत्याचार ..,


पेट्रोल डीजल अब तक के उच्च स्तर से ऊंचाई से ७२ सालों के रिकार्ड स्तर से दिन में बना स्टार.., डॉलर देश के रूपये का महंगाई से खिचे कॉलर..  


किसान आत्महत्या कर रहा है... सीमाओं  पर जवानों को मोहरा बनाकरउनकी हत्या की जा रही है....????,


नोट बंदी से माफिया विदेशों में भागकर, देश की प्रगती के दरवाजे बंद कर, अब ..., विदेशी लूटेरों का देश मे स्वागत है,विदेशीयो के धन सेअतिथी विकास भव: के नारो से, “हो रहा है... भारत निर्माण” / अच्छे दिनों के राग आलापी नारो मे परिवर्तित करसत्ताधारी मदमस्त हो कर , देशवासियों को भरमा रहे है...


विदेशी पूँजी लेकर भाग रहे है... विदेशी मुद्रा का भंडारइन नारो के खर्च सेदेश कर्ज के गर्त मे जा रहा है... हम 1991 से मुन्ना मन मोहन की सरकार से भी बदहाल स्थिति मे आ रहे है...???? पेट्रोल के PETROL (PET + ROLE) भाव बढ़ाना,इनका प्रिय खेल .... व डीजल (DISEL- DIL + JAL) के भाव,जनता केदिल जले से महंगाई की आग भड़काई जा रही है,जागों देशवासीयो डूबते देश को बचाओ ....

साभार
www.meradeshdoooba.com (a mirror of india) स्थापना २६ दिसम्बर २०११ कृपया वेबसाइट की ७०० से अधिक प्रवाष्ठियों की यात्रा करें

Wednesday, 5 September 2018

आरक्षण की आग., देश रहा है.., हांफ..., महंगाई निकाल रही है जनता का भाप.., आरक्षण के मसीहा, इस दंश के पाप से, अपने को कह रहें हैं, देश का बाप.., आप ..बाप.., पाप..खाप .., पार्टियों के श्राप से देश लहुलूहान.., फिर भी सत्ताखोरों के अपने “अच्छे दिनों” के झांसे से “मेरा देश महान”..., प्रतिभाओं के कच्छे पहिनने के दिन आ रहें हैं..,








(Teachers day) - आरक्षण की आग., देश रहा है.., हांफ..., महंगाई निकाल रही है जनता का भाप.., आरक्षण के मसीहा, इस दंश के पाप से, अपने को कह रहें हैं, देश का बाप.., आप ..बाप.., पाप..खाप .., पार्टियों के श्राप से देश लहुलूहान.., फिर भी सत्ताखोरों के अपने अच्छे दिनोंके झांसे से मेरा देश महान”..., प्रतिभाओं के कच्छे पहिनने के दिन आ रहें हैं..,
१. छुवा-छुत/आरक्षण को कछुवा बनाकर संविधान की आड़ से हमारे सत्ताखोरों ने १० सालों के 22.५% प्रायोगिक तौर के परप्रयोजन से , इन कछुओं की मोटी खालों को अपना ढाल बनाकर सुरक्षता पूवर्क वोट बैंक से खरगोशी प्रतिभाओं की खाल निकालकर लहूलुहान कर संविधान का गुण गान कर, पंगु बनाकर, देश को विदेशी हाथ विदेशी साथ विदेशी विचार विदेशी संस्कार से देश को कछुआ चाल से चलाकर, विदेशी कर्ज को मर्ज मानकर , देश को गर्त में डालकर, अब भी गर्वित हैं.
२. अब आरक्षण की तलवार से प्रतिभा के भक्षण की , एक नई धार से, नेताओं के वोट बैंक की दांत की चमक के पैने पन की तस्वीर से, आज देश ऊंचाई को छूने की बजाय बौनाहोते जा रहा है..,
३. अब पटेल आरक्षण की आग पुरे देश में पेटने की तैयारी .., क्या..??, सरकार घुटने टेक देगी.., या देश गुर्जर आन्दोलन की तरह सुलगते, गुजरे जमाने में रहेगा.., सत्ताखोरों की रोटी सेकते रहेगा.., देशवासी अब सकते में है..!!!
४. दोस्तों सत्ता परिवर्तन को आजादी कह.., देश को अशिक्षा से अंधापन कर .., अंग्रेजों के संविधान का अनुसरण कर ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया है.
५. राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है
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६. सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक गोरख़ धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के इस नए प्रकार के तड़के से इस आग में हजारों प्रकार के घोटालों के उत्प्रेरकों देश के ऊतक 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य संवारने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं
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७. १९४७ में विश्व के 100 से अधिक देश हमसे पिछड़े थे..,लेकिन अपनी मजबूत इच्छा बल से बिना आरक्षण के, घोंघा चाल से एक दृण मंजिल पाने से, उन्नत देशों की कतार में शामिल हो गयें है..
८. देश के खरगोश आज आरक्षण के जहर से, बेहोश होकर मर रहें हैं., देश का मर्ज, आरक्षण व कर्ज से नहीं, देश के १२५ करोड़ जनता को सम्मान व प्रतिभा के आंकलन से, आगे बढ़ने से ही.., देश आगे बढेगा
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
कैलाश तिवारी.. कृपया गूगल सर्च में meradeshdoooba टाइप कर ४७४६ पोस्टों व स्वंय निर्मीत कार्टून के लिए वेबस्थल की यात्रा करे





