Sunday, 31 August 2025
चेतो मोदी सरकार चीन को देखकर बनों होशियार
Friday, 29 August 2025
दुनिया युद्ध की विभीषिका से परेशान है व प्रलय , भूकंप से पीड़ित होकर ख़ौफ़ का माहौल है
Donald Dollar Dancing Duck of the United States of America has started a new "stirring" move by adopting the policy of attacking the whole world with tariff war
Wednesday, 27 August 2025
गणपति बप्पा मोरिया .., ट्रम्प का हिंदुस्तान पर ५०% टैरिफ हो रिया ..
Friday, 22 August 2025
अबकी बार हिंदू समर्थकों के वोटों की धोखाघड़ी से ट्रम्प का मोदी पर टैरिफ के खंजर से वार कर अपने अच्छे दिन ला रहा है .
Saturday, 9 August 2025
हिंदुत्व ही बंधुत्व है, पूरा विश्व ही हिन्दू का तत्व है...,
१. हिंदुत्व ही बंधुत्व है, पूरा विश्व ही हिन्दू का तत्व है..., अब आरक्षण,जातिवाद,भाषावाद की तलवार, एक नई धार से, नेताओं के वोट बैंक की दांत की चमक के पैने पन की तस्वीर से, आज देश ऊंचाई को छूने की बजाय “बौना” होते जा रहा है..,
२. आजादी के मसीहा कहकर, छद्म पुतलों व सडकों के नाम देखकर.., देश को “चौपटनगरी” कर, अंधे राजाओं को देखकर , आज भी भारतमाता “आह” भर.., कराह कर, कह रही है.., ७८ सालों बाद भी..!!!, मेरे १४० करोड़ बेटों को किस तरह, विदेशी हाथ- विदेशी साथ – विदेशी विचार- विदेशी संस्कार , जाति, भाषा व धर्मपरिवर्तन से आपस में, लड़ाकर..., कैसे मेरे कटे अंगो के घाव सहित , पुन: मुझे विदेशी जंजीरों से बांधने का प्रयास किया जा रहा है.
३. कहां गए...!!!!!, मेरे वीर सपूत विनायक सावरकर, भगत सिंग ,राजगुरू, आजाद, सुभाष चन्द्र,रानी लक्ष्मीबाई पुत्री व अन्य लाखों क्रांतीकारी जिनके विचारों को ताबूत में बंद कर दिया.., क्या आज की गुलामों की शिक्षा से, अब अब्दुल कलाम जैसे राष्ट्रवादी प्रतिभाओ का जन्म होगा...
४. वासुधैव कुटुम्बकम के इस धागे में, धर्म परिवर्तन, जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद व घुसपैठीयों के वोट बैंक के विभिन्न रंगों के लेप से इस हिन्दुस्थानी धागे को तोड़कर , बहुत सारे खंडित धागे बनाने के लिए विदेशी आक्रमणकारीयों..., के बाद विश्व के देशों व अब तो देशी मीडिया भी इस गलिछ्ता से गलीचे वाला जीवन जी कर हिंदुत्व के ठेकेदार से “स्टार चैनल” से विदेशी संस्कृति से देश को “विकृत” कर दलाल बन कर देश को हलाल कर रहें है..,
५. विश्व चाहता है कि कैसे हम इन हिंदुस्थानी धागों को तोड़कर , टूटे धागों की गाँठ बांधकर, हमें, नए गुलामों की जमात बनाकर..., एक मजबूत रस्सी से बाँध कर रखें...,
6. हिंदुत्व तो ..., मातृत्व-माता (वन्देमातरम),/ पितृत्व-पिता (राष्ट्रवाद),/गुरुतत्व-गुरू (वैदिक वैज्ञानिक ज्ञान से गुरू है) व वासुधैव कुटुम्बकम (भाई-बहन चारा ) के असंख्य धागों का योग है...
हम प्रतिज्ञा ले.. इस राष्ट्रवादी धागे को और मजबूत बनाएं...
