Wednesday 17 April 2024

हिटलर बोला “लोकतंत्र” के नाम से जनता को मुर्ग़ा बनाकर “लूटतंत्र” का यह है खेला, www.meradeshdoooba.com ———————- www.watankerakhwale.com (Under construction)

 



हिटलर बोला “लोकतंत्र” के नाम से जनता को मुर्ग़ा बनाकर “लूटतंत्र” का यह है खेला, 




पाँच साल तक इस मुर्ग़े के पंख नोचकर बदहवासी में रखो व चुनाव के समय दानों को फेंककर इस मौसमी सफ़र में वही मुर्ग़ा लालच से तुम्हारे साथ चलकर तुम्हें चुनाव जीता देगा व अगले पाँच सालों तक जनता को जाल में फँसाने का यह है आसान तरीक़ा 




इसका जीवित प्रदर्शन कर संसद में कर १० सालों तक  का राज समझाया लेकिन विश्व में राज करने की चासनीं के ख़्वाब ने जर्मनी को डूबा दिया. .



 महान समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने स्पष्ट कहा था 

“ लोकतंत्र में ज़िंदा क़ौमें ५ साल इंतजार नही करती”



चुनाव के प्रथम चरण में १०० करोड़ से अधिक व ४५ करोड़ रुपये के नशे के सामग्री बरामद होकर अब यह सात चरणों में कुल १००० करोड़ रुपये से अधिक के दाने से देश के मुर्ग़े अब भी इसे लोकतांत्रिक मूल्य कहकर ७७ सालों की तरह कुकड़ूकूँ से गुंजन करेंगे 


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Saturday 13 April 2024

१३ अप्रैल २०१९..!!!, जलियांवाला बाग़ की खूनी होली की १०० वीं वर्ष गाँठ.., २०२४ में में १०५ वीं वर्ष गाँठ से चुनावी जुमलों से हो रही सत्ता की बंदरबाँट

 


१३ अप्रैल २०१९..!!!, जलियांवाला बाग़ की खूनी होली की १०० वीं वर्ष गाँठ.., 


२०२४ में में १०५ वीं वर्ष गाँठ 


संविधान में राष्ट्रपिता की भ्रामक प्रचार से आज़ादी दिलाने के झाँसे से देश ७७ सालों से घोटालों से लुटेरों के गिरफ़्त में है 


एक गुमशुदी मुध्हा बनकर आज भी देश, इस बर्बर कांड को  ब्रिटेन से माफी मंगवानी की याचना कर रहा है.., ताकि देश का कलंक, देश में इतिहास के पन्ने में इसका काला इतिहास से देश की मासूम निहत्थी जनता बलिदान के शौर्य से उबर सके....


दोस्तों, देश छद्म मसीहा के नाम से अंग्रेजों के सेफ्टी वाल्व बनकर, अहिंसा का स्वांग रचकर आज बिना खड़ग, बिना ढाल के जलवे से देश के मोहल्लों के नाम व पुतलों से लेकर आज के नोट बंदी के बाद भी नए नोटों पर छा कर देश की शीतल छाया को हर लिया है...


देश गुलामी की लौ से आज भी तप रहा है...


१९१४ के प्रथम विश्व युद्ध में लाखों हिन्दुस्तानी सेना के जवानों को अंग्रेजों द्वरा आजादी के झांसों से बलिदान लेकर.., १९१९ में भी लाशों पर जश्न ही मनाया है.., जनरल डायर द्वारा बेखौफ्फ गोलीबारी से हजारों निहत्थे आन्दोलनकारियों के खून की होली खेलकर, ब्रिटेन इसे अपने इतिहास में शौर्य से मना रहा है..


सरदार भगतसिंग व अन्य साथियों  द्वारा देश की गुलामी का अंग्रेजों को  ध्यान दिलाने के लिए , असेंबली में सुरक्षित जगह में विस्फोट से मृत्यु दंड की सजा भुगतने पर देश के अहिंसा के बुद्धजीवीयों के मुंह में ताले जकड़े थे.




