Facebook व वेबसाइट की १४ जुलाई २०२१,आज भी सार्थक पोस्ट जिससे आज नेपाल के सत्ता के
लुटेरों का नेपाल की युवा पीढ़ी द्वारा तख्ता पलट कर संदेश दिया ,
Napto-Babies पीढ़ीवाद के/भाई - भतीजा वाद वायरस द्वारा देश को घोटालों को भी हज़म कर, जनता की ग़ुलामी अब ख़त्म करने का संदेश दिया है
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ओली को लगी गोली अब कुर्सी जाने वाली है , नेपाली जमीन पर कब्जेो के लिए चीन ने सीमा पर अपनी सेना PLA को तैनात करना शुरू कर दिया चीन ने नेपाल के 10 इलाकों पर कब्जा किया, नदियों का रुख मोड़कर नेपाली जमीन पर किया अतिक्रमण
इमरान का ईमान खत्म हो गया है कर्ज से देश को खोखला बना दिया है , कोम्बोडिया व विश्व के अनेक छोटे देश चीन से कर्ज लेकर जकड़ गए हैं अब चीन उन देशों के हड़पने की योजना बनाकर अपनी विस्तारवाद की नीती में सफलता की राह देख रहा है
आठ देश चीनी कर्ज़ के बोझ से दबे हुए हैं. ये देश हैं- जिबुती, किर्गिस्तान, लाओस, मालदीव, मंगोलिया, मोन्टेनेग्रो, पाकिस्तान और तजाकिस्तान.
गरीब देशों को धन देकर व घरों को गिरवी रख कर चीन अपने सुरक्षा के अड्डे बनाकर गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने का यह चीन का नया सिद्धान्त है
चीन के भारी कर्ज के बोझ तले दबे कंबोडिया ने अपना रीम नेवल बेस चीन को 99 साल की लीज पर दे दिया है भारत के अंडमान निकोबार द्विप समूह से कंबोडिया के रीम नेवल बेस की दूरी मात्र 1200 किलोमीटर है जिससे भारत की सैन्य शक्ति को भारी आघात पहुच सकता है
अभी हाल ही में यही कर्ज का सुझाव चीन ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को दिया जिसे उसने खारिज कर कहा बंगला देश अपने बल-बूते से सम्पन्न होने की ताकत रखता है
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कहते हैं.... ब्याज मूल धन को खा जाता है और गरीब मुनीम के कर्ज के बोझ तले अपनी संपत्ति गवाकर आत्महत्या कर लेता है
(खेद से लिखना पड़ रहा है देश के माफियाओं ने बैंक के अधिकारियों व नेताओं के समंजस्य में ब्याज से बड़ी पूंजी लेकर ,ब्याज व मूलधन हड़पकर अपने को दिवालिया घोषित कर भ्रष्टाचार की दीवाल बना दी है यदि इस दीवाल की लंबाई व चौड़ाई मापें तो यह चीन की दीवार से कई गुना लंबी है,
अन्तरिक्ष से चीन की दीवार के साथ देश के भ्रष्टाचार की दीवार भी दिखाई देती है लेकिन हमारी सुरक्षा /खुफिया /प्रवर्तन निदेशालय व अन्य agency भी माफिया को माफ किया व खुफिया विभाग भी खा –पिया की भूमिका से जलसा मना रही है जबकि हमारे देश का धन जल - सा की तरह माफियाओं द्वारा वाष्पीकरण से खाली होते जा रहें हैं
यदि सरकार अब भी इस काले धन को पकड़ने का जुनून रखे तो हमारे देश का एक रुपया 10 डॉलर से अधिक कीमत का होगा



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