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..,
Friday, 8 August 2025
वीर सावरकर नेहरू को हमेशा चेताते रहे यह स्वतंत्रता “आराम हराम है “ के नारे से सत्ता की अय्याशी देश को ले डूबेगी
कृपया लंबा लेख पढ़ कर , मंथन करे …,
१९४२ में वीर सावरकर ने कांग्रेसियो को चेताया की आज़ादी चाहिये तो क्रांति द्वारा, याचना व शांति द्वारा पायी गयी आजादी देश के इतिहास व नई पीढ़ी,देश की भक्ति, धर्म, संस्कार, पुरखों के बलिदान से विमुक्त होकर देश पुनः विदेशी भाषा, हाथ , साथ, विचार व संस्कार से ग़ुलामी के जंजीरो में जकड़ते जाएगा
और यह “भारत छोड़ों आंदोलन” छद्म है यह अंततः “भारत तोड़ो आंदोलन” बनेगा
इसके ठीक ५ साल बाद हमे याचना से अंग्रेजों के शर्त पर खंडित हिंदुस्थान मिला
वीर सावरकर नेहरू को हमेशा चेताते रहे यह स्वतंत्रता “आराम हराम है “ के नारे से सत्ता की अय्याशी देश को ले डूबेगी
देश के विकास से
पहिले देश की सीमाओं की सुरक्षा प्राथमिक है
वीर सावरकर ने नेहरू को चुनौति देते हुए कहा था मैं सत्ता लोलुप्त नही आप मुझे २ साल के लिए राष्ट्रपति का पद दें तो मैं सेना को सुसज्जित व सबल बनकर देश का हर नागरिक गर्वित व विश्व अचंभित रहेगा
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यदि प्रधानमंत्री भी वीर सावरकर के उद्देश्य से सिर्फ़ एक प्राथमिक नारा “घुसपैठियों भारत छोड़ों” का नारा सार्थक नहीं किया तो ठीक पाँच बाद सन् २०२९ में देश का नक़्शा भारत तोड़ो से टुकड़े गैंग हावी होके रक्तपात का दौर शुरू होगा
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इस लेख के पहिले 5 अगस्त को कश्मीर जोड़ों दिवस धारा 370 व 35 (A) को धवस्त करने की पांचवीं वर्ष गांठ के लिए इस अविस्मरणीय दिवस के उपलक्ष्य में हमारे सम्माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत –बहुत बधाई ...
८ अगस्त १९४२ भारत तोड़ो दिवस...., जिन्ना के DIRECT ACTION दिवस की नीव पढ़ गई व कवि इकबाल के झण्डा ऊंचा रहे हमारा तिरंगा को हरे रंग के सल्तनत बनाने के पहिले 1943 को अल्लाह को प्यारे हो गए …
वीर परमवीर दामोदर सावरकर की दमदार भविष्यवाणी 14th अगस्त 1947 को सार्थक हुई ...
८ अगस्त १९४२ अखंड भारत के इतिहास का विश्वास घातक दिवस .,यह “भारत छोड़ों” आन्दोलन नहीं“भारत तोड़ों” आन्दोलन है तुम्हारी तिकड़ी अखंड भारत के साथ धोखा है तुष्टिकरण से सत्तालोलुपता के “अखंड भारत” को “खंडित भारत” से देशवासियों को एक गंदी राजनीती से देश को गर्त में ले जाएगा – वीर सावरकर
८ जून १९४२ अखंड भारत के इतिहास का घातक दिवस, की ८३ वी बरसी ,देश के डाकुओं द्वारा तुष्टिकरण के अस्त्र से देश को खंडित करने का बीजोरोपण साबित हुआ ...
पतंजली के ज्ञाता वीर ही नहीं परमवीर सावरकर की यह ४० से अधिक भविष्यवाणी वाणियों में यह एक सटीक भविष्य वाणी है.
१. ये गांधी की ही देंन थी कि, भारत सरकार पर ५५ करोड़ रु. पाकिस्तान को देने का दबाव डाला, माउंटबैटन ने गांधीजी को पाकिस्तान को ५५ करोड़ रु. दिलवाने की सलाह दी.
२२ अक्तूबर १९४७ को पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया. कश्मीर में युद्ध चलाए रखने के लिए उसे धन की सख्त जरुरत थी. गांधीजी ने पाकिस्तान को ५५ करोड़ रूपए रोकड़ राशि में से दिलवाने के लिए, नेहरु और पटेल पर दबाव डालने हेतु, आमरण उपवास आरम्भ किया. अन्ततोगत्वा, नेहरु और पटेल उपर्युक्त राशी पाकिस्तान को देने को विवश हुए, यद्यपि बाद में पाकिस्तान को इससे भी अधिक धन-राशी भारत को देनी थी. जो आज तक नहीं मिली
२. गांधी ने भारत – विभाजन कराने वाली भयंकर भूलों के तो बीज बो दिए थे
विघटन के बीज लखनऊ-पैक्ट (समझौते) में, जब कांग्रेस ने लखनऊ पैक्ट में दो विषाक्त सिद्धांत स्वीकार किए : पहला ,संप्रदाय के आधार पर मुसलमानों को प्रतिनिधित्व, तथा मुस्लिम लीग को भारत के सभी मुसलमानों की प्रतिनिधि संस्था मान्य.,सिद्धांत रूप में तो कांग्रेस द्वी राष्ट्रवाद को अस्वीकार करती थी, परन्तु व्यवहार में उसने लखनऊ-पैक्ट के रूप में उसे मान लिया क्योकि इसमें मुसलमानों की लिए पृथक मतदान स्वीकार किया गया था. इस प्रकार इस पैक्ट में विभाजन का बीज बोया गया.
