जीवन में गाय का महत्व माँ की तरह है..,यह है हमारे देश का वैदिक ज्ञान, देशी गाय तो मानव-जीवन की रक्षक ही नही , बल्कि, उसके जीवन मे भी प्रकाश डालती है, इस प्रयोग से सिध्द होता हैआओ कसम ले , किसी को भी गौ - हत्या नही करने देंगे ........ भारतमाता की जय.. स्वदेशी भाषा,विचार,संस्कार अपनाओ, भ्रष्टाचारीओ से डूबते देश को बचाओं, देश को कर्ज़ से बचाओ... कैलाश तिवारी –
“आप” अब कांग्रेसी आठ से (विधायकों) अपने ठाठ मना रहा है, लेकिन अब ऑक्टोपस के भेष से अब बेबस से हताश हो गया है ... बयानों के खानों से अपना समय बर्बाद कर, चुनावी आचारसंहिता लागू होने तक, अपना समय मुख मंत्री बनकर , मुख्यमंत्री ने एक नया खेल कर... शुरू करो अंताकक्षड़ी लेकर सत्ता का नाम..., समय काटने के लिए करना है कुछ काम ....१. केजरीवालजी .......??????????,अब मुझे शोले के गब्बर की याद आ रही है... “अब, तेरा क्या होगा कालिया” ... लोकसभा चुनाव मैं...??? कहिं यह, क्षोंभ सभा में... बदल जाए
२. केजरीवालजी..., अब “आप” अपने वादों की बारात को कांग्रेसीयों के परम्परागत बयानों में, अब कह रहे हो, मेरे पास भी कांग्रेसीयों की तरह “जादुई छड़ी” नहीं है...
येडा (मराठी में पागल ), पेडा, बखेड़ा खडा कर, अपने ही राह में रोड़ा बनकर , जेटली के मुंह पर थूंकना का दिल करता है व शीला का चाटना...., ऐसे बयानों से देश में नगाड़ा बजा रहे हो ..????.
३. कहां गये .......????, “आप” के १८ वायदे और शीला की भ्रष्टाचार की जवानी की फाईले... अब तो “आप” बने..., धरने के बहाने , सत्ता घराने को बचाने के खेल में, सत्ता के सपने के मुंगेरीलाल से, महावीर लाल से अपने को देश का लाल मानकर एक कांग्रेसी की तरह एक हाथ की ताली से अपनी बेताली का दंभ भरकर , वोट बैंक की डकार का मलखंभ खेल रहें हो
४. चेतन भगत ने तो “आप” को “आईटम गर्ल” कहा हैं... अभी राखी सावंत का बयान आया है, यह शब्द मेरी आजीविका पर प्रहार है ... और वे कह रही है, केजरीवाल अपने आँखों में कजरा लगा कर अब “आईटम बॉय” कहा है... लेकिन अब “आप” तो फुटपाथों में मदारी बनकर... अपने बंदर नेताओं के बयानों को सही बताकर... उनके साथ सोने के बावजूद ,,,,, तमाशे का खेल. दिखाने के बावजूद भी “आप” भीड़ जुटाने में असफल रहे है. .
बुधवार का देशघाती भविष्य ...और राजनीती का अतीत ....इतिहास अपने को दुहराता है, केजरीवालजी...????, वी.पी सिंग..., आपसे १०० गुना इमानदारी से भरमाकर , राजीव गांधी के बोफोर्स घोटाले की ६० करोड़ की दलाली की पोल खोलने के छलावे के ईनाम से V.I.P प्रधानमंत्री बने , लेकिन आरक्षण की आग से अपनी कुर्सी को तपाने के चक्कर में खुद नप गए....काश्मीर समस्या को आतंकवादियों की छोड़कर एक इबादत (प्रार्थना) लिख कर, कुछ खाली पेज छोड़ गए गये ...???,,ताकि भविष्य में कोइ इनका उत्ताराधिकारी बन कर , यह इबादत पूरी करे ...????, आज सी.बी.आई. द्वारा ४०० करोड़ रूपये के ऐश से, क्वात्रोची की निर्दोष कब्र की शोभा बढाने में खर्च हो गयी....
अब “आप”..., आज दिल्ली की बिल्ली बनकर, “आप” आंख बंद कर , शीला की जवानी के भ्रष्टाचार के दूध में मूंह मारकर कह रहे हो... मुझे प्रमाण दो तो कारवाई करूंगा ....यह पब्लिक है ....सब जानती है...अन्दर क्या है.... बाहर क्या है...,????, कैसे ख़ास आदमी बिल्ली की तरह आंख बंद कर सोच रहा है कि... “मुझे कोइ देख नहीं रहा है...” , “ख़ास आदमी” , आम आदमी का चोला पहनकर ...”आप” से “अन्ना का बाप” बन गया है.....
