Monday 11 September 2017

बापू :नए नोट में मेरे चित्र आने से मेरी घुटन और बढ़ती ही जा रही है..., कोई मोदी सरकार को कहे व समझाए की नोटों में मेरे चित्र की जगह में अशोक स्तम्भ के चित्र से देश में एक राष्ट्रवादी भावना से देश सूजलाम सुफलाम से देश में हरित से श्वेत कराती क्रांती से देश की भुखमरी का निदान हो


चेतो मोदी सरकार .., संवाद.., देशद्रोही (Twitter Account : Deshdrohi urf pagal @meradeshdoooba.com) M.B.B.S. (महान भारत भ्रष्टतम सेवा)

रघुराम राजन: बापू, तुम जियो हजारों साल, देश के लिए रोते रहो सुबह शाम , रघुपति राघव राजाराम ...

बापू: बेटा नौकरी छोड़ने के एक साल बाद तू हिन्दुस्तान लौटा है .., मैं तो आज भी व्यथित अवस्था में हूँ , सिर्फ नए नोटों में मेरा रंग बदला है.., नोटों की साइज़ छोटी कर, मेरा कद छोटा कर...!!!, मोदीजी के साथ वित्त मंत्री कह रहें हैं ...,अब भ्रष्टाचार छोटा होकर कम हो रहा है..

रघुराम राजन: बापू,यह तो जनता को ही भान हैं , माफिया अब भी बेलगाम हैं..

बापू: अच्छे दिनआ रहे हैं के इन्तजार में साढ़े तीन साल गुजर गएँ है..., अब जनता की साढ़े साती ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है. अब मेरी ऊपरी नग्नता के आवरण की १५०वीं जयन्ती के रूप में २०१९ में एक महान जलसे से जनता को भरमाने की योजनाएं हैं.

रघुराम राजन: रिजर्व बैंक गवर्नर का पद छोड़ने से पहले मैंने सार्वजनिक तौर पर अपने आखिरी संबोधन में एक ऐसे मजबूत और स्वतंत्र रिजर्व बैंक की वकालत की जो कि वृहदआर्थिक स्थिरता की खातिर सरकार के शीर्ष स्तर पर बैठे लोगों को '' कह सके.
"केंद्रीय बैंक को स्वतंत्र होना चाहिए और उसे आकषर्क दिखने वाले प्रस्तावों को '' कहने में सक्षम होना चाहिए." मैंने रिजर्व बैंक गर्वनर के रूप में अपने कार्यकाल के बारे में भुगतान और बैंकिंग प्रणाली के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किये गये. मौद्रिक नीति संचालन, नकदी प्रबंधन, वित्तीय बाजारों, परेशानियों के निदान और खुद रिजर्व बैंक में बदलाव लाने के क्षेत्र में कई काम किए गए.

मैंने रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर यह उनका अंतिम सार्वजनिक भाषण में कहा, "केवल समय ही बताएगा कि ये सुधार कितने सफल रहे लेकिन मैंने बिना किसी डर और पक्षपात के अपनी तरफ से हर संभव बेहतर काम करने की कोशिश की है."

बापू: लेकिन बेटा तू RBI का महत्वपूर्ण पद छोड़ कर क्यों चला गया...

रघुराम राजन: बापू... आपने देखा था ..., तब के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बैंकों के बहीखातों की साफ-सफाई और उनके 100 अरब डॉलर से अधिक के फंसे कर्ज की स्थिति में सुधार लाने के मेरे द्वारा उठाए गए तमाम कदमों की सराहना की थी .
निजी क्षेत्र के करूर वैश्य बैंक के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति ने कहा, 'आपने अक्सर बैंकिंग प्रणाली की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के बारे में सुना होगा, यह चिंता का विषय है. रिजर्व बैंक के गवर्नर पद से हाल ही में रिटायर हुए रघुराम राजन ने इस व्यवस्था को सही दिशा में ले जाने के लिए कई उपयुक्त कदम उठाए.'

उन्होंने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) उनके सकल ऋण के मुकाबले मार्च 2015 में 10.90 प्रतिशत थीं जो कि मार्च 2016 में बढ़कर 11.40 प्रतिशत हो गईं. एनपीए के लिए कुल प्रावधान 73,887 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,70,630 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

इसी तरह बैंकों का शुद्ध लाभ मार्च 2015 में जहां 79,465 करोड़ रुपये पर था, वह घटकर मार्च 2016 में 32,285 करोड़ रुपये पर आ गया. उन्होंने कहा कि एनपीए का बढ़ना 'अच्छी स्थिति' नहीं है. यह राशि जो कि कर्ज में फंसी है उसे भी वाणिज्यिक तौर पर वितरण के लिए उपलब्ध होना चाहिए. रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद राजन 4 सितंबर, 2016 को रिटायर हो गए.
बापू: लेकिन मोदी के नोट बंदी से माफियाओं के नसबंदी के सवाल पर ..., क्या ..., हे राजन आप सहमत थे...!!!!,


रघुराम राजन: बापू मैं इसके घोर विरोध में था , क्योकि कालाधन जमा करने के लिए लोग निकाल लेंगे जुगाड़, और यही हुआ .., मैं चाहता था कि उद्योगपतियों का डूबा कर्ज (N.P.A.) उनका नाड़ा खोलकर ही वसूल किया जा सकता है अप्रत्याशित नोट बंदी से अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव देखने को मिल सकता है. और नाटकीय रूप से अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिल सकती है. मैंने सरकार को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि मैं दूसरा कार्यकाल चाहता था लेकिन सरकार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. बल्कि केंद्र के मंत्रियों ने मुझ पर देश के प्रति गद्धारी का आरोप मढ़ कर उर्जित पटेल के प्रति वफादारी से मुकेश अम्बानी समूह के पूर्व अधिकारी की पैरवी कर..., इस ओहादे पर बिठा दिया.., व उद्योगपतियों के चेहरों में मुस्कान ला दी.

बापू : लेकिन उर्जित पटेल तो देश का  पहला  गवर्नर है जो में मुकेश अम्बानी के  ग्रुप  के छेत्र समूह में कार्य कर चुका था.., मोदी की नोट बंदी की जिद की सूचना मुकेश व पार्टी के  अन्य लोगों को पूर्व में मिल चुकने से इन्हें काले धन को ठिकाने लगाने का अवसर मिल गया ..

रघुराम राजन: मैं तो इस माफिया तंत्र को तोड़ने के लिए मुझे कम से कम २ साल का समय चाहता था .., लकिन मुझे जलील किया और  “देश द्रोही “ की उपमा से, मुझे हटाने के लिए  एक मजबूत लॉबी का समूह था


बापू :नए नोट में मेरे चित्र आने से मेरी घुटन और बढ़ती ही जा रही है..., कोई मोदी सरकार को कहे व समझाए की नोटों में मेरे चित्र की जगह में अशोक स्तम्भ के चित्र से देश में एक राष्ट्रवादी भावना से देश सूजलाम सुफलाम   से देश में हरित से श्वेत कराती क्रांती से देश की भुखमरी का निदान हो 

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