Friday 2 October 2020

याद रहे लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या के बाद कांग्रेसी माफिया कुत्ते कार्यकर्ताओं ने उनके घर में धावा बोलते हुए शास्त्री द्वारा काला धन जमा करने का आरोप लगाने पर , उनकी विधवा ने रोते हुए घर का संदूक दिखाते हुए कहा ये है मेरे पति की सम्पति.., ३ जोड़ी धोती कुर्ता व कार लोन में न चुकाने की असामर्थ्यता के पेपर... इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री के घर का दौरा करते हुए उनका घर देखकर नाक सिकोड़ते हुए कहा “छी:...., MIDLE CLASS FAMILY “

 




आज २ अक्टूबर पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के सपने के दिवस की देशी विदेशी माफिया ताकतों ने मिलकर ह्त्या करने के बाद का जश्न दिवस है.



लालबहादुर शास्त्री ने देश को विश्व गुरू के दहलीज पर पहुंचा देने के पूर्व ह्त्या कर दी.




यदि लालबहादुर शास्त्रीऔर दस साल और जीवित होते तो देश विश्व का दिव्यमान बनकर विश्व को  शांती का पाठ पढ़ाकर वैश्यविक आध्यात्मिक शक्ति से फलीभूत होता



याद रहे लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या के बाद कांग्रेसी माफिया कुत्ते कार्यकर्ताओं ने उनके घर में धावा बोलते हुए शास्त्री  द्वारा काला धन जमा करने का आरोप लगाने पर , उनकी विधवा ने रोते हुए घर का संदूक दिखाते हुए कहा ये है मेरे पति की सम्पति.., ३ जोड़ी धोती कुर्ता व कार लोन में न चुकाने की असामर्थ्यता के पेपर...






इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वर्गीय  लालबहादुर शास्त्री के घर का दौरा करते हुए उनका घर देखकर नाक सिकोड़ते हुए कहा “छी:....,  MIDLE CLASS FAMILY


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यदि आज २ अक्टूबर (देश का शोक दिवस) को गांधी का जन्म नहीं होता तो देश प्रथम विश्व युध्ह के पूर्व आजाद हो जाता.., गाँधी की गन्दी राजनीती जवाहर के जहर व जिन्ना के जिन से प्रधानमंत्री के दौड़ व बापू के संत बनने की अभिलाषा ने देश को खंडित करने का दंश आज भी देश भुगत रहा है प्रथम विश्व युद्ध में १ लाख से अधिक , द्वितीय में २ लाख से अधिक सेना के जवान व देश के बटवारे में २५ लाख से अधिक हिन्दुस्तानी गाँधी के छद्म अहिंसा के खड़ग से गाजर मूली की तरह काटे / मारे गए. हमें खंडित भारत आजादी के बजाय सत्ता परिवर्तन के रूप में मिला

 


यदि आज २ अक्टूबर (देश का शोक दिवस) को गांधी का जन्म नहीं होता तो देश प्रथम विश्व युध्ह के पूर्व आजाद हो जाता..,



गाँधी की गन्दी राजनीती जवाहर के जहर व जिन्ना के जिन से प्रधानमंत्री के दौड़ व बापू के संत बनने की अभिलाषा ने देश को खंडित करने का  दंश आज भी देश भुगत रहा है



प्रथम विश्व युद्ध में १ लाख से अधिक , द्वितीय में २ लाख से अधिक सेना के जवान व देश के बटवारे में २५ लाख से अधिक हिन्दुस्तानी गाँधी के छद्म अहिंसा के  खड़ग से  गाजर मूली की तरह काटे / मारे गए.  



हमें खंडित भारत आजादी के बजाय सत्ता परिवर्तन के रूप में मिला


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देश के," जय जवान जय किसान" के प्रणेता से देश को एक नै लहर देने वाले : २अक्टूबर के जन्मदाता, १८ महीनों के शासन में देश के सही मानों में भाग्य विधाता की भूमिका के सफल प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के दिन को गांधी जयन्ती नहीं देश का "शौर्य दिवस" के रूप में स्कूल में नव विद्यार्थियो को यह पढ़ाया जाय...कि कैसे एक निम्न वर्ग के प्रधानमंत्री ने निम्न श्रेणी को अपना जीवन व आदर्श मानकर, सभी सरकारी सुविधा का अपने परिवार के लिए त्याग कर .., मेरे घर से मेरी देश की तस्वीर से ही देश में राष्ट्रवाद की लकीर खीची जा सकती है... यह सिद्ध किया नेहरू के १८ वर्षों के अय्याशी के सोच के शौच को मात्र १८ महीने में साफ़ कर व पाकिस्तान को धूल चटाकर ...., विश्व ने प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को अब्राहम लिंकन के समक्ष खडा कर हिन्दुस्तान का लोहा माना कि देश की शक्ती "जवानों व किसानों" के बल से ही बढ़ती है ना की/कि विदेश से कर्ज लेकर ..., ब्याज देकर नेताओं की अय्याशी से जनता को ब्याज से प्याज के तरह आंसू निकाल कर, जो आज के परिपेक्ष्य में लोक तंत्र को लूट तंत्र का खेल खेला जा रहा है ..., इसे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने समाप्त कर दिया था

