Sunday 19 May 2019

नथूराम गोडसे देश भक्त और गांधी ने देश को खंडित कर १० लाख से अधिक हिन्दुस्तानियों का हत्यारा बना .., याद यहे १९१४ के विश्व युद्ध में कांग्रेसियों ने एक समझौते के आधार पर हिंदुस्तानिओं की ब्रिटिश फ़ौज को झोकने विश्व के अन्य भागों में भेजा था ताकि प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति पर हिन्दुस्तान को आजादी मिल सकें .., हमारे एक लाख सैनिकों की बलि लेने के बावजूद, ब्रिटिश सरकार ने इसे अमान्य कर दिया. कांग्रेसी तो अग्रेजों के सुरक्षा छिद्र बनकर,जनता को बेवकूफ बनाकर अपनी एक समानांतर सत्ता से जनता को भरमाते थे की केवल वे ही देश को गुलामी से मुक्त कर सकते हैं १३ अप्रैल १९१९ रोलेट एक्ट के विरोध में बैसाखी के दिन पंजाब के जलियावाला बाग़ में विरोध सभा में जनरल डायर ने अन्धाधुन्द गोली चलाकर ४००० से अधिक लोगों की मौत के बावजूद गाँधी ने अफ़सोस करने के बजाय जनरल डायर को माफी दे दी . देश ने एक सुनहरा मौक़ा खो दिया, यदि वीर सावरकर नजरबन्द नहीं होते तो इसे १८५७ की क्रांती के रूप में परिवर्तित कर अंग्रेजों का बोरिया बिस्तर लपेट देते.




नथूराम गोडसे देश भक्त और गांधी ने देश को खंडित कर  १० लाख से अधिक हिन्दुस्तानियों का हत्यारा बना ..,

याद यहे १९१४ के विश्व युद्ध में कांग्रेसियों ने एक समझौते के आधार पर हिंदुस्तानिओं की ब्रिटिश फ़ौज को झोकने विश्व के अन्य भागों में भेजा था ताकि प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति पर हिन्दुस्तान को आजादी मिल सकें .., हमारे एक लाख सैनिकों की बलि लेने के बावजूद, ब्रिटिश सरकार ने इसे अमान्य कर दिया.

कांग्रेसी तो अग्रेजों के सुरक्षा छिद्र बनकर,जनता को बेवकूफ बनाकर अपनी एक समानांतर सत्ता से जनता को भरमाते थे की केवल वे ही देश को गुलामी से मुक्त कर सकते हैं

१३  अप्रैल १९१९ रोलेट एक्ट के विरोध में बैसाखी के दिन पंजाब के जलियावाला बाग़ में विरोध सभा में जनरल डायर ने अन्धाधुन्द गोली चलाकर ४००० से अधिक लोगों की मौत के बावजूद गाँधी ने अफ़सोस करने के बजाय जनरल डायर को माफी दे दी .

देश ने एक सुनहरा मौक़ा खो दिया, यदि वीर सावरकर नजरबन्द नहीं होते तो इसे १८५७ की क्रांती के रूप में परिवर्तित कर अंग्रेजों का बोरिया बिस्तर लपेट  देते.

खिलाफत  आन्दोलन से गांधी की किरकिरी होकर.., मुस्लिम लीग को खाद पानी डालकर पोषने के बाद, कांग्रेस के अध्यक्ष पद मोहम्मद अली गौहर नियुक्त कर द्वि राष्ट्र विभाजन के बीज गांधी द्वारा पड़ चुके थे .

१९१४ के विश्व युद्ध की तरह द्वितीय विश्व युद्ध में 1 September 1939 में कांग्रेसियों का अंग्रेजों के साथ  यही दुगुला समझौता हुआ था लेकिन अंग्रेजों ने १९४६ में मोहम्मद अली  जिन्ना को मुस्लिम लीग का नेता बनाकर, पाकिस्तान का निर्माण कर,  देश को सत्ता परिवर्तन का अधिकार देने की संधि से मनाकर,  जिन्ना व नेहरू की प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा ने अचानक देश के तुकडे कर दोनों देशों की आबादी अपनी इच्छानुसार बदलवाने  की योजना को ख़ारिज करते हुए देश में हिन्दू मुस्लिम दंगों का निर्माण कर १० लाख से अधिक मासूम आबादी का क़त्ल होकर .., बापू ही इस ह्त्याकाण्ड का उत्प्रेरक् बनने के बाद अब  अपनी जिद से अनशन की धमकी देकर पाकिस्तान को ५५ हजार करोड़ रूपये दिलावाएं जबकि कश्मीर को  हड्फने  पाकिस्तान की सेना ने सीमा पर आक्रमण कर दिया था. इसके बावजूद गांधी पाकिस्तान को भविष्य में और भी सुविधाएं देने को आमाद थे.

यों कहा जाए तो प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध में ३ लाख से अधिक हिन्दुस्तानी सेनाओं के बलिदान व जलियांवाला बाग़ हत्याकांड की गणना से कही अधिक, केवल देश के विभाजन में १० लाख हिन्दुस्तानियों की ह्त्या का दोषी केवल और केवल गांधी ने ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.


याद रहे  जलियांवाला बाग़ हत्याकांड का बदला लेने उधमसिंह ने इंग्लॅण्ड में २१ साल बाद १३ मार्च १९४० को उधम सिंग ने इंग्लॅण्ड में पंजाब में गवर्नर रहे  मायकल ओ डायर की  ह्त्या की व ४ जून १९४० को उधम  सिंग को ह्त्या का दोषी ठहराते हुए ३१ जुलाई १९४० को उन्हें पेटनविले जेल में फांसी दे दी गई .

१३ अप्रैल २०१९..!!!, जलियांवाला बाग़ की खूनी होली की १०० वीं वर्ष गाँठ.., एक गुमशुदी मुध्हा बनकर आज भी देश, ब्रिटेन से माफी मंगवानी की याचना कर रहा है.., ताकि देश का कलंक, देश में इतिहास के पन्ने में इसका काला इतिहास से देश बलिदान के शौर्य से उबर सके...., लेकिन इंग्लैंड की सरकार ने इसे ख़ारिज कर दिया है. सिर्फ इसे शर्मनाक कहकर पल्ला झाड लिया है



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