Thursday 31 July 2014



अधिकतर सरकारी कर्मचारी , देश की बीमारी, ६७ सालों की महामारी , जो देश का जमाई मानकर कर रहें हैं ऊपर की कमाई, और पेंशन से बिना टेंशन का जीवन.., फाईलों में में रूपये के पहिये से फर्राटेदार जीवन का मजा, ६ वाँ ..७ वेतन आयोग कर रहा है पैसे की बौछार .., जनता इस रवैये से बीमार,
इनके कलम की धार.., जो राष्ट्रवादियों के जीवन को भी लटका दे मझधार ..., माफियाओं के उन्नत जीवन को बनाने में सदाबहार..,
आज चपरासी भी , देश का इम्प्रैशन का सरकारी वासी भी चप –चप कर, करोड़ों के नोट छाप कर हो रहा गिरफ्तार, तो उसके आकाओं के जीवन कितना है... लज्जतदार, और देश में इज्जतदार, क्योंकि उन्हें है सरकारी योजनाओं को डकारने का अधिकार..
इनके कलम की काली स्याही से क़ानून भी करें सत्कार...
क़ानून (कान+उन ऊन ) भी कान में उन डालकर तारीख पर तारीख देकर , माफ्याओं के कर्मों की तारीफ़ कर करे सत्कार,और आम आदमी के जीवन को तकलीफ से तकलीफ कर क़ानून करे बलात्कार (बलपूर्वक न्याय न देने का अधिकार)
१९४७,सत्ता परिवर्तन के बाद सरकारी कर्मचारी बनाए गए वतन के अधिकारी.., आराम हराम के नारों से साइकिल घोटालों से सराकरी कर्मचारियों ने बनाया नेहरू को माना भ्रष्टाचार के स्वागत से आभारी ..., तो क्योंन हो मंत्रालय इस मंत्र से बनें भ्रष्टाचारकी फुलवारी...
अब ६७ सालों बाद, यह फुलवारी बदलकर..., बरगदी पेड़ बनकर २०० से अधिक सालों की भ्रष्टाचार की फसल मानकर , इसकी डाली में झूले झूल कर फूले नहीं समा रहें है..., अभी तो सावन की रिमझिम बारिश है..., इनके जीवन में तो १२ महीनों ..., भ्रष्टाचार की बारिश से कर्मो के दाग धुलते रहतें है..,

दोस्तों.. , अभी वेंकटया नायडू , जो अपने मंत्रालय में गए तो उनके विभाग के कर्मचारी भागे पाए गए थे.., बिना काम के मुफ्त पगार , क्योंकि मंत्रालय है दिलदार.., तो क्यों न हो मौज की बहार.., अपनी लूंगी पकड़ते हुए , सिर्फ एक फरमान जारी किया कल से मेरे दफ्तर में १५ मिनट बाद हाजरी का रजिस्टर हटाने के साथ , इस मामले को रफा दफा कर , अपने कार्यालय से दफा हो गए...,
याद रहे मनमोहन सरकार के कार्यकाल में , चिदम्बरम ने अपने मंत्रालय में कर्मचारियों के लेट लतीफी पर कंप्यूटर की मशीन लगाई, बाद में खराबी का बहाना बना कर , कर्मचारियों को पूरा वेतन दे दिया...,

दोस्तों विश्व के छोटे-छोटे देश जो विश्व मानचित्र में ढूँढने पण भी नहीं मिलते हैं,,म उनकी भौगोलिक हमारे देश की तरह नहीं है..,वे विश्व के उन्नत व अमीर देशों में शुमार हैं , राष्ट्रवादी भावनाओं से ओत –प्रोत होकर, ओलम्पिक के मानचित्र व अन्य खेलों में छायें हैं..
उनके सरकारी कर्मचारी की कार्य में उन्नता ,दक्षता व देश के प्रति समर्पित व जनता भी इससे प्रेरित होकर, राष्ट्रवादी कन्धों से अपने बाहुबल से प्रगति कर रही है,,,
आज ऐसे देश, हमें तकनीकी का ज्ञान देकर, हम हम अपनी मुर्खता खरीदकर..., रूपये का अवमूल्यन कर डॉलर को सम्मान दे रहें हैं....
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो..


