Friday, 23 March 2018

कहते है, राख तले चिंगारी ही आग का बीज होती है , जो बुझी आग को प्रज्ज्वलित कर सकती है..., ऐसे ही देश के विभिन्न छेत्रों की करोड़ों प्रतिभाए दम घुट कर मर रही हैं.., और जुगाड़ पद्धती स अपना जीवन यापन कर रही है.., विदेशी भी इनकी प्रतिभाओं से अचंभित होकर, इनकी जुगाड़ पद्धती को अपना पेटेंट बना रही है.., यदि इन करोड़ों प्रतिभाओं को सम्मान दिया जाए तो ये, ही.., देश में बुझे राष्ट्रवाद को ज्वलंतशील बना सकती है..,


१ .भगत सिंग के भक्त द्वारा .., यह कलाकृती.., मुम्बई के फूटपाथ के, गरीबी रेखा के झोपड़े में रहने वाले युवक की है.., जो गरीबी की वजह से स्कूल छोड़ देते है.., लेकिन जीवन में उनमें,जज्बे से हुन्नर अपने आप निर्माण होता है.., फुटपाथ ही उसकी जीवन के सृजन की कलाकृति व जीने का आनंद है.., कभी रंग बिरंगे चोक / चाँक से तो कभी , रंगोली के पावडर पर अपनी कलाकृति १ से डेढ़ घंटे में बना कर , राह चलते राहगीर, इस युवक को १ से २ रूपये का सिक्का देकर,  वह युवक अपनी जीवन याचिका का निर्वाह करता है...

२ .बरसात के मौसम में तो इसकी मेहनत चंद घंटों में ही धुल जाती है.. , तब भी अपनी मेहनत धुलने का अफ़सोस नहीं करते हैं..., वह मौसम देखकर फिर से नये विषयों पर एक नयी कलाकृति का निर्माण करता है 

३. .देश के प्रधानमंत्री से छुटमैय्य नेताओं ने, २३ मार्च को, ८७  साल बाद, जोर शोर से इन तीनों बलिदानियों की पूण्य तिथी मनाई, लेकिन इस युवक ने अपने जीवन के सजीव रंगों में इस कलाकृति में ऐसी जान फूंखी है.., जैसे लगता है कि ये क्रांतीकारी इसके दिल में बसा है...,जैसे यह कलाकृति सजीव होकर अभी बोल उठेगी..

४. कहते है, राख तले चिंगारी ही आग का बीज होती है , जो बुझी आग को प्रज्ज्वलित कर सकती है..., ऐसे ही देश के विभिन्न छेत्रों की करोड़ों प्रतिभाए दम घुट कर मर रही हैं.., और जुगाड़ पद्धती स अपना जीवन यापन कर रही है.., विदेशी भी इनकी प्रतिभाओं से अचंभित होकर, इनकी जुगाड़ पद्धती को अपना पेटेंट बना रही है.., यदि इन करोड़ों प्रतिभाओं को सम्मान दिया जाए तो ये, ही.., देश में बुझे राष्ट्रवाद को ज्वलंतशील बना सकती है..


५. ७१  सालों से गरीबी उत्थान के लिए लाखों योजनाए बन चुकी हैं..., जो माफियाओं की भोजनाएं बनकर इनके हक़ की कमाई, देशी विदेशी बैंकों व आलीशान भवनों के निर्माण से कैद है..., दोस्तों ७१ सालों  के सत्तापरिवर्तन की यह मार्मिल तस्वीर है..

७. 
७१  सालों से ही.., गरीबों के देशी हाथों की शक्ती को काटकर / छीनकर .., विदेशी हाथों से, भारत निर्माण से अच्छे दिनों का देशवासी इन्तजार कर रहें है... 

अगर सरदार भगत सिह को तुम कब्र से उठाओं तो तुम उसे दुखी पाओगे, क्योंकि जिस आजादी के लिए बेचारे ने जान गवाई , वह आजादी दो कौड़ी की साबित हुई , तुम शहीदों को उठाओं कब्रों से और “पूछों”. क्या इसी आजादी के लिए तुम मरे थे , इतने प्रसन्न हुए थे ...??, इन राजनीतिज्ञों के हाथ में ताकत देने के लिए तुमने कुरबानी दी थी ..?????, तो भगत सिह छाती पीट-पीट कर रोयेगा कि हमें क्या पता था , जिंदगी का..., गांधी तो ज़िंदा थे – आजादी आई और आजादी आने के बाद गांधी छाती पीटने लगे थे , गांधी बार-बार कहते थे मेरी कोई सुनता नहीं , मैं खोटा सिक्का हो गया हूँ , मेरा कोई चलन नही है गांधी दुखी है, गांधी सोचते थे : एक सौ पच्चीस साल जीऊंगा , लेकिन आजादी के नौ महीने बाद उन्होंने कहा अब मेरी एक सौ पच्चीस साल जीने की कोइ इच्छा नहीं है , यह बड़ी हैरानी की बात है , शहीदों की चिताओं पर भले मेले भर रहे हों , लेकिन शहीदों के चिताओं के भीतर आंसू बह रहें हैं.


बोलू: अरे देखू.., आज, तू क्या देख रहा है,, {Repost मार्च २३, २०१५}   ( https://www.facebook.com/BapuKeTinaBandaraAbaBanaGayeHaiMastaKalandara/ )

देखू : आज देश के नेता तीन शहीदों का बलिदान दिवस... ८४ सालों के बाद जोर शोर से मना रहें है,,

बोलू: लेकिन इन्हें तो आज तक देश के क्रान्तीकरियों को शहीद का दर्जा नहीं मिला.., इनके घर तो जर्जर अवस्था में हैं..और आज के सत्ताखोरों के स्वतंत्रता सेनानी के तमगे से इन क्रांतीकारियों की जमीनें हड़प कर उनका अस्तित्व समाप्त कर रहें हैं..

सूनू: हाँ आज की वर्तमान सरकारें भी इनकी ह्त्या के रहस्य की फाईलों को गुप्त रख, कह रहीं है..जनता को राज बताने पर विदेशी ताकतों से हमारे सम्बन्ध खराब होने से विदेशी सहायता न मिलने से देश की अर्थ व्यवस्था.., चौपट हो जायेगी 

बोलू: हाँ..., यही ६८ सालों से सभी सरकारों की व्यथा है.. 

देखू: हाँ, मैं देख रहा हूँ, जहां खुदीराम बोस का मुजफ्‌फरपुर के बर्निंगघाट पर अंतिम संस्कार किया गया था लेकिन उस स्थल पर शौचालय बना दिया गया है. इसी तरह किंग्सफोर्ड को जिस स्थल पर बम मारा गया था उस स्थल पर मुर्गा काटने और बेचने का धंधा हो रहा है.

बोलू :यह शहीदों के प्रति घोर अपमान और अपराध है? देश के स्वाभिमान का घोर अपमान है...

अगर सरदार भगत सिह को तुम कब्र से उठाओं तो तुम उसे दुखी पाओगे, क्योंकि जिस आजादी के लिए बेचारे ने जान गवाई , वह आजादी दो कौड़ी की साबित हुई , तुम शहीदों को उठाओं कब्रों से और पूछों”. क्या इसी आजादी के लिए तुम मरे थे , इतने प्रसन्न हुए थे ...??, इन राजनीतिज्ञों के हाथ में ताकत देने के लिए तुमने कुरबानी दी थी ..?????, तो भगत सिह छाती पीट-पीट कर रोयेगा कि हमें क्या पता था , जिंदगी का..., गांधी तो ज़िंदा थे आजादी आई और आजादी आने के बाद गांधी छाती पीटने लगे थे , गांधी बार-बार कहते थे मेरी कोई सुनता नहीं , मैं खोटा सिक्का हो गया हूँ , मेरा कोई चलन नही है गांधी दुखी है, गांधी सोचते थे : एक सौ पच्चीस साल जीऊंगा , लेकिन आजादी के नौ महीने बाद उन्होंने कहा अब मेरी एक सौ पच्चीस साल जीने की कोइ इच्छा नहीं है , यह बड़ी हैरानी की बात है , शहीदों की चिताओं पर भले मेले भर रहे हों , लेकिन शहीदों के चिताओं के भीतर आंसू बह रहें हैं.

