१. MERIT बनी..,
देश की
“मरी हुई ईट ..”, ५०% आरक्षण के तले कुचल कर.., व देश में व्यापम के
व्यापकता के व्यायाम के नए आयाम से वह
पिसल कर, अपने लाल रंग से लहुलूहान
है ..,
२. कहाँ.., इन
ईंटों को देश की नींव बनकर एक ऊंची गगनचुम्बी इमारत से राष्ट्र की शान बनती..,सनातन धर्म के वैदिक विज्ञान की शिक्षा के
अनुसरण से देश हजारों साल आगे होता..
३. राख तले चिंगारी
के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है.
४. सत्ता परिवर्तन के बाद ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की
औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ
अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी
भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और
आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया
है.
५. दोस्तों.., सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक
धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के प्रकार के हजारों प्रकार के घोटालों
से 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष
१०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य बनाने
विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं.
६. गरीबों
की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से मरहूम हो जाते हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा
डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर रहा है.
७. अभी,
हाल ही में दिल्ली के नर्सरी स्कूलों में अपने बच्चों का प्रवेश पाने के लिए ५०० से अधिक अमीर बापों ने,
शिक्षा के माफियाओं को ५ लाख रूपये की
रिश्वत देकर अपने को गरीब बताकर , २५%गरीबों बच्चों का हक़ छीन लिया.वही हाल देश के
नीजी अस्पतालों में गरीबों के मुफ्त ईलाज
के २५% कोटे से, अमीरों का ईलाज कर मालामाल हो गए हैं .
८. ६९ सालों में शिक्षा के अधिकार की योजनाएं , भोजनाएं ही
बनी है.., फर्जी छात्रों के नाम “मिड डे मिल” के नाम से गरीबों छात्रों को मौत के
दरवाजे से व घोटालों से निवाला छीना जा रहा है..,
९. व्यापम घोटालो के बीज तो कांग्रेस राज में ही पड़ गए थे
लेकिन मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान
के राज में इसे लगातार खाद-पानी मिलकर माफिया-नौकरशाही-जजशाही इस वृक्ष के फल को
खा रही थी .., एक आर.टी .आई कार्यकर्ता के जूनून से इस घोटाले का पर्दाफास होने के
पहिले उसे चुनौती मिली थी कि इस सिस्टम के पुरे कुँए में भांग भरी पडी है.., इसे
कुरेदने से बेहतर है कि तुम भी रिश्वत
देकर इसका मजा चख लो...
१०.
१९४७ से आज तक
देश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों कोलेजों से पढ़कर, साकार द्वारा भारी निधी खर्च के बावजूद
एक लाख से अधिक डॉक्टर विदेशों में
पलायन कर, अनुसन्धान से विश्व के देशों को
स्वस्थ कर रहें हैं , वहीं , हमारे इस भ्रष्ट सिस्टम से देश बीमारू पड़
गया है .
११.
सलाम
करे.., शिवकुमार पाठक को जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शिक्षा में सुधार
की मांग में , जज ने आदेश दिया कि नेताओं,अफसरों व जजों को अपने बच्चों को सरकारी
स्कूल में पढ़ने के आदेश दिया है..,
१२.
यह
मामला सुप्रीम कोर्ट में अटकने के पहिले.., यदि मोदी सरकार यह बिल लोकसभा में पास
करवाएं तो सरकारी स्कूलों की शिक्षा में नई क्रांती के बयार से देश का तिरंगा अबाध गति से
लहलहाराते हुए एक नए जज्बे का गर्वीत “भारत का निर्माण” से “अच्छे दिनों” गरीब “FEEL
GOOD FACTOR” के इंडिया शाईनिंग से विश्व
गुरू बनेगा
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