अधिकतर सरकारी कर्मचारी , देश की बीमारी, ६७ सालों की महामारी , जो देश का जमाई मानकर कर रहें हैं ऊपर की कमाई, और पेंशन से बिना टेंशन का जीवन.., फाईलों में में रूपये के पहिये से फर्राटेदार जीवन का मजा, ६ वाँ ..७ वेतन आयोग कर रहा है पैसे की बौछार .., जनता इस रवैये से बीमार,
इनके कलम की धार.., जो राष्ट्रवादियों के जीवन को भी लटका दे मझधार ..., माफियाओं के उन्नत जीवन को बनाने में सदाबहार..,
आज चपरासी भी , देश का इम्प्रैशन का सरकारी वासी भी चप –चप कर, करोड़ों के नोट छाप कर हो रहा गिरफ्तार, तो उसके आकाओं के जीवन कितना है... लज्जतदार, और देश में इज्जतदार, क्योंकि उन्हें है सरकारी योजनाओं को डकारने का अधिकार..
इनके कलम की काली स्याही से क़ानून भी करें सत्कार...
क़ानून (कान+उन ऊन ) भी कान में उन डालकर तारीख पर तारीख देकर , माफ्याओं के कर्मों की तारीफ़ कर करे सत्कार,और आम आदमी के जीवन को तकलीफ से तकलीफ कर क़ानून करे बलात्कार (बलपूर्वक न्याय न देने का अधिकार)
१९४७,सत्ता परिवर्तन के बाद सरकारी कर्मचारी बनाए गए वतन के अधिकारी.., आराम हराम के नारों से साइकिल घोटालों से सराकरी कर्मचारियों ने बनाया नेहरू को माना भ्रष्टाचार के स्वागत से आभारी ..., तो क्योंन हो मंत्रालय इस मंत्र से बनें भ्रष्टाचारकी फुलवारी...
अब ६७ सालों बाद, यह फुलवारी बदलकर..., बरगदी पेड़ बनकर २०० से अधिक सालों की भ्रष्टाचार की फसल मानकर , इसकी डाली में झूले झूल कर फूले नहीं समा रहें है..., अभी तो सावन की रिमझिम बारिश है..., इनके जीवन में तो १२ महीनों ..., भ्रष्टाचार की बारिश से कर्मो के दाग धुलते रहतें है..,

दोस्तों.. , अभी वेंकटया नायडू , जो अपने मंत्रालय में गए तो उनके विभाग के कर्मचारी भागे पाए गए थे.., बिना काम के मुफ्त पगार , क्योंकि मंत्रालय है दिलदार.., तो क्यों न हो मौज की बहार.., अपनी लूंगी पकड़ते हुए , सिर्फ एक फरमान जारी किया कल से मेरे दफ्तर में १५ मिनट बाद हाजरी का रजिस्टर हटाने के साथ , इस मामले को रफा दफा कर , अपने कार्यालय से दफा हो गए...,
याद रहे मनमोहन सरकार के कार्यकाल में , चिदम्बरम ने अपने मंत्रालय में कर्मचारियों के लेट लतीफी पर कंप्यूटर की मशीन लगाई, बाद में खराबी का बहाना बना कर , कर्मचारियों को पूरा वेतन दे दिया...,

दोस्तों विश्व के छोटे-छोटे देश जो विश्व मानचित्र में ढूँढने पण भी नहीं मिलते हैं,,म उनकी भौगोलिक हमारे देश की तरह नहीं है..,वे विश्व के उन्नत व अमीर देशों में शुमार हैं , राष्ट्रवादी भावनाओं से ओत –प्रोत होकर, ओलम्पिक के मानचित्र व अन्य खेलों में छायें हैं..
उनके सरकारी कर्मचारी की कार्य में उन्नता ,दक्षता व देश के प्रति समर्पित व जनता भी इससे प्रेरित होकर, राष्ट्रवादी कन्धों से अपने बाहुबल से प्रगति कर रही है,,,
आज ऐसे देश, हमें तकनीकी का ज्ञान देकर, हम हम अपनी मुर्खता खरीदकर..., रूपये का अवमूल्यन कर डॉलर को सम्मान दे रहें हैं....
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो... 