वही हाल द्वितीय विश्व युद्ध में लाखों हिन्दुस्तानी सेना के जवानों को अंग्रेजों द्वारा विश्व मैं बलि का बकरा बनाकर ..., १९४७ में सत्ता परिवर्तन द्वारा खंडित भारत देकर अलगाव वाद के बीज बोकर अंग्रेज भले ही इस देश से चले गए हैं .., जो आज, वट वृक्ष का जाल बनकर देश को निगलने की तैयारी हो रही है...


भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान-डायरी.

About

Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.


साभार 

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Sunday 24 March 2024

होलिका को बचाना है देशभक्ति का चोला पहने मक्कार प्रह्लाद से



होलिका  को बचाना है देशभक्ति का चोला पहने मक्कार प्रह्लाद से आह्लाद करने वाले नेताओं से




Holika has to be saved from the leaders who make fun of the deceitful Prahlad wearing the garb of patriotism.


Friday 8 March 2024

महिलाओं मर्दों से पकवाओं खाना व भरवाओं पानी - महिला दिवस


 जरूर पढ़ें .., “महिला दिवस” या महल में रहने वालों द्वारा “एक दिवस” से महिलाओं का गुणगान.., बखान.., या महिला को अबला कहने वाले इस दिन महिलाओं के नाम पर तबला से ढोल पीटने का खेल है ... 




(Repost Fb and website March 8, 2016) 


इस महिला दिवस के पूर्व सुप्रीम कोर्ट की महाराष्ट्र सरकार को फटकार.., हमारी शर्तों पर खोलो महाराष्ट्र में डांस बार.., नृत्य के नृत्य कर्म से पुरूषों को बहलाने की आड़ से देश को नारी व्यापार के नाम पर डांस बार के “आहार” नाम के यूनियन द्वारा नारी के देह को आहार के नाम से पिछले बार ७५ हजार महिलाऐं मुक्त होकर १५ वर्षों में स्वरोजगार से स्वलाभित होकर स्वलामबित हो गई , 


याद रहें बियर बार के धन्ना सेठों ने महिलाओं को हुस्न का मोहरा बनाकर, शराब व डांस बार की आड़ में  लाखों युवाओं के घर –बार को उजाड़ दिया था .., 


८ मार्च २०१५ की फेस बुक व वेब स्थल की पोस्ट महिला दिवस - देश की दो तस्वीरों से, हिला देश ,


१. पहली.., भांड मीडिया ने जेल में बलात्कारी को जज बनाकर उसके बयान को प्रस्तुती स्वरुप बनाकर, निर्भयता के TRP से मालामाल.., 





पहले तो हमारे देश को नागों की पूजा व दूध पिलाने वाला “पाषण युग का देश” बताकार.. हमें गयी गुज़री कौम से “नवाजते” रहे.., और हमारे सत्यजीत रे से अन्य फिल्म निर्माताओं ने इस आग में घी डालकर अपने व्यक्तीत्व को चमकाकर, इसे “जय हो” फिल्म से अंतराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त की.., ऑसकर फिल्म की रेस में दौड़ते रहे.


२. दूसरी..., देश को दीमक की तरह खोखला करने वाली हमारी क़ानून शाही द्वारा देश के बलात्कार व अन्य गिरफ्तार अपराधियों का जेल में सत्कार, नागालैंड के दीमापुर निवासियों ने कोबरा नाग बनकर..., लुंज पुंज क़ानून, जो जनता को ढेंगा दिखा रहें थे इन दीमकों को चट- कर देश में मीडिया-माफिया-मानवाधिकार..., जो इस “मावा” के खेल पर पर ६८ सालों से अपना अधिकार मानता था.., उसे जनता ने “देश का धिक्कार” बना कर, धुल चटाकर.., एक नारा दे दिया है..., फैसले में फासला मत बढ़ाओ , जनता पर जुल्म मत ढहाओ.., सावधान...!!!, अब जनता आ रही है.. न्याय की रस्सी लेकर... 

महिला दिवस.,.नारी..,तुम्हारे लिए क्या मिला, दिवस.., तुम तो अभी भी हो बेबस... 


मर्दानी ..., अब भरवाओं.., मर्दों से पानी...

राजनीती से समाज ने तुम्हारी पवित्रता को पतितता से, बेड रूम (BED ROOM-शयनयान) की वस्तु बनाकर, भष्टाचार की ऊंची उड़ान भरी है और देश का बेड-रूप बना दिया है....


