Tuesday, 27 October 2015

मेरे प्रियतम दोस्तो अब तो जागो... देश तो डूब रहा है... लेकिन इतनी गहराई तक न डूबे की जनता को भी डूबते देश को उपर खीचने की भी ताकत न रहे..



जरूर पढ़ें..,
१.  किसान कैसा इंसान, हैवान.., शोषण का विधान , कहते हैं ८४ लाख योनी के बाद मानव जन्म मिलता है.., देश का कलंक है कि इस देश में धरती पुत्र व देश के अन्नदाता  के रूप में जन्म लेने वाला सत्ता परिवर्तन  से आजादी का झांसा देकर .., ६९ सालों से किसान आत्महत्या कर रहा है .

२.   कोल्ड स्टोरेज न होने से किसान का जीवन  ठंडा.., हर फसल उसके जीवन में दंड के डंडे से घायल है..., माफिया कोल्ड स्टोरेज से एक नई ज्वाला से देशवासियों के जीवन को जला रहा है ...

३.  राज्य व केंद्र सरकारों का एक दुसरे पर आरोप – प्रत्यारोप से माफिया किसानों के हर फसल से भ्रष्टाचार से प्रत्यारोप से जीं में बहार,,, अब तो करे ललकार..., रोक सके तो रोको...  

४.   प्रधानमंत्री मोदी  ने भी सही कहा है कि इस देश में जन्म लेने वाला .., गरीबी के पश्चाताप को श्राप मानकर अपनी जिन्दगी गुजार देता है..,
५.  देश की भयावह स्तिथी , अभी UNO की रिपोर्ट आयी है..., ताजा आंकड़ों से आज भी मेरा देश, इसमें नंबर १ से शीर्ष तालिका में है , यह राष्ट्र का कलंक है कि १९४७ में सत्ता परिवर्तन के समय.., हमारे देश को कृषी प्रधान देश कहा जाता था.., 90% लोग कृषी छेत्र से जुड़े थे .., देश की अर्थ व्यवस्था में ६६% हिस्सा कृषी व्यवसाय से था ...

६.    देश के आराम से हरामी बनकर, विदेशी भाषा हाथ, साथ विचार के अय्याशों ने किसानों का हल छीनकर, पशुओं के क़त्ल खाने खोलकर..., पशुधन के काटकर विदेशी मुद्रा कमाने का खेल से किसानों के हाथ काटकर, अमेरिका से सूअरों के न खाने वाले गेंहू को देशवासियों को खिलाते रहे.. पंजाब के किसानों की विशाल शक्ती से अब गेहूं की vishal विशाल पैदावार के बावजूद.., उचित मूल्य न मिलने पर.., अब लाचार...

७.      १९४७ में देश 30 करोड़ की आबादी में 120 करोड़ का पशुधन था .., देशवासी ताजे दूध की नदियों से ऋष्ट पुष्ट था ...एक नए आजादी के भ्रम से राष्ट्रवादी जज्बे से एक नए सवेरे का इन्तजार कर रहा था , लेकिन राजनीती से जनता को अशिक्षित रख .., चुनावी अफीमी नारों से सुलाते रहे...
दोस्तों.., डूबते देश की कहानी है.., मेरा देश सो रहा है,,, गरीब भूख से रो रहा है...

·  वेबस्थल व फेस बुक की २०१३ की  .. की मुन्ना मोहन की कांग्रेस  सरकार के दरम्यान कि पुरानी पोस्ट



जरूर पढ़ें.., मुझे गर्व होगा 100 रूपया किलो टमाटर खाने मे .. यदि किसानो को इसमे 80 रूपये मिले... किसान रूपये मे कमाता है.. बिचौलिया... बीच का तैलिया (माफिया) उसे डाँलर मे बेचता है... किसान धरती का पूजक , प्रकृति का संरक्षक, मिट्टी से फसल की भनक व वतन की खुशबू, देशवासियों को निवाला खिलाने वाला,,देश का अन्नदाता किसान भगवान् है..., जब, हम दिन मे तीन बार भोजन ग्रहण करते है...तब हमे किसानो की याद नही आती है.... जब देश का भगवान मेहननत करने के बावजूद आत्महत्या करता है..(याद रहे.. 1947 से आज तक 20 लाख से कही बहुत ज्यादा.. किसानो की हत्या व उन्हे विकास के नाम से जमीन छीन ली गई ह...) देशवासीयों मे कोई प्रतिक्रिया नही होती है..

देश के बीच के तौलियों द्वारा अकाल में उनके भूखे जानवरों, व परियोजनाओं के नाम से कौड़ी के दाम में खरीदकर.., उनसे भारी भरकम मुनाफे के खेल में, आज २००० किसान परिवार, प्रतिदिन अपना पैतृक कृषी का व्यवसाय छोड़ना पड़ रहा है..., किसान बनने के लिए.., कई पुश्त चले जाती है, इस देश के क़ानून की बिंडवना है कि कोई माफिया यदि वह १ करोड़ की कृषी भूमी खरीदता है तो उसे किसान का दर्जा मिलता है.., वह आज के भ्रष्टाचार के माहौल से, विभिन्न योजनाओं से ऋण लेकर, बैंक व देश को चुना लगा रहा है... 

आज जनता भी ६७ सालों से किसानों का दर्द न समझने से, खुद छुपे रूप से दर्द से पीड़ित , ऊँचे भाव में किसानों का उत्पाद खरीद कर माफिया भी मूंछों पर ताव दे रहें हैं...

