Sunday, 26 November 2017

२६ नवम्बर १९४९ को देश का संविधान दिवस माना गया है .., वहीं २६ नवम्बर २००८ ..., देश के इतिहास में सत्ता के गद्धीदारों की गद्दारी के रूप में जाना जाएगा ..जागो देशवासिओं.., फ़्रांस से हमें सिखना होगा.., अब राजनीती नहीं.., राष्ट्रनीती का वक्त आ गया है... कसाब का हिसाब V/s फ्रांस के पेरिस पुलिस का पौरूष


२६ नवम्बर १९४९ को देश का संविधान दिवस माना गया है .., वहीं २६ नवम्बर २००८ ..., देश के इतिहास में सत्ता के गद्धीदारों की  गद्दारी के रूप में जाना जाएगा ..

मुंबई आतंकी हमले के समय देश के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर  तुकाराम ओंबले ने...,   आतंकवादी घटनाओं को राजनैतिक रंगा सियार से सत्ता में अपना प्रभुत्व ज़माने के राजनैतिक खेल को ख़त्म कर , राजनेताओं को उनकी  अवकाद  अपने रगों में दौड़ते खून में राष्ट्रवादी उबाल से दिखा दी थी , जब अजमल कसाब के AK -47 से दनदनाती फव्वारे की गोलियों की परवाह न करते हुए बन्दूक की नाल का जमीन की तरफ  मोड़ते  हुए अपनी जान गंवाकर इस आतंकवादी को ज़िंदा पकड़ वाने में मदद की ..., लेकिन राजनेता अपना श्रेय लेने की होड़ में...,  इस महानायक का नाम धूल में मिटा दिया था लेकिन अंततः  राष्ट्रवादी ताकतों के दवाब से  तुकाराम ओंबले अशोक चक्र से नवाजे गए.
   
जागो देशवासिओं.., फ़्रांस से हमें  सिखना होगा.., अब राजनीती नहीं.., राष्ट्रनीती का  वक्त आ गया है...

कसाब का हिसाब V/s  फ्रांस के पेरिस पुलिस का पौरूष
२६/११ के कसाब का हिसाब ..जय हो..राष्ट्रवादी मच्छरसच में तुम तो हो ज्ञान के सागर ...

१.  हमने मुम्बई आतंकी हमले  का ७२ घंटों को घाव  बनता दिखाकर दुनिया को जीवंत प्रसारण दिखाकर..सहानूभूति की गुहार लगाते रहे .., जबकि फ़्रांस ने त्वरित कारवाई कर इसे ५ घंटे में ख़त्म कर दिया.

२.  हमारी सुरक्षा एजेंसी दिल्ले से मुम्बई हवाई  जहाज से पहुँची लेकिन २४ घंटे तक ताज व ट्रिडेंट होटल में आतकवादियों से लड़ने की अनुमति नहीं मिली .

३.  वहीं नरीमन हाउस पर हमले पर इजराईल ने हमें बुजदिल कौम करारते हुए कहा यदि तुममें हौसला नहीं है तो हमारी सुरक्षा एजेंसी इसका त्वरित निदान करेगी 

४.  हमारे सत्ताखोरों ने इस प्रसारण से आतंकवादियों के आकाओं को सुलभ मार्ग दर्शन से लोगों को चुन चुन कर मारने का आदेश मिला जबकि फ़्रांस की सरकार ने इस कार्य को पूरा न होने तक इसकी सूचनाएं गुप्त रखी

५.  फ़्रांस के फूटबाल मैच के दौरान बाहर निकलकर राष्ट्रपति स्टेडियम के कंट्रोल रूम से जानकारी लेकर आगे की कारवाई का मार्गदर्शन करते रहें.., जबकि मुम्बई के कंट्रोल रूम से मुख्य मंत्री से राजनीती के संतरी ने आने की जरूरत नहीं समझी.., जबकि महाराष्ट्र के पुलिस कमिश्नर हसन गफूर .., जिन्हें कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी दी थी .., इस भयावता देखकर मार्ग दर्शन देने की बजाय  वहां से रफू चक्कर हो गए.