 


देश के," जय जवान जय किसान" के प्रणेता से देश को एक नै लहर देने वाले : २अक्टूबर के जन्मदाता, १८ महीनों के शासन में देश के सही मानों में भाग्य विधाता की भूमिका के सफल प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के दिन को गांधी जयन्ती नहीं देश का "शौर्य दिवस" के रूप में स्कूल में नव विद्यार्थियो को यह पढ़ाया जाय...कि कैसे एक निम्न वर्ग के प्रधानमंत्री ने निम्न श्रेणी को अपना जीवन व आदर्श मानकर, सभी सरकारी सुविधा का अपने परिवार के लिए त्याग कर .., मेरे घर से मेरी देश की तस्वीर से ही देश में राष्ट्रवाद की लकीर खीची जा सकती है... यह सिद्ध किया

नेहरू के १८ वर्षों के अय्याशी के सोच के शौच को मात्र १८ महीने में साफ़ कर व पाकिस्तान को धूल चटाकर ...., विश्व ने प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को अब्राहम लिंकन के समक्ष खडा कर हिन्दुस्तान का लोहा माना कि देश की शक्ती "जवानों व किसानों" के बल से ही बढ़ती है ना की/कि विदेश से कर्ज लेकर ..., ब्याज देकर नेताओं की अय्याशी से जनता को ब्याज से प्याज के तरह आंसू निकाल कर, जो आज के परिपेक्ष्य में लोक तंत्र को लूट तंत्र का खेल खेला जा रहा है ..., इसे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने समाप्त कर दिया था

Thursday 1 October 2020

कोविंदजी आपके ७५ वर्ष पुरे करने से देशवासियों में हर्ष है.., पूरा देश आपको शतायु देखना चाहता है ,राष्ट्रपति भवन में कोरोना के पदार्पण से आपके विभाग के कर्मचारियों को जकड लिया था लेकिन आप साबूत बच गए.. आपने नमस्कार के संस्कार से चमत्कार कर इस बीमारी को राष्ट्रपति भवन से भगाया “दोस्तों कोरोना भगाने का एकमात्र सनातनी मंत्र है “हाथ नहीं, तन - दूरी (Social Distancing) द्वारा दिल से दिल मिलाकर इस महामारी को देश व दुनिया से भगायें, नमस्कार के संस्कार से कोरोंना भगाने का चमत्कार अपनाएँ .., आओं डूबते देश व दुनिया को बचाएँ”



कोविंदजी आपके ७५ वर्ष पुरे करने से देशवासियों में हर्ष है.., पूरा देश आपको शतायु देखना चाहता है ,राष्ट्रपति भवन में कोरोना के पदार्पण से आपके विभाग के कर्मचारियों को जकड लिया था लेकिन आप साबूत बच गए..


आपने  नमस्कार के संस्कार से चमत्कार कर इस बीमारी को राष्ट्रपति भवन से भगाया.


“दोस्तों कोरोना भगाने का एकमात्र  सनातनी मंत्र है 

 

“हाथ नहीं, तन - दूरी (Social Distancing) द्वारा दिल से दिल मिलाकर इस महामारी को देश व दुनिया से भगायें, नमस्कार के संस्कार से कोरोंना भगाने का चमत्कार अपनाएँ .., आओं डूबते देश व दुनिया को बचाएँ”


लेकिन दुःख सिर्फ इस बात का है की दुश्मन देश का   “कोरोना” उपराष्ट्रपति वन्कैया नायडू को अभी सिर्फ मिला है व उनमें इसके चिन्ह भी मिले है, इसकी भनक लगते ही वे Quarantine में चले गए हैं ,सम्पूर्ण देशवासी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं   


प्रणव दा आपकी ८५ वर्ष की आयु में ३१ अगस्त में देहांत से श्रधांजली ..., आपकी इच्छा भगवान् ने पुरी कर दी जो आप बचपन की कल्पना से आप कहते थे “काश. मैं राष्ट्रपति भवन का घोड़ा होता..., भगवान अगले जन्म में मुझे इस भवन का घोड़ा बनाना.... “ अब आप पवन वेग के घोड़े द्वारा , पहुँचे देवलोक के द्वार,अब हुआ तुम्हारा भव्य सत्कार... दुःख सिर्फ इस बात का है की दुश्मन देश के “कोरोना” ने आप जो देश के "भूतपूर्व प्रथम नागरिक" को मात दे कर आपकी जीवन लीला छीन ली ..