३. नारी तुम सब पर भारी..., अब अपने मर्दों (सरपंच से नेता तक ) से कहों..., अब बेड रूम में तुम्हारे प्रपंच का खेल नहीं चलेगा..., भ्रष्टाचार के प्रपंच की पतितता से अब देश में नारी की कुरूपता का व्यव साय नहीं चलेगा 


आओं.., अपने मर्दों से कहों.., राजनीती की बातें BED-ROOM में नहीं, घर के DRAWING –रूम (बैठक कमरे) में हो..., ताकि, मैं देश की एक नई तस्वीर बना सकूं...

अब तक तो.., देश के मर्द सत्ता के मद में देश का मधु पी रहें थे .....


४. आओं..., मर्दों से कहो..., देश की महिलाओं को जगाकर कहो.., अब, हम तुम्हारी बैसाखी नहीं..., बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं..., अब हमारे संस्कारों की सम्मानता से.., हम देश के हर नागरिकों को समान प्यार से, उनके जीवन की प्रेरणा को और उज्जवलित करेंगें...


५. नारी..., तेरा प्यार दिल के आँसुओ से भरा रहता है, तुम्हारा दिल तो वात्सलय से 24 घंटे धडकता.. है... हर दु:ख पहुचाने वाले पति से बच्चे हर सख्श तक को आप माफ कर देती हो.. तकि आप की आँसू से वे अपने गलती का अहसास समझ कर प्रायश्चित (सुधर सके) कर सके, 


६. आप तो माँ की रूप में , सौ बार अपने आँसुओ से मौका देती है....माँ.., तेरे आँसु सागर से भी गहरे है. लेकिन तेरे सागर के आँसु तो लोगो को जीवन मे कैसे तैरना है,वह सिखाती है...आज तक तेरे आँसु के सागर कोई भी डूबा नही है...क्यो कि इसमे वात्सलय का नमक है...


आपके खून में ही तो देश का वात्सल्य , अभिमान व देश की हरियाली छिपी है..., तुम आरक्षण की वस्तु नहीं देश के संरक्षण की धारा हो...


७. हमारे समाज के पिस्सुओं ने देश की बच्चियों से नारी को पतितता से वेश्यावृती के धन से अब बलात्कार की हुंकार भर कह रहें हैं..., युवाओं का यह है अधिकार.., है... 

नारी.., समाज के पिस्सुओं ने देहव्यापार में धकेले ढकेले कर..., तुम्हारी पतितता में भी पवित्रता है.., 

नारी.., इंसानों में सर्वोत्तम तुम ही और केवल तुम ही हो...


वेश्या पतिता नहीं होती, पतन को रोकती है /

पतित जन की गन्दगी , अपने ह्रदय में सोखती है/

जो विषैलापन लिए हैं घूमते नरपशु जगत में ,

उसे वातावरण में वह फैलने से रोकती है 


यही तो गंगा रही कर , पापियों के पाप धोती ,

वह सहस्रों वर्ष से , बस बह रही है कलुष ढोती,

शास्त्र कहते हैं कि गंगा मोक्षप्रद है, पावनी है ,

किसलिए फिर और कैसे वेश्या ही पतित होती ?


मानता हूँ , वेश्या निज तन गमन का मूल्य लेती ,

किन्तु सोचो कौन सा व्यापार उनका ,कौन खेती ?

और यह भी , कौन सी उनकी भला मजबूरियां हैं ,

विवश यदि होती न, तो तन बेचती क्यों दंश लेती ?


मानता यह भी कि वेश्यावृत्ति , पापाचार है यह ,

किन्तु रोटी है ये उनकी , पेट हित व्यापार है यह ,

देह सुख लेते जो उनसे, वही उनको कोसते भी,

और फिर दुत्कार सामाजिक भी , अत्याचार है यह /

गौर से देखो , बनाते कौन उनको वेश्याएं ,

और वे हैं कौन, जो इस वृत्ति को खुद पोषते हैं ?

पतित तो वे हैं , जो रातों के अंधेरों में वहां जा -

देह सुख भी भोगते हैं , और फिर खुद कोसते हैं . 


.meradeshdoooba.com (a mirror of i भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान-डायरी.