Tuesday 29 July 2014


ऊतारू प्रदेश का सहारनपुर तो बना साम्प्रयवाद का सायरनपुर (SIREN – PUR)..., वोट बैंक की राजनीती का सायलेंटपुर (SILENT-PUR) के खेल में एक और महारथ का खेल...
इसके बावजूद अब 
इस खबर से मीडिया, सुरक्षा विभाग बेखबर क्यों..., देश को साम्प्रयवाद का सायरनपुर (SIREN – PUR)...,से वोट बैंक की राजनीती का सायलेंटपुर (SILENT-PUR) के खेल में नेता व धर्मगुरू के एक और महारथ का खेल... यह चिंगारी पड़ेगी, देश पर भारी., और.., बनेगी धर्मवाद की महामारी...,

Thursday 24 July 2014



 हिंदुत्व ही विश्व का बंधुत्व है...., आज तक हिंदुत्व
ने गर्दन पर, तलवार रखकर, दुनिया के किसी भी देश
का धर्म परिवर्तन नहीं किया है .....
हिंदू यह शब्द बाहरी नही, प्राकृतिक है, हमारा ही है, यह
समझाने वाले पहले विद्वान परमवीर सावरकर ही थे ,
उन्होने प्रमाण सहित सिद्ध किया कि हिदू यह शब्द
मोहम्मद पैगंबर के हजारों साल पूर्वौपयोग मे
लाया गया, पारसिक आर्याओ की अवस्था मे हमारे
राष्ट्र को – ‘हप्तहिंदव’ - ऐसे कहा जाता था , हिंदू, यह
शब्द राष्ट्र का वाचक है, वो किसी धर्मग्रंथ, अवतार व
देवता के नाम से निकला हुआ नही है, यह कहने वाले एक
मात्र वीर सावरकर थे ...
मार्च १९९५ में महाराष्ट्र में शिवसेना - भारतीय
जनता पार्टी ने हिंदुत्व के मुद्दे से अपनी सरकार बनाई
तो, जो विरोधी दल धर्मनिरपेक्ष का डंका बजा रहे थे ,
उन्होंने, सुप्रीम कोर्ट में, हिंदुत्व शब्द
को साम्प्रदयिकता का वाचक कह कर चुनौती दी, और
कहा.. महाराष्ट्र सरकार साम्प्रदायिक व असंवैधानिक
है.. इसे तुरंत बर्खास्त किया जाय. तब सुप्रीम कोर्ट
को हिंदुत्व शब्द की व्याख्या को स्वीकारना पड़ा है ,
सावरकर के उदगार को सही ठहराया , और विपक्षी दल
भी खाली हाथ मलते आये.....
इसका निचोड़ यही है कि “हिंदुत्व” शब्द देश की माटी से
जन्मा व जुड़ा है.
क्या आपको मालूम है..?? ""सारे ज़हा से
अच्छा हिन्दोस्ता हमारा..., जो गीत, हम बड़े जोश के
साथ गाते है, इसके कवि इकबाल भी पाकिस्तान बनाने
के पक्ष मे थे...???, जो एक गद्दार साबित हुआ ..???
जिसकी मृत्यु 1943 मे हुई....,
राष्ट्रवादी शब्द को सार्थिक करने वाले...., मुहम्मद
करीम छागला जिनके शब्दों व प्रयासों का अतुल्यनीय
जोड़ है., जब वे जनता पार्टी के शासन काल (१९७७) मे,
मानव संसाधन मंत्री थे, तब उन्होने अलीगढ मुस्लिम
युनीवर्सीटी मे हिंन्दु कुलपति व बनारस हिन्दु
युनीवर्सीटी मे मुस्लिम कुलपति नियुक्त किया था,
है..???,
है...????????, आज कोइ माई का लाल ...., आज
की राजनिती में इस तरह का साहस करने वाला ...???, ,
जो आज धर्मनिरपेक्षता का नगाड़ा बजाकर,
सत्ता हथिया कर , आज इस प्रपंच से अलगाववाद,
भाषावाद, जातिवाद व विदेशी घुसपैठीयों से, अपने वोट
बैंक से, देश को तोड़ने की साजिस कर रहें हैं...????
मुहम्मद करीम छागला जो जिन्ना का दायाँ हाथ हुआ
करते थे , जब जिन्ना द्वारा अलग पाकिस्तान की मांग
की, तो ...इसके विरोध में, वे जिन्ना के दुश्मन बन गये,
मुहम्मद करीम छागला हमेशा मुस्लिमो से कहते थे..., तुम
पहले हिन्दुस्तानी हो, बाद मे मुसलबान, हिन्दुओ का खुन,
आप मे है, इसलिए सभी धर्मो से भाई चारा रखो...,
राजनेताओ की कठपुतली मत बनों...??
उन्होने बोम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहते हुए, हर
धर्म के लोगों को समान निर्णय दिया, यहँ तक
की जवाहरलाल नेहरू की भी भ्रष्टाचार के जांच में
उनका पायजामा खोल दिया था , बिना राजनैतिक
दबाव से....जय हिंद....वन्देमातरम.. राष्ट्रवाद
जयते ..
ईस्ट इंडिया कंपनी ने वर्ष 1818 में ही जान लिया था कि हिंदुत्व की धार , जीवन की धारा है ...उसका प्रमाण ये १८१८ के सिक्के है...,