६.  हमने मौत के आंकड़े जोर शोरों से प्रचार कर..,मीडिया भी TRP से मालामाल हो गई वहीं  फ्रांस इसे अपनी अस्मिता पर भयावह हमला मानकर दुनिया को मौत के सही आंकड़े न बताकर  इसे  अपनी खिल्ली मानकर, इसके प्रतिशोध की तैयारी कर रहा है.

७.  दोस्तों बाटला हाउस के आतकवादियों के मुठभेड़ में देश के  लिए अपनी जिंदगी कुर्बान करने वाले अपनी नौकरी में सात बार वीरता पुरस्कार पाने वाले जांबाज शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा द्वारा २ आतंकवादियों को ढेर करने पर.., इसे फर्जी मुठभेड़ की संज्ञा देकर  कोर्ट द्वारा फटकार मिली , वही हरीश रावत द्वारा ५० लाख की नकद राशि विधवा शर्मा के घर जाकर देने पर विधवा ने फटकारते हुए यह नकद राशी लेने से इनकार करते हुए कहा मेरी पति  की शहादत पर राजनीती का शहद मत खाओं.

८.  वहीं, इशरत जहां को भी फर्जी मुठभेड़ कहने  पर अमेरिका .
के जासूस हेडली द्वारा अल कायदा का एजेंट करार देने व सुप्रीम कोर्ट द्वारा लताड़ मिलने पर देश के राजनेताओं से बुध्हिजीवियो बुद्धीजीवियों की जबान बंद हुई

भाग -२


जाने.., आतंकी कसाब को कोहिनूर हीराबना कर सत्ता चमकाने का खेल.....

१. एक आतंकवादी को “अति विशेष अतिथी” बनाकर १०० करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च..... 

२. इंग्लैण्ड के कोहिनूर हिरे की रखवाली से जादा सुरक्षा .......

३. उम्र जानने के लिए दांतों की जांच.......

४. छीक आने पर नशेड़ी नेताओं को बुखार.......

५. गाली देने पर विशेष चिकन बिरयानी....... 

६. तबियत व सुविधा की कमी जानने के लिएमहाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आ. ,पाटिल व भा.ज.पा के विपक्षी नेता एकनाथ खडसे की सद्भावना मुलाक़ात....... 

७. मुम्बई के सरकारी... जे.जे अस्पताल में लाखों रूपये खर्च कर विशेष अतिथी के रूप मेंईलाज के लिए अलग कमरे का निर्माण , लेकिन कसाब का वहाँ नही हुआ पदार्पण.......

८. कसाब को कोहिनूर हीरा मानकर , अमेरिका को बाप मानकर लगाई बड़ी गुहार , पाकिस्तान द्वारा अपने देश का नागरिक न होने की कहकर... , हिन्दुस्तान को दी दुत्कार...

९. टी.आर.पी. से प्रिंट व मीडिया बना मालामाल....... 

१०. कसाब बना अन्तराष्ट्रीय चमक वाला हीरा....... 

११. आर्थर रोड जेल के कैदियों को मलाल , हमारे एक ओराप की नाही है , क़द्र ...???. और ३०० से ज्यादा हत्या करने वाला अपराधी कसाब है.... भद्र ....????????????? .......

१२. पुलिस द्वारा कसाब की शारीरिक क्षमता जांचने पर.... कसाब १० से भी ज्यादा पुलिस वालो.पर पडा भारी... पुलिस बल भी हक्का बक्का....????? ....... 

१३. सुनवाई में कसाब के लिए विशेष , मीडिया व्यवसायी कीव समाचार वाहनों की भीड़ से ट्रैफिक जाम , रोड पर चलने वाली जनता परेशान....... 

१४. आरोप पत्रों के कागजो का वजन , कसाब से दुगना ... और वकिल जजों , मीडिया की कमाई १०० गुना.......

१५. कसाब के खर्च का हिसाब... राज्य सरकार के दिवालिया होने के बाद में ... केंद्र सरकार द्वारा पैसे देने में आनाकानी....... 

१६. इतनी VVVVV.... IIIIII..... PPPPP.... अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा के सुरक्षा से... कसाब के सुरक्षा का कवच भारी.......
१७. करोड़ों के अंडा सेल में उसने देश की कितनी मुर्गी मारी ...इसका कोई हिसाब नहीं है...??????????? .......