सूनू: बात तूने पते की कही है,,,, जनता भी यही कह रही है,,,

बोलू: देश के शहीदो के अपमान से बने , गाँधी के नाम से, नेता, अपनी नंगई से बनें बेईमान, सत्ता को सट्टा के नाम से देश को भ्रष्टाचार से खोखला कर दिया, आज भी हमारे क्रंतिकारी शहीद भगतसिग, सुभाषचन्द्र बोस , चन्द्रशेखर से वीर सावरकर को भी देश्द्रोहीयों की काली सूची मे है...आज शहीदो के चिताओ पर राजनेता अपनी भ्रष्टाचार की, रोटी सेंककर, अपने को शहीदों से महान बनाने की हौड मे है.. देश का शहद चाटकर , आज देश के गली , मुहल्ले ,नगर , शहर, शिक्षा व अन्य संस्थानों पर ऐसे करोड़ों नाम हैं...,जिसे अपने नाम कर लिए है...??

देखू: हाँ.., ३० साल बाद, नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस स्वाभिमान को जगाने, उनके स्मारक में जाकर जोशीला भाषण मैंने सूना 

देखू: हाँ , सवेरे से प्रधानमंत्री की दौड़ में होड़ लगाने के लिए, सभी पार्टियों के छुटभैये नेता श्रेय ले रहे थे..., जैसे हममें ही.. सरदार भगत सिंग का ही खून दौड़ रहा है..., और तो और श्रदांजली देते समय अन्ना हजारे के आंसू छलक गए थे..

बोलू: लेकिन अन्ना हजारे तो गांधी वादी नेता है...., और गांधी ने तो अहिसा के भ्रामक प्रचार से देश के लोगों को गुलाम मानकर, जलियांवाला बाग़ के भीषण हत्याकांड निर्दोष लोगों की ह्त्या के प्रतिकार न करने से ही, जबकि लाला लाजपत राय की इस प्रतिरोध में मौत होने से..., क्रांतीकारियों में इस शासन को उखाड़ फेंकने का जूनून पैदा हो गया, 

सूनू: हाँ गांधीजी को तो अंग्रेजों से जलपान मिल रहा था.., इसलिए जलियांवाला बाग़ के भीषण हत्याकांड का विरोध नहीं किया था.., उन्होंने तो इन क्रांतीकारियों के कार्य की निंदा कर, अंग्रेजों को एक नया शक्तिबल देकर देशवासियों का दमन करने का पुख्ता इंतजाम कर दिया था,

बोलू: हां.., वे तो.., अंग्रेजों के सेफ्टी वाल के लिए अंग्रेजों के सुरक्षा कवच बने.., जब भी क्रांतीकारियों का आन्दोलन, ज्वलंत होने लगता था.., तब गांधीजी से अहिंसा की बारिश करवाकर.., उनके मंसूबों पर पानी फेर देते थे,

देखू: हाँ.., अब तो मैं देख रहा हूं ..., सेना की जमीन भी हड़प कर, सत्ता की बंदरबांट से आदर्श महलों व घोटालों के मकडजाल से जनता इसमें फंस कर ६८ सालों से उसका खून चूसा जा रहा है.., हमारी गांधी के स्वराज के पुतले की स्वराजका ढिंढोरा पीटकर, विदेशी हाथ, विदेशी, विदेशी साथ विदेशी संस्कार से देश में बेतहासा लूट पर छूट मिल रही है..

बोलू: देश के क्रांतीकारी तो खाते पीते घर के थे, उन्हें सत्ता का लोभ नहीं.., भारतमाता की गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराना था.., और इसे राष्ट्रीय धर्म मानकर देश के लिए कुर्बानी से देश के उज्जवल भविष्य की कामना की अपेक्षाओं को, ६८ सालों से सत्ताखोरों ने देश को विदेशी कर्ज से देश को डुबो दिया है...

सूनू: अभी नेता तो भगत सिंग व अन्य क्रांतीकारियों से अपनी सत्ता की पुरी तल कर, जनता में जोश भरने का खेल, खेल रहे हैं..
देखू : देश की हालत देखकर मैं तो गंभीर हो गया हूँ, मेरे रोये खड़े हो गए हैं.., अब देश का क्या होगा .

बोलू: देश गर्त में जाएगा, जब तक देशवासी में.., यह सोच रहेगी कि.., भगत सिंग मेरे पडोस में पैदा हो..., यदि देशवासी.., “सोच बदले तो देश बदलेगा...,” “राष्ट्रवाद.., राष्ट्रवाद..., राष्ट्रवाद..,” सावरकर, सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद व अनन्य क्रांतीकारी जैसों से ...
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'१८५७ का स्वतंत्रता संग्राम' यह वीर सावरकर की पुस्तक मेरे द्वारा छपाई से, पढ़कर.. देश को राष्ट्रवाद से स्फूर्तीमान बनाये..
भगतसिंगजी.., देश को, आजाद करने के गुर बताता हूं ..
आजाद हिन्द फ़ौजकी यह, “भावी रणनीती अपनाओ..
चंद्रशेखरजी.., देश के चाँद को, शिखर पर पहुँचाकर.. चांदनी रोशनी फैलाकर, देश को आजादी से दिव्यमान बनाओं .. 


www.meradeshdoooba.com (a mirror of india) स्थापना २६ दिसम्बर २०११. कृपया वेबसाइट की ६८७  प्रवाष्ठियों की यात्रा करें व E MAIL द्वारा नई पोस्ट के लिए SUBSCRIBE करें - भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान डायरी


पंगा लेने की पुरानी आदतों से कचरावाल अपंग बनकर, अब विरोधियों पर अपमान से “थूक –कर” अब चाटकर कह रहा है , यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी “चूक “ ., मेरे कार्यकता इस करतूत से गये मेरे से “छूट”..



अन्ना आन्दोलन (२०११) की पैदाइश.., केजरीवाल अपने को ही कह रहा है.., अन्ना का बाप.., अब २०१८ के २३मार्च से आ-मरण अनशन में लोकपाल बिल पर नयी घोषणा अब इस आन्दोलन में केजरीवाल जैसे कचरावाल की पैदाइश  नहीं होगी.., न ही केजरीवाल जैसे कचरावाल को इस आन्दोलन में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी.

अन्ना की इस लोकपाल की मांग व किसानों की डिमांड के सिले-सिले में कचारावाल द्वारा लोकपाल के नाम से फाडे  कपड़ों ..... , को सिलने, अब आमरण  की हुंकार के नाम पर रामलीला मैदान में २०११ की लाखों  की भीड़ की तुलना में अबकी बार सिर्फ ५ हजार की मुट्ठी भर भीड़..

अब  तक, अन्ना का  प्रधानमंत्री को २२ पत्र..., प्रधानमंत्री के २३  वें पत्र में लोकपाल बिल पर विपक्ष को चर्चा पर बुलाने से सभी दल हक्का बक्का..,  

अन्ना का गन्ना चूसकर अब बिल्ली वाल .., गिरगिट वाल को भी मात देकर कह रहा है..., अपने को दिल्ली का बाप
अब इस गन्ने के रस की ऊर्जा मात्र ३३  महीने में गिरगिटी वाल की भूमिका से प्रधानमंत्री पद की आकांक्षा से गंवा दी है.., अब जनता में अपनी प्रतिभा संतरी की भी नहीं रह गई ..,
पंगा लेने की पुरानी आदतों से  कचरावाल अपंग बनकर, अब विरोधियों पर अपमान से “थूक –कर”  अब चाटकर कह रहा है , यह मेरे  जीवन की सबसे बड़ी  “चूक “ .,  मेरे कार्यकता इस करतूत से  गये  मेरे  से “छूट”..