Saturday 19 July 2014

चले जा चले जा ..., जहां काले धन के कैंप में देश को कालिख लगाकर ..., काले धन का प्यार मिले दोस्तों भ्रष्टाचार एक ऐसी नीली मक्खी है, जो आपको दिखाई नहीं देती है, यदि आप एक आम का कटा टुकड़ा रख दो यह मक्खी सैकड़ों मील से इसकी सुगंध से आम खाने आती है..., यही हाल कैम्पा कोला नाम की कंपनी जिसने शीतल पेय का व्यवसाय बंद कर , अपनी जमीन की आकर्षक कीमत मिलने पर नीजी बिल्डर को बेच दी..और सरकारी दामादों ने उन्हें पांच मंजिला भवन बनाने की इजाजत दे दी लेकिन सरकारी बाबू + मंत्री + पुलिस शाही ने इस जमीन की काली शराब से भ्रष्टाचार के नशे का भरपूर लुफ्त उठाया , और तो और घर खरीदनें वाले नए ग्राहकों को विश्वास दिलाया किहमारे देश में भ्रष्टाचार शब्द को संविधानिक मान्यता मिली हुई है ..., और तो और इस तिजोरी की चाबी भी हमारे पास है.


चले  जा चले जा ..., जहां काले धन के कैंप में देश को कालिख लगाकर ..., काले धन का प्यार मिले 
दोस्तों भ्रष्टाचार एक ऐसी नीली मक्खी है, जो आपको दिखाई नहीं देती है, यदि आप एक आम का कटा टुकड़ा रख दो यह मक्खी सैकड़ों मील से इसकी सुगंध से आम खाने आती है...,
यही हाल कैम्पा कोला नाम की कंपनी जिसने शीतल पेय का व्यवसाय बंद कर , अपनी जमीन की आकर्षक कीमत मिलने पर नीजी बिल्डर को बेच दी..और सरकारी दामादों ने उन्हें पांच मंजिला भवन बनाने की इजाजत दे दी
लेकिन सरकारी बाबू + मंत्री + पुलिस शाही ने इस जमीन की काली शराब से भ्रष्टाचार के नशे का भरपूर लुफ्त उठाया , और तो और घर खरीदनें वाले नए ग्राहकों को विश्वास दिलाया कि हमारे देश में भ्रष्टाचार शब्द को संविधानिक मान्यता मिली हुई है ..., और तो और इस तिजोरी की चाबी भी हमारे पास है..
महाराष्ट्र सरकार ने भी , इस भ्रष्टाचार के सरोकार से नियमित रूप से टैक्स लेकर, अपनी पूंजी भी भरती गई ,पिछले २५-३० सालों से संपत्ती कर, बिजली व अन्य कर वसूल कर , हर अधिकारी भ्रष्टाचार की चासनी में डूबकर अपना जीवन धन्य बना रहा था
इन अधिकारियों के कृत्यों का हथौड़ा, अब इन मकानों में आपस में सौहाद्र्यपूर्ण तरीकों से रह रहें ३५० संभ्रांत परिवार के लोगों पर पड़ा है...
याद रहे..., सरकारी विभाग में एक नियम है...,कि आम जनता/नागरिक यदि टैक्स चोरी में पकड़ा जाता है तो उसे टैक्स का १५ गुना दंड भरना पड़ता है...,
वहीं सरकारी बाबू से छप-चप कर राशी खाने वाल चपराशी भी , निलंबित होने के बाद पिछले दरवाजे से अपने स्थान पर आमंत्रित हो जाता है....,
मुम्बई में अभी भी ५६ हजार भवन में गैर कानूनी निर्माण किए गए है...
वोट बैंक के चक्कर में बांगलादेशी घुसपैठीयों के निर्माण में एक सालों में २०० लोगों की जान जा चुकी है....
ये है..., मेरे देश के सरकारी नौकशाहों से देश की दुर्गती का हाल.., क्यों कि हर नुक्कड़ की पैदाईश में है , भ्रष्टाचारी दलाल..., तो क्यों न हो जनता हलाल ...!!!!
भ्रष्टाचार का काला कोक पियो, अपने जीवन में सफेदी लाओं
ये है हमारे ६७ साल के अवैध निर्माण से वोट बैंक के शिखर की कहानी 