दोस्तों यह सब देखकर, “अति विशेष अतिथी” फांसी की कतार में रहकर ....आजीवन मुर्गीया न खाता रहे ... तब....एक राष्ट्रवादी मछर को बहुत गुस्सा आ रहा था , वह देश की मुर्गीयों (खजानों) को ही न खाली कर रहे है ... व इसके आड़ मेंसत्ताधारी सत्ता के नशे की शराब सेदेश के बड़े घोटालों व सीमा पर जवानों की सुरक्षा व अन्य समस्याओं को वे मीडिया चैनलों के कोट से ढक रहे है. 

१८ इसी की आड़ में बुलेट प्रूफ से हत्यारों की खरीद में घोटाला , ऐक-४७ के ४७ से..ज्यादा बार खरीद के नाम से योजनायें बनाना...

१९केद्र सकार द्वाराहत्यार देने की बात पर राज्य सरकारों का इनकार करनाविदेशी प्रशिक्षको द्वारा कमांडों ट्रेनिग से पुलिस दल काट्रेनिग से भागना , शेष मिले हत्यारोंस्पीड बोटों व अन्य का जंग से खराब होना... 

२० महाराष्ट्र के गृहमंत्री का स्काटलैंड पुलिस से शहर की सुरक्षा के नाम से विदेशी दौरा कर , सी.सी.टी.वी.लगाने की कीमत बार बार बढाए जाने पर भी . कैमरे की योजना से जनता को बहक्लाना...

२१ कसाब के स्वागत की प्रेरणा से आतंकवादियों द्वाराधमाके से अपना कर्म के चुपचाप निकल जाना...

२२. हेमत करकरे व अन्य की मौत पर , आतंकवादी से ज्यादा आरोप... पार्टीयो के अंदरूनी आरोपों से सत्ता हांक रहे थे...


तब एक राष्ट्रवादी मच्छर , गुस्से से लाल पीला होकरदेश के महाडॉन का रक्त चूसकर , डेंगू के बीज का महादान करअपने जज्बे से कसाब का हिसाब करउसे हमेशा-हमेशा के लिए सुला दिया ...


जय हो.... मच्छरों के महाबली , आपने तो अपने डंक से.... अंडा सेल को भेदकर (जिसे सता के नशेड़ी..अभेदबुलेट प्रूफ , बम प्रूफ कहते थे)... सच में आपके बहादुरी के सामने , भारत को रत्न समझक्र लूटने वाले नेताओं का नशा उतारने की एक मशाल हो....युवाओं को प्रेरणा की एक मिशाल हो... मच्छरों में बेमिसाल हो.... देश आपका ऋण कभी नहीं चुका सकता है....तुम्हे कोटि –कोटि प्रणाम ....क्योकि इसकी भनक तो प्रधानमंत्री मौन मोहन सिंग को भी नहीं लगी....????



२६/११ के हमले के ९  साल, विदेशी कसाब बना था, सत्ताखोरों की देशी शराब, दुनिया का एक मात्र कैदी जो जीते जी जन्नत की जिंदगी जी कर, एक राष्ट्रवादी मच्छर ने, जो सत्ताखोरों के खेल में, गुस्स्से से लाल-पीला हो गया था , तब उसने प्रतिशोध में डेंगू के विषाणु से, इस सत्ता के दुलारे कसाब को, अल्ला को प्यारा किया..., सत्ताखोर इस मच्छर के खेल से भौंचके रह गए... सत्ता चमकाने के लिए, यह श्रेय अपने नाम करने के लिए, इसे, अपना धेय्य कहकर..., आनन् फानन में कसाब के फांसी की घोषणा कर दी गई...

इसी आड़ में आज १०० करोड़ के खर्च व १०० करोड़ से ज्यादा के सुरक्षा के नाम से खरीदी गई स्पीड बोट आज कबाड़ में पड़े है... क्योंकि इसमें डीजल के खर्च व पुलिस कर्मचारियों को ट्रेंनिंग के खर्च का बजट ख़त्म हो गया है...CC TV बंद होकर धुल फांक रहें हैं...

