Thursday, 2 October 2025
हिंदुओं मुसलमान तुम्हारी हत्या करें तो प्रतिरोध के बजाय बलिदान दे देना -- गाँधी का हिन्दुस्तानी जनता को संबोधन
आजादी की २०० वर्षों की आस, सत्ता परिवर्तन जीवी बनी फाँस, आई खून से भरी ट्रेन में लाश..!!
यह योग है या संयोग …!!! , आज रावण का संहार व दहन दिवस …
२ अक्टूबर में देश के टुकड़े करने वाले एक रावण का जन्म हुआ जिसे “साबरमती के संत” की उपमा से हिंदू / सनातन के मूल को समाप्त कर
राजघाट पर देश के शीर्ष नेताओं की श्रद्धांजलि की होड़ से महोत्सव के रूप में प्रथम स्थान में आने की होड़ लग रही है
रावण ने तो राक्षसों का राम द्वारा नरसंहार करवाया जो दस लाख से भी कम थे ताकि वे अगले जन्म में नई सद्बबुद्धि से नवजीवन पाकर पृथ्वी पर महक फहलायें
लेकिन इस २ अक्टूबर के जन्मे इस रावण ने अहिंसा की आड़ में १९१४ से १९४७ तक क्रांतिकारियों व प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध में २५ लाख सैनिकों की बलि ले ली
देश के विभाजन के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की मूक सहमति व ब्रह्मचर्य के नंगा नाच से व्यभिचार करने के बाद भी देश के राष्ट्र पिता से बापू के नाम से आज भी संरक्षित है
नेहरू के “आराम हराम है” के आड़ में गांधी के कर्मों से “काम ही जीवन का वासना सुख है का प्रयोंग किया “ जिससे नेहरू भी “ जिन्ना की तरह असाध्य/ गुप्त रोग से तड़फ़- तड़फ़ कर मौत हुई
अंत में मैं गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से बार- बार याचना कर रहे है की मेरे दादा का चित्र नोटों से हटा लो ताकि नई पीढ़ी को चरित्र हनन से राष्ट्रपिता के सच्चाई से थू -थू न हो
याद रहे, आरटीआई/Rti से जानकारी मिली है की नोट में गांधी के चित्र की छपाई का संविधान में कोई प्रस्ताव पारित नही है
प्रस्तुत है स्वंयनिर्मित चित्रों की श्रृंखला
www.watankerakhwale.com
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आजादी की २०० वर्षों की आस,
सत्ता परिवर्तन जीवी बनी फाँस, आई खून से भरी ट्रेन में लाश..!!
Two hundred years of hope for freedom,
But power transition became a thorn,
Bodies arrived in a train, soaked in blood...!!
Wednesday, 17 September 2025
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ७५ वर्ष की आयु पूरा होने पर बधाई ..🌷❤️
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ७५ वर्ष की आयु पूरा होने पर बधाई ..🌷❤️
देश अब आपकी शतायु की प्रतीक्षा / बाट जो रहा है, सत्ता व विपक्षी पार्टियों में “मोदीजी” के ७५ साल की उम्र में प्रधानमंत्री के पद छोड़ने की माँग से सिंदूर की सफलता ने सन्नाटा फैला कर, देश के छुट छुटभैयें नेताओं को गूँगा बना दिया है
देश की उन्नति का आधार जब देश के अंतिम व्यक्ति का उसमें सहयोग नही होगा तो उसे विश्व को कोई शक्ति भी नही ढहा सकती है
वही यह विकास कृत्रिम विदेशी हाथों से होगी तो विदेशी इशारों से दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था डूबती है
देश के अंतिम व्यक्ति जो शोषण जातिवाद भुखमरी से मरता है जिसे / यदि उसे देश की मुख्य धारा में न लाकर जो शासन, मुफ़्त के राशन से देश के शीर्ष माफिया लूट के खेल से झूठी आबादी के गुणा भाग का आधार बताकर , राशन के खेल से अपने प्रशासन पर अपनी पकड़ मज़बूत कर देश को पंगु बनाने का यह खेल ७८ सालों से बदस्तूर खेल रहें है
इसका उदाहरण
देश के अंतिम व्यक्ति की शक्ति V/s चींटी की तुलना
१ - चींटी अपने वजन से तीन गुना वजन उठातीं है व उनके जाती में कार्य प्रबन्धन व दिशा ज्ञान से भटकने से भी अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचना व अन्न का श्रोत पता चलने से अपने अनन्य मज़दूर साथियों की सेना को एक माला / Chain प्रबंधन से अपने बिलों तक पहुँचाना व मिट्टी के टीलों में शिल्पकारी से अपने भवन व भंडार गृह के रचना से अपने राजा रानी के साज सज्जा से अपने संपूर्ण समूह की खाद्य सुरक्षा से निर्स्वार्थ भावना से जीवन यापन करते है
यदि विश्व के देश इनका अनुसरण करें तो यह हड़प्पा मोहनजोदड़ो का मिलन दिखता है व इसमें “ वसुधैव कुटुंबकम “ का संदेश समाहित है
दोस्तों बड़े दुख के साथ लिखना पड़ रहा है देश का अन्न दाता आत्महत्या कर रहा है व फसल व्यापारी . भ्रष्टाचार की लम्बीं पारी से व माफ़ियागिरी से देश को डुबोने का घिनौना कार्य कर रहें हैं
अंत में मोदीजी को धन्यवाद जिन्होंने अपने जन्म दिवस को विश्वकर्मा दिवस से १५ हज़ार करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान से ग़रीबों के सुध लेने के लिए राष्ट्र कृतज्ञ है
ओली जनता के ओले पड़ने के पहिले छू हो गए
रामधारी सिंग दिनकर के उदगार से नेपाल का अब होगा उद्धार.., सिंहासन ख़ाली करो जनता आती है , अब जनता भ्रष्टाचार की कुर्सी के रखवालों की सिट्टी पिटट्टी ग़ायब कर देश से भागने पर मजबूर कर दिया है
क्या नेपाल को चीन की गिरफ्त से निकाल कर जनता “हिंदू राष्ट्र” के मन्थन से, देश का शुद्धिकरण से घुसपैठियों को निकाल कर देश एक नए उदभव से अग्रणी बनेगा .??