इनाज:::::
इन माफियाओं का बीच का तौलिया जनता जरूर खोल सकती है..आज मोहल्ले के हर घर में औसतन एक युवक बेरोजगार बैठा है.., यदि मुहल्ला प्रण कर ले कि हम किसानों को पैतृक कृषी का व्यवसाय छोड़ने व आत्महत्या करने की मजबूरी से प्राण देनें की मजबूरी के निवारण का संकल्प ले.., तो देश की जनता के साथ किसान भी सुखी रहेगा, आज जनता में यदि राष्ट्रवादी धारा से, किसानों के फसल को, देश के मुहल्लों व शहर की जरूरत से फसल एकमुश्त खरीद ले.., व अधिकतम खरीद के लिए मुहल्ले के लोग ५०० रूपये प्रति परिवार के संग्रह से खुले मैदान में ताड़पत्री व बॉस के बम्बू से खाद्यान के भण्डार का जुगाड़ आसानी से होने के साथ घर बैठे बेरोजगार युवकों को आसानी से १० हजार रूपये की आमदनी के साथ देश का मोहल्ला से किसान सुखी रहेगा, सब्जियों को तो घर के मोहल्ले एक दुसरे को सहयोग करे, तो फ्रीज में रख कर, जो माफिया कोल्ड स्टोरेज में रखने का बहाना बनाकर व कृत्रीम तेजी का इन्तजार कर, जनता को लूटने का ख्वाब ख़त्म हो जाएगा 

याद रहें.., पिछले कार्यकाल मे अमेरिका के राष्ट्रपति जाँर्ज बुश ने देश के माफियाओ का समर्थन करते हुए कहा था.. इंडियन लोग ज्यादा खाते है.. इसलिए दुनिया मे खाद्यान के भाव बढ रहे है... जबकि हमारे देश मे 70% जनता तो,भुखमरी की शिकार है..वह देशी शराब सस्ती होने से अपने व बच्चो को भी शराब पिलाकर सुला देती है.. आज हमारी क्षमता है , किसानो व जवान (सेना) का सम्मान किया जाय तो....?????????????, हिन्दुस्थान का किसान पूरी दुनिया को खिला सकता है..व जवान के सामने पुरी दुनिया झुक जायेगी... 
अभी मै आपको एक साल पहिले की घटना का उल्लेख करना चाहता हूँ.. पुणे (महाराष्ट्र) से दूर 250 कि.मी. दूर नारायण गाँव मे टमाटर का भाव माफियाओ ने 40 पैसे किलो लगाई तो... किसानो ने मीडिया को बुलाकर.. वह टमाटर सडको पर फेंक दिये...क्योकि सब्जी मंडी मे टमाटर पहुचाने का खर्च 80 पैसे से कही ज्यादा आता था... जबकि वही टमाटर... पुणे की मंडी मे 6 रूपये किलो व मुंबई मे 12 रूपये किलो बिक रहा था.. अभी हाल ही मे नारायण गाँव व दूसरी घटना मध्यप्रदेश मे घटी... धनिया की एक मुठ की किमत 10 पैसे .. जबकि वही धनिया की एक मुठ.. मुँबई मे 10 रूपये प्रति मुठ बिक रही थी..
आज माफिया, मीडिया वर्ग से तालमेल से कह रहे है.. मंडी मे सब्जी की आवक कम होने से भाव बढे है...,यह संदेश जनता को संदेह पैदा कर, उसे भांती से मजबूरन खरीदना पड़ता है..., यह माफियाओ का अर्थशास्त्र है...जो हमारे पुराने प्रधानमंत्री व्यर्थे/अनर्थेशास्त्री प्रधानमंत्री का भी है.. जो बार बार कहते है कि विकास करना है तो जनता को भी इसका भार महगाँई के रूप मे उठाना पडेगा...

मेरे प्रियतम दोस्तो अब तो जागो... देश तो डूब रहा है... लेकिन इतनी गहराई तक न डूबे की जनता को भी डूबते देश को उपर खीचने की भी ताकत न रहे.. 

मुझे घर बैठे लाईक नही... मुहल्ले मे हाथ खडा कर समर्थन मे शेयर नही.. देश के शेरो मे अपना खून डालकर एक नयी दहाड के रूप मे प्रतिक्रिया (काँमेंट्स) चाहिए... इस खेल वालो का तेल कैसे निकाले..इसका जज्बे से संकल्प ले... , 24 घंटे मे जो माफियाओ की खुमारी (नशा/मस्ती)...जो जनता को महँगाई की बिमारी लगाकर वह हताश हो गया है.. इसकी गोली, हमारी राष्ट्रवाद की बोली ही.. इनकी (माफियाओ की) झोली खाली कर सकती है... 

Monday, 26 October 2015

काले धन की बंदरबांट है.., माफियाओं की सरकार को ललकार है ..., रोक सकों तो.., रोक के दिखाओं...


१.  देश में, ४ करोड़ मुकदमे लंबित .., अब  १२५ करोड़ जनता दाल से “अच्छे दिनों” के दमे से महंगाई के दलदल में फसते जा रही है..,

२.    क्या..!!!, अब यह क़ानून देश के माफियाओं को भ्रष्टाचार के बयार से जीवन में बहार ला रहा है ..

३.     देश का अन्नदाता किसान.., माफिया कहे “कैसा इंसान ..,” क़ानून के इन्साफ के तराजू में किसानों की रोटियों को रिश्वत की पेटी बनाकर, माफियाओं का पलड़ा भारी.., जनता में भारी लाचारी.., कहे अपने को “अच्छे दिनों” के किस्मत की मारी..

४.      दोस्तों, कम बरसात के बावजूद हमारे  जांबाज  किसानों ने १०% दलहन  का कम उत्पादन किया.., इसे,दलहन माफियाओं को ५० रूपये किलों से बेचकर.., माफियाओं ने सरकारी क़ानून व सत्ताखोरों पर अपनी पकड़ से जनता को यही दाल ४००% से अधिक. २२० रूपये किलों में बेचकर जनता को अचरच में डाल दिया..
५.     सत्ताखोर कहें दुनिया में दलहन का कम हो रहा उत्पादन से जमाखोरों के  कृत्य को को कर रहें प्रोत्साहित..

६.    याद रहे ४ करोड़. मुकदमे के ढेर से.., २० करोड़ जनता इस फेर से मूक बनकर ..., अपनी जमा पूंजी से बापू के तीन बंदरों की तिकड़ी  “पुलिस – वकील – जज” से  बिल्ली जनता की रोटियाँ छीन रही है...

७.    अब यह कानून, इन जब्त की हुई दालों को सड़ाकर.., एक नई शराब से माफियाओं को धन के ख्वाब से मालालाल..., और इस माला से, अपने को सत्ता के माल से बने.., ये  देश के लाल ..

८.    काले धन की बंदरबांट  है.., माफियाओं की सरकार को ललकार है ..., रोक सकों तो.., रोक के दिखाओं...

९.    अब मकोका क़ानून का दिखावा कर ..,माफियाओं को मालामाल कर .., जनता को निचोड़ कर .., निचोड़े कपड़े की ताकत ख़त्म कर .., कारवाई की यह भरमानी कहानी है..,

१०.                   जब तक देश राजनीती से चलेगा.., बईमानी का एक से एक नया अद्ध्याय से न्याय मरते रहेगा.., देशवासीयों की घुटन  व  अन्नदाता की.  आत्महत्या का ग्राफ बढ़ते रहेगा .., माफिया अपनी गर्दन जिराफ से भी ऊंची बनाकर जनता का मर्दन करते रहेगा...