हिंदुस्थान के प्रतिनिधि तीन कट्टर मुसलमान थे, मार्च १९४६ में ब्रिटिश सरकार के मंत्रिमंडल के तीन सदस्य, सर स्टैफोर्ड क्रिप्स, मि.ए.वी. अलेग्जेंडर और लार्ड पैथिक लारेंस वार्ता और विचार-विमर्श के लिए भारत आए. हिन्दुओ की पूण्य भूमि हिंदुस्थान का प्रतिनिधित्व तीन कट्टर मुसलमानों ने किया. भारतीय कांग्रेस और हिंदुस्थान के समस्त हिन्दुओ के प्रतिनिधि थे कांग्रेस अध्यक्ष मौलाना अबुल कलाम आजाद. .मुहम्मद अली जिन्ना, मुस्लिम लीग के अध्यक्ष , हिंदुस्थान के मुसलमानों के प्रतिनिधि थे! नवाब भोपाल ने भारत की देसी रियासतों के शासको का प्रतिनिधित्व किया. ब्रिटिश सरकार की ओर से तीन ईसाई और हिंदुस्थान की ओर से तीन मुसलमान हिंदुस्थान के ७७ प्रतिशत हिन्दुओ के भाग्य का निर्णय करने को बैठे.
३. कांग्रेस ने हिन्दू मतदाताओं को धोखा दिया,जब.. कांग्रेसियों ने १९४६ का निर्णायक चुनाव‘अखंड भारत ’के नाम पर लड़ा था. बहुमत प्राप्त करने के बाद ,उन्होंने पाकिस्तान के कुत्सित प्रस्ताव को मान कर हिन्दू मतदाताओ के साथ निर्लज्जतापूर्वक विश्वासघात किया. वीर सावरकर ने उनकी भर्त्सना की कि जब उन्होंने निर्लज्ज होकर अपना सिद्धांत बदला है, और अब वे हिन्दुस्तान के विभाजन पर सहमत हो गए है, तो या तो वे अपने पदों से त्यागपत्र दे और स्पष्ट पाकिस्तान के मुद्दे पर पुन: चुनाव लड़े या मातृभूमि के विभाजन के लिए “जन-मत ” कराएं .
४. कांग्रेसियों ने विभाजन क्यों स्वीकार किया?इसमें गांधी की अहम छद्म अहिंसा का मूल मंत्र था,कांग्रेसियों ने मुस्लिम लीग द्वारा भड़काए कृत्रिम दंगो से भयभीत होकर जिन्ना के सामने कायरता से घुटने टेक दिए .यदि दब्बूपन, आत्म-समर्पण, घबराहट और मक्खनबाजी के जगह वे मुस्लिम लीग के सामने अटूट दृढ़ता तथा अदम्य इच्छा शक्ति दिखाते, तो जिन्ना पाकिस्तान का विचार छोड़ देता. लिआनार्ड मोस्ले के अनुसार पंडित नेहरु ने इमानदारी के साथ स्वीकार किया कि बुढापे ,दुर्बलता ,थकावट और निराशा के कारण उनमे विभाजन के कुत्सित प्रस्ताव का सामना करने के लिए एक नया संघर्ष छेड़ने का दम नहीं रह गया था.उन्होंने सुविधाजनक कुर्सीयों पर उच्च पद-परिचय के साथ जमे रहने का निश्चय किया. इस प्रकार राजनितिक-सत्ता, सम्मान और पद के लालच से आकर्षित विभाजन स्वीकार कर लिया.
५. क्या दंगे रोकने का उपाय केवल विभाजन ही था?, सरदार पटेल गांधीजी के पिंजरे में बंद एक शेर थे. उन्हें दंगाइयों के साथ “जैसे को तैसा”घोषणा करने के लिए खुली छूट नहीं थी, इसलिए उन्होंने क्षुब्ध होकर कहा था, “ये दंगे भारत में कैंसर के सामान है. इन दंगो को सदा के लिए रोकने के लिए एक ही इलाज ‘विभाजन ’है”. यदि आज सरदार पटेल जीवित होती, तो वे देखते की दंगे विभाजन के बाद भी हो रहे है. क्यों? क्योंकि जनसँख्या के अदल-बदल बिना विभाजन अधूरा था.