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भ्रष्टाचार से कुर्सी की आग में झुलसने से पहिले उड़नखटोले के झूले से ओली जनता के ओले पड़ने के पहिले छू हो गए
Before getting burnt in the fire of corruption, the chair got hit by the hail of the public by the swing of the flying chariot
Sunday, 14 September 2025
हिंदी देश की बिंदी को हिंग्लिश भाषा से हिंदी दिवस मनाया जाता है देश के राष्ट्रवाद के सिंदूर को मिटाने का षड्यंत्र से लूटतंत्र हावी है
हिंदी देश की बिंदी को हिंग्लिश भाषा से हिंदी दिवस मनाया जाता देश के राष्ट्रवाद के सिंदूर को मिटाने का षड्यंत्र से लूटतंत्र हावी है
१९४७ में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टल चर्चिल ने कहा था हमनें सत्ता ब्रिटेन में पढ़े जिनकी रंगों में अंग्रेजों का खून बहता है ऐसे लोगों को दी है ताकि हिंदुस्तान अंग्रेजों के कानून से सदा के लिए गुलाम रहे
अंग्रेजी भाषा के संविधान की प्रस्तावना में शुरू में लिखा है “India i.e. Bharat”
देश को ७८ सालों की से विदेशी भाषा की जकड़ से “ विदेशी हाथ , विदेशी साथ , विदेशी विचार “ से
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राष्ट्र... ह्त्या की ओर – भाषा हत्या, किसान हत्या, जवान हत्या, गरीबी से आम नागरिकों की आत्महत्या (हत्या), नवजात शीशुओ की इलाज न होने से हत्या , संस्कारो की ह्त्या.....???????,
UPSC परीक्षाओं में अंग्रेजी क्यों..,
अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक देशों में हिन्दी भाषा के वार्ता से से एक सम्मानित सख्श से जाने गए..., व देश के स्वाभिमान से दुनिया के देशों को सन्देश दिया
ये सब विदेशी भोगवादी भाषा के तलवारों से, हम बर्बाद हो रहे है... , हिग्लीश को हिरण मानकर , धन तृष्णा से युवक, राष्ट्र की राह भटक गया है, अग्रेज़ी, दुनिया के सिर्फ 11 देशों मे प्रमुखता से बोली जाती है , स्वभाषा से चीन , जापान , जर्मनी फ्रांस व अन्य छोटे देश जो नक्शे मे भी दिखाई नही देते है वे शीर्ष देशों मे सुमार है....,
याद रहें चीन में २०१० के विश्व के भव्यतम ओलंपिक के समापन समारोह के बाद ,चीनी सरकारअंग्रेजी को दूसरी भाषा के रूप में थोपने के प्रयास में चीनी जनता ने सडकों पर उतर कर विरोध किया,तब चीनी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर घोषणा कि , चीनी भाषा में कोई अंग्रेजी शब्द उपयोग में नहीं लाया जाएगा,
आज, हम विश्व गुरू हिंदुस्थान का तमगा लेकर दुनिया में ढोल पीट रहें है..,
लेकिन आज देश..., विदेशी संस्कार, विचार, शिक्षा प्रणाली से कठपुतली बनकर विदेशी देशों की अंगलियों पर नाच रहा है , डॉलर , रूपये को डोल रहा है ,
देशवासियों विदेशी नशा छोड़ो , हिन्दुस्थानियों अपने देश को पहचानों, जागो...जागो...जागो... अभी भी समय है... विदेशी इशारों से डूबते देश को बचाओ
Wednesday, 10 September 2025
लुटेरों का नेपाल की युवा पीढ़ी द्वारा तख्ता पलट कर संदेश दिया ,
Facebook व वेबसाइट की १४ जुलाई २०२१,आज भी सार्थक पोस्ट जिससे आज नेपाल के सत्ता के
लुटेरों का नेपाल की युवा पीढ़ी द्वारा तख्ता पलट कर संदेश दिया ,
Napto-Babies पीढ़ीवाद के/भाई - भतीजा वाद वायरस द्वारा देश को घोटालों को भी हज़म कर, जनता की ग़ुलामी अब ख़त्म करने का संदेश दिया है
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ओली को लगी गोली अब कुर्सी जाने वाली है , नेपाली जमीन पर कब्जेो के लिए चीन ने सीमा पर अपनी सेना PLA को तैनात करना शुरू कर दिया चीन ने नेपाल के 10 इलाकों पर कब्जा किया, नदियों का रुख मोड़कर नेपाली जमीन पर किया अतिक्रमण
इमरान का ईमान खत्म हो गया है कर्ज से देश को खोखला बना दिया है , कोम्बोडिया व विश्व के अनेक छोटे देश चीन से कर्ज लेकर जकड़ गए हैं अब चीन उन देशों के हड़पने की योजना बनाकर अपनी विस्तारवाद की नीती में सफलता की राह देख रहा है
आठ देश चीनी कर्ज़ के बोझ से दबे हुए हैं. ये देश हैं- जिबुती, किर्गिस्तान, लाओस, मालदीव, मंगोलिया, मोन्टेनेग्रो, पाकिस्तान और तजाकिस्तान.