 

प्रणव दा आपकी  ८५ वर्ष की आयु में ३१ अगस्त में देहांत से श्रधांजली ...,

 

आपकी इच्छा भगवान् ने पुरी कर दी जो आप बचपन की कल्पना से आप कहते थे “काश. मैं राष्ट्रपति भवन का घोड़ा होता..., भगवान अगले जन्म में मुझे इस भवन का घोड़ा बनाना.... “           

 

अब आप पवन वेग के घोड़े द्वारा , पहुँचे  देवलोक के द्वार,अब हुआ तुम्हारा भव्य  सत्कार...

दुःख सिर्फ इस बात का है की दुश्मन देश के        “कोरोना” ने आप जो देश के "भूतपूर्व प्रथम नागरिक"  को मात दे कर आपकी जीवन लीला छीन ली ..

Wednesday 30 September 2020

बापू के तीन बंदर, अब बन गये है मस्त कलन्दर http://meradeshdoooba.com ....दीपिका का कोठा.... “MY CHOICE IS MY VOICE”. मेरे बदन के SIX ABS पर चढ़ने के लिए पादुकाओं का कोण बनाओं विष कन्या से विशेष कन्या ..., SEX के SUCCESS से “SUCK कन्या” मेरी मर्जी मेरा तन कितने को भी दूं..., मन से, कुछ भी कह.., अरबों का धन कमाऊ, चाहें कितने भी युवा इस समुंद्री रूपी भंवर में डूब जाए..

Repost.., 23 April 2015..., आज भी सार्थक पोस्ट

बापू के तीन बंदर, अब बन गये है मस्त कलन्दर http://meradeshdoooba.com

....दीपिका का कोठा....  “MY CHOICE IS MY VOICE”.

मेरे बदन के SIX ABS पर चढ़ने के लिए पादुकाओं का कोण बनाओं 

विष कन्या से विशेष कन्या ..., SEX  के SUCCESS  से  “SUCK कन्या

मेरी मर्जी मेरा तन कितने को भी दूं...मन सेकुछ भी कह..अरबों का धन कमाऊचाहें कितने भी युवा इस समुंद्री रूपी भंवर में डूब जाए..



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देखू: आज का तरूण अश्लीलता को अपने जीवन की असली रील बनाकर खेलता देख रहा हूं

बोलू: देश में ०.५% अरबपति व पत्नियां आज भी पाश्चात्य संस्कृति को सनातन संस्कृति का पिता कह.., देश के युवाओं के नए खून में विष घोल रही है 




देखू: हां दीपिका पादुकोण के पादुकाओं का कोण का U TUBE में विश्व के युवाओं की दिमाग की TUBE  फ्यूज कर दी है, FACE BOOK को FUN BOOK की कुंजी मानकर, इसे ७ करोड़ लोगों ने देखकर इस SUCK कन्या को धन से मालामाल कर दिया है..




बोलू  देश की सनातन संस्कृति में जहां २५ वर्ष तक ब्रह्मचर्य के ताप से युवक, गुरूकुल की शिक्षा से अपने ज्ञान ध्यान- विज्ञान से परख कर निकालता था और आज का युवक,अपने २५ वर्ष की आयु  सेक्स के प्रभाव से अपना जीवन की ऊर्जा इस काल्पनिक समुंद्री रूपी भंवर में डूबो  देता है.. 


देखू: देख रहा हूँ ,इस कुचक्र से देश के युवाओं में राष्ट्र शक्ति क्षीण होकर.., इसी से प्रेरित होकर, शराब सिगरेट की लत से अपना जीवन की नीव को बर्बाद कर रहा है.. व फिल्मों से इनकी भावनाए सेक्स से बलात्कार की ओर ले जाता है .


बोलू: इस अश्लीलता की होड़ में फ़िल्में भी ५०० से ६०० करोड़ के मुनाफे में, राष्ट्र के गौरव हनन के साथ राष्ट्र का पतन कर रही है..., सरकारें भी टैक्स की आड़ में, हवाले धन के प्रवाह को जानकर भी आँखें मूंदे बैठी है..