आज “आप” भी वी.पी सिंग..., की काश्मीर नीती के कायल होकर दोहरे मापदंड की नीती से वोटबैंक पर डाका डालने के लिए “आप” “विशेष वर्ग ” के खेल का मलयुद्ध खेल रहे हो....
केजरीवालजी...???, इस, नौटंकी से जनता के पेट की टंकी खाली कर , राजनीती की पूरी तल कर , SMS के बहाने जनता को बुलावा देकर भी न आने पर अपने सारथियों के साथ..., ताली बजाने का खाली पीली का खेल कर सत्ता के नशे की बोतल , खा व पीली का झांसा जनता को मत दो....
सस्ती लोकप्रियता से सत्ता की प्रणयता के मिली भगत का खेल बंद करों..... अपने १८ वादों की किताब तो खोलो.
यह मुलायम सिंग के रोम नगर की कहानी है, जब रोम नगर में अत्यंत रहस्यमय ढंग से आग की लपटें भड़क उठीं जिससे आधे से अधिक नगर जलकर खाक हो गया। जब आग धूधू कर के जल रही थी नीरो एक स्थान पर खड़े होकर उसकी विनाशलीला देख रहा था और सारंगी बजा रहा था हैं....क्योंकि आग स्वयं नीरो ने लगवाई थी...., अब मुलायम सिंग अपने मंत्रियों को विदेशों में भेजकर एक नए सारंगी के खोज में, शोध से.. अब, देश के धन की बर्बादी का एक नया अध्याय जोड़ रहे है
मुलायम सिंग की दबंगता से , दबंग १, और २ के हीरो सलमान खान ने मुलायम सिग यादव के पैसे की दबंगता के सामने झुक कर रंगारंग कार्यक्रम किया, याद रहे सलमान खान ने नशे में सिंग धुत होकर, अपनी गाडी से ४ लोगों को कुचल डाला था... अब उसी धन के नशे में मुलायम की दबंगता से धर्मवाद को बढ़ावा देने के लिए देश के जनता को कुचलने में भी संकोच नहीं कर रहे है.....
मुलायम सिंग यादव के पहले, विदेशों में, हमारे देश के हजारों नेताओं ने, उन्नत देशों की शासन प्रणाली के अध्यन के बहाने पिकनिक मनाकर देश का अरबों रूपयों का धन लुटाया है, हाल ही में महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने स्कॉटलैंड ने सुरक्षा प्रणाली के सी,सी. टी.वी, के अध्यन के दौरे में करोडो रूपये खर्च कर, मुंबई में सी,सी. टी.वी, के टेंडर में लेटलतीफी कर चार बार टेंडर निकालकर. किमत चार गुना बढने से सी,सी. टी.वी, के बजट खर्च में पैसे न होने के बहाने से अपने हाथ खड़े कर दिए, और तो और जो पुराने कैमरों ने भी कोई रखरखाव न होने से वे बंद हो रहें है....???
उन्नत देशों का लोकतंत्र का एक ही मंत्र है.. राष्ट्रवाद, पहले मेरा देश , और उन देशों की जनता का एक ही ध्येय होता है की मैंने राष्ट्र को क्या दिया ..???, और वे अपना जीवन बिना किसी धन के लालच से, अधिक से अधिक श्रम कर देश को आगे बदने का जूनून रखते है....नक्शे पर न दिखने वाले देश भी विश्व के शीर्ष देशों म अपना रूतबा रहते है, इस्राईल,जापान, कतार, नोर्वे व जैसे अन्य देश अपनी राष्ट्रवादी प्रतिभा से दुनिया को मात दे रहे है
यह है कांग्रेस के घोटाले का महापुरूष , चाटुकार, सोनिया गांधी को भारतमाता कहने वाले सलमान खान के कांग्रेस के मीठे प्रवचन ... जो सोनिया को भ्रष्टाचार से अपनी सता को सलामत मान (सलमान) कर खुशी की ईद (खुर्शीद) मना रहा है... अभी मनाओं जश्न... ६० दिन से भी कम का समय है.... कौन भ्रष्टाचार से नपुंसक बनता है ... जनता अपनी वोट की जादुई छड़ी से जबाब देगी , जो तुम बार –बार कह कर ..कहे..कहे.. लगाकर जनता का उपहास करते थे ... तुम्हारे पुतले प्रधानमंत्री ने तो १५ अगस्त को लाल किले से जनता का उपहास उड़ाते हुए , कहा था हमारे पास जादुई छडी नहीं है .. कि महंगाई दूर हो जायेगी , असल में आपने यह जादुई छड़ी देश व विदेश के माफियाओं कों .., जनता को मारने के लिए दे दी है... अब जनता इसका हिसाब मांगेगी
