क्या नई सरकार इन भ्रष्टाचारियों के अंडे (काला धन) खोज पायेगी....
कांग्रेस का निराला खेल.. , एक प्रधानमंत्री को विकास का पुतला बनाकर , भारत निर्माण की माला पहनाकर सुशोभित कर , भ्रष्टाचार की मछलियों ने देश का पानी (संसाधन) पी लिया...
चुनाव से ठीक पहले इस पुतले पर भ्रष्टाचार का ठीखरा फोड़कर , उसे दूध में मक्खी की तरह फेक दिया ....
चाणक्य ने कहा था राजनीती एक मछली की तरह है..., वह मुंह तो हिलाती है..., लेकिन पानी कितना पीती है..., किसी को पता नहीं चलता है...
अब जनता ने कांग्रेस के अहंकार को दुत्कार दिया है....
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं
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