योगेन्द्र यादव, शशी भूषण से पार्टी संयोजकों को सत्ता के दूध से मक्खी की तरह से निकालने का दंभ का दम निकल गया है
सेना के SURGICAL STRIKE के संशय से प्रमाण मांगने वाले अब सरजी के सर पर राजौरी गर्दन गार्डन से MCD चुनाव से ऐसा STRIKE हुआ है कि अब अक्कल ठिकाने आकर अपनी अवकाद दिखा दिला दी है .., क्या अब भी अपना बडबड़ीवाल से, जनता के थपेड़े से.., अब अपने लाल गाल सहलाते रहेंगें ...!!

२७ महीने में फर्जी कानूनी डिग्री वाले मंत्री .., खटिया में महिलाओं का कामासन से राशन कार्ड का काम करवा कर, पार्टी का नाम रोशन .., महिला मार्शल से CCTV की सौगात दिलवाने के झांसे की पोल खुल गई है..., दिल्ली से लूट की तसल्ली अब भी पूरी नहीं हुई है.

राजोरी – “राज जारीगार्डन के सीना जोरी से, भ्रष्टाचार के खाद से दिल्ली की सत्ता से केजरीवाल के गर्दन से गार्डन के फूल पहिले ही सूख गए थे ...,

अब केजरीवाल के साथी सही पकड़े हैंसे MCD- Maha Corruption Development के अपने महा करप्शन डेवलपमेंट से. MCD चुनाव ने उनको अपनी अवकाद दिखा दी है.., शिंगलू कमिटी के खुलासे के बावजूद जली रस्सी का दम दिखाकर अब EVM मशीन को धोखेबाज कहकर, प्रधानमंत्री को दुर्योधन व चुनाव आयोग को धृतराष्ट कहकर.., अब गिरगिटवाल ने इस चुनावी मोर्चे के परिणाम के बाद अपने आँखों के साथ मुंह पर भी पट्टी गिरगिटवाल बाँध ली है...

चुनाव परिणाम के बाद अन्ना के लताड़ से गिरगिटवाल ने तो अपने कानों को भी पट्टी से बंद कर दिया है

अब अपने ६६ सीटों की गरिमा को लुटाकर ..,आप , बाप , खाप पार्टी से भ्रष्टाचार को पचाकर MCD चुनाव जीतने में का सपना चकानाचूर हो गया है ..., क्या वे अब भी शर्म हया त्याग कर सत्ता के मोती चूर के लड्डू खाते रहेंगें.., 
अन्ना के आँखों में दर्द के आंसू .., फिर भी कचरा वाल अपने को कह रहें हैं धांसू ..,

कुमार विश्वास की हुंकार अब आप , बाप , खाप पार्टी से जनता में अविश्वास की लहर.., अब और मत करों, जनता की गाढ़ी कमाई को डकार ..., अब झूठे फ़साने की खांसी से फंसी है पार्टी मझधार, MCD चुनाव से अब हो गया पार्टी का बंटाधार.


विधान सभा के ६६  सीटों की जीत से, इंद्र-सभा का सिर्फ मेरा योग.., अब तुम्हारी शांती व याद को भंग से, भरूं अपने जीवन में रंग 
हाय..,शिंगलू कमेटी ने.., बहा दिया, मेरा बचा खुचा, विधान सभा से MCD के खाचे वाला जीवन..

Wednesday, 21 March 2018

शाकाहार कोई शक नही । उत्तम रोग मुक्त पोष्टिक भोजन से शरीर ही नही विचार भी ह्रष्टपुष्ट रहता है.., पहलवान संजय सिंह को गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा 3 श्रेणियों में सर्टिफिकेट..., उत्तर - दक्षिण, पूरब – पश्चिम.., विश्व के कोने – कोने के सरपट्टा में २६८२ V/s संजय सिंग के ४२९५ प्रतुत्तर के कीर्तीमान से देश सिरमौर.., और दुनिया को जता दिया की गौ माता के सत्कार से ही इस भारत मात्रभूमि का चमत्कार ही एकमेव मूल मंत्र.., हिदुत्व की जननी से बहुमुखी गुणों की खान से सनातन धर्म की जान .. गाय इस ब्रम्हांड की २४ घंटों की प्राण वायु उत्सर्जन से बहुजन समाज की रख रखाव की प्राण है..., दोस्तों डूबते देश को ही नहीं ..., इस डूबते विश्व को बचाना है.., तो गाय को बचाना है.., गाय मानव का भोजन नहीं.., गाय का गुणों प्रयोजन से रूबरू होकर .., विश्व शांती से विश्व गुरू का सन्देश देना ही होगा .., https://www.facebook.com/jaygoumata/?hc_ref=ARR4hhyPpkYjOhI8rqMnmkbyj35iSfRF5q3zQBeFOXf066KiTkvp7QT2XDzG1WL1xHY&hc_location=group

शाकाहार कोई शक नही । उत्तम रोग मुक्त पोष्टिक भोजन से शरीर ही नही विचार भी ह्रष्टपुष्ट रहता है..,
पहलवान संजय सिंह को गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा 3 श्रेणियों में सर्टिफिकेट प्रदान करते #Golden_Book_of_World_Records के अधिकारी..
1 #World_Record 1 घंटे में गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर #Carlton_Williams के 2682 के रिकॉर्ड को तोड़कर नया कीर्तिमान 4295 का नया रिकॉर्ड।
2 #World_Record सबसे तेजी से नया विश्व रिकॉर्ड 2 घंटे 50 मिनट में 10101

3 #World_Record भारतीय सरपट्टा #push_up 1 घण्टे में 1200

4 #World_Record भारतीय सरपट्टा बिना रुके 1 घंटे 16 मिनट में 1501

5.     https://www.facebook.com/jaygoumata/?hc_ref=ARR4hhyPpkYjOhI8rqMnmkbyj35iSfRF5q3zQBeFOXf066KiTkvp7QT2XDzG1WL1xHY&hc_location=group


उत्तर - दक्षिण, पूरब – पश्चिम..,   विश्व के कोने – कोने  के सरपट्टा में २६८२ V/s  संजय सिंग के ४२९५  प्रतुत्तर के  कीर्तीमान से देश सिरमौर.., और दुनिया को जता दिया की गौ माता के सत्कार से  ही इस भारत मात्रभूमि का चमत्कार ही एकमेव मूल मंत्र.., हिदुत्व की जननी से बहुमुखी गुणों की खान से सनातन धर्म की जान ..

गाय इस ब्रम्हांड की २४ घंटों की प्राण वायु उत्सर्जन से बहुजन समाज की रख रखाव की प्राण है...,  
दोस्तों डूबते देश को ही नहीं ..., इस डूबते विश्व को बचाना है.., तो गाय को बचाना है.., गाय मानव का भोजन नहीं.., गाय का गुणों प्रयोजन से रूबरू होकर .., विश्व शांती से विश्व गुरू का सन्देश देना ही होगा .., 


देश रहेगा आभारी..,  जब हर धर्म का नागरिक +ve गौ सेवा से रक्षण कर रहेगा तत्पर.., देश रहेगा विश्व  में सबसे उप्पर.., देश को धन, सुख - शांती मिलेगी छप्पर फाड़ कर...

