Friday 13 June 2014



१८५० का दशक, जेम्स वाट द्वारा भाप की शक्ति पहचानकर इंग्लैंड में औधोगिक क्रांती का उद्भव हुआ , २१वी सदी, भारत… भ्रष्टाचार से, भांप की क्रान्ति में, विश्व में नंबर एक पर है … सत्ताखोर, योजनाओं को भांप कर एक एक नई क्रांति कर रहे है , नोबल पुरूस्कार तो कुछ नहीं … वे तो बाहुबल पुरूस्कार से अलंकृत है दोस्तों…. यह काँमन वेल्थ नही , हाई हेल्थ का “आधार” बना घोटाला है , इसे विदेशी कंपनियों को ठेका देकर देशकी सुरक्षा में सेंध लगाने का सुनहरा अवसर भी दे दिया है...!!!
जागों दोस्तों, आप इसी तरह देख कर आँख बंद रखेंगे तो वह दिन दूर नहीं , जब देश के मूल नागरिक को घुसपैठीयों का दर्जा मिले ,
टी.एन. शेषन ने ९० के दशक में फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता/वोटर कार्ड की शुरूवाटी लाकर , मतदान में पारदर्शीता लाने की शुरूवात की थी , सभी पार्टीयों ने इसका विरोध किया था, बाद में टी.एन. शेषन पर लगाम लगाने के लिए , सब पार्टीयों की सहमति से दो गुर्गे नियुक्त किये, ताकि ऊन गुर्गो की भी सहमति बने, उसके बावजूद वे डटे रहे , सेवानृवित होने पर उन्होंने कहा था सत्ताधारियो पर लगाम लगाना कितना कठिन है… यह मैंने जाना है,सभी पार्टीया फर्जी मतदान चाहती है
आज आधार कार्ड घोटाला , काँमन वेल्थ घोटाले से भी बड़ा है, करोडो जाली आधार कार्ड , बांग्लादेशी घुसपैठीयों को बांटे गए है, सरकार द्वारा आधार कार्ड की लागत , मूल कीमत से कही गुना ज्यादा कीमत में बनवाये गए है, बहुत सारे मामले प्रकाश में आये है की एक-एक व्यक्ति के पास एक से ज्यादा , व फर्जी आधार कार्ड का मकडजाल फैला हुआ है , बिना जांच के एजेंट द्वारा रकम वसूल कर बनायें गए है… जागों दोस्तों, आप इसी तरह देख कर आँख बंद रखेंगे तो वह दिन दूर नहीं , जब देश के मूल नागरिक को घुसपैठीयों का दर्जा मिले

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