Thursday 17 November 2016

जो देश के धन्ना सेठ समझते थे.., WEALTH IS HEALTH अब काले धंधे वालों का धन भी गया और चरित्र भी .., यदि सरकार द्वारा काले धन को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) घोषित कर जेल की वादियों में डाला जाय तो धन्ना सेठ की HEALTH भी जिन्दगी भर बैल बनकर हल जुताने से दिमाग ठिकाने लग जायेगा ..., समाज से बेशर्मों का पत्ता साफ़ हो जाएगा


जो देश के धन्ना सेठ समझते थे.., WEALTH IS HEALTH

अब काले धंधे वालों का धन भी गया और चरित्र भी .., यदि सरकार द्वारा काले धन को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) घोषित कर जेल की वादियों में डाला जाय तो धन्ना सेठ की HEALTH भी जिन्दगी भर बैल बनकर हल जुताने से दिमाग ठिकाने लग जायेगा ..., समाज से बेशर्मों का पत्ता साफ़ हो जाएगा
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http://meradeshdoooba.com/ CORRUPTION- क़र अप सन (अपने बेटे को उपर उठाओ) और उसके लिए बाप को (कर अप शरम) बेशर्म बनो
 
CORRUPTION के वजह से बेटा पेंशन नही, बल्कि PAIN SON है

जीवन मे बेटा संस्कार – SONS CAR होता है, माँ, बाप प्रफुल्लित (खुश) होते है, बेटा चिराग बन कर पैदा हुआ है, परिवार का नाम रोशन करेगा. और हमारी बूढी अवस्था मे हमारे जीवन का पॆंशन बनेगा,

माँ, बाप, SONS CAR मे चाकलेट व पीजा ( बच्चो कि शराब जो की संस्कार को एक शराब का नशा पिलाना है) व FAST FOOD का पेट्रोल डाल कर बच्चे को तेज दौडाकर खुश होते है ,
यदि आप नई कार खरीदते है , तो उत्पादक / निर्माता द्वारा चेतावनी लिखी होती है कि प्रथम 25000 कि.मी. तक 60 कि.मी. के ऊपर गाडी न चलाये. अन्यथा इंजन खराब हो जायेगा.

माँ, बाप SONS CAR मे चाकलेट व पीजा का पेट्रोल डाल कर बच्चे के नवजीवन की जिद को 100 कि.मी. से तेज दौडाकर खुश होते है, वह अपने को बच्चे को राणा सांगा की औलाद समझने लगते है, व परिणाम स्वरूप 8-10 साल मे बेटे के जीवन का इंजन खराब हो जाता है,

8-10 साल के बाद चाकलेट व पीजा का पेट्रोल डाल कर भी SONS CAR 20 कि.मी की रफ्तार भी पकड नही पाता है, और 15-16 साल मे माँ, बाप SONS CAR को धक्का लगा कर दौडाते है, उसमे असली पेट्रोल डालने पर भी SONS CAR दौड नही पाती है ,

क्योकि उसका इंजन (चरित्र) खराब हो जाता है . धक्का मारते मारते माँ, बाप अपने जीवन के पूँजी उसमे गँवा देते है,
अंत मे बेटा जिसे वे पेशन समझते है वह जीवन के अभिशाप के रूप मे PAIN – SON बनकर माँ, बाप को बुढापे मे कुडे के डब्बे मे फेंक देते है

वही आज हमारा समाज लडकी पैदा होने पर मातम मनाता है, लडकी पैदा होने कि खबर से भ्रूण हत्या करवाता है

आज के समाज मे लडकी (DAUGHTER) सर्वश्रेष्ठ है, वह बुढापे का अकाल दूर करती है , वह DROUGHT-HER है , अकाल हरने वाली है, क्यो कि उसे मातृत्व, ममता व वात्सल्य का आभास व अनुभव है, वह माँ बाप को अपने जीवन का अंग समझती है.

वही देश के गरीब हिन्दुस्तानी जो गरीबी रेखा के आस पास जीवन यापन कर रहे है, वे तनाव जिसे अंग्रेजी मे TENSION कहते है व एक-एक ईमानदार गरीब कुँवारा युवक जो बिना आरक्षण के बैशाखी से उपर उठने की कोशिश करता है, उसे उसके जीवन मे TENSION शब्द TEN- SONS...बन गया है , जैसे उसे 10 बच्चे का परिवार पालना है, वह जीवन मे संघर्ष करते रहता है और उसकी प्रतिभा खो जाती है, वह देश की गुमनामी मे खो जाता है .

यदि भ्रष्टाचारी का बेटा, येन केन सफल भी हो जाता है , तो वह बाप के पदचिन्हों को हाथी का पाँव बनाकर हाथी की तरह , देश के गरीबों को उजाडकर धन डकारने मे व्यस्त रहता है..??? इसकी आधुनिक मिसाल है आज की राजनीति का वंशवाद ...???? जिससे देश मे लूट हो रही है विस्तार से पढे ..... 

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