Sunday, 11 March 2018

दावोस में नरेन्द्र मोदी के साथ अधिकृत चित्र खीचाकर , नए साल में देश का माल खीचकर यह बता दिया कि देश का चौकीदार तो मेरे लिए दिलदार है व मैं माफियाओं में १९-२० नहीं.., पूरा ४२० हूँ, अब मझे पकड़ने के लिए.., ख्वाब नहीं देश में खाख ढूँढ़ते रहों.., , अब बैंक के अधिकारियों का “अधिकार” छीनकर.., धन के बोरे का धन खीचकर,बैंक के कर्मचारियों से अधिकारियों को भूसा /भूषा खिलाकर.., देश की वित्तीय वेश भूषा के कपड़े लेकर ..,देश की गरीबी में चार चाँद लगाकर.., बता दिया की कैसे सरकारी तंत्र को कौड़िया देकर, देश को खरीदकर लूटा जा सकता है.., देशवासी भी सकते है.., की/कि देश का SYSTEM., इतने सस्ते में कैसे सड़ कर बिक गया...!!!!



माल्या माल ले गया, किसान जान दे गया..,
(मुंबई में १२ मार्च २०१८ को ४० हजार किसानों का महाराष्ट के विधान सभा में धावा .., भ्रष्टाचार के दावानल को समाप्त करने का संकल्प का अब बना एक प्रकल्प)
नीरव मोदी तो कांच को हीरा कहकर देश को बेचकर चंपत से देश को चपत.., दावोस में नरेन्द्र मोदी के साथ अधिकृत चित्र खीचाकर , नए साल में देश का माल खीचकर यह बता दिया कि देश का चौकीदार तो मेरे लिए दिलदार है व मैं माफियाओं में १९-२० नहीं.., पूरा ४२० हूँ, अब मझे पकड़ने के लिए.., ख्वाब नहीं देश में खाख ढूँढ़ते रहों..,
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अब बैंक के अधिकारियों का अधिकारछीनकर.., धन के बोरे का धन खीचकर,बैंक के कर्मचारियों से अधिकारियों को भूसा /भूषा खिलाकर.., देश की वित्तीय वेश भूषा के कपड़े लेकर ..,देश की गरीबी में चार चाँद लगाकर.., बता दिया की कैसे सरकारी तंत्र को कौड़िया देकर, देश को खरीदकर लूटा जा सकता है.., देशवासी भी सकते है.., की/कि देश का SYSTEM., इतने सस्ते में कैसे सड़ कर बिक गया...!!!!
दाल से माफिया खा गए किसानों का माल.., बनें देश के लाल.., गाल हो गए है लाल .., देशवासी बदहाल..,
दोस्तों..
१. किसान कैसा इंसान, हैवान.., शोषण का विधान , कहते हैं ८४ लाख योनी के बाद मानव जन्म मिलता है.., देश का कलंक है कि इस देश में धरती पुत्र व देश के अन्नदाता के रूप में जन्म लेने वाला सत्ता परिवर्तन से आजादी का झांसा देकर .., ७० सालों से किसान आत्महत्या कर रहा है .
फेस बुक व वेबस्थल की पुरानी पोस्ट - June 15, 2016
जरूर पढ़ें.., जरूर पढ़ें.., मुझे गर्व होगा 100 रूपया किलो टमाटर खाने मे .. यदि किसानो को इसमे 80 रूपये मिले.
१ ,  अच्छे दिनों का शतक ..,जनता सकते में ..., महंगाई की पिच पर सरकार के नो बाल (कोई करवाई ने करने से) माफियाओं के टमाटर का २० रूपये से १०० रूपये का ताबडतोब शतक..., माफियाओं के गाल हो गए है लाल.., अब माफिया, जनता के पसीने के तालब में मेढक बनकर, बुलंद आवाज से कर रहें हैं .., टर्र टर्र ...

२. कोल्ड स्टोरेज न होने से किसान का जीवन ठंडा.., हर फसल उसके जीवन में दंड के डंडे से घायल है..., माफिया कोल्ड स्टोरेज से एक नई ज्वाला से देशवासियों के जीवन को जला रहा है ...

३. राज्य व केंद्र सरकारों का एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप से माफिया किसानों के हर फसल से भ्रष्टाचार से प्रत्यारोप से जीं में बहार,,, अब तो करे ललकार..., रोक सके तो रोको...

४. प्रधानमंत्री मोदी ने भी सही कहा है कि इस देश में जन्म लेने वाला .., गरीबी के पश्चाताप को श्राप मानकर अपनी जिन्दगी गुजार देता है..,

५. देश की भयावह स्तिथी , अभी UNO की रिपोर्ट आयी है..., ताजा आंकड़ों से आज भी मेरा देश, इसमें नंबर १ से शीर्ष तालिका में है , यह राष्ट्र का कलंक है कि १९४७ में सत्ता परिवर्तन के समय.., हमारे देश को कृषी प्रधान देश कहा जाता था.., 90% लोग कृषी छेत्र से जुड़े थे .., देश की अर्थ व्यवस्था में ६६% हिस्सा कृषी व्यवसाय से था .

६. देश के आराम से हरामी बनकर, विदेशी भाषा हाथ, साथ विचार के अय्याशों ने किसानों का हल छीनकर, पशुओं के क़त्ल खाने खोलकर..., पशुधन के काटकर विदेशी मुद्रा कमाने का खेल से किसानों के हाथ काटकर, अमेरिका से सूअरों के न खाने वाले गेंहू को देशवासियों को खिलाते रहे.. पंजाब के किसानों की विशाल शक्ती से अब गेहूं की vishal विशाल पैदावार के बावजूद.., उचित मूल्य न मिलने पर.., अब लाचार...

७. १९४७ में देश 30 करोड़ की आबादी में 120 करोड़ का पशुधन था .., देशवासी ताजे दूध की नदियों से ऋष्ट पुष्ट था ...एक नए आजादी के भ्रम से राष्ट्रवादी जज्बे से एक नए सवेरे का इन्तजार कर रहा था , लेकिन राजनीती से जनता को अशिक्षित रख .., चुनावी अफीमी नारों से सुलाते रहे...
दोस्तों.., डूबते देश की कहानी है.., मेरा देश सो रहा है,,, गरीब भूख से रो रहा है..,
वेबस्थल व फेस बुक की २०१३ की .. की मुन्ना मोहन की कांग्रेस सरकार के दरम्यान कि पुरानी पोस्ट

जरूर पढ़ें.., मुझे गर्व होगा 100 रूपया किलो टमाटर खाने मे .. यदि किसानो को इसमे 80 रूपये मिले... किसान रूपये मे कमाता है.. बिचौलिया... बीच का तैलिया (माफिया) उसे डाँलर मे बेचता है... किसान धरती का पूजक , प्रकृति का संरक्षक, मिट्टी से फसल की भनक व वतन की खुशबू, देशवासियों को निवाला खिलाने वाला,,देश का अन्नदाता किसान भगवान् है..., जब, हम दिन मे तीन बार भोजन ग्रहण करते है...तब हमे किसानो की याद नही आती है.... जब देश का भगवान मेहननत करने के बावजूद आत्महत्या करता है..(याद रहे.. 1947 से आज तक 20 लाख से कही बहुत ज्यादा.. किसानो की हत्या व उन्हे विकास के नाम से जमीन छीन ली गई ह...) देशवासीयों मे कोई प्रतिक्रिया नही होती है..

देश के बीच के तौलियों द्वारा अकाल में उनके भूखे जानवरों, व परियोजनाओं के नाम से कौड़ी के दाम में खरीदकर.., उनसे भारी भरकम मुनाफे के खेल में, आज २००० किसान परिवार, प्रतिदिन अपना पैतृक कृषी का व्यवसाय छोड़ना पड़ रहा है...,

किसान बनने के लिए.., कई पुश्ते चले जाती है, इस देश के क़ानून की बिंडवना है कि कोई माफिया यदि वह १ करोड़ की कृषी भूमी खरीदता है तो उसे किसान का दर्जा मिलता है.., वह आज के भ्रष्टाचार के माहौल से, विभिन्न योजनाओं से ऋण लेकर, बैंक व देश को चुना लगा रहा है...

