Thursday 8 May 2014



सियार सोच रहें है.., कैसे बुद्धीमान हाथी का चालाकी से भक्षण करें ..., 
यह कह सकते है, सियारी नेता बलशाली जनता को अलग थलग कर..., सियारी चालों..., जातीवाद , धर्मवाद , अलगाववादी चालों से विदेशी घुसपैठीयों सियारों से तालमेल के वोट बैंक का दल बनाकर , देश के बुद्धीमान जनता के बाहुबल को परास्त कर , अपने भ्रष्टाचार के दांतों से ...,किसान आत्महत्या व जवान ह्त्या व जनता को भूखमरी के खूनी खेल से भक्षण कर रहें है...अब तो. ये.., सत्ता के बाहुबल से देश के टुकड़े करने में भी.., उन्हें गुरेज नहीं है....
जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो... 

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