११.                   दोस्तों १९४७ से इस अफीमी नारों के आराम हराम है गरीबी हटाओ, मेरा भारत महान से.., कफ़न घोटालों से अच्छा महसूस हो रहा है से इंडिया शाइनिंगभारत निर्माणसे अच्छे दिनोंकी एक LONG INNING से सत्ताखोरों के पाँव लंबे (LONG) होकर.., अंग्रेजों के कानूनों को कॉपी-PASTE से एक नई विदेशी हाथ, विदेशी साथ, विदेशी विचार. विदेशी संस्कार का पेस्ट बनाकर अपने दांतों को चमकाकर कह रहें हैं ..., अब इंडिया शाइनिंग होकर , हमारे अच्छे दिन आ गाने गएँ है ...

१२.                   इस लोकतंत्र में आप और हम वोट बैंक के मोहरे हैं.., ५साल के रोते हुए चेहरे हैं.. राममनोहर लोहिया ने सही कहा था ..., जिंदा कौमे ५ साल का इन्तजार नहीं करती है.

Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
चित्र: साभार "ख़बरें आज तक"

Saturday, 24 October 2015

पूरे देश में नशे की खेप के सबसे बड़े ग्राहक नौजवान ही हैं लेकिन पंजाब में नशे का असर खतरनाक रूप से सबसे ज्यादा है। बड़ी बात ये कि नशे के इस कारोबार में पंजाब पुलिस के कई अफसर, बड़े नेता और नामचीन हस्तियां भी शामिल हैं. रही सही कसर पंजाब के सीमावर्ती शहर पूरी कर देते हैं, जहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी बड़े पैमाने पर ड्रग्स सप्लाई का धंधा ऑपरेट करती है.



१.  पंजाब में  धुआं.., धुआं.., धुआं..,!!!, धुआंदार..., धुआंदार..., धुआंदार...!!!, अब  लटक रही जवानों व  किसानों पर दुधारी तलवार. देश की बनी डूबती पतवार.. पंजाब नशे के शिकंजे से अब बना प्रदेश का  युवक “पंजा छाप”

२.     प्रकाशसिंग बादल के , पंजाब में  काले बादलों से   नशे के “पंजा छाप” से प्रदेश का प्रकाश  धुंधला हो गया है.., इसी बादलों की धुंध से उजागर हुए पाकिस्तानी आतंकवादी अपने वादे अनुसार.., गुरूदास पुर के सत्ता के गुरूओं को “गुरूघंटाल” से १२ घंटे दास बनाकर ढहाया कहर..,

३.    एक तरफ ब्राउन शुगर के काले  धुवें से पंजाब में युवकों के जीवन में कालिख लग रही है .., जजशाही-नौकरशाही-पुलिसशाही सत्ताशाहीकी चंडाल चौकड़ी..,  युवकों के जीवन में मकड़ी बनकर उनकी पगड़ी उतार रहें हैं.

४.      पंजाबी समुदाय के कंधों पर बंदूक रखकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है। नशे के फैलते जाल को रोक पाने में नाकामी के आरोप से घिरा अकाली दल अब बीजेपी को आंखें तरेरने के मूड में है.

५.    पंजाब के युवा नशे में बर्बाद हो रहे हैं परन्तु राज्य सरकार इस पर नकेल कसने की बजाय हर बार केन्द्र सरकार पर दोष लगा कर अपने नेताओं को बचाने में लगी रही। अकाली-भाजपा सरकार की लापरवाही के कारण आज पंजाब का हर तीसरा परिवार, नशे के कारण बर्बादी के कगार पर है। कई घरों के होनहार चिराग नशे की लत के कारण 70 फीसद युवाओं को नशे का आदी बनाया है ',बर्बाद हो रहे हैं. सरकार इस  जिम्मेवारी से भाग नहीं सकती , अगर वह सच में पंजाब की जवानी को बचाना चाहते हैं तो बड़े मगरमच्छों को बेनकाब कर उन्हें जेल भेजने का साहस भी दिखाएं.

६.     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नशे के शिकार युवाओं से जुड़ी मन की बात कह चुके  हैं.  पूरे देश में नशे की खेप के सबसे बड़े ग्राहक नौजवान ही हैं लेकिन पंजाब में नशे का असर खतरनाक रूप से सबसे ज्यादा है। बड़ी बात ये कि नशे के इस कारोबार में पंजाब पुलिस के कई अफसर, बड़े नेता और नामचीन हस्तियां भी शामिल हैं. रही सही कसर पंजाब के सीमावर्ती शहर पूरी कर देते हैं, जहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी बड़े पैमाने पर ड्रग्स सप्लाई का धंधा ऑपरेट करती है.

भाग-२ 

१.  सफ़ेद मख्खी (व्हाइटफ्लाई) बनी सफेदपोशों का  काला कारोबार का एक नया उपहार..,  बीटी कपास की फसल चौपट...., सरकार द्वारा बिना टेंडर के ३३ करोड़ के नकली  कीटनाशक किसानो को बेचकर   किसानों के ५ हजार करोड़ की कपास की बी.टी .फसल बर्बाद होने से किसानों को लगी इसकी  चपत.., इस सदमें से ५० से ज्यादा किसानों ने की आत्महत्या

२.  इस घोटालों के सफ़ेद माफिया सफ़ेद मख्खी बनकर हुए चम्पत ... कुछ डीलर और कृषि महकमे के निदेशक मंगल सिंह संधू के खिलाफ ही कार्रवाई कर, घर से विदेशी शराब करेंसी   जबकि अपनी सरकार के कृषि मंत्री तोता सिंह को क्लीन चिट दे दी, जबकि इतनी बड़ी खरीद बिना कृषि मंत्री की सहमति के हो ही नहीं सकती


३.  दोस्तों १९४७ से इस अफीमी नारों के आराम हराम है गरीबी हटाओ, मेरा भारत महान से.., कफ़न घोटालों से अच्छा महसूस हो  रहा है से  “इंडिया शाइनिंग” व “भारत निर्माण” से “अच्छे दिनों” की एक  LONG INNING से सत्ताखोरों के पाँव लंबे (LONG)  होकर.., अंग्रेजों के कानूनों को कॉपी-PASTE से एक नई विदेशी हाथ, विदेशी साथ, विदेशी विचार. विदेशी संस्कार का  पेस्ट बनाकर अपने दांतों को चमकाकर कह रहें हैं ..., अब  इंडिया शाइनिंग होकर , हमारे अच्छे दिन आ  गएँ है ...