आज जनता भी ६७ सालों से किसानों का दर्द न समझने से, खुद छुपे रूप से दर्द से पीड़ित , ऊँचे भाव में किसानों का उत्पाद खरीद कर माफिया भी मूंछों पर ताव दे रहें हैं...

इलाज:::::
इन माफियाओं का बीच का तौलिया जनता जरूर खोल सकती है..आज मोहल्ले के हर घर में औसतन एक युवक बेरोजगार बैठा है.., यदि मुहल्ला प्रण कर ले कि हम किसानों को पैतृक कृषी का व्यवसाय छोड़ने व आत्महत्या करने की मजबूरी से प्राण देनें की मजबूरी के निवारण का संकल्प ले.., तो देश की जनता के साथ किसान भी सुखी रहेगा, आज जनता में यदि राष्ट्रवादी धारा से, किसानों के फसल को, देश के मुहल्लों व शहर की जरूरत से फसल एकमुश्त खरीद ले.., व अधिकतम खरीद के लिए मुहल्ले के लोग ५०० रूपये प्रति परिवार के संग्रह से खुले मैदान में ताड़पत्री व बॉस के बम्बू से खाद्यान के भण्डार का जुगाड़ आसानी से होने के साथ घर बैठे बेरोजगार युवकों को आसानी से १० हजार रूपये की आमदनी के साथ देश का मोहल्ला से किसान सुखी रहेगा, सब्जियों को तो घर के मोहल्ले एक दुसरे को सहयोग करे, तो फ्रीज में रख कर, जो माफिया कोल्ड स्टोरेज में रखने का बहाना बनाकर व कृत्रीम तेजी का इन्तजार कर, जनता को लूटने का ख्वाब ख़त्म हो जाएगा
याद रहें.., पिछले कार्यकाल मे अमेरिका के राष्ट्रपति जाँर्ज बुश ने देश के माफियाओ का समर्थन करते हुए कहा था.. इंडियन लोग ज्यादा खाते है.. इसलिए दुनिया मे खाद्यान के भाव बढ रहे है... जबकि हमारे देश मे 70% जनता तो,भुखमरी की शिकार है..वह देशी शराब सस्ती होने से अपने व बच्चो को भी शराब पिलाकर सुला देती है.. आज हमारी क्षमता है , किसानो व जवान (सेना) का सम्मान किया जाय तो....?????????????, हिन्दुस्थान का किसान पूरी दुनिया को खिला सकता है..व जवान के सामने पुरी दुनिया झुक जायेगी...
अभी मै आपको एक साल पहिले की घटना का उल्लेख करना चाहता हूँ.. पुणे (महाराष्ट्र) से दूर 250 कि.मी. दूर नारायण गाँव मे टमाटर का भाव माफियाओ ने 40 पैसे किलो लगाई तो... किसानो ने मीडिया को बुलाकर.. वह टमाटर सडको पर फेंक दिये...क्योकि सब्जी मंडी मे टमाटर पहुचाने का खर्च 80 पैसे से कही ज्यादा आता था... जबकि वही टमाटर... पुणे की मंडी मे 6 रूपये किलो व मुंबई मे 12 रूपये किलो बिक रहा था.. अभी हाल ही मे नारायण गाँव व दूसरी घटना मध्यप्रदेश मे घटी... धनिया की एक मुठ की किमत 10 पैसे .. जबकि वही धनिया की एक मुठ.. मुँबई मे 10 रूपये प्रति मुठ बिक रही थी..
आज माफिया, मीडिया वर्ग से तालमेल से कह रहे है.. मंडी मे सब्जी की आवक कम होने से भाव बढे है...,यह संदेश जनता को संदेह पैदा कर, उसे भांती से मजबूरन खरीदना पड़ता है..., यह माफियाओ का अर्थशास्त्र है...जो हमारे पुराने प्रधानमंत्री व्यर्थे/अनर्थेशास्त्री प्रधानमंत्री का भी है.. जो बार बार कहते है कि विकास करना है तो जनता को भी इसका भार महगाँई के रूप मे उठाना पडेगा...
मेरे प्रिय
तम दोस्तो अब तो जागो... देश तो डूब रहा है... लेकिन इतनी गहराई तक न डूबे की जनता को भी डूबते देश को उपर खीचने की भी ताकत न रहे.
.
मुझे घर बैठे लाईक नही... मुहल्ले मे हाथ खडा कर समर्थन मे शेयर नही.. देश के शेरो मे अपना खून डालकर एक नयी दहाड के रूप मे प्रतिक्रिया (काँमेंट्स) चाहिए... इस खेल वालो का तेल कैसे निकाले..इसका जज्बे से संकल्प ले... , 24 घंटे मे जो माफियाओ की खुमारी (नशा/मस्ती)...जो जनता को महँगाई की बिमारी लगाकर वह हताश हो गया है.. इसकी गोली, हमारी राष्ट्रवाद की बोली ही.. इनकी (माफियाओ की) झोली खाली कर सकती है...

Wednesday, 7 March 2018

नारी..., तेरा प्यार दिल के आँसुओ से भरा रहता है, तुम्हारा दिल तो वात्सलय से 24 घंटे धडकता.. है... हर दु:ख पहुचाने वाले पति से बच्चे हर सख्श तक को आप माफ कर देती हो.. तकि आप की आँसू से वे अपने गलती का अहसास समझ कर प्रायश्चित (सुधर सके) कर सके, . आप तो माँ की रूप में , सौ बार अपने आँसुओ से मौका देती है....माँ.., तेरे आँसु सागर से भी गहरे है. लेकिन तेरे सागर के आँसु तो लोगो को जीवन मे कैसे तैरना है,वह सिखाती है...आज तक तेरे आँसु के सागर कोई भी डूबा नही है...क्यो कि इसमे वात्सलय का नमक है... आपके खून में ही तो देश का वात्सल्य , अभिमान व देश की हरियाली छीपी है..., तुम आरक्षण की वस्तु नहीं देश के संरक्षण की धारा हो...



महिला दिवसया महल में रहने वालों द्वारा एक दिवससे महिलाओं का गुणगान.,महिलाओं के नाम पर तबला से ढोल पीटने का खेल

महिला दिवस - देश की दो तस्वीर से हिला देश ,
१. पहली.., भांड मीडिया ने अपराधी को जज बनाकर उसके बयान को प्रस्तुती स्वरुप बनाकर, TRP से मालामाल.., पहले तो हमारे देश को नागों की पूजा व दूध पिलाने वाला पाषण युग का देशबताकार.. हमें गयी गुज़री कौम से नवाजतेरहे.., और हमारे सत्यजीत रे से अन्य फिल्म निर्माताओं ने इस आग में घी डालकर अपने व्यक्तीत्व को चमकाकर, इसे जय होफिल्म से अंतराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त की.., ऑसकर फिल्म की रेस में दौड़ते रहे.

२. दूसरी..., देश को दीमक की तरह खोखला करने वाली हमारी क़ानून शाही द्वारा देश के बलात्कार व अन्य गिरफ्तार अपराधियों का जेल में सत्कार, नागालैंड के दीमापुर निवासियों ने कोबरा नाग बनकर..., लुंज पुंज क़ानून, जो जनता को ढेंगा दिखा रहें थे इन दीमकों को चट- कर देश में मीडिया-माफिया-मानवाधिकार..., जो इस मावाके खेल पर पर ६८ सालों से अपना अधिकार मानता था.., उसे जनता ने देश का धिक्कारबना कर, धुल चटाकर.., एक नारा दे दिया है..., फैसले में फासला मत बढ़ाओ , जनता पर जुल्म मत ढहाओ.., सावधान...!!!, अब जनता आ रही है.. न्याय की रस्सी लेकर...
महिला दिवस.. नारी.., तुम्हारे लिए क्या मिला, दिवस.., तुम तो अभीभी हो बेबस... 