गरीब देशों को धन देकर व घरों को गिरवी रख कर चीन अपने सुरक्षा के अड्डे बनाकर गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने का यह चीन का नया सिद्धान्त है
चीन के भारी कर्ज के बोझ तले दबे कंबोडिया ने अपना रीम नेवल बेस चीन को 99 साल की लीज पर दे दिया है भारत के अंडमान निकोबार द्विप समूह से कंबोडिया के रीम नेवल बेस की दूरी मात्र 1200 किलोमीटर है जिससे भारत की सैन्य शक्ति को भारी आघात पहुच सकता है
अभी हाल ही में यही कर्ज का सुझाव चीन ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को दिया जिसे उसने खारिज कर कहा बंगला देश अपने बल-बूते से सम्पन्न होने की ताकत रखता है
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कहते हैं.... ब्याज मूल धन को खा जाता है और गरीब मुनीम के कर्ज के बोझ तले अपनी संपत्ति गवाकर आत्महत्या कर लेता है
(खेद से लिखना पड़ रहा है देश के माफियाओं ने बैंक के अधिकारियों व नेताओं के समंजस्य में ब्याज से बड़ी पूंजी लेकर ,ब्याज व मूलधन हड़पकर अपने को दिवालिया घोषित कर भ्रष्टाचार की दीवाल बना दी है यदि इस दीवाल की लंबाई व चौड़ाई मापें तो यह चीन की दीवार से कई गुना लंबी है,
अन्तरिक्ष से चीन की दीवार के साथ देश के भ्रष्टाचार की दीवार भी दिखाई देती है लेकिन हमारी सुरक्षा /खुफिया /प्रवर्तन निदेशालय व अन्य agency भी माफिया को माफ किया व खुफिया विभाग भी खा –पिया की भूमिका से जलसा मना रही है जबकि हमारे देश का धन जल - सा की तरह माफियाओं द्वारा वाष्पीकरण से खाली होते जा रहें हैं
यदि सरकार अब भी इस काले धन को पकड़ने का जुनून रखे तो हमारे देश का एक रुपया 10 डॉलर से अधिक कीमत का होगा
Monday, 8 September 2025
टैरिफ़ के चक्कर में ..! मैंने मोदी को खो दिया
टैरिफ़ के चक्कर में ..!
मैंने मोदी को खो दिया व मोदी ने रूस,चीन के साथ खुद को जोड़ दिया
Because of the tariff issue..!
I lost Modi and Modi aligned himself with Russia and China
Sunday, 7 September 2025
विश्व जल दिवस के बाद भी इस उपलक्ष्य मानसून की छप्परफाड़ बरसात ..
Saturday, 6 September 2025
क्या..!!, Put- In (पुतिन) द्वारा मछली के शक्ल वाले नक्शे यूक्रेन को रूस में डाला जा सकता है ..
क्या..!!, Put- In (पुतिन) द्वारा मछली के शक्ल वाले नक्शे यूक्रेन को रूस में डाला जा सकता है ..
क्या मोदी की मध्यस्ता से इस घने चौथे साल वाले इस युद्ध का समाधान निकल सकता है
Friday, 5 September 2025
ट्रम्प ने नोबल पुरस्कार के सपने से अमेरिका की शक्ति को श्रृण कर नो-बल करने का कार्य किया
ट्रम्प ने नोबल पुरस्कार के सपने से अमेरिका की शक्ति को श्रृण कर नो-बल करने का कार्य किया
दुनिया के देशों को आपस में लड़ा कर ट्रम्प विश्व के देशों में अशांति फैला कर नोबल पुरस्कार के छद्म सपने देख रहा है
भले ही शंघाई कारपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन में चीन ने भारत को दोस्ती का प्रस्ताव दिया है
अमेरिका व चीन भी पाकिस्तान को शक्ति बल से सुज्जतीत का झाँसा देकर पाकिस्तान के दुर्लभ खनिज हड़पने की होड में दौड़ रहे हैं
यदि मोदी सरकार नहीं चेती तो वह दिन दूर नहीं तो देश अतिक्रमण का शिकार हो सकता है
देश में सत्ता की दौड़ में सभी पार्टियां संसद से सड़क पर हुड़ंदंग से देश की ऊर्जा श्रृण होकर देश को वोट बैंक व माफियाओ, धर्मपरिवर्तन व घुसपैठियों को सुसज्जित से देश बर्बादी की तरफ़ धकेलने ढकेलने के साजिश से देश खोखला हो रहा है
देश की गुप्तचर एजेंसी गहरी नींद में हैं
इसका दंड देश के राष्ट्रवादी जनता को मिल रहा है
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५ सितम्बर.., शिक्षक दिवस अब बना on line Teachers Day...,
५ सितम्बर.., शिक्षक दिवस अब बना on line Teachers Day..., अब शिक्षक का अपना हर दिवस बना घर / पाठशाला में बैठकर, अब गरीब से अमीर विद्यार्थियों को घर से , विद्यार्जन प्राप्त कराने के नये युग आरम्भ होकर होनहार होने का शुरू हो गया है.
आज टेबल (desktop) से जांघों में (Laptop} रखने वाले संगणक , जीवन में इस नए युग के विद्यार्थियो की उन्नत अनुसन्धान से जीवन लीला को निखारने की प्रतिस्पर्धा से एक स्वच्छ जीवन से राष्ट्र का उत्थान कर गौरान्वित करने का स्वर्णिम युग के शुरूवात हो रही है.