६. जनसंख्या के अदल-बदल बिना विभाजन का गांधी ने सुझाव ठुकरा दिया..
७. यदि ग्रीस और टर्की ने ,साधनों के सिमित होते हुए भी ,ईसाई और मुस्लिम आबादी का अदल-बदल कर के,मजहबी अल्पसंख्या की समस्या का मिलजुल कर समाधान कर लिया ,तो विभाजन के समय में हिन्दुस्तान में ऐसा क्यों नहीं किया गया? खेद है की पंडित नेहरु के नेतृत्व में कांग्रेसी नेताओ ने इस संबंध में डा. भीमराव आंबेडकर के सूझ्भूझ भरे सुझाव पर कोई ध्यान नहीं दिया. जिन्ना ने भी हिन्दू-मुस्लिम जनसँख्या की अदला-बदली का प्रस्ताव रखा था. परन्तु मौलाना आजाद के पंजे में जकड़ी हुई कांग्रेस ने नादानी के साथ इसे अस्वीकार कर दिया. कांग्रेसी ऐसे अदूरदर्शी थे कि उन्होंने यह नहीं सोचा कि जनसंख्या की अदला-बदली बिना खंडित हिंदुस्थान में भी सांप्रदायिक दंगे होते रहेंगे.
पाकिस्तान को अधिक क्षेत्रफल दिया गया,१९४६ के निर्णायक आम चुनाव में, अविभाजित हिंदुस्थान के लगभग सभी (२३%) मुसलमनो ने पाकिस्तान के लिए वोट दिया ,परन्तु भारत के कुल क्षेत्रफल का ३०% पाकिस्तान के रूप में दिया गया. दुसरे शब्दों में उन्होंने अपनी जनगणना की अनुपात से अधिक क्षेत्रफल मिला ,यह जनसंख्या भी बोगस थी. फिर भी सारे मुस्लिम अपने मनोनीत देश में नहीं गए.
८. झूठी मुस्लिम जन-गणना के आधार पर विभाजन का आधार माना, कांग्रेस ने १९४९ तथा १९३१ दोनों जनगणनाओ का बहिष्कार किया. फलत:, मुस्लिम लीग ने चुपके-चुपके भारत के सभी मुसलमानों को उक्त जनगणनाओ में फालतू नाम जुडवाने का सन्देश दिया. इसे रोकने वाला या जाँच करने वाला कोई नहीं था. अत: १९४१ की जनगणना में मुसलमानों की संख्या में विशाल वृद्धि हो गई. आश्चर्य की बात है कि कांग्रेसी नेताओं ने स्वच्छा से १९४१ की जनगणना के आंकड़े मान्य कर लिए, यद्यपि उन्होंने उसका बहिष्कार किया था. उन्ही आंकड़ा का आधार लेकर मजहब के अनुसार देश का बटवारा किया गया. इस प्रकार देश के वे भाग भी जो मुस्लिम बहुल नहीं थे,पाकिस्तान में मिला दिए गए.
९. स्वाधीन भारत का अंग्रेज गवर्नर जनरल की सहमती दी....,गांधीजी और पंडित नेहरु के नेतृत्व में कांग्रेस ने मुर्खता के साथ माऊंट बैटन को दोनों उपनिवेशों, हिंदुस्थान और पाकिस्तान का गवर्नर जनरल, देश के विभाजन के बाद भी मान लिया. जिन्ना में इस मूर्खतापूर्ण योजना को अस्वीकार करने की बहुत समझ थी. अत: उसने २ जुलाई १९४७ को पत्र द्वारा कांग्रेस और माऊंट बैटन को सूचित कर दिया की वह स्वयं पाकिस्तान का गवर्नर जनरल बनेगा.परिणाम यह हुआ की माऊंट बैटन स्वाधीन खंडित बहरत के गवर्नर जनरल नापाक-विभाजन के बाद भी बने रहे.
१०. सीमा-आयोग का अध्यक्ष अंग्रेज पदाधिकारी को मनोनीत किया गया ,माऊंट बैटन के प्रभाव में,गांधीजी और पंडित नेहरु ने पंजाब और बंगाल के सीमा आयोग के अध्यक्ष के रूप में सीरिल रैड क्लिफ को स्वीकार कर लिया.सीरिल रैडक्लिफ जिन्ना का जूनियर (कनिष्ठ सहायक) था, जब उसने लन्दन में अपनी प्रैक्टिस आरम्भ की थी. परिणाम स्वरुप, उसने पाकिस्तान के साथ पक्षपात और लाहौर, सिंध का थरपारकर जिला,चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र, बंगाल का का खुलना जिला एवं हिन्दू-बहुल क्षेत्र पाकिस्तान को दिला दिये
११. बंगाल का छल-पूर्ण सीमा निर्धारण किया गया,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उदासीनता के कारण ४४ प्रतिशत बंगाल के हिन्दुओ को ३० प्रतिशत क्षेत्र पश्चिमी बंगाल के रूप में संयुक्त बंगाल में से दिया गया.५६ प्रतिशत मुसलमानों को ७० प्रतिशत क्षेत्रफल पूर्वी पाकिस्तान के रूप में मिला.
चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र जिसमे ९८ प्रतिशत हिन्दू-बौद्ध रहते है,एवं हिन्दू-बहुल खुलना जिला अंग्रेज सीमा-निर्धारण अधिकारी रैडक्लिफ द्वारा पाकिस्तान को दिया गया.कांग्रेस के हिन्दू नेता ऐसे धर्मनिरपेक्ष बने रहे की उन्होंने अन्याय के विरुद्ध मुँह तक नहीं खोला.
१२. सिंध में धोखे भरा सीमा-निर्धारण किया, जब सिंध के हिन्दुओ ने यह मांग की की सिंध प्रान्त का थारपारकर जिला जिसमे ९४ प्रतिशत जनसँख्या हिन्दुओ की थी,हिंदुस्थान के साथ विलय होना चाहिए,तो भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस ने सिन्धी हिन्दुओ की आवाज इस आधार पर दबा दी की देश का विभाजन जिलानुसार नहीं किया जा सकता.परन्तु जब आसाम के जिले सिल्हित की ५१ प्रतिशत मुस्लिम आबादी ने पकिस्तान के साथ जोड़े जाने की मांग की,तो उसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया.
मजहब के आधार पर विभाजन-धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध गांधी का खेल था... यदि गांधीजी पंडित नेहरु सच्चे धर्म-निर्पेक्षतावादी थे तो उन्होंने देश का विभाजन मजहब के आधार पर क्यों स्वीकार किया?
Monday, 14 July 2025
“ निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
Thursday, 10 July 2025
GURU PURNIMA - DEDICATED TO SAVARKAR
Friday, 4 July 2025
ट्रंप के दौर में फिलहाल मस्क ८०% वोटो से , भारी अंतरों से आगे है
जिस एलन मस्क ने अपने पूरी शक्ति से तन, मन व धन लगाकर डेमोक्रेटिक पार्टी का सूपड़ा साफ़ कर रिपब्लिक पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प को भारी मतों से जीताकर अमेरिका के इतिहास में कीर्तिमान हासिल कर मस्क के सहयोग के लिए अपना सच्चा मित्र कहकर अपने मंत्री मंडल में शामिल किया , व मस्क द्वारा मंत्रिमंडल के सदस्यों से असंतुष्ट होने पर विरोध से / खफा होने से ट्रम्प ने मस्क को खतरा बताते हुए इस्तीफे मांग की
इस पर मस्क ने ट्रम्प को चुनौती देकर अमेरिका के इतिहास में एक नई पारी से स्वंय तीसरी बनाकर ट्रम्प की सत्ता डांवाडोल करने की चुनौती दी है
ट्रंप के दौर में फिलहाल मस्क ८०% वोटो से , भारी अंतरों से आगे है
हाल ही में Big Beautiful Bill में ५१/५० से एक वोट से ट्रम्प की जीत से अब नया फरमान जारी मस्क को अमेरिका से अपना बोरिया बिस्तर दक्षिण अफ्रीका जाने का फरमान सुना देने से चीन गदगद हो गया है की मस्क का सम्पूर्ण कारोबार चीन में आ कर चीन मालामाल हो जाएगा
अब समय ही बताएगा की यह trade war कौन सी करवट लेगा
प्रयत्न व साभार
www.meradeshdo
Thursday, 26 June 2025
ईरान बनाम इजराइल युद्ध मैंने दोस्ती कराकर , सुलह करा दी , फिर भी दोनों एक दूसरे पर आग उगल रहें हैं
ईरान द्वारा कतर में अमेरिका हवाई बेस में नए हमले से ट्रंप के गाल में तमाचा , अब शांति का नोबल पुरस्कार मिलने की आस धूमिल ..!!