२६/११ के कसाब का हिसाब ..जय हो.., राष्ट्रवादी मच्छर, सच में तुम तो हो ज्ञान के सागर ...


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बापू के तीन बंदर, अब बन गये है मस्त कलन्दर  http://meradeshdoooba.com
बोलू : अरे देखू ,तु क्या देख रहा है ?

देखू : तुझे मालुम नही है, ये देश डूब रहा है, देश मे गोल माल हो रहा है

बोलू : देश डूब रहा है, अरे ये तु क्या कह रहा है?

देखू : हा, भ्रष्टाचार की भयकर बाढ आई है , सुनामी भी इसके सामने कुछ नहीं है,
सीमाओ पर दुश्मनो की लाल बत्ती लगी हुई है, और देश के सत्ताधारी लाल बत्ती गाडी के लिये आपस मे लड रहे है.

बोलू : और आगे , तू क्या देख रहा है?
देखू : देश भूखमरी के मार से मर रहा है महगाई से आम जनता त्राहि- त्राहि मचा रही है

बोलू :और क्या क्या देख रहा है?

देखू : इस जनता के त्राहि- त्राहि के पीछे, दूर एक राष्ट्रवाद का लंगूर दिख रहा है

बोलू :तो हम तीनो को देश छोड कर भागना पडेगा, तुझे तो मालुम है जब संसद भवन परिसर मे हमारे वंशज बन्दर, संसद की लूट मारी देखने के लिये जमा होती है तो हमारे सत्ताधारी, भ्रष्टाचारवाद का लंगूर किराये पर लेकर,हमारे बन्दरो को भगातें है.

देखू ,अब मुझे डर लगता है कही वह राष्ट्रवाद का लंगूर न आ जाये?

देखू : नही बोलू , वह राष्ट्रवाद का लंगूर है और बेहद भुखा है, उसका शरीर अस्ति-पिजर का ढाचा है , उसे 65 साल से उसे खाना नही मिला है. वह मरणासन्न स्थिती मे है, यदि देश की जनता उसका सम्मान करे तो वह लंगूर हमे नही भगायेगा ,वह लंगूर बेहद इमानदार है, वह लंगूर बहुजन हिताय - बहुजन सुखायके सिद्धांत का पालक है, उसके आने से देश मे खुशहाली आ जायेगी, यही नही संसद व देश के लूटेरे भी उसको देखते ही भाग जायेगे

बोलू : तो उस लंगूर को हमारे देशवाशी ठीक क्यो नही हो रहा है?

देखू : बोलू तुझे पता नही इसके पीछे बडा केमिकल लोचा है, इसमे हमारे बापू के नाम को घसीट कर, इस लंगूर को और कमजोर बनाया जा रहा है

बोलू : अरे...??? वह कैसे ...?? कैसे ....,.???

देखू : हमारे भ्रष्टाचारी नेता जनता को अलगाववाद जातीवाद, भषावाद ,धर्मवाद की शराब पीलाकर, जनता से कहते है कि तुम्हारे पालनहार केवल हम और हम ही है, और उपर से अपने को गाधी के अहिंसा के सिद्दांत की औलाद कहते है

बोलू : भ्रष्टाचार.... ??? तो क्या यह राष्ट्रवाद का लंगूर मर जायेगा ?

देखू : नही बोलू यह जनता पर निर्भर करता है, यदि जनता दो-तीन् सालो मे इस की सेहत ठीक नही करती है तो देश या तो टूट सकता है या देश की जनता, एक मुसीबत मोल ले सकती है या एक नई गुलामी के बन्धन मे , नई गुलामी के जंजीर मे फँस सकती है
बोलू :ठीक है जब तक राष्ट्रवाद का लंगूर नही जागता है, तब तक, तु मुझे देश का हाल दिखा?

भाग -2

बोलू :अब तू क्या देख रहा है ?

देखू : सींघम अभी-सेक्स कर रहा है.

बोलू :अरे, तूने तो दिल्ली की तरफ दूर्बीन लगा रखी है वहाँ सिंघम कैसे सेक्स कर सकता है? वहा कोइ जंगल भी नही है?

देखू : हाँ, सिघम कोर्ट रूम मे सेक्स कर रहा है.

