Wednesday 26 February 2014



डूबते देश की कहानी...., वंशवाद और माफियावाद की खाद से, खा गई स्विस बैंक..., हमारी हरियाली का राष्ट्रवाद... से अब बनी आबाद www.merdeshdoooba.com 
हमारे संविधान के बंद कर दिए कान...
काले मन वाले बने उजियाले तन...
लुच्चे टुच्चे , उच्चके बने संविधान की शान
वोट बैंक की दीक्षा की महिमा से 
जाते-जाते अपने कर्मों से.. जनता के ताबूत
हर गल्ली मुह्ह्ल्ले में पुतले बनाकर... अब निकले साबूत
गरीबी हटाओं , आराम हराम है, मेरा भारत महान
माफियाओं के मन की मुस्कान बनी “भारत निर्माण” से एक नयी जान
जनता लहूलुहान
योजनाओं को भोजनाएं बनाकर कर रहें बखान
आ कर दंश देने वाले “आदर्श नेताओं” की अब बन गई “गर्व की पहचान”

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