देश के हर उम्र के वासियों को internet से विशाल ज्ञान भण्डार को वह अपने मस्तिष्क में संचयित से देश दुनिया की २४ घंटों में २४ दिशाओं का ज्ञान अर्जित कर अपना जीवन में स्व निर्मित, दिल में जूनून रखकर, न रुके न थमें का धेय्य रखकर वैज्ञानिक आसानी से बन सकता है
साभार
Sunday, 31 August 2025
चेतो मोदी सरकार चीन को देखकर बनों होशियार
Friday, 29 August 2025
दुनिया युद्ध की विभीषिका से परेशान है व प्रलय , भूकंप से पीड़ित होकर ख़ौफ़ का माहौल है
Donald Dollar Dancing Duck of the United States of America has started a new "stirring" move by adopting the policy of attacking the whole world with tariff war
Wednesday, 27 August 2025
गणपति बप्पा मोरिया .., ट्रम्प का हिंदुस्तान पर ५०% टैरिफ हो रिया ..
Friday, 22 August 2025
अबकी बार हिंदू समर्थकों के वोटों की धोखाघड़ी से ट्रम्प का मोदी पर टैरिफ के खंजर से वार कर अपने अच्छे दिन ला रहा है .
Saturday, 9 August 2025
हिंदुत्व ही बंधुत्व है, पूरा विश्व ही हिन्दू का तत्व है...,
१. हिंदुत्व ही बंधुत्व है, पूरा विश्व ही हिन्दू का तत्व है..., अब आरक्षण,जातिवाद,भाषावाद की तलवार, एक नई धार से, नेताओं के वोट बैंक की दांत की चमक के पैने पन की तस्वीर से, आज देश ऊंचाई को छूने की बजाय “बौना” होते जा रहा है..,
२. आजादी के मसीहा कहकर, छद्म पुतलों व सडकों के नाम देखकर.., देश को “चौपटनगरी” कर, अंधे राजाओं को देखकर , आज भी भारतमाता “आह” भर.., कराह कर, कह रही है.., ७८ सालों बाद भी..!!!, मेरे १४० करोड़ बेटों को किस तरह, विदेशी हाथ- विदेशी साथ – विदेशी विचार- विदेशी संस्कार , जाति, भाषा व धर्मपरिवर्तन से आपस में, लड़ाकर..., कैसे मेरे कटे अंगो के घाव सहित , पुन: मुझे विदेशी जंजीरों से बांधने का प्रयास किया जा रहा है.
३. कहां गए...!!!!!, मेरे वीर सपूत विनायक सावरकर, भगत सिंग ,राजगुरू, आजाद, सुभाष चन्द्र,रानी लक्ष्मीबाई पुत्री व अन्य लाखों क्रांतीकारी जिनके विचारों को ताबूत में बंद कर दिया.., क्या आज की गुलामों की शिक्षा से, अब अब्दुल कलाम जैसे राष्ट्रवादी प्रतिभाओ का जन्म होगा...
४. वासुधैव कुटुम्बकम के इस धागे में, धर्म परिवर्तन, जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद व घुसपैठीयों के वोट बैंक के विभिन्न रंगों के लेप से इस हिन्दुस्थानी धागे को तोड़कर , बहुत सारे खंडित धागे बनाने के लिए विदेशी आक्रमणकारीयों..., के बाद विश्व के देशों व अब तो देशी मीडिया भी इस गलिछ्ता से गलीचे वाला जीवन जी कर हिंदुत्व के ठेकेदार से “स्टार चैनल” से विदेशी संस्कृति से देश को “विकृत” कर दलाल बन कर देश को हलाल कर रहें है..,
५. विश्व चाहता है कि कैसे हम इन हिंदुस्थानी धागों को तोड़कर , टूटे धागों की गाँठ बांधकर, हमें, नए गुलामों की जमात बनाकर..., एक मजबूत रस्सी से बाँध कर रखें...,
6. हिंदुत्व तो ..., मातृत्व-माता (वन्देमातरम),/ पितृत्व-पिता (राष्ट्रवाद),/गुरुतत्व-गुरू (वैदिक वैज्ञानिक ज्ञान से गुरू है) व वासुधैव कुटुम्बकम (भाई-बहन चारा ) के असंख्य धागों का योग है...
हम प्रतिज्ञा ले.. इस राष्ट्रवादी धागे को और मजबूत बनाएं...
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..,
Friday, 8 August 2025
वीर सावरकर नेहरू को हमेशा चेताते रहे यह स्वतंत्रता “आराम हराम है “ के नारे से सत्ता की अय्याशी देश को ले डूबेगी
कृपया लंबा लेख पढ़ कर , मंथन करे …,
१९४२ में वीर सावरकर ने कांग्रेसियो को चेताया की आज़ादी चाहिये तो क्रांति द्वारा, याचना व शांति द्वारा पायी गयी आजादी देश के इतिहास व नई पीढ़ी,देश की भक्ति, धर्म, संस्कार, पुरखों के बलिदान से विमुक्त होकर देश पुनः विदेशी भाषा, हाथ , साथ, विचार व संस्कार से ग़ुलामी के जंजीरो में जकड़ते जाएगा
और यह “भारत छोड़ों आंदोलन” छद्म है यह अंततः “भारत तोड़ो आंदोलन” बनेगा
इसके ठीक ५ साल बाद हमे याचना से अंग्रेजों के शर्त पर खंडित हिंदुस्थान मिला
वीर सावरकर नेहरू को हमेशा चेताते रहे यह स्वतंत्रता “आराम हराम है “ के नारे से सत्ता की अय्याशी देश को ले डूबेगी
देश के विकास से
पहिले देश की सीमाओं की सुरक्षा प्राथमिक है
वीर सावरकर ने नेहरू को चुनौति देते हुए कहा था मैं सत्ता लोलुप्त नही आप मुझे २ साल के लिए राष्ट्रपति का पद दें तो मैं सेना को सुसज्जित व सबल बनकर देश का हर नागरिक गर्वित व विश्व अचंभित रहेगा
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यदि प्रधानमंत्री भी वीर सावरकर के उद्देश्य से सिर्फ़ एक प्राथमिक नारा “घुसपैठियों भारत छोड़ों” का नारा सार्थक नहीं किया तो ठीक पाँच बाद सन् २०२९ में देश का नक़्शा भारत तोड़ो से टुकड़े गैंग हावी होके रक्तपात का दौर शुरू होगा
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इस लेख के पहिले 5 अगस्त को कश्मीर जोड़ों दिवस धारा 370 व 35 (A) को धवस्त करने की पांचवीं वर्ष गांठ के लिए इस अविस्मरणीय दिवस के उपलक्ष्य में हमारे सम्माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत –बहुत बधाई ...