Thursday, 22 October 2015

अब इसी कीचड़ से डेंगू के मच्छर पैदा हो गए हैं .., अस्पताल अब जनता का खून चूसकर एक धन बैंक बन गएँ हैं


१.  मैं १८ घंटे काम करता रहा, १३  सालों से अवकाश नहीं लिया.., लेकिन केजरीवाल प्रदेश की जनता की आँखों में लेजर वाल के  काजल से अपने को ६७ विधायको का बादशाह समझकर..,    ऊंगलीवाल बनकर..., २४ घंटे नौटंकी करता रहा...

२.   मैंने रक्षा बजट दुगना कर.., पिछली सरकार से  सेना के जवानों के बंधे हाथ खोलकर, उनके  बुझे जज्बों को जगाकर, सेना को  खुले हाथ देकर दुश्मन व दुनिया को अपनी ताकत दिखा दी है

३  जी हाँ.., मोदी को नीचा  दिखाने के लिए विदेशी से देशी मीडिया की  एक खोज में अब केजरीवाल नौटंकीवाल बनकर..,

मच्छर की बीन बजाते हुए घोषणा की  कि ...,दिल्ली का स्वास्थ्य बजट दुगना कर अब अपनी स्तुती में पिछले साल के २४ करोड़ की तुलना में ५२६ करोड़ के पब्लिसिटी स्टंट से चुनाव से, पहिले  दहाड़कर कहा था..,  मैं न सरकारी कार लूंगा, बंगला लूगा राजनीती में एक आम  आदमी से “आप” (जनता) को सन्देश दूंगा और राजनीती का कीचड़ साफ कर दूंगा.

अब इसी कीचड़  से डेंगू  के मच्छर पैदा हो गए हैं .., अस्पताल अब जनता का खून चूसकर एक धन बैंक बन गएँ हैं   

४. अब आम आदमी पार्टी अब “अपने आदमी पार्टी” कहकर , आमाद होकर अपने विधायकों को कह रहा सरकारी दामाद.., मेरे विधायक की  तनख्वाह  से हो उनकी तन के  ख्वाहिश .., अब मेरे  विधायक तो  सांसद से भी बलवान इसलिए उनका भत्ता हो चार गुना.., यह है मेरे सत्ता का भाग- गुणा   

५. सरकार बनाने पर कचरा कर्मचारियों के ३ महीने  के वेतन न मिलने पर दिल्ली को कचरे की बू से कचरावाल बनकर आरोप प्रत्यारोप में राजनैतिक दबंगता से सडकों पर १५  दिनों तक बनाया महामारी को निमंत्रण का खेल..

५.  अब स्वास्थ्य योजनाओं  के चादर से, मेडिकल माफियाओं ने छीनी गरीबों की गुदड़ी,  गरीबों की नीजी अस्पतालों ने  लाखों का बिल बनाकर गरीबों के घर को बर्बाग बर्बाद कर , दिया देश को एक दाग..,
६.  मुझे स्वराज के नाम से मेरा राज कहकर,तानाशाही के नाम पर अपने तन को शाही ठाट- बाट से अब अन्य सरकारी योजनाओं की हो रही है बंदरबांट .., अपने पार्टी के संस्थापक से व्यस्थापको को मार दी लात.., पुराने चुनावी मुद्दे हो गए गायब..,  अब नौटंकीवाल भी रंगरंगीले गिरगिटी वाल बनकर अपने दिल के गुब्बारे के गुबार को फोड़ कर रहे गुहार.., मुझे दिल्ली की, A .C.B. पुलिस, L.G. के पद पर हो मेरा अधिकार  कह.., मचा रहे शोर..

७. अब पार्टी फण्ड के नाम पर दे रहे जनता को दंड.., कह रहे मेरा खजाना  हो गया है खाली.., अब लगाता हूं अपना कटोरा हर गले नुक्कड़ , गली-गली..,  मांगू जनता से पैसा की नौटकी से कहूं एक साल में बन गई है मेरी पार्टी गरीब.., अब जनता को इस झांसे से अब मैं देखूं सत्ता का एक नया ख्वाब..   

८.  केजरीवाल जी ...!!!!, यदि आपका मंत्र है कि मंत्रिमंडल में.., कानून  मंत्री फर्जी हो.., तो क्या  ख़ाक क़ानून बनेगा.., बोगस डिग्री के विधायकों से क्यों करवा रहे हो जनता की  दुर्गती ..!!!
९.  केजरीवालजी..., एक छोटा बच्चा भी माँ –बाप  से भी चोकलेट के लिए भी इतना जिद नहीं  करता जितना की आप और.., और...और.., की  जिद कर, लोटपोट हो  रहे हो, अब तो जमीनी हकीकत जानों.

१०. अब केजरीवाल एंड कंपनी की हालत उस लड़के जैसी हो गई है, जो अपनी पढ़ाई करने के बजाये 'सिलेबस' बदलवाने के लिये कभी टीचर से मिलता है , तो कभी प्रिंसीपल से और कभी शिक्षा मंत्री से. जबकि सभी उसे यही सलाह देते है, कि कुछ कठीन नहीं है.. तुम पढ़ने की कोशिश तो करो .....
लेकिन पढ़ाई इनसे होना नही है ये सबको समझ आ रहा है...

११ . केजरीवालजी अब गिरगिटी रंग से छद्म दबंगता छोड़ों.., राष्ट्रवादी रंग से प्रदेश में एक नया रंग भर दो.., यह सत्ता बार-बार नहीं मिलती.., यह पब्लिक है सब जानती है.., जन्नत का झांसा देने वाले व देश प्रदेश के सत्ता खोरों को सबक देकर जहन्नुम में डालना भी जाती है...


१२. दोस्तों.., आप और हम वोट बैंक का चेहरा हैं.., ५ साल का  रोता चेहरा है.., फिर होगी एक अफीमी नारों की बहार हम बह जायेंगे इस बयार ... राम मनोहर लोहिया ने की यह उक्ति .., जिन्दा कौमें पांच साल इन्तजार नहीं करती.., आज क्या सार्थेक होगी..,  जब तक न हो..., राष्ट्रवाद  का सार..., देशी विचार..,
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..