बोलू : सिघम और सेक्स???? कोर्ट रूम,,??? लेकिन कोर्ट रूम मे सिहनी कैसे पहुची

देखू : अरे बोलू तुझे पता नही है , देश के जंगलो से ज्यादा जंगल राज तो दिल्ली मे है
और वह जज बनने के चक्कर मे फंस गइ है.

बोलू : तो इसका मतलब यही है क्या? सभी देश की महिला जज अपने प्रदेशो के सिंघम का शिकार हुई है.

देखू : देश की महिला जज की सच्चाइ मेरे दूर्बीन से तो पता नही चलेगी? हाँ, डी.एन.ए
टेस्ट सच्चाइ जरूर उगलेगा,

बोलू : लेकिन दिल्ली के सिंघम ने देश के संविधान की धज्जिया उडा दी है क्या संविधान उसे दंड देगा ?

देखू :इस देश मे जो संविधान का रक्षक होता है वह दंड का अधिकारी नही बल्कि वह संविधान का संरक्षित सदस्य होता है.

बोलू : हाँ, अब मुझे समझ मे आया, एक नारायण जिसकी नारी रामायण बहुत मशहूर है वह भी हैदराबाद के जंगल में सेक्स करते पकडा गया , सबसे बडा ताजुब्ब है कि, उसे दिल्ली के जंगल से, हैदराबाद के जंगल मे, संविधान की रक्षा के लिये भेजा गया था. और संविधान ने उसके इस कृत्य के लिये दंडित करने की तो बात छोडो, उसके सेक्स सीडी पर रोक लगाकर सम्मानित किया गया

देखू : अभी नारी नारायण समाचार वाहिनी मे मै साक्षात्‍कार दे रहा है । संवाददाता पूछ रहा था की क्‍या यह सही है?, नारी नारायण समाचार वाहिनी मे बेधडक कह रहा है, आपने जो मेरे चल चित्र देखे है ,मै अपने चाल - चरित्र मे उससे भी कही बहुत आगे हू., पूछो ? आगे और क्‍या पूछना है ?

बोलू : उसके कहने का मतलब यही है. कि इस क्रिया के लिए मुझे बापू द्वारा प्रेरणा मिलकर, प्रेरित हुआ हूँ । मतलब वह अपने चाल - चरित्र मे बापू का चाल चरित्र जोड रहा है?
.
बोलू :अरे सुनू,..... तू क्या क्या सुन रहा है?

सुनू : देश से इतने काँल आते है, कि एक काँल सुनता हू तो चार-पाँच आनेवाली काँले इंतजार मे रहती है
बोलू : अभी तू क्या सून रहा है यह तो बता ?

सुनू : एक जायसवाल नाम का कोइ मंत्री है, उसके मुँह मे कोयले की कालिख लगी है और वह कह रहा है , मुझे तो नई शादी व नई बीबी मे जो जोश आता है , उससे कोइ बडा सुख नही है

बोलू : यह तो नारी नारायण का भी बाप निकला है
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Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.....
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Tuesday, 14 November 2017

१९४७ में भारतमाता के अंग भंग से लहू लूहान से घायल हिन्दुस्तान के पांवों में अंगरेजी संस्कृति की पायल डाल कर विदेशी हाथ , साथ , विचार , संस्कार से अपने को स्वंय –भू , देश का चाचा घोषित कर “बाल दिवस” व भारत रत्न से नवाजा..., इस खेल का पर्दाफ़ाश.., जब चीन ने नेहरू को यों कहे देशवासियों को थप्पड़ मारकर देश के टुकड़े कर , हड़प कर, नेहरू की छद्म भूमिका /स्वांग की पोल खोल कर रख दी ..