८ अगस्त १९४२ भारत तोड़ो दिवस...., जिन्ना के DIRECT ACTION दिवस की नीव पढ़ गई व कवि इकबाल के झण्डा ऊंचा रहे हमारा तिरंगा को हरे रंग के सल्तनत बनाने के पहिले 1943 को अल्लाह को प्यारे हो गए …
वीर परमवीर दामोदर सावरकर की दमदार भविष्यवाणी 14th अगस्त 1947 को सार्थक हुई ...
८ अगस्त १९४२ अखंड भारत के इतिहास का विश्वास घातक दिवस .,यह “भारत छोड़ों” आन्दोलन नहीं“भारत तोड़ों” आन्दोलन है तुम्हारी तिकड़ी अखंड भारत के साथ धोखा है तुष्टिकरण से सत्तालोलुपता के “अखंड भारत” को “खंडित भारत” से देशवासियों को एक गंदी राजनीती से देश को गर्त में ले जाएगा – वीर सावरकर
८ जून १९४२ अखंड भारत के इतिहास का घातक दिवस, की ८३ वी बरसी ,देश के डाकुओं द्वारा तुष्टिकरण के अस्त्र से देश को खंडित करने का बीजोरोपण साबित हुआ ...
पतंजली के ज्ञाता वीर ही नहीं परमवीर सावरकर की यह ४० से अधिक भविष्यवाणी वाणियों में यह एक सटीक भविष्य वाणी है.
१. ये गांधी की ही देंन थी कि, भारत सरकार पर ५५ करोड़ रु. पाकिस्तान को देने का दबाव डाला, माउंटबैटन ने गांधीजी को पाकिस्तान को ५५ करोड़ रु. दिलवाने की सलाह दी.
२२ अक्तूबर १९४७ को पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया. कश्मीर में युद्ध चलाए रखने के लिए उसे धन की सख्त जरुरत थी. गांधीजी ने पाकिस्तान को ५५ करोड़ रूपए रोकड़ राशि में से दिलवाने के लिए, नेहरु और पटेल पर दबाव डालने हेतु, आमरण उपवास आरम्भ किया. अन्ततोगत्वा, नेहरु और पटेल उपर्युक्त राशी पाकिस्तान को देने को विवश हुए, यद्यपि बाद में पाकिस्तान को इससे भी अधिक धन-राशी भारत को देनी थी. जो आज तक नहीं मिली
२. गांधी ने भारत – विभाजन कराने वाली भयंकर भूलों के तो बीज बो दिए थे
विघटन के बीज लखनऊ-पैक्ट (समझौते) में, जब कांग्रेस ने लखनऊ पैक्ट में दो विषाक्त सिद्धांत स्वीकार किए : पहला ,संप्रदाय के आधार पर मुसलमानों को प्रतिनिधित्व, तथा मुस्लिम लीग को भारत के सभी मुसलमानों की प्रतिनिधि संस्था मान्य.,सिद्धांत रूप में तो कांग्रेस द्वी राष्ट्रवाद को अस्वीकार करती थी, परन्तु व्यवहार में उसने लखनऊ-पैक्ट के रूप में उसे मान लिया क्योकि इसमें मुसलमानों की लिए पृथक मतदान स्वीकार किया गया था. इस प्रकार इस पैक्ट में विभाजन का बीज बोया गया.
हिंदुस्थान के प्रतिनिधि तीन कट्टर मुसलमान थे, मार्च १९४६ में ब्रिटिश सरकार के मंत्रिमंडल के तीन सदस्य, सर स्टैफोर्ड क्रिप्स, मि.ए.वी. अलेग्जेंडर और लार्ड पैथिक लारेंस वार्ता और विचार-विमर्श के लिए भारत आए. हिन्दुओ की पूण्य भूमि हिंदुस्थान का प्रतिनिधित्व तीन कट्टर मुसलमानों ने किया. भारतीय कांग्रेस और हिंदुस्थान के समस्त हिन्दुओ के प्रतिनिधि थे कांग्रेस अध्यक्ष मौलाना अबुल कलाम आजाद. .मुहम्मद अली जिन्ना, मुस्लिम लीग के अध्यक्ष , हिंदुस्थान के मुसलमानों के प्रतिनिधि थे! नवाब भोपाल ने भारत की देसी रियासतों के शासको का प्रतिनिधित्व किया. ब्रिटिश सरकार की ओर से तीन ईसाई और हिंदुस्थान की ओर से तीन मुसलमान हिंदुस्थान के ७७ प्रतिशत हिन्दुओ के भाग्य का निर्णय करने को बैठे.