इसरो के मिसाईल मिशन में कुछ मिसाईले प्रक्षेपण के बाद धराशाही होने के बाद सफलताएं मिली है .., लेकिन १९४७ से आज तक माफियाओं द्र्वारा महंगाई के मिसाईल के मिशन में आसमान अनूकूल व खुला होने से अबाध गति से नित्य नए-नए प्रयोगों से सफल हो रहें है..


चेतो मोदी सरकार..., माफिया करे हुंकार.., हमारे और भी अच्छे दिनदिन आकर.. अब तो.., सीना तान कर कह रहें हैं हमें मिल रहा है.., मोदी सरकार से पुरूस्कार ..

२. क्योंकि आज तक काले धन व जमाखोरों की सम्पती को राष्ट्रीय धननहीं है, घोषित.., जनता है, शोषित .., इसे लिए बढ़ रहा है माफियाओं का जूनून 
प्याज मिल्खा सिंग से तेज व दालें मिसाइलें दौड़ लगा रही है..

३. इसरो के मिसाईल मिशन में कुछ मिसाईले प्रक्षेपण के बाद धराशाही होने के बाद सफलताएं मिली है .., लेकिन १९४७ से आज तक माफियाओं द्र्वारा महंगाई के मिसाईल के मिशन में आसमान अनूकूल व खुला होने से अबाध गति से नित्य नए-नए प्रयोगों से सफल हो रहें है..

४. मिसाईल मैंन की आत्मा उनके जन्म दिन पर भी तड़फ कर आंसू बहा रही है.., लोकसभा की हुड्दंग व आतंकवादियों की धटना से वे हो गए थे दंग कि पिछली सरकार के संविधान के दाग अब भी धुलने वाले नहीं हैं .., वे देश की ज्वलंत समस्याओं से आहत होकर इस देश को छोड़ कर चले गए 

५. चेतो मोदी सरकार.., जो माफिया अब भी आपको चहेते समझते है.., उनका भ्रम तोड़कर.., ताकि महान राष्ट्रवादी भारत रत्न महामहिम राष्ट्रपति DR. APJ ABDUL KALAM की आत्मा को शांती मिले

६. देश का अन्नदाता किसान १९४७ से MAKE IN INDIA से भारत की तस्वीर से MADE IN INDIA बनाने के बावजूद माफियाओं द्वारा मूल्य के शोषण से ४० लाख से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं
७. दोस्तों .., याद रहे.., “आराम हराम हैके नारे से विदेशी हाथों से, अमेरिका के सड़े गेहूं के निवाले से.., देश की जनता को बुजदिल बनाकर , हमारे सेना के हौसले तोड़कर चीन से मिली हार .., और नेहरू की मौत के बाद भारी कर्ज का शौच.मात्र १८ महीनों में प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने साफ़ कर दिया था 

.., जबकि १८ महीने बाद जनता के महंगाई से कच्छे पहिनने के दिन आ गए है.

८. प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने इस सड़े गेहूं को बंद कराकर .., अमेरिका से कहा हम ऐसा गेहूं खाने के बजाय मरना पसंद करेंगे ..,” देश के भू धन व पशु धन से.., देश के जवानों व किसानों के बुद्धी बल कर्म बल को पहचान कर, “जय जवान जय किसानके ज्वलंत नारे से .., हमारे अंग्रेजों के जमानों के हथियारों से.., अमेरिका के कभी न नष्ट होने वाले पेटंट टैंक का दावा करने का भ्रम तोड़ कर .., सेना के जज्बे से विश्व आश्चर्य चकित हो गया.
९. देशवासियों के अच्छे ही नहीं उन्नत दिन आकर ,देश विश्व गुरु बनने की दहलीज पर खडा खड़ा था तब विदेशी ताकतों ने देशी माफियों के साथ मिलकर इस लाल का खून जहर से नीला कर , देश को पुन: विदेशी हाथों में जकड़ दिया और आज तक देश विश्व की आथिक गुलामी का शिकार होकर प्रत्येक व्यक्ती पर ७५ हजार रूपये से अधिक विश्व बैंक का कर्जा है.

१०. चेतो मोदी सरकार देश..,देशी- विदेशी माफियाओं से नहीं.., आप तो १२५ करोड़ की आबादी में ६५% युवा होने का तो दंभ भरते हो..
, 
११. गावों में लाखों अब्दुल कलामहैं.,सिर्फ उनका जज्बा जगाने की जरूरत है.., लेकिन आपके शासन के इन युवाओं के १८ महीने की आयु इस विदेशी कटोरे से धन बटोर कर योजनाएं बनाने में बर्बाद हो गए हैं ..,अब विदेशी धन से ये योजनाएं.., पिछली सरकारों की तरह ही विदेशी हाथो संग मिलकर भोजनाएं बनेंगी.., 

१२. सच्चाई है कि.., भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों के काले धन से तो देश का कर्ज चुक जाएगा व अधिकांश भ्रष्ट मीडिया-माफियाओं-राजनेताओं-नौकरशाहों-जजशाहों का अकूत धन निकाले तो देश का एक रूपया = 70 डॉलर हो जाएगा. डूबते देश की पतवार देशवासियों के हाथ आकर, देश ६ महीने से भी अल्प समय में मेक इन इंडिया से विश्व गुरू से MADE (बन) जाएगा 

Sunday, 18 October 2015

गौ ही जीवन का सार है.., गौ माता के जीवन से जिन्दगी में बहार है .., गौ के पौष्टिक जीवन से ही भारतीयों का जीवन पौष्ट है.., गौ ही माँ है .., वात्सल्य की बहार .., जीवन का उद्धार .., निखरे हिन्दुस्तान .., बने वतन की शान...



