Monday 19 May 2014



“YES I CAN” – (मैं अकेला १२५ करोड़ जनता के बाहुबल में राष्ट्रवाद के खून से देश को एक अतुल्य ऊचाई पर पहुंचा सकता हूँ...) स्वामी विवेकानंद के इस उक्ति को अपने पुरूषार्थ से सार्थक कर दिया है..., इस पवनपुत्र घोड़े की पंखों की फड़फड़ाहट से देश से जातिवाद,भाषावाद,अलगाववाद को उड़ाकर , एक राष्ट्रवाद की लहर की बयार बहा दी है...
इस पवनपुत्र घोड़े की पंखों की फड़फड़ाहट की गूँज से दुनिया भयभीत है..., अब लूटने के दिन जाने वाले है...., हिन्दुस्थानियों के अच्छे दिन आने वाले है....
मोदी जी सावधानी से चलना , इस राह में तुम्हारे सत्ता के महापाचक, ही बड़े धोखें है..., जिन्होंने चुनाव के दौरान आपके पीठ पर सैर कर , अभी भी उनकी सत्ता की खुमारी उतरी नहीं है..., अभी तो सैरवाद से अपने को शेर समझ कर अंट संट बयानों से इन अंटी ,अंकल के मुंह को शंट करो..,
अब तो छठनी शेरनी भी इन खेमों में अपने सत्ता की उमंग से भारती बनने का खेल, खेल रही है....,
इनके ऊट पटांग बयानों को ये आपको समझ रहें थे..., अब ऊँट आया पहाड़ के नीचे ....
इनमे से एक सैरवादी जेटली ने तो अपनी पुंछ कटा ली है...,बाकी तो आपके वजह से आबाद हुए... ..

दोस्तों ..., कैसे..,धन बल को एक व्यक्ती ने अपने राष्ट्रवादी बाहुबल से देश के जातिवाद,भाषावाद ,अलगाववाद की लफंग राजनीती को अपने दबंग से कैसे परास्त किया..., यह देख.., विदेशी शक्ती भी सकते में है.., यदि १२५ करोड़ जनता राष्ट्रवादी बने तो हम ५ साल में ५०० गुना आगे बढ़ेंगे...
दोस्तो... जिस देश मे राष्ट्रवाद नही है, वहां, कर्ज की महामारी है, सत्ता खोरो मे लूट की खुमारी है, जनता के शोषण से राष्ट्र को बीमारी है... यही डूबते देश की कहानी है, राष्ट्रवाद की पुकार से ही.. हो , राष्ट्र की ललकार...???? हर दहाड़ , दुश्मनों के लिए बने पहाड़
कृपया इस ग्रुप से जुड़े FUNBOOK NAHI, HINDUSTHANI ROAD BOOK BANO...
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं

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