Monday 1 July 2019

दोस्तों.., (प्रदेश, देश के भेद की बात जनता के साथ , मुंबई महाराष्ट्र व दिल्ली की डबल इंजन की सरकार से स्वच्छ मुंबई की योजना पर पानी फिरा व प्रदेश भ्रष्टाचार से फिर गिरा/ डूबा, भ्रष्टाचार के जाल में जनता फंसी व मकड़ी नेताओं द्वारा शोषण से मौत तक का खेल बदस्तूर जारी है नगरपालिका अस्पताल गन्दगी से व स्कूल बदहाल है )प्रदेश के साथ, यह देश को डूबोनें की बड़ी मार्मिक तस्वीर.., देश का २५% टैक्स बम्बई/मुंबई से केंद्र सरकार को जाता है व मुंबई नगरपालिका का सालाना बजट ३२ हजार करोड़ का है , जो की विश्व में छोटे देशों की आय के बराबर है



दोस्तों.., (प्रदेश, देश के भेद की बात जनता के साथ , मुंबई महाराष्ट्र व दिल्ली की डबल इंजन की सरकार से स्वच्छ मुंबई की योजना पर पानी फिरा व प्रदेश भ्रष्टाचार से फिर गिरा/ डूबा, भ्रष्टाचार के जाल में जनता फंसी व मकड़ी नेताओं द्वारा शोषण से मौत तक का खेल बदस्तूर जारी है नगरपालिका अस्पताल गन्दगी से व स्कूल बदहाल है )



१. प्रदेश के साथ, यह देश को डूबोनें की बड़ी मार्मिक तस्वीर.., देश का २५% टैक्स बम्बई/म
ुंबई से केंद्र सरकार को जाता है व मुंबई नगरपालिका का सालाना बजट ३२ हजार करोड़ का है , जो की विश्व में छोटे देशों की आय के बराबर है

२. देश के नगरपालिका के पार्षद यदि पारदर्शीता से काम करें तो जनता के टैक्स का के पैसे से देश स्वर्णीम बन सकता हैं, लेकिन बिंडवना यह है की गली के गुंडे यही से पैदा हो कर अगली सीढ़ी में विधानसभा से लोकसभा तक में इनके भ्रष्टाचार से, रक्तरंजीत चरित्र से, राष्ट्र लहूलुहान है..., इतने घोटालों, अपराधिक छवि के खूंखार गुंडों से लोकसभा में पहुँचने के बाद जजों के हाथ कांपने लगते है व वे निर्णय देने में उनकी ऊंगली को लकवा पड़ जाता है क्योंकि वे अपनी जिन्दगी में इन गुंडों का खौफ से अपने सरकारी नौकरी में उन्नत्ती में अड़चन से बचे रहें व सेवा निर्वृति में उपहार में मिले धन व मकानों से अपने जीवन में बहार लायें

३. कई दशकों से मुंबई में कीर्तिमान रहा है की मानसून के पहिले नालों की सफाई के नाम से घोटालेबाज, दलालों व महानगर पालिका के अधिकारिओ ने अपने हाथ की सफाई कर ९५% काम पूरा करने का कागजी दावा किया है और छाती ठोक कर डिजास्टर /आपदा विभाग व पानी निकासी के पम्पों से मुंबई में जलभराव से निपटने की तैय्यारी का स्वांग रचते आ रहें हैं .., अब भी जनता अचेत है...!!!!, दोस्तों यह तैय्यारी नहीं घोटालेबाज, दलालों व महानगर पालिका के अधिकारिओं की यारी है

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४ . महाराष्ट्र ही नहीं देश के घोटालेबाजों नेता माफियाओं के नंगेपने के चित्र दिखने पर वे जनता को खुलेआम कहतें हैं कि यह उनपर बदले की कार्यवाही है..,और छाती ठोककर कहतें हैं कि अपने को निर्दोष साबित करेंगें..., हर पार्टी, दूसरी दूसरी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर, कानून से देश के समय की बर्बादी कर जनता के टैक्स का पैसा बर्बाद कर रही है.., और कानून के रक्षकों की लुंज पुंज व मिली भगत नीती से, वे १०-१५ सालों में निर्दोर्ष साबित हो जातें हैं...

५ . २६ जुलाई २००५, इसी तरह के बाढ़ के विकराल रूप से, मुम्बई में १ हजार से ज्यादा मौतों व सरकार की कुम्भकरणी नीद से मुम्बई को १० हजार करोड़ का नुकसान होने के बावजूद आज तक/अभी भी प्रशासन भ्रष्टाचार में लिप्त है...