     चेतो मोदी सरकार.., गौ ह्त्या के नाम पर हो रहा.., देश में खिलवाड़ , वोट बैंक की दरकरार..,भारत माता की गुहार..., मेरे नन्हे पुत्र बन रहें दूध से मुंहताज , सत्ताखोर व माफिया विदेशी धन से बने सरताज...
     एक तरफ तो.., देश के ४० हजार क़त्लखानों को सब्सिडी के सांप सीढ़ी का खेल .., व दूसरी तरफ गौ ह्त्या रोकने का स्वांग..., जब तक ये क़त्ल खाने पूर्ण रूप बंद नहीं होंगे.., देश का रूप नहीं बदलेगा .., गौ ह्त्या का खेल बंद नहीं होगा ..
     हिंदुत्व को काटकर .., बंधुत्व को बांधकर.., देश में विदेशी मुद्रा का उन्नत भण्डार मानकर हो रहा है.., देश का बंटाधार..,राजनेता खिलवा/लडवां   रहें हैं , वोट बैंक से  धर्मवाद की तलवार..
      आज देश के विदेशी मुद्रा का प्रथम उच्च श्रोत गौ मांस है.., हमारा देश गौ मांस निर्यात में विश्व में अग्रणी है .., देश की संस्कृति को बेचकर.., हिंदुत्व को विश्व के मुस्लिमों  को देश का तत्व बेचकर, इसके बावजूद आज प्रत्येक देशवासी पर ७५ हजार से अधिक का कर्ज है..., क्या गौ मांस बेचकर इसका फर्ज निभाया जा रहा है..  १९४७ के बाद से ही देश गौ मांस निर्यात से, कर्ज के गर्त की शुरूवात हो गयी थी.
     देश की संस्कृति मिटने से, देशी विचार की ह्त्या से देश राष्ट्रवाद से संकुचित होकर, विदेशी घुसपैठीयों के वोट बैंक से   पिछले इतिहास को देखकर ईरान तक फैला देश का साम्राज्य से.., आज के हिन्दुस्तान को और संकुचित करने का प्रयास चल रहा है .
      वीर ही नहीं परमवीर सावरकर ही ऐसे दूरदर्शी क्रांतीकारी व भविष्यवक्ता व पतंजली दृष्टी से उन्होंने देश वासियों को चेताया ..,
“भारतीय गाय” इस धरती पर सभी गायों  मे सर्वश्रेष्ठ गौ  है .मानव के उत्थान के लिए एक अनमोल पशु व  गुणों की खान है इसलिए गौ पूजन से अधिक  महत्व गौ पालन है.., गौ का जीवन जितना लंबा होगा देशवासियों का जीवन, देश की संस्कृति से  उतना ही दीर्घायु होगा...

आगे उनका प्रबल मत था कि करोड़ देवी देवताओं को गाय के शरीर में बसे होने की धारणा का क्या अर्थ है? और सबसे ज्यादा देवता गाय की पूंछ में देखे जाते हैं. जब ग्वाला गाय को चराने जाता है और उसे हांकने के लिए पूंछ पर डंडा मारता है तो देवताओं का क्या होता होगा? इससे उनका अर्थ है  कि लापरवाहीपूर्वक गाय की उपेक्षा करते हुए उसकी पूजा का ढोंग रचना व्यर्थ है.., गौ पूजन की दुहाई से  देशी गायों को गली-गली आवारा घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है..,
आज उनकी भविष्य वाणी सत्य निकली है.., आज का यथार्थ हा कि  आजभी  मुम्बई दिल्ली जैसे देश के महानगरों-नगरों  में लाखों गौ कूड़ेदानों के भोजन से नष्ट न होने वाला प्लास्टिक खाकर, पेट में संचयित कर, बीमार पड़ रही है. सड़क पर चलता व्यक्ती भी इसे देखकर आँख बंद कर लेता है  

६.   “जय-जवान , जय किसान” के मसीहा प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने तो देश के “पशु धन” से “श्वेत क्रांती से हरित क्रांती” के साथ हरामी सत्ता खोरों पर लगाम लगा कर देश में  हरियाली ला दी थी..,  इसी भय से देशी माफियाओं ने विदेशी हाथों से  लाल बहादुर शास्त्री के प्राण हर कर उनके “लाल खून” को जहर से “नीला कर” , देश में गरीबों के शोषण का जहर फैलाकर,विदेशी हाथों में जकड़ कर आज एक नई पकड़ से देश की अर्थ व्यवस्थता को अस्त पस्त कर देश के उगते सूरज पर काले बादलों का अधिकार होकर .., आज भी विदेशी बादलों के अंधकार से हमारे रूपये पर डॉलर ६७ हथौड़े मारकर देश के जवानों व किसानों की मेहनत हजम कर रहा है  

७.   इस “गौ” ने ही मंगल पाण्डेय जैसे क्रातिकारी को पैदा कर हिंदु मुस्लिम एकता का नया संगम पैदा कर.., वीर सावरकर ने हमारे दिव्य मान इतिहास के  दीपक को प्रज्ज्वलित कर सरदार भगत सिंग , चन्द्र शेखर तिवारी उर्फ़ आजाद व सुभाष चन्द्र बोस जैसे करोड़ों क्रांतीकारियों में भारतमाता को गुलामी की बेड़ियों को काटने का जज्बा फुक दिया था
८. सत्ता परिवर्तन को आजादी  झांसा देकर, आराम हराम के अफीमी नारों से देश की संस्कृति को गौ के खून से लहूलुहान कर देश की गरीबी हटाओ से मेरा भारत महान कह .., अच्छा लग  कर इंडिया शायनिंग से भारत का निर्माण हो कर अब अच्छे दिनों से देश के गौ-माता का क़त्ल नहीं देश के शिशुओं का क़त्ल हो रहा है ..,
९.  आज देश भूखमरी से, शिशु ह्त्या में विश्व के देशों में सर्वोपरी है

१० . १९४७ में, ३० करोड़ देश वासियों के पास १२५ करोड़ का पशु धन था.., देश की मुद्रा, रूपया , अपने रूपहले दौर में थी ..,डॉलर पर हावी थी .., देश में दूध की नदियों से देश वासी बलशाली व निरोगी था.., लेकिन देश में लोगों को अशिक्षित रख कर, जनता की आँखों में   आराम हराम है कि पट्टी बाँध कर पशु धन को क़त्ल कर विदेशी धन की आवक से विदेशी भाषा विदेशी विदेशी विदेशी हाथ विदेशी साथ विदेशी संस्कार विचार से देश की प्रगती होगी कहकर , सायकल,जीप व अन्य घोटालो से  विदेशी चादर से  ढक कर.., आज भी देश के लाखों घोटालों को धक् कर विदेशी माफियाओं की दुहाई देकर .., विदेशी, अब देश का दूध दूहकर .., देश के जवानों को अपने केमिकल भोजन से देश वासियों के सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं...
११. अंत में सार इतना ही है.., गौ ही जीवन का सार है.., गौ माता के जीवन से जिन्दगी में बहार है .., गौ के पौष्टिक जीवन से ही भारतीयों का जीवन पौष्ट है.., गौ ही माँ है .., वात्सल्य की बहार .., जीवन का उद्धार .., निखरे हिन्दुस्तान .., बने वतन की शान...

