“U - Crane” … Putin,
Can ukraine be put in Russia
“U - Crane” … Putin,
Can ukraine be put in Russia
घर की सुरक्षा के लिए स्वंय सक्षम बनों..,
पड़ोसियों के मिथक
झाँसों में मत फसों ..,
घर में आग लगने पर पड़ोसी आग बुझाने के बजाय इसे अवसर मानकर अपने घर के बैगन
भून कर ले जाएँ..
Be yourself capable of protecting the house.., don't fall
into the myths of neighbors..,
If there is a fire in the house, instead of extinguishing
the neighboring fire, take it as an opportunity and roast the brinjals of your
house.
2014
-2019 से अब तक मोदी कर रहें हैं देश विरोधियों
का संहार, अब उनकी ज़बानों से बयानों की बंद हो गई बौछार ...
2017 से योगी ने माफियाओं पर किया जोरदार वार, अब वे अपने अस्तित्व बचाने की कर रहें गुहार...
अब देश के स्वाभिमान से खिलेगी 2022 में कमल की बहार ....
योगी का बिजली का झटका ज़ोर से लगा..., वोट बैंक में फटका लगा, उत्तर प्रदेश के
अखिल प्रदेश के अंधकार राज के बाद अखिलेश
अब तो आँखे खोलों व तुम्हारे जातिवाद धर्मवाद व अलगाववाद से उतारू प्रदेश को योगी
द्वारा इसे उत्तम प्रदेश बनाने की रौनक़ देखो
जनता की आंखों में अब भी इसकी चमक व कह रही है, अरे बाप रे..!! इतना अलौकिक up yogi
उपयोगी प्रकाश..
क्या अब अखिलेश की साइकिल इस चुनाव के नतीजों से कबाड़ के अंबार में तब्दील हो जाएंगी
योगी कहें...,अखिलेश
तेरे अखिल प्रदेश में कलेश से तेरे शासन काल में उत्तर प्रदेश में बिजली नही थी..,
मेरे सुशासन काल में
बिजली का चमत्कार देखना…, अब जनता की आँखों के उजियारा से मेरे अगले कार्यकाल से प्रदेश की ख्याति देश ही नही विदेश में भी गूँजेगी
क्या..., अखिलेश
अब भी जनता को मुफ़्तख़ोरी से ३०० यूनिट बिजली देने का खोखला दांव खेलकर उत्तरप्रदेश
को पुन: खोखला करने का दांव खेलने में कामयाब होने का सपना देख रहें हैं
उत्तर प्रदेश को उतारू प्रदेश बनाने के लिए विधानसभा चुनाव में विराट गिरगिटि युद्ध..., एक अपने को अन्ना का बाप व दूसरा अपने को राम मनोहर लोहिया का बाप के धौंस से जनता को मुफ्त की सौगात देने के होड़ से सत्ता की दौड़ में एक खांस रहा है व दूसरा हांफ रहा है
एक अपने को अन्ना का बाप
के धौंस से जनता को मुफ्त की सौगात देने के होड़ से सत्ता की दौड़ में एक खांस रहा है व दूसरा हांफ रहा है
आज मातृभाषा दिवस है ...., देश की प्रगति को अग्रसर करने का प्रेरणा दिवस है ...,
यह चित्र मोदीजी, भारतमाता व राष्ट्र को समर्पित
अब अंग्रेजी नही बनेगी
राष्ट्र के युवाओं को रोटी देने वाली भ्रम की भाषा..., देश को जकड़ने वाली अंग्रेजी भाषा की देशी
व क्षेत्रीय भाषाओं के प्रभुत्व से अब देश की बेड़ियाँ टूटेगी....
अब देश में उच्च शिक्षा 11
देशी भाषाओं में
याद रहे .....