६.. सत्ताखोरों के लिए देश में,बाढ़ और सूखा.., भ्रष्टाचार की योजनाओं की सौगात ले आता है.

७ . आज सरकार के चपरासी से सुप्रीमों व धनाड्य वर्गों को भी अति- आत्मविश्वास हो चुका हैं कि अग्रेजों के गुलाम काल का संविधान सत्ता के चटखोरों की रक्षा के लिए ही लिए ही बना है..,

८ . देश का चपरासी जो अधिकारी का द्वारपाल होता है..., वह भी चप-चप कर करोड़ों की राशी जमा कर रहा है.., तो अधिकारी तो मन- मौजी जीवन से अकूत दौलत की मिल्कीयत बना लेता है..

९ . मुम्बई व देश में २० रूपये पानी की बोतल, लेकिन, गरीबी से जीवन यापन करने वालों को दस रूपये की हाथ भट्टी की शराब , जिसमे ५ रूपये से अधिक की सत्ताशाही की दलाली से फ़िलहाल ५५ लोगों ने जान गंवाई है..., यह आकड़ा अब 100 से कही ज्यादा हो गया है ..,

१० . कहते हैं एक की मौत पर समाज से करोड़ों लोग आंसूं बहाते हैं .., लेकिन, एक गरीब,जो अपने आय के सीमित होने से यह सस्ती शराब पीकर,व अन्य कारणों से मरने वालों के मौत पर कोई आसूं बहाने वाला नहीं होता,उसका जीते जी जीवन कीड़े मकोड़े की तरह होता.., पेट भरने के लिए, वह अपराध में धकेल देने पर, कोड़े के दंड के साथ,कोई सुनवाई न होने से वर्षों तक वह जेल में सड़ते रहता है.

११ . बता दें.., इस शराब की हाथ भट्टी के बारे में, स्थानीय निवासियों ने , पुलिस प्रशासन से, शिकायत करने के बावजूद.., माफियाओं की मिलीभगत से,पुलिस एक मोटी कमाई का जरिया बनाकर रिश्वत से मौज मना रही थी.

१२. इन पुलिसकर्मीयो पर ह्त्या का मुकदमा दर्ज करने के बजाय, सरकारी विभाग के अधिकारी SUSPEND होकर, कुछ महीने बाद ये पुन: सरकारी पैंट पहनकर अपने पद पर आसीन होकर देश के आस्तीन का सांप बन रहें है..,

१३ . भ्रष्टाचार से तबादला होने की सरकार की तबेले की चाल से,दूसरे तबेले के अधिकारी आकर वही खेल खेलकर तीसरे तबेले में जाकर .., भ्रष्टाचार के तबले बजाकर..,जनता में हाहाकार मचा रहें हैं.

१४ . दोस्तों.., १९४७ से आज तक के भ्रष्टाचारियों द्वारा जो रकम वसूली गयी वह उनके खाने के अनुपात से उनके दांतों में फंसे भोजन के बराबर भी नहीं है...

१५ . प्रधानमंत्री आज योग के मंत्र से देश व विश्व को गर्वीत कर रहें हैं लेकिन उनके व अन्य पार्टी के चटखोरे तो रोज भ्रष्टाचार के योग (+) से देश का धन डकारकर, क़ानून को ढेंगा दिखाकर अबाध गति से उन्नत जीवन जीकर, देश को खोखला कर..., यूं कहें देशवासी की ऊर्जा को पस्त कर , देश को कर्ज से इतने गहरे डुबोते जा रहें हैं ताकि देश की जनता अवसाद से अपना देश प्रेम खो दे...,

१६ . आज किसी भी पार्टी से आस न करे.., जब तक देशवासियों में राष्ट्रवाद का बल नहीं जागेगा.., तब तक देश में सत्ताखोरों-माफिया-नौकरशाही के गठ जोड़ से देशवासी जकड़ते ही रहेगा और देश में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो जायेंगी की इसे उखाड़ना भी मुश्किल हो जायेगा ... आओं संकल्प लें...,
महाकुंभ की महान-डायरी. 
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Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. ============================ 
मुम्बई की देश को डूबोनीं वाली, दो मार्मिक खबरें... 
शराब ने समुन्द्र से ज्यादा लोगों को डूबोया है.., महाराष्ट्र के सत्ताखोरों ने शराब को सड़ाकर सत्ता के खवाब से किसानों के साथ गरीबों को योजनाएं, भोजनाएं बनाकर देश को डूबाने के उत्प्रेक का काम किया है.


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