Thursday, 15 October 2015

अब वीर सावरकर से प्रेरित होकर अब्दुल कलाम जैसा विद्यार्थी पैदा नहीं होगा .., जब तक वीर सावरकर के साहित्य व हिंदुत्व के इतिहास दर्शन से, हिन्दुस्तानी जाग्रृत नही होगा ..



अब वीर सावरकर से प्रेरित होकर अब्दुल कलाम जैसा विद्यार्थी पैदा नहीं होगा .., जब तक वीर सावरकर के साहित्य व हिंदुत्व के इतिहास दर्शन से, हिन्दुस्तानी जाग्रृत नही  होगा ..

आओं मनायें डॉ. एपीजे कलाम का जन्म दिन .., एक आजाद विचारों से  वीर सावरकर” “लाल बहादुर शास्त्रीराजीव दीक्षितके देशी विचार,संस्कार संग...., भरें जीवन में एक नया रंग.., तिरंगा न हो बदरंग 

अब्दुल कलाम का ही यह जूनून था कि गरीबी से लड़ने के लिए सवेरे अखबार बेचने से.., छोटी उम्र से ही, खुली आँखों से आसमान की गहराई को नापने का सपना ही उन्हें “मिसाईल मैंन “ बनाकर, पूरा कर .., अखबारों की सुर्खियों में अपने जीवन के अंत तक छा कर देश के युवकों को एक तरूणाई की छांव छोड़ गए

१.   वीर सावरकरसे अभिभूत भारत रत्न सम्मान से मंडित देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एपीजे कलामने अपने उद्‌बोधन में बडे ही मुक्त ह्रदय से यह रहस्योद्‌घाटन किया था कि आपने अपनी रचना 'इंडिया 2020 ए विजन फॉर द न्यू मिलिनियम" ग्रंथ में 'स्ट्रैंग्थ रिस्पेक्ट्‌स स्ट्रैंग्थ" (शक्ति ही शक्ति का सम्मान करती है) यह जो दार्शनिक वाक्य प्रस्तुत किया था, वह मूलतः वीर सावरकर का दिया हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी तरुणाई के दिनों में वीर सावरकरके त्याग एवं विचारों को पढ़कर वे अभिभूत थे और उन्होंने सावरकर साहित्य को पढ़ा है
याद रहे.., पुणे के 'ऋण विमोचन ट्रस्ट" द्वारा युद्धनीति तथा रक्षा तैयारियों से संबद्ध अनुसंधान के क्षेत्र में मौलिक अनुदान देनेवाली राष्ट्रीय व्यक्ति या संस्था को दिए जानेवाले 'वीर सावरकर पुरस्कार" से वर्ष 1998 में डॉ एपीजे कलाम को सम्मानित किया गया था.

२.  वीर सावरकरको देशद्रोही कह ललकारने वालों को राष्ट्रपति डॉ. एपीजे कलाम ने फटकार लगाई.., भले विपक्ष वोट बैंकके प्रतिशोध की राजनीती से संसद में गैर हाजिर था.., इसकी परवाह न करते हुए वीर सावरकरके तैल चित्र का अनावरण किया व भूरी-भूरी प्रशंसा की..,

याद रहें.., इससे पूर्व, के.के.नारायण जातिवाद की राजनीती से राष्ट्रपति बने थे. इसे वोट बैंक की राजनीती बरकरार रखते हुए.., उन्होंने वीर सावरकरके तैल चित्र लगाने का कड़ा विरोध किया, क्यों कि वीर सावरकरजातिवाद के महा कट्टर विरोधी थे 

कलाम व वीर सावरकर में समानताएं ..
३ . दोनों, देश के पिछले बेंच (सूदूर ग्रामीण से ) के राष्ट्रवादी विद्यार्थी ..., बचपन से अलौकिक प्रतिभा.. देश व विश्व में अग्रीणतम की कतार में अव्वल. 
{भले आज भी देश में .., जातिवाद,भाषावाद, भ्रष्टाचार से जनता से नेता तक में.., नशे की आड़ में आतंकवाद से हो रही सर फुटव्वल की जंग में, लोक तंत्र में लूट तंत्र का भर रहें रंग.., बदरंगों सियारों की बहार से, एक नयी बयार है.., अफीमी नारों की बोली की आड़ में, छद्म राष्ट्रवाद के . बोली की होली है..., भक्त प्रहलाद मारा जा रहा है.., होलिका WHOLE देश में HOLE कर रही है. }

४ . एक ने देश की गुलामी को विश्व पटल में लाकर क्रांतीकारियोंको सन्देश दिया कि गुलामीदेश व जनता का कलंकहै, इसी मंत्र से विश्व के क्रांतीकारियों को संगठीत किया .., वहीं डॉ. एपीजे कलामने दुनिया को सन्देश दिया कि हमारा ज्ञान विज्ञान का कोई सानी नहीं है...
५ . दोनों का सन्देश , “राष्ट्रवादके विचारों से ही हम सार्थक होंगें..., न कि सत्ताखोरों की बंदर बाट योजनाओं से.. 
६ . दोनों ने अपने जीवन का 100% समय राष्ट्र को समर्पित किया ,कोई व्यक्तिगत सम्पती नहीं बनाई..,  दोनों ने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपनी सम्पूर्ण सम्पती जन सेवा में दान देकर , देश की एक नयी  लकीर की छप छोड़ गए

७ . शास्त्री को रूस न जाने की चेतावनी की भविष्यवाणी से ह्त्या का समाचार सुन, वीर सावरकर ने इच्छा मृत्यु से भारतमाता को अपनी अंतिम सांस समर्पीत की वही लोकतंत्र को तडफा-तड़फा कर घुटन से मारने के सांसदों के खेल व आतंकवाद से देश को रंगने के खेल से चिंता में डॉ. एपीजे कलाम अपनी अंतिम सांस ली 
८ . दोनों सपूतों की मृत्यू ८३ साल की आयु में 
देश का दुर्भाग्य...!!!!, आज सत्ता परिवर्तन के ६९  सालों बाद भी देश की जनता जातिवाद, भाषावाद,धर्मवाद व वोट बैंक से घुसपैठीयों की नीती से विदेशी आतंकवाद व देश में अलगाव वाद से भयभीत है 