मोदीजी तुस्सी ग्रेट हो.., भले ही फ़ुटबाल में हमारा नम्बर १५० देशों के बाद है.., पिछले १० सालों में हम आतंकवाद को रोकने में फिसड्डी देशों में शामिल हों.., आतंकवादी हमारे यहाँ कबड्डी के कबाड़े का खेल खेलकर, वापस चलें जाते है..
लेकिन नयें नवेले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्राजील के ब्रिक देशों के समूह में गोल मारकर, अपने स्वाभिमानी गर्जना से सात समुंदरी देशों के सुप्रीमों से विश्व के देशों में हमारी ताकत की झलक दिखा कर, दुनिया में हलचल मचाकर, महाबली देशों के, लूट के खेल बंद होने की आहट से आहत होने से खलबली मची है...
भले ही मानसूनी बादलों की देश भर में गर्जना नहीं हुई है...,लेकिन मोदीजी की गर्जना से विदेशी ताकतों की पेंट पैंट गीली हो गयी है..,अभी दो दिन पहले लद्दाख में हमने चीनी सेना की घुसपैठ को नाकाम कर दिया है,,,
पिछले १० सालों में हमारे प्रधानमंत्री से राजनयिकों ने, जो वार्ता के बहाने पिकनिक- पर्यटन (PICNIC) मनाने गए थे..., और देशवासियों में (PANIC) दहशत से आतंकवादियों को सत्कार से चिकन बिरयानी खिलाकर मीडिया व विदेशी ताकतों से वाहवाही पाते रहे...
देशवासियों के अच्छे दिन तो आने वाले हैं लेकिन विदेशी ताकतों के बुरे दिन आ गए हैं...
Deshdoooba Community
21 March 2014 की पोस्ट के अंश यह है कांग्रेस के घोटाले का महापुरूष , चाटुकार, सोनिया गांधी को भारतमाता कहने वाले सलमान खान के कांग्रेस के मीठे प्रवचन ... जो सोनिया को भ्रष्टाचार से अपनी सता को सलामत मान (सलमान) कर खुशी की ईद (खुर्शीद) मना रहा है... अभी मनाओं जश्न... ६० दिन से भी कम का समय है.... कौन भ्रष्टाचार से नपुंसक बनता है ... जनता अपनी वोट की जादुई छड़ी से जबाब देगी , जो तुम बार –बार कह कर ..कहे..कहे.. लगाकर जनता का उपहास करते थे ... तुम्हारे पुतले प्रधानमंत्री ने तो १५ अगस्त को लाल किले से जनता का उपहास उड़ाते हुए , कहा था हमारे पास जादुई छडी नहीं है .. कि महंगाई दूर हो जायेगी , असल में आपने यह जादुई छड़ी देश व विदेश के माफियाओं कों .., जनता को मारने के लिए दे दी है... अब जनता इसका हिसाब मांगेगी
वाह रे विकलांग , मना खुशी का आलम ,
क्या अब चीन जाकर क्या देश को और भी विकलांग बनायेगा..??? देश के विकलांगो की लूट मे छूट की वीरता से ... तू विदेश मंत्री बना... अब चीनी दुश्मनों को...???, अब तो लूट मे छूट की वार्ता मे चीन जा रहा है...??? यह पब्लिक है सब जानती है, अंदर कितना खाया है..?? बाहर कितना विकास का दिखावा है... और देश का कितना भट्टा बिठाया है... दोस्तों क्या ये भ्रष्टाचार के विकास के नाम पर आम आदमी का नाश...??? या मेरा देश डूबा..???
Deshdoooba Community
February 5, 2014 की पोस्ट के अंश
देश के, चीन से हाल ही के गुप्त समझौते से...????, चीन से लौटे विदेश मंत्री “विकलांग खुर्शीद सलमान’ जो देश के विकलांगो की लूट मे छूट की वीरता से … विदेश मंत्री बना… ने देश की अस्मिता को ताक में रखकर …चीन की भव्यता को देखकर , चीनी सरकार को अपना बाप मानकर बयान दिया …., “...यदि मुझे चीन की नागरिकता मिले तो, मैं … चीन में ही रहना पसंद करूंगा मैं चीन के विकास से बहुत ही प्रभावित हुआ हूँ ....”
अब सोनिया गांधी को भारतमाता कहकर …, अब , “खुशी का आलम” बनकर, जवानों को घटिया खाने के घोटाले बनें..., भ्रष्टाचारियों के मयखाने से...., विदेशीयों के लिए तोहफे खानों का उपहार से अब, ये कर रहा है दुश्मनों का उपकार
जागो देशवासियों , डूबते देश को बचाओ... वह दिन दूर नहीं... कहीं हम दूसरी बेड़ी में न जकड़ जाएँ....?????, दोस्तों क्या ये भ्रष्टाचार के विकास के नाम पर “भारत निर्माण” के नारे से आम आदमी का विनाश…??? या… मेरा देश डूबा..??? 