Friday 23 February 2024

चेतो मोदी सरकार … देश की जनता को मुफ़्त राशन नही .., देश के माफ़ियाओं के उर्मूलन से ही महंगाई पर निर्यंत्रण द्वारा देश का उद्धार होगा


 



चेतो मोदी सरकार … देश की जनता को मुफ़्त राशन नही .., 


देश के माफ़ियाओं पर शिकंजों से 

महंगाई पर करो निर्यंत्रण ..!!, 



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याद रहे … , 


हिंदुत्व के हुंकार से व बीज़ेपी के सहयोग द्वारा  १९९५ से १९९९ की बाल ठाकरे  के शिवसेना की शपथ व कर्म पथ की यशस्वी गारंटी वाली महाराष्ट्र सरकार  के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मनोहर जोशी जो कोहिनूर से देश के नूर के निधन से आज  २३ फ़रवरी को जीवन का अंत हो गया ..  


नई पीढ़ी को एक संदेश मिल गया  किं राष्ट्रवाद के सुरक्षा कवच से ही देश की प्रगति उन्नत है ..,


जिन्होंने बाल ठाकरे के “मंत्र “ का यशस्वी साकार कर लोकतंत्र को आकार देकर सिद्ध किया कि माफियाओं का सत्ता पर अधिकार नही है 


व उद्घोष कर माफियाओं को चुनौती दी की 

“हमारे सत्ता ग्रहण के समय जो धान्य व अन्न की क़ीमतें है , वही क़ीमत सत्ता में रहते. अगले  ५ साल की गारंटी से “ बरकरार “ रहेगी “


तब कांग्रेसी से विपक्ष दल तक हो गया लाचार व मच गया उनमें हाहाकार , 


सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की किं शिवसेना ने “हिंदुत्व” के उद्घोष से “धार्मिक उन्मादता” द्वारा सत्ता हथियाई है व शिवसेना को सत्ता से बेदखल किया जाय..


विपक्षियों में जोश था ..  दोपहर १२ बजे सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला था , मुख्यमंत्री मनोहर जोशी अब भी अडिग थे व सरकार गिराने की विपक्षी चाल से कोर्ट के फ़ैसले से मीडिया भी कैमरो के मंच से TRP के होड़ की दौड़ में था 


अब , सूप्रेम सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने विपक्षियों का सूपड़ा साफ़ करते हुए  उद्घोष किया .. . 


व “वीर सावरकर “ के हिंदुत्व की परिभाषा को परिभाषित कर आदेश दिया “ हिंदुत्व धर्म के साथ देसवासियों के जीवन जीने की कला है व प्रकृति के प्रतिकृति से “जिओ और जीने दो “ का मंत्र है 


अब … क्या मजाल थी की माफिया करे हुंकार , जनता भी थी खुशहाल ..


महंगाई पर पूर्ण नियंत्रण से महाराष्ट्र की  जनता को “Double guarantees” से मिली थी राहत 


क्या … , २०२४ का चुनाव में अब मोदी सरकार भी जनता को इस तरह की “ double guarantee” देगी ..!!!, या मुफ़्त में राशन देकर अगले ५ साल तक देश में चैन से शासन् करेगी 


या जनता से कोई नाता न रखकर .., जनता भी कराहते हुए वही पुराना गाना गाएगी … , हम तो बहुत कमावत है लेकिन महंगाई डायन मारत है “



Saturday 17 February 2024

क्या.., मॉर्य अब राहुल गांधी की “न्याय यात्रा “ टोली में शामिल होकर अपनी बोली से कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ कर देंगे



 स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्वन्यभू से दलित के मसीहा कहकर भाजपा को आँखें दिखाने का स्वांग  भारी पड़ गया 




अखिलेश यादव ने दलित वर्ग के वोट हथियाने स्वामी प्रसाद को अपने कंधे पर बिठाकर “साइकिल”का हैंडल उनकी जूती से चलाने के खेल में पार्टी को ले डूबी


 

अब “रामचरितमानस” जलाकर हिंदू समाज को स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा निष्कृष्ठ बताकर समाजवादी पार्टी को भस्म करने से, पार्टी से निकाले गये 



क्या.., अब वे राहुल गांधी की “न्याय यात्रा “ टोली में शामिल होकर  अपनी बोली से कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ कर देंगे