९. अंग्रेजों ने सत्तापरिवर्तन के समय जिन्ना,नेहरू व गांधी की तिकड़ी को सौगात दे दी थी ..., अखंड भारत की धरा- धारा से जनमतके बावजूद देशवासियों को बड़ा धोखा मिला.., कांग्रेसियों ने जवाहरलाल नेहरू को नकार कर , सरदार पटेल को प्रधानमंत्री के रूप में चुनने के बावजूद , गांधी ने नेहरू को प्रधानमंत्री पद उपहारमें दे दिया 

१०. देश को छद्म अहिसासे १९४७ की खूनी होली से १० लाख हिन्दुस्तानियों की ह्त्या से, देश तो खंडित हो गया.., इसके बावजूद हमने वीर सावरकरकी ४० से अधिक भविष्य वाणियों की ओर ध्यान दिया होता तो आज देश ६८ साल पहिले ही विश्व गुरूबन जाता.

११. आज का इजराईल वीर सावरकरकी विचारधारा को सिरोधार्य कर देश का सैन्यीकरण कर विज्ञान के संग राष्ट्रवादीविचारों से देश के उन्नत व सुरक्षित देशों में शुमार है.., जबकि हम आतंक वाद में चूहा मार से भी भीरू हैं 

१२. कही एक आतकवाद का चूहा पकड़ भी लिया तो देश का मानवाधिकार सजा देने में, देश को धिक्कारता है.., इसकी आड़ में मीडिया माफिया-सत्ताखोरों की टोली के जबानी बोली से वे T.R.P.से और मालामाल हो रहें हैं,,,

क्या..??, “छद्म, गांधीवादी अहिंसासे देश६९  सालों से, “भीरूरहेगा ...!!! 

राष्टवाद का सार..., देशी विचार..,
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..

Sunday, 11 October 2015

जयप्रकाश नारायण का बिहार .., अब अंध प्रकाश से जातिवाद की बहार.., नर मुंडों के परायण से भ्रष्टाचार को ,अफीमी नारों के रावणों का नारायण...,नारायण...,और उसमे गौ मांस का तड़का..



१.  जयप्रकाश नारायण का बिहार .., अब अंध प्रकाश से जातिवाद की बहार.., नर मुंडों के परायण से भ्रष्टाचार को  ,अफीमी नारों के रावणों का नारायण...,नारायण...,और  उसमे गौ मांस का तड़का..
२.  जातिवाद के नरमुंडों के समीकरण का यह खेल है.., कही दलित , मुस्लिम व यादव के झोल से इनके वोट अपने झोले में डालने की प्रतिस्पर्धा है..
३.    क्या यह चुनाव जातिवाद विरूद्ध विकास की लड़ाई साबित होगी या बिहार का विकास के ताबूत पर जातिवाद की आखरी कील साबूत होगी
४.    जयप्रकाश नारायण की इंदिरा गांधी की सरकार के  भ्रष्टाचार से  प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार करने पर अदालत की अवमानना करने से,  हुंकार के बाद.., देश में १८ महीने आपातकाल लगाए जाने में, जेल जाने वाले नेता, जयप्रकाश नारायण की अक्टूबर  १९७९ में मृत्यू होने के बाद  अपने को क्रांती का स्वंय –भू  नेता मानकर, बिहार प्रदेश को  अंध प्रकाश कर, जातिवाद के प्रकाश से चारा व अन्य घोटालों से अपनी सत्ता चमकाते रहे ..
५.     नीतीश सरकार ने बिहार में आपातकाल के दौरान “मीसा” में जेल गए लोगों को, १८५७ के क्रांतीकारियों से महान बताकर  पेशन की घोषणा कर दी ..
६.  जयप्रकाश नारायण ने तो कहा था, देश में सबसे अधिक खनिज होने के बावजूद बिहार गरीब क्यों.???, इस जीत का रहस्य तो..., खनिज से ज्यादा बिहार में नेताओं के लिए जातिवाद,धर्मवाद के उत्प्रेरक खनिज से.., बिहार भ्रष्टाचार के बहार से गाय भैसों व अन्य जानवरों के चारे से, मुस्लिम यादव के भाई- चारे नारे के आड़ में, २५ सालों तक चारे को डकारकर , प्रदेश के गरीबों को बहाकर.., एकछत्र राज्य करते रहे...,
७.    दिवंगत महान व्यंगकार लेखक श्री हरीशंकर परसाई के १० हजार से अधिक राजनितिक लेख आज भी जीवंत हैं. १९६० के दशक में.., उन्होंने बिहार के बारे में लिखा था, श्रीकृष्ण भगवान् मुझे मिले थे. उन्होंने, कहा मैं बिहार में चुनाव लडूंगा और लोगो को कहूँगा में श्रीकृष्ण भगवान् हूं , मैं आसानी से जीत जाऊंगा .., तब मैंने उनसे कहा आप जब तक यह नहीं कहोगे मैं श्रीकृष्ण यादवहूँ , तब तक आप चुनाव नहीं जीत सकोगे. भगवान् और मेरी शर्त लगी भगवान् श्री कृष्णा के विरोध में यादव नाम का उम्मीदवार खड़ा था और वह जीत गया और भगवान् श्री कृष्ण हार गए
८.  दोस्तों.., देश का सबसे बड़ा जहर अशिक्षाहै.., जिसकी वजह से जनता गरीब होते जा रही है.., खोखले वादों के अफीमी नारों का शिकार हो जाती है.., और वोट बैंक की राजनीती करने वाले अपने को देश का मसीहा कहकर काले धन से अमीरतम बनकर अपने को अप्रतिम कहकर सत्ता को जातिवाद, भाषावाद,धर्मवाद व घुसपैठीयों के कोड़े से जनता को पीटकर,अधमरा कर, महंगाई बढ़ा कर कर्ज के गर्त से देश को डूबा रहें है.

11. इस लोकतंत्र में आप और हम वोट बैंक के मोहरे हैं.., ५साल के रोते हुए चेहरे हैं.. राममनोहर लोहिया ने सही कहा था ..., जिंदा कौमे ५ साल का इन्तजार नहीं करती है.