३. कांग्रेस ने हिन्दू मतदाताओं को धोखा दिया,जब.. कांग्रेसियों ने १९४६ का निर्णायक चुनाव‘अखंड भारत ’के नाम पर लड़ा था. बहुमत प्राप्त करने के बाद ,उन्होंने पाकिस्तान के कुत्सित प्रस्ताव को मान कर हिन्दू मतदाताओ के साथ निर्लज्जतापूर्वक विश्वासघात किया. वीर सावरकर ने उनकी भर्त्सना की कि जब उन्होंने निर्लज्ज होकर अपना सिद्धांत बदला है, और अब वे हिन्दुस्तान के विभाजन पर सहमत हो गए है, तो या तो वे अपने पदों से त्यागपत्र दे और स्पष्ट पाकिस्तान के मुद्दे पर पुन: चुनाव लड़े या मातृभूमि के विभाजन के लिए “जन-मत ” कराएं .
४. कांग्रेसियों ने विभाजन क्यों स्वीकार किया?इसमें गांधी की अहम छद्म अहिंसा का मूल मंत्र था,कांग्रेसियों ने मुस्लिम लीग द्वारा भड़काए कृत्रिम दंगो से भयभीत होकर जिन्ना के सामने कायरता से घुटने टेक दिए .यदि दब्बूपन, आत्म-समर्पण, घबराहट और मक्खनबाजी के जगह वे मुस्लिम लीग के सामने अटूट दृढ़ता तथा अदम्य इच्छा शक्ति दिखाते, तो जिन्ना पाकिस्तान का विचार छोड़ देता. लिआनार्ड मोस्ले के अनुसार पंडित नेहरु ने इमानदारी के साथ स्वीकार किया कि बुढापे ,दुर्बलता ,थकावट और निराशा के कारण उनमे विभाजन के कुत्सित प्रस्ताव का सामना करने के लिए एक नया संघर्ष छेड़ने का दम नहीं रह गया था.उन्होंने सुविधाजनक कुर्सीयों पर उच्च पद-परिचय के साथ जमे रहने का निश्चय किया. इस प्रकार राजनितिक-सत्ता, सम्मान और पद के लालच से आकर्षित विभाजन स्वीकार कर लिया.
५. क्या दंगे रोकने का उपाय केवल विभाजन ही था?, सरदार पटेल गांधीजी के पिंजरे में बंद एक शेर थे. उन्हें दंगाइयों के साथ “जैसे को तैसा”घोषणा करने के लिए खुली छूट नहीं थी, इसलिए उन्होंने क्षुब्ध होकर कहा था, “ये दंगे भारत में कैंसर के सामान है. इन दंगो को सदा के लिए रोकने के लिए एक ही इलाज ‘विभाजन ’है”. यदि आज सरदार पटेल जीवित होती, तो वे देखते की दंगे विभाजन के बाद भी हो रहे है. क्यों? क्योंकि जनसँख्या के अदल-बदल बिना विभाजन अधूरा था.
६. जनसंख्या के अदल-बदल बिना विभाजन का गांधी ने सुझाव ठुकरा दिया..
७. यदि ग्रीस और टर्की ने ,साधनों के सिमित होते हुए भी ,ईसाई और मुस्लिम आबादी का अदल-बदल कर के,मजहबी अल्पसंख्या की समस्या का मिलजुल कर समाधान कर लिया ,तो विभाजन के समय में हिन्दुस्तान में ऐसा क्यों नहीं किया गया? खेद है की पंडित नेहरु के नेतृत्व में कांग्रेसी नेताओ ने इस संबंध में डा. भीमराव आंबेडकर के सूझ्भूझ भरे सुझाव पर कोई ध्यान नहीं दिया. जिन्ना ने भी हिन्दू-मुस्लिम जनसँख्या की अदला-बदली का प्रस्ताव रखा था. परन्तु मौलाना आजाद के पंजे में जकड़ी हुई कांग्रेस ने नादानी के साथ इसे अस्वीकार कर दिया. कांग्रेसी ऐसे अदूरदर्शी थे कि उन्होंने यह नहीं सोचा कि जनसंख्या की अदला-बदली बिना खंडित हिंदुस्थान में भी सांप्रदायिक दंगे होते रहेंगे.
पाकिस्तान को अधिक क्षेत्रफल दिया गया,१९४६ के निर्णायक आम चुनाव में, अविभाजित हिंदुस्थान के लगभग सभी (२३%) मुसलमनो ने पाकिस्तान के लिए वोट दिया ,परन्तु भारत के कुल क्षेत्रफल का ३०% पाकिस्तान के रूप में दिया गया. दुसरे शब्दों में उन्होंने अपनी जनगणना की अनुपात से अधिक क्षेत्रफल मिला ,यह जनसंख्या भी बोगस थी. फिर भी सारे मुस्लिम अपने मनोनीत देश में नहीं गए.
८. झूठी मुस्लिम जन-गणना के आधार पर विभाजन का आधार माना, कांग्रेस ने १९४९ तथा १९३१ दोनों जनगणनाओ का बहिष्कार किया. फलत:, मुस्लिम लीग ने चुपके-चुपके भारत के सभी मुसलमानों को उक्त जनगणनाओ में फालतू नाम जुडवाने का सन्देश दिया. इसे रोकने वाला या जाँच करने वाला कोई नहीं था. अत: १९४१ की जनगणना में मुसलमानों की संख्या में विशाल वृद्धि हो गई. आश्चर्य की बात है कि कांग्रेसी नेताओं ने स्वच्छा से १९४१ की जनगणना के आंकड़े मान्य कर लिए, यद्यपि उन्होंने उसका बहिष्कार किया था. उन्ही आंकड़ा का आधार लेकर मजहब के अनुसार देश का बटवारा किया गया. इस प्रकार देश के वे भाग भी जो मुस्लिम बहुल नहीं थे,पाकिस्तान में मिला दिए गए.