भारतेंदु
हरिश्चंद्र मात्र 34 साल जीवन जीने वाले जो साहित्यकार, पत्रकार, कवि
और नाटककार थे 1850 के आसपास
के भारत में भ्रष्टाचार, प्रांतवाद, अलगाववाद, जातिवाद और छुआछूत जैसी समस्याएं
अपने चरम पर थीं. तब उन्होने देश भर में अपने नाट्य मंचों को हिन्दी व क्षेत्रीय भाषाओं से समाज की आँखें खोलने मेँ एक अहम
भूमिका निभाई
जिन्होने विश्व को यही सार्थक उक्ति कही थी संदेश
दिया था कि मातृभाषा से ही देश की उन्नती है
“ |
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। |
” |
निज यानी
अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है।
मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा
का निवारण संभव नहीं है।
विभिन्न प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान,
सभी देशों से जरूर लेने चाहिये, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा के द्वारा ही करना चाहिये।
संक्षेप्त में अंग्रेजी
भाषा जो देश को गुलाम रखने वाले अंग्रेजों के अंग्रेजों के पिल्लूओ ने हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषा जो देश की व क्रांतिकारियों की भाषा थी जिसे
आज भी एक सुनोजियत षडयंत्र के तहत समाप्त किया जा रहा था उसकी समाप्ती का दौर आ
गया है
विदेशी भाषा को चंद लोग
जानने वाले देश पर आज भी विदेशी राष्ट्रो के इशारों से देश की राष्ट्रवाद व राष्ट्रनीती (धर्म परिवर्तन, घुसपैठियों का संगठन से वोट बैंक बनाकर व
देश का कायरता का झूठा इतिहास पढ़ाकर देश को खंडित
भारत की उपमा से देश के टुकड़े करने की नीती की योजना बना रहे थे ) बदलकर राजनीति
की चासनी से देश पर राज कर देश को डूबाने का ही काम कर रहें हैं
सुदूर क्षेत्रीय भाषा के गरीब तबकों के अभिभावक भी भारी स्कूल फीस
भरकर अपने बालकों को अंग्रेजी भाषा में शिक्षण देकर देश की मुख्य धारा से अलग कर, वह छात्र मूक विदेशी भाषा का अनुसरण तो करता है पर वह उसके पल्ले नही पड़ता
है
8वीं कक्षा के बाद उसे अंग्रेजी भाषा के पल्ले पड़ने का एहसास होता है व मैट्रिक में पहुँचने
तक वह भाषा का ज्ञान लेते रहता है
तब तक वह विदेशी भाषा के
बोझ तले दबता हुआ शिक्षा का अधूरा ज्ञान ग्रहण करता है
विश्व के जिन देशों ने
स्वदेशी भाषा में शिक्षा का प्रसार किया है आज अंग्रेजी भाषा के देश उनसे पिछड़ते जा रहें है
जापान मेँ 10 वी का छात्र
अपनी भाषा से आगे अनुसंधान के लिए पढ़ाई करता है जबकि हमारे देश का छात्र रोजगार वाले क्षेत्र के लिए पढ़ाई में अपने को बंधुवा अफसर बनाने के
लिए आतुर व गर्व में रहता है
अपनी भाषा में अनुसरण कर
अति उन्नत देशों में इस्राइल रूस फ्रांस जापान स्पेन पोलैंड जर्मनी स्विट्ज़रलैंड
चीन डच इटली जैसे अनेक देश हैं
और हम हैं सत्ता परिवर्तन
के 73 सालों बाद भी उक्त देशों से तकनीकी व हथियार खरीद कर देश के राजस्व का बड़ा
भाग बर्बाद कर रहें हैं व विदेशी
निवेश से देश को पंगु बना रहें हैं
क्या पंजाब के टुकड़े कर ख़ालिस्तान बनाकर प्रधानमंत्री बनने के देशद्रोह का खेला खेलने वाले व देश को डूबोने वाले इस सु.. अरवाल को पंजाब की जनता सबक़ सिखायेगी
ये देखों मेरा जिगरी मित्र गिरगिटिवाल अब शाहिनबाग के गंदे नाले से निकलकर
सुअरवाल बनकर पंजाब का मुख्यमंत्री बनने व अलगाववाद के स्वाद से देश तोड़कर प्रधान मंत्री
बनने का ख़्वाब देख कर सत्ता क़े नये भोग के तलाश में है
https://youtu.be/wl_2T11xdWA
https://youtu.be/wl_2T11xdWA कृपया इस लिंक को copy कर अलग से वेबस्थल से बाहर ज़रूर खोलें … सच्चाई दिख जायेंगी
योग़ी लहर से आने वाला है .., अब मेरे जीवन में क़हर .. . सरकारी बंगले ख़ाली करते चुरायी
टोंटी वापस नही की तो निकाल देंगें मेरी
बोटी….
क्या…!!!, उत्तर प्रदेश के इस विधान सभा चुनाव में अखिलेश को अपने अखिल प्रदेश में हार के डर
से दोनों हाथों का भय से अब टोंटी चोर के कलंक को धोने का अवसर मिलेगा...
क्या इस योगी के उत्तम प्रदेश से इस बार २०२२ के विधानसभा चुनाव में…,
आजम खान तुझ को रोना (को –
रोना) पड़ेगा, इसका
हिसाब देना होगा
मुलायम के 75वें जन्मदिन में 75 लाख रूपये के इस लकड़े की बग्गी से भ्रष्टाचार के लकड़बग्गे से धन हजम कर तेरी ब्युटि क्यून से
मुलायम के बाद अखिलेश
को राजा बनाने के अलबेला खेला का अब अंत होगा...
हम इस सैफई में नृत्य कला से काला धन की सफेदी से safely
हो गये मालामाल...
के इस खेला के इत्र के धन की वसूली होंगी
क्या भारतीय जनता पार्टी से छटककर….,
मौर्या, समाजवादी पार्टी के स्वामी बनकर सायकल की दिशा व दसा तय
करेंगें …
प्रियंका मौर्या जो इस ब्रांड की कर्ता धर्ता थी उसका इस छद्म नारे से टिकट काट
लिया और यह स्लोगन कॉंग्रेस पार्टी पर भारी
पड़कर
“लड़की हूँ टिकट के लिए लड़ सकती हूँ…, झगड़ सकतीं हूँ…, चिल्ला सकती हूँ…” अब
गले की फांस बन कर काँग्रेस अपनी कब्र खुद खोद रही है
अब बुलडोजर की सरकार करे ललकार..., “हम जहां भी चलते
है.. वहीं से रोड बनती है , मफ़ियाओं का निकास से ग़रीबों के विकास में हमारा है विश्वास “