देखू: इसका कारण देख रहा हूं, मीडिया वर्ग के चंद वरिष्ठ लोगों ने प्रिंट व मीडिया में इतना वर्चस्व बना लिया है कि इनका विरोध करने पर, यह वर्ग, सत्ताखोरों के अन्य छिपे घोटालों के नाड़े को खोलकर इन्हें भी इसी नग्नता के कतार में शामिल कर सकती है.., इसी भय से वे भी चुप हैं...


बोलू: इसमें भी  मीडिया-माफिया-नौकरशाही-सत्ताशाही के गठबंधन के अटूट बंधन की बू आती है.

 

सुनू:  आज छोटे चकलाघरों में देश से चुराई गयी नाबालिक गरीब लड़कियों व नौकरी के झांसे में बाहार के प्रदेशों से लाई गई लड़कियों को इस व्यवसाय में धकेल दिया जाता है ..., और फिल्मों में तो सुन्दर महिलाओं को हीरोईन का लालच देकर देह शोषण से इनहें  उच्च वर्गो के लोगों में परोश दी जाती है...




देखू: हाँ ..., सत्ताधारी से विरोधी वर्ग भी इस स्टिंग ऑपरेशन में फंसकर,, इन महिलाओं की ह्त्या कर अपना दामन साफ़ कर लेते है.


बोलू: आज नारी सशक्तिकरण की आड़ में वेश्यावृति, व महिला आयोग, धिक्कार आयोग बनकर , बापू के तीन बंदर बन आँख, कान व मुंह पर पट्टी बांधकर अपना हिस्सा ले लेती है.


देखू: एक देखी बात बताता हूं मनमोहन सिंग के कार्यकाल में अन्ना आन्दोलन के, पहिले कनाडा इंग्लैंड व यूरोपीय देशों में नारी सशक्तीकरण में वहां की महिलाओं ने दलील दी थी कि पुरूष सड़कों पर अपना ऊपरी बदन नंगा कर, चल सकते हैं तो महिलाए क्यों नहीं..,, इसके प्रतिरोध में महिलाओं ने उपरी बदन दिखाकर सडकों में SLEDGE SHOW का प्रदर्शन किया..,  इसके समर्थन में इन्डियन वर्ग के खाते पीते घर की धनाड्य महिलाओं को सरकार ने जंतर मंतर से संसद भवन तक इसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति दी ., जबकि इसके २ दिन बाद अन्ना को जंतर मंतर मे, अपनी कुर्सी हिलने के डर से  अनशन की अनुमति नहीं दी.


बोलू: देश में दो तरह का वर्ग है.., एक आदिवासे वर्ग जो भुखमरी से अपने वस्त्र नहीं खरीद पाने से नग्न रहता है  ... दूसरा  धनाड्य महिलाओं का , जो अपनी नग्नता से धन ही नहीं, ख्याति भी प्राप्त करता है.

बोलू: बिग बॉस की एक विदेशी महिला, ब्लू फिल्मो की नायिका, सन्नी लियोंन..., SUN+LION .के अंग प्रदर्शन से, युवाओं के सूर्य रूपी ऊर्जा व बाघ की शक्ती को अपने सेक्स सिंबल से के आज की आधुनिक सीता से रामलीलाका अभिनय कर,आज देश की महा से महानायिका बना दिया, वही MY CHOICE  की दीपीका ने अपने दीपक की लौसे युवको के चरित्र को कीट पतंगे बनाकर कर जला दिया है...

   

देखू: इस फ़िल्मी बाजार की BLUE FILM से, इन धनाड्य वर्गों के जीवन में धन की हरियाली फ़ैल रही है.., और देश के युवाओं में चरित्र हनन से देश में सूखापन बढ़ रहा है...

बोलू: इससे पश्चाताप करने के बजाय ,हताश युवा वर्ग सुगम तरीके से धन कमाने के लालच में  अपना जीवन अपराध व धोकाघड़ी में झोंक देता है..., सामान्य निर्दोष लोगों को अपना मोहरा बनाता है..


देखू: आज देश में नग्नता का भयावह दृश्य देख रहा हूं ,, अब इस देश का क्या होगा.


बोलू: इसकी शुरूवात तो घर के छोटे परदे से हो रही है, यदि सरकार टेलीविजन से अश्लीलता की रास लीला में रोक लगा दे तो यह रोग 90% ख़त्म हो जाएगा ...देश में संस्कारी व हमारे गौरवशाली अतीत के  सीरियल से तरूण युवकों को एक स्वस्थ सन्देश से राष्ट्र के गौरव का सम्मान बढ़ाने की भागीदारी से अहम् भूमिका बनेगी.., सोया राष्ट्रवाद जाग उठेगा


साभार :  meradeshdooob.com से , कृपया ८00 पोस्टों के लिए वेबस्थल की यात्रा करें..