३. मर्दानी ..., अब भरवाओं.., मर्दों से पानी...
राजनीती से समाज ने तुम्हारी पवित्रता को पतितता से, बेड रूम (BED ROOM-शयनयान) की वस्तु बनाकर, भष्टाचार की ऊंची उड़ान भरी है और देश का बेड-रूप बना दिया है....
नारी तुम सब पर भारी..., अब अपने मर्दों (सरपंच से नेता) से कहों..., अब बेड रूम में तुम्हारे प्रपंच का खेल नहीं चलेगा..., भ्रष्टाचार के प्रपंच की पतितता से अब देश में नारी की कुरूपता का व्यव साय नहीं चलेगा.

४. आओं.., अपने मर्दों से कहों.., राजनीती की बातें BED-ROOM में नहीं, घर के DRAWING –रूम (बैठक कमरे) में हो..., ताकि, मैं देश की एक नई तस्वीर बना सकूं...
अब तक तो.., देश के मर्द सत्ता के मद में देश का मधु पी रहें थे .....

५. आओं..., मर्दों से कहो..., देश की महिलाओं को जगाकर कहो.., अब, हम तुम्हारी बैसाखी नहीं..., बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं..., अब हमारे संस्कारों की सम्मानता से.., हम देश के हर नागरिकों को समान प्यार से, उनके जीवन की प्रेरणा को और उज्जवलित करेंगें... 

नारी..., तेरा प्यार दिल के आँसुओ से भरा रहता है, तुम्हारा दिल तो वात्सलय से 24 घंटे धडकता.. है... हर दु:ख पहुचाने वाले पति से बच्चे हर सख्श तक को आप माफ कर देती हो.. तकि आप की आँसू से वे अपने गलती का अहसास समझ कर प्रायश्चित (सुधर सके) कर सके,

६. आप तो माँ की रूप में , सौ बार अपने आँसुओ से मौका देती है....माँ.., तेरे आँसु सागर से भी गहरे है. लेकिन तेरे सागर के आँसु तो लोगो को जीवन मे कैसे तैरना है,वह सिखाती है...आज तक तेरे आँसु के सागर कोई भी डूबा नही है...क्यो कि इसमे वात्सलय का नमक है...

आपके खून में ही तो देश का वात्सल्य , अभिमान व देश की हरियाली छीपी है..., तुम आरक्षण की वस्तु नहीं देश के संरक्षण की धारा हो...

७. हमारे समाज के पिस्सुओं ने, देश की बच्चियों से नारी को पतितता से वेश्यावृती के धन से अब बलात्कार की हुंकार भर कह रहें हैं..., युवाओं का यह है अधिकार.., है...
नारी.., समाज के पिस्सुओं ने देहव्यापार में धकेले ढकेले कर..., तुम्हारी पतितता में भी पवित्रता है..,
नारी.., इंसानों में सर्वोत्तम तुम ही और केवल तुम ही हो...
वेश्या पतिता नहीं होती, पतन को रोकती है /
पतित जन की गन्दगी , अपने ह्रदय में सोखती है/
जो विषैलापन लिए हैं घूमते नरपशु जगत में ,
उसे वातावरण में वह फैलने से रोकती है /

यही तो गंगा रही कर , पापियों के पाप धोती ,
वह सहस्रों वर्ष से , बस बह रही है कलुष ढोती,
शास्त्र कहते हैं कि गंगा मोक्षप्रद है, पावनी है ,
किसलिए फिर और कैसे वेश्या ही पतित होती ?

मानता हूँ , वेश्या निज तन गमन का मूल्य लेती ,
किन्तु सोचो कौन सा व्यापार उनका ,कौन खेती ?
और यह भी , कौन सी उनकी भला मजबूरियां हैं ,
विवश यदि होती न, तो तन बेचती क्यों दंश लेती ?

मानता यह भी कि वेश्यावृत्ति , पापाचार है यह ,
किन्तु रोटी है ये उनकी , पेट हित व्यापार है यह ,
देह सुख लेते जो उनसे, वही उनको कोसते भी,
और फिर दुत्कार सामाजिक भी , अत्याचार है यह ,
गौर से देखो , बनाते कौन उनको वेश्याएं ,
और वे हैं कौन, जो इस वृत्ति को खुद पोषते हैं ?
पतित तो वे हैं , जो रातों के अंधेरों में वहां जा -
देह सुख भी भोगते हैं , और फिर खुद कोसते हैं ,

कल के पुतले बने आज के वोट बैंक के चेहरे.., हर चौराहे बने राजनीती के मोहरे .., मोह भंग से .., मुंह चुराता लोकतंत्र .., अब बन गया है सत्ता से लूट तंत्र का मंत्र..!!!!




कल के पुतले बने आज के वोट बैंक के चेहरे.., हर चौराहे बने राजनीती के मोहरे .., मोह भंग से .., मुंह चुराता लोकतंत्र .., अब बन गया है सत्ता से लूट तंत्र का मंत्र..!!!!

Repost , २३ जनवरी  २०१५जरूर पढ़े...,
११८ वी जन्म तिथी पर..., कब उठेगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्य से पर्दा?

सुभाष चन्द्र बोस जी ब्रिटिशों के पुतले तोड़ने का कार्य शुरू मत करों...
सबूत के साथ, आप जिन्दगी भर जेल में कैद रहोगे....

१. देश के इस अमीर घराने के तेजस्वी युवक को राष्ट्र के प्रती जूनून को वीर सावरकर ने यह कहकर राष्ट्रीय राजनीती में आने के लिए प्ररित प्रेरित किया , वे नहीं चाहते थे कि सुभाष चन्द्र बोस बंगाल तक ही सिमटे रहें... नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में हुई। तत्पश्चात् उनकी शिक्षा कलकत्ता के प्रेज़िडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से हुई, और बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा (इण्डियन सिविल सर्विस) की तैयारी के लिए उनके माता-पिता ने बोस को इंग्लैंड के केंब्रिज विश्वविद्यालय भेज दिया। अँग्रेज़ी शासन काल में भारतीयों के लिए सिविल सर्विस में जाना बहुत कठिन था किंतु उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया।

२. वीर सावरकर की पुस्तक १८५७ एक स्वतंत्रता संग्रामपढ़ कर ऐसे भी सुभाष चन्द्र बोस की रगों में खून बढ़ गया था..,

३. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस तो वीर सावरकर को अपना गुरू मानते थे , वे पूना में उनके घर जाकर भावी योजनाओं के बारे में चर्चा करते थे.

४. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को सावरकर ने हिटलर से मिलकर, देश को आजाद कराने में सहयोग की वार्ता करने को कहा

५. हिटलर के सन्देश से कि हिन्दुस्तान को आजाद कराना मेरे बांये हाथ का खेल है,” बशर्ते हिन्दुस्तान पर जर्मनी का अधिकार रहेगा, हिटलर के इस सन्देश को सावरकर के कहने पर सुभाष चन्द्र बोस ने नकार दिया

६. अपने पढाई के दौरान एक बार कॉलेज के प्रिंसिपल ने उन्हें, BLOODY INDIAN कहा तो उनके दिल में ब्रिटिश सरकार को उखाड़ फेंकने का जूनून पैदा हो गया.

७. रंगून (बर्मा) मैं , लाखों की संख्या में नए रंगरूट, आजाद हिन्द फ़ौज में भर्ती के लिए आये थे.., तब उन्होंने एक स्वर में कहा, जो मेरी सेना में देश के लिए मरना चाहता है, उनके लिए मेरी सेना के दरवाजे खुलें हैं, और जिसे मंजूर हैं हाथ ऊपर करें, तब सभी हिन्दू ,मुस्लिम व अन्य धर्मों के रंगरूटों ने हाथ उठाते हुए , सेना में शामिल हुए

८. तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा, मुझे इतना खून चाहिए कि ब्रिटिश सरकार को मैं डूबोकर मार दूं..