Deshdoooba Community
Liked • May 1, 2013 की पोस्ट
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वाह रे विकलांग , मना खुशी का आलम ,
क्या अब चीन जाकर क्या देश को और भी विकलांग बनायेगा..??? देश के विकलांगो की लूट मे छूट की वीरता से ... तू विदेश मंत्री बना... अब चीनी दुश्मनों को...???, अब तो लूट मे छूट की वार्ता मे चीन जा रहा है...??? यह पब्लिक है सब जानती है, अंदर कितना खाया है..?? बाहर कितना विकास का दिखावा है... और देश का कितना भट्टा बिठाया है... दोस्तों क्या ये भ्रष्टाचार के विकास
वाह से कांग्रेस तेरी सरकार , (तीनों चित्र देखें)
“सत्ता परिवर्तन” {TRANSFEROF POWER} को. आजादी के झांसे से अपने को कहें... स्वतन्त्रता सेनानी के “वंशवाद का परिवार”
साईकिल घोटाले से शुरू कर, बोफोर्स घोटाले से , विदेशी हाथ , विदेशी बात , विदेशी संस्कार से “मेरा भारत महान” के छाँव में अब अँधेरे में देश की जनता को विदेशी टोर्च में गरीबों के सेल ( बैटरी-मेहनत व संसाधन) डालकर, ६७ साल बाद भी ७२% भूखे हिन्दुस्तानीयों को कहें “भारत निर्माण”...,
अलगाववाद, जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद,घुसपैठीयों की बाढ़ से वोट बैंक के लबालब भण्डार...,
बना.., सत्ता से तिजोरी लूटने का हत्यार...,
बजट में गरोबों को “बाजू हट” व सत्ताखोरों व माफियाओं को “बिग हट (बड़े महल) का उपहार ....
किसान ह्त्या, जवान ह्त्या, कुपोषण, बलात्कार....,
योजनायें बनाकर मत करों, लाशों का व्यापार....,
धरती, जल, आकाश, अग्नि, वायु बेचा , अब मत बेचों मेरे आंचल को कर दुत्कार....
अब, भारतमाता कर रही पुकार...
जागों देशवासियों..., अब राष्ट्रवादी बनकर इन मुस्टंडों को दो ललकार....
बोफोर्स के दुगने फ़ोर्स में “मेरा भारत महान” का बारूद” डालकर मेरे ईटालियन सास-ससुर से रिश्तेदार हत्यार व अन्य “घोटालों” से “बने “धनवान” इसका मुझे है... “गुमान”.....!!!!!!!
“अब मल्टी फ़ोर्स घोटालों” ने तो “सुनामी” को भी मात दे दी है....
वेबस्थल की पोस्ट Posted on 03 March 2013.
विदेशी हाथ, विदेशी साथ, विदेशी बात,
विदेशी विचार, विदेशी संस्कार
विदेशी खाट, विदेशी रात,(पब व लिव इन रिलेशन)
और इसका अंजाम क्या मिल रहा है?
विदेशी आतंकवादी, विदेशी हमला, विदेशी (देश के लिये हत्यारों व अन्य) सौदागर, विदेशी बैक
विदेशी देशो का हमारी अर्थव्यवस्था पर शिंकजा
और हमे मिल रही है विदेशी बैको (अतराष्टीय मुद्रा कोष) के कर्ज की लात
हम घुटने टेक रहे है विदेशीयों के हाथ ?
देश के कर्णधारों के
कलम बिक गये , तलवार बिक गये, पत्रकार, पुत्रकार बनने से पहले पतन कार बन गये?
नौकराशाही छोटी-छोटी सुविधा पर अपना इमान बेचते गये?,
साहित्यकार स्वय: के हितकार बने, देश के हितैषी दबंग, भ्रष्टाचार के तरंग बन गये?
देश को बेचने वाले आज देश के शिल्पकार बन गये ?
सत्ता के दलाल देश के लाल बन गये?
धर्म के नाम पर नेता देश को पंगु बनाते गये?
धर्मगुरू…????, देश की जनता के, गुरूंघटाल बन कर, नेताओ के भ्रष्टाचारी महलों के अग्निशामक दल बन गये ?
देश को चलाने वाले, विदेशी हाथ के दस्ताने पहनते गये?
दस्तानो की सुरक्षा कवच से उनके हाथ बिना खरोच के , हाथ के साथ, भाग्य रेखा अतिविशिष्ट सुरक्षा के साथ बढाते गये?
देश्वासियो को
विकास के पत्थर से मंजिल का सपना दिखाकर,
गरीबो पर वे ही महगाई, अलगाववाद, जातिवाद, धर्म के पत्थर मारते रहे?
जनता लहूलूहान होकर अपने घाव को देश से बढा समझकर, घर बैठे इलाज कर रही है,?
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