Sunday 27 September 2020

ड्रग - ए – आजम.., प्यार के झांसे से ड्रग के कारोबार से पीठ में खंजर, भोंकने का नहीं कोई पब्लिक डिमांड अब देता हूँ तुम्हें जेल का रिमाण्ड...


 


ड्रग - ए – आजम..,

प्यार के झांसे से ड्रग के कारोबार से पीठ में खंजर, भोंकने का नहीं कोई पब्लिक डिमांड अब देता हूँ तुम्हें जेल का रिमाण्ड...




Saturday 26 September 2020

मुन्ना मोहन का मौन के ८८ साल पूरे.., असली हीरा तो, कोयले की खान से मिलता है, लेकिन कांग्रेस का “हीरा” देश के “कोयले की खान के साथ, कोयले की फाईल ” भी खा गया.... आज, देश के राष्ट्रीय राजनीती में कोर्ट के सम्मन से देश के प्रधानमंत्री द्वारा भले आज के कांग्रेस पार्टी द्वारा सम्मान का विषय हो..., एक प्रधानमंत्री के नाम से देश पर कलंक है..., क्योंकि इस प्रधानमंत्री ने भष्टाचार के रंग से “रंक माफिया” को राजा बना दिया.., “कर लो दुनिया राजनेताओं को” जिस किसी भी माफिया ने पहचाना, वह मीडिया, रियल एस्टेट, खान खदान पर काबिज हो कर राष्ट्रनीती का निर्धारण कर रहा था

 


मुन्ना मोहन का मौन के ८८ साल पूरे..,  असली हीरा तो, कोयले की खान से मिलता है, लेकिन कांग्रेस का हीरादेश के कोयले की खान के साथ, कोयले की फाईल भी खा गया....

आज, देश के राष्ट्रीय राजनीती में कोर्ट के सम्मन से देश के प्रधानमंत्री द्वारा भले आज के कांग्रेस पार्टी द्वारा सम्मान का विषय हो...,



एक प्रधानमंत्री के नाम से देश पर कलंक है..., क्योंकि इस प्रधानमंत्री ने भष्टाचार के रंग से रंक माफियाको राजा बना दिया.., “कर लो दुनिया राजनेताओं कोजिस किसी भी माफिया ने पहचाना, वह मीडिया, रियल एस्टेट, खान खदान पर काबिज हो कर राष्ट्रनीती का निर्धारण कर रहा था



 

१९४७ से अब तक का इतिहास देखे तो विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा बेतहासा लूट के बावजूद , १९४७ में हमारा एक रूपया , एक डौलर के बराबर था , इसमें १९४७ से ही भष्टाचार की झालर (बल्बों की लड़ी ) में जातिवाद , भाषावाद, अलगाववाद, आरक्षण, घुसपैठ व प्रांतवाद की रौशनी से, आज रूपये को सठिया कर माफियाओं को सेठीया बना दिया है.., और हम आज, ऐसी कर्ज की शताब्दी में है.... जहां, हिन्दुस्थान अपने १० हजार साल से ज्यादा के इतिहास में भी नही था ...




१९९१ में कंगाली के ईलाज के लिए प्रधानमंत्री नरसिंहाराव ने एक डॉक्टर मनमोहन सिंग की, कांग्रेस ने इस हीरेकी खोज की, जिसने वित्त मंत्री बनते ही देश की मुद्रा का २०% अवमूल्यन कर , विदेशी निवेशकों ( यूं कहे आक्रमणकारियों) को भरमाकर , देशी व विदेशी माफियाओं की मिली भगत से रूपये को सठिया कर , “कर्ज के कोढ़से देश को कंगाल कर दिया है.. अब इस कर्ज के कोढ़को भारत निर्माण के नारे से देशवासियों को भरमाया जा रहा है




असली हीरा तो कोयले की खान से मिलता है, लेकिन कांग्रेस का हीरादेश का कोयले की खान के साथ कोयले की फाईल भी खा गया




प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचारियोंकी परतंत्रता के मंत्रसे..., “कोयलेसे देश को फूँका

कांग्रेस कोयलकी आवाज में... हो रहा भारत निर्माणका गाना गा रही है ....






भारत निर्माणके नारे से...., हो रहा है, “भ्रष्टाचारियों का कल्याण


जवाहर लाल नेहरू ने भारत की खोज की किताब लिखाकर, अय्याशी में शांती का मक्खन लगाकर , देश के टुकडे कर नोबल पुरूस्कार के आकांक्षा से सेना को नो बल कर , जवानों के हौसले पस्त कर दिए ...