९. राष्ट्रीय राजनीती में आने से पाहिले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को हिन्दी नहीं आती थी, तब उन्के शिक्षक जगदीश नारायण तिवारी ने धाराप्रवाह हिन्दी सिखाकर, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जनसभाओं में हिन्दी मैं ही संबोधन कर एक नया जोश भर दिया था

१०. और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, कहते थे, हिन्दी ही एक भाषा है, जो देश के विभिन्न राज्यों को अपनी भाषा की इर्ष्या को तोड़कर एक कड़ी में पिरो सकती है,

११. अब कुछ पढ़े.., भाजपा का U TURN...., राजनाथ सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया था कि अगर नेता जी की मौत से जुड़े कागजातों को सार्वजनिक किया जाता है तो यह ज्यादा अच्छा होगा। लेकिन ऐसा लगता है कि पीएमओ राजनाथ की इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता। पीएमओ ने आरटीआई के सेक्शन 8 (2) का हवाला दिया है। सेक्शन 8(2) के मुताबिक कोई भी जानकारी जो ऑफिशल सीक्रिट ऐक्ट,1923 के तहत आती है, उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। हालांकि अथॉरिटी को यह हक है कि वह इन डॉक्युमेंट्स को सार्वजनिक कर सकती है, अगर उसे लगता है कि इससे लोगों के हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
१२. बीजेपी ने एक बार फिर यू-टर्न लिया। जब बीजेपी सत्ता में नहीं थी तब सुभाष चंद्र बोस की मौत की गुत्थी सरकार से सार्वजनिक करने की मांग करती थी। अब बीजेपी सत्ता में आई तो इससे मुकर गई। नेताजी के रहस्यात्मक तरीके से गायब होने की करीब 39 क्लासिफाइड फाइल बीजेपी ने सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है। इससे पहले जब मनमोहन सिंह की सरकार थी तब बीजेपी के सीनियर नेता इन फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग करते थे।

इस साल जनवरी में लोकसभा चुनावी कैंपेन के दौरान राजनाथ सिंह ने नेताजी के जन्मस्थान कटक में उनके 117वीं जयंती के मौके पर यूपीए सरकार से इनकी मौत से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि देश के नागरिकों को अपने स्वतंत्रता सेनानी की मौत के बारे में जानने का हक है। अब राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री हैं। सिंह ने दावा किया था कि दस्तावेजों के सार्वजनिक करने में व्यापक जनहित जुड़ा है। लेकिन मोदी सरकार का पीएमओ इससे सहमत नहीं दिखाई देता जो कि उसके जवाब से झलकता है।

प्रधानमंत्री ऑफिस ने इस मसले पर दाखिल आरटीआई के जवाब में कहा है कि नेताजी की मौत से जुड़ी 41 फाइलें हैं, जिनमें से दो अनक्लासिफाइड फाइलें हैं। जवाब में मोदी सरकार ने कहा कि हम इन फाइलों को सार्वजनिक नहीं कर सकते। सरकार ने कहा कि हम इस मसले पर पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की पोजिशन जारी रखेंगे। पीएमओ ने कहा, 'इन फाइलों को सार्वजनिक करने से विदेशी संबंधो पर असर पड़ेगा। इन फाइलों को हमें आरटीआई सेक्शन 8(1)(ए) और सेक्शन 8(2) के तहत सार्वजनिक करने से छूट मिलती है।

साम्यवादी क्रांती के सूत्रधार लेनिन.., सावरकर के घोर प्रसंशक थे और सरदार भगतसिंग में क्रांती का संचार सावरकर द्वारा होकर वे भी लेनिन के प्रशंसक हो गए




साम्यवादी क्रांती के सूत्रधार लेनिन.., सावरकर के घोर प्रसंशक थे और सरदार भगतसिंग में क्रांती का संचार सावरकर द्वारा होकर वे भी लेनिन के प्रशंसक हो गए


"मातृभूमि! तेरे चरणों में पहले ही मैं अपना मन अर्पित कर चुका हूँ। देश सेवा में ईश्वर सेवा है, यह मानकर मैंने तेरी सेवा के माध्यम से भगवान की सेवा की"... वीर सावरकर


'हम हिन्दू अपने आप में एक राष्ट्र हैं .......हिन्दू राष्ट्रवादियों को हिन्दू सम्प्रदायवादी कहे जाने पर लज्जित होने की कोई आवश्यकता नहीं है |' ---विनायक दामोदर सावरकर (१९३८)

ये लेख हिन्दू साम्प्रदायिकतावादियों का चेहरा ,चाल, चरित्र बेखुबी व्यक्त करता है ...उन्हें लगातार ऐसे ही लेखों द्वारा एक्सपोज़ करने की जरुरत है... 

ऐसे थे वीर हुतात्माु महान् सावरकर, स्वा तंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर जी का संक्षिप्तं जीवन परिचय, जय हिन्दूे राष्ट्रे वन्देे मातरम्

1883-1966 कुछ प्रमुख कार्य

१ सावरकर भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के केन्द्र लंदन में उसके विरूद्ध क्रांतिकारी आंदोलन संगठित किया था।

२. सावरकर भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सन् 1905 के बंग-भंग के बाद सन् 1906 में 'स्वदेशी' का नारा दे, विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी।

, सावरकर भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्हें अपने विचारों के कारण बैरिस्टर की डिग्री खोनी पड़ी।

४. सावरकर पहले भारतीय थे जिन्होंने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की।

, सावरकर भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सन् 1857 की लड़ाई को भारत का 'स्वाधीनता संग्राम' बताते हुए लगभग एक हज़ार पृष्ठों का इतिहास 1907 में लिखा।

६.सावरकर भारत के पहले और दुनिया के एकमात्र लेखक थे जिनकी किताब को प्रकाशित होने के पहले ही ब्रिटिश और ब्रिटिशसाम्राज्यकी सरकारों ने प्रतिबंधित कर दिया था।

७.सावरकर दुनिया के पहले राजनीतिक कैदी थे, जिनका मामला हेग के अंतराष्ट्रीय न्यायालय में चला था।

८. सावरकर पहले भारतीय राजनीतिक कैदी थे, जिसने एक अछूत को मंदिर का पुजारी बनाया था।

९. सावरकर ने ही वह पहला भारतीय झंडा बनाया था, जिसे जर्मनी में 1907 की अंतर्राष्ट्रीय सोशलिस्ट कांग्रेस में मैडम कामा ने फहराया था।

१० सावरकर वे पहले कवि थे, जिसने कलम-काग़ज़ के बिना जेल की दीवारों पर पत्थर के टुकड़ों से कवितायें लिखीं। कहा जाता है उन्होंने अपनी रची दस हज़ार से भी अधिक पंक्तियों को प्राचीन वैदिक साधना के अनुरूप वर्षोंस्मृति में सुरक्षित रखा, जब तक वह किसी न किसी तरह देशवासियों तक नहीं पहुच गई।

ग्रंथों की रचना
११.उन्होंने अनेक ग्रंथों की रचना की, जिनमें भारतीय स्वातंत्र्य युद्ध’, मेरा आजीवन कारावासऔर अण्डमान की प्रतिध्वनियाँ’ (सभी अंग्रेज़ी में) अधिक प्रसिद्ध हैं।

१२.जेल में 'हिंदुत्व' पर शोध ग्रंथ लिखा।

१३.1909 में लिखी पुस्तक 'द इंडियन वॉर ऑफ़ इंडिपेंडेंस-1857' में सावरकर ने इस लड़ाई को ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ आज़ादी की पहली लड़ाई घोषित की थी।