Wednesday 16 July 2014



फेसबुक बंधुओं...., ४ से २० रूपये में हमारे अच्छे दिन आ गए है.., जश्न मनाओं, मौज करों.., मनमौजी कमेन्ट करो.., BSNL ने BPL (गरीबी रेखा के नीचे ) शब्द की व्याख्या खत्म कर दी है..., अब फेसबुक विज्ञापनों से होगा मालामाल व २० रूपये में दलाली से..., फेस बुक के फेस में बढ़ेगी और लाली 

Tuesday 8 July 2014



क्या आप रूपये के प्राजूद प्रारूप से सहमत हैं..,रूपया के बहुरूपिया..., जोकर (जनता से महंगाई का मजाकर ),विदूषक...,
अधिकतर नौकरशाहों की मिलीभगत के भ्रष्टाचार से प्रदूषक बनाकर...
एक नए अमीरी की पहचान पाई है...,
जब से इस चिन्ह को मान्यता मिली है, देशी विदेशी माफिया व डॉलर से रूपये को कुचलने की खुली छूट मिली है...
गरीबों का पसीना अमीरों का अन्न है..,रूपये से डॉलर अब राहू बनकर, देश का अमृत पी रहा है...क्या आप रूपये के प्राजूद प्रारूप से सहमत हैं..
आज रूपया कर लो दुनिया मुट्ठी के नारों से , मुट्ठी भर अमीरों ने गरीबों को मुट्ठी से निचोड़कर ,, आज इंडिया भ्रष्टाचार का डांडिया खेल रहा है...
देश का अन्नदाता किसान आत्महत्या कर रहा है..., भार-रत , भारतीय , इन भ्रष्टाचारियों माफियाओं के भार से रत होकर, पैसे कमाने का जुगाड़ में लगा है...
इंडिया, INDIA= IN-DIG-GO , आओ देश को खोदों और चले जाऊं (जो टाटा की कार का भी नाम है) ,
और देश के धरती लाल आकाश, खान खदान ,ईमान बेचकर इनाम पा रहा है...,
अब अपने मुट्ठी बल से बलवान हो कर , “भारत निर्माण” के नारों में अपनी सहभागी से देश के गरीबों को भरमा रहा है...
दोस्तों क्या आप सहमत कि रूपये के चिन्ह में अंतिम छोर पर जब तक समानता का चिन्ह न हो, तब तक देश का गरीब तबका और गरीब होते जाएगा.., और देश के अमीर.., गरीबी रेखा का मूल्य कम कर ..देश का उपहास उडातें रहेंगे.... 

Monday 7 July 2014



र्स्स्सी जल गई बल नहीं गया..., कभी आरक्षण के भक्षण से,कभी शिवाजी की प्रतिमा के झांसे से प्रदेश जीतने का हौवा खडा कर. महाभ्रष्ट प्रदेश के काले कौवों के संगठित दलों की कविता है....
