Wednesday 29 July 2015

कलाम का सन्देश कि पिछली बेंच (गरीब) का छात्र भी पंखों की जान से ऊंची उड़ान भर सकता है...कलाम, तुम्हें १२५ देशवासियों के तोपी रूपी आँखों के आंसू से सलाम..,


कलाम, तुम्हें १२५ करोड़  देशवासियों के तोपी रूपी आँखों  के आंसू से सलाम..,


आपके  जीवन ने दी “सादगी की बानगी” से कैसे शीर्ष में पहुंचा  जाता है..., आपकी शिखरता से हिमालय भी आपको प्रणाम कर रहा है.., भारतमाता को “सत्ता परिवर्तन” के बाद लाल बहादुर शास्त्री, वीर सावरकर व आप जैसे कोहिनूरी रत्न से आज भारतमाता के चेहरे में मुस्कान से मुकुट में आज एक तीसरा हीरा जड़ित होकर भव्य होकर गर्वित हुई है.


“कलाम” आपको आख़री सलाम...देश आपके विचारों से रहेगा सलामत ..,


“कलाम...”...,  आपने सम्भाली राष्ट्रवाद की कमान, देश को बनाया बलवान ....,


देश के राख तले चिंगारी की चमक को भारत रत्न की चमक  से देशवासियों को दिया सन्देश कि पिछली बेंच (गरीब) का छात्र भी पंखों की जान से ऊंची उड़ान भर सकता है...



दोस्तों देश की मार्मिक स्तिथी है.., आरक्षण.., धन-बल व व्यापम घोटालों के भ्रष्टाचार से, शिक्षा की वेश्यावृती से गरीबों की शिक्षा की योजनाओं को भोजनाएं  से धन डकार, उनके पंख कतर कर उन्हें भूखमरी की कतार में खडा कर दिया जाता है....



शिक्षा मानव का ऐसा अस्त्र है कि अंधा पुरूष भी देखने लगता है..,देश की अंधियारी गली की डूबते देश के ६८ सालों की “सत्ता परिवर्तन” से “आजादी” के नाम से विशेष वर्ग के चंद  लोगों के हाथ “कर लो देश को मुठ्ठी में” से   भ्रष्टाचार,जातिवाद,अलगाववाद धर्मवाद  की आग की  राख़ से अपने महलों के बर्तन घिसकर चमकाओ ...,   और दबा तो इन चिंगारियों को, इन  राख़ से  .... महामहिम कलाम की आवाज  इस दीवार को तोड़ने का प्रयास, अपनी अंतिम सांस तक करते रहे..., एक महापुरूष.., महाप्रयाण चला गया ...

उड़नखटोले का यह गीत कलाम की राष्ट्रवादी विचार, संस्कार की कलम को समर्पित ...


A sweet song by Lata Mangeshkar composed by Naushad for the film Udan Khatola. This was a film produced by Naushad himself. This is from 1955 and Lata's voice is nearly at its best. The film had an unusal story - about a remote city ruled by women. The film had Naushad's favorite star - Dilip Kumar in the lead role along with Nimmi. Lyrics are by Shakeel Badayuni.
अहाहहा अहा ह हा हा
अहा ह हा ह हा मेरा सलाम ले जा
मेरा सलाम ले जा, दिल का पयाम ले जा, उल्फ़त का जाम ले जा
(उड़न खटोले वाले आ रे)-२
को: मेरा सलाम ले जा, दिल का पयाम ले जा, उल्फ़त का जाम ले जा
(उड़न खटोले वाले आ रे)-२

ल ल ल ला ल ला ला ल हो~

ल ल ल ला ल ला ला ल हो~
ल: उड़ता हवाओं में, बादल के छाँव में, कौन से गाँव में जायेगा तू
उड़ता हवाओं में, बादल के छाँव में, कौन से गाँव में जायेगा तू
ल: नीचे ज़मीन है, दुनिया हसीन है, दिल को यकीन है आयेगा तू
नीचे ज़मीन है, दुनिया हसीन है, दिल को यकीन है आयेगा तू
होय, मेरा सलाम ले जा, दिल का पयाम ले जा, उल्फ़त का जाम ले जा
(उड़न खटोले वाले आ रे)-२
उल्फ़त का मतलब इक़रार नहीँ होता । सिर्फ किसी को देखना प्यार नहीँ होता । यूँ तो मिलते हैँ जिन्दगी मे कई पैग़ाम- ए- मुहब्बत , मोहब्बत है...

कलाम के कहने का सार है..,
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से, “FEEL GOOD FACTOR” से देश के अच्छे दिन आयेंगें..

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