गरीबी हटाओ के नारे से देश में आतंक बढाओ और सत्ता सुरक्षित रखो के सिद्धांत से , इंदिरा गांधी की मौत पर पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने बेबाक कहा इंदिरा गांधी अपने कर्मों से मारी गई है


वहीं..., राजीव गांधी ने मेरा भारत महानके नारे से देश को २१ वी शताब्दी में ले जाने के झांसे से, देश का खजाना लुटा कर , तमिल आतंकवादियों के पंगे से मौत का, अपनी माँ, इंदिरा गांधी का इतिहास दुहराया....,



Sunday 20 September 2020

पहचान कौन.., “सुशांत – दिशा” दोनों की ह्त्या में दो पैरों की सत्ताखोरों की “प्यारी” प्यार से “प्यासी” बेबी पेंग्विन कौन...!!!!!

 



पहचान कौन.., “सुशांत – दिशा” दोनों की ह्त्या में दो पैरों की सत्ताखोरों की “प्यारी” प्यार से “प्यासी” बेबी पेंग्विन कौन...!!!!! 

Friday 18 September 2020

विदेशी माफियाओं के इशारों से ड्रग, ब्लैकमनी. Money Launderings, हवाला के खेल से बॉलीवुड देश की संस्कृति का पतन कर, मादकता से मदहोश होकर विदेशी पताकाओं को लहराकर नशे में मशगूल है व नयी पीढी में राष्ट्रवाद की बत्ती गुल है.. राष्ट्रवाद को नशावाद से देश को तुकडे करने का खेल है .., देश को डूबोने की यह तकनीति है.., राष्ट्रनीती की दुर्गति है .. साभार : www.meradeshdoooba.com मेरे होंठों की लाली, बॉलीवुड की थाली, मेरी बेटी व परिवार की हरियाली से खुशहाली ... ============= अब इतने छेद हो गएँ हैं कि समझ में नहीं आ रहा है “कहाँ से साँस लें, कहाँ से पादे”


 

विदेशी माफियाओं के इशारों से ड्रग, ब्लैकमनी. Money Launderings, हवाला के खेल से बॉलीवुड देश की संस्कृति का पतन कर, मादकता से मदहोश होकर विदेशी पताकाओं को लहराकर नशे में मशगूल है   नयी पीढी में राष्ट्रवाद की बत्ती गुल है.. राष्ट्रवाद को नशावाद से देश को तुकडे करने का खेल है .., देश को डूबोने की यह तकनीति है..,  राष्ट्रनीती  की दुर्गति  है ..

साभार : www.meradeshdoooba.com

 

 मेरे होंठों की लाली, बॉलीवुड की थाली, मेरी बेटी व परिवार की हरियाली से खुशहाली ...

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अब इतने  छेद हो गएँ हैं कि समझ में नहीं आ रहा है “कहाँ से साँस लें, कहाँ से पादे”

ड्रग -ए -आजम..!!!!, DRUG , DRAGS NATION नशा देश को पीछे धकेलता है.., शराब व अन्य नशे ने समुन्दर से ज्यादा लोगों को डुबाया है.., देश को डुबाया है. इस गोरख धंधे को जिस देश की पुलिस ,सत्ताखोरों न्यायसाही ने खुली प्रश्रय दिया है वह देश आज भी भीखमंगों की कतार में अग्रणी है हिंदुस्तान जैसे देश में यह आज वोट बैंक से ज्यादा मजबूत अस्त्र है , भले देश का युवा अपनी कर्मण्यता खोकर त्रस्त है लेकिन यह खेल नारों में अफीमी घोल का 73 सालों से एक कारगर हत्यार है

 

जरूर पढें/ यह कॉपी पेस्ट वाला TEXT का TASTE नहीं, इस पोस्ट को पढ़ने में राष्ट्रवाद का नशा है , इसमें कोई टैक्स या GST नहीं है.., लेकिन इसका अनुसरण से देश को ऊँचाई को छूने की मंत्र है , देश का कड़वा सच है / सरकारों को संकल्प लेने शपथ पत्र हैव देश अपने आप कर्मपथ से अग्रसित रह चंद दिनों में विश्व गुरु बनेगा..!!!!!!,



 

आश्चर्य नही सच है , क्या अब भी डर से शुतुरमुर्ग की तरह रेत में आपकी आँखे बंद है कि कोई मेरा गला रेट देगा  “मैं अकेला क्या कर सकता हूँ..!!!!!”, यह माफियातंत्र मुझे घुटन से मार डालेगा.., देशवासियों, सर उठाओ अब तो अपनी आँखे खोलों..,




 

७३ सालों से.., भ्रष्टाचार भुखमरी सत्ता शराब अफीम के धुओं से देश का सूरज काले बादलों से छुपा है, देश गमगीन है , देश का माफिया वर्ग रंगीन से रंगीला रत्न होकर किसानो जवानों का पसीना पीकर वह देश का नगीना नहीं..,नाग नागिन है




इस धुओं को साफ़ करने का फर्ज आ गया है , अब जनता को देश का कर्ज चुकाने का सुनहरा अवसर है , एकजुट मिलकर , देश को अग्रसर करने का.