ईरान - इसराइल में घमसान युद्ध , अशांति से एक दूसरे में प्रहार से शक्ति प्रदर्शन
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ईरान बनाम इजराइल युद्ध
मैंने दोस्ती कराकर , सुलह करा दी , फिर भी दोनों एक दूसरे पर आग उगल रहें हैं
I made them friends and reconciled, but still both of them are spewing venom at each other
Monday, 23 June 2025
जरुर पढ़े ...., 23 अक्टूबर बलिदान दिवस -डॉक्टर श्यामा प्रसाद का
दो अचूक ...,सार्थक ब्भाविश्यवानियाँ भविष्यवानियां !!!,
श्यामारास्द श्यामा प्रसादजी ,आपकी देश की बहुत जरुरत है.., आप कश्मीर मत जाओं ..., आप जिन्दा नहीं लौटेंगे ..,
गांधी की “गंदी राजनीती” व जवाहर के “जहर” से हमें खंडित भारत के साथ छितरा– व भीतरा, राजे –रजवाड़ों का देश मिला ., देश “वीर सावरकर की विचारधारा” से ही विश्वगुरू बनेगा.
२. ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे..
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१. सन १९५३ में, हिन्दु महासभा, राम राज्य परिषद् व जनसंघ ने कश्मीर का हिन्दुस्थान में सम्पूर्ण विलय के लिए के लिये संयुक्त सत्याग्रह किया. कश्मीर के मुख्यमंती शेख अब्दुल्ला ने सरकारी अनुमति के बिना ,बाहर के लोगों को प्रदेश में “प्रवेश बंदी” लगी थी.., तब डॉ श्यामा प्रसाद मुखजी मुख़र्जी ने घोषणा कर की “मैं इस प्रवेश बंदी के विरोध के बावजूद कशमीर जाऊंगा – तब वीर सावरकर ने उनसे कहा ..., “श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं .., आप जिन्दा नहीं लौटेंगें..”
२. कश्मीर में प्रवेश करते ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल, ह्त्या कर आकस्मिक मौत कह दिया
३. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की माताजी ने , प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग व मिलने के अनुरोध को ठुकरा दिया, और कहा वे बीमारी से मरे थे.., आज तक पूर्व से वर्तमान सत्ताधारियों ने इस पर जांच करने की भी सोच नहीं की
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१. ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे..,.
२. ९ जनवरी १९६६ की रात लालबहादुर शास्त्री ने ताशकंद से अपनी पत्नी ललिता शास्त्री को फोन कर कहा “मैं हिन्दुस्तान आना चाहता हूँ, यहां, मुझ पर हस्ताक्षर करने के लिए दवाब डाल रहें है..., मुझे यहां घुटन हो रही है...
देश के सत्ता की राजनयिक फौजे बार-बार, शास्त्रीजी से कह रही थी..., भले हम युद्ध जीत गये हैं, यदि आप हस्ताक्षर नहीं करोगे तो आगे अन्तराष्ट्रीय बिरादरी एकजुट होकर देश की आर्थिक स्तिथी बिगाड़ देगी...
३. इसके बाद उनके कड़े मंसूबे, हमारे देश के सत्ता की राजनयिक फौजे तोड़ने में कामयाब हो गयी.., १० जनवरी १९६६ के शाम ४.३० बजे , शास्त्रीजी ने जीती हुई जमीन वापस लौटाने व शांती समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, उनके पुत्र अनिल शास्त्री को कहा गया ..., वे देश के प्रधानमंत्री हैं, उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें विशेष आवास में अकेले में सुरक्षित रखना होगा.
४ . प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद समझौते के बाद ८ घंटे के बाद , ११ जनवरी तड़के १ बजे,पाकिस्तानी रसोईये द्वारा रात को दूध पीने के बाद उनकी मौत हो गई, मौत के समय उनके कमरे मे टेलिफोन नही था, जबकि, उनके बगल के कमरे के राजनयिकों के कमरों मे टेलिफोन था, उनकी मौत की पुष्टी होने पर राजनयिकों की फौज दिल्ली मे फोन लगा कर चर्चा कर रहे थे कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ?
५ . अंत तक ललिता शास्त्री गुहार लगाती रही, मेरे पति की मौत की जाँच हो, आज तक सभी सरकारों द्वारा, कोइ कारवाई नही हुई?,
६ . इस रहस्य को जानने के लिये, आर.टी.आई. कार्यकर्ता अनुज धर ने एडी चोटी का जोर लगाने के बाद, सरकार की तरफ से जवाब मिला कि यदि हम इस बात का खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?
७ . दोस्तों अब सवाल है कि लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?, लेकिन डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के ह्त्या की जांच से क्या देश के नेताओं के आपस आंच में सम्बन्ध खराब होने से,इस जाँच को चूल्हे की आंच में डाल दिया
८ . मानवता के उपासक प्रखर राष्ट्रवादी
महान शिक्षाविद व भारतीय जनसंघ के संस्थापक
भावभीनी श्रद्धांजलि....
