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हिंदुत्व ही बंधुत्व है, पूरा विश्व ही हिन्दू का तत्व है...,
वासुधैव कुटुम्बकम के इस धागे में, धर्म परिवर्तन,जातिवाद,भाषावाद,अ
विश्व चाहता है कि कैसे हम इन हिंदुस्थानी धागों को तोड़कर , टूटे धागों की गाँठ बांधकर, हम नए गुलामों की जमात बनाकर..., एक मजबूत रस्सी से बाँध कर रखें...,
हिंदुत्व तो ..., मातृत्व-माता (वन्देमातरम),/ पितृत्व-पिता (राष्ट्रवाद),/
हम प्रतिज्ञा ले.. इस राष्ट्रवादी धागे को और मजबूत बनाएं...
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