सत्ता बनी देश की अर्थी.., धन्य हो कैलाश (शर्मा
) सत्यार्थी.., आज के 80 हजार से अधिक गरीबों की जीती उमंग को कल की अर्थी
के ताबूत बनने से पहिले.., आपने साबूत से इन्हें देश के सपूत बनाकर..,एक मशाल जलाई .., ऐक ऐसे
शिक्षा के वृक्ष के तले, जिसकी छाँव में, हर गरीब, बिना “आरक्षण” जाति धर्म के भेदभाव से पले फूले..
मलाला.., तुमने तो आतंकवादियों को मसल
डाला .., एक लडकी जो खोल दे ... इस्लामिक जगत के कट्टर पंथियो की आँखो की पट्टी
... जब हो अन्याय से लडने का जज्बा , तब गोली भी सलाम करती
है... जय..जय.. मलाला.... तुम्ही ... तुम तो हो..... लडकियो की ममता की माला हो
... एक मिसाल , बेमिसाल,, कभी न बुझने
वाली मसाल हो.. सभी बखान फीके है....
शिक्षा, ज्ञान है... आँखो के साथ, देश की भी शान है...
शिक्षा, ज्ञान है... आँखो के साथ, देश की भी शान है...
१. दोस्तों..,
सीमा पार दुश्मनों की ललकार, देश में आरक्षण की तलवार, से अब सेना, सीमा से हटकर,
देश के भीतरी दुश्मनों से लड़ने को मजबूर
है.., अब लोक सभा बनी हुडदंगी लोगों की भ्रष्टाचार की गंगा , जातिवाद भाषावाद, व अफीमी नारों से बेहोश हिन्दुस्तानी
अभी भी भूखा नंगा ..
२. वोट
बैंक की बयार है.., आम हिन्दुस्तानीयों के मुद्दे गायब हैं.., सत्ताखोरों के पेट्रोल के
PET – ROLE से महंगाई के DISEL से आम आदमी
का दिल जल रहा है.., प्याज से, गरीबों के आंसू से, माफिया अपनी प्यास बुझा रहा है ..
३. इस आरक्षण के लौ में देश की प्रतिभावान पतंगे
की मौत से, सत्ताखोरों के जीवन एक नयी बयार
की पतंगों में ऊंची उड़ान से बहार
है ..,
४. राख तले
चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है. विदेशी
रूपये पर ६७ हथौड़ा मारकर देशवासियों को लहूलुहान कर रहा है
५. गरीबों
की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से
शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से मरहूम हो जाते
हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा
डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर रहा है.
६. ६९
सालों में शिक्षा के अधिकार की योजनाएं ,
भोजनाएं ही बनी है.., फर्जी छात्रों के नाम “मिड डे मिल” के नाम से गरीबों छात्रों को मौत के
दरवाजे से व घोटालों से निवाला छीना जा रहा है.
७. दोस्तों.., सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक धंधा है ..,५०% आरक्षण से
देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के प्रकार के हजारों
प्रकार के घोटालों से 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य
छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०%
प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का
भविष्य बनाने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व
को गौरान्वीत कर रहें हैं.
८. गरीबों
की प्रतिभा को निखारने के लिए, उनके पास अमानत को गिरवी न होने से, बैंकों से
शिक्षा का कर्ज न मिलने से, वे उच्च शिक्षा से मरहूम हो जाते
हैं , वही धनाड्य वर्ग, धन बल से कछुवा
डिग्रीयों से गरीबों के दिमाग की कुर्की कर रहा है.
१० यह शिक्षा का विकास नही...???, इसमें प्रतिभा के भक्षकों का
वास है , आरक्षण से
राष्ट्र का भक्षण हो रहा है, कंहा गई... गुरुकुल की परंपरा,
जब गुरु की शिक्षा से, विधार्थी के कुल परिवार
का उद्धार होता था ...??? , आज का शिक्षण, घर बार बेचकर , बेरोजगारी से एक उधार करण की नीति
है....
११ आज शिक्षा व्यवस्था मे सुपर 30 वाले गुरु कहां गायब हो गए
है...????, बिहार के आनन्द कुमार, जो
दिन मे पढ़ते थे, और घर चलाने के लिए, शाम
को माँ के बनाए पापड़ बेचते थे... यह राजनेताओ को
एक झापड़ /थप्पड़ है और सिद्ध कर दिया कि, दलित के नाम पर वोट
बैक के नाम पर दल-हित से ज्यादा नेताओ का स्वहित ज्यादा है ... आनन्द कुमार,
जिन्होने ने हर धर्म जाती की प्रत्तिभा को निखार कर दुनिया मे हलचल
कर दी है, आज जापान जैसा देश उनके पढ़ाने की कला से प्रभावित
हो कर, एक पुस्तक प्रकाशित कर , उनका
अनुसरण कर रहा है, आनंद ने कहा है आज के छात्र , शिक्षा को खरीद कर, पैसे की चमक मे..., मृगतृष्णा की तरह भाग रहे है... आज 1000 छात्रो मे 5
छात्र ही शिक्षक बनते है. , जिसके वजह से
अकुशल शिक्षकों के, आधा अधूरा ज्ञान से , बैलगाड़ी की तरह, देश की प्रतिभा चल रही है।
और ऊपर से आरक्षण का तड़का , इस झांसे मे देश भटका ...
और ऊपर से आरक्षण का तड़का , इस झांसे मे देश भटका ...
१२ याद रहे संविधान
मे पहली बार दलित व पिछड़े जाती को 22.5% आरक्षण... 10 सालो के लिए उपलब्ध कराया गया था , बाद मे 33%
और आज तो इसे दल-हित (दलित) मानकर , और आज यह 49%
तक पहूंच गया है, यह तो सुप्रीम कोर्ट का
अहसान माने कि उन्होने धर्मो के नाम पर आरक्षण को खारिज कर दिया है , नही तो आज, यह 100% आरक्षण भी
कम होता , देश मे आरक्षण के नाम पर हजारों नये विद्धालाय,
महाविद्धालय बनाने पड़ते, दोस्तों...???
यह वोट बैंक के असुरों का, यह राष्ट्र का
भक्षण है.
१३ आनन्द, आज, आप... और... केवल आप ही ... देश के पतिभाओ के
लिए एक सुपर आनन्द हो .... आनन्द कुमार की प्रसिद्धि सुपर-३० की अद्वितीय सफलता के
लिए है। वर्ष २००९ में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने
सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी।
इसी वर्ष नेशनल जियोग्राफिक चैनल द्वारा भी आनंद कुमार के सुपर ३० का सफल संचालन
एवं नेतृत्व पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी। समाज के गरीब तबके के बच्चों को
आईआईटी जेईई की प्रवेश परीक्षा के लिए मुफ्त तैयारी कराने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार
को प्रसिद्ध यूरोपीय पत्रिका फोकस ने असाधारण लोगों की सूची में शुमार किया है।
पत्रिका के आलेख में लिजा दे क्यूकेलियर ने लिखा है कि आनंद असली जुझारू नायक की
तरह हैं, जो माफिया की धमकी के बावजूद गरीब बच्चों को ज्ञान
दे रहे हैं। उन्होंने 330 बच्चों को अपने मार्गदर्शन में
आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाई है। लोकप्रिय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इतिहास, स्वास्थ्य
और सामाजिक विषयों पर रोचक और ज्ञानवर्धक आलेख प्रकाशित करने वाली इतालवी पत्रिका
ने अपने एक लेख में आनंद को असाधारण प्रतिभाओं में शुमार किया है.
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