पहले मिलाप व आलाप की..., यह देश के ६७ सालों की राजनीती से भ्रष्टाचार की ROCK-NITI, चट्टानी नीती के प्रतिस्पर्धा से देश को लूटने की कहानी है..., 
इस आड़ में सभी थाली के चट्टे ..., बट्टे , देश के पट्टे (खान खदान,ईमान ) बेचकर , देश की साख को बट्टा लगाने की कसाईपना की कोई कसर नहीं छोड़ रहें है...,
क्योंकि इनके ऊपर क़ानून का नहीं असर.., तो क्यों न रहें.., ये अग्रसर...
अब आदर्श मंजिला महाघोटालों के अपने आदर्शों से “छत्रपति शिवाजी महाराज की दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ती १ हजार करोड़ रूपये से अधिक खर्च कर बनायेंगे.. क्योंकि नरेंद मोदी ने ६ माह पहले इस तरह की घोषणा की थी कि
मैं,गुजरात में, देश के जवानों व किसानों की माटी के लोहे से एफिल टावर से ऊंची व मजबूत “सरदार पटेल की मूर्ती बनवाऊंगा .
दोस्तों.., इस छत्रपति शिवाजी के पुतले के पीछे २१ शताब्दी के महा भ्रष्टाचार का पुतला छुपा है...
देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुस्तक भारत एक खोज से..., साईकि ल घोटाले की खोज हुई थी,
प्रधानमंत्री ने तो डॉक्टर बनकर ..., नेहरू की पुस्तक को पढ़ाकर व अनुसंधान करवाकर, इसे अपने कार्यकाल में “भ्रष्टाचार की नयी –नयी खोजों में परिवर्त्तीत कर अपने विधार्थीयों को देश की अर्थी बनाने की कल्पनाएं दी ...
इस २१वी सदी के महाभ्रष्ट पुतले ने शिवाजी के विचारों को क्षीर्ण कर दिया है..
आज महाराष्ट्र देश का महाभ्रष्ट राज्य की सूची में अव्वल है......, नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में सरदार पटेल” के पुतले बनाने की क्या घोषणा कर दी ..,
महाराष्ट्र के आदर्श भ्रष्टाचारी नेता , भ्रष्टाचार के तिल में समाते.., तिलमिलाये गए, और अब भ्रष्टाचार को आपस में गले लगाकर, ताल और ताली ठोककर , अपने गालों की लाली से, भारत निर्माण के नारों से नारों से अब पुतले निर्माण के आड़ में , मराठा आरक्षण के पराठे से ७२% की सीमा लांघ दी है..., इनका वश चले तो ये १००% की आरक्षण नीती से देश को बर्बादी में झोंकने में भी कसर नहीं रखेंगें 

