Friday 11 January 2019

चाय पर चर्चा के दौरान अपने घर में लालबहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार से कहा , न तो मैं जवान दीखता हूँ , न ही किसान .., अब हमने अपने शत्रु पकिस्तान को अपने जवानों व किसानों के जज्बें से हराया..., मनोज जी आप ऐसे फिल्म बनाओ कि राष्ट्रवाद का उफान जनता में बढ़ता रहे ताकि हमारी ताकत से कोई बुरी नजर न रखे .


चाय पर चर्चा के दौरान अपने घर में लालबहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार से कहा , न तो मैं जवान दीखता हूँ , न ही किसान .., अब हमने अपने शत्रु पकिस्तान को अपने जवानों व किसानों के जज्बें से हराया..., मनोज जी आप ऐसे फिल्म बनाओ कि राष्ट्रवाद का उफान जनता में बढ़ता रहे ताकि हमारी ताकत से कोई बुरी नजर न रखे .


इसके पश्चात...,  दिल्ली से मुंबई की २४ घंटे की पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन यात्रा के दौरान मनोज कुमार ने इस फिल्म “उपकार” के पुरे संवाद लिख लिए .


और  इस फिल्म को रिलीज़ के पहिले, व  लाल बहादुर शास्त्री की देशी – विदेशी माफियाओं द्वारा ह्त्या के बाद अश्रु पूर्ण श्रधान्जली देते हुए कहा “जिस प्रधानमन्त्री के लिए मैंने यह फिल्म बनायी वह बन्दा इसे देख नहीं पाया व मेरा यह सपना अधूरा रह गया”

ललिता शास्त्री भी लालबहादुर शास्त्री के मृत नीले शरीर को देखकर, जहर की आशंका के पुख्ता सबूत के लिए  शव विच्छेदन की मांग करती रही जिसे राजनेताओं ने ख़ारिज कर दिया

साभार :
www.meradeshdoooba.com (a mirror of india) स्थापना २६ दिसम्बर २०११ इस लिंक पर click कर   
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