१ . चेतो मोदी सरकार.., अब भी हर देशवासी को आपसे अच्छे दिन के साथ .., देश को ऊंचाई पर पहुंचाने की..., उम्मीद से मोदी के मुरीद हैं..., आपसे देश की राष्टवाद की मुर्दानगी को जगाने की उम्मीद है .., लेकिन “देशी मुद्रा” अब डॉलर (DOLLER) को डोनेट (DONATE) हो रही है ...,
२. दुनिया में देश को गर्वीत कर , दुश्मनों में अब खौफ है.., लेकिन देश के माफियाओं के खौफ से जनता हांफ कर, अपना जीवन, आपके शासन में महंगाई से HALF हो गयी है ..
३. विदेशों के काले धन के बादल को तो.., देश में आने में वर्षों लग जायेंगें .., लकिन देश के माफियाओं के काले बादलों वाले के धन की मुसलाधार बरसात के कराकर , अब डॉलर भी डूब जाएगा और सत्ता परिवर्तन (१९४७) के पहिले के स्तिथी में हमारा रूपया गर्व से डॉलर की खबर लेकर अपनी ताकत डॉलर से दुगनी बनाएगा
४. देश को. विदेशी कर्ज नहीं.., देश को काले माफियाओं के मर्ज की जरूरत है...
५. दाल व चावल के माफियाओं के डोरे से, महंगाई के डोलने से, जनता के चाव का बल कम होते जा रहा है
२. दुनिया में देश को गर्वीत कर , दुश्मनों में अब खौफ है.., लेकिन देश के माफियाओं के खौफ से जनता हांफ कर, अपना जीवन, आपके शासन में महंगाई से HALF हो गयी है ..
३. विदेशों के काले धन के बादल को तो.., देश में आने में वर्षों लग जायेंगें .., लकिन देश के माफियाओं के काले बादलों वाले के धन की मुसलाधार बरसात के कराकर , अब डॉलर भी डूब जाएगा और सत्ता परिवर्तन (१९४७) के पहिले के स्तिथी में हमारा रूपया गर्व से डॉलर की खबर लेकर अपनी ताकत डॉलर से दुगनी बनाएगा
४. देश को. विदेशी कर्ज नहीं.., देश को काले माफियाओं के मर्ज की जरूरत है...
५. दाल व चावल के माफियाओं के डोरे से, महंगाई के डोलने से, जनता के चाव का बल कम होते जा रहा है
४. देश को. विदेशी कर्ज नहीं.., देश को काले माफियाओं के मर्ज की जरूरत है...
५. दाल व चावल के माफियाओं के डोरे से, महंगाई के डोलने से, जनता के चाव का बल कम होते जा रहा है
६. देश.., अफीमी नशा (नशा-शान) से नहीं, बल्कि “देशवासियों के मुठ्ठी बल” की शान से शायनिंग होकर एक लंम्बी इनिंग का.., लम्बे रेस का घोड़ा बनेगा.., गरीब को उसकी प्रतिभा व मेहनत का सम्मान नहीं मिल रहा है.., मेरा संविधान महान व मेरा भारत महान की आड़ में आज देश का माफिया माफिया महान हो गया है...,
७. आपके मंत्री तो ताल ठोककर कह रहें है कि आपके कार्यकाल में एक भी घोटाले नहीं है.., अब जनता भी असमंजस में है कि कांग्रेस का देश के लिए चुना प्रिय मंत्री “चुन्ना मंद मन मुन्ना , भ्रष्टाचार के महक के मोहन “ ने माफियाओं को देश को लूट में खुली छूट देने से, रूपया जो ४४ रूपये से 70 रूपये को छूने के बाद ..,और प्रधानमंत्री की 80 साल की उम्र के लिए बेताब था ..,
८. चेतो मोदीजी अब डॉलर “६५ रूपया” तक पहुँच कर.., “आपकी उम्र पकड़कर ..”, अब डॉलर देशवासियों की कॉलर खीच रहा है ..
९. जनता भी कांग्रेस के “भारत निर्माण” के आड़ में “भ्रष्टाचार से माफियाओं के निर्माण” के इस खौफ से अपने “बुरे दिन “ मानकर .., एक अच्छे दिन के “अच्छे नारे” के आंस से अपने लम्बे सांस से अपना जीवन स्वस्थ बनाए रखने का ख्वाब देख रही है.., अब जनता लम्बी स्वास श्वास तो ले रही है .., लेकिन उसमें प्राणवायु नहीं है.., वह प्राणायाम भी करता है..., लेकिन देश में नकली माल, देश के भेड़ियों, देशप्रेमी की नकली चाल से जनता इनके शिकंजे में फंसी है..., देश का किसान “फांसी” लगाने को मजबूर है.
१०. देश को कोयला माफियाओं द्वारा २ लाख करोड़ की आय होने केबावजूद.., क्या.. अब भी..., जनता का जीवन कच्चा कर..., कच्छे पहनने के दिन आने वाले हैं ...
११ . चेतो मोदी सरकार.., काले माफियाओं के (स्वादिष्ट भारत ) की, जेब साफ़ किये बिना “स्वच्छ भारत – स्वस्थ भारत” एक कोरी कल्पना व देशवासियों के साथ धोखा है.., और यह नारा एक खोखला खोखा है..
१२ . अपने एक वर्षयी सत्ता की उपलब्धी के प्रचार में करोड़ों के प्रचार में १ हजार सभाओं के आयोजन की बजाय.., इन्ही पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं को जनता की समस्या सुनने की कवायद का अभ्यास करा कर उनके निदान का हल ढूँढा जाए तो देश का हल चलाने वाला किसान व आम जवान वाशी के जीवन में बहार से देशवासी सदाबहार रहेगा
१३ . इसी वजह से हमारे दुलारे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्रीजी “जवानों के देशी हाथों व किसानों के बल” से देश को यद्ध जीताकर देश में राष्ट्रवादी क्रांती से “हरित व श्वेत क्रांती “ से देश को खुश हाल बनाया ..,
१४ . याद रहे महान राष्ट्रवादी नोबल पुरूस्कार व भारत रत्न से सुशोभित वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकट रमण ने कहा था “विदेशी चीजें खरीदना अर्थात अपनी मुर्खता खरीदना “ खरीदना है तो तकनीकी खरीदों व अपने वैज्ञानिक बल से उसे और उन्नत बनाओं..., आज उनके इस गुर को सीखकर हमारे से पिछड़ा चीन जैसा देश हमारे से पांच से अधिक गुना तरक्की कर हमें ही धौंस दे रहा है..,
१५ . देश को विदेशी विचार नहीं ...,लोहिया..दीनदयाल उपाधाय्य..जयप्रकाश नारायण व वीर सावरकर का इतिहास का अनुसरण से खुशहाल भारत के अनुसरण से देश को धन के लिए विदेशों से पैसे की गुहार की शरण नहीं लेनी पड़ेगी...
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