९. स्वाधीन भारत का अंग्रेज गवर्नर जनरल की सहमती दी....,गांधीजी और पंडित नेहरु के नेतृत्व में कांग्रेस ने मुर्खता के साथ माऊंट बैटन को दोनों उपनिवेशों, हिंदुस्थान और पाकिस्तान का गवर्नर जनरल, देश के विभाजन के बाद भी मान लिया. जिन्ना में इस मूर्खतापूर्ण योजना को अस्वीकार करने की बहुत समझ थी. अत: उसने २ जुलाई १९४७ को पत्र द्वारा कांग्रेस और माऊंट बैटन को सूचित कर दिया की वह स्वयं पाकिस्तान का गवर्नर जनरल बनेगा.परिणाम यह हुआ की माऊंट बैटन स्वाधीन खंडित बहरत के गवर्नर जनरल नापाक-विभाजन के बाद भी बने रहे.
१०. सीमा-आयोग का अध्यक्ष अंग्रेज पदाधिकारी को मनोनीत किया गया ,माऊंट बैटन के प्रभाव में,गांधीजी और पंडित नेहरु ने पंजाब और बंगाल के सीमा आयोग के अध्यक्ष के रूप में सीरिल रैड क्लिफ को स्वीकार कर लिया.सीरिल रैडक्लिफ जिन्ना का जूनियर (कनिष्ठ सहायक) था, जब उसने लन्दन में अपनी प्रैक्टिस आरम्भ की थी. परिणाम स्वरुप, उसने पाकिस्तान के साथ पक्षपात और लाहौर, सिंध का थरपारकर जिला,चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र, बंगाल का का खुलना जिला एवं हिन्दू-बहुल क्षेत्र पाकिस्तान को दिला दिये
११. बंगाल का छल-पूर्ण सीमा निर्धारण किया गया,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उदासीनता के कारण ४४ प्रतिशत बंगाल के हिन्दुओ को ३० प्रतिशत क्षेत्र पश्चिमी बंगाल के रूप में संयुक्त बंगाल में से दिया गया.५६ प्रतिशत मुसलमानों को ७० प्रतिशत क्षेत्रफल पूर्वी पाकिस्तान के रूप में मिला.
चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र जिसमे ९८ प्रतिशत हिन्दू-बौद्ध रहते है,एवं हिन्दू-बहुल खुलना जिला अंग्रेज सीमा-निर्धारण अधिकारी रैडक्लिफ द्वारा पाकिस्तान को दिया गया.कांग्रेस के हिन्दू नेता ऐसे धर्मनिरपेक्ष बने रहे की उन्होंने अन्याय के विरुद्ध मुँह तक नहीं खोला.
१२. सिंध में धोखे भरा सीमा-निर्धारण किया, जब सिंध के हिन्दुओ ने यह मांग की की सिंध प्रान्त का थारपारकर जिला जिसमे ९४ प्रतिशत जनसँख्या हिन्दुओ की थी,हिंदुस्थान के साथ विलय होना चाहिए,तो भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस ने सिन्धी हिन्दुओ की आवाज इस आधार पर दबा दी की देश का विभाजन जिलानुसार नहीं किया जा सकता.परन्तु जब आसाम के जिले सिल्हित की ५१ प्रतिशत मुस्लिम आबादी ने पकिस्तान के साथ जोड़े जाने की मांग की,तो उसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया.
मजहब के आधार पर विभाजन-धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध गांधी का खेल था... यदि गांधीजी पंडित नेहरु सच्चे धर्म-निर्पेक्षतावादी थे तो उन्होंने देश का विभाजन मजहब के आधार पर क्यों स्वीकार किया?
Monday, 14 July 2025
“ निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
Thursday, 10 July 2025
GURU PURNIMA - DEDICATED TO SAVARKAR
Friday, 4 July 2025
ट्रंप के दौर में फिलहाल मस्क ८०% वोटो से , भारी अंतरों से आगे है
जिस एलन मस्क ने अपने पूरी शक्ति से तन, मन व धन लगाकर डेमोक्रेटिक पार्टी का सूपड़ा साफ़ कर रिपब्लिक पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प को भारी मतों से जीताकर अमेरिका के इतिहास में कीर्तिमान हासिल कर मस्क के सहयोग के लिए अपना सच्चा मित्र कहकर अपने मंत्री मंडल में शामिल किया , व मस्क द्वारा मंत्रिमंडल के सदस्यों से असंतुष्ट होने पर विरोध से / खफा होने से ट्रम्प ने मस्क को खतरा बताते हुए इस्तीफे मांग की
इस पर मस्क ने ट्रम्प को चुनौती देकर अमेरिका के इतिहास में एक नई पारी से स्वंय तीसरी बनाकर ट्रम्प की सत्ता डांवाडोल करने की चुनौती दी है
ट्रंप के दौर में फिलहाल मस्क ८०% वोटो से , भारी अंतरों से आगे है
हाल ही में Big Beautiful Bill में ५१/५० से एक वोट से ट्रम्प की जीत से अब नया फरमान जारी मस्क को अमेरिका से अपना बोरिया बिस्तर दक्षिण अफ्रीका जाने का फरमान सुना देने से चीन गदगद हो गया है की मस्क का सम्पूर्ण कारोबार चीन में आ कर चीन मालामाल हो जाएगा
अब समय ही बताएगा की यह trade war कौन सी करवट लेगा
प्रयत्न व साभार
www.meradeshdo
Thursday, 26 June 2025
ईरान बनाम इजराइल युद्ध मैंने दोस्ती कराकर , सुलह करा दी , फिर भी दोनों एक दूसरे पर आग उगल रहें हैं
ईरान द्वारा कतर में अमेरिका हवाई बेस में नए हमले से ट्रंप के गाल में तमाचा , अब शांति का नोबल पुरस्कार मिलने की आस धूमिल ..!!