नेहरु का इस्लाम को सलाम , हिन्दुओं को गुलाम के तत्व से गौ ह्त्या का विरोध व अपने को हिन्दू धर्म में पैदा होने व खानपान में मुस्लिम व संस्कृति से इसाई के स्वांग से अपने को शान्ति दूत कह...!!!, १९४७ में सत्ता परिवर्तन में एडविना बेंटन के साथ जिन्ना व नेहरू के समान शारीरिक संबध से.., प्यार के नशे के फोटो को एडविना बेंटन ने जनता में सार्वजनिक करने के धौस से .., नेहरू व जिन्ना के राजनैतिक जीवन की ह्त्या होने के भय से .., देश के बंटवारे के धार से देश के बंटवारे की तलवार से केक (cake) की तरह काट कर  सत्ता परिवर्तन को आजादी शब्द से भरमाकर, हिन्दू बहुल क्षेत्र पाकिस्तान को  सौंप कर..., नेहरू ने १४ नवम्बर, एडविना बेंटन ने २८ नवम्बर व जिन्ना के जन्म दिन २५ दिसम्बर के क्रिसमस को   अपना नया राजनैतिक  जन्म दिन १५ अगस्त को ही मना लिया था ...,

गांधी के सत्य व ब्रह्मचर्य के खेल के राज से सेक्स के खेल  की चाबी भी  एडविना बेंटन के पास थी.., यूं कहें आजादी का झांसा एक BLACK-MAIL EXPRESS से ७० सालों  से आज तक एक काला दिवस ही साबित हो रहा है..., देश कर्ज के गर्त में आज भी डूब रहा है  

१९४७ में भारतमाता के अंग भंग से लहू लूहान से घायल हिन्दुस्तान के पांवों में अंगरेजी संस्कृति  की पायल  डाल कर विदेशी हाथ , साथ , विचार , संस्कार से अपने को स्वंय –भू , देश का  चाचा घोषित कर “बाल दिवस” व भारत रत्न से नवाजा...,
इस खेल का पर्दाफ़ाश..,  जब चीन ने नेहरू को  यों कहे देशवासियों को थप्पड़ मारकर देश के टुकड़े कर , हड़प कर, नेहरू की छद्म भूमिका /स्वांग की पोल खोल कर रख दी ..

दोस्तों बड़े दुःख के साथ लिखना पड़ रहा है की एक अय्याश ..., व्यभिचारी के जन्म को बाल दिवस के रूप में आज भी मनाया जाता है..., इतिहास को घोर अँधेरे  में रख कर ...
यदि हिन्दू कैलेंडर के नव वर्ष के प्रथम दिवस को बाल दिवस के रूप मनाया जाय तो देश की  तस्वीर, प्रगति शील पथ से एक नए सूरज की किरण से  अलग ही होगी ..


यह मोतीलाल नेहरू का योग या संयोगकहा जाएजो १४ फरवरी के ठीक ९ महीने बाद१४ नवम्बर को जवाहरलाल नेहरू को जन्म दिया...!!!!, 
याद रहे...मोतीलाल नेहरू राजा-महाराजाओं के विवादों के वकालत से अपने बेशुमार आय सेअधिक व्यय-भिचार से हिंदु संस्कृति को भ्रष्ट करने की वजह से काश्मीरी हिन्दुओं ने उन्हें अपने समाज से निकाल फेंका था...
और इसी क्रिया को उनके पुत्र जवाहरलाल नेहरू ने बरकरार रखते हुए..,सत्ताल
ोलुप बनकरसत्ता परिवर्तन (१९४७) के बाद कहा था 

नेहरु का हिन्दू-विरोधी वक्तव्य था... जवाहर लाल नेहरुबहुत बार कहा करते थे कि ..., “मैं जन्म के संयोग से हिन्दू हूँसंस्कृति से मुसलमान और शिक्षा से अंग्रेज हूँ.” उन्हें हिन्दुओ की भावना की रत्ती भर भी परवाह नहीं होती थी,जिनके वोटो के बल पर उन्होंने सत्ता प्राप्त की थी.

वही हालएक तरफ तो पंडित नेहरु के नातीराजीव गाँधी का हिन्दू-विरोधी वक्तव्य दिया..राजीव गांधी ने हिन्दुस्थान का प्रधानमंत्री होते हुए भी सन्डे टाइम लन्दन को एक साक्षात्कार में नि:संकोच कहा की ‘मेरे नाना जवाहरलाल नेहरु एक नास्तिक (एग्नास्टिक) थे. मेरे पिता पारसी (गैर हिंदू) थेमेरी पत्नी इसाई हैऔर मैं किसी धर्म में विश्वास नहीं करता.’ 