शत्रु के राजधानी , लदन मे 1857 का स्वातंत्र्य सग्राम के 50 वा स्मृतिदिन , सुवर्ण महोत्सवमनाने वाले

१४. हिन्दुस्थान के स्वातंत्र्य युद्ध का आभाष , पुरे विश्व को ध्यान आकर्षण करने वाले 

१५ .1907 मे जर्मनी के स्टुटगार्ट शहर मे अन्तराष्टीयसमाजवादी परिषद मे नमादाम कामा द्वारा भेजकर , भारतीय राष्टीय ध्वज फहराने वाले ...... भारतीय स्वतंत्रता युद्ध के लिए विश्व के सभी स्वतंत्रता प्रेमी देश के लोगो द्वारा सहकार्य करे वमादाम कामा के संदेश को अन्तराष्टीय कांग्रेस ने मान्यता अध्यक्ष हर सिगर ने दी

१६ . स्वतंत्रता के लिए लडने व देश के क्रांतिकारीओं का संघ ठन खडा करने का प्रयास करने वाले ........टर्की, रूस, इटली, आयरिश ,इजिप्ट व अन्य देशो के क्रांतिकारीओं से संपर्क करने वाले...

१७. देश को एक करोड के सेना की रिजर्व (आररक्षित) सेना बनाने की जरूरत है...

१८,. सिखों का इतिहास लिखने वाले लेखक.... जो प्रकाशन के पहिले ही जब्त हुआ

१९.. कारावास मे दिवारों पर काँटो व कीलों से महाकाव्य की रचना करने वाले महा कवि एक मात्र सावरकर ही....... ने 10 हजार से से ज्यादा काव्यपक्ति जेल मे लिखी, उसे कठस्थ किया व जेल से छूटने के बाद प्रकाशित करने वाले ....

२०.. बाल्यकाल मे ही, गाँव के बच्चों को नई-नई रचना की कृति से , अपनी टोली के बच्चो मे स्वतंत्रता की प्रेरना फूँकने वाले एक मात्र सावरकर ही.....

२१. वाड्ग्मय मे नौ रस प्रख्यात है, लेकिन 10 वा रस देश भक्ती को उढ्ह्त करने वाले एक मात्र सावरकर ही....

२२. अस्पृश्य लोग देव मूर्ती को स्पर्श कर सकते है ,ऐसे मंदीर बनाने वाले एक मात्र सावरकर ही........ श्री भागोजी कीर ने सावरकर से प्रेरणा से अपने खर्च रत्नागिरी मे पतित पावन मन्दिर का निर्माण किया

२३. एक अस्पृश्य से शंकराचार्य के गले मे हार डानने की घटना साकार करने वाले..एक मात्र सावरकर

२४ रत्नागिरी से अस्पृश्यता पूर्वरूप से निर्मूलन करने वाले एक मात्र सावरकर ही. 28 शास्त्र शुद्ध अभ्यास कर , देवनागरी लिपी को टंक लेखन सुयोग्य बनाने वाले.. लिपी मे सुधार करने वाले दुनिया केएक मात्र सावरकर ही. 

२५ . भाषा शुद्धी का महत्व कहने वाले पहले..., एक मात्र सावरकर ,  सभी सुशिक्षित लोग, अंग्रेजी भाषा को शेरनी का दूध कहकर गौरांवित होने वालो को मातृभाषा व राष्ट्रभाषा के अभिमान से सम्पूर्ण समाज को जागृत करने वाले..

२६. साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर बोलते हुए सावरकर ने कहा , देश की स्वतंत्रता मे लेखन से ज्यादा महत्व बंदूक का है, क्योकि लेखन से अंग्रेजो के कान मे जूँ रेंगने वाली नही, आजादी मिलने वाली नही, ऐसा दिव्य संदेश देने वाले एक मात्र सावरकर ही....

२७  1901 मे जनवरी माह मे विक्टोरिया की मृत्यु हुई, जब पुरे हिन्दुस्तान मे शोक शभा आयोजित हो रही थी , सावरकर पहलेनेता थे,जिन्होने भरी शभा मे कहा था , इंग्लैंड, हिन्दुस्तान का शत्रु देश है,,शत्रु देश की रानी मरी तो शोक शभा आयोजन का कोई कारण नही है 

२८ सावरकर ये पहले गैर सिख नेता थे , जिनका सम्मान , गुरुद्वार प्रबंधक कमिटी ने करते हुए, अध्यक्ष मास्टर तारा सिंग ने चाँदी की मुठ की तलवार सावरकर को भेट दी

२९ भविष्य को काफी आगे देखने की एक दिव्य दृषिट रखने वाले... उनकी की गई 40 से अधिक भविष्यवाणी आज सच हुई है

३०. राजकीय सुधार पहले या सामाजिक सुधार पहले इस मत पर  आगरकर व तिलक मे झगडा हो गया था और उंसके दो फाड होने वाले थे ,जब सावरकर ने दोनों को समाधान देते हुए कहा, राजकीय सुधार तलवार है और सामाजिक सुधार ढाल है, यदि दिनों सुधार साथ-साथ नही चके तो हमें सफलता मिलनी मुश्किल होगी

३१.. हिदू यह शब्द बाहरी नही, प्राकृतिक है, हमारा ही है, यह समझाने वाले पहले विद्वाने सावरक ही, उन्होने प्रमाण सहित सिद्ध किया कि हिदू यह शब्द मोहम्मद पैगबर के 1000 साल पूर्वौपयोग मे लाया गया पारसिक आर्याओ का अवस्था मे हमारे राष्ट्रसे हप्तहिंदव ऐसे कहा जाता था , हिदू यह शब्द राष्ट्र का वाचक है, वो किसी धर्मग्रन्थ , अवतार व देवता के नाम से निकला हुआ नही है, यह कहने वाले एक मात्र सावरकर

३२. नेहरू कहते थे... अक्साई चीन तो नो मेंस लैड कहने वाले को करारा जवाब देते हुए सावरकर ने कह, आपको पता है तो, नो मेंस लैंड है तो उसे इतने दिनों तक हिदू मेंस लैंड क्यो नही किया, ऐसे बेबाक कहने वाले एक मात्र सावरकर


३३. 1953 मे हिन्दू महासभा, रामराज्य परिषद व जनसंघ ने काश्मीर के का भारत मे पूर्ण विलय करने हेतु, संयुक्त सत्याग्रह किया, काश्मीर के मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला ने सरकारे सहमती बिना बाहर के राज्य के लोगों को काश्मीर मे प्रवेश वर्जित किया था, मै यह आदेश तोड कर काश्मीर जाऊँगा, ऐसी घोषणा श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने की, तो सावरकर ने कहा सत्याग्रह करने , आप काश्मीर मत जाओ, वहां तुम्हारी हत्या हो जायेगी, तुम्हारी मुझे व राष्ट्र को बहुत जरूरत है, ऐसा कहने वाले ... जो आगे सही सिद्ध हुआ, श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जेल मे संदेहास्पद मृत्यु हुई

३४.. सेना को हमेशा आक्रमक होना चाहिए, तभी राष्ट्र का संरक्षण हो सकता है, आक्रमण ही सबसे उत्तम संरक्षण, ऐसा कहने वाले ... एक मात्र सावरकर


३५..राजकारण का हिंदुकरण और हिदू के सैनिकी करण करने का मंत्र देने वाले ... . देश को एक करोड के सेना की रिजर्व (आररक्षित) सेना बनाने की जरूरत है... सावरकर एक प्रख्यात समाज सुधारक थे। उनका दृढ़ विश्वास था, कि सामाजिक एवं सार्वजनिक सुधार बराबरी का महत्त्व रखते हैं व एक दूसरे के पूरक हैं। सावरकर जी की मृत्यु 26 फ़रवरी, 1966 में मुम्बई में हुई थी।