ईरान - इसराइल में घमसान युद्ध , अशांति से एक दूसरे में प्रहार से शक्ति प्रदर्शन
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ईरान बनाम इजराइल युद्ध
मैंने दोस्ती कराकर , सुलह करा दी , फिर भी दोनों एक दूसरे पर आग उगल रहें हैं
I made them friends and reconciled, but still both of them are spewing venom at each other
Monday, 23 June 2025
जरुर पढ़े ...., 23 अक्टूबर बलिदान दिवस -डॉक्टर श्यामा प्रसाद का
दो अचूक ...,सार्थक ब्भाविश्यवानियाँ भविष्यवानियां !!!,
श्यामारास्द श्यामा प्रसादजी ,आपकी देश की बहुत जरुरत है.., आप कश्मीर मत जाओं ..., आप जिन्दा नहीं लौटेंगे ..,
गांधी की “गंदी राजनीती” व जवाहर के “जहर” से हमें खंडित भारत के साथ छितरा– व भीतरा, राजे –रजवाड़ों का देश मिला ., देश “वीर सावरकर की विचारधारा” से ही विश्वगुरू बनेगा.
२. ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे..
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१. सन १९५३ में, हिन्दु महासभा, राम राज्य परिषद् व जनसंघ ने कश्मीर का हिन्दुस्थान में सम्पूर्ण विलय के लिए के लिये संयुक्त सत्याग्रह किया. कश्मीर के मुख्यमंती शेख अब्दुल्ला ने सरकारी अनुमति के बिना ,बाहर के लोगों को प्रदेश में “प्रवेश बंदी” लगी थी.., तब डॉ श्यामा प्रसाद मुखजी मुख़र्जी ने घोषणा कर की “मैं इस प्रवेश बंदी के विरोध के बावजूद कशमीर जाऊंगा – तब वीर सावरकर ने उनसे कहा ..., “श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं .., आप जिन्दा नहीं लौटेंगें..”
२. कश्मीर में प्रवेश करते ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल, ह्त्या कर आकस्मिक मौत कह दिया
३. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की माताजी ने , प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग व मिलने के अनुरोध को ठुकरा दिया, और कहा वे बीमारी से मरे थे.., आज तक पूर्व से वर्तमान सत्ताधारियों ने इस पर जांच करने की भी सोच नहीं की
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१. ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा “शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है , रूस के प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे.. और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे..,.
२. ९ जनवरी १९६६ की रात लालबहादुर शास्त्री ने ताशकंद से अपनी पत्नी ललिता शास्त्री को फोन कर कहा “मैं हिन्दुस्तान आना चाहता हूँ, यहां, मुझ पर हस्ताक्षर करने के लिए दवाब डाल रहें है..., मुझे यहां घुटन हो रही है...
देश के सत्ता की राजनयिक फौजे बार-बार, शास्त्रीजी से कह रही थी..., भले हम युद्ध जीत गये हैं, यदि आप हस्ताक्षर नहीं करोगे तो आगे अन्तराष्ट्रीय बिरादरी एकजुट होकर देश की आर्थिक स्तिथी बिगाड़ देगी...
३. इसके बाद उनके कड़े मंसूबे, हमारे देश के सत्ता की राजनयिक फौजे तोड़ने में कामयाब हो गयी.., १० जनवरी १९६६ के शाम ४.३० बजे , शास्त्रीजी ने जीती हुई जमीन वापस लौटाने व शांती समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, उनके पुत्र अनिल शास्त्री को कहा गया ..., वे देश के प्रधानमंत्री हैं, उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें विशेष आवास में अकेले में सुरक्षित रखना होगा.
४ . प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद समझौते के बाद ८ घंटे के बाद , ११ जनवरी तड़के १ बजे,पाकिस्तानी रसोईये द्वारा रात को दूध पीने के बाद उनकी मौत हो गई, मौत के समय उनके कमरे मे टेलिफोन नही था, जबकि, उनके बगल के कमरे के राजनयिकों के कमरों मे टेलिफोन था, उनकी मौत की पुष्टी होने पर राजनयिकों की फौज दिल्ली मे फोन लगा कर चर्चा कर रहे थे कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ?
५ . अंत तक ललिता शास्त्री गुहार लगाती रही, मेरे पति की मौत की जाँच हो, आज तक सभी सरकारों द्वारा, कोइ कारवाई नही हुई?,
६ . इस रहस्य को जानने के लिये, आर.टी.आई. कार्यकर्ता अनुज धर ने एडी चोटी का जोर लगाने के बाद, सरकार की तरफ से जवाब मिला कि यदि हम इस बात का खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?
७ . दोस्तों अब सवाल है कि लालबहादुर शास्त्री की ह्त्या खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ?, लेकिन डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के ह्त्या की जांच से क्या देश के नेताओं के आपस आंच में सम्बन्ध खराब होने से,इस जाँच को चूल्हे की आंच में डाल दिया
८ . मानवता के उपासक प्रखर राष्ट्रवादी
महान शिक्षाविद व भारतीय जनसंघ के संस्थापक
भावभीनी श्रद्धांजलि....









































