Tuesday, 25 November 2025

किस “साज़िश” के शिकार होकर आपकी अंतिम यात्रा को छुपाने से करोड़ों देशवासियों को ग़मगीन रख व बादल को भी आँसू बहाने का मौक़ा न मिल सका










 





अलविदा धर्मेंद्र, आपके चहेते देश प्रेम व सदाबहार चेहरे के आपके जीवन से करोड़ों देशवासियों को प्रेरणा मिली 


लेकिन आपकी सफलता के आंसुओं में अपने आँखो के आसूँ न बहाने का सम्पूर्ण देशवासियों में ग़म से एक बड़ा सदमा है 


न जाने तुम इस जन्हा में चुपके से खो गए, तुम्हारे मुस्कुराते जीवंत संदेश की प्रेरणा को हर देशवासी देखना चाहता था 


किस “साज़िश” के शिकार होकर आपकी अंतिम यात्रा को छुपाने से करोड़ों देशवासियों को ग़मगीन रख व बादल को भी आँसू बहाने का मौक़ा न मिल सका 

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