Friday, 20 June 2025
- योग दिवस - विश्व के नेताओं व देशवासियों के “प्रयोग” से जीवन में खुशहाली व शरीर तारुण्यता से रहें “निरोग”
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योग दिवस - विश्व के नेताओं व देशवासियों के “प्रयोग” से जीवन में खुशहाली व शरीर तारुण्यता से रहें “निरोग”
Yoga Day - With the "experiment" of world leaders and countrymen, stay "healthy" with happiness in life and youthful body
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लेकिन २०२५ का - योग दिवस - विश्व में मार काट दिवस , विश्व युद्ध की ओर से मारकाट का माहौल , प्रतिद्वंदिता से द्वन्द युद्ध , अब यह मानवता पर प्रहार से संहार की ओर जाने का द्वार बनता जा रहा है , हथियारों का व्यापार से अनाचार है
Thursday, 19 June 2025
पाकिस्तान में बंकर में छुपे आसिफ़ मुनीर जो एक टाँग में खड़े थे ,
पाकिस्तान में बंकर में छुपे आसिफ़ मुनीर जो एक टाँग में खड़े थे , अमेरिका सेना के २५० सालों का जलवा था तब राष्ट्रपति ट्रम्प ने मुनीर को अमेरिका बुलाया
अब मुनीर को लगा की मुझे इस आयोजन का मुख्य अतिथि घोषित किया है व अपने को दुनिया का शेर समझने लगा
१८ जून २०२५ को ट्रम्प ने भोजन में बुलाकर मुनीर को लताड़ा की तुम्हारे पास के आण्विक हत्यार ईरान व अन्य देश में गए तो पाकिस्तान का भुर्ता बन जाएगा..
कार्टून में मुनीर की सोच में पाकिस्तान व इंडिया के कुछ पत्रकार का ख्याली पुलाव का चित्रण है
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मुनीर.., अब चीन का छोड़ों साथ.., पकड़ों मेरे हाथ .., छोड़ों मोदी का डर.., अब मेरे सीज़ फायर में हैं दम.
.Munir.., now leave China.., hold my hand.., leave the fear of Modi.., now only my ceasefire has power.
Wednesday, 18 June 2025
“एयर इंडिया” पुराने निट्ठले कर्मचारियों के वजह से मेरे विमान हवा में नही उड़ पा रहैं है,
ईरान बनाम इजराइल युद्ध मैं तेरा नाम दुनिया के नक़्शे से मिटा दूँगा
भय है तो क्षय है.., दुनिया में आधे से ज़्यादा युद्ध विपक्षी के ताक़त डर से नही होते है , ख़ास कर इस कलयुग का सशक्त विध्वंस “परमाणु हथियार”
खाड़ी देश के चार देश इराक़, सीरिया, लेबनान ये तो इसराइल के हमले से आज तक घायल हैं अब ईरान व इसराइल के बीच घमासान से दोनों देशों के विदेशी देश अपनी सहायता से इस प्रतिद्वंद्विता से मालामाल होने का खेल खेल रहें हैं
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विश्व में दल , गोला बारूद से युद्ध में लड़कर अपनी ऊर्जा व धन गंवाकर जनता को गरीबी रेखा से निर्माण से भूखमरी की ओर ले जा रहें है
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ईरान बनाम इजराइल युद्ध
मैं तेरा नाम दुनिया के नक़्शे से मिटा दूँगा
Iran V/s Israel War
I will erase your name from the world map
Wednesday, 11 June 2025
चिनाब .., अब देश का पूरा होगा हर ख़्वाब
दुनिया का सबसे ऊँचा चिनाब पुल,
ऊँचा पुल, ऊँचा जोश..
The world's tallest Chenab Bridge,
High bridge, high enthusiasm..
चिनाब .., अब देश का पूरा होगा हर ख़्वाब
Chenab.., now every dream of the country will be fulfilled
Saturday, 7 June 2025
११ लोगों के खूनी ताबूत के लाल रंग से RCB के जश्न की मार्मिक .., विराट तस्वीर..!!!
आ ज्योति, पाकिस्तान में तुझे गले लगाकर, हिंदुस्तान की गुप्त सूचना तूझसे लेकर , मैं दानिश तुझे यू ट्यूब की रानी बनाऊं

Saturday, 10 May 2025
मेरी उजड़ती सिंदूर व अश्रु की धार से लाल सागर में मेरे साजन की छवि . ., मेरे अधूरे जीवन से मैं छटपटाती रहूँगी
सिंदूर ..,
विवाहित महिला का नूर , अपने जीवन के चाहत से “पति” के रक्षा की कामना व भविष्य में फलता- फूलता परिवार की यादों का गुलदस्ता.., जो आतंकवादियों ने इस सुंदर बाग को तहश- नहस कर दिया..
