देखू: दिल्ली में
खाप पार्टी का अमेठी में दिल देने का तमाशा व नौटंकीवाल का अब एक नए सुभाषचन्द्र
बोस वाल बनकर नवीनतम नारे से अपने पार्टी के दिग्गजों को किनारे लगा रहे हैं...
बोलू: हां खाप पार्टी
के दो छुछुंदर, एक गांधी बनकर “ब्रह्मचर्य
के प्रयोग” व दूसरा पार्टी कार्यकर्ताओं का खून पी कर, “सत्य के प्रयोग” से
सत्ता का दुरूपयोग कर रहा है.., नौकर-चाकर-गाड़ी –बंगला
लेकर व्यवस्था परिवर्तन के नारे से अपने व खाप के ६७ सदस्यों को व्यय –की नई
अवस्था से मालामाल कर, आम जनता के दर्द , व अपनी ही पार्टी की AAM महिलाओं के शोषण का अब उसे कोई मलाल नहीं है...
सुनू: हां. नौटंकीवाल
अब खुजलीवाल बनकर, अपने वरिष्ठ व FOUNDER कार्यकर्ताओं को, FOUND – HER /HIM को
चुन-चुन कर अब एक नया नारा दिया है “तुमने
मुझे खून दिया है.., अब मैं.., तुम्हे बर्बादी दूंगा”
बोलू: अन्नाजी के आन्दोलन में, अपने को “अन्ना का दांया हाथ” कहकर.., विश्वास से कविता गाकर.., एक कुमार,
नौटंकीवाल से कुंवारे अन्ना को फांसने के खेल, से अपने को “गांधी ,सुभाष” से संवारने का खेल, खेल रहें थे ...
सुनू : कुमार तो
कुंवारे की मस्ती में कह रहें कि उस मुस्लिम महिला ने मुझे भैया
कह कर चिट्ठी लिखी है
देखू : हाँ एक कहावत है “दिन में भैय्या ..,रात में
सैय्या ..” लेकिन श्रीमती विश्वास ने तो उस मुस्लिम महिला के वस्त्र हरण के दृश्य देखकर उसकी सांस फुल गयी..,
वह फुल TENSION..,में थी कि कही विश्वास से
वह महिला , कुमार को कुंवारा बाप बता कर.., कही उसकी संपती हड़प न
ले.., इस डर से, जब श्रीमती विश्वास ने शोर-गुल
मचा दिया था ... तो, वह अपने पत्नी से कहने लगा कि “यह तेरी सौतन नही, मेरी तारणहार
मैय्या है..,” अमेठी की खेवैया है
बोलू; अब “खाप
पार्टी” भी अपने पंचायती राज में कह रही
है कि यह विरोधियों का एक ताना – बाना , बुन कर हमारे तानाशाही के “शाही राज को उखाड़ने के लिए जनता को उकसाने का
खेल है...
सुनू: वह
महिला भी कह रही है , “आप” के अति-विश्वास
की वजह से इस “कलंकी श्राप” से मेरे पति
ने मुझे तलाक देकर.मेरे दो मासूम बच्चों के साथ मेरा सामाजिक जीवन हलाक़ कर दिया है
देखू: अब
इस हाई प्रोफ़ाईल केस से महिला आयोग के “चेहरे में रौनक” आ गई है..., खाप पार्टी के
तरफ से १० लाख के अनुदान/मुआवजे को ठुकरा
कर, अब वह, खाप पार्टी के सदस्य का बलिदान चाहती है..
बोलू: यह
राजनीती है..., महिला को २५-५० लाख रूपये के बयाना से उसका बयान बदला जा सकता
है..., इस TRP के रेस में यह मामला और अधिक रकम देकर पिछले दरवाजे से भी रफा दफा होकर .., महिला आयोग के साथ विपक्षी दल भी हाथ
मलते रह सकते है...,सकते में आ सकते है कि “धन –बल से इन्साफ के तराजू , को इतना भारी बनाओं कि न्याय की देवी इस
तराजू को उठाने से पहिले ही, गिर कर चोटिल होकर इंसाफ देने की स्तीथी में न
रहे...,” और अगली तिथी देने की अवस्था में भी न रहें ...,
ऊँचे लोगों के लिए ..., आज, देश के ६९ सालों के न्याय के खेल की
यही कहानी है...
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