विश्व जल दिवस के बाद भी इस उपलक्ष्य मानसून की छप्परफाड़ बरसात ..
मानसून में जब इंद्र राजा अपने पूरे वेग से अमीरों व गरीबों पर समान रूप से इतना जल बरसाता है की कोई खेत से मकान तक सूखा न रहे
देसवाशीयों को भविष्य मे सूखे का सामना न कर सके, इतने प्रेम से जल बरसाने के बाद भी
देश में तमिलनाडु केरल को बाढ़ का दोषी मान रहा है.., तमिलनाडु व कर्नाटका में आपस में पानी के तोल की लड़ाई हो रही है..., हरियाणा दिल्ली को पानी देने में ना – नुकुर कर रहा है.., आसाम, बिहार के सूखे इलाके मानसून में बाढ़ ग्रस्त हो जाते हैं..,
गजराज इंद्र कह रहें है की मैं सनातन हिन्दुस्तान की संतानों को आदि काल से ही तृप्त कर जल वर्षा करता था ..,
और इस जन वर्षा को माटी के मिश्रण से अन्न से देश में धन वर्षा से यह देश सोने की चिड़िया कहलाता था ...
देश को सत्ता परिवर्तन की आड़ में आजादी कह वोट बैंक की राजनीती से देश को भाषावाद से आशावाद दिखाकर , देश को आरक्षण व जातिवाद से घुसपैठ की मीठी चासनी में जलेबी की तरह देश डूबोकर राज किया है
राजनेताओ द्वारा इसकी शुरूवात व अंत की खोज कोई नहीं कर सकता है की देश इस तरह खंडित होकर कौन देश भक्षी इस देश को डूबा कैसे रहा है...
मित्रों लिखने को बहुत है... लेकिन इस समुंद्री नाग का मंथन कर इसमें से जहर को कैसे साफ़ किया जाय.. ,इसका पर्याय के बारे में कोई नहीं सोचता है...!!!!!!
इसके मंथन से ही देश को निजात (कोई जाति नहीं के सिद्धान्त ) मिलेगी... !!!!
देश में प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गंगा सफ़ाई के नाम पर देश की तिजोरी साफ़ कर दी व “मिस्टर क्लीन” बोल्ड हो कर सत्ता से बाहर हो गए , अभी केजरीवाल ने यमुना सफ़ाई के नाम से शराब घोटाला कर अरबों रुपयों की हाथ से सफ़ाई की
रेखा गुप्ता ने भी इसे वोटबैंक का मोहरा का चेहरा देखकर इंद्रदेव ने इतनी छप्पर फाड़कर वर्षा कर दी की अवैध अतिक्रमण व प्रतिकृति से पहाड़ व शहर को काटने वालों, व पुलों व रोड़ों के घटिया निर्माण से घोटालों को , इनकी इतनी सफ़ाई कर देश को परोक्ष रूप से एक नया संदेश दिया है माफियाओं देश के ख़ान खदान को मत छेड़ों यदि छेड़ेंगे तो प्रकृति भी तुम्हें नही छोड़ेगी

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