Thursday 17 September 2020

इस धुओं को साफ़ करने का फर्ज , अब जनता को देश का कर्ज चुकाने का सुनहरा अवसर है , एकजुट मिलकर , देश को अग्रसर करने का स्वरिम अवसर है DRUG , DRAGS NATION नशा देश को पीछे धकेलता है.., शराब व अन्य नशे ने समुन्दर से ज्यादा लोगों को डुबाया है.., देश को डुबाया है इस गोरख धंधे को जिस देश की पुलिस ,सत्ताखोरों न्यायसाही ने खुली प्रश्रय दिया है वह देश आज भी भीखमंगों की कतार में अग्रणी है हिंदुस्तान जैसे देश में यह आज वोट बैंक से ज्यादा मजबूत अस्त्र है , भले देश का युवा अपनी कर्मण्यता खोकर त्रस्त है लेकिन यह खेल नारों में अफीमी घोल का 73 सालों से एक कारगर हत्यार है देश के सत्ताखोरों ने लोकतन्त्र की आड़ में लूट तंत्र का खेल खेलने का इसे आज भी सुनहरा अवसर ही माना ,

 



जरूर पढें/ यह कॉपी पेस्ट वाला TEXT का TASTE नहीं, इस पोस्ट को पढ़ने में राष्ट्रवाद का नशा है , इसमें कोई टैक्स या GST नहीं है.., लेकिन इसका अनुसरण से देश को ऊँचाई को छूने  की मंत्र है , देश का कड़वा सच है / सरकारों को संकल्प लेने “शपथ पत्र है” व देश अपने आप कर्मपथ से  अग्रसित रह चंद दिनों में विश्व गुरु  बनेगा..!!!!!!,




आश्चर्य नही सच है , क्या अब भी डर से शुतुरमुर्ग की तरह आपकी आँखे बंद है कि  मैं अकेला क्या कर सकता  हूँ..!!!!!, यह माफियातंत्र मुझे घुटन से मार डालेगा.., सर उठाओ  अब तो अपनी आँखे खोलों..,



तुरमुर्ग की तरह आपकी आँखे बंद है कि  मैं अकेला क्या कर सकता  हूँ..!!!!!, यह माफियातंत्र मुझे घुटन से मार डालेगा.., सर उठाओ  अब तो अपनी आँखे खोलों..,





 

७३ सालों से.., भ्रष्टाचार भुखमरी सत्ता शराब अफीम के धुओं से देश का सूरज काले बादलों से छुपा है देश गमगीन है , देश का माफिया वर्ग रंगीन से रंगीला होकर  किसानो जवानों का पसीना पीकर वह देश का नगीना नहीं..,नाग नागिन है



इस धुओं को साफ़ करने का फर्ज , अब जनता को देश का कर्ज चुकाने का सुनहरा अवसर है , एकजुट  मिलकर , देश को अग्रसर  करने का स्वरिम अवसर  है 

 DRUG , DRAGS NATION नशा देश को पीछे धकेलता है.., शराब व अन्य  नशे ने समुन्दर से ज्यादा लोगों को डुबाया है.., देश को डुबाया है




इस गोरख धंधे को जिस देश की पुलिस ,सत्ताखोरों न्यायसाही ने खुली   प्रश्रय  दिया है वह देश आज भी भीखमंगों की कतार में  अग्रणी है


हिंदुस्तान जैसे देश में यह आज वोट  बैंक से ज्यादा मजबूत अस्त्र है , भले देश का युवा अपनी कर्मण्यता खोकर त्रस्त है लेकिन यह खेल नारों में अफीमी घोल का 73 सालों से एक कारगर हत्यार  है


देश के सत्ताखोरों ने लोकतन्त्र की आड़ में लूट तंत्र  का खेल खेलने का इसे आज भी सुनहरा अवसर ही माना , 




और हर अगले 5 सालों तक प्रदेश से देश के सत्ताखोरों / राज्य से केंद्र सरकारों  ने इसे अपनी कुर्सी पर खूटा बंधा समजकर अपनी कुर्सी  को धरती पड़कर मानकर , देश को कुरूप बना के इस  खेल में एक तरह से कुरूपता का  कुरूक्षेत्र की  रणभूमि  बनाकर हर साल लाखों लोगों की बलि के बावजूद से आज तक देश में  खलबली  नहीं  मची है क्योंकि देश की इस कुरूपता में महाबाहुबली के दमखंभ का  खेल है  देश को लूटने का खेल बदस्तूर जारी है..,


कोरोना से GDP का  पी.., पी.., पी.. का रोना गाकर देश की जनता को घबराया जा रहा है, सही विश्लेषण यही है की देश की प्रगती को इस ड्रग से देश के युवाओं की  ऊंची उड़ान की हरियाली फसल को  जलाकर इसे  अफीमी धुओं में परिवर्तित कर से युवाओं की आँख बंद करा के जनता ‘को – रोना “ आ रहा है, 


क्या.., यदि.., देश की  सभी सरकारें एकजुट होकर देश के नौकरशाही ईमानदारी पूर्वक संकल्प लेकि  वे सकारी वेतन के अलावा किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का छलावा से अपनी तोंद बढ़ने नहीं देंगे..,

 

पहिले मेरा देश.., “मैंने देश को क्या दिया’  का नारा  तभी सार्थक होगा..,  जब  “मैंने रिश्वत नहीं लिया” व  “अपने फर्ज में कामचोरी नहीं की”.अर्थात देश सुनहरे भविष्य की ओर, एक नीले गगन के तले , जंहा  किसी का दिल नहीं जले, जहां गम न हो प्यार ही प्यार पलें..

दोस्तों लिखने की सीमा तो अनंत है .., लेकिन आज के कंप्यूटर युग पढ़ने वाले गिने चुने ही हैं ..  

साभार :  www.meradeshdoooba.com


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