 

DRUG , DRAGS NATION नशा देश को पीछे धकेलता है.., शराब व अन्य नशे ने समुन्दर से ज्यादा लोगों को डुबाया है.., देश को डुबाया है

 

इस गोरख धंधे को जिस देश की पुलिस ,सत्ताखोरों न्यायसाही ने खुली प्रश्रय दिया है वह देश आज भी भीखमंगों की कतार में अग्रणी है

हिंदुस्तान जैसे देश में यह आज वोट बैंक से ज्यादा मजबूत अस्त्र है , भले देश का युवा अपनी कर्मण्यता खोकर त्रस्त है लेकिन यह खेल नारों में अफीमी घोल का 73 सालों से एक कारगर हत्यार है

 

देश के सत्ताखोरों ने लोकतन्त्र की आड़ में लूट तंत्र का खेल खेलने का इसे आज भी सुनहरा अवसर ही माना ,

और हर अगले 5 सालों तक प्रदेश से देश के सत्ताखोरों / राज्य से केंद्र सरकारों ने इसे अपनी कुर्सी पर खूटा बंधा समजकर अपनी कुर्सी को धरती पड़कर मानकर , देश को कुरूप बना के इस खेल में एक तरह से कुरूपता का कुरूक्षेत्र की रणभूमि बनाकर हर साल लाखों लोगों की बलि के बावजूद से आज तक देश में खलबली नहीं मची है क्योंकि देश की इस कुरूपता में महाबाहुबली के दमखंभ का खेल है देश को लूटने का खेल बदस्तूर जारी है..,

 

कोरोना से GDP का पी.., पी.., पी.. का रोना गाकर देश की जनता को घबराया जा रहा है, सही विश्लेषण यही है की देश की प्रगती को इस ड्रग से देश के युवाओं की ऊंची उड़ान की हरियाली फसल को जलाकर इसे अफीमी धुओं में परिवर्तित कर से युवाओं की आँख बंद करा के जनता “को रोना आ रहा है.

 

क्या.., यदि.., देश की सभी सरकारें एकजुट होकर देश के नौकरशाही ईमानदारी पूर्वक संकल्प लेकि वे सकारी वेतन के अलावा किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का छलावा से अपनी तोंद बढ़ने नहीं देंगे..,

 

पहिले मेरा देश.., “मैंने देश को क्या दियाका नारा तभी सार्थक होगा.., जबमैंने रिश्वत नहीं लियाअपने फर्ज में कामचोरी नहीं की”.अर्थात देश सुनहरे भविष्य की ओर, एक नीले गगन के तले , जंहा किसी का दिल नहीं जले, जहां गम न हो प्यार ही प्यार पलें..

 

दोस्तों लिखने की सीमा तो अनंत है .., लेकिन आज के कंप्यूटर युग पढ़ने वाले गिने चुने ही हैं ..

 

Thursday 17 September 2020

इस धुओं को साफ़ करने का फर्ज , अब जनता को देश का कर्ज चुकाने का सुनहरा अवसर है , एकजुट मिलकर , देश को अग्रसर करने का स्वरिम अवसर है DRUG , DRAGS NATION नशा देश को पीछे धकेलता है.., शराब व अन्य नशे ने समुन्दर से ज्यादा लोगों को डुबाया है.., देश को डुबाया है इस गोरख धंधे को जिस देश की पुलिस ,सत्ताखोरों न्यायसाही ने खुली प्रश्रय दिया है वह देश आज भी भीखमंगों की कतार में अग्रणी है हिंदुस्तान जैसे देश में यह आज वोट बैंक से ज्यादा मजबूत अस्त्र है , भले देश का युवा अपनी कर्मण्यता खोकर त्रस्त है लेकिन यह खेल नारों में अफीमी घोल का 73 सालों से एक कारगर हत्यार है देश के सत्ताखोरों ने लोकतन्त्र की आड़ में लूट तंत्र का खेल खेलने का इसे आज भी सुनहरा अवसर ही माना ,

 