अब जीवन आसूंओं की धारा से हरेक उमंग बही जा रही है व जीवन शून्य में बदल गया है
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The image of my lover in the Red Sea with my fading vermilion and stream of tears… I will keep struggling with my incomplete life
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Thursday, 8 May 2025
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ आस्तीन के सांप बनकर फ़रमा रहें हैं
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ आस्तीन के सांप बनकर फ़रमा रहें हैं
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ऑपरेशन “सिन्दूर” से पाकिस्तान में हाहाकार मचा है , अब तो बक्श दो हमें.., हम तो हमले करने में असमर्थ हैं.
अब दुबारा आतंकवाद की “पहल” नही होगीं
Operation "Sindoor" has caused havoc in Pakistan, now please spare us.., we are incapable of attacking.
Now there will be no "initiative" of terrorism again
Thursday, 1 May 2025
हुक्का-पानी बंद.., पानी को अब तरस रहा है पाकिस्तान, बिन पानी तो हुक्का की नही कोई कद्र ,
हुक्का-पानी बंद.., पानी को अब तरस रहा है पाकिस्तान, बिन पानी तो हुक्का की नही कोई कद्र ,
[23:22, 1/5/2025] Kailash Tiwari: हुक्का-पानी बंद.., पानी को अब तरस रहा है पाकिस्तान, बिन पानी तो हुक्का की नही कोई कद्र ,
अब पुराने हुक्का की तरह के जीर्ण हथियारों से पाकिस्तान भी अपने गधों को दुनिया को उन्नत बताकर , चीन को बेचकर,कामधेनु बताकर अब शान से सवारी कर, उसे युद्ध में पेटेंट टैंक से उन्नत कह कर एक नए अर्थवस्था की रीढ़ की हड्डी बता रहा है .
पहलगाम में हिंदुओं के नाम से हत्या कर आतंकवादियों ने इसे आधुनिक “ख़ौफ़” की खोज से परिभाषित कर गर्वित हो रहे थे
देश के प्रधानमंत्री ने आतंकवादियों के इस “मंत्र” को सत्ता के तंत्र की नए धुरी बनने के पूर्व ही इससे वैश्विक ताकतों को चेताते हुए घोषणा कर, अब पानी सर के ऊपर बहने से पूर्व ही इसे बंद कर शत्रु को ऐसा कड़ा सबक सिखाया जाय कि शत्रु ने भी मोदी की इस अकल्पनीय घोषणा से पाकिस्तान के पैरों से ज़मीन सरककर अब अपने आँखों के सामने देश के टुकड़े हो…
[23:28, 1/5/2025] Kailash Tiwari: हुक्का-पानी बंद.., पानी को अब तरस रहा है पाकिस्तान, बिन पानी तो हुक्का की नही कोई कद्र ,
अब पुराने हुक्का की तरह के जीर्ण हथियारों से पाकिस्तान भी अपने गधों को दुनिया को उन्नत बताकर , चीन को बेचकर,कामधेनु बताकर अब शान से सवारी कर, उसे युद्ध में पेटेंट टैंक से उन्नत कह कर एक नए अर्थवस्था की रीढ़ की हड्डी बता रहा है .
पहलगाम में हिंदुओं के नाम से हत्या कर आतंकवादियों ने इसे आधुनिक “ख़ौफ़” की खोज से परिभाषित कर गर्वित हो रहे थे
देश के प्रधानमंत्री ने आतंकवादियों के इस “मंत्र” को सत्ता के तंत्र की नए धुरी बनने के पूर्व ही इससे वैश्विक ताकतों को चेताते हुए घोषणा कर, अब पानी सर के ऊपर बहने से पूर्व ही इसे बंद कर शत्रु को ऐसा कड़ा सबक सिखाया जाय कि शत्रु ने भी मोदी की इस अकल्पनीय घोषणा से पाकिस्तान के पैरों से ज़मीन सरककर अब अपने आँखों के सामने देश के टुकड़े होकर अब चार राष्ट्रों का नवनिर्माण होने जा रहा है
आतंक को अस्त्र बनाकर अब दुनिया में पाकिस्तान को कोई “भीख” देने वाला देश नही है व सहानुभूति भी नहीं रखता है
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तेरा पानी बंद हुआ, अब तेरे हुक्के जैसे हथियार से तेरी कमर तोड़ता हूँ
Your water supply has stopped, now I will break your back with your hubble bubble like weapon