Friday 4 July 2014



कहां गया मानवाधिकार संगठन,सुपर पावर अमेरिका व यूरोपीय देशों के मुंह में पट्टी लगी है..., और अरब व हिन्दुस्तान के फतवा देने वाले मुफ्ती, दुनिया के आतंकवादी संगठन तो चुप है... सीमा पार के दुनिया के मुस्लिम देश हिन्दुस्तान में जेहाद को आतुर व चीनी नीती पर चुप्पी – 
याद रहे..१९८० के दशक में जनरल जिया-उल-हक़ ने पाकिस्तान का इस्लामीकरण करते हुए कहा था ..., हिन्दुस्तान में मुस्लिमों पर बहुत अत्याचार हो रहें है..., मुझे काफी हमदर्दी है, लेकिन मैं उन्हें पाकिस्तान में घुसने नहीं दूंगा
उसी दरम्यान मैं पर्यटक स्थल पर दो पाकिस्तानीयों से मिला तो उन्होने कहा की जनरल जिया-उल-हक़ ने पाकिस्तान में हिंदुस्तान में मुसलबानों की जो तस्वीर पेश की है.., वह तो एकदम नकारत्मक है..., हमारे देश में महिलाएं टी बिना बुर्के के बाहर निकल नहीं सकती है..., तथा हमें अपने विचारों की भी आजादी नहीं है..., यदि मुझे नागरिकता मिले तो मैं हिन्दुस्तान में रहना पसंद करूंगा...,
1988 में विमान हादसे मेंजनरल जिया उल हक की मौत के पीछे विदेशी और अंदरूनी ताकतों का हाथ था।
आज तालेबानी उपज जो जनरल जिया-उल-हक़ के कट्टर इस्लामीकरण की आड़ में सत्ता में जमे रहने का एक स्वप्न था , जिन्हें एक सुनोजियत तरीके से विमान दुर्घटना में मारा गया , जिसका राज आज तक नहीं खुला ...,

१९९० में बाबरी मस्जिद क्या गिरी, मानवाधिकार से दुनिया के हर संगठन ने इसमें हो-हल्ला मचा दिया.हिन्दुस्तान को कट्टर वादी देश का तमगा दे दिया
पाकिस्तान में जनरल मुशर्रफ़ के कार्यकाल में लाल मस्जिद में २०० से ज्यादा लोगों कट्टर इस्लामियों की ह्त्या कर , इंदिरा गांधी के अमृतसर के गोल्डन टेम्पल की याद दुहरा दी...
आज.., ईराक, पाकिस्तान व अन्य इस्लामी देशों में मस्जिद में बम धमाकों से लाखों लोग मारे जा चुके है..., मानवाधिकार से दुनिया के हर संगठन इस पर मौन सहमती से चुप्पी साधे बैठा है.