Wednesday, 21 February 2018

लाला “लाजपत” के विचारों के बैंक को.., अब जनता के धन से ही, जनता की छाती पर काले अंग्रेजो द्वारा लाठी से मारने के क्रूर खेल से देश को “चपत ..”, देश के पहिले देशी बैंक का विदेशी विचारों से हुआ “ धन लेकर चंपत ”, नीरव मोदी देश के “चांदी की चम्मच” से , अब PNB के उच्च अधिकारी जो बने नीरव मोदी के घोटाले के “चमचे” अब देश के “विपुल धन” के भंडार को लूटने की “अब ठानी” (विपुल अम्बानी)


लाला लाजपतके विचारों के बैंक को.., अब जनता के धन से ही, जनता की छाती पर काले अंग्रेजो द्वारा लाठी से मारने के क्रूर खेल से देश को चपत ..”, देश के पहिले देशी बैंक का विदेशी विचारों से हुआ धन लेकर चंपत ”,

नीरव मोदी देश के चांदी की चम्मचसे , अब PNB के उच्च अधिकारी जो बने नीरव मोदी के घोटाले के चमचेअब देश के विपुल धनके भंडार को लूटने की अब ठानी” (विपुल अम्बानी)

LOU Letter of Understanding बना प्रेम पत्र व Letter of Credit बना , LOVE OF COMBINATION .के माफियाओं का संगम से भ्रष्टाचार का समागम.., इस दंश से घुट रहा है गरीबों का दम..

पंजा छाप बैंक के गर्भ से, नीरव मोदी का उदय से लाला लाजपत राय द्वारा संस्थापिंत बैंक से, अब उनके विचारों व पुरषार्थ को कुचलकर, २१ शताब्दी में इस १२४ साल पुराने बैंक से, जिसका उद्धेश्य गरीब किसानों को माफिया व साहूकारों के चुंगल से छुड़ाने से स्थापित किया गया था, अब यह देशी - विदेशी माफियाओं के चुंगल व मकड़जाल से देश को डूबाने की साजिश से, एक कशिश के कोशिश का पर्दाफाश से बनी आम आदमी के गले की फांस ..
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दोस्तों..,
इस कशिश और कोशिश का बौद्धिक घालमेल भी है, कशिश का रंग चढ़ाये संविधान डींगें मारता भी दिखाई देता है, लेकिन वह कोशिश करता असफल हो गया है.
यदि संविधान ठान ले खुद को संशोधित करने की व अंग्रेजों की के ३३ हजार कानूनों को निरस्त कर, झटपट कोड़े वालाकानूनी व्यवस्था जैसे को तैसा दंड की व्यवस्थासे सुधार का कानून लागू करेगा तो ही इस कर्ज व अन्य समस्याओं से जूझते व डूबते देश के मर्ज का समाधान निकलेगा .
याद रहे पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना १२ अप्रेल १८९५ में प्रसिद्द आर्य समाजी नेता एंवम शेरे पंजाब लाला लाजपत राय द्वारा लाहौर के प्रसिद्ध अनारकली बाजार में हुई थी, अब यह बैंक १२४ वीं सालगिरह के प्रवेश से माफियाओं की गिरफ्त से देश को शिकस्त दे रहा हैं”, आज भी यह देश का ऐसा मात्र स्वदेशी बैंक है जो कार्यरत है , तत्कालीन सभी स्वदेशी बैंक या तो बंद हो चुके हैं अथवा अधिकृत हो चुके हैं.

इस वेबस्थल का मुख्य उद्धेश्य है...,
यह वेबस्थल जो दिखता है वह लिखता है.., जागो इंडियाके अफीमी नारों से देश बेचनेवालों से निदान करने का एक और एक ही संकल्प से कहना चाहता है ...


Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold..... (आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खादसे भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं}

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