जरूर पढें/ यह कॉपी पेस्ट वाला TEXT का TASTE नहीं, इस पोस्ट को पढ़ने में राष्ट्रवाद का नशा है , इसमें कोई टैक्स या GST नहीं है.., लेकिन इसका अनुसरण से देश को ऊँचाई को छूने  की मंत्र है , देश का कड़वा सच है / सरकारों को संकल्प लेने “शपथ पत्र है” व देश अपने आप कर्मपथ से  अग्रसित रह चंद दिनों में विश्व गुरु  बनेगा..!!!!!!,




आश्चर्य नही सच है , क्या अब भी डर से शुतुरमुर्ग की तरह आपकी आँखे बंद है कि  मैं अकेला क्या कर सकता  हूँ..!!!!!, यह माफियातंत्र मुझे घुटन से मार डालेगा.., सर उठाओ  अब तो अपनी आँखे खोलों..,



तुरमुर्ग की तरह आपकी आँखे बंद है कि  मैं अकेला क्या कर सकता  हूँ..!!!!!, यह माफियातंत्र मुझे घुटन से मार डालेगा.., सर उठाओ  अब तो अपनी आँखे खोलों..,





 

७३ सालों से.., भ्रष्टाचार भुखमरी सत्ता शराब अफीम के धुओं से देश का सूरज काले बादलों से छुपा है देश गमगीन है , देश का माफिया वर्ग रंगीन से रंगीला होकर  किसानो जवानों का पसीना पीकर वह देश का नगीना नहीं..,नाग नागिन है



इस धुओं को साफ़ करने का फर्ज , अब जनता को देश का कर्ज चुकाने का सुनहरा अवसर है , एकजुट  मिलकर , देश को अग्रसर  करने का स्वरिम अवसर  है 

 DRUG , DRAGS NATION नशा देश को पीछे धकेलता है.., शराब व अन्य  नशे ने समुन्दर से ज्यादा लोगों को डुबाया है.., देश को डुबाया है




इस गोरख धंधे को जिस देश की पुलिस ,सत्ताखोरों न्यायसाही ने खुली   प्रश्रय  दिया है वह देश आज भी भीखमंगों की कतार में  अग्रणी है


हिंदुस्तान जैसे देश में यह आज वोट  बैंक से ज्यादा मजबूत अस्त्र है , भले देश का युवा अपनी कर्मण्यता खोकर त्रस्त है लेकिन यह खेल नारों में अफीमी घोल का 73 सालों से एक कारगर हत्यार  है


देश के सत्ताखोरों ने लोकतन्त्र की आड़ में लूट तंत्र  का खेल खेलने का इसे आज भी सुनहरा अवसर ही माना , 




और हर अगले 5 सालों तक प्रदेश से देश के सत्ताखोरों / राज्य से केंद्र सरकारों  ने इसे अपनी कुर्सी पर खूटा बंधा समजकर अपनी कुर्सी  को धरती पड़कर मानकर , देश को कुरूप बना के इस  खेल में एक तरह से कुरूपता का  कुरूक्षेत्र की  रणभूमि  बनाकर हर साल लाखों लोगों की बलि के बावजूद से आज तक देश में  खलबली  नहीं  मची है क्योंकि देश की इस कुरूपता में महाबाहुबली के दमखंभ का  खेल है  देश को लूटने का खेल बदस्तूर जारी है..,


कोरोना से GDP का  पी.., पी.., पी.. का रोना गाकर देश की जनता को घबराया जा रहा है, सही विश्लेषण यही है की देश की प्रगती को इस ड्रग से देश के युवाओं की  ऊंची उड़ान की हरियाली फसल को  जलाकर इसे  अफीमी धुओं में परिवर्तित कर से युवाओं की आँख बंद करा के जनता ‘को – रोना “ आ रहा है, 


क्या.., यदि.., देश की  सभी सरकारें एकजुट होकर देश के नौकरशाही ईमानदारी पूर्वक संकल्प लेकि  वे सकारी वेतन के अलावा किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का छलावा से अपनी तोंद बढ़ने नहीं देंगे..,

 

पहिले मेरा देश.., “मैंने देश को क्या दिया’  का नारा  तभी सार्थक होगा..,  जब  “मैंने रिश्वत नहीं लिया” व  “अपने फर्ज में कामचोरी नहीं की”.अर्थात देश सुनहरे भविष्य की ओर, एक नीले गगन के तले , जंहा  किसी का दिल नहीं जले, जहां गम न हो प्यार ही प्यार पलें..

दोस्तों लिखने की सीमा तो अनंत है .., लेकिन आज के कंप्यूटर युग पढ़ने वाले गिने चुने ही हैं ..  

साभार :  www.meradeshdoooba.com