यह राष्ट्रपति का भाषण नहीं...??, देश के गरीबो के लूटे राशन व विकास के नाम पर धन के निकासन का, सुसंभाषण है...?????। राष्ट्रपतिजी ने, बचपन मे, अपने अगले जन्म मे, राष्ट्रपति भवन का घोडा बनने की कामना की। आज उनही घोड़ो की शह से वे राष्ट्रपति बने। याद रहे वित्तमंत्री रहते हुए, विदेश व बैंको मे, छिपे काले धन के बारे मे जादू की छड़ी के नाम से, बार-बार कहते रहे, कि विदेशी देशो से हम अपनी संधि तोड़ नहीं सकते...?, 2 साल पहिले, माँरिसस से इस मुद्दे पर वार्ता चल रही थी, तब शेयर बाजार 700 अंक तक लुड़क गया था, तब वित्तमंत्री ने शेयर बाजार को आवाहन किया, चिंता की कोई बात नही है..., अरे, ये तो सिर्फ वार्ता है... इसको लागू होने मे एक साल से ज्यादा समय का वक़्त लगेगा तब शेयर बाजार भरपाई कर 200 अंक नीचे बंद हुआ।, अभी हाल ही मे, माँरिसस ने भारत सरकार से कहा है विदेशी धन का मुद्दा कूड़ेदान मे डाल दो...????, आप हमारे तीन टापू मुफ्त मे ले लों, क्या... यह देश की अस्मिता व लूट का सवाल नहीं है? ऐसे वित्तमंत्री को राष्ट्रपति पद देकर, महाभियोग की छूट से लाभ पहुचाना..., क्या… ??? देश के साथ खिलवाड़ नही है।
दोस्तों... क्या आप जानते है की शांत स्वभाव और साफसुथरे व्यक्तित्व के लिये जानी जाने वाली भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल चीनी मिल में ड्रग स्मगलिंग से लेकर कई बैंक घोटाले, जमिन घोटाले और हत्यारे भाई को सरंक्षण देने जैसे गंभीर गुनाहों में डूबी हुई है?, ऐसी माहिला देश की महामहीम, महिमा बनी। जानिये और शेयर कीजिये प्रतिभा का काला सच:
राजस्थान के, एक कांग्रेस मंत्री ने, राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल मे बयान दिया कि , इंदिरा गांधी के घर मे, झाड़ू पोछा करने वाली प्रतिभा पाटिल को तो इंदिरा गांधी ने कोई इनाम नहीं दिया...??, लेकिन सोनिया गांधी ने उन्हे राष्ट्रपति बनाकर, इनाम दिया, (देश का ईमान बेचकर), इस बयान से उस मंत्री की कुर्सी चले गयी
वही प्रतिभा पाटिल के अवकाश ग्रहण करने के बाद वह, सेना की जमीन मे घर बनाने के विवाद मे फँस गई। प्रतिभा पाटिल को उपहार मे मिले व अन्य समान को 21 ट्रकों मे भर कर पुना ले गई। और उपहार जो राष्ट्र की संपत्ती होती है…?? उन उपहारों के नाम के 9 ट्रक उन्हे बेशर्मी से भारत सरकार को उन्हे लौटने पढे।
इंदिरा गांधी के शासन काल मे राष्ट्रपति रहे, ज्ञानी जैल सिंह ने भिंडरावाला से कहा...??, आप आतंकवादियों की खालिस्तानी फोर्स बनाओ । इसके सबूत व टेप, हमारी गुप्तचर विभाग “रॉ” के पास आज भी मौजूद है। सिक्खो की दर्दनाक हत्या... जिसे सिख दंगों का नाम देकर, जो गुजरात दंगों मे मारे गए लोगो से , देश भर के सिक्खों की संख्या 10 गुना से भी ज्यादा है। बड़े दुख के साथ लिखना पढ़ रहा है एक बुज़दिल सिक्ख, राष्ट्रपति की आत्मा तो मर गई थी...????, आंखो से एक बूंद आँसू भी नहीं आए...?, और, राजीव गांधी की पैरवी करते हुए उन्हे प्रधानमंत्री घोषित कर दिया गया।
अब्दुल कलाम बेशक आज तक के बेहतरीन राष्ट्रपति साबित हुए है...?, लेकिन अफजल गुरु की कहानी से वे अपने ऊपर नंबर स्टम्प का दाग छोड़ गए।
फखरूद्दीन अली अहमद, जिनहोने, 60 के दशक मे, आसाम मे बांग्लादेशियों के घुसपैठ मे एक महा अभिनेता की, एक बड़ी भूमिका निभाई थी ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति पद्द से सुशोभित कर, आपातकाल की घोषणा की, यह है ... देश की महामहीमों की महिमा....??????????, याद रहे, अन्ना आंदोलन के दौरान, ॐ पूरी ने सरेआम कहा था, राजनीति मे अनपढ़ व कम पढे-लिखे लोग भी आईएएस आईपीएस को चरा सकते है। जब बाहुबल, प्रतिभाबल पर राज करे तो देश का क्या होगा...????
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