जानें
सच्चाई .., वीर सावरकर के माफीनामा के
दुष्प्रचार से ढोल पीटने वाले कांग्रेसिओं के पेट में आज तक दर्द हो रहा है.., आज
तक उन्हें देशद्रोहियों की प्रथम कतार में रखकर देश में कलंकित इतिहास पढ़ाकर
वंशवाद की बेल को महामंडित कर लूट में
खुली छूट से देश को डूबोने का खेल खेला गया है.
१.
वीर सावरकर को ५० साल की दो जन्मों की कैद.., और जेल में भयंकर कष्ट
व प्रताड़ना.., इससे मुक्ती पाने के लिए उनके पास शिवाजी की तरह सेना नहीं थी ...,
११ वर्षों के काला पानी जेल के कारावास में.., फ़्रांस के समुन्दर ने तो उन्हें
सलाम किया.., वही अंडमान जेल ने भी उनके फौलादी जिगर का लोहा माना
२.
अपने सिध्हान्तों से न डगने वाले वीर सावरकर ने जेल में क्रांती कर
जेलर से लेकर वार्डनों के अत्याचार से अंडमान में हिन्दू कैदियों को मुस्लिम धर्म में
परिवर्तन से सजा में ढील देने का खुलासा कर व अंडमान में कैदियों की बीमारी से
मृत्यू व जेल के मापदंड से अधिक दंड की गूँज इंग्लॅण्ड की संसद से विश्व में तहलका
मचने के खौफ से विश्व में क्रांतीकारियों में एक लहर न बन जायें इस भय के साथ वीर
सावरकर के साथ मुफ्तनामा के आड़ में अंडमान जेल से देश के यरवदा येरवडा, रत्नागिरी
व नाशिक जेलों में स्थान्तरित करना पड़ा.
यदि यह माफीनामा होता तो वीर सावरकर इन जेलों में कैद नहीं होते.., यदि यह शर्त
नामा होता तो घर में नजरबन्द होते..
३.
इस मुफ्तनामा की खबर ने कांग्रेसियों में खौफ पैदा कर दिया था जो
अंग्रेजों के “सेफ्टी वाल्व” थे उन्होंने इंग्लॅण्ड से गुहार लगाई कि यह कैदी खूंखार
है , और हिन्दुस्तान में तुम्हारी सलतनत के साथ कांग्रेस का भी सूपड़ा साफ़ करेगा.
४.
याद रहें .., इंग्लॅण्ड में रहते हुए.., हिन्दुस्तान के “१८५७ के गौरवशाली
क्रांतीकारी इतिहास” का अध्ययन करते हुए वीर
सावरकर ने सप्रमाण सहित कहा था “हूयम” द्वारा
गठित हिन्दुस्तान में “कांग्रेस” देश के काले अंगरेजी बाबुओं की टोलियों के संगठन
से देश को गुलामी से जकड़ने वाली संस्था है.
५.
याद रहे., रत्नागिरी जेल में रहते हुए जब गांधी भी एक आन्दोलन में
रत्नागिरी जेल में रहे तो वीर सावरकर ने कांग्रेसियों द्वारा गांधी से मुलाक़ात की
मांग ठुकरा कर कहा कि मेरी शर्त है, यदि
जातिवाद व मुस्लिम तुष्टीकरण का धर्म गांधी छोड़ दे तो ही मैं गांधी से मिलूंगा.
६.
वीर सावरकर वीर, परमवीर ही
थे.., उन्हें छात्रवृति देने वाले श्यामजी वर्मा व इंडिया हाउस के संस्थापक ने वीर
सावरकर को चेताया था “तुम दुबारा इंग्लॅण्ड मत जाओ .., गिरफ्तार कर लिए जाओगे..”
इसके प्रत्यूत्तर में वीर सावरकर ने कहा “मेरा ब्रिटिश साम्राज्य से लड़ने का धेय्य
अन्वरित जारी रहेगा, इंडिया हाउस के मेरे मित्रों व विश्व के क्रांतीकारियों को यह
न लगे की मैं भीरू व कायरों की श्रेणी में हूँ.., छुपकर क्रांती का खेल मेरे खून
में नहीं है .”
विशुद्ध
रूप से वीर सावरकर की प्रवाष्ठियों का फेस बुक पेज
https://www.facebook.com/Veer-Paramveer-Savarkar-Shining-S…/
साभार
https://www.facebook.com/Veer-Paramveer-Savarkar-Shining-S…/
साभार
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