क्या..??, एक अय्याश व्यक्ती के नाम “बाल-दिवस” मनाना उचित है..,
देश का बाल दिवस तो हिन्दू संस्कृति के अनुसार “गुड़ी पाडवा” के दिन , नूतन दिवस मेंनई किरणों से “बाल निर्माण” के साथ “राष्ट्र निर्माण” की अलख सेहोतो...देश एक नए उजाले की ओर अग्रसर होगा..और देश के २०० सालों की गुलामी से उपजी..६८ सालों की अंग्रेजीयत की बीमारी दूर होगी... 

देश के धनाड्य वर्गों केअंग्रेजी संस्कृति का बखान करने वालों कोयह देश का १२५ वां WELL-IN-TIME और CHILDREN DAY- CHILD-MOTHER, RUN DAY के अनुयायिओं को समर्पित... 

बाल दिवस या भूखमरी से बालकों काबलि दिवस... देश में सालाना ३ करोड़ बालकों की..कुपोषण ईलाज के अभाव से सरकारी योजनाओं को भोजनायें बनाकरमृत्यु ...

यूरोपीय देशों में अवैध रूप से रोपे गए बच्चे..उनकी सरकार गोद ले लेती हैं...व उनके लालन-पानन की व्यवस्था की जिम्मेदारी सुचारू रूप से चलाती है...

लेकिन मेरे देश में गरीबी रेखा व उसके नीचे वैध बच्चे,जो बुढ़ापे में सहारा होते हैं.. , माफियाओं द्वारा चुराकरभीख मांगने व वेश्या वृति व्यवसाय में धकेल दिए जातें हैं...,
देश में पुलिस के नाक के तले , निठारी काण्ड से बच्चे, , मानव भक्षियों के शिकार होकरपुलीस थाने के सामने नालों में फेंक दियें जाते है...

सत्ताखोर व पुलिस भी इसे माफियाओं का आम खेल मानकर..रिश्वत की रूई से अपनेआँख- कान बंद कर लेते है...गरीबी लोग रोते –बिलखते इन अपने मासूम बच्चों की तड़फ से अपनी नारकीय जिन्दगी गुजार देतें है...,

अभी २ दिन पाहिले हीसुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को लताड़ लगाते हुएपूछा...देश के करोड़ों..लापता मासूम बच्चों के बारे में क्या कारवाई की है...

याद रहे..अन्ना आन्दोलन के चरम सीमा में पहुँचने के पहिलेजब उन्होंने रामलीला मैदान में रैली के लिए अनुमति मानीतो मनमोहन सरकार ने उन्हें इस रैली की जगहजयप्रकाश नारायण पार्क में रैली की अनुमती दी..वह भी शर्तों से.. कि रैली में ५००० से ज्यादा की भीड़ नहीं होगीव ५० से ज्यादा कारों व स्कूटर की पार्किंग नहीं दी जायेगी..जैसे यह अन्ना का शादी समारोह हो..

उसी समय यूरोपीय देशों में नारी का पुरूषों सेसमाधिकार की आवाज में , महिलाओं ने तर्क के साथ कहा कि यदि पुरूष बिना ऊपरी वस्त्र के सडकों पर चल सकते हैं तो महिलाएं क्यों नहीं ...

इसी विरोध मेंउन्होंने ऊपरी वस्त्र खोलकर सडकों में SLEDGE –SHOW का प्रदशन प्रदर्शन किया ...तब हमारे देश की INDIAN व अंग्रेजी से पेट भरने वाली धनाढ्य महिलाओं ने इस आन्दोलन के समर्थन में गुहार लगाई तोदेश का महिला अधिकार आयोग भी इस की मुखालत करते आगे आया तो..उनके मनानुसार उन्हें , जंतर मंतर से संसद भवन तक SLEDGE –SHOW की अनुमती मिली ...,

अभी तोखुले रास्ते में “चुम्बन दिन” मना कर इंडियन वर्ग अपने को अभिमानीत कहगर्व मना रहा है...

विदेशी धन , विदेशी संस्कृति के निवाले...को देश की जनता पर थोपने का अधिकार...

क्या यह अंग्रेजी आवरण के छुपे खेल में भारतीय संस्कृति पर पर प्रहार नहीं है...!!!!

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