Tuesday, 4 September 2018

देश के शिक्षक तुम्हे सलाम..., देश में जितने राष्ट्रपति बने .. वे राजनीतीज्ञों की कृपा से देश के सर्वोच पद पर बैठे ...और देश के महामहिम पद से निर्वित होकर.., सरकारी सुविधा भोगते हुए , जीवन की लीला समाप्त कर गुमनामी में खो गए..यदि देश के शिक्षक , डॉ. कलम से प्रेरणा लेकर गुरू की भूमिका को सार्थक करें तो “जय जवान से जय किसान “ का नारा यशस्वी से .., देश शक्तिमान से विश्वगुरू बनेगा ...


देश के शिक्षक तुम्हे सलाम..., देश में जितने राष्ट्रपति बने .. वे राजनीतीज्ञों की कृपा से देश के सर्वोच पद पर बैठे ...और देश के महामहिम पद से निर्वित होकर..सरकारी सुविधा भोगते हुए , जीवन की लीला समाप्त कर गुमनामी में खो गए...

देश की पहली  राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जो देश की पहेली बनकर २० ट्रकों में देश के सम्मान में दी गए उपहार भी अपनी माल-मत्ता समझ कर अपने घर ले गयी थी ..., बाद में बेशर्मी से उन्हें वह पुरूस्कार ९ ट्रक भरें लौटाना पड़ा .., और पेंशन व अन्य सुविधाओं से ऐश कर रही है..

पूर्व  राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जो रक्षा व अन्य घोटाले में सम्मलित है... क्या वे निर्वित होने के बाद अब्दुल कलाम के जीवन का अनुसरण कर रहें हैं !!!!!, या भविष्य में करेंगे ..

एक निर्वादित , बिना राजनेताओ की बैसाखी की याचना से महामहीमबने अब्दुल कलाम , अपनी कलम की ताकत व आवाज से, आज भी उनकी आत्मा आवाम को जागृत कर रही  है..., आज भी देश भर के स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों के बीच में उनकी फोटो देखकर, .., बच्चों में भी स्फूर्ती आती है..., क्या बात है ..हमारे पूर्व राष्ट्रपति हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए , हमारे साथ आज भी घुल मिल कर बात कर रहें है...

आज कलाम साहब का यह कर्म ..., आने वाले कल के बच्चों को नया हिन्दुस्तान के नवनिर्माण की शिलाका आधार बना रही है...

आज भी अब्दुल कलम अपने अनुभव..., जूनून .., दृण संकल्प का सन्देश शिक्षक बन कर, गाँव शहर में दे रहें है...., इसमें कोई शक नहीं है...,

दोस्तों याद रहें .. प्रधानमंत्री मनमोहन के कार्यकाल में अब्दुल कलाम को धमकी मिली थी आपके इस दौरे का राजकीय खर्च जो करींब दिन के ४० हजार रूपये है, भारत गरीब देश होने से यह खर्च वहां नहीं कर सकता है.... इसे बंद करो...

देश के जल-थल- नभ आकाश से कोयला चोर जो अरबों खरबों की लूट के बावजूद देश की अर्थ व्यस्था के शिल्पकार के रूप में सम्मानित किया है...
देश के अच्छे दिंनों से भारत निर्माण व चमकता भारत व मेरा देश महान , गरीबी हटाओं से आराम हराम का नारा झूठा ही साबित होगा
जब तक हमारे शिक्षकों की आधार प्रणाली मोटे वेतन व प्राइवेट कोचिंग से धन बनाने का ध्हेय रहेगा तो देश के शिक्षण संस्थानों के साथ देश भी डूबेगा .
यदि देश के शिक्षक , डॉ. कलम से  प्रेरणा लेकर गुरू की भूमिका को सार्थक करें तो “जय जवान से जय  किसान “ का नारा यशस्वी से .., देश शक